*रोडवेज बसों की कमी, निजी में डेढ़ गुना किराया देकर यात्रा के लिए मजबूर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में भले ही परिवहन निगम ने सवारी न होने हवाला देती हो, लेकिन जिले से होकर निकलने वाली निजी बसों में भर-भर के सवारी जाती हैं। रोडवेज निगम की उदासीनता से जिले की सड़कों पर रोडवेज बसों का टोटा है। रोडवेज बसों का संचालन न होने से लोगों को मजबूरी में निजी बसों का सहारा लेना है। जहां उन्हें डेढ़ गुना अधिक किराया देना पड़ता है। जिले के प्रमुख वाराणसी-चौरी वाया जौनपुर, प्रयागराज रूट पर ही 55 निजी बसों का संचालन होता है। इस रूट पर वाराणसी से भदोही का किराया 60 रुपये तय किया गया है। वहीं सरकारी बस में वाराणसी से भदोही का किराया 40 रुपये ही। ऐसे में डेढ़ गुना अधिक रुपये देकर लोग यात्रा करने को विवश हैं। जिले में रोडवेज बस डिपो न होने से बसों का टोटा रहता है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे स्थित औराई रोडवेज बस स्टेशन को छोड़ दिया जाए तो भदोही और ज्ञानपुर रोडवेज स्टेशन वीरान ही रहती है। ज्ञानपुर रोडवेज बस स्टेशन पर जहां अराजकतत्वों का डेरा लगा रहता है। रोडवेज निगम चालक न मिलने और यात्री न होने का हवाला देती है, लेकिन इसके उलट जिले की सड़कों पर जमकर निजी बसें फर्राटा भर रही हैं। चौरी-वाराणसी रूट के अलावा दुर्गागंज, सुरियावां और मोढ़ जैसे रूटों पर भी निजी बसें दिख जाती हैं। अब प्रश्न यह है कि अगर सरकारी बसों को सवारी नहीं मिल रही हैं तो निजी बसें सवारियों से भर-भर कर कैसे चल रही हैं। निजी बसें जहां सवारी दिखती हैं। वहीं रूक जाती हैं, लेकिन इनका कुछ जगहों पर स्टॉपेज भी बना हुआ है। जिसमें ये चौरी बाज़ार, इंद्रा मिल चौराहा, कंधिया फाटक जैसे स्थानों पर कुछ देर रूक यात्रियों का इंतजार भी करती हैं।
ग्रामीण रूटों पर बसों के संचालन को लेकर प्रयास किया जा रहा है। इस समय कुछ बसें चल भी रही हैं। निजी बसें जगह-जगह रूककर सवारियां ले लेती हैं। वहीं रोडवेज का अपना स्टॉपेज होता है। कुछ बसें बढ़ाए जाने पर विचार चल रहा है। विजय श्रीवास्तव, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज परिवहन निगम।
Jul 03 2025, 15:24