200 मिलियन टन से अधिक सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर की नीलामी के लिए प्री-बिड सम्मेलन में शामिल हुए निवेशक

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में खनिज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट खनिज के नए ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसी क्रम में आज नवा रायपुर अटल नगर में निवेशकों के लिए प्री-बिड सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस प्री-बिड सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की समृद्ध खनिज संपदा को औद्योगिक निवेश के लिए उपलब्ध कराना, स्थानीय विकास को बढ़ावा देना तथा पारदर्शी ई-नीलामी प्रणाली के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करना है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमत्री के सचिव एवं खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि हमें नई औद्योगिक नीति के अनुरूप खनिज क्षेत्र के विकास के साथ ‘विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़’ के संकल्प को साकार करना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज नीति और नई उद्योग नीति से खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। राज्य में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए भरपूर संभावनाएं हैं।

खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जहां कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, लीथियम, कोबाल्ट तथा रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे 28 से अधिक प्रमुख खनिजों की भरपूर उपलब्धता है। छत्तीसगढ़ में अब तक 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी है और आने वाले समय में इस संख्या को और आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स के माध्यम से विभिन्न खनिज समूहों के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। इसके साथ ही सोनाखान भवन में एक ड्रिल कोर लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, ताकि अन्वेषण की गुणवत्ता और सटीकता को सुदृढ़ किया जा सके।

खनिज सचिव श्री दयानंद ने यह भी बताया कि डीजीएम द्वारा चयनित कुल 9 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिनमें 4 चूना पत्थर, 2 लौह अयस्क और 3 बॉक्साइट ब्लॉक शामिल हैं। इन ब्लॉकों में उपलब्ध संसाधनों का वाणिज्यिक दोहन निवेशकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। चूना पत्थर के 200 मिलियन टन से अधिक भंडार बलौदाबाजार, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में स्थित हैं, जिनमें औसतन 42 प्रतिशत से अधिक कैल्शियम ऑक्साइड की मात्रा आंकी गई है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे इन ब्लॉकों को एक आकर्षक औद्योगिक अवसर के रूप में देखें और छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीतियों का लाभ उठाएं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग, पारदर्शिता और समयबद्ध अनुमतियां सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

खनिज विभाग के संचालक रजत बंसल ने ई-नीलामी प्रणाली की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निविदा पोर्टल पर सभी खनिज ब्लॉकों से संबंधित विवरण उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित क्षेत्रों में रेलवे और सड़क जैसे मजबूत आधारभूत ढांचे के साथ स्थानीय श्रमशक्ति भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे उद्योगों की स्थापना सुगम और आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगी। प्रति वर्ष 3-4 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाले उद्योगों की स्थापना की संभावना के साथ इन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार सृजन होगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के उप महानिदेशक अमित धारवाड़कर, संयुक्त संचालक अनुराग दीवान, संजय कनकाने सहित विभिन्न निवेशक, औद्योगिक प्रतिनिधि, भूवैज्ञानिक एवं तकनीकी विशेषज्ञ तथा खनिज एवं उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने मुख्यमंत्री साय से की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।

केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अठावले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेंगी। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

महिलाओं के खाते में पहुंचे पैसे, महतारी वंदन योजना की 647 करोड़ रुपये की 17वीं किस्त हुई वितरित

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना के अंतर्गत आज एक तारीख को माह जुलाई 2025 की सत्रहवीं किश्त का भुगतान जारी कर दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की 69.23 लाख से अधिक महिलाओं को कुल 647.66 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी। अब तक लगातार 17 महीनों में 11081.68 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की महिलाओं को प्रदाय की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

योजना से होने वाले भुगतान एवं अन्य जानकारी से अवगत होने के लिए महतारी वंदन योजना के पोर्टल अथवा महतारी वंदन योजना का मोबाईल ऐप भी है जिसे हितग्राही प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपनी जानकारी देख सकते हैं। यदि कोई आवेदिका इस सहायता राशि का लाभ नहीं लेना चाहती है, अर्थात् लाभ त्याग करना चाहती है तो वे पोर्टल में लाभ त्याग के ऑप्शन में जाकर लाभ त्याग कर सकती है।

महतारी वंदन योजनांतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। जिन हितग्राहियों का खाता डीबीटी इनेबल नहीं है वे तत्काल बैंक जाकर आधार सीडिंग करवायें क्योंकि उनको भुगतान किये जाने पर राशि वापस हो जा रही है तथा इस हेतु उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है। यदि किसी हितग्राही को किसी प्रकार की शिकायत हो तो इस पोर्टल में शिकायत करें ऑप्शन में जाकर अपनी समस्या ऑनलाईन दर्ज कर सकती है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने हितग्राही महिलाओं से अपील की है कि वह अपना आधार कार्ड अपडेट कराएं, ताकि राशि के भुगतान में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। ज्ञात हो कि आधार कार्ड को हर 10 वर्षों में अपडेट करना अनिवार्य है। कई हितग्राहियों का भुगतान आधार इनएक्टिव होने के कारण निरस्त किया गया है। ऐसे हितग्राहियों को आधार केंद्र में जाकर पहचान एवं निवास प्रमाण-पत्र के साथ आधार अपडेट कराना आवश्यक है, ताकि आगामी किश्त का भुगतान सुनिश्चित हो सके।

स्कूल छोड़ सड़कों पर उतरा शिक्षकों का सैलाब, स्कूलों में पढ़ाई ठप, 23 प्रदेश संचालक अलग-अलग जिलों में गरजे, सरकार पर जमकर बरसे

रायपुर- प्रदेश के 1,80,000 शिक्षक आज एक बार फिर से स्कूलों की पढ़ाई छोड़ सड़कों पर उतरे। शिक्षकों ने राज्य सरकार को साफ-साफ और दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में राज्यभर के सभी स्कूलों में तालेबंदी कर वे सभी अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे और सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत एवं जाकेश साहू ने विभिन्न जिलों में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले प्रदेश के समस्त शिक्षकों से कई वादा किए थे जिसे मोदी की गारंटी का नाम दिया गया था। जिसमें सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने, क्रमोन्नत वेतनमान देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, प्रथम सेवा गणना करने, पदोन्नति करने सहित अनेको लिखित एवं मौखिक वादे किए गए थे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद सरकार ने एक भी वादे पूरी नहीं की है।

प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, भूपेंद्र बनाफर, शंकर लाल साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर एवं लैलूंन भरतद्वाज आदि ने विभिन्न ब्लाकों में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों से विवाद मोल ले रहे हैं। सरकार द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया जा रहा है। स्कूलों में शिक्षकों की संख्या दिन प्रतिदिन घटाई जा रही है। प्रदेश के आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता लाने की बाते कही जा रही है लेकिन जब शिक्षकों को ही स्कूलों से हटाएंगे और स्कूलों को बंद करेंगे तो कहां से शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।

प्रदेश संचालक प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे एवं अनिल कुमार टोप्पो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षिका सोना साहू को माननीय न्यायालय के आदेश पर एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति वेतनमान दिया गया है। लेकिन उक्त आदेश का पालन राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से अभी तक नहीं किया गया है। प्रदेश के शिक्षकों ने मांग की है कि सोना साहू के तर्ज पर राज्य के सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का एरियर्स राशि सहित लाभ दिया जाए। साथ ही प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ दी जाए। पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता को खत्म कर डीएड योग्यताधारीयो को भी पदोन्नत किया जाए। तथा 2008 के सेटअप को लागू करके युक्तिकरण किया जाए एवं वर्तमान में हुए युक्तिकरण को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

शिक्षक साझा मंच के समस्त 23 प्रदेश संचालकों ने विभिन्न जिलों एवं ब्लॉकों में राज्य सरकार को सीधे सीधे और दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि आज प्रदेश के पूरे सभी 146 विकासखंडों में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर स्कूलों को छोड़कर सड़कों पर उतरे हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यदि आने वाले दिनों में सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो प्रदेशभर के स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक सड़क पर उतरकर अपने मांगों के लिए संघर्ष करेंगे एवं बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित होने पर जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

भारत का नया ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2 के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब केवल कोर सेक्टर तक सीमित नहीं, बल्कि सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक उद्योगों का राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति रोजगार और आर्थिक समृद्धि पर केंद्रित है। हम अपने राज्य को नक्सल प्रभावित अतीत से बाहर निकालकर देश का सबसे गतिशील औद्योगिक और तकनीकी हब बना रहे हैं। यह प्रदेश अब निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एक दिन पूर्व ही आयोजित केबिनेट की बैठक में हमने छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। यह नीति छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति देश की कनेक्टिविटी का केंद्र बिंदु है। यह नीति लॉजिस्टिक सेक्टर और ई-कॉमर्स में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करेगी, निर्यात अधोसंरचना को मजबूत करेगी और सस्ती भंडारण सुविधाओं का विस्तार करेगी। लॉजिस्टिक नीति से राज्य में ड्राई पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा, उद्योग, व्यापार और किसानों को आधुनिक, सस्ती भंडारण और वितरण सुविधा प्राप्त होगी, लॉजिस्टिक लागत में कमी के माध्यम से व्यापार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय और नागरिक जीवन में अनावश्यक जटिलताएं दूर होंगी। कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने से व्यवसायियों को बेवजह न्यायालयीन प्रकरणों में फंसने से राहत मिलेगी और न्यायिक खर्च में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से व्यापार व जीवनयापन में सहजता सुनिश्चित की जाएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि निवेशकों, उद्योगपतियों और नागरिकों के लिए ऐसा परिवेश बने जिसमें न्यूनतम बाधाएं हों और विकास के हर क्षेत्र में अधिकतम संभावनाएं खुलें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक संरचनात्मक सुधार लागू किए गए हैं, जिनसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस में अभूतपूर्व सुधार हुआ। प्रदेश में निवेश का वातावरण इतना सशक्त हुआ कि सिर्फ छह महीनों में साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जो छत्तीसगढ़ के औद्योगिक इतिहास में रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में आयोजित इंवेस्टर्स समिट से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भारी उत्साह दिखाया। दिल्ली समिट में 15,184 करोड़ रूपए, मुंबई में 6,000 करोड़ रूपए और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में वृहद निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आकर्षित किया, जो भारत के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि पॉलीमैटेक कंपनी को सेमीकंडक्टर निवेश के लिए मात्र तीन महीनों में ज़मीन आवंटित कर एनओसी जारी की गई और अब कंपनी ने 1,143 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ कर दिया है, जहां प्रतिवर्ष 10 अरब चिप उत्पादन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य नवा रायपुर को सिलिकॉन वैली ऑफ छत्तीसगढ़’ के रूप में स्थापित करना है। निवेशकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 विकसित किया गया है। यह प्रणाली ऑनलाइन आवेदन, विभागीय अनुमोदन और सब्सिडी वितरण को एकीकृत करती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी व्यवस्था इतनी पारदर्शी और तेज़ है कि उद्योग स्थापना की सभी स्वीकृतियां एक क्लिक में प्रकनेक्टिविटी और अधोसंरचना में क्रांतिकारी पहल

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि रावघाट से जगदलपुर तक 3,500 करोड़ रूपए की रेललाइन की मंजूरी मिल चुकी है। कोठागुडेम से किरंदुल तक रेललाइन पर सर्वे शुरू हो गया है और खरसिया-परमालकसा रेललाइन औद्योगिक केंद्रों को जोड़ेगी। जलमार्ग संबलपुर से नवा रायपुर तक आरंभ होगा। एयर कार्गाे सेवाएं भी सक्रिय हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एआई डाटा सेंटर पार्क देश का पहला पार्क है। फार्मा सेक्टर में फार्मा हब और मेडिसिटी का निर्माण हो रहा है। टेक्सटाइल और फार्मा में विशेष अनुदान उपलब्ध हैबस्तर और सरगुजा : विकास की नई गाथा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी नक्सलवाद से प्रभावित बस्तर अब ‘विकसित बस्तर’ के सपने को साकार कर रहा है। 90,000 युवाओं को कौशल विकास और 40,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। वहां विशेष निवेश प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। बस्तर में अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए बस्तर दशहरा का पंजीकरण कराया जा रहा है। तीरथगढ़ ग्लास ब्रिज और बस्तर टूरिज्म सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। आदिवासी उद्यमियों के लिए रॉयल्टी रिइंबर्समेंट और सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।युवाओं को अवसर, निवेशकों को विश्वास

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में अगले पांच वर्षों में 5 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने का रोडमैप है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल, फार्मा, एआई, डिफेंस, ऊर्जा और मेडिकल टूरिज्म - इन सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ अगले दशक की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं सभी उद्यमियों से आग्रह करता हूं कि छत्तीसगढ़ में निवेश करें। यहां हर सुविधा और भरोसे के साथ विकास में सहभागी बनें। हम मिलकर विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के प्रति सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में चल रहे व्यापक विकास और सुरक्षा अभियानों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सल समस्या का संपूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करना है, ताकि सभी प्रभावित क्षेत्रों में शांति, स्थिरता और विकास की नई शुरुआत हो सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का शुभारंभ किया। इससे अनुमतियों में लगने वाला समय घटकर रिकॉर्ड समय में आएगा। यह इज ऑफ डूइंग बिजनेस में छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उद्योगों के लिए सरल, पारदर्शी और तेज प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से निवेशकों को आवश्यक स्वीकृतियाँ अब न्यूनतम समय में प्राप्त होंगी, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल और मजबूत होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि नई औद्योगिक नीतियों और सहज अनुमतियों की व्यवस्था से छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में अपनी अलग पहचान बनाएगा। उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने उपस्थित उद्यमियों से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ में निवेश कर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएं। नवीन औद्योगिक क्षेत्रों और पार्कों में भू खंड ऑनलाइन आबंटन हेतु उपलब्ध कराए गए हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 11 प्रमुख कंपनियों से प्राप्त 1 लाख 23 हजार 73 करोड़ के निवेश प्रस्ताव के लिए उन्हें इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र सौंपा, जिससे 20 हजार 627 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। जिन निवेशकों को इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र सौंपा गया उनमें मेसर्स सारडा हाइड्रोपावर रायपुर, मेसर्स आर्टिफिशियल इलेक्ट्रॉनिक्स इंटेलिजेंस मटेरियल्स लिमिटेड चेंगापट्टू तमिलनाडू, मेसर्स केजेएसएल कोल एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड कोरबा, मेसर्स जुपिटर इंटरनेशनल लिमिटेड कोलकाता, मेसर्स ईएसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नासिक महाराष्ट्र, मेसर्स करमवीर इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड मेरठ उत्तरप्रदेश, मेसर्स एसजी ग्रीन बिल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, मेसर्स जिंदल स्टील छत्तीसगढ़ लिमिटेड रायगढ़, मेसर्स जिंदल पावर लिमिटेड (थर्मल पावर), मेसर्स जिंदल पावर लिमिटेड (सोलर पावर) और मेसर्स वीटेक प्लास्टिक प्राईवेट लिमिटेड शामिल हैं।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, सीएसआईडीसी के चेयरमैन राजीव अग्रवाल, सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार, सीजी स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार मंडल तथा लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघानिया सहित अनेक उद्योग प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ं।

ाप्त हो सकेंगी।

DJ पर उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासन ने माना, कार्रवाई के लिए नहीं हैं कड़े प्रावधान, अधिनियम में है संशोधन की जरूरत…

बिलासपुर- हाई कोर्ट में डीजे और साउंड बॉक्स के शोर से लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य शासन ने माना कि इस पर कड़ी कार्रवाई के लिए राज्य के कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में संशोधन की जरूरत है, जिसके लिए विधानसभा में प्रक्रिया की जाएगी. कोर्ट ने प्रक्रिया करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 18 अगस्त तय की है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कोलाहल अधिनियम में इतने कड़े प्रावधान है ही नहीं. एक या दो बार 500-1000 रुपए पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया जाता है. ना सामान की जब्ती होती है, और ना ही कोई कड़े नियम बनाए गए है. कोर्ट ने मामले में सरकार को कार्रवाई के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने कहा है.

बता दें कि मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाली परेशानियों पर चिंता जताई थी. कोर्ट ने कहा कि डीजे से हार्ट को और लेजर लाइट से लोगों की आंखों को खतरा है. इसे रोकने के लिए राज्य सरकार को प्रयास करने चाहिए. सरकार की ओर से कहा गया कि डीजे और अन्य वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है. उल्लंघन पर जुर्माना लग रहा है. बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का छत्तीसगढ़ दौरा, जातिगत जनगणना, धर्मांतरण और भाषा पर कही ये बात…

रायपुर-  केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संत कबीर सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना, धर्मांतरण, हिंदी-मराठी भाषा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आगामी दौरे पर महत्वपूर्ण बयान दिए.

जातिगत जनगणना पर ऐतिहासिक निर्णयआठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “लंबे समय से इसकी मांग उठ रही थी, लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया?” उन्होंने आगे कहा कि जनरल कमीशन इस दिशा में काम करेगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कितना विकास हुआ, कितना कल्याण हुआ और समाज को कितना लाभ मिला.हिंदी और मराठी भाषा पर जोर महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर बोलते हुए आठवले ने कहा, “हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका सम्मान होना चाहिए. कुछ लोगों ने मराठी भाषा में पढ़ाई की मांग की थी, जिस पर महाराष्ट्र सरकार ने अच्छा फैसला लिया है.” उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हिंदी को लागू करना चाहिए, लेकिन कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर हमला

पश्चिम बंगाल में भाजपा की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के दौरे के संदर्भ में आठवले ने कहा, “वहां अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आगामी चुनाव में ममता बनर्जी की छुट्टी हो जाएगी और भाजपा की सरकार बन सकती है.” उन्होंने ममता सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए बदलाव की भविष्यवाणी की.धर्मांतरण पर सख्त रुख छत्तीसगढ़ में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों पर आठवले ने कहा, “प्रलोभन या दबाव में धर्मांतरण सही नहीं है. अगर कोई अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो यह उसका अधिकार है, लेकिन दबाव या प्रलोभन के मामलों की पूरी जांच होनी चाहिए और इसे रोका जाना चाहिए.

“मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे पर स्वागत के साथ तंज

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 7 जुलाई को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे पर आठवले ने कहा, “लोकतंत्र में सभी को सभा करने का अधिकार है. खड़गे हमारे समाज से हैं और उनका स्वागत है. लेकिन वे यहाँ आएंगे तो संविधान बदलने और मोदी के खिलाफ ही बोलेंगे. कांग्रेस को टिप्पणी करनी है, तो करती रहे.

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, प्राचार्य पदोन्नति को हाई कोर्ट से मिली हरी झंडी,सभी याचिकाएं खारिज – जारी सूची से स्टे हटा

रायपुर- प्राचार्य पदोन्नति केस की छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय डबल बैंच में जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस अमितेंद्र कुमार प्रसाद की बेंच में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रखा गया था।

माननीय हाई कोर्ट में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई हुआ, जिसमे याचिकाकर्ताओं ने अपने अपने विषय मे तथ्यों के साथ पक्ष रखा था, वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता के साथ साथ इंटरविनर ने भी लाभार्थी व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा था। ज्ञात हो शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिसे माननीय हाई कोर्ट ने 1 मई को स्थगित किया था, जिसमे सुनवाई चली।

प्राचार्य पदोन्नति विषय मे शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने सभी विषय पर विशेष पक्ष रखा है साथ ही छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के इंटरविनर अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास, विनोद देशमुख, जमील अख्तर व अन्य ने भी विशेष रूप से लाभार्थियों के पक्ष में न्यायसंगत पक्ष मजबूती से रखे थे।

अंत मे हाई कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रख लिया है, जिसमे आज सभी आपत्ति को खारिज करते हुए प्राचार्य पदोन्नति की जारी सूची से स्टे हटाते हुए हरी झंडी दिया गया, हाई कोर्ट ने शासन के पक्ष को सही माना है। नियम 15 को संशोधन करने कहा गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से भेंटकर इस विषय मे चर्चा किया था, अब जब फैसला आ गया है तो नया शिक्षा सत्र आरंभ होने के बाद तत्काल पदोन्नति होगी। स्कूल में प्राचार्य के अधिसंख्य पद रिक्त है, शालाओ में शिक्षण सत्र की तैयारियों में प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति जरूरी है।

माननीय न्यायालय में सुनवाई के दौरान संजय शर्मा, मनोज सनाढ्य, मुकेश पांडेय, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चिंताराम कश्यप, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता, अनामिका तिवारी, मोहन तिवारी लगातार सक्रिय थे।

आज स्कूलों में लटकेंगे ताले: युक्तियुक्तकरण सहित अन्य मांगों को लेकर 1 लाख 80 हजार शिक्षक उतरेंगे सड़कों पर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शिक्षक आंदोलन के मोर्चे पर उतरने को तैयार हैं। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले कल प्रदेशभर के 146 विकासखंडों में शिक्षक हड़ताल पर रहेंगे। अपनी लंबित मांगों को लेकर वे स्कूलों से बाहर आकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत और जाकेश साहू ने बताया कि शिक्षिका सोना साहू के तर्ज पर एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति वेतनमान, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित संपूर्ण लाभ, पदोन्नति में डीएड को भी मान्य किए जाने तथा वर्तमान में हुए युक्तियुक्तिकरण रद्द कर 2008 का सेटअप लागू करने की मांग को लेकर कल प्रदेशभर के सड़कों में शिक्षकों का जनसैलाब उमड़ेगा।

प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग और राजनारायण द्विवेदी ने बताया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशानुसार सूरजपुर जिले की शिक्षिका सोना साहू को प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें पूरी एरियर्स राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर नहीं दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश के 1 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित हैं और उन्हें आर्थिक रूप से हर माह 15 से 20 हजार रुपए का एक बड़ा नुकसान हो रहा है। संगठन की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर जारी किया जाए।

प्रदेश संचालक भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज एवं प्रदीप पांडे ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति 1995 एवं 1998 से हुई है, लेकिन प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना न कर संविलियन तिथि 2018 से की जा रही है, जिससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ दिया जाए।

प्रदेश संचालक प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे एवं अनिल कुमार टोप्पो ने बताया कि डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को भी व्याख्याता एवं प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति दी जाए। इसी प्रकार वर्तमान में हुए युक्तियुक्तिकरण में सेटअप 2008 का पालन नहीं किया गया है।

बहुत सारी खामियां हैं, प्राथमिक शाला से शिक्षकों की संख्या 3 से घटाकर 2 कर दी गई है। मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी एक-एक शिक्षकों की कटौती कर दी गई है। इस प्रकार प्रदेश के स्कूलों में लगभग 57,000 शिक्षकों के पदों को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है।

इस बार प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन हुए है एक

प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन इस बार एक मंच पर आकर शिक्षक साझा मंच बनाए हैं और आंदोलन का ऐलान किए है। जिससे प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर इस बार हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व भी प्रदेश के राजधानी में शिक्षकों ने जोरदार हल्ला बोला था। 15 से 30 जून तक काली पट्टी लगाकर स्कूल भी जाते रहे तथा शासन को विरोध जताते रहे।

साझा मंच के प्रदेश संयोजक मंडल ने स्पष्ट और दो टूक शब्दों में कहा है कि सरकार उनकी मांगों को और हड़ताल को हल्के में न ले अन्यथा प्रदेश भर के समस्त स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे जिनकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

छत्तीसगढ़ रेरा का बड़ा कदम : बिना पंजीकरण वाले प्रोजेक्ट्स पर कसा शिकंजा, 136 प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेकर की कार्रवाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने ऐसे 106 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण अथवा विक्रय कार्य बिना वैधानिक रेरा पंजीकरण के किया जा रहा था, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह है।

प्राधिकरण ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के प्रमोटरों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रेरा अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित करना प्रत्येक प्रमोटर की जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि पिछले सात वर्षों में 136 प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई है, जिनमें प्रमोटरों द्वारा बिना पंजीकरण कार्य संचालित किया गया था।

रेरा अधिनियम के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रोजेक्ट संचालित करने पर पंजीकरण शुल्क का 400 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क और परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है। रेरा अधिनियम की यही विशेषता है कि वह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित निवेश का वातावरण देता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित करता है.


www.cgrera.cg.gov.in पोर्टल पर देख सकते हैं जानकारी

सीजी रेरा ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे फ्लैट, प्लॉट, विला या व्यावसायिक इकाई खरीदने से पहले यह अवश्य जांच लें कि संबंधित परियोजना रेरा में पंजीकृत है या नहीं। इसके लिए www.cgrera.cg.gov.in पोर्टल पर जाकर परियोजना की पंजीकरण स्थिति की जांच की जा सकती है। वहीं प्रमोटरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी परियोजनाओं को विधिवत रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि किसी प्रकार की शास्ति या कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके।

घर खरीदने से पहले जरूर करें रेरा पंजीयन की पुष्टि

प्राधिकरण का उद्देश्य स्पष्ट है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना चाहता है और अनियमित एवं अराजक प्रोजेक्ट्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। घर खरीदने से पहले रेरा पंजीयन की पुष्टि अवश्य करें, इसी संदेश के साथ सीजी रेरा ने जिम्मेदार नागरिकों और ईमानदार डेवलपर्स से सहयोग की अपील की है।