भारतमाला घोटाला: अधिग्रहित भूमि को लेकर नए सिरे से दावा-आपत्ति

रायपुर- भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर में भू-अर्जन मुआवजा राशि घोटाला सामने आने के बाद अब दुर्ग व राजनांदगांव जिले में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान में हुई अनियमितता के संबंध में भी नए सिरे दावा-आपत्ति व शिकायतें मंगाई गई हैं.

दुर्ग संभाग के आयुक्त के मुताबिक दुर्ग जिले में अनुविभागीय अधिकारी दुर्ग व पाटन के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर दुर्ग की वेबसाइट में तथा राजनांदगांव जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजनांदगांव के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर राजनांदगांव की वेबसाइट में प्रकाशित कर दी गई है. इस संबंध में यदि कोई शिकायत व दावा-आपत्ति प्रस्तुत करना चाहते हैं तो संभागायुक्त कार्यालय दुर्ग और संबंधित कलेक्टर दुर्ग व राजनांदगांव को 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत कर सकते हैं. दुर्ग-रायपुर बायपास के लिए भूअर्जन भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दुर्ग-रायपुर सिक्स फोरलेन बायपास सड़क निर्माण के लिए राजनांदगांव तहसील के 2, दुर्ग के 12, पाटन के 13, अभनपुर के 16 और आरंग तहसील के 8 गांवों में भू-अर्जन किया गया है. किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया में नियम-कानूनों की व्यापक अनदेखी की गई है.

शासन ने मांगी है रिपोर्ट

गौरतलब है कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम सिक्सलेन कॉरिडोर में करीब सवा तीन सौ करोड़ रुपए का मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में मुआवजा वितरण की जांच चल रही है. सभी संभागायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई थी और वेबसाइट में उसे अपलोड करने कहा गया था. यह मामला जांच के लिए ईओडब्ल्यू-एसीबी को सौंपा गया है.

यहां शिकायतों की जांच

राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित सड़क राज्य के रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर व जांजगीर-चांपा जिले से होकर गुजर रही है. शिकायतों की जांच में भूअर्जन की कार्यवाही में अनियमितता पाई गई है. जांच के लिए पांच बिंदु दिए गए हैं.

सुपारी फैक्ट्री में छापेमारी, डेढ़ करोड़ का माल जब्त

दुर्ग- जिले में हो रहे अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए दुर्ग कलेक्टर के निर्देश पर आज फूड सेफ्टी विभाग की टीम कोनारी गांव के इस फैक्ट्री में पहुंची। कोमल फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री सागर जुमनानी द्वारा संचालित की जा रही थी।

विभाग के अधिकारियो को इस बात की सूचना मिली थी कि, प्रतिबंधित जर्दा युक्त गुटखे के लिए इस जगह बड़े पैमाने पर सुपारी को कांटा जा रहा है। दो दिन पहले भी टीम ने इस फैक्ट्री में दबिश देकर सुपारी का सैंपल नमूना लेकर परीक्षण के लिए रायपुर भेजा था।

इसके बाद आज खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आधी ने छापामार कार्यवाही की। फैक्ट्री से 1050 बोरीयो में 52 हजार 500 किलो कच्ची खड़ी सुपारी और 247 बोरीयो में से12 हजार 350 किलो कटी सुपारी को जप्त किया है। जप्त सुपारी की कुल कीमत एक करोड़ 54 लाख नौ हजार पांच सौ बताई गई है। साथ ही फैक्ट्री को सील बंद किया गया है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाक़ात की।

दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, केंद्र–राज्य समन्वय और युवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके अनुभव से देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी लाभ मिलेगा। श्री शुक्ला ने राज्य में खेल अधोसंरचना को मजबूत करने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही पर की गई कार्रवाई, SP ने आरक्षक को किया निलंबित

जांजगीर-चांपा- जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले एक आरक्षक पर पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई की है। रक्षित केंद्र जांजगीर में पदस्थ आरक्षक राहुल दास महंत को पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, आरक्षक की ड्यूटी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 02, खोखरा में बतौर पेपर गार्ड लगी थी। लेकिन वहां उन्होंने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया। इस अनुशासनहीनता को नजरअंदाज न करते हुए SP ने तत्काल सस्पेंशन का आदेश जारी कर दिया।

पुलिस विभाग में लंबे समय से अनुशासन को लेकर सख्ती बरती जा रही है। ड्यूटी में लापरवाही, खासकर परीक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में, अब सीधे निलंबन की कार्रवाई का रूप ले रही है। इस निर्णय को विभागीय अनुशासन की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय ने स्पष्ट संकेत दिया है कि विभाग में कर्तव्यहीनता और लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे मामला परीक्षा ड्यूटी का हो या किसी अन्य सरकारी जिम्मेदारी का, हर अधिकारी और कर्मचारी से पूर्ण निष्ठा और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है।

इस कार्रवाई से पुलिस विभाग के अन्य कर्मियों को भी सख्त संदेश गया है कि अगर ड्यूटी में कोताही की गई, तो निलंबन जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे।

भांजे ने की मामा की हत्या करने की कोशिश, चाकू मारकर फरार

भिलाई- छत्तीसगढ़ में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां आए दिन अपराधी किसी न किसी बात को लेकर चाकूबाजी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आए दिन हो रही चाकूबाजी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लोग घर से निकलने से पहले भी सोच रहे हैं। आए दिन हो रही चाकूबाजी के बीच दुर्ग जिले के भिलाई में चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। मिली

जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र का है। यहां प्रॉपटी विवाद के चलते भांजे ने अपने मामा पर चाकू से वार कर दिया। इस हमले में शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस वार डाट के बाद से आरोपी भांजा फरार है। छावनी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुट गई है

बोधघाट परियोजना फिर सुर्खियों में, दिल्ली दौरे के दौरान सीएस साय ने पीएम मोदी से की चर्चा

रायपुर- बोधघाट परियोजना को लेकर एक बार फिर चर्चा में है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस परियोजना के संबंध में अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की. मुख्यमंत्री साय ने मीडिया से चर्चा में प्रधानमंत्री से परियोजना को लेकर हुआ बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि इससे 4 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मीडिया से चर्चा में प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि बोधघाट के साथ रिवर इंटर – लिंकिंग परियोजना पर भी बात की है. इस परियोजना से लगभग 3 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ की बदली हुई तस्वीर साझा किया. नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं, इससे प्रधानमंत्री को अवगत कराया.

वहीं ख़रीफ़ सीजन से पहले DAP की कमी को लेकर सीएम साय ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय समस्या है. राज्य ही नहीं, पूरे देश में DAP की कमी है. DAP की जगह किसानों अन्य विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा.


जाति जनगणना पर कांग्रेस के बयान पर सीएम साय ने निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय से कांग्रेस जनगणना की बात करती रही, लेकिन जनगणना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई. हमने घोषणा भी की है, और जनगणना भी होगी.

RSS के कार्यक्रम से लौटे आदिवासी नेता अरविंद नेताम कहा- पहले डलिस्टिंग के विरोध में थे लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने इसके लिए हमने सहमति दी है

रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और संघ की कार्यशैली की सराहना की.

नेताम ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, जिससे उन्हें संघ को करीब से समझने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी खुली और सार्थक बातचीत हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. विशेष रूप से, संघ और आदिवासी समाज के बीच वैचारिक दूरियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.

नेताम ने RSS से आग्रह किया कि आदिवासी समाज में एकजुटता की कमी को दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दौरान लाए गए उदारीकरण ने आदिवासी समाज के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. जब देश में सारी आशाएं खत्म हो जाती हैं, तो संघ ही एकमात्र स्थान बचता है जो मदद कर सकता है.”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहता रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. हालांकि, उनके दबाव के बाद अब संघ ने ‘आदिवासी’ शब्द का उपयोग शुरू किया है. नेताम ने बताया कि पहले वे डीलिस्टिंग (अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने) के खिलाफ थे, लेकिन अब धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने इस मुद्दे पर सहमति जताई है.

आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के मुद्दे को भी नेताम ने संघ के सामने रखा. उन्होंने कहा, “अगर समाज का अस्तित्व खतरे में है, तो जो भी इस पर मदद करेगा, हम उससे सहायता लेंगे.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।

सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

छत्तीसगढ़ में अब तक 50 कोविड-19 मरीजों की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जायसवाल ने दिये ये निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।

सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी

आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।

राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार

5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह

भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।

राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन की बड़ी कार्रवाई, महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को किया निलंबित

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। 

गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।

आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।