आईसीएआर की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज, बामेती में 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक जुटे*
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पटना - युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित कर उन्हें जोड़े रखने के लिए आईसीएआर,अटारी पटना जोन की मेजबानी में दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज बुधवार को हुआ। आईसीएआर, कृषि प्रसार के उप महानिदेशक डॉ. यू एस गौतम और बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्षमी ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। पटना के बामेती सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में देशभर के 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। अपने संबोधन में डॉ. यू एस गौतम ने कहा कि भारत में 52 प्रतिशत ग्रामीण युवा आबादी है। उन्हें कृषि और कृषिगत व्यवसाय से जोड़ना है। इसके लिए आईसीएआर अटारी की ओर से 'Attracting and Retaining Youth in Agriculture' यानी आर्या (ARYA) परियोजना चलायी जा रही है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। आर्या परियोजना के तहत भारत सरकार की यह कोशिश है कि गांवों में रह रहे युवाओं को गांवों में ही आमदनी के अच्छे अवसर मिल जाएं ताकि वे आमदनी की तलाश में शहरों की ओर पलायन न करें। डॉ. गौतम ने कहा कि इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान की जा रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों की नयी भूमिका क्लाइमेट चेंज को लेकर भी है। बदलते क्लाइमेट में किसानों के लिए मल्टी लेयर इनकम जनरेशन सिस्टम तैयार करना कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए नयी चुनौती है। किसानों को आधुनिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन एवं अन्य संबंधित व्यवसाय से अर्थोपार्जन कराने के लिए उन्हें स्किल्ड किया जा रहा है। आईसीएआर कृषि प्रसार उप महानिदेशक ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के खाली पदों को भरने के लिए नयी नीति बन रही है। नयी नीति में कृषि विज्ञान केन्द्रों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। इसके लिए नयी गाइडलाइन बन रही है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में कृषि विज्ञान केन्द्र अहम भूमिका निभाएंगे। इस अवसर पर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्षमी ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को सुदृढ़ करने की जरूरत है। पशु एवं मत्स्य पालन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि जीडीपी का 30 प्रतिशत पशुपालन एवं मत्स्य पालन से आता है। कृषि से जुड़े इन क्षेत्रों से किसानों की आय बढ़ रही है। डेयरी के क्षेत्र अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए डॉ. विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार में अभी प्रतिदिन 50 लाख लीटर दूध का उत्पादन एवं प्रसंस्करण हो रहा है। डेयरी के क्षेत्र में भारत का दूनिया में पहला स्थान हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने युवाओं को कृषि एवं कृषिगत व्यवसाय के लिए सही दिशा, प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत बतायी। उन्होंने एग्रीप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस अवसर पर आईसीएआर अटारी, पटना जोन के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने स्वागत संबोधन किया। कृषि विशेषज्ञ राकेश कश्यप ने मंच संचालन किया। जबकि आईसीएआर, नयी दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. केशव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर आईसीएआर कृषि प्रसार के सहायक महानिदेशक डॉ. आर के सिंह, आईसीएआर, पटना के निदेशक डॉ. अनूप दास, आईसीएआर अटारी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ मोनोब्रुल्लाह, डॉ. तेजस्वनी कपिल शीर्षत, डॉ अमरेन्द्र कुमार, डॉ. डी.वी. सिंह, डॉ प्रज्ञा भदौरिया समेत बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानिक मौजूद थे।
मिर्ज़ापुर: राजधानी में जेकेएस ग्रुप ने मिर्जापुर के योगी ज्वाला को किया सम्मानित

मिर्ज़ापुर। राजधानी लखनऊ में बच्चों के जीवन में योग और DMIT के माध्यम से करियर ग्रोथ की कार्यकम में JKS ग्रुप ऑफ एजुकेशन में योगी ज्वाला को मुख्य अतिथि के रूप में आंमत्रित कर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और उनके संपूर्ण विकास के लिए एक अनोखी पहल की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को योग और DMIT (Dermatoglyphics Multiple Intelligence Test) के माध्यम से उनकी प्रतिभा को पहचानने और उनके करियर को सही दिशा देने में मदद करना है।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे योग गुरु योगी ज्वाला ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम का नाम नहीं है, बल्कि यह शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक शांति का माध्यम भी है। जिसके लिए JKS ग्रुप ने स्कूलों में नियमित योग, DMIT के कक्षाओं की शुरुआत की है। इन कक्षाओं का उद्देश्य बच्चों को मानसिक रूप से सशक्त बनाना, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाना और तनाव को कम कर उनके भविष्य को संवारना है।

बच्चों की प्रतिभा पहचानने का अनोखा माध्यम है DMIT, इस तकनीक को अपनाकर बच्चों की छिपी हुई प्रतिभाओं और क्षमताओं को पहचानने की एक अनोखी पहल है। DMIT एक वैज्ञानिक परीक्षण है, जो बच्चों की उंगलियों के निशानों के आधार पर उनकी मानसिक क्षमताओं, रुचियों और संभावित करियर विकल्पों का विश्लेषण करता है। संस्थापक संदीप पांडेय ने कहा कि JKS ग्रुप का यह प्रयास समाज के हर वर्ग तक योग और DMIT पहुंचाने का लक्ष्य है। जिससे अधिक से अधिक बच्चे और उनके परिवार लाभान्वित हो सकें। इस अवसर पर JKS ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संस्थापक संदीप पांडेय और उनकी पूरी टीम ने मुख्य अतिथि योग गुरु योगी ज्वाला सिंह को फूलों का गुलदस्ता एवं महात्मा गौतम बुद्ध की प्रतिमा सप्रेम भेंट कर उन्हें सम्मानित किया है।

Xiaomi 15 ULTRA जल्द होगा लॉन्च, 6000mh की बैटरी मिलने की उम्मीद

डेस्क:–स्मार्टफोन कंपनी निर्माता Xiaomi नए स्मार्टफोन को भारतीय बाजार में पेश करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि कंपनी फरवरी महिने में Xiaomi 15 Ultra को लॉन्च कर देगी। लॉन्च से पहले इस स्मार्टफोन को MWC ग्लोबल स्तर पर पेश किया जाएगा। Xiaomi 15 अलट्रा में बड़ी बैटरी के साथ ही कई स्मार्ट फीचर दिए जा सकते है। साथ ही स्मार्टफोन में 90W की चार्जिंग सपोर्ट भी दी जा सकती है।

Xiaomi 15 ULTRA में दमदार प्रोसेसर SNAPDRAGON ELITE 8 मिल सकता है। साथ ही स्मार्टफोन में OLED डिस्पले दी जा सकती है जो 120HZ रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करेगी। स्मार्टफोन में 6000mh की बड़ी बैटरी भी दी जा सकती है, बैटरी को चार्ज करने के लिए 90W का चार्जिंग का सपोर्ट दिया जा सकता है। कैमरे की बात करें तो स्मार्टफोन में मेन कैमरा 50 मेगापिक्सल का और अलट्रा वाईड कैमरा भी 50 मेगापिक्सल का दिया जा सकता है। बेहतर फोटो के लिए 100x का जूम भी दिया जा सकता है। वहीं फ्रंट में सेल्फी के लिए 32 मेगापिक्सल का कैमरा दिया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर हुआ अमेरिका, ट्रम्प ने बाइडेन के 78 फैसले पलटे
#us_to_exit_world_health_organization

* डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह आधिकारिक तौर पर देश के राष्ट्रपति बन गए हैं। चुनाव जीतने के बाद से ही एक्शन में दिख रहे ट्रंप ने शपथ लेने के सिर्फ 6 घंटे के अंदर ही ट्रम्प ने बाइडेन के 78 फैसलों को पलट दिया है। शपथ ग्रहण के बाद ट्रम्प कैपिटल वन एरिना पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों के सामने बाइडेन के फैसलों को पलटने समेत कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए। *डब्ल्यूएचओ पर लगाया पक्षपात का आरोप* राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका के बाहर निकलने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। कोरोना महामारी के वक्त ट्रंप इस संगठन पर काफी हमलावर थे। व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के साथ डब्ल्यूएचओ पक्षपात कर रहा है। यहां चीन को तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमें ठगा है। *पेरिस जलवायु समझौते से भी बाहर* इससे पहले ट्रंप ने शपथ लेने के तत्काल बाद अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की घोषणा की थी। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप एक बार फिर अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर करने जा रहे हैं। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेशों के अपने पहले सेट पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान पेरिस जलवायु संधि से हटने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए गए।
डोनाल्ड ट्रंप ने TikTok पर प्रतिबंध को रोका, कार्यकारी आदेश में ऐप को 75 दिन का अतिरिक्त समय दिया

* अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में TikTok पर प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिससे कंपनी और उसकी चीनी मूल कंपनी ByteDance Ltd. को लोकप्रिय ऐप के लिए एक समझौते पर पहुंचने के लिए 75 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया, जो लंबे समय से चली आ रही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को हल करेगा। TikTok की जीवनरेखा डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले कार्यों में से एक में हस्ताक्षरित एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से आई। यह कदम वीडियो-शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म को अमेरिका में उस प्रतिबंध से राहत देता है जो रविवार को ByteDance द्वारा विनिवेश की आवश्यकता वाले कानून का पालन करने से इनकार करने के बाद लागू हुआ था। ट्रंप ने पिछले कई दिनों में वादा किया था कि विस्तार की संभावना है। डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, "मुझे लगता है कि TikTok के लिए मेरे मन में एक गर्मजोशी है।" पिछले साल इसमें शामिल होने के बाद ट्रंप ने TikTok पर लगभग 15 मिलियन फ़ॉलोअर्स जुटाए हैं, और उन्होंने युवा मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाने में मदद करने के लिए ट्रेंडसेटिंग प्लेटफ़ॉर्म को श्रेय दिया है। फिर भी इसके 170 मिलियन अमेरिकी उपयोगकर्ता शनिवार रात और रविवार सुबह के बीच 12 घंटे से अधिक समय तक TikTok का उपयोग नहीं कर सके। कांग्रेस द्वारा अनुमोदित और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रविवार को प्रभावी होने वाले प्रतिबंध से पहले प्लेटफ़ॉर्म ऑफ़लाइन हो गया। ट्रम्प द्वारा सोमवार को प्रतिबंध को रोकने का वादा करने के बाद, TikTok ने मौजूदा उपयोगकर्ताओं के लिए पहुँच बहाल कर दी। Google और Apple। हालाँकि, इसने अभी भी TikTok को अपने ऐप स्टोर में बहाल नहीं किया है। TikTok पर पैसे कमाने वाले व्यापारिक नेता, कानून निर्माता, कानूनी विद्वान और प्रभावशाली लोग यह देखने के लिए देख रहे हैं कि ट्रम्प अपने हस्ताक्षर से विनियामक, कानूनी, वित्तीय और भू-राजनीतिक मुद्दों के ढेर को कैसे हल करने की कोशिश करते हैं। *TikTok पर प्रतिबंध कैसे लगा?* TikTok का ऐप उपयोगकर्ताओं को लघु-फ़ॉर्म वीडियो बनाने और देखने की अनुमति देता है, और एक एल्गोरिथ्म के साथ काम करके नई ज़मीन तैयार करता है जो दर्शकों को उनकी देखने की आदतों के आधार पर सिफारिशें देता है। लेकिन समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि बीजिंग के लिए अमेरिकियों को हेरफेर करने और जासूसी करने के लिए एक उपकरण के रूप में काम करने की इसकी क्षमता के बारे में चिंताएँ ट्रम्प के पहले राष्ट्रपति पद से पहले की हैं। 2020 में, ट्रम्प ने बाइटडांस और चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट के मालिकों के साथ लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए। अदालतों ने आदेशों को रोक दिया, लेकिन एक साल से भी कम समय पहले, कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए एक कानून पारित किया, जिसमें बाइटडांस द्वारा इसे किसी स्वीकृत खरीदार को बेचे जाने तक TikTok पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था। रविवार को लागू हुआ यह कानून, प्रमुख मोबाइल ऐप स्टोर - जैसे कि Apple और Google द्वारा संचालित - और Oracle जैसी इंटरनेट होस्टिंग सेवाओं के खिलाफ प्रति US TikTok उपयोगकर्ता $5,000 तक का जुर्माना लगाने की अनुमति देता है, यदि वे बाइटडांस के विनिवेश की समय सीमा के बाद भी US उपयोगकर्ताओं को TikTok वितरित करना जारी रखते हैं। रविवार को ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने TikTok के US सेवा प्रदाताओं से प्लेटफ़ॉर्म और ऐप का समर्थन जारी रखने के लिए कहा है, जबकि वह अभी के लिए प्रतिबंध को रोकने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहे हैं।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल और बुशरा बीबी को 7 साल की सजा, जानें पूरा मामला

#former_pm_imran_khan_and_his_wife_bushra_bibi_guilty_in_corruption_case

पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को दोषी करार दिया है। पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा सुनाई गई है। इमरान खान पर 10 लाख रुपये और उनकी पत्नी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अगर वे दोनों जुर्माना नहीं भर पाते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री को छह महीने और बुशरा को तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

अल-कादिर ट्रस्ट मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बनी अस्थायी अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच जज नासिर जावेद राणा ने यह फैसला सुनाया। इमरान खान पिछले 18 महीने से अडियाला जेल में बंद हैं। फैसला सुनाए जाने के बाद बुशरा बीबी को भी अदालत से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

पाक अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बह्रिया टाउन से जुड़ी जमीन और पैसे के लेन-देन से जुड़ा है, जिसमे इमरान खान पर भ्रष्टाचार का आरोप है। यह इमरान खान के पीएम कार्यकाल के दौरान हुआ था। इमरान खान और बुशरा बीबी पर आरोप लगा था कि उन्होंने बह्रिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल जमीन हासिल की। अदालत ने इन आरोपों को ठीक पाते हुए इमरान और बुशरा को दोषी ठहराया।

भ्रष्टाचार रोधी अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने 18 दिसंबर को ही इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस मामले में पहले वे तीन बार फैसला टाल चुके हैं। फैसले का एलान होते ही पुलिस बुशरा बीबी को हिरासत में ले लिया। फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्ट आचरण और अधिकार के दुरुपयोग का दोषी ठहराया गया है। जबकि बुशरा बीबी को अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दोषी माना गया। न्यायाधीश ने अधिकारियों को अल-कादिर ट्रस्ट विवि को सरकार को सौंपने के निर्देश दिए। फैसले के बाद अदियाला जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इमरान और बुशरा के खिलाफ यह मामला दिसंबर, 2023 में शुरू हुआ था, जब एनएबी (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) ने इमरान और उनकी पत्नी के खिलाफ अल-कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। दोनों पर ब्लैक मनी का बह्रिया टाउन, कराची की जमीन के भुगतान के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया। इमरान और बुशरा बीबी ने कथित तौर बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपए और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की ताकि 50 अरब रुपए को वैध बनाया जा सके।

CM साय की मौजूदगी में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए हुआ MOU

रायपुर-    छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ पर्यावरण और नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को पाने की दिशा में बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम और प्रदेश के 6 नगर निगमों के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय एमओयू संपन्न होने के अवसर पर यह बात कही। मुख्यमंत्री ने सभी संस्थाओं को इस विशेष एमओयू के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि यह कदम स्वच्छता, ऊर्जा उत्पादन और सतत विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में आज एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ रही है। छत्तीसगढ़ में सतत योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी और इसी पहल के माध्यम से देशवासियों में अपने परिवेश की स्वच्छता को लेकर व्यापक चेतना आई थी। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में स्वच्छता को लेकर बेहतर काम हो रहे हैं। नगरीय निकायों में इन संयंत्रो की स्थापना से शहरों को स्वच्छ-सुंदर बनाने का हमारा संकल्प पूरा होगा। जैव ईंधन के रूप में बायोगैस के उत्पादन से हमारी ऊर्जा की आवश्यकता भी पूरी होगी और वेस्ट टू एनर्जी की परिकल्पना भी साकार होगी। उन्होंने एमओयू में शामिल सभी संस्थाओं से संयंत्र की स्थापना के कार्य को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का करने को कहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस एमओयू से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जैसे बड़े उद्देश्य की पूर्ति के साथ-साथ रोजगार भी सृजित होंगे। भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थाओं के सहयोग से यह कार्य पूरा होगा और इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता का लाभ भी हमें मिलेगा।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में बड़े निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश में स्वच्छता को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है और शहरों के लिए आज यह बहुत महत्वपूर्ण विषय हो गया है। हमारा लक्ष्य है कि नगर स्वच्छ, सुंदर और सुविधापूर्ण बने और भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू से यह कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण होगा। एमओयू के दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस, गेल इंडिया, बीपीसीएल, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और 06 नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में सतत् योजना(Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से जैव ईंधन जैसे कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के निरंतर प्रयास से नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, राजनांदगांव और धमतरी में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना हेतु सीबीडीए, गेल एवं बीपीसीएल के साथ आज त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इनमें नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा और सीबीडीए एवं गेल इंडिया लिमिटेड के बीच तथा नगर पालिक निगम बिलासपुर, धमतरी, राजनांदगांव और सीबीडीए एवं भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के बीच समझौता हुआ।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

इस एमओयू के माध्यम से 6 नगर पालिक निगमों के लगभग 350 मीट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं लगभग 500 मीट्रिक टन अधिशेष बायोमास का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन के लिये किया जावेगा। इन 06 संयंत्रों से प्रतिदिन लगभग 70 मीट्रिक टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं में लगभग 600 करोड़ रुपये का निवेश पूर्ण रूप से GAIL और BPCL द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार संयंत्रों से होने वाले उत्पादन और बिक्री से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ रुपये का जीएसटी प्राप्त होगा।

स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती और नेट जीरो एमिशन की दिशा में अग्रसर होगा प्रदेश

एमओयू के फलस्वरूप संयंत्रों की स्थापना से उत्पन्न सह-उत्पाद से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। कचरे के प्रभावी निपटान से ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी और छत्तीसगढ़ नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा।

मुंह के कैंसर की शुरुआती लक्षण काफी सामान्य होते हैं, जिसपर ध्यान देकर आप अपना इलाज शुरू करा सकते हैं,दांतों में नजर आता है सबसे पहला लक्षण

डेस्क:–मुंह का कैंसर, मुंह के किसी भी हिस्से में होने वाला कैंसर है। ओरल कैंसर यानि मुंह के कैंसर की शुरुआत आपके लिप्स, मसूड़ों, जीभ, मुंह की छत (Roof of the mouth), गालों की अंदरूनी परत या फिर जीभ के नीचे से हो सकती है। मुंह के अंदर होने वाले कैंसर को कभी-कभी ओरल कैंसर और ओरल कैविटी कैंसर के नाम (What is oral cavity cancer) से भी जाना जाता है।

मुंह के कैंसर कई तरह के कैंसरों में से एक है, जिसे सिर और गर्दन के कैंसर की श्रेणी में रखा जाता है।  मुंह के कैंसर और सिर और गर्दन के अन्य कैंसरों का इलाज लगभग एक ही तरह से होता है। मुंह का कैंसर होने पर हमारा शरीर कई तरह के संकेत देता है, जिसपर समय रहते ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि अक्सर मुंह के अंदर होने वाले छालों या फिर दांतों में होने वाली परेशानी को हम अनदेखा कर देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर हो सकता है।  मुंह के कैंसर की पहचान इसके लक्षणों से की जा सकती है, जिससे आप समय पर अपना इलाज शुरू करा सकते हैं।

पटपड़गंज स्थित मैक्स हॉस्पिटल की कंसल्टेंट हेड एंड नेक सर्जन डॉ. ख्याति ग्रोवर भाटिया (Consultant Head and neck surgeon, Max Hospital, Patparganj) का कहना है कि ध्यान रखें कि कोई भी ओरल घाव या घाव जो 3 सप्ताह के अंदर ठीक नहीं होता, वो ओरल कैंसर की ओर इशारा कर सकता है। हालांकि, इस स्थिति में डरने की जरूरत नहीं आप बायोप्सी से ओरल कैंसर का पता लगा सकते हैं, ताकि समय पर इलाज हो सके और कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके।

ओरल कैंसर यानि मुंह के कैंसर के शुरुआत होते ही मरीजों को होंठ या फिर मुंह के आसपास घाव होने लगता है, जो लंबे समय तक ठीक नहीं होता है। अगर आपके मुंह के आसपास भी कोई घाव लंबे समय से है, तो इस स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। ताकि आपका इलाज समय पर किया जा सके।  

मुंह का कैंसर होने पर मरीजों को मुंह के अंदर सफेद या लाल धब्बे नजर आने लगते हैं, जिसे अक्सर लोग सामान्य छाला समझकर इग्नोर कर देते हैं। अगर आपको इस तरह के संकेत लंबे समय तक दिखे, तो फौरन डॉक्टर की मदद लें। ताकि स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके।

मुंह के कैंसर की शुरुआत होने पर मरीजों का दांत ढीला होने ( First Symptom of Oral Cancer) लगता है। अक्सर ढीले होते दांत को हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर काफी गंभीर हो सकती है। ऐसे में अगर आपको दांत काफी ढीले और दर्द जैसा महसूस हो, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।

खाते-खाते या फिर किसी तरह की हल्की फुल्की चोट लगने पर मुंह के अंदर दर्द होना काफी सामान्य है। लेकिन अगर आपको बिना कारण मुंह में दर्द हो रहा है, तो इस स्थिति में एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि इस तरह के लक्षण मुंह के कैंसर के हो सकते हैं, जिसे नजरअंदाज करना भारी हो सकता है।

मुंह में कैंसर होने पर मरीजों को न सिर्फ मुंह के आसपास इसके लक्षण दिखाई देते हैं, बल्कि इसकी वजह से कान में दर्द भी हो सकता है। कुछ लोगों को निगलने में काफी कठिनाई या दर्द महसूस हो सकती है। यह दर्द कान के साथ-साथ गले में भी हो सकता है। अगर आपको ऐसे लक्षण नजर आए, तो एक बार जांच जरूर करा लें।
*Mohammedan Sporting Club snatches dramatic draw against Chennaiyin FC at the Kishore Bharati Krirangan*

Sports 

 Khabar kolkata sports Desk: Mohammedan Sporting Club displayed exceptional resilience and fighting spirit to secure a dramatic 2-2 draw against Chennaiyin FC in their home match at Kishore Bharati Krirangan. 

The electrifying encounter saw the team overturn a two-goal deficit, earning a crucial point in the ISL standings.  

The match began with Chennaiyin FC taking a commanding 2-0 lead, leaving Mohammedan facing an uphill battle. However, the home team refused to bow down in front of their passionate supporters. In the dying moments of the second half, jersey number 15, Manvir gave the team a glimmer of hope by finding the back of the net during added time.  

The defining moment of the match came when jersey number 29, Remsanga, demonstrating nerves of steel, converted a penalty kick in the final moments, ensuring the scoreline read 2-2 at the final whistle. 

The crowd erupted in celebration as Mohammedan Sporting Club completed their heroic comeback.  

With this result, Mohammedan Sporting Club now holds 11 points from 16 games in the ISL. Although the season has been challenging, the team’s determination and never-say-die attitude were on full display tonight, providing a much-needed morale boost for the squad and the fanbase.

 Pic :Sanjay Hazra

सऊदी अरब में नए वीजा नियम लागू, भारतीयों पर क्या होगा असर
#new_visa_rules_implemented_in_saudi_arabia_difficulties_for_indians
सऊदी अरब में 14 जनवरी से वर्क वीजा के नियमों में संशोधन किया गया है। सऊदी अरब सरकार ने विदेशी कामगारों के लिए वीजा नियम कड़े कर दिए है। सऊदी अरब में काम करने जाने वाले भारतीयों के लिए शैक्षणिक और पेशेवर योग्यताओं का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। छह महीने पहले प्रस्तावित यह नियम 14 जनवरी से लागू हो जाएगा। इससे वहां काम करने जाने वाले भारतीयों पर सीधा असर पड़ सकता है। इसके साथ ही सऊदी अरब ने प्रवासियों के लिए अपने इकामा (निवास परमिट) के नवीनीकरण करने के नियमों में भी बदलाव किया है।

सऊदी अरब मीडिया के अनुसार सरकार ने 2030 के विजन के मुताबिक श्रम क्षेत्र में सुधार शुरू किए हैं, ताकि प्रवासियों के लिए रोजगार अनुबंधों को और अधिक लचीला और आसान बनाया जा सके। सऊदी अरब के पासपोर्ट महानिदेशालय ने घोषणा की कि प्रवासियों के आश्रितों के साथ-साथ राज्य के बाहर स्थित घरेलू कामगार अब अपने इकामा को रिन्युअल कर सकते हैं। बता दें सऊदी अरब में इकामा प्राप्त करना काफी जरूरी होता है। दरअसल, यह राज्य में रहने और काम करने की अनुमति का प्रमाण होता है।

सऊदी अरब के अफसरों का कहना है कि इस पहल से भर्ती प्रक्रिया सुव्यवस्थित होने और कार्यबल की गुणवत्ता में वृद्धि की उम्मीद है। सऊदी मिशन की ओर से भारत में भी परिपत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया कि 14 जनवरी से कार्य वीजा जारी करने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा।

*नए नियमों से आ सकती है कई परेशानियां*
केरल से राज्यसभा सांसद हारिस बीरन का कहना है नए नियमों से कई परेशानियां आ सकती हैं। देश में पर्याप्त परीक्षण केंद्र नहीं हैं, जहां आवेदक सत्यापन करवा सकें। कार चालकों के लिए परीक्षण केंद्र राजस्थान के अजमेर और सीकर में हैं। दक्षिण के आवेदकों को लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

*24 लाख से ज्यादा भारतीय कामगार*
2024 तक, सऊदी अरब में 24 लाख से ज्यादा भारतीय कामगार रहते हैं, जिनमें 16.4 लाख निजी क्षेत्र में और 7,85,000 घरेलू कामगार शामिल हैं। बांग्लादेश 26.9 लाख प्रवासी कामगारों के साथ सबसे आगे है। महिलाओं सहित भारतीय कामगार सऊदी अरब के श्रम बाजार का अहम हिस्सा बने हुए हैं और भारत में पैसे भेजते हैं। प्रतिष्ठान मालिकों और मानव संसाधन विभागों को प्रवासी कर्मचारियों द्वारा प्रदान किए गए प्रमाणपत्रों और सूचनाओं को सत्यापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस पहल से भर्ती को सुव्यवस्थित करने और सउदी में कार्यबल की गुणवत्ता बढ़ाने की उम्मीद है।
आईसीएआर की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज, बामेती में 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक जुटे*
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पटना - युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित कर उन्हें जोड़े रखने के लिए आईसीएआर,अटारी पटना जोन की मेजबानी में दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज बुधवार को हुआ। आईसीएआर, कृषि प्रसार के उप महानिदेशक डॉ. यू एस गौतम और बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्षमी ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। पटना के बामेती सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में देशभर के 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। अपने संबोधन में डॉ. यू एस गौतम ने कहा कि भारत में 52 प्रतिशत ग्रामीण युवा आबादी है। उन्हें कृषि और कृषिगत व्यवसाय से जोड़ना है। इसके लिए आईसीएआर अटारी की ओर से 'Attracting and Retaining Youth in Agriculture' यानी आर्या (ARYA) परियोजना चलायी जा रही है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। आर्या परियोजना के तहत भारत सरकार की यह कोशिश है कि गांवों में रह रहे युवाओं को गांवों में ही आमदनी के अच्छे अवसर मिल जाएं ताकि वे आमदनी की तलाश में शहरों की ओर पलायन न करें। डॉ. गौतम ने कहा कि इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान की जा रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों की नयी भूमिका क्लाइमेट चेंज को लेकर भी है। बदलते क्लाइमेट में किसानों के लिए मल्टी लेयर इनकम जनरेशन सिस्टम तैयार करना कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए नयी चुनौती है। किसानों को आधुनिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन एवं अन्य संबंधित व्यवसाय से अर्थोपार्जन कराने के लिए उन्हें स्किल्ड किया जा रहा है। आईसीएआर कृषि प्रसार उप महानिदेशक ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के खाली पदों को भरने के लिए नयी नीति बन रही है। नयी नीति में कृषि विज्ञान केन्द्रों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। इसके लिए नयी गाइडलाइन बन रही है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में कृषि विज्ञान केन्द्र अहम भूमिका निभाएंगे। इस अवसर पर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयलक्षमी ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को सुदृढ़ करने की जरूरत है। पशु एवं मत्स्य पालन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि जीडीपी का 30 प्रतिशत पशुपालन एवं मत्स्य पालन से आता है। कृषि से जुड़े इन क्षेत्रों से किसानों की आय बढ़ रही है। डेयरी के क्षेत्र अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए डॉ. विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार में अभी प्रतिदिन 50 लाख लीटर दूध का उत्पादन एवं प्रसंस्करण हो रहा है। डेयरी के क्षेत्र में भारत का दूनिया में पहला स्थान हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने युवाओं को कृषि एवं कृषिगत व्यवसाय के लिए सही दिशा, प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत बतायी। उन्होंने एग्रीप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस अवसर पर आईसीएआर अटारी, पटना जोन के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने स्वागत संबोधन किया। कृषि विशेषज्ञ राकेश कश्यप ने मंच संचालन किया। जबकि आईसीएआर, नयी दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. केशव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर आईसीएआर कृषि प्रसार के सहायक महानिदेशक डॉ. आर के सिंह, आईसीएआर, पटना के निदेशक डॉ. अनूप दास, आईसीएआर अटारी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ मोनोब्रुल्लाह, डॉ. तेजस्वनी कपिल शीर्षत, डॉ अमरेन्द्र कुमार, डॉ. डी.वी. सिंह, डॉ प्रज्ञा भदौरिया समेत बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानिक मौजूद थे।
मिर्ज़ापुर: राजधानी में जेकेएस ग्रुप ने मिर्जापुर के योगी ज्वाला को किया सम्मानित

मिर्ज़ापुर। राजधानी लखनऊ में बच्चों के जीवन में योग और DMIT के माध्यम से करियर ग्रोथ की कार्यकम में JKS ग्रुप ऑफ एजुकेशन में योगी ज्वाला को मुख्य अतिथि के रूप में आंमत्रित कर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और उनके संपूर्ण विकास के लिए एक अनोखी पहल की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को योग और DMIT (Dermatoglyphics Multiple Intelligence Test) के माध्यम से उनकी प्रतिभा को पहचानने और उनके करियर को सही दिशा देने में मदद करना है।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे योग गुरु योगी ज्वाला ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम का नाम नहीं है, बल्कि यह शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक शांति का माध्यम भी है। जिसके लिए JKS ग्रुप ने स्कूलों में नियमित योग, DMIT के कक्षाओं की शुरुआत की है। इन कक्षाओं का उद्देश्य बच्चों को मानसिक रूप से सशक्त बनाना, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाना और तनाव को कम कर उनके भविष्य को संवारना है।

बच्चों की प्रतिभा पहचानने का अनोखा माध्यम है DMIT, इस तकनीक को अपनाकर बच्चों की छिपी हुई प्रतिभाओं और क्षमताओं को पहचानने की एक अनोखी पहल है। DMIT एक वैज्ञानिक परीक्षण है, जो बच्चों की उंगलियों के निशानों के आधार पर उनकी मानसिक क्षमताओं, रुचियों और संभावित करियर विकल्पों का विश्लेषण करता है। संस्थापक संदीप पांडेय ने कहा कि JKS ग्रुप का यह प्रयास समाज के हर वर्ग तक योग और DMIT पहुंचाने का लक्ष्य है। जिससे अधिक से अधिक बच्चे और उनके परिवार लाभान्वित हो सकें। इस अवसर पर JKS ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संस्थापक संदीप पांडेय और उनकी पूरी टीम ने मुख्य अतिथि योग गुरु योगी ज्वाला सिंह को फूलों का गुलदस्ता एवं महात्मा गौतम बुद्ध की प्रतिमा सप्रेम भेंट कर उन्हें सम्मानित किया है।