कोरोना के संभावित खतरे को लेकर मेडिकल कॉलेज में हुआ मॉक ड्रिल, आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का लिया गया जायजा

रायगढ़- रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान डमी मरीज को एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाकर चिकित्सक ने कोरोना का उपचार किया गया ।

देश के अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ में भी कोरोना कुछ केस पाये गये है। ऐसे मे स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़, (छ.ग.) में कोरोना के संभावित खतरे और आपात स्थिति से निपटने को लेकर 5 जून गुरुवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान कोरोना से संक्रमित डमी मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया। मरीज़ को एम्बुलेंस से उतार कर पीपीई किट पहने स्वस्थ कर्मी ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त स्ट्रेचर में लेटाकर वर्तमान में चिन्हांकित 24 बेड आइसोलेशन वार्ड लेकर गये ,जहाँ पूर्व से मौजूद पीपीई किट लेस चिकित्सक, स्टाफ़ द्वारा सबसे पहले ऑक्सीमीटर से उक्त मरीज के ऑक्सीजन स्तर की जांच की गई। फिर उसे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर लिटाया गया।

ऑक्सीमीटर लगाने के साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की गई। वहीं वेंटिलेटर व मल्टी पैरामीटर ,वाइटल साइन मशीन के माध्यम से जांच व मॉनिटरिंग चिकित्सकों ने की। मॉक ड्रिल का मंजर देख कोरोना की याद ताजा हो गई। मालूम हो कि देश में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मॉक ड्रिल का आयोजन कर आपात स्थिति से निपटने को लेकर तैयारियों का जायजा लिया जा रहा है।

डॉ. एम.के.मिंज़ (अस्पताल अधीक्षक) ने पूर्वाभ्यास के दौरान अस्पताल आनेवाले मरीजों की समुचित देखभाल की व्यवस्था, कोविड जांच सुनिश्चित करने, हर परिस्थिति से निपटने, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड को क्रियाशील रखने को लेकर चिकित्सक एवं स्वस्थ कर्मियों को निर्देश दिये। वहीं चिकित्सकों व कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया। अस्पताल में सेनेटाइजर की व्यवस्था, ऑक्सीजन की उपलब्धता व दवाइयों की भी जांच की गई।

इस मौके पर अधीक्षक डॉ. एम.के. मिंज के अलावा डॉ. ए.एम. लकड़ा (विभागाध्यक्ष, निश्चेतना), डॉ. एस.के. माने (उप अस्पताल अधीक्षक), डॉ. सविता अहीरवाल (विभागाध्यक्ष, मेडिसिन) सहित मॉक ड्रिल में शामिल डॉ. विकास पटेल, अमरशीला (स्टाफ नर्स), विनोद मसीह, किशोर प्रधान, कमलेश साहू, रघुनाथ शर्मा, दीपक जांगड़े, बुधराम, भूषण वर्मा, पुरुषोत्तम, भागीरथी, अंजू और कमला शामिल थे।

शराब घोटाला मामले में पप्पू बंसल गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित करोड़ शराब घोटाले में कार्रवाई तेज हो गई है। एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने गुरुवार को आरोपी पप्पू बंसल को गिरफ्तार कर लिया। 

एसीबी सूत्रों के मुताबिक, पप्पू बंसल का नाम इस घोटाले में प्रमुख आरोपियों में शामिल है और वह काफी समय से फरार चल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा और पूछताछ के लिए रिमांड मांगी जायेगी। माना जा रहा है कि पूछताछ में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।

गौवंश तस्करी पर लगाम कसने लिया गया बड़ा फैसला, आरोपियों पर सफेमा लागू कर अटैच की जाएगी संपत्ति

रायपुर- गौ तस्करी में शामिल आदतन आरोपियों की संपत्ति अटैच कर नीलाम की जाएगी. यही नहीं गौ तस्करी में शामिल पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को तत्काल विभाग से बाहर किया जाएगा. इस संबंध में उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में गौवंश तस्करी पर रोकथाम के लिए मंत्रालय में आयोजित बैठक में फैसला लिया गया.

उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि गौवंश तस्करी को लेकर तमाम जिलों में एक एडिशनल एसपी स्तर के नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है. इन सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी. कुछ जिलों में अच्छा कार्य हुआ है. कुछ जगहों पर कार्य करने की आवश्यकता है. इन विषयों पर चर्चा हुई.

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गौवंश की तस्करी में संलिप्त पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को तत्काल पुलिस विभाग से बाहर निकलने के साथ ही ऐसे प्रकरणों में उपयोग में आने वाली गाड़ियों को अनिवार्य रूप से राजसात कर गौ सेवा के कार्य के लिए नीलाम करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ गौ सेवा आयोग से गौ सेवकों के लिए आईडी कार्ड बनाने का आग्रह किया जाएगा.

आदतन आरोपियों पर लगेगा सफेमा

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि गौ तस्करी में संल्पित आदतन आरोपियों पर सफ़ेमा लागू कर उनकी प्रॉपर्टी को अटैच कर नीलामी की जाएगी. नीलामी से मिलने वाली राशि को गौवंश सेवा के लिए दिया जाएगा. इसके साथ ही पशुपालन विभाग में ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. वहीं जिन जिलों में कार्रवाई कम है, उन्हें कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

ट्रक के केबिन में लगी आग, ड्राइवर ने कूदकर बचाई अपनी जान

बलौदाबाजार- कोतवाली थाना क्षेत्र के भाटापारा रोड में चांवल से भरे हुए ट्रक के केबिन में आग लग गयी धुंआ निकलते देख वाहन चालक ने ट्रक को तत्काल सड़क किनारे खड़ा किया और कूदकर अपनी जान बचाई. ड्रायवर ने पुलिस और फायरब्रिगेड की टीम को सूचना दी. 

जानकारी के मुताबिक, ट्रक बिलाईगढ़ से चांवल भरकर अर्जुनी स्थित गोदाम में रखने जा रहा था. इसी बीच वाहन में आग लग गई. सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और फायर ब्रिगेड की मदद से तत्काल आग पर काबू पाया. हालांकि जब तक काबू पाया जाता तब तक आग फैल चुकी थी और कैबिन सहित चांवल में भी आग लग चुकी थी. राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई. कोतवाली पुलिस आगे की जांच में जुट गयी है.

उप पुलिस अधिक्षकों का तबादला, जानिए किसे-कहां मिली जिम्मेदारी…

रायपुर- गृह (पुलिस) विभाग ने दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर के उप पुलिस अधीक्षक को ट्रांसफर आदेश जारी किया है. उपसचिव अभिषेक अग्रवाल ने आदेश जारी करते हुए दुर्ग डीएसपी अजय कुमार सिंह को नारायणपुर, बिलासपुर के डीएसपी रोशन आहूजा को बीजापुर और रायपुर डीएसपी प्रांशु तिवारी को सुकमा ट्रांसफर कर दिया है.

देखें आदेश की कॉपी:

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति को लेकर दिशा-निर्देश किया गया जारी

रायपुर- स्थानांतरण नीति को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। कल साय कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति को मंजूरी दी गयी थी। आज सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण नीति का अनुमोदन किया गया था। जिसके तहत जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होंगे, आवेदन 6 जून से 13 जून तक स्वीकार किए जाएंगे।

न्यूनतम दो वर्ष सेवा अनिवार्य है, गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवा निवृत्ति से पूर्व एक वर्ष के मामलों में विशेष सुविधा मिलेगी। अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरण हेतु एवजीदार अनिवार्य है, साथ ही सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष प्रयास रहेगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचाारियों में अधिकतम 15 प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकेंगे। परीविक्षाधीन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।

पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर के सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण जारी कर उसी तिथि को आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग को मेल करना होगा।

स्थानांतरण के विरूद्ध 15 दिन में राज्य स्तरीय समिति को अभ्यावेदन किया जा सकेगा। 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, अत्यंत आवश्यक होने पर समन्वय में अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण किया जा सकेगा।

मूंछ वालों से लेकर पहुंच वालों तक का हमें करना पड़ता है काम, अगर अब प्रदर्शन नहीं करेंगे तो हमेशा रोना पड़ेगा

रायपुर- चौखट से लेकर मरघट तक हमकों काम करना पड़ता है. मूंछ वालों से लेकर पहुंच वालों तक का हमें काम करना पड़ता है. अगर हम प्रदर्शन नहीं करेंगे तो हम हमेशा रोना पड़ेगा. यह गुस्सा रायपुर निगम मुख्यालय में निगम कर्मियों के साथ प्रदर्शन कर रहे जोन कमिश्नर संतोष पांडे का एक दिन पहले जोन 8 कार्यालय में हुई घटना को लेकर फूटा था.

दरअसल, बुधवार को अतिक्रमणकारी जोन 8 कार्यालय में पहुंचे थे, जहां उन्होंने न केवल पुलिस के साथ झूमा-झटकी की, बल्कि निगम के वाहनों में तोड़-फोड़ करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह की भी कोशिश की थी. घटना के विरोध में रायपुर के जोन कमिश्नर, असिस्टेंट इंजीनियर, जेई समेत तमाम कर्मचारियों ने काम बंद कर आज निगम मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

महापौर मीनल चौबे के शहर से बाहर होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो पाने की स्थिति में नगर निगम से सभी अधिकारी-कर्मचारी कलेक्टर ऑफिस तक पैदल मार्च करने जा रहे हैं.

इसके पहले जोन 8 में घटी घटना को लेकर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने निंदा प्रस्ताव पारित कर शासन, प्रशासन महापौर को ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया था, जिसमें गुंडागर्दी करने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के साथ भविष्य में सुरक्षा के साथ ही कार्रवाई किए जाने का मांग रखी गई थी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने सौजन्य भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीमती रहाटकर का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें शॉल एवं प्रतीक चिन्ह नन्दी भेंटकर सम्मानित किया। सौजन्य मुलाकात के दौरान महिला सशक्तिकरण, बालिकाओं की सुरक्षा एवं कल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और विधायक विक्रम उसेंडी भी उपस्थित रहे।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 की मौत, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया शोक

रायपुर-  कर्नाटक के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए भगदड़ में कई लोगों की असामयिक मृत्यु एवं घायल होने की घटना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। विपदा की इस घड़ी में हम अपेक्षा करते हैं कि कर्नाटक सरकार इस घटना की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव के सभी आवश्यक कदम शीघ्रता से उठाएगी, ताकि पीड़ितों को हरसंभव सहायता मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की है।

हाई कोर्ट ने खारिज की अनुकम्पा नियुक्ति की याचिका, रजिस्ट्रार जनरल को बनाया था प्रमुख पक्षकार…

बिलासपुर- हाई कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी की मौत के 12 साल बाद खुद को मृतक कर्मचारी का बेटा होने का दावा करते हुए युवक ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया.

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता और मृत कर्मचारी के रिश्ते को लेकर विवाद है. इस विवाद का निपटारा करना दायर याचिका के क्षेत्राधिकार से बाहर है. कोर्ट ने मामले के निपटारे के लिए सिविल कोर्ट में मामला दायर करने की छूट दी है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रमुख पक्षकार बनाया था.

बिलासपुर यदुनंदन नगर निवासी गणेश नायडू हाई कोर्ट में भृत्य के पद पर कार्यरत थे. 16 जून 2010 को सेवा के दौरान इनकी मृत्यु हो गई. पत्नी पूजा नायडू पहले से ही हाईकोर्ट में कार्यरत थीं. पति की मौत के बाद पत्नी पूजा की भी सेवाकाल के दौरान ही मृत्यु हो गई. मां की मृत्यु के बाद बेटी ऋचा नायडू को अनुकंपा नियुक्ति दी गई. बाद में सेवा से हटा दिया गया.

उसलापुर निवासी नीलकांत नायडू ने 9 फरवरी 2022 को खुद को गणेश नायडू का पुत्र और आश्रित बताते हुए अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया. 26 मई 2022 को उसका आवेदन खारिज कर दिया गया. आवेदन खारिज होने के बाद नीलकांत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग की.

मामले की सुनवाई के दौरान नायडू द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी ने अपने नामांकन फॉर्म में पत्नी पूजा नायडू और बेटी ऋचा नायडू को नामांकित किया था. परिवार सूची में याचिकाकर्ता का नाम नहीं था. पूजा नायडू ने हलफनामा देकर कहा था कि गणेश नायडू से उसकी केवल एक बेटी ऋचा है. बाकी बच्चे उनके पति के बड़े भाई के हैं.

याचिकाकर्ता ने इसके जवाब में मृतक कर्मचारी की भाभी उषा मूर्ति का शपथ पत्र प्रस्तुत किया. इसमें बताया गया था कि गणेश नायडू की दो पत्नियां रेशमा और पूजा थीं. याचिकाकर्ता रेशमा से जन्मा बेटा है. ऋचा नायडू को दी गई अनुकंपा नियुक्ति वापस ली जा चुकी है. बाकी बेटियां दावा नहीं कर रहीं, इसलिए उसे नियुक्ति दी जाए. इसके साथ ही 14 जून 2013 के सर्कुलर का हवाला दिया गया जिसमें आश्रित पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार बताया गया है.

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाया कि मृतक कर्मचारी उसके पिता थे और वह उनका बेटा है. केवल परिवार सूची में नाम होने से नियुक्ति का अधिकार नहीं बनता. पूजा नायडू ने हलफनामें में स्पष्ट किया था कि ऋचा ही उसकी एकमात्र बेटी है, यह हलफनामा सर्विस बुक का हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी की मृत्यु के समय पत्नी सेवा में थी, नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं बनता.