सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति को लेकर दिशा-निर्देश किया गया जारी

रायपुर- स्थानांतरण नीति को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। कल साय कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति को मंजूरी दी गयी थी। आज सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण नीति का अनुमोदन किया गया था। जिसके तहत जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से होंगे, आवेदन 6 जून से 13 जून तक स्वीकार किए जाएंगे।

न्यूनतम दो वर्ष सेवा अनिवार्य है, गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवा निवृत्ति से पूर्व एक वर्ष के मामलों में विशेष सुविधा मिलेगी। अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरण हेतु एवजीदार अनिवार्य है, साथ ही सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष प्रयास रहेगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचाारियों में अधिकतम 15 प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकेंगे। परीविक्षाधीन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।

पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर के सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण जारी कर उसी तिथि को आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग को मेल करना होगा।

स्थानांतरण के विरूद्ध 15 दिन में राज्य स्तरीय समिति को अभ्यावेदन किया जा सकेगा। 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, अत्यंत आवश्यक होने पर समन्वय में अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण किया जा सकेगा।

मूंछ वालों से लेकर पहुंच वालों तक का हमें करना पड़ता है काम, अगर अब प्रदर्शन नहीं करेंगे तो हमेशा रोना पड़ेगा

रायपुर- चौखट से लेकर मरघट तक हमकों काम करना पड़ता है. मूंछ वालों से लेकर पहुंच वालों तक का हमें काम करना पड़ता है. अगर हम प्रदर्शन नहीं करेंगे तो हम हमेशा रोना पड़ेगा. यह गुस्सा रायपुर निगम मुख्यालय में निगम कर्मियों के साथ प्रदर्शन कर रहे जोन कमिश्नर संतोष पांडे का एक दिन पहले जोन 8 कार्यालय में हुई घटना को लेकर फूटा था.

दरअसल, बुधवार को अतिक्रमणकारी जोन 8 कार्यालय में पहुंचे थे, जहां उन्होंने न केवल पुलिस के साथ झूमा-झटकी की, बल्कि निगम के वाहनों में तोड़-फोड़ करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह की भी कोशिश की थी. घटना के विरोध में रायपुर के जोन कमिश्नर, असिस्टेंट इंजीनियर, जेई समेत तमाम कर्मचारियों ने काम बंद कर आज निगम मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

महापौर मीनल चौबे के शहर से बाहर होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो पाने की स्थिति में नगर निगम से सभी अधिकारी-कर्मचारी कलेक्टर ऑफिस तक पैदल मार्च करने जा रहे हैं.

इसके पहले जोन 8 में घटी घटना को लेकर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने निंदा प्रस्ताव पारित कर शासन, प्रशासन महापौर को ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया था, जिसमें गुंडागर्दी करने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के साथ भविष्य में सुरक्षा के साथ ही कार्रवाई किए जाने का मांग रखी गई थी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने सौजन्य भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीमती रहाटकर का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें शॉल एवं प्रतीक चिन्ह नन्दी भेंटकर सम्मानित किया। सौजन्य मुलाकात के दौरान महिला सशक्तिकरण, बालिकाओं की सुरक्षा एवं कल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और विधायक विक्रम उसेंडी भी उपस्थित रहे।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 की मौत, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया शोक

रायपुर-  कर्नाटक के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए भगदड़ में कई लोगों की असामयिक मृत्यु एवं घायल होने की घटना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। विपदा की इस घड़ी में हम अपेक्षा करते हैं कि कर्नाटक सरकार इस घटना की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव के सभी आवश्यक कदम शीघ्रता से उठाएगी, ताकि पीड़ितों को हरसंभव सहायता मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की है।

हाई कोर्ट ने खारिज की अनुकम्पा नियुक्ति की याचिका, रजिस्ट्रार जनरल को बनाया था प्रमुख पक्षकार…

बिलासपुर- हाई कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी की मौत के 12 साल बाद खुद को मृतक कर्मचारी का बेटा होने का दावा करते हुए युवक ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया.

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता और मृत कर्मचारी के रिश्ते को लेकर विवाद है. इस विवाद का निपटारा करना दायर याचिका के क्षेत्राधिकार से बाहर है. कोर्ट ने मामले के निपटारे के लिए सिविल कोर्ट में मामला दायर करने की छूट दी है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रमुख पक्षकार बनाया था.

बिलासपुर यदुनंदन नगर निवासी गणेश नायडू हाई कोर्ट में भृत्य के पद पर कार्यरत थे. 16 जून 2010 को सेवा के दौरान इनकी मृत्यु हो गई. पत्नी पूजा नायडू पहले से ही हाईकोर्ट में कार्यरत थीं. पति की मौत के बाद पत्नी पूजा की भी सेवाकाल के दौरान ही मृत्यु हो गई. मां की मृत्यु के बाद बेटी ऋचा नायडू को अनुकंपा नियुक्ति दी गई. बाद में सेवा से हटा दिया गया.

उसलापुर निवासी नीलकांत नायडू ने 9 फरवरी 2022 को खुद को गणेश नायडू का पुत्र और आश्रित बताते हुए अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया. 26 मई 2022 को उसका आवेदन खारिज कर दिया गया. आवेदन खारिज होने के बाद नीलकांत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग की.

मामले की सुनवाई के दौरान नायडू द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी ने अपने नामांकन फॉर्म में पत्नी पूजा नायडू और बेटी ऋचा नायडू को नामांकित किया था. परिवार सूची में याचिकाकर्ता का नाम नहीं था. पूजा नायडू ने हलफनामा देकर कहा था कि गणेश नायडू से उसकी केवल एक बेटी ऋचा है. बाकी बच्चे उनके पति के बड़े भाई के हैं.

याचिकाकर्ता ने इसके जवाब में मृतक कर्मचारी की भाभी उषा मूर्ति का शपथ पत्र प्रस्तुत किया. इसमें बताया गया था कि गणेश नायडू की दो पत्नियां रेशमा और पूजा थीं. याचिकाकर्ता रेशमा से जन्मा बेटा है. ऋचा नायडू को दी गई अनुकंपा नियुक्ति वापस ली जा चुकी है. बाकी बेटियां दावा नहीं कर रहीं, इसलिए उसे नियुक्ति दी जाए. इसके साथ ही 14 जून 2013 के सर्कुलर का हवाला दिया गया जिसमें आश्रित पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार बताया गया है.

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाया कि मृतक कर्मचारी उसके पिता थे और वह उनका बेटा है. केवल परिवार सूची में नाम होने से नियुक्ति का अधिकार नहीं बनता. पूजा नायडू ने हलफनामें में स्पष्ट किया था कि ऋचा ही उसकी एकमात्र बेटी है, यह हलफनामा सर्विस बुक का हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी की मृत्यु के समय पत्नी सेवा में थी, नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं बनता.

ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात दो जवानों को पिकअप ने मारी टक्कर, चालक फरार

रायपुर- राजधानी रायपुर में एक बार फिर से हिट एंड रन का मामला सामने आया है। तेलीबांधा चौक पर बुधवार रात ड्यूटी में तैनात दो ट्रैफिक जवानों को तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। हादसे में दोनों जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना उस वक्त हुई जब जवान ट्रैफिक नियंत्रण में जुटे थे और वाहन को रोकने का प्रयास कर रहे थे।

घटना रात करीब 9 से 9:30 बजे के बीच की है, जब ट्रैफिक सिपाही केशव क्षत्रिय और रज्जब खां तेलीबांधा थाने के सामने ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान टाटीबंध की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार महाराष्ट्र पासिंग पिकअप ने ट्रैफिक सिग्नल तोड़ा और तेज रफ्तार में जवानों की ओर बढ़ गई। दोनों जवानों ने जब वाहन को रोकने की कोशिश की, तो चालक ने जानबूझकर पिकअप को उनकी ओर मोड़ दिया और उन्हें रौंदते हुए महासमुंद रोड की ओर फरार हो गया।

हादसे में घायल ट्रैफिक जवान रज्जब खान का हाथ और केशव क्षत्रिय का पैर टूट गया। दोनों को तत्काल मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों की मदद से रामकृष्ण अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

वहीं हादसे के दौरान पिकअप ने अन्य कुछ वाहनों को भी टक्कर मारी है। घटना के बाद से ही आरोपी चालक फरार है, लेकिन वाहन का नंबर ट्रेस कर लिया गया है और उसकी तलाश जारी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दीं

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन मानव और प्रकृति के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाया गया 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान एक व्यापक जन अभियान बन गया है। वृक्षों को कटने से बचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए और दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना चाहिए, जिससे हम प्रदूषण रहित, स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।

मानव तस्करी पर विराम लगाने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने आरपीएफ और राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मिलाया हाथ

बिलासपुर- मानव तस्करी समय के साथ बड़ा विषय बनता जा रहा है. इस विषय पर राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजया के. रहाटकर के तत्वावधान एवं सहयोग से रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा आयोजित “मानव तस्करी रोधी जागरूकता” कार्यशाला का आयोजन रेलवे के एनई इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम बिलासपुर में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिलासपुर नगर निगम महापौर पूजा विधानी उपस्थित रहीं.

इस कार्यशाला में बिलासुपर रेंज पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, बिलासपुर रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त मुनव्वर खुर्शीद, बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता नौशीना आफरीन अली, रामावतार सिंह, गुंजन सिंह, लक्ष्मी वर्मा, आशा दुबे, राज्य महिला आयोग पुष्पा कुजूर, रमन कुमार, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त रेसुब दिनेश सिंह तोमर, नागपुर मंडल सुरक्षा आयुक्त दीपचन्द्र आर्या एवं बिलासपुर रेलवे के वरिष्ठ विधि सलाहकार अमिया कुमार, उपस्थित रहें.

कार्यशाला के शुभारम्भ में बिलासपुर रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त मुनव्वर खुर्शीद ने मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों को शॉल एवं श्रीफल देकर स्वागत किया. कार्यशाला में मानव तस्करी की रोकथाम डॉ. संजीव शुक्ला, नौशीना आफ़रीन अली, व अमिया कुमार ने मानव तस्करी की रोकथाम के लिए अपनी बातें कही, जो काफी मददगार साबित होगी.

इस कार्यशाला के समापन पर बिलासपुर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त दिनेश सिंह तोमर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को इस कार्यशाला को बिलासपुर रेलवे में आयोजित किए जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया. कार्यशाला में रेलवे सुरक्षा बल, राष्ट्रीय महिला आयोग, पुलिस बल, रेलवे टीटीई, बाल विकास, अन्य एनजीओ, लायन्स क्लब एवं सोशल वर्कर सहित कुल 326 लोगों ने भाग लिया.

भू-राजस्व संहिता की पुरानी सभी अधिसूचनाएं रद्द, अधिकारियों को नए सिरे से सौंपे गए अधिकार

रायपुर- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 के अंतर्गत पूर्व में जारी सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है. यह निर्णय 01 जनवरी 2024 से प्रभावशील सभी अधिसूचनाओं को निरस्त कर उनके स्थान पर नवीन अधिकारों का पुनर्निर्धारण करने के उद्देश्य से लिया गया है.

नवीन अधिसूचना के अनुसार, संहिता की धाराओं 60, 222, 223, 224 एवं 226 के अंतर्गत अब उप खण्ड अधिकारियों को कलेक्टर के समान अधिकार प्रदान किए गए हैं, लेकिन यह अधिकार उन्हीं सीमाओं में प्रभावी होंगे जो उन्हें कलेक्टर द्वारा सौंपे गए हैं.

नगरीय क्षेत्र की भूमि के संबंध में उपखण्ड अधिकारी की शक्तियों और संहिता की धारा 93 एवं 94 के अधीन कलेक्टर की शक्तियां नजूल अधिकारी के रूप में कार्यरत संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर को होगी तथा नजूल अधिकारी के आदेशों की अपील धारा 44 के तहत कलेक्टर को होगी. संहिता की धारा 143 के अंतर्गत उपखंड अधिकारी की शक्तियां क्षेत्राधिकार में होगी. समस्त तहसीलदार को उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार में होगी.

जारी अधिसूचना में संहिता के अधीन समस्त स्थायी नायब तहसीलदारों, जो नायब तहसीलदार के पद पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति हुए हों, 2 वर्ष की सेवा पूरी की हो एवं विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण हों, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी.

समस्त स्थायी नायब तहसीलदारों जिन्होंने सीमित भर्ती परीक्षा पदोन्नति से नियुक्ति प्राप्त की हो एवं नायब तहसीलदार के पद पर 02 वर्ष की सेवा पूरी हो, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी. इसी तरह समस्त अधीक्षक भू-अभिलेख एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, जिन्हें तहसीलदार या नायब तहसीलदार के प्रभार का निर्वहन करने के लिए कलेक्टर द्वारा क्षेत्राधिकार आबंटित किए जाएं, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी.

संहिता की धारा 128 (2) एवं 130 तथा अविवादित मामलों के संबंध में धारा 110, 178, 178-क एवं 178-ख के अंतर्गत तहसीलदार की शक्तियां छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम,1993 के अधीन गठित ग्राम पंचायतों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

संहिता की धारा 248 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों एवं धारा 248 एवं 172 के अंतर्गत उपखंड अधिकारी की शक्तियां, नया रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर के क्रमशः सहायक प्रबंधक (भूमि) को एवं उप-प्रबंधक (भूमि) को प्राधिकरण की भूमि में होगी.संहिता की धारा 248 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों लोक निर्माण के उपखंड के प्रभार वाले सहायक यंत्रियों और कनिष्ठ यंत्रियों को लोक निर्माण विभाग की भूमि के संबंध में उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार में होगी.

संहिता की धारा 146 एवं 147 के अधीन तहसीलदार की शक्तियाँ, विक्रय कर पदाधिकारियों, अपर विक्रय कर पदाधिकारियों एवं सहायक विक्रय कर पदाधिकारियों को, इनके आदेशों के संबंध में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियों सहायक विक्रय कर आयुक्तों को तथा इनके आदेशों के संबंध में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियों उपायुक्त विक्रय कर को उनके क्षेत्राधिकार में छत्तीसगढ़ जनरल टैक्स एक्ट, 1958, सेन्ट्रल सेल्स टैक्स एक्ट, 1956, छत्तीसगढ़ शुगर केन (परचेज टैक्स) एक्ट, 1961, छत्तीसगढ़ वृत्ति व्यापार आजीविका एवं सेवायोजन कर अधिनियम, 1966, छत्तीसगढ़ विक्रय राशि तथा क्रय राशि पर कर अधिनियम, 1972, छत्तीसगढ़ स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 1976, छत्तीसगढ़ उपकर अधिनियम, 1981, होटल तथा वासगृहों में विलास पर कर अधिनियम, 1988, के अधीन कर के बकाया की वसूली के लिए होगी.

संहिता की धारा 146 एवं 147 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों,समस्त उपखंड अधिकारी (वन) को उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार के भीतर, भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 82 के अधीन भू-राजस्व की बकाया के रूप में वसूली योग्य धन की वसूली के लिए होगी. समस्त पंचायत तथा समाज कल्याण संगठकों को निदेश पंचायत अधिनियम के अधीन भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूल की जाने वाली समस्त बकाया कर के संबंध में होगी.

समस्त जिला पंजीयक एवं कलेक्टर स्टाम्प को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर बकाया की वसूली के लिये होगी. जिला उद्योग केन्द्रों के समस्त महाप्रबंधकों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर मार्जिन मनी की बकाया की वसूली के लिये होगी. जल संसाधन विभाग के उपखंडों में कार्यरत समस्त उपयंत्रियों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर धारा 155 के अधीन भू-राजस्व की बकाया के तौर पर जल करों की वसूली के लिए होगी.

समस्त सहायक जिला आबकारी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम, 1915 तथा छत्तीसगढ़ मनोरंजन शुल्क एवं विज्ञापन कर अधिनियम, 1936 के अधीन बकाया की वसूली के लिए उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के अधीन स्थापित समस्त विकास प्राधिकरणों में कार्यरत सभी संपदा अधिकारियों को अधिनियम की धारा 63 क के अधीन बकाया की वसूली के लिये उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी. विद्युत मंडल के अपर अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अपर कार्यपालन यंत्री तथा सहायक यंत्री को विद्युत मंडल की बकाया की वसूली के लिये उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय से छत्तीसगढ़ को डिजिटल कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात, 83 गांवों को मिलेगी 4G सेवा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती व आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा स्थानीय विधायक रेणुका सिंह के अनुरोध पर लिया गया। इस कदम से “डिजिटल इंडिया” मिशन को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

त्वरित कार्रवाई में दिखी संकल्प की दृढ़ता

विधायक रेणुका सिंह द्वारा अपने क्षेत्र में नेटवर्क की गंभीर समस्याओं को उठाए जाने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ने तत्काल दूरसंचार विभाग को सर्वेक्षण के निर्देश दिए। सर्वेक्षण के आधार पर भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के 83 गांवों को 4G सैचुरेशन योजना और LWE Phase-1 Upgradation परियोजना में शामिल कर लिया गया है।

सर्वेक्षण ने उजागर की डिजिटल असमानता

रायगढ़ जिले के सीमावर्ती अंचलों में किए गए विश्लेषण में यह सामने आया कि 27 गांवों में पहले से 4G सेवाएं उपलब्ध थीं, लेकिन शेष गांवों में नेटवर्क की बेहद कमी थी। अब अमृतपुर, गरनई, नेवादिह, नटवाही, सोनहारी सहित अन्य गांवों में 4G सेवा विस्तार का कार्य शुरू किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री संचार मंत्री का विधायक रेणुका सिंह ने व्यक्त किया आभार

विधायक रेणुका सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा “विधानसभा चुनाव के दौरान मैंने क्षेत्र की जनता से हर गांव को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का वादा किया था। आज वह संकल्प पूरा होता देखना गर्व और संतोष का क्षण है।”

डिजिटल क्रांति से बदलेगा ग्रामीण जीवन

इस कनेक्टिविटी विस्तार से क्षेत्र के ग्रामीणों को अनेक लाभ मिलेंगे। विद्यार्थियों को जहां ऑनलाइन शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारियों तक त्वरित पहुंच प्राप्त होगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह डिजिटल सशक्तिकरण न केवल सूचना तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।

जल्द जुड़ेंगे और भी गांव

अगली सूची में आनंदपुर, घटमा, भुमका, नारायणपुर, कछाड़ी, मेंड्रा और पटपरटोला जैसे गांवों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में और भी गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

संचार मंत्रालय कर रहा है मिशन मोड में कार्य

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में संचार मंत्रालय देश के हर कोने में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में कार्यरत है। यह निर्णय उसी निरंतर प्रयास का प्रमाण है, जो ग्रामीण भारत को डिजिटल भारत से जोड़ने की दिशा में किया जा रहा है।