मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दीं

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन मानव और प्रकृति के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाया गया 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान एक व्यापक जन अभियान बन गया है। वृक्षों को कटने से बचाने के साथ-साथ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए और दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना चाहिए, जिससे हम प्रदूषण रहित, स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।

मानव तस्करी पर विराम लगाने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने आरपीएफ और राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मिलाया हाथ

बिलासपुर- मानव तस्करी समय के साथ बड़ा विषय बनता जा रहा है. इस विषय पर राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजया के. रहाटकर के तत्वावधान एवं सहयोग से रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा आयोजित “मानव तस्करी रोधी जागरूकता” कार्यशाला का आयोजन रेलवे के एनई इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम बिलासपुर में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिलासपुर नगर निगम महापौर पूजा विधानी उपस्थित रहीं.

इस कार्यशाला में बिलासुपर रेंज पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, बिलासपुर रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त मुनव्वर खुर्शीद, बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता नौशीना आफरीन अली, रामावतार सिंह, गुंजन सिंह, लक्ष्मी वर्मा, आशा दुबे, राज्य महिला आयोग पुष्पा कुजूर, रमन कुमार, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त रेसुब दिनेश सिंह तोमर, नागपुर मंडल सुरक्षा आयुक्त दीपचन्द्र आर्या एवं बिलासपुर रेलवे के वरिष्ठ विधि सलाहकार अमिया कुमार, उपस्थित रहें.

कार्यशाला के शुभारम्भ में बिलासपुर रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त मुनव्वर खुर्शीद ने मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों को शॉल एवं श्रीफल देकर स्वागत किया. कार्यशाला में मानव तस्करी की रोकथाम डॉ. संजीव शुक्ला, नौशीना आफ़रीन अली, व अमिया कुमार ने मानव तस्करी की रोकथाम के लिए अपनी बातें कही, जो काफी मददगार साबित होगी.

इस कार्यशाला के समापन पर बिलासपुर वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त दिनेश सिंह तोमर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को इस कार्यशाला को बिलासपुर रेलवे में आयोजित किए जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया. कार्यशाला में रेलवे सुरक्षा बल, राष्ट्रीय महिला आयोग, पुलिस बल, रेलवे टीटीई, बाल विकास, अन्य एनजीओ, लायन्स क्लब एवं सोशल वर्कर सहित कुल 326 लोगों ने भाग लिया.

भू-राजस्व संहिता की पुरानी सभी अधिसूचनाएं रद्द, अधिकारियों को नए सिरे से सौंपे गए अधिकार

रायपुर- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 के अंतर्गत पूर्व में जारी सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है. यह निर्णय 01 जनवरी 2024 से प्रभावशील सभी अधिसूचनाओं को निरस्त कर उनके स्थान पर नवीन अधिकारों का पुनर्निर्धारण करने के उद्देश्य से लिया गया है.

नवीन अधिसूचना के अनुसार, संहिता की धाराओं 60, 222, 223, 224 एवं 226 के अंतर्गत अब उप खण्ड अधिकारियों को कलेक्टर के समान अधिकार प्रदान किए गए हैं, लेकिन यह अधिकार उन्हीं सीमाओं में प्रभावी होंगे जो उन्हें कलेक्टर द्वारा सौंपे गए हैं.

नगरीय क्षेत्र की भूमि के संबंध में उपखण्ड अधिकारी की शक्तियों और संहिता की धारा 93 एवं 94 के अधीन कलेक्टर की शक्तियां नजूल अधिकारी के रूप में कार्यरत संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर को होगी तथा नजूल अधिकारी के आदेशों की अपील धारा 44 के तहत कलेक्टर को होगी. संहिता की धारा 143 के अंतर्गत उपखंड अधिकारी की शक्तियां क्षेत्राधिकार में होगी. समस्त तहसीलदार को उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार में होगी.

जारी अधिसूचना में संहिता के अधीन समस्त स्थायी नायब तहसीलदारों, जो नायब तहसीलदार के पद पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति हुए हों, 2 वर्ष की सेवा पूरी की हो एवं विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण हों, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी.

समस्त स्थायी नायब तहसीलदारों जिन्होंने सीमित भर्ती परीक्षा पदोन्नति से नियुक्ति प्राप्त की हो एवं नायब तहसीलदार के पद पर 02 वर्ष की सेवा पूरी हो, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी. इसी तरह समस्त अधीक्षक भू-अभिलेख एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, जिन्हें तहसीलदार या नायब तहसीलदार के प्रभार का निर्वहन करने के लिए कलेक्टर द्वारा क्षेत्राधिकार आबंटित किए जाएं, को उन्हें कलेक्टर से आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगी.

संहिता की धारा 128 (2) एवं 130 तथा अविवादित मामलों के संबंध में धारा 110, 178, 178-क एवं 178-ख के अंतर्गत तहसीलदार की शक्तियां छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम,1993 के अधीन गठित ग्राम पंचायतों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

संहिता की धारा 248 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों एवं धारा 248 एवं 172 के अंतर्गत उपखंड अधिकारी की शक्तियां, नया रायपुर विकास प्राधिकरण, रायपुर के क्रमशः सहायक प्रबंधक (भूमि) को एवं उप-प्रबंधक (भूमि) को प्राधिकरण की भूमि में होगी.संहिता की धारा 248 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों लोक निर्माण के उपखंड के प्रभार वाले सहायक यंत्रियों और कनिष्ठ यंत्रियों को लोक निर्माण विभाग की भूमि के संबंध में उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार में होगी.

संहिता की धारा 146 एवं 147 के अधीन तहसीलदार की शक्तियाँ, विक्रय कर पदाधिकारियों, अपर विक्रय कर पदाधिकारियों एवं सहायक विक्रय कर पदाधिकारियों को, इनके आदेशों के संबंध में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियों सहायक विक्रय कर आयुक्तों को तथा इनके आदेशों के संबंध में द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियों उपायुक्त विक्रय कर को उनके क्षेत्राधिकार में छत्तीसगढ़ जनरल टैक्स एक्ट, 1958, सेन्ट्रल सेल्स टैक्स एक्ट, 1956, छत्तीसगढ़ शुगर केन (परचेज टैक्स) एक्ट, 1961, छत्तीसगढ़ वृत्ति व्यापार आजीविका एवं सेवायोजन कर अधिनियम, 1966, छत्तीसगढ़ विक्रय राशि तथा क्रय राशि पर कर अधिनियम, 1972, छत्तीसगढ़ स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 1976, छत्तीसगढ़ उपकर अधिनियम, 1981, होटल तथा वासगृहों में विलास पर कर अधिनियम, 1988, के अधीन कर के बकाया की वसूली के लिए होगी.

संहिता की धारा 146 एवं 147 के अधीन तहसीलदार की शक्तियों,समस्त उपखंड अधिकारी (वन) को उन्हें आबंटित क्षेत्राधिकार के भीतर, भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 82 के अधीन भू-राजस्व की बकाया के रूप में वसूली योग्य धन की वसूली के लिए होगी. समस्त पंचायत तथा समाज कल्याण संगठकों को निदेश पंचायत अधिनियम के अधीन भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूल की जाने वाली समस्त बकाया कर के संबंध में होगी.

समस्त जिला पंजीयक एवं कलेक्टर स्टाम्प को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर बकाया की वसूली के लिये होगी. जिला उद्योग केन्द्रों के समस्त महाप्रबंधकों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर मार्जिन मनी की बकाया की वसूली के लिये होगी. जल संसाधन विभाग के उपखंडों में कार्यरत समस्त उपयंत्रियों को उनके क्षेत्राधिकार के भीतर धारा 155 के अधीन भू-राजस्व की बकाया के तौर पर जल करों की वसूली के लिए होगी.

समस्त सहायक जिला आबकारी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम, 1915 तथा छत्तीसगढ़ मनोरंजन शुल्क एवं विज्ञापन कर अधिनियम, 1936 के अधीन बकाया की वसूली के लिए उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के अधीन स्थापित समस्त विकास प्राधिकरणों में कार्यरत सभी संपदा अधिकारियों को अधिनियम की धारा 63 क के अधीन बकाया की वसूली के लिये उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी. विद्युत मंडल के अपर अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अपर कार्यपालन यंत्री तथा सहायक यंत्री को विद्युत मंडल की बकाया की वसूली के लिये उनके क्षेत्राधिकार के भीतर होगी.

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय से छत्तीसगढ़ को डिजिटल कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात, 83 गांवों को मिलेगी 4G सेवा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती व आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा स्थानीय विधायक रेणुका सिंह के अनुरोध पर लिया गया। इस कदम से “डिजिटल इंडिया” मिशन को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

त्वरित कार्रवाई में दिखी संकल्प की दृढ़ता

विधायक रेणुका सिंह द्वारा अपने क्षेत्र में नेटवर्क की गंभीर समस्याओं को उठाए जाने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ने तत्काल दूरसंचार विभाग को सर्वेक्षण के निर्देश दिए। सर्वेक्षण के आधार पर भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के 83 गांवों को 4G सैचुरेशन योजना और LWE Phase-1 Upgradation परियोजना में शामिल कर लिया गया है।

सर्वेक्षण ने उजागर की डिजिटल असमानता

रायगढ़ जिले के सीमावर्ती अंचलों में किए गए विश्लेषण में यह सामने आया कि 27 गांवों में पहले से 4G सेवाएं उपलब्ध थीं, लेकिन शेष गांवों में नेटवर्क की बेहद कमी थी। अब अमृतपुर, गरनई, नेवादिह, नटवाही, सोनहारी सहित अन्य गांवों में 4G सेवा विस्तार का कार्य शुरू किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री संचार मंत्री का विधायक रेणुका सिंह ने व्यक्त किया आभार

विधायक रेणुका सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा “विधानसभा चुनाव के दौरान मैंने क्षेत्र की जनता से हर गांव को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का वादा किया था। आज वह संकल्प पूरा होता देखना गर्व और संतोष का क्षण है।”

डिजिटल क्रांति से बदलेगा ग्रामीण जीवन

इस कनेक्टिविटी विस्तार से क्षेत्र के ग्रामीणों को अनेक लाभ मिलेंगे। विद्यार्थियों को जहां ऑनलाइन शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारियों तक त्वरित पहुंच प्राप्त होगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह डिजिटल सशक्तिकरण न केवल सूचना तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।

जल्द जुड़ेंगे और भी गांव

अगली सूची में आनंदपुर, घटमा, भुमका, नारायणपुर, कछाड़ी, मेंड्रा और पटपरटोला जैसे गांवों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में और भी गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

संचार मंत्रालय कर रहा है मिशन मोड में कार्य

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में संचार मंत्रालय देश के हर कोने में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में कार्यरत है। यह निर्णय उसी निरंतर प्रयास का प्रमाण है, जो ग्रामीण भारत को डिजिटल भारत से जोड़ने की दिशा में किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से शिक्षा में नया संतुलन, दूरस्थ अंचल के स्कूलों के बच्चों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।

कोरबा जिले के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अब न्यूनतम दो व तीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। 287 सहायक शिक्षक, 147 माध्यमिक शिक्षक और 75 व्याख्याताओं को काउंसलिंग के माध्यम से ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया है, जहां शिक्षक की जरूरत थी। इससे पोड़ी उपरोड़ा, पाली, करतला, कटघोरा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षकविहीन रहे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञों शिक्षक स्कूलों में उपलब्ध होंगे।

रायपुर के धरसीवां विकासखंड में कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षक अधिक पदस्थ हैं। नयापारा कन्या स्कूल में 33 छात्राओं पर 7 शिक्षक तथा रविग्राम में 82 विद्यार्थियों पर 8 शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इन शिक्षकों को आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात का संतुलन कायम होने के साथ ही दूरस्थ इलाकों के बच्चों को भी अध्यापन के लिए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

इसी तरह शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन के चलते राजनांदगांव और दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों के परीक्षा परिणामों में गिरावट आई है। राजनांदगांव के घोटिया स्कूल में 103 छात्रों पर मात्र 3 व्याख्याता हैं, वहीं दुर्ग के मुरमुदा, सिलितरा और बिरेझर जैसे स्कूलों में पर्याप्त संख्या में व्याख्याता न होने के कारण इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। इसके उलट शहरी स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण से अब इस असमानता को दूर किया जा रहा है।

बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में कुल 1611 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक संसाधनों का समुचित वितरण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, खेल सामग्री जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, एक ही परिसर में संचालित शालाओं का एकीकरण कर प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। कमोवेश यह स्थिति कोरिया जिले में मिली, जिसके कारण जिले में 81 सहायक शिक्षक, 33 शिक्षक व 7 व्याख्याताओं को ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया, जहां शिक्षकों की जरूरत रही है। जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित की जा रही है और अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ किया जा रहा है।

सरगुजा जिले में भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 283 सहायक शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा गया है, जहां शिक्षकों की जरूरत थी। जांजगीर जिले में 18 प्रधान पाठक, 196 शिक्षक और 436 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी व वरिष्ठता प्रणाली के आधार पर पूर्ण की गई। चयनित शिक्षकों को तत्काल पदस्थापना आदेश भी दे दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह नीति न केवल शैक्षणिक असमानताओं को दूर कर रही है, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।

IAS सौरभ कुमार जायेंगे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, राजस्व विभाग में बनेंगे निदेशक

रायपुर- छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी सौरभ कुमार को केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली स्थित वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति भारत सरकार की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति योजना के तहत की गई है। 

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) भारत सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें तत्काल प्रभाव से वर्तमान दायित्वों से मुक्त कर दिल्ली में अपने नए पद का कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं.

जानिए कौन हैं आईएएस सौरभ कुमार

सौरभ कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने बी.टेक (इलेक्ट्रॉनिक्स) की डिग्री प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (MNNIT) से प्राप्त की है।

आईएएस सौरभ कुमार को 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों “नवाचार में उत्कृष्टता” के लिए सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते हुए नक्सल प्रभावित पालनार गांव को कैशलेस गांव में बदलने के लिए मिला था। इस कार्य को नोटबंदी के बाद एक बड़ी सफलता माना गया था।

विधायक कॉलोनी के लिए नहीं उजाड़ा जाएगा नकटी गांव, ग्रामीणों को परेशान होने की जरूरत नहीं- बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर- राजधानी से लगे नकटी गांव के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधायक कॉलोनी के लिए नकटी गांव को नहीं उजाड़ा जाएगा. नकटी में विधायक कॉलोनी बनाने का प्रस्ताव आज से नहीं पिछले 10 सालों से है. पहले भी इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाया था. अब भी किसी के घर को नहीं उजाड़ा जाएगा.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, नकटी गांव के पास और भी 17 एकड़ जमीन खाली है. वहां विधायक कॉलोनी बनाया जाएगा. अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि किसी का घर नहीं उजाड़ा जाएगा. वहां 10-15 घर प्रधानमंत्री आवास का भी है. किसी भी व्यक्ति को बेघर नहीं किया जाएगा. गांव वालों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

बेदखली का नोटिस मिलने पर 10 दिनों से प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण

बता दें कि राजधानी रायपुर के सम्मानपुर (नकटी) गांव के 80 से अधिक परिवारों को बेदखली का नोटिस मिला है. इसका विरोध करते हुए नकटी के ग्रामीण 10 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनके पूर्वजों की जमीन पर विधायकों के लिए कॉलोनी बनाने का फैसला किया है, इसलिए उन्हें हटाया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ग्रामीणों ने गांव की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है, इसलिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है. ग्रामीणों के मुताबिक ‘शामिलात चारागाह’ (चारागाह के लिए आरक्षित भूमि) के रूप में वर्गीकृत भूमि उनके पूर्वजों की थी और वहां बने घरों में से लगभग 30 घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए हैं.

6वीं मंजिल से कूदकर युवती ने की आत्महत्या

रायपुर- राजधानी रायपुर से आत्महत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। अमलीडीह इलाके में स्थित साईं ड्रीम्स सोसाइटी के 6 वें मंजिल से कूदकर एक युवती ने जान दे दी है। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है। यह मामला न्यू राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है।

मृतिका की पहचान 27 वर्षीय जसविंदर कौर उर्फ जैसी के रूप में हुई है। जो मूल रूप से भिलाई के खुर्सीपार की रहने वाली थी। जैसी बीते कुछ समय से मानसिक तनाव में थी। मिली जानकारी के अनुसार, उसका पूर्व प्रेमी उसे लगातार परेशान कर रहा था। बीती रात दोनों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद जैसी ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। घटना के बाद न्यू राजेंद्र नगर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

16 जिलों में युक्तियुक्तकरण के लिए शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूर्ण

रायपुर-  राज्य शासन के दिशा निर्देशानुसार राज्य के 16 जिलों के अतिशेष 4456 सहायक शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख़्याताओं की काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। अब तक 4456 से अधिक शिक्षकों को नवीन पदस्थापना जारी कर दी गयी है। कोरबा, सुकमा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, मनेन्द्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ति, जशपुर, कोरबा, मुंगेली, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, दुर्ग, राजनादगांव, बालोद, बीजापुर और सूरजपुर में काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। अतिशेष शिक्षकों का वरिष्ठता के आधार पर काउंसलिंग की गई। शेष जिलों में काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी है। काउंसिलिंग प्रक्रिया में शिक्षकों द्वारा रिक्त स्थानों में से अपने पसंद के विद्यालयों का चयन किया।

राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे। उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है। स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके। इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

सरकार की मंशा साफ है, हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यही वजह है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शिक्षकों की तैनाती सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से हो। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस बदलाव है, जिससे आने वाली पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी।

प्रापर्टी डीलर से मारपीट के मामले में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर के घर पहुंची पुलिस, सोना के साथ लाखों का कैश जब्त, कारतूस और पिस्टल भी बरामद…

रायपुर- राजधानी के वीआईपी रोड स्थित रेस्टोरेंट में प्रॉपर्टी डीलर से मारपीट के मामले में 25 सदस्यीय क्राइम ब्रांच की टीम ने हिस्ट्री शीटर रोहित तोमर के घर दबिश दी. कार्रवाई के दौरान दस्तावेजों के साथ लाखों के कैश बरामद होने की खबर है. घटना के बाद से दोनों भाई रोहित और वीरेंद्र तोमर अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं.

पीड़ित के थाने में एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस की टीम कोर्ट से सर्च वॉरेंट लेकर बदमाशों के घर पहुंची थी. जानकारी के अनुसार, 15 घंटे तक चली पुलिस टीम की कार्रवाई में बदमाश रोहित तोमर के घर से डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं.

इसके अलावा सोना और लाखों रुपए कैश के अलावा पिस्टल, कारतूस और जमीन से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए जाने की जानकारी है. इसके साथ थार गाड़ी के साथ बीएमडब्ल्यू कार भी जब्त की गई है. फिलहाल, रोहित और वीरेंद्र तोमर के संबंध में जानकारी के लिए पुलिस उनके परिजनों को पूछताछ के लिए थाने ले गई है.

बता दें कि पीड़ित सड्ढू कैपिटल सिटी फेस-01 निवासी दशमीत चावला उर्फ निक्की ने रोहित तोमर पर जानलेवा हमला, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में पीड़ित ने बताया कि वह 31 मई की रात अपने दोस्त हरीश बेलानी के साथ खाना खाने LOD रेस्टोरेंट गया था. रात लगभग 12.15 बजे जब वह बाहर निकल रहा था, तभी रोहित तोमर ने पुरानी रंजिश को लेकर उसे गालियां देना शुरू कर दिया. विरोध करने पर रोहित ने पीड़ित के साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट शुरू कर दी.

पीड़ित दशमीत ने बताया कि रोहित तोमर पास पड़े एक डंडे से उस पर हमला करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मौके पर मौजूद रेस्टोरेंट के बाउंसरों ने डंडा छीनकर बीच-बचाव किया. इसके बावजूद रोहित के साथ मौजूद प्राइवेट बाउंसरों ने पीड़ित को पकड़ लिया और रोहित ने उसके साथ मारपीट की, जिससे उसके चेहरे और कंधे पर चोटें आई है. घटना की जानकारी जब पीड़ित ने अपने बड़े भाई दलजीत चावला को फोन पर दी तो रोहित तोमर ने उन्हें भी मोबाइल पर अश्लील गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित की शिकायत पर तेलीबांधा थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर दी है.