जेडी वेंस के बच्चों को पीएम मोदी में दिखी दादाजी की झलक, अमेरिकी उपराष्ट्रपति की पत्नी ने किया खुलासा

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस हाल ही में परिवार के साथ भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने पत्नी उषा वेंस और बच्चों के साथ देश के कई राज्यों का दौरा किया था। अब उषा वेंस ने भारत की खूब तारीफ की है। उषा वेंस ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात वाकई बहुत खास रही। उन्होंने यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम में बातचीत के दौरान कहा कि मेरे बच्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दादा की तरह समझा।

उषा वेंस ने कहा, हमें उनसे पहले भी मिलने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि पेरिस में यात्रा के दौरान बच्चों की नींद पूरी नहीं हुई थी। वे उनींदे से थे और जब उन्होंने प्रधानमंत्री को देखा तो उनके सफेद बाल और सफेद दाढ़ी देखकर उन्हें तुरंत मान लिया कि ये उनके बाबा (दादा जी) हैं। और इस तरह वे उनसे तुरंत घुलमिल गए। उषा वेंस ने कहा, वे (बच्चे) उनसे (मोदी से) बहुत प्यार करते हैं और उन्होंने (मोदी ने) उस दिन हमारे पांच साल के बेटे को जन्मदिन का तोहफा दिया। उसके बाद तो उन्होंने बच्चों के दिल में खास जगह बना ली।

उषा बेंस ने अपनी याद साझा करते हुए कहा कि जब वेंस परिवार दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर गया था तो बच्चे दौड़ते हुए उनके पास गए और उनके गले लग गए। उषा वेंस ने कहा, वह (मोदी) बच्चों से बहुत ही प्रेम से मिले।उन्होंने कहा कि उनके पति और प्रधानमंत्री के बीच बातचीत बहुत उत्पादक थी और यह हमारे लिए उस व्यक्तिगत संबंध को मजबूत करने का एक वास्तविक अवसर था, जो मुझे लगता है कि केवल अच्छे के लिए है।

कोरोना वायरस को लेकर बाबा वेंगा की भविष्यवाणी, जानें कितने बिगड़ेंगे हालात

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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में तेजी देखी जा रही है। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 4 हजार के पार हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना के कुल एक्टिव केस 4026 हैं। इस बीच बाबा वेंगा की कोरोना वायरस के लौटने की भविष्यवाणी वायरल हो गई है। बुल्गारिया की भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने अपनी किताब में कोरोना की पहली लहर के बारे में जिक्र किया था। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि साल 2020 में एक अनजाना वायरस आएगा।

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बुल्गारिया की भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की साल 1999 में आई किताब The Future As I See It ने दुनिया का ध्यान फिर से तब खींचा। उन्होंने किताब में जिक्र किया कि साल 2020 में एक अज्ञात वायरस आएगा, जो अप्रैल में चरम पर पहुंचेगा और फिर 10 साल बाद लौटेगा। उन्होंने आगे अनुमान जताया कि ये ज्यादा तबाही के साथ लौटेगा। ऐसे में बहुत से लोगों का मानना है कि 2025 में होने वाला छोटा सा उभार किसी बड़ी तबाही का संकेत है।

बता दें कि भारत समेत कई देशों में नए मामलों में अचानक उछाल देखा गया। हालांकि यह उतना भयावह नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और वैज्ञानिकों में फिर से हलचल है। वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 तक कोविड-19 के कुल 70.4 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमे से 70 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है।

कमल हासन पर भड़का हाईकोर्ट, बयान को बताया असंवेदनशील और विभाजनकारी

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साउथ सुपरस्टार कमल हासन को कर्नाटक हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनकी ‘कन्नड़ की उत्पत्ति तमिल से’ वाली टिप्पणी को लेकर तीखी फटकार लगाई।कोर्ट ने कमल हासन को लेकर कहा है कि आप बेशक कमल हासन होंगे लेकिन आपको किसी की भावनाएं आहत करने का कोई हक नहीं है।

हासन का बयान असंवेदनशील और विभाजनकारी

जस्टिस एम नागप्रसन्ना की बेंच ने कहा कि कोई भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का हकदार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जल, भूमि और भाषा, ये तीनों हर नागरिक की पहचान से जुड़ी होती हैं। देश का विभाजन भी भाषायी आधार पर हुआ था। कोर्ट ने हासन के बयान को असंवेदनशील और विभाजनकारी बताया।

हाईकोर्ट ने की सवालों की बौछार

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कमल हासन से सवालों की बौछार कर दी। कोर्ट ने पूछा कि क्या आप इतिहासकार हैं या भाषाविद्? आप किस आधार पर यह बात कह रहे हैं? कोर्ट ने यह भी कहा कि एक माफी से सब कुछ सुलझ सकता था। राजगोपालाचारी ने भी ऐसी टिप्पणी की थी, लेकिन उन्होंने माफी मांग ली थी। कोर्ट ने उनकी अभिव्यक्ति की आजादी के दावे पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी नहीं बोला जा सकता।

क्या है पूरा मामला?

एक्टर कमल हासन ने कहा था, कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है। इस बयान के बाद कर्नाटक सरकार ने उनकी अपकमिंग फिल्म ठग लाइफ की रिलीज पर रोक लगा दी थी। कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) के इस फैसले के खिलाफ एक्टर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की है। फिल्म 5 जून को देशभर में रिलीज होनी है।

कमल हासन के प्रोडक्शन हाउस राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने याचिका में कोर्ट से कर्नाटक सरकार, पुलिस डिपार्टमेंट और फिल्म ट्रेड बॉडीज को फिल्म की रिलीज में बाधा न डालने का निर्देश देने की अपील की है। याचिका में पुलिस महानिदेशक और शहर के पुलिस आयुक्त को स्क्रीनिंग के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

कमल हासन के बयान के बाद बवाल

24 मई को आयोजित हुए फिल्म के ऑडियो लॉन्च इवेंट के दौरान कमल हासन ने कहा था कि कन्नड़ भाषा तमिल से ही जन्मी है। कन्नड़ भाषा पर दिया गया कमल हासन का बयान सामने आने के बाद पूरे कर्नाटक में उनका विरोध शुरू हो गया। कई जगह उनके पोस्टर जलाए गए और उनकी फिल्म की रिलीज रोके जाने की मांग होने लगी।

क्या है भारत की राष्ट्रीय भाषा? डीएमके नेता कनिमोझी का जवाब

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डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि स्पेन में भारत के डेलिगेशन का नेतृत्व कर रही हैं। भारत की ओर से ऐसे 7 डेलिगेशन अलग-अलग नेताओं के नेतृत्व में देशों में पहुंच रहे हैं और पाकिस्तान की पोल खोल रहे है। ये डेलिगेशन केवल पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली टीम नहीं है बल्कि भारत की एकता का भी दुनियाभर में प्रदर्शन कर रही है। इसकी एक झलक स्पेन में दिखी। जब कनिमोझी ने भारत की राष्ट्रीय भाषा को लेकर किए गए सवाल का लाजवाब करने वाला जवाब दिया। उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा, भारत की राष्ट्रीय भाषा 'अनेकता में एकता' है।

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में स्पेन में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं। स्पेन के दौरे के दौरान सांसद कनिमोझी करुणानिधि से भारत की राष्ट्रीय भाषा के को लेकर सवाल पूछा गया। मैड्रिड में भारतीय प्रवासी के एक सदस्य ने उन से भाषा को लेकर यह सवाल पूछा। जिस पर उन्होंने कहा, भारत की राष्ट्रीय भाषा ‘अनेकता में एकता’ है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एक संदेश है जिसे उनके प्रतिनिधिमंडल का मकसद दुनिया को बताना है।

केंद्र के साथ भाषा विवाद के बीच बड़ा बयान

दरअसल, यह सवाल हाल ही में तमिलनाडु में डीएमके सरकार और केंद्र के बीच भाषा को लेकर हुई तीखी झड़प के चलते सामने आई, खासकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में तीन-भाषा फॉर्मूले को लेकर बहस छिड़ गई थी।

स्पेन के विदेश मंत्री से मुलाकात

स्पेन में कनिमोझी के नेतृत्व में भारत का 'ग्रुप-6' डेलिगेशन स्पेन के विदेश मंत्री जोसे मैनुएल अल्बारेस से भी मिला। स्पेन में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि इस मुलाकात में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की स्थिति की जानकारी स्पेन को दी।

स्पेन ने आतंकवाद के खिलाफ साथ का दिया भरोसा

विदेश मंत्री अल्बारेस ने कहा कि स्पेन भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में पूरी तरह से उसके साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद कभी जीत नहीं सकता और दुनिया में शांति सबसे जरूरी है।

भारत लौटकर पीएम मोदी से मिलेंगे सर्वदलीय शिष्टमंडल में शामिल सांसद, दुनियाभर में पाक के खिलाफ चलाया मुहिम

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वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक मुहिम जारी है। आज यानी मंगलवार से शिष्टमंडलों के भारत लौटने की शुरुआत होगी। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को भारत का पक्ष समझाने गए तीन बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल आज देश वापस आ रहे हैं। वापसी के बाद सभी नेता-राजनयिक विदेश मंत्री जयशंकर और फिर पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।

पीटीआई के अनुसार, विदेश से लौटने पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने की संभावना है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न देशों की यात्रा पर गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार से लौटना शुरू करेंगे और वे मोदी के साथ बातचीत करने से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि जयशंकर प्रतिनिधिमंडल से अलग-अलग मिल सकते हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के उनसे एकसाथ मिलने की संभावना है।

भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों का दौरा कर रहे हैं। अलग-अलग दलों में शामिल 51 सांसदों के अलावा कई राजनयिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और नौकरशाह 'टीम इंडिया' की तरह पाकिस्तानी दुष्प्रचार को धराशायी करने में जुटे हैं। इन शिष्टमंडलों में शामिल सभी लोग दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों को अलग-अलग मंचों पर बेनकाब कर रहे हैं। सभी शिष्टमंडलों ने अल्जीरिया, डेनमार्क, ब्रिटेन, इथियोपिया, फ्रांस, इटली जैसे देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा। ग्रीस, बहरीन, कतर, रूस, जापान और यूएई जैसे देशों में भी दहशतगर्दों के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति बताई गई।

भारत दौरे पर आए पराग्वे के राष्ट्रपति से पीएम मोदी ने की मुलाकात, दोनों नेताओं ने आतंकवाद पर दिया कड़ा संदेश

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पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासियोज़ सोमवार को तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पेना पलासियोज़ के साथ अहम बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर बड़ी बात कह दी। पराग्वे के राष्ट्रपति का यह दौरा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है, जिसमें दिल्ली और मुंबई में प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।

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पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोज़ के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भारत और पैराग्वे एक साथ खड़े हैं। साइबर अपराध, संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी आम चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमें संतोष है कि कोविड के समय हम भारत में बने मेडिसिन पैराग्वे के साथ साझा कर सकें। हम पैराग्वे और सभी लैटिन अमेरिकी देशों के साथ काम कर सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेना के सम्मान में लंच की मेज़बानी की। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी उनसे मुलाकात की. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस बातचीत में शामिल रहे.

भारत में कोरोना की रफ्तार ने बढ़ायी दहशत, 4000 के करीब सक्रिय मामले, अब तक 32 लोगों ने तोड़ा दम

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कोरोना वायरस एक बार फिर देश में तेजी से फैल रहा है। देश में एक्टिव कोविड-19 केस की संख्या करीब 4000 तक पहुंच गई है। 2 जून को सुबह 8:00 बजे तक देश में कोरोना के सक्रिय मामले 3961 हो गए हैं। इस साल संक्रमण की वजह से होने वाली कुल मौतों का आंकड़ा 32 हो गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, बीते दिन के मुकाबले सक्रिय मरीजों की संख्या में 203 की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि इस दौरान चार लोगों ने दम तोड़ा।

बीते 24 घंटे में दिल्ली में मिले सबसे अधिक मरीज

पिछले 24 घंटे की बात करें तो सबसे अधिक 47 मरीज दिल्ली में सामने आए हैं। उसके बाद 44 मरीज पश्चिम बंगाल में मिले हैं। केरल में 35, महाराष्ट्र में 21, गुजरात में 18 और कर्नाटक में 15 मरीज 24 घंटे में मिले हैं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां कल से अब तक आठ नए मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे ही राजस्थान में सात, मध्य प्रदेश में चार, बिहार में तीन और छत्तीसगढ़ में एक मामला सामने आया है। अभी तक केरल में सबसे अधिक 1,435 मरीज सामने आ चुके हैं। इसके बाद 506 मरीज महाराष्ट्र में, 483 दिल्ली में, 338 मरीज गुजरात में, 333 मरीज बंगाल में और 253 मरीज कर्नाटक में मिले हैं।

24 घंटे में दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक मौतें

कोरोना वायरस के एक बार फिर पांव पसारने के बाद से अब तक 32 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक मौत महाराष्ट्र और केरल में 8-8 हुई है। कोरोना से होने वाली मौतों की बात करें तो रविवार से अब तक दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक संक्रमितों की मौत दर्ज की गई है। दिल्ली में 22 वर्षीय महिला की मौत हुई है। उसे पहले से ही फेफड़ों से संबंधित बीमारी थी। तमिलनाडु में 25 वर्षीय पुरुष को अस्थमा जैसी शिकायतें थी। ऐसे ही महाराष्ट्र में 44 वर्षीय पुरुष की जान गई है। उसे कोरोना के साथ अन्य बीमारी थी। केरल से विस्तृत जानकारी का इंतजार है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर एक्शन, वापस भेजे गए 2000 से ज्यादा लोग

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ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद से 2000 से ज़्यादा अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश में छुपे बैठे अवैध प्रवासियों पर एक्शन शुरू हुआ। गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम आदि राज्यों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया और अप्रवासियों की पहचान कर वापस उनके देश भेजा गया। इस दौरान अब तक लगभग 2000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को सीमा पार कर उनके देश भेज दिया गया है।

इन राज्यों से भेजे गए अवैध प्रवासी

भारत सरकार ने देश में रह रहे अवैध प्रवासियों को वापस बांग्लादेश भेजने का अभियान चलाया है। इस अभियान की शुरुआत गुजरात से हुई, जहां सबसे पहले बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा गया। इसके बाद दिल्ली, हरियाणा, असम, महाराष्ट्र और राजस्थान ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाया। इन सभी राज्यों ने मिलकर बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजा।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कार्यवाई में तेजी

रिपोर्ट के मुताबिक, संबंधित अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद इसमें तेजी दिखी है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीमा पार अपने देश वापस जाने वाले अधिकतर प्रवासियों ने खुद से ही यह फैसला लिया है, जिसका कारण कार्रवाई का डर बताया जा रहा है।अवैध बांग्लादेशियों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद वापस भेजा गया है।

इस तरह बांग्लादेश भेजे जा रहे अवैध बांग्लादेशी

सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ज़रूरी है। अवैध प्रवासियों की वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए उन्हें वापस भेजना ज़रूरी है। सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इस प्रक्रिया में किसी के साथ भी गलत व्यवहार न हो। सभी नियमों और कानूनों का पालन किया जा रहा है।

अमेरिका के कोलोराडो में आतंकी हमला, यहूदी प्रदर्शनकारियों पर अटैक में छह जख्मी

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अमेरिका के कोलोराडो प्रांत के बोल्डर में रविवार को एक हमले में कम से कम छह लोग घायल हो गए। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, एफबीआई इसे आतंकी हमला मानकर जांच कर रही है। संदिग्ध हमलावर ने 'फ्री फिलिस्तीन' का नारा लगाते हुए फ्लेमथ्रोवर (आग फेंकने वाली बोतलें) से हमला किया और प्रदर्शनकारियों के पास आग लगाने की कोशिश की। ये हमला तब हुआ, जब बोल्डर के एक मॉल में यहूदी प्रदर्शनकारी गाजा में इजरायली बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे।

यहूदी प्रदर्शनकारियों को हमले में निशाना बनाया गया। लोग यहां हमास की ओर से बंधक बनाए गए यहूदी प्रदर्शनकारियों के रिहाई की मांग कर रहे थे। इस टार्गेट हमले को अंजाम देने वाला संदिग्ध फ्री फिलिस्तीन चिल्लाया और एक फ्लेम थ्रोवर से अटैक किया।संदिग्ध की पहचान 45 वर्षीय मोहम्मद सबरी सोलिमान के रूप में हुई, जिसे हिरासत में लिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि एक व्यक्ति ने प्रदर्शनकारियों पर मोलोटोव कॉकटेल जैसा दिखने वाला ज्वलनशील पदार्थ फेंका। ये प्रदर्शनकारी इजरायली बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे, जिन्हें हमास ने गाजा में बंदी बना रखा है।समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक घटनास्थल से एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें एक चश्मदीद को यह कहते हुए सुना गया कि वह मोलोटोव कॉकटेल फेंक रहा है। एक पुलिसकर्मी को हथियार दिखाते हुए उस व्यक्ति की तरफ जाते हुए भी देखा गया।

खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज, बोले- खुद की तारीफ करना बंद करें, चुनाव प्रचार से दूर रहने की भी सलाह

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'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कांग्रेस लगातार इस मिशन को लेकर सरकार पर हमलावर है। एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से संसद का तत्काल विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने कहा कि देश को गुमराह किया जा रहा है, इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। खरगे ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए इंटरव्यू के बाद यह मांग की गई है।

पीएम मोदी को चुनाव प्रचार से बचने की सलाह

बेंगलुरु में खरगे ने कहा, मैं उनके (मोदी के) सभी बयानों पर प्रतिक्रिया देना पसंद नहीं करता। लेकिन मेरा उनसे बस इतना अनुरोध है कि सत्ता में बैठे लोगों को कभी-कभी अपना मुंह बंद रखना चाहिए। खरगे ने प्रधानमंत्री के हालिया सार्वजनिक बयानों और राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि पीएम मोदी को अस्थायी तौर पर चुनाव प्रचार से दूर हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पीएम मोदी को खुद को चुनावों से अलग कर लेना चाहिए और देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें देश में जो कुछ भी हुआ है, उसे समझकर बोलना चाहिए।

पीएम मोदी से आत्म-प्रशंसा छोड़ने का आग्रह

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को पूरी छूट दे दी गई है। उन्होंने कहा, जब पीएम मोदी ने कहा है कि उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरा अधिकार दे दिया है, तो फिर वे यह दावा क्यों कर रहे हैं कि वह उन्होंने किया? खुद की बड़ाई करना अच्छी बात नहीं है। संवेदनशील समय में राजनीतिक संयम की आवश्यकता पर बल देते हुए खरगे ने कहा, हम कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि स्थिति सामान्य नहीं है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए-खरगे

खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सभी नेताओं को बोलने से पहले सोच समझकर बोलना चाहिए। खरगे ने कहा, हमें कब क्या बोलना है, यह पता होना चाहिए। राष्ट्रीय मामलों में एकता होनी चाहिए और हमारा ध्यान विरोधियों को हराने पर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर देश के सभी नेताओं को चुप रहना चाहिए। इसके बारे में बोलने से पहले यह समझना बेहतर है कि क्या हुआ है।

दरअसल, सीडीएस चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में ब्लूमबर्ग को इंटरव्यू में दिया। पाकिस्तान के भारतीय जेट को मार गिराने के दावों के सवाल पर उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?