हिंदी पत्रकारिता में चुनौतियां और संभावनाएं: शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

जगदलपुर- हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा बस्तर में हिंदी पत्रकारिता चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बस्तर के विभिन्न मीडिया संस्थानों के संपादक, रिपोर्टर, कैमरामैन, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया से जुड़े मीडियाकर्मी, शिक्षाविद एवं पत्रकारिता के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

हिंदी पत्रकारिता दिवस का महत्व

गौरतलब है कि हिंदी पत्रकारिता दिवस हर वर्ष 30 मई को मनाया जाता है। यह दिन भारत में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत की स्मृति में मनाया जाता है। सन् 1826 में इसी दिन उदन्त मार्तण्ड नामक पहले हिंदी समाचार पत्र का प्रकाशन कलकत्ता से शुरू हुआ था। इस ऐतिहासिक पहल के साथ हिंदी पत्रकारिता का उद्भव हुआ, जिसने आगे चलकर भारतीय समाज में सामाजिक चेतना, स्वतंत्रता संग्राम और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज का दिन हिंदी पत्रकारिता के मूल्यों, संघर्षों और उसकी सामाजिक भूमिका को पुनः स्मरण करने का अवसर है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बस्तर जैसे जनजातीय और भौगोलिक दृष्टि से जटिल क्षेत्र में पत्रकारिता करना अत्यंत साहसिक कार्य है। यहां के पत्रकार जिन विषम परिस्थितियों में काम करते हैं, वह उनके समर्पण और सेवा भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार बहुआयामी व्यक्तित्व होता है, जो समाज की नब्ज पहचानकर उसे शब्द देता है, परिवर्तन की आवाज बनता है और नागरिकों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाता है.

मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित वरिष्ठ संपादक दिलशाद नियाजी ने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है, न कि केवल एक पेशा। बस्तर जैसे संवेदनशील और दूरस्थ क्षेत्रों में पत्रकारों को कई सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को केवल समाचार संकलन नहीं, बल्कि प्रकाशन, वितरण, और जनविश्वास को बनाए रखने की भी जिम्मेदारी निभानी होती है.

बस्तर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता ने कहा कि हमें सुंदर बस्तर के निर्माण के लिए सचेत, शोधपरक और संवेदनशील पत्रकारिता को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने जोर दिया कि पत्रकार को अपने पूरे करियर में अध्ययनशील बने रहना चाहिए, क्योंकि बिना ज्ञान के पत्रकार किसी विषय पर न्याय नहीं कर सकता। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन से आग्रह किया कि पत्रकारिता में पीजी कोर्स और शोध पीठ की स्थापना की जाए, ताकि क्षेत्रीय और ग्रामीण पत्रकारों को भी अकादमिक रूप से प्रशिक्षित किया जा सके.

वरिष्ठ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार नरेश मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को चुनौतियों से डरने की बजाय उन्हें स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि निराश न हों, बल्कि अवसर मिलने पर कुछ नया और बेहतर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता पर सवाल उठाना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन मीडिया को लेकर नकारात्मक धारणाएं बनाना अनुचित है.

कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रज्ञा गुप्ता और आशुतोष तिवारी ने किया। कुलसचिव डॉ. राजेश लालवानी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के प्रयासों की जानकारी दी। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. संजय डोंगरे, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विनोद कुमार सोनी, सत्यवान साहू, इंदु बेक, विमलेश साहू समेत विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह संगोष्ठी न केवल पत्रकारिता के छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक रही, बल्कि बस्तर क्षेत्र में हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियों और संभावनाओं को गहराई से समझने का अवसर भी प्रदान कर गई.

स्कूल फीस के नाम पर अभिभावकों से लाखों रुपये की ठगी, फरार आरोपी लेखापाल गिरफ्तार

बिलासपुर- स्कूल फीस के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले लेखापाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने सेंट जेवियर हाई स्कूल में पढ़ने वाले 27 छात्रों के अभिभावकों से करीब 8 लाख रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर करवा लिया था और फिर फरार हो गया था। स्कूल प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने धारा 408,420 भा. द.वि.66(घ) आई. टी.एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा। यह मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, कोटा के रानीसागर स्थित सेंट जेवियर हाइ स्कूल के प्राचार्य ने थाने में शिकायत किया, कि पूर्व में स्कूल में पदस्थ लेखापाल जाशिल एस.एम. जेहान निवासी मध्य नगरी चौक बिलासपुर के द्वारा स्कूल में पढ़ने वाले 27 विद्यार्थी के अभिभावकों से स्कूल फीस के नाम पर ठगी की गई है, आरोपी अपने खाते में करीब 8 लाख 2 हजार रु स्कूल फीस के नाम पर ली, लेकिन रकम स्कूल में जमा नहीं की और पैसे लेकर फरार हो गया है।

मामले की रिपोर्ट पर कोटा पुलिस ने आरोपी जाशिल एस.एम. जेहान को कोटा पुलिस ने उसके घर मध्य नगरी चौक से गिरफ्तार किया है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस कल : तंबाकू सेवन के आंकड़े चिंताजनक, लोगों को जागरूक करने प्रदेशभर में होंगे कई कार्यक्रम

रायपुर- विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर 31 मई को छत्तीसगढ़ में तंबाकू सेवन की सामाजिक, आर्थिक एवं स्वास्थ्यगत हानियों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष की थीम “अपील का पर्दाफाश: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को बेनकाब करना” रखी गई है, जो युवाओं को निशाना बनाकर किए जा रहे भ्रामक विज्ञापनों व प्रचार-प्रसार की नीतियों को उजागर करने पर केंद्रित है।

आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन के कारण लगभग 13.5 लाख लोगों की असमय मृत्यु होती है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS) के अनुसार छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या में से 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, जबकि 21.9 प्रतिशत लोग कार्यस्थलों पर भी इसका उपयोग करते पाए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे तंबाकू उत्पादों की आसान उपलब्धता और लुभावने प्रचार जिम्मेदार हैं।

राज्य सरकार की सक्रिय तंबाकू नियंत्रण नीति

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003 के तहत तंबाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं। विद्यालयों, महाविद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों को तंबाकू मुक्त बनाए जाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के 19000 से अधिक शैक्षणिक संस्थान तंबाकू मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले की 5 ग्राम पंचायतों को धूम्रपान मुक्त घोषित करने की पहल शुरू की गई है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर रोक लगाने सतत कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2024-25 में COTPA के उल्लंघन पर 10221 व्यक्तियों पर कार्रवाई करते हुए ₹12,98,010 का जुर्माना वसूला गया है। साथ ही सभी जिला अस्पतालों में तंबाकू परामर्श केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो प्रभावित व्यक्तियों को परामर्श और चिकित्सकीय सहायता प्रदान कर रहे हैं।

शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों को 100 % तंबाकू मुक्त बनाएंगे : मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि सभी शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों को 100 प्रतिशत तंबाकू मुक्त घोषित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में डिजिटल निगरानी प्रणाली का उपयोग कर पारदर्शिता एवं कार्यक्षमता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विभागों और शैक्षणिक संस्थानों से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता की अपील की है। उन्होंने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से यह स्पष्ट है कि राज्य प्रशासन तंबाकू नियंत्रण को लेकर गंभीर है और जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है। युवाओं और समाज के सभी वर्गों को इस अभियान में सम्मिलित होकर एक स्वस्थ और तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण में सहयोग देना चाहिए।

तंबाकू का धुआं आसपास के लोगों को भी करता है प्रभावित

स्वास्थ्य सेवाएं की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि तंबाकू का धुआं केवल उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध के नियमों को और अधिक सख्ती से लागू किया जाएगा। भविष्य में प्रवर्तन कार्रवाइयों को और कठोर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

रायपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव : सीएम साय को कुलपति ने दिया न्योता

रायपुर- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन और प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में 6, 7 एवं 8 जून को कृषि महाविद्यालय परिसर रायपुर में ‘‘फलों के राजा’’ आम के राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस महोत्सव में आम की 200 से अधिक किस्मों एवं आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने आज उनके निवास कार्यालय में भेंट कर राष्ट्रीय आम महोत्सव के शुभारंभ समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. मुख्यमंत्री साय ने आम महोत्सव में शामिल होने के लिए सहर्ष मंजूरी दी.

डॉ. चंदेल ने मुख्यमंत्री साय को कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों में कार्यरत वैज्ञानिकों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन में आ रही समस्याओं के संबंध में भी अवगत कराया. साथ ही इन समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य शासन की ओर से वित्तीय मदद दिए जाने का अनुरोध किया. उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों से सेवानिवृत्त होने वाले प्राध्यापकों एवं अन्य कमर्चारियों को पेंशन देने के लिए भी राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री साय ने डॉ. चंदेल को इन समस्याओं के निराकरण के लिए सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की विभिन्न किस्मों की प्रतियोगिता आयोजित की जा एगी, जिसमें छत्तीसगढ़ एवं देश के विभिन्न राज्यों के आम उत्पादक शामिल होंगे. इस अवसर पर आम से बने विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिता भी आयोजित है. आम की सजावट प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है, जिसमें विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थी, महिलाएं तथा अन्य सामान्यजन भी पंजीयन कर भागीदारी कर सकते हैं. इस महोत्सव में पंजीयन एवं प्रवेश पूर्णतया निःशुल्क है. राष्ट्रीय आम महोत्सव में संस्थागत एवं व्यक्तिगत प्रतियोगी भी सहभागी हो सकते हैं.

आयोजन के प्रथम दिवस 6 जून को सुबह 9 बजे से 12 बजे तक प्रविष्टियों का पंजीयन किया जाएगा. इसके बाद सामान्यजनों के लिए प्रदर्शनी अवलोकनार्थ तीनों दिन रात 9 बजे तक खुली रहेगी. प्रदर्शनी में आम की विभिन्न किस्मों के फल, आम के विभिन्न उत्पाद एवं आम के पौधे भी विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगे. द्वितीय दिवस 7 जून को आम उगाने वाले कृषकों एवं जिज्ञासुओं के लिए 12 बजे से 4 बजे तक तकनीकी मार्गदर्शन एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ में उच्च गुणवत्ता के आम की विभिन्न किस्मों का उत्पादन, आम के विभिन्न उत्पाद एवं उनके विपणन के साथ ही आम उत्पादन हेतु छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की भी जानकारी प्रदान की जाएगी. तृतीय दिवस 8 जून को आम उत्पादक कृषकों एवं उद्यामियों की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी 12 से 4 बजे तक आयोजित होगा.

राष्ट्रीय आम महोत्सव के अंतिम दिन प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ ही प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जायेगा. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय फल ‘‘आम’’ जो कि आम जनता का प्रिय फल है उसकी समस्त सामान्य एवं खास किस्मों, विशिष्ट उत्पादों एवं भविष्य में अधिक उत्पादन के लिए रोजगार के साधनों की जानकारी नागरिकों, महिलाओं, विद्यार्थियों, नव उद्यमियों एवं कृषकों को प्रदान करना है. राष्ट्रीय आम महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागी न्यूनतम 5 से 10 आम प्रति किस्म के साथ भाग ले सकते हैं. आम से बने विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिता में न्यूनतम 250 ग्राम आम के उत्पाद के साथ पंजीयन कर इस प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं.

नवा रायपुर का रिटेल कॉम्प्लेक्स : आधुनिक मनोरंजन और तकनीकी नवाचार का नया केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर के सेक्टर-21 में 2.65 लाख वर्गफीट में निर्मित छह मंजिला सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) देश के इस पहली स्मार्ट सिटी की नई पहचान बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। नवा रायपुर का नवनिर्मित रेल्वे स्टेशन इसके पास ही है, जिस वजह से यह सीबीडी रेल्वे स्टेशन के नाम से ही जाना जाता है। अभी सीबीडी में मिराज मल्टीप्लेक्स, आईपी क्लब रेस्टोरेंट और एएसपी कार्यालय संचालित हो रहे हैं। मनोरंजन के अद्वितीय अनुभव के लिए यहां जल्द ही इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर प्रारंभ होने जा रहा है। हर तरह की खरीदारी के लिए गोकुल सुपर मार्केट भी शीघ्र शुरू होगा।

स्मार्ट सिटी के अनुरूप सीबीडी में एक ही जगह पर विविध सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। स्थानीय व्यवसाईयों को 100 से अधिक रिटेल दुकानें आबंटित की गई हैं जो यहां तेजी से फुटफाल बढ़ाएंगी। सीबीडी नवा रायपुर के आर्थिक विकास को गति देने के साथ ही रोजगार, पर्यटन, सांस्कृतिक-तकनीकी केंद्र और नवाचार आधारित स्टार्ट-अप्स के लिए नया मंच प्रदान करेगा। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने वाला यह कॉम्प्लेक्स आने वाले वर्षों में नवा रायपुर की नई पहचान बनेगा जहां शिक्षा, मनोरंजन और दैनिक जरूरतें जैसी सभी चीजें एक ही स्थान पर सुलभ होंगे। इमर्सिव टेक्नोलॉजी, तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान और शॉपिंग की सहुलियतों से सुसज्जित यह भविष्य के नए आकर्षण का केंद्र है।

सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट का कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स चार विंग्स में फैला हुआ है, जिसका कुल कारपेट एरिया दो लाख 65 हजार वर्गफीट है। यहां हर तल की योजना नागरिकों की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। भू-तल में लगभग पांच हजार वर्गफीट एरिया गोकुल सुपर मार्केट को आबंटित किया गया है जो शीघ्र ही प्रारंभ होने वाला है। इसी तल पर नवा रायपुर का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी संचालित है। भू-तल पर 100 से अधिक रिटेल दुकानें भी आबंटित की गई हैं।

सीबीडी का द्वितीय तल एनआईईएलआईटी (National Institute of Electronics & Information Technology) को आबंटित किया गया है, जो युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा एनालिटिक्स और आईटी में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाएगा। इस तल पर आईपी क्लब रेस्टोरेंट भी संचालित है, जो लोगों को विभिन्न तरह के खानपान उपलब्ध कराता है। तृतीय तल पर पांच करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर बनाया जा रहा है। यह वीआर (VR), एआर (AR) और होलोग्राफिक तकनीकों के माध्यम से प्रदेशवासियों को मनोरंजन का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। चौथे व छटवें फ्लोर पर संचालित मिराज सिनेमा ने सीबीडी को नवा रायपुर में मनोरंजन के लोकप्रिय स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है।

सीबीडी केवल शॉपिंग डेस्टिनेशन नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आधुनिक राजधानी नवा रायपुर को निकट भविष्य में आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से गहरे तक प्रभावित करेगा। देश की पहली स्मार्ट सिटी नवा रायपुर अटल नगर तेजी से भविष्य के शहर के रूप में उभर रहा है, जहां मुख्यमंत्री निवास, मंत्रालय, सचिवालय, विभागाध्यक्ष भवन और अन्य सरकारी कार्यालय संचालित हैं। विधानसभा का नया भवन भी यहां निर्माणाधीन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी विकास और निवेश के क्षेत्र में भी नवा रायपुर नई ऊचांईयाँ छू रहा है। वर्ष 2018 में सीबीडी का निर्माण पूर्ण होने के बाद वर्तमान सरकार ने 2025 में ही गोकुल सुपर मार्केट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय जैसे कई स्थानों को आबंटित किया है। कॉम्प्लेक्स के अन्य बिल्ड-अप स्पेस के आबंटन की कार्यवाही भी तेजी से प्रक्रियाधीन है।

पत्रकारिता में चुनौतियां रहेंगी, लेकिन उनका मुकाबला करने के साथ-साथ पत्रकारों में एकजुटता जरूरी

रायपुर- हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर सपोर्ट जर्नलिस्म मुहिम के अंतर्गत रायपुर प्रेस क्लब, मोतीबाग में पत्रकार समागम का आयोजित किया गया जिसमें विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार , साहित्यकार गिरीश पंकज, शशि परगनिहा व सेवानिवृत्त आईएएस, कॉलमिस्ट , साहित्यकार बी.के.एस रे शामिल हुए। अतिथियों द्वारा राजधानी के इलेक्ट्रानिक मीडिया के रिपोर्टर, वीडियो जर्नलिस्ट्स, एंकरों, प्रिंट मीडिया के रिपोर्टर्स, फोटो जर्नलिस्ट्स तथा चयनित इंटरनेट पत्रकारों सहित सौ से अधिक सक्रिय मीडिया कर्मियों को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

सपोर्ट जर्नलिस्म मुहिम की शुरुआत 03 मई 2025 को रायपुर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के दिन से शुरू की गई है जिसके बारे में सुधीर आज़ाद तम्बोली ने जानकारी देते हुए बताया कि सपोर्ट जर्नलिस्म मुहिम के माध्यम से निर्भीक पत्रकारों को समर्थन, सहयोग देकर पत्रकारिता के पक्ष में सभी को खड़े होने के लिए अपील की जाएगी और लोकतंत्र में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का आव्हान किया जाएगा क्योंकि पत्रकारिता से लोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता में ही जनता का हित समाहित है। वर्तमान समय में पत्रकारों के समक्ष अनेक चुनौतियां है, इन वर्षों में पत्रकारों के दमन के अनेक मामले सामने आ रहे है, जिससे संगठित रूप से ही लड़ा जा सकता है और जनसरोकार, जनपक्षीय खबरों के लिए खतरा मोल लेने वाले पत्रकारों के पक्ष में जनता का, सर्व समाज का आना बहुत जरूरी है जिससे पत्रकारों का हौसला कमजोर न पड़े। सपोर्ट जर्नलिज्म अभियान इसे ही गति देने शुरू किया गया है। मुख्य अतिथि गिरीश पंकज ने देश में पत्रकारिता के इतिहास से ले कर आज तक की परिस्थितियों की विस्तार से जानकारी दी, उन्होंने बदलते दौर में पत्रकारिता की बदलती चुनौतियों को समझने की जरूरत बताई, गणेश शंकर विद्यार्थी के अखबार प्रताप में शहीद भगतसिंह पत्रकारिता करते थे, गांधी जी की पत्रकारिता किस तरह दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद लगातार जारी रही, भले ही उन्हें कितनी बार जेल जाना पड़ा।

विशेष अतिथि बी.के.एस रे ने अपने लेखन कर्म के बारे में बताया, किस तरह प्रशासनिक पद पर रहते हुए वे निरंतर साहित्य सृजन, हिंदी अंग्रेजी दैनिक अखबारों में सामयिक विषयों पर कॉलम लिखते रहे, बताया।

रायपुर प्रेस क्लब के महासचिव डॉ वैभव सिंह पांडे ने आज पत्रकारों के सम्मुख चुनौतियों के बारे में बताते हुए, एकजुटता होने पर सफलता का रास्ता बताया। उन्होंने संघर्षों से घबराए बिना निरंतर काम करने का रास्ता बताया।

वरिष्ठ महिला पत्रकार शशि परगनिहा ने भी अन्य अतिथियों के साथ आमंत्रित पत्रकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पी.सी. रथ ने किया, उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू पत्रकारिता के प्रभावी योगदान के बारे में बताया। "पयाम ए वतन" के सभी संपादकों को फांसी, बंदूक की गोली या तोप में बांध कर उड़ा दिया जाता था। दूसरे स्वतंत्रता आंदोलन में प्रताप, गणेशशंकर विद्यार्थी, लोकमान्य तिलक जी के अखबार जैसे दर्जनों ने अपनी भूमिका निभाई।

मंत्रियों और विधायकों के स्टाफ का प्रशिक्षण : विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह बोले – जनप्रतिनिधियों की छवि को बेहतर बनाना पीए-पीएस का काम

रायपुर- विधानसभा में मंत्रियों एवं विधायकों के सचिव और निज सहायकों काे प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने किया. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, पीए और पीएस की भूमिका अपने मंत्री और विधायकों की छवि बेहतर करने में होनी चाहिए, न की किसी को निपटाने में हो.

डॉ. रमन सिंह ने कहा, विधानसभा में आज एक दिवसीय पीए पीएस प्रशिक्षण शिविर रखा गया. इसमें करीबन 100 से अधिक अफसर शामिल हुए हैं. हमने सरकार बनने के बाद पहले मंत्रियों और विधायकों काे प्रशिक्षण दिया और अब पीए और पीएस काे प्रशिक्षित किया जा रहा है. ये इसीलिए महत्वूर्ण है क्योंकि तीन करोड़ में सिर्फ 100 लोग हैं, जो इस सरकार में विधायक और मंत्रियों के पास मौजूद है इसलिए उसकी सरकारी योजनाओं की जानकारी, प्राधिकरण के खर्च और हर विभाग के कार्ययोजना की जानकारी होनी चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाए क्या है, ये सब उनके जानकारी में होनी चाहिए, जिससे विधायक और मंत्री भी उनका लाभ ले सकते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा, पीएस और पीए जनप्रतिनिधि के साथ-साथ आम जानता से नेताओं के परफार्मेंस को बेहतर कर सकता है, ये उनकी जिम्मेदारी होती है. सारे विषय विधानसभा में बेहतर काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. विधायक और मंत्री की छवि उसके पीए और पीएस द्वारा बनाई जाती है. उन्होंने कहा, विधायक को सक्रियता दिखाना चाहिए। उन्हें अपने क्षेत्र की एक एक जानकारी रहनी चाहिए. विधायक को अपनी प्राथमिकता तय कर लेनी चाहिए, वे छोटे-छोटे काम और बड़े बड़े निर्णय ले सकते हैं.

प्रशिक्षण शिविर को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन तक कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए. पीए और पीएस का प्रशिक्षण इसीलिए भी होना चाहिए कि विधायक और मंत्री को अगर बर्बाद करना है तो वही लोग करेंगे और अगर आबाद करना है तो भी वही लोग करेंगे.

नेताओं की अच्छाई और बुराई को बताएं पीए, पीएस : चरणदास महंत

महंत ने कहा, इस बार 51 नए विधायक हैं. उनके सिर्फ कागज ले लेना और कागज को पीए को दे देना और चिट्ठी लिखाना, इससे सिर्फ काम नहीं चलता है. इनको हमारे साथी के रूप में काम करके हमारी अच्छाई और बुराई को बताना चाहिए, इसीलिए सभी विधायक और मंत्रियों के पीए और पीएस की ट्रेनिंग की आवश्यकता है. मंत्री, विधायक के बाद अब पीए और पीएस का प्रशिक्षण कराया जा रहा है.

पिछले सरकार के कार्यकाल में प्रशिक्षण नहीं हुआ, इसमें कहीं चूक हो गई क्या, इस सवाल पर चरणदास महंत ने कहा, हमारे पीए और पीएस को अगर अंधेरे में रखे तो हमसे कई काम भी गलत हो सकते हैं. नेता की हार और जीत में उनका सहयोग जरूरी होता है. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप विशेष रूप से शामिल हुए. कार्यक्रम में विधानसभा की कार्यप्रणाली पर विधानसभा सचिव ने जानकारी दी. बजट, प्रश्न, विधेयक, सुरक्षा के साथ अन्य विषयों पर भी जानकारी दी गई.

बाढ़ नियंत्रण हाई पावर कमेटी की बैठक सम्पन्न

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बाढ़ आदि नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु गठित उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बरसात के मौसम में राज्य के जिलों के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने पर उससे निपटने की तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बाढ़ के दौरान विभिन्न स्थानों पर राहत शिविरों की व्यवस्था सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाली कार्यवाही एवं तैयारियों के संबंध में व्यापक चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को आगामी मानसून 2025 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत एवं राहत व्यवस्था करने के संबंध में भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए गए है।

बैठक में राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में माह जून में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इसलिए सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है। इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 एवं फैक्स क्रमांक 0771-2223472 है। इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 0771-2221242 दूरभाष पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अलावा जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दलों का गठन सहित अन्य जरूरी सामग्री अभी से संग्रहित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिए गए है। बरसात के दिनों में पेयजल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई एवं वहां पर ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए गए है। इसी प्रकार से ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जाए। जहां प्रतिवर्ष प्रायः बाढ़ आती ही है। इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने एवं अवश्यकता पड़ने पर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके ठहरने के लिए राहत शिविर आदि की समूचित योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ से बचाव संबंधित उपकरणों की मरम्मत करने और जिन जिलों में मोटरबोट उपलब्ध है उनकी जानकारी शीघ्र ही राहत कार्यालय को दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने कहा गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों में तमाम नालियों की साफ-सफाई बरसात के दिनों में निरंतर कराये जाने कहा गया है। नगरीय निकायों के अधिकारियों को अभी से ही शहरों की नालियों की साफ-सफाई करने कहा गया है।

श्रीमती शर्मा ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी लगातार की जाए। इन भवनों में निवासरत लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर बसाए जाने की भी व्यवस्था की जाए। ऐसे जिले जहां बड़ी नदियां बहती है वहां पर जल स्तर पर बराबर नजर रखी जाए। जल स्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसी तरह से बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जल स्तर की जानकारी समय-समय पर शासन को उपलब्ध करायी जाए। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घण्टे पूर्व सूचना दिए जाने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश में कमजोर हो चुके पुल-पुलियों एवं ईमारतों की पहचान कर मरम्मत कर ली जाए। साथ ही बाढ़ के समय दुर्घटना जन्य स्थलों पर सूचना फलक और बेरियर आदि की व्यवस्था करने कहा गया है।

उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आयुक्त मनरेगा तारण प्रकाश सिन्हा सहित गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण, वित्त विभाग, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, रेल्वे, दूरदर्शन, रेडक्रास सोसायटी, मौसम विज्ञान एवं भारत दूरसंचार निगम के अधिकारी शामिल हुए।

नवीन विधानसभा परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग, नेता प्रतिपक्ष महंत ने विस अध्यक्ष रमन सिंह को लिखा पत्र…

रायपुर- नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को पत्र लिखकर नवीन विधानसभा परिसर में भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने अपने पत्र में कहा कि मेरे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल के दौरान भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा प्रस्तावित नवीन विधानसभा परिसर में स्थापित करने की घोषणा की थी. अब यह ज्ञात हुआ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर 2025 को नवनिर्मित छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए सहमति प्रदान कर दी है.

डॉ. महंत ने कहा कि यह अवसर भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए उपयुक्त समय होगा, इसके साथ यह छत्तीसगढ़ और भारत के अनुसूचित जाति समुदाय के लिए एक बड़ा सम्मान होगा. इस लिहाज से अनुरोध करता हूं कि इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर इसे वास्तविकता बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.

हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हर जरूरतमंद के साथ राज्य सरकार खड़ी है, जनकल्याण ही हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सुशासन मतलब है अच्छा शासन। सुशासन तिहार के अंतिम चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बस्तर जिले के ग्राम नारायणपाल पहुंचे। उन्होंने नारायणपाल के देवगुड़ी परिसर में आम के पेड़ के नीचे अपनी चौपाल लगाई और ग्रामीणों से जीवंत संवाद कर योजनाओं की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से बिजली व्यवस्था, राशन वितरण, पीएम आवास योजना और महतारी वंदन योजना के साथ ही गांव में राशन कार्ड की स्थिति, राशन की उपलब्धता, शिक्षकों और पटवारियों की उपस्थिति जैसे बुनियादी मुद्दों पर भी जानकारी ली। ‘महतारी वंदन योजना’ की लाभार्थी सरिता कश्यप ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, महतारी वंदन से मिलने वाली राशि का उपयोग घरेलू खर्चों और बच्चों के इलाज में करती हैं। जगमोहन कश्यप ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण पूरा होने की जानकारी दी।

ललिता बघेल ने बताया कि पहले उन्हें बेल मेटल का काम करने के लिए अपने गहने गिरवी रखने पड़ते थे। अब बिहान योजना के तहत उन्हें 15,000 रूपए की सहायता और बैंक से 1.5 लाख रूपए तक का ऋण मिल रहा है, जिससे उनका काम बेहतर तरीके से चल रहा है। पदमिनी ठाकुर ने बताया कि वे ऑर्गेनिक खाद और कीटनाशक दवाओं के निर्माण से जुड़ी हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने इस मौके पर मुख्यमंत्री को फूड बास्केट भेंट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जरूरतमंदों को आवास मिलेगा, ‘आवास प्लस’ में जिनका नाम है, उन्हें भी आवास दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘महतारी वंदन योजना’ में जिन महिलाओं का नाम नहीं जुड़ा है, उनके नाम भी जोड़े जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर रही है। पंजीयन की नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है। उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल से 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। जल्द ही इसका विस्तार सभी ग्राम पंचायतों मेअनेक विकास कार्यों की घोषणा

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर अनेक घोषणाएं की, जिनमें नारायणपाल माध्यमिक शाला भवन के लिए 20 लाख रूपए, प्राथमिक शाला मंदिरपारा के लिए 20 लाख रूपए, स्ट्रीट लाईट, हाई मास लाईट के लिए 15 लाख रूपए, व्यावसायिक परिसर हेतु 20 लाख रूपए, सी.सी. रोड 600 मी. (गोवर्धन भाटा से बोधघरा घर तक) 15 लाख रूपए, पुलिया 2 मी. स्पान 2 नग के लिए 12 लाख रुपए, सी.सी सड़क धरमु घर से नाव घाट तक 9 लाख रूपए, इस प्रकार कुल 1 करोड़ 11 लाख रूपए की लागत के कार्यों की घोषणा की।

नारायणपाल में मुख्यमंत्री ने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की वन समिति के 11 हितग्राहियों को वाहन का वितरण किया। इसमें कोटमसर, तीरथगढ़ और कामानार के वन समिति के हितग्राही शामिल थे। उन्होंने कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के मेधावी छात्र छात्राओं को टैबलेट और किताबें देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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