सचिव सह परिवहन आयुक्त द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के संबंध में ली गई नियमित बैठक

रायपुर- आज मंत्रालय महानदी भवन में सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) के अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि एवं समस्त परिवहन अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। सचिव सह परिवहन आयुक्त महोदय द्वारा क्रमिक रूप से सभी बड़े शहरों जैसे- रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर में हो रहे हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की प्रगति पर समीक्षा की गई।

बैठक में जिला स्तर पर लग रहे मोबाईल कैम्प एवं मोबाईल नंबर अपडेटेशन एवं समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। सभी क्षेत्रीय एवं जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि परिवहन विभाग द्वारा संचालित कैम्प तथा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट हेतु अनुबंधित कंपनी के फिटमेंट सेंटर में शासन द्वारा निर्धारित शुल्क लिये जायेंगे, इसके अतिरिक्त किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। डीलर प्वाईंट एवं घर पहुंच सेवा हेतु नियम अनुसार अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि नंबर प्लेट केन्द्रीय मोटरयान नियम के तहत लगाया जाए, अर्थात् उसे वाहनों के दृश्य स्थानों पर स्थायी रूप से फिट किया जाए।

जगदलपुर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि चेकिंग के दौरान कुछ वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट बिना फिट किए गए वाहन में पाए गए। जिसमें यह जानकारी मिली कि कुछ फिटमेंट सेंटर / डीलर प्वाईंट द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट बिना फिट किए हुए वाहन मालिक को दे दी गई है। इस पर सचिव सह परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में जांच कर सही पाए जाने पर फिटमेंट/डीलर प्वाईंट पर वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश ने अगले हफ्ते तक प्रत्येक जिले में फिटमेंट डबल करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने दोनों कंपनियों को पांच प्रमुख जिला रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर एवं सुकमा तथा बीजापुर व नारायणपुर नक्सल बाधित संवेदनशील जिला होने के कारण हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट फिटमेंट सेंटर के संबंध में कार्यायोजना तैयार करने हेतु निर्देश दिए। मोबाईल नंबर अपडेट की समस्या के निराकरण हेतु परिवहन अधिकारियों को पीएसके के साथ-साथ लोकल मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मोबाइल नंबर अपडेटेशन के लिए आरटीओ कर्मचारियों के व्हाट्सअप नंबर शेयर करने हेतु बोला गया।

बैठक में निर्देशित किया गया कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के अधिक से अधिक इंस्टालेशन हेतु जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील स्तर में भी स्थायी रूप से फिटमेंट सेंटर की स्थापना की जाए। साथ ही साथ कार्यबल में वृद्धि सुनिश्चित करते हुए कार्यालय या कैम्प के माध्यम से आर्डर किए गए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का फिटमेंट 1 सप्ताह के भीतर संबंधित परिसर या नजदीकी फिटमेंट सेंटर से किया जाए। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट फिटमेंट सेंटर में बैठक व्यवस्था एवं पीने का पानी का पर्याप्त व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देश दिए गए। उक्त कार्यो के समीक्षा हेतु पुनः बैठक आयोजित की जाएगी।

16 जून से शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र, शाला प्रवेश उत्सव के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र…

रायपुर- प्रदेश में 16 जून से शुरू होने वाले नए शिक्षण सत्र की तैयारी प्रदेश में शुरू हो गई है. इस कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से तमाम कलेक्टर, मिशन संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को शाला प्रवेशोत्सव की तैयारियों को लेकर पत्र जारी किया गया है.

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रभावी हो गई है. शासन की स्पष्ट मंशा है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छ व सुंदर वातावरण में गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जाए. इस दिशा में शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन 16 जून से प्रत्येक स्तर पर किया जाना है. इसके लिए जरूरी है कि शाला प्रवेश उत्सव की प्रारंभिक तैयारी के साथ-साथ पर्याप्त प्रचार-प्रसार भी किया जाए.

इसके साथ प्रवेश उत्सव के पूर्व या कहें कि शाला प्रारंभ होने के पूर्व शाला भवन, परिसर और अध्यापन कक्षों की साफ-सफाई एवं मरम्मत करने की बात कही गई है. इसके साथ शाला को आकर्षक एवं परिसर में प्रिन्ट – रिच वातावरण बनाने, मरम्मत योग्य भवनों की मरम्मत 10 जून तक पूरा करने के लिए कहा गया है.

शाला प्रवेश उत्सव का जोर-शोर से एवं व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ यथासंभव बैनर- पोस्टर लगाया जाए, रैली निकाली जाए. गांवों में तथा शहरी वार्डों में मुनादी कराई जाए. इसके साथ आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं शाला विकास समिति एवं पालकों को विशेष रूप से आमंत्रित करने की बात कही गई है.


शाला स्तर, संकुल स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाए, जिससे सत्र के प्रारंभ से ही अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतर माहौल तैयार हो सके. इसके लिए जिला स्तर पर आवश्यक रूप रेखा तैयार करने को कहा गया है. इसके साथ विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी पहले से ही संधारित करने कहा गया है. कक्षा पहली के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र से बच्चों की सूची प्राप्त करें तथा प्रवेश देने की कार्रवाई शुरू करने कहा गया है.

पार्टी के बहाने रेलवे अधिकारी ने नर्स को बुलाया अपने घर, फिर बनाया हवस का शिकार

बिलासपुर- रेलवे के डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्टेशन के मेडिकल यूनिट में कार्यरत निजी अस्पताल की नर्स ने आरोप लगाया है कि डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट ने पार्टी के बहाने अपने घर बुलाकर उसके साथ रेप किया। घटना के 10 दिन बाद डरी-सहमी पीड़िता ने परिजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी रेलवे अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, पीड़ित युवती निजी अस्पताल में नर्स है। पीड़िता जिस अस्पताल में काम करती है, उस अस्पताल और रेलवे संयुक्त रूप से स्टेशन में इमरजेंसी मेडिकल यूनिट चलाते हैं। जिसकी मॉनिटरिंग डिप्टी स्टेशन सुप्रीटेंडेंट फिरतू राम पटेल करता था। वह यूनिट की नर्स को कई दिनों से पार्टी देने की बात कह रहा था। नर्स उसकी बातों में आ गई और 17 मई को फिरतू राम के गणेश वैली स्थित मकान पहुंची, जहां आरोपी रेलवे अफसर ने नर्स से जबरदस्ती दुष्कर्म किया। डरी-सहमी नर्स ने लोकलाज के भय से किसी को कुछ नहीं बताया, आखिरकार 10 दिनों बाद उसने घटना की जानकारी परिजनों को दी, जिसके बाद मामले की रिपोर्ट सरकंडा थाने में लिखाई गई।

पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने रेलवे के डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट फिरतू राम पटेल के खिलाफ जुर्म दर्ज कर तलाश शुरू की। आरोपी अपने गणेश वैली स्थित मकान में नहीं मिला, तो पुलिस की टीम स्टेशन पहुंची और आरोपी को उसके ऑफिस से हिरासत में लेकर थाना पहुंची। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि आरोपी डिप्टी स्टेशन सुप्रिटेंडेंट फिरतू राम पटेल की पत्नी उसके साथ नहीं रहती है। दोनों के अनबन होने पर पत्नी ने पति से तलाक के लिए आवेदन किया है।

रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर आज राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। मध्यप्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रमुख वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित किया। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी संगोष्ठी में शामिल हुए। विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवी, समाज सेवी, डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील और साहित्यकार भी बड़ी संख्या में संगोष्ठी में मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी में राजमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदानों को स्मरण करते हुए उन्हें भारत की सांस्कृतिक एकता और सुशासन का प्रतीक बताया। उन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर के करीब 30 वर्षों के शासन को प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग कहा। उन्होंने कहा कि इंदौर की महारानी होने के बावजूद राजमाता ने स्वयं को किसी एक भौगोलिक सीमा में नहीं बांधा। उन्होंने देशभर में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार करते हुए तीन दशकों तक होल्कर राजवंश का नेतृत्व किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को ऐतिहासिक बताया। पेशवा माधवराव की इच्छा के अनुरूप राजमाता ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कर करोड़ों आस्थावानों की भावना को सम्मान दिया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया, जो भारत की सांस्कृतिक पुनर्स्थापना का प्रतीक बना। श्री साय ने कहा कि आज इंदौर देश में स्वच्छता में अग्रणी है, इसके पीछे राजमाता द्वारा स्थापित गुड गवर्नेंस की प्रेरणा है। वे न्यायप्रिय थीं। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को भी न्याय के लिए दंड देने से परहेज नहीं किया।

मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने संगोष्ठी को प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक अपने 28 वर्षो के शासन काल में धर्मसत्ता और न्यायसत्ता की आवाज बुलंद की। उन्होंने अपने जीवन में तमाम विपत्तियों के बीच अनेक अनुकरणीय कार्य किए। उन्होंने अपने शासन काल में सार्वजनिक धन और राजकोष के सदुपयोग की मिसालें कायम की। राजसत्ता की कोई राशि कभी अपने लिए खर्च नहीं की। श्री पटेल ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर अपने पति के निधन के बाद कभी राजमहल में नहीं रहीं। झोपड़ी में अपना जीवन बिताया। न्याय के लिए उन्होंने अपने पुत्र को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। उन्होंने अपने शासन में विधवाओं को दत्तक पुत्र लेने की अनुमति प्रदान की। रानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रजाहितैषी और कल्याणकारी कार्यों के कारण उनके राज्य के लोगों ने उन्हें लोकमाता का दर्जा दिया था।

विधायक किरण देव और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नारायण चंदेल ने भी संगोष्ठी में रानी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व, कार्यों और उनके शासन काल की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने सुशासन, न्यायप्रियता एवं लोक कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से भारतीय इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। संगोष्ठी के माध्यम से आज हम उनके विचारों का स्मरण कर रहे हैं। उनके कार्य हमें सामाजिक समरसता और जनसेवा के लिए प्रेरित करते हैं। यह संगोष्ठी आज की पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

संगोष्ठी में धनकर समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को रानी अहिल्याबाई होल्कर का तैलचित्र भेंट किया। विधायकगण सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और पुरंदर मिश्रा, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, सीएसआईडीसी के पूर्व अध्यश्र छगन मूंदड़ा और शंकर अग्रवाल सहित कई निगमों, मंडलों, आयोगों के पदाधिकारी और युवा बड़ी संख्या में संगोष्ठी में उपस्थित थे।

जमीन के कागजात में त्रुटि सुधरवाने रजिस्ट्री कार्यालय का चक्कर लगाता रहा किसान, आखिर में थक हार कर किया जहर का सेवन

बालोद- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में राजस्व विभाग की लापरवाही पर सख्त चेतावनी दी थी, इसके बावजूद बालोद जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है। गुंडरदेही तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक किसान ने भूमि दस्तावेजों में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया में लापरवाही से तंग आकर जहरीले पदार्थ का सेवन करने की कोशिश की।

जानकारी के अनुसार, किसान रामकुमार उम्र लगभग 50 वर्ष निवासी ग्राम भुसरेंगा (बेलौदी) अपनी पत्नी की जमीन के कागजात में हुई गलती को सुधरवाने के लिए कई दिनों से रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर काट रहा था। बार-बार निवेदन के बावजूद जब दस्तावेजों में त्रुटि नहीं सुधारी गई, तो वह आज अपने साथ जहर लेकर कार्यालय पहुंचा।

बताया जा रहा है कि जैसे ही उसे फिर से टालमटोल का सामना करना पड़ा, किसान ने कार्यालय में ही जहर सेवन करने की कोशिश की। इस दौरान जहर उसकी आंख में चला गया जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। तत्काल उसे गुंडरदेही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही गुंडरदेही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दी स्पष्ट चेतावनी

बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राजस्व अभिलेखों में त्रुटि के लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे। यदि किसी अधिकारी के लॉगिन से गलत प्रविष्टि हुई है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों की जमीन, खेती, या अन्य दस्तावेजों में त्रुटि की वजह से जनता का प्रशासन पर से भरोसा न टूटे, इसके लिए जरूरी है कि राजस्व प्रणाली को जवाबदेह बनाया जाए।

गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबियाँ हितग्राहियों को सौंपी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान को खेतों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान में केंद्र सरकार के वैज्ञानिक राज्य के वैज्ञानिकों के साथ दल बनाकर कार्य करेंगे तथा आने वाले दिनों में राज्य के 13 लाख से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रयोगशाला से निकलकर खेतों तक जाकर किसानों को उन्नत और संतुलित कृषि की जानकारी देंगे और किसानों से सुझाव भी लेंगे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश के हर गरीब के पास पक्का मकान होना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ने अब तक 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष निर्माणाधीन हैं। "आवास प्लस प्लस" योजना में भी पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की 70 लाख से अधिक बहनों के खातों में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 अंतरित किए जा रहे हैं। जिनके नाम अब तक नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी शीघ्र जोड़ा जाएगा।

हितग्राहियों से लिया फीडबैक

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में उपस्थित हितग्राहियों से योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक लिया। हितग्राही चमार सिंह पटेल ने जल स्तर में गिरावट को देखते हुए धान के स्थान पर उद्यानिकी और कम जल-आवश्यकता वाली फसलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। श्रीमती चंदन ने महतारी वंदन योजना के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं में करती हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में क्षेत्र के विकास के लिए लगभग ₹3.5 करोड़ के विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इनमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु ₹75 लाख, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए ₹75.23 लाख, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹55 लाख, हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए ₹50 लाख, अहाता एवं शेड निर्माण के लिए ₹20 लाख, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹42 लाख और हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ₹24 लाख की स्वीकृति दी गई। उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कृषि पत्रिका का विमोचन भी किया गया।

शिविर में हितग्राहियों को कृषि उपकरण हेतु अनुदान चेक, दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने किसानों को कृषि संकल्प अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि रिसर्च सिर्फ प्रयोगशालाओं में न रहे, बल्कि गाँव-गाँव तक पहुँचे। केंद्र सरकार के 100 वैज्ञानिक इस अभियान में भाग लेंगे, जो स्थानीय वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिदिन दो-दो कैंप लगाएंगे और किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत के किसान जितने सशक्त होंगे, देश उतना ही मजबूत होगा।

कार्यक्रम में स्थानीय विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लिए अनेक विकास कार्यों की माँग रखी।

समाधान शिविर में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि जिले में प्रथम चरण में कुल 2,98,635 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,89,968 आवेदन माँग संबंधित थे और 8641 शिकायतें थीं। इनमें से सभी का समाधान कर लिया गया है, केवल 26 शिकायतें लंबित हैं। उन्होंने बताया कि शिविरों में 5000 से अधिक लर्निंग लाइसेंस भी बनाए गए हैं।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव शाहला निगार, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, एसएसपी लाल उमेद सिंह, जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार विश्वरंजन और नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।

दुधावा जलाशय की मछलियों ने अमेरिका में बनाई पहचान, ‘लोकल टू ग्लोबल’ से खुले रोजगार के नए अवसर…

कांकेर- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले स्थित दुधावा जलाशय की मछलियों ने अब अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली है. हाल ही में यहां की मछली पहली बार अमेरिका निर्यात की गई, जिससे स्थानीय मछुआरों और मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों में उत्साह की लहर है.

जल संसाधन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दुधावा जलाशय की मछलियों की गुणवत्ता और स्वाद के कारण उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ी है. निर्यात के लिए विशेष रूप से तैयार की गई पंगेसियस एवं तिलापिया प्रजाति की मछलियों की पहली खेप अमेरिका भेजी गई, जहां इसकी काफी सराहना हो रही है.

इस सफलता से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. मत्स्य सहकारी समितियों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और आने वाले समय में अन्य देशों में भी दुधावा जलाशय की मछलियों का निर्यात किया जा सकेगा.

जिला प्रशासन ने इस उपलब्धि को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ पहल के तहत एक बड़ी कामयाबी बताया है. वहीं, मछुआरों को अब उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जा रही है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन कर सकें.

दुधावा जलाशय में मत्स्योत्पादन को बढ़ावा देने हेतु नील क्रांति तथा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत 240 केज कल्चर की स्थापना की गई है. सहायक संचालक मछलीपालन समरसिंह कंवर ने बताया कि वर्तमान में केज में पंगेसियस एवं तिलापिया पालन कर 4 मेट्रिक टन प्रति केज का उत्पादन लिया जा रहा है. केज में उत्पादित मछली को स्थानीय स्तर पर जिले के फुटकर मत्स्य विक्रेताओं को विक्रय करने के साथ-साथ अन्य जिले के मत्स्य विक्रेताओं को भी मछली विक्रय किया जाता है. 

उन्होंने बताया कि तिलापिया मछली पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अत्यंत लोकप्रिय है. इसकी खपत अमेरिका जैसे देशों में भी हो रही है. इस वर्ष दुधावा जलाशय के केज में उत्पादित अतिरिक्त मछली 140 टन को इन्सुलेटेड वाहन से कोलकाता ले जाकर एवं कोलकाता में मछली का प्रोसेसिंग कर फिलेट बनाने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात किया गया है.

यह मील का पत्थर न केवल कांकेर जिले के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव का विषय बन गया है.

जिला अस्पताल के मरीजों के लिए मुसीबत बना नया अपॉइंटमेंट सिस्टम: ‘आभा ऐप’ से रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कत, ग्रामीण हो रहें परेशान

कोंडागांव- जिला अस्पताल में अब इलाज के लिए ‘आभा ऐप’ के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेने का नया सिस्टम लागू कर दिया गया है। हालांकि, यह नई व्यवस्था खासकर ग्रामीण मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है।

जिला अस्पताल पहुंंचे मरीजों का कहना है कि अस्पताल परिसर में नेटवर्क कनेक्शन सही से उपलब्ध नहीं है और उन्हें ऐप इस्तेमाल करने में भी समस्या हो रही है। फरसगांव के मरीज राजेश साहू ने बताया, “हम दूर से इलाज के लिए आए हैं, लेकिन नेटवर्क की वजह से ऐप से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। पर्ची नहीं मिल पाने की वजह से हमें बिना इलाज वापस लौटना पड़ रहा है।”

ऑपरेटर धर्मलाल कुंजाम ने कहा, “यह एक नई प्रक्रिया है, शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें होंगी, लेकिन समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।” डॉ. सौरभ कोचर, जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि यह योजना पूरे छत्तीसगढ़ में लागू की गई है। इससे हर मरीज की डिजिटल पहचान बनेगी, जिससे भविष्य में इलाज की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।

गौरतलब है कि यह नई तकनीक ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए जरूरी है कि ग्रामीणों को नेटवर्क की दिक्कतों और ऐप के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त सहायता और मार्गदर्शन दिया जाए।

खतरे में ‘स्वास्थ्य मितान’ की नौकरी, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दिया आश्वासन, कहा- अनुभव के आधार पर दी जाएगी प्राथमिकता

रायपुर- कंपनी का टेंडर समाप्त होने के बाद से स्वास्थ्य मितानों की नौकरी खतरे में है. यही नहीं तीन महीने से तनख्वाह भी नहीं मिली है. स्थिति से परेशान सैकड़ों स्वास्थ्य मितान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात करने उनके बंगले पहुंचे. स्टेट नोडल एजेंसी में कलेक्टर दर पर समायोजन करने की उनकी मांग पर मंत्री ने अनुभव को ध्यान में रखते हुए नौकरी पर रखने का भरोसा दिलाया.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास ज्ञापन सौंपने पहुंचे कर्मचारियों ने कहा कि देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सहायता योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले हम लगभग 750 स्वास्थ्य मितान को राज्य सरकार ने एक झटके में बेरोजगार कर दिया है. हम स्वास्थ्य मितान के थर्ड पार्टी FHPL कंपनी का टेडर 30 अप्रैल को समाप्त कर दिया गया, और उसे बिना किसी विस्तार या विकल्प के रद्द कर दिया गया है.

बता दें कि स्वास्थ्य मितान को पहले कियोस्क ऑपरेटर के रूप में जाना जाता था. राज्य के सभी 33 जिलों में पिछले 10 से 12 वर्षों लगातार सेवाए दे रहे थे. ये कर्मचारी थर्ड पार्टी कंपनियों के माध्यम से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य जैसे आयुष्मान कार्ड, व्यय वंदना कार्ड, आभा कार्ड, एवं साथ-साथ मरीजों के उपचार में क्लेम प्रोसेसिंग, वेरिफिकेशन ऑडिट व अपलोडिंग के अलावा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों के मरीजों को विभिन्न शिविरों के माध्यम से लाभ दिलाने जैसे अहम दायित्व निभा रहे थे.

स्वास्थ्य मितानों से मुलाकात के बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के कर्मचारी हैं, इनको यह काफी लंबे समय से काम का अनुभव है. उनकी समयावधि पूर्ण हो चुकी है. विभाग में इसका ऑडिट करेंगे. स्वास्थ्य विभाग में उनकी समायोजित करने की मांग का नियमानुसार परीक्षण कराएंगे. इनको काम का लंबा अनुभव है, जिसे ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से हम इनको रखेंगे. यदि विभागीय करना होगा, तो उसमें भी उनके अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि जब से मैं स्वास्थ्य मंत्री बना हूं, हर बार तीन-चार महीने की सैलरी नहीं मिलने की शिकायत रहती ही है. हम बराबर पेमेंट कर रहे हैं. एजेंसी के माध्यम से इन लोग को पेमेंट मिलेगा. आने वाले समय में या तो कोई अन्य पार्टी ऑडिट के लिए ठेका लेगी, उसके माध्यम से करेंगे. और अगर हम ठेका नहीं देंगे तो निश्चित रूप से भारत सरकार के मैनेजर की गाइडलाइन में जो है या जो कलेक्टर दर है, उसके आधार पर इनको काम दिया जाएगा.

कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी अंतरिम जमानत

रायपुर- कोयला लेवी घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया के लिए राहत भरी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है.

कोयला लेवी मामले में आरोपियों की याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बैंच ने सुनवाई करने के बाद शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है. हालांकि, इन आरोपियों को ईओडब्ल्यू में कई अन्य मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा.

क्या है कोयला लेवी मामला

ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की. जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपए की अवैध लेवी वसूली गई.

15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था. यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से लिया जाता है. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया.

इसमें व्यापारी जो पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी. इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई.

कहां खर्च की अवैध कमाई

जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया. साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्‍तेमाल किया गया. आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा.