POK स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं' राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को सीधा संदेश

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को लेकर सीधा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर एक दिन हमारा होकर ही रहेगा। पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी। पीओके के लोग हमारे अपने ही है। पीओके एक दिन खुद कहेगा कि हम भारत का हिस्सा है।

आतंकवाद का कारोबार करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी-राजनाथ सिंह

दिल्ली में गुरुवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कारोबार चलाना 'कॉस्ट इफेक्टिव' नहीं है, बल्कि इसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं।

पीओके के लोग हमारे अपने-राजनाथ

राजनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि पाक पीओके के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यकीन है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं, वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर लौटेंगे। वहां के लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। कुछ गिने-चुने लोग ही हैं, जिन्हें भटकाया गया।

पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत हमेशा ही दिलों को जोड़ने की बात करता है। वो दिन दूर नहीं है जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं। पीओके का भारत के साथ एकीकरण इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करता है।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ, पाकिस्तान समझ ले...', बंगाल में गरजे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में एक रैली को संबोधित किया। मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों को 1,010 करोड़ रुपये की सौगात दी। उन्होंने यहां सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले ने पूरे देश को गुस्से से भर दिया था। पीएम ने कहा कि आज मैं सिंदूर खेला की धरती पर आया हूं, तो ऑपरेशन सिंदूर की बात करना जरूरी है। पहलगाम में आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने की हिम्मत की। लेकिन हमारी सेना ने उन्हें सिंदूर की ताकत का अहसास करा दिया।

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पाक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं है। जब से वो अस्तित्व में आए हैं, तब से ही उसने सिर्फ आतंक को पाला है। 1947 में बंटवारे के बाद से ही उसने भारत पर आतंकी हमला किया। कुछ सालों के बाद उसने यहां पड़ोस में आज के बांग्लादेश में जो आतंक फैलाया, पाकिस्तान की सेना ने जिस प्रकार बांग्लादेश में दुष्कर्म और हत्याएं कीं, वो कोई भूल नहीं सकता। आतंक और नरसंहार पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी एक्सपरटाइज है।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, जब सीधा युद्ध लड़ा जाता है, तब उसकी हार तय होती है, उसकी पराजय निश्चित होती है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों का सहारा लेती है। पहलगाम हमले के बाद अब भारत ने दुनिया को बता दिया है कि अगर अब भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो दुश्मन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। पाकिस्तान समझ ले, तीन बार घर में घुसकर मारा है तुम्हे। बंगाल की इस धरती से ये 140 करोड़ भारतीयों का एलान है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।

पश्चिम बंगाल सरकार पर बरसे पीएम

पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को भी घेरा। पीएम मोदी ने ममता सरकार पर विकास परियोजनाओं में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से पश्चिम बंगाल के लोगों को विकास के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत पश्चिम बंगाल के गांवों के लिए लगभग 4,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को मंजूरी दी गई थी। इन सड़कों का निर्माण पिछले साल तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ 400 किलोमीटर सड़कें ही बन पाई हैं।

एलन मस्क ने छोड़ा डोनाल्ड ट्रंप का साथ, DOGE विभाग से इस्तीफे का ऐलान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की दोस्ती में दरार आ गई है। डोनाल्ड ट्रंप के खास माने जाने वाले एलन मस्क ने ट्रंप का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया है। मस्क ने ऐलान किया है कि वह ट्रंप प्रशासन से बाहर हो रहे हैं। मस्क अब सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख नहीं होंगे। मस्क ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। मस्क का इस तरह से अचानक ट्रंप सरकार से नाता तोड़ना हैरान कर रहा है। खासकर तब जब मस्क, ट्रंप के धुर समर्थक रहे और मस्क ने चुनाव प्रचार के दौरान न सिर्फ ट्रंप की प्रचार टीम को करीब दो हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम फंडिंग की बल्कि ट्रंप के पक्ष में जमकर रैलियां भी कीं।

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मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट किया, चूंकि विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में मेरा निर्धारित समय खत्म हो रहा है, इसलिए मैं राष्ट्रपति ट्रंप को फिजूलखर्ची को कम करने के अवसर के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। DOGE मिशन समय के साथ और मजबूत होगा क्योंकि यह सरकार चलाने का एक तरीका बन जाएगा। उन्होंने इस ऐलान से पहले ट्रंप के ‘बड़े, सुंदर’ बिल की आलोचना की थी।

क्या है मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की वजह

टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे अहम विधेयक 'बिग ब्यूटीफुल बिल' की खुलकर आलोचना की है। टैक्स में कटौती और कड़ी अप्रवासन नीति को बढ़ावा देने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक को अमेरिकी संसद के निचले सदन से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे उच्च सदन सीनेट में पेश किया जाएगा। एलन मस्क इस विधेयक से नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस विधेयक से सरकारी खर्च और सरकारी घाटा, दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि यह कानून ने केवल भारी खर्च वाला है बल्कि यह विधेयक उनके सरकारी दक्षता विभाग की कोशिशों को कमजोर भी करेगा। मस्क ने खुलकर इस विधेयक की आलोचना की थी। माना जा रहा है कि मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की ये एक बड़ी वजह है।

चार महीने में खत्म हुआ सरकारी सेवाकाल

ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने के साथ मस्क की सरकारी सेवा की घड़ी भी चल पड़ी थी और अब मई के अंत में वह सीमा पूरी हो रही है। एलन मस्क को सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के तौर पर सरकारी खर्च में कटौती का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए मस्क ने कई गैरजरूरी विभागों को या तो बंद करने की सलाह दी या फिर उनकी फंडिंग कम करने का सुझाव दिया। इसके चलते अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गईं। नौकरियां जाने से लोगों के मन में एलन मस्क के प्रति नाराजगी आई। इसका असर ये हुआ कि लोगों ने मस्क की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला और उसकी कारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इससे टेस्ला की बिक्री कम हुई और उसके शेयरों में भी गिरावट देखी गई। ट्रंप को भी लोगों की नाराजगी का एहसास हुआ और कुछ माह पहले ही मस्क ने ऐसे संकेत दिए थे कि वे जल्द सरकारी दक्षता विभाग प्रमुख का पद छोड़ सकते हैं।

पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में मॉक ड्रिल रद्द, जानें क्या है वजह

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पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों- गुजरात, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने का फैसला फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई को होना था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई तारीखों का ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा।

आज शाम होनी थी मॉक ड्रिल

पहले बुधवार को पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल कराने का फैसला किया गया था। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक दुश्मन देश के हमलों के खिलाफ नागरिक संरक्षण की तैयारियों को बढ़ाने के लिए देश के पश्चिमी सीमा से लगे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में नागरिक संरक्षण अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत गुरुवार यानी आज गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेशों के कई जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल होनी थी।

प्रशासनिक कारणों से टला अभ्यास

हालांकि, बुधवार देर शाम प्रशासनिक कारणों की वजह से फिलहाल टाल दिया गया।सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को सूचित किया जाए कि ऑपरेशन शील्ड सिविल डिफेंस एक्सरसाइज अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल रद्द कर दी गई है। वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों ने भी केंद्र के आदेश के बाद मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट स्थगित कर दिए हैं।

देशभर के 244 जिलों में किया गया था मॉक ड्रिल

इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में यानी 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से चंद घंटे पहले सरकार ने देशभर के 244 जिलों में पहली बार सिविल डिफेंस अभ्यास कराया था। इस दौरान ब्लैकआउट ड्रिल, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रक्रिया के साथ ही जनता को जागरूक करने जैसे अभ्यास किए गए थे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा विवाद

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन्स को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया। ये हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था। ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे। इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के स्तर पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम की शुरुआत की गई, जिसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई।

मणिपुर से हटेगा राष्ट्रपति शासन? बीजेपी ने राज्यपाल से मिल 44 विधायकों के समर्थन का किया दावा

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मणिपुर में एक बार फिर राजनीति हलचल देखी जा रही है। मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।

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विधायक राधेश्याम ने इस मुलाकात के बाद घोषणा की कि 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो एक लोकप्रिय और स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।विधायक राधेश्याम ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है, और सभी भाजपा विधायक एकजुट होकर जनता की इच्छा के अनुरूप सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे बहुमत को मान्यता दें और शीघ्र कार्रवाई करें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 44 विधायकों से मुलाकात की

बीजेपी नेता राधेश्याम सिंह ने कहा, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नई सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा, लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना

दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

13 फरवरी से मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार 9 फरवरी 2025 को उनके इस्तीफे के साथ गिर गई थी।मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्‍य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर उनकी सरकार पर दबाव बढ़ा। विपक्ष और भाजपा के 19 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की, जिसके डर से बीरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। ऐसा इस‍लिए हुआ क्‍योंकि भाजपा नया मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई थी।

गुजरात के बाद पटना में पीएम मोदी का रोड शो, 29 मई को चार घंटे तक बंद रहेंगे कई मार्ग

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात पहुंचे थे, जहां उन्होंने रोड शो किया था। पीएम मोदी के रोड शो में भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। अब पीएम मोदी कल यानी 29 मई को दो दिवसीय बिहार की राजधानी पटना में रोड शो करेंगे। 29 मई को शाम पांच बजे पीएम मोदी पटना पहुंचेंगे। पीएम मोदी सबसे पहले पटना में बनकर तैयार हुए विश्वस्तरीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। साथ ही बिहटा में बनने वाले एयरपोर्ट का शिलान्यास भी करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी पटना में रोड शो करेंगे।

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32 स्थानों पर होगी पीएम का स्वागत

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पटना में पीएम मोदी का रोड शो पटना हवाई अड्डे से प्रारंभ होगा और शेखपुरा, पटेल भवन, राजवंशीनगर, पुनाईचौक, हड़ताली मोड़, हाई कोर्ट होते हुए आयकर गोलंबर पहुंचेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। इस दौरान सड़कों के किनारे 32 स्थानों पर प्रधानमंत्री का अभिवादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर विभिन्न संस्थानों, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा स्टेज बनाए जा रहे हैं।

रोड शो के कारण ट्रैफिक प्लान बदला

पीएम मोदी के रोड शो को देखते हुए पटना ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया है। सुरक्षा और यातायात की सुचारू व्यवस्था के लिए कई इलाकों में नो एंट्री लागू की जाएगी। कुछ देर के लिए रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि गुरुवार शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक शहर के कई हिस्सों में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने खास तौर पर पटना एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को सतर्क किया और कहा, जो यात्री एयरपोर्ट जाना चाहते हैं, वे 4 बजे से पहले वहां पहुंच जाएं। इसके बाद उन्हें तीन निर्दिष्ट स्थानों पर तैनात पुलिस एस्कॉर्ट वाहनों का सहारा लेना होगा।

इन मार्गों पर प्रभावित रहेगा परिचालन

जिला परिवहन कार्यालय से पटना एयरपोर्ट पर वाहनों का परिचालन बंद रहेगा। वहीं सगुना मोड़ से दानापुर, बेली रोड से हड़ताली मोड़ तक यातायात प्रभावित रहेगा। वीरचंद पटेल रोड, आर ब्लॉक गोलबंर के नीचे और ऊपर से इनकम टैक्स गोलबंर तक परिचालन पर रोक लगा दी गई है। वहीं शाम चार से रात आठ बजे के बीच हवाई अड्डा की ओर केवल फ्लाइट टिकट वाले राहगीरों को परिचालन की अनुमति मिलेगी। टिकट दिखाने के बाद वह पटेल गोलंबर से एयरपोर्ट तक जा पाएंगे। वहीं शेखपुरा मोड़ से एयरपोर्ट की ओर परिचालन रोक दी गई है। पटना पुलिस ने आम लोगों अपील की है कि समय से दो घंटे पहले ही पटना एयरपोर्ट पहुंचने की कोशिश करें। ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुलाम नबी आजाद की तबीयत बिगड़ी, कुवैत के अस्पताल में भर्ती

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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद कुवैत दौरे पर हैं। वे बीजेपी नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले भारतीय डेलिगेशन के साथ गए हैं, लेकिन वे इस दौरान बीमार पड़ गए। उन्हें कुवैत के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीजेपी के सांसद बैजयंत जय पांडा ने मंगलवार को बताया कि खाड़ी देशों की यात्रा पर आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह अब डॉक्टरों की निगरानी में हैं।

सांसद बैजयंत जय पांडा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया ‘हमारे प्रतिनिधिमंडल के दौरे के आधे रास्ते में गुलाम नबी आजाद को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। उनकी हालत स्थिर है, वो डॉक्टरों देखरेख में हैं और उनकी कुछ चिकित्सकीय जांच की जाएंगी’। इसके साथ ही सांसद ने ये भी कहा ‘बहरीन और कुवैत में बैठकों में उनका योगदान अत्यधिक प्रभावशाली था और वे बिस्तर पर पड़े होने से निराश हैं। हम सऊदी अरब और अल्जीरिया में उनकी उपस्थिति को बहुत याद करेंगे’।

कुवैत में भीषण गर्मी से बिगड़ी तबीयत

वहीं गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी तबीयत को लेकर एक पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कुवैत में भीषण गर्मी के कारण मेरे स्वास्थ्य पर असर पड़ने के बावजूद, ईश्वर की कृपा से मैं ठीक हूं। सभी टेस्ट के नतीजे सामान्य हैं। आपकी चिंता और प्रार्थनाओं के लिए सभी का धन्यवाद। यह वास्तव में मेरे लिए बहुत मायने रखता है।

सऊदी अरब और अल्जीरिया दौरे में नहीं हो सकेंगे शामिल

बता दें कि पांडा और 76 वर्षीय आजाद उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक में शामिल हैं जिन्हें भारत ने अलग-अलग देशों में भेजा है। प्रतिनिधिमंडल ने 23 मई को बहरीन और 25 मई को कुवैत का दौरा किया, जहां आजाद ने दोनों देशों के नेताओं के साथ बैठकों में भाग लिया। अब सऊदी अरब और अल्जीरिया में वो अनुपस्थित रहेंगे।

कांग्रेस ने जताई चिंता

कांग्रेस ने आजाद के अस्पताल में भर्ती होने पर चिंता व्यक्त की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। आजाद लंबे वक्त तक कांग्रेस में रहे थे और उन्होंने 2022 में कांग्रेस को छोड़कर अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बना ली थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आजाद का नाम लिए बगैर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'यह जानकर चिंता हुई कि पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को मजबूत करने के लिए भेजे गए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक को कुवैत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।' उन्होंने कहा, "हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

कमल हसन जाएंगे राज्यसभा? क्या तमिल-कन्नड़ विवाद के बीच डीएमके निभाएगी वादा

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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने बुधवार को घोषणा की कि वह 19 जून को होने वाले द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में राज्य की छह सीट में से चार पर चुनाव लड़ेगी। डीएमके ने एक सीट सहयोगी कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) को आवंटित की है। सूत्रों के मुताबिक, एमएनएम यानी मक्कल निधि मय्यम में कमल हासन को राज्यसभा का सदस्य चुनने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। कमल हसन के राज्यसभा जानें की अटकले तब उठ रही हैं, जब कमल हासन एक राजनीतिक विवाद में फंस गए हैं। बेंगलुरु में अपनी आने वाली फिल्म ‘ठग लाइफ’ के प्रचार के दौरान अभिनेता कमल हासन द्वारा की गई एक टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है।

द्रमुक ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और एक सीट सहयोगी अभिनेता-राजनेता कमल हासन के नेतृत्व वाली मक्कल निधि मय्यम को दी। द्रविड़ पार्टी ने उच्च सदन में अपने मौजूदा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन को फिर से नामित किया। इसके अलावा सलेम के नेता एसआर शिवलिंगम को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया। इसके साथ ही कवि, लेखक और पार्टी पदाधिकारी रुकय्या मलिक उर्फ कविगनर सलमा को भी टिकट दिया गया। डीएमके की मानें तो चुनावी समझौते के तहत गठबंधन के जरिए कमल हासन को राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा

द्रमुक और एमएनएम में क्या है डील?

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन में मक्कल निधि मैयम के औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद कमल हासन को या तो एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने या चुनाव के बाद राज्यसभा की सीट का विकल्प दिया गया था। हालांकि, 70 वर्षीय कमल हासन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव

तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 19 जून को होगा। मौजूदा सदस्यों में अंबुमणि रामदास (PMK), एन. चंद्रशेखरन (AIADMK), मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK), एम. षणमुगम (DML), पी. विल्सन (DMK) और वाइको (MDMK) शामिल हैं, जिनका कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इन चुनावों से राज्यसभा की संख्या में कोई बड़ा बदलाव होने संभावना नहीं है। चुनाव आयोग ने बताया है कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना 2 जून को जारी की जाएगी और मतगणना भी उसी दिन होगी।

तमिलनाडु में खाली हो रही छह सीटों का गणित

नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 जून है। यदि नामांकन पत्र दाखिल करने वालों की संख्या खाली होने वाली सीट की संख्या के बराबर होगी तो परिणाम उसी दिन घोषित किए जा सकते हैं। तमिलनाडु में खाली हो रही छह सीट में से तीन DMK और एक गठबंधन सहयोगी MDMK के पास है। इसके अलावा, दो अन्य सीटें AIDMK और उसके गठबंधन सहयोगी PMK के पास हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, मानसून सत्र में हो सकता है फैसला

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दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। खबर आ रही है कि उन्हें पद से हटाने की तैयारी चल रही है।केंद्र सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने के विकल्प पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे गए जस्टिस वर्मा यदि खुद इस्तीफा नहीं देते हैं, तो संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना एक स्पष्ट विकल्प है।

जस्टिस वर्मा के इस्तीफे का इंतजार

न्यूज एजेंसी PTI ने सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि 15 जुलाई के बाद शुरू होने वाले मानसून सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि सरकार अभी इस बात का इंतजार कर रही है कि जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे दें। वहीं, दूसरी तरफ सरकार महाभियोग लाने के अपने इरादे से विपक्षी नेताओं को अवगत करा रही है। 

विपक्षी दलों का साधने में जुटी सरकार

सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है। बीते शुक्रवार से केंद्र सरकार विपक्षी दलों को साधने में लगी है। केंद्र सरकार को भरोसा है कि संसद के दोनों सदनों में उसको दो तिहाई बहुमत प्राप्त हो जाएगा। जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में महाभियोग चलाकर हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए होगा।

सरकारी आवास से मिले थे नोटों के बंडलों से भरे बोरे

दरअसल, जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित घर में 14 मार्च की रात आग लगी थी। उनके घर के स्टोर रूम से 500-500 रुपए के जले नोटों के बंडलों से भरे बोरे मिले थे। जिसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।

22 मार्च को इस मामले में तत्कालीन सीजेआई ने जांच समिति बनाई थी। कमेटी ने 3 मई को रिपोर्ट तैयार की और 4 मई को सीजेआई को सौंपी थी। कमेटी ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया था।

पूर्व सीजेआई ने की थी महाभियोग चलाने की सिफारिश

देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की थी। खन्ना ने यह पत्र सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एक आंतरिक जांच पैनल द्वारा वर्मा को दोषी ठहराए जाने के बाद भेजा था, हालांकि इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया गया था।

पीएम मोदी संग एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक, ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को दिल्ली में एनडीए दलों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।एनडीए मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में हमारे 20 मुख्यमंत्री और 18 डिप्टी सीएम मौजूद थे। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया।

जेपी नड्डा ने कहा कि बैठक में जातिगत जनगणना के प्रस्ताव पर सभी ने अपनी सहमति दी है. साथ ही पीएम मोदी के इस फैसले की सराहना की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि वंचित, पीड़ित और शोषित, जो छूट गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहते हैं. यह समाज की जरूरत है। नड्डा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आत्मनिर्भर भारत बनाने और नक्सलवाद को लेकर भी चर्चा हुई।

जाति जनगणना पर प्रस्ताव पारित

नड्डा ने कहा कि कैबिनेट ने जाति जनगणना के पीएम मोदी के विजन को मंजूरी दे दी है और प्रस्ताव पारित हो गया है। इस प्रस्ताव के जरिए यह साबित हो गया है कि जो लोग पीछे रह गए थे, उन्हें मुख्यधारा में लाना है

एक दिन पहले हुई थी नीति आयोग की बैठक

एनडीए मुख्यमंत्री परिषद की बैठक से एक दिन पहले पीएम मोदी ने नीति आयोग की बैठक में देश के लगभग सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। हालांकि नीति आयोग की बैठक में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। रविवार को एनडीए घटक दलों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया।