मुख्यमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नागरिक अभिनंदन समारोह में हुए शामिल, कहा- युवा शक्ति है राष्ट्र शक्ति

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है। हमारे देश में विश्व में सबसे ज्यादा युवा हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह बहुत खुशी की बात है की छत्तीसगढ़ की धरती पर यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद बैठक आयोजित हो रही है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा के सभी शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं। आज हमारे प्रदेश में युवा आईआईटी, एम्स, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू है। नई शिक्षा नीति के तहत हम युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयास जैसी संस्था स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है। प्रयास में पढ़े बच्चे बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऐसे युवा जो सिविल सेवा आदि परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल स्थापित है। हमने इस ट्राईबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट कर दिया है। प्रदेश भर में हम नालंदा परिसर बना रहे हैं जहां बच्चे एक शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। हमने यहां पहल की है कि मेडिकल की पढ़ाई भी छात्र हिंदी भाषा में कर पाएं। प्रदेश में प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा गोंडी, हल्बी आदि में शिक्षा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति के तहत हम न सिर्फ राज्य में निवेश ला रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और एआई डाटा सेंटर का कार्य प्रारंभ हुआ है। इन क्षेत्रों में भी युवाओं के रोजगार की बड़ी संभावना सृजित होगी। हमारी सरकार ने पीएससी में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपी है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान डेढ़ साल में सरकार द्वारा किये कार्यों का फीडबैक हम जनता से ले रहे हैं। सुशासन तिहार का अभी तीसरा चरण चल रहा है, जिसके तहत हम पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। प्रथम चरण में जो आवेदन प्राप्त हुए उनका द्वितीय चरण में हमारे अधिकारियों के द्वारा निराकरण किया गया। अब तृतीय चरण में हम जनता के पास जा रहे हैं। डेढ़ साल में हमने प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश गारंटी को पूरा किया है। लोगों से प्रधानमंत्री आवास देने का जो वादा हमने किया था उसे निभाया है। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन की राशि मिल रही है। सुशासन तिहार के दौरान नारायणपुर में एक महिला ने मुझे यह बहुत खुशी से बताया कि महतारी वंदन की राशि से उसने एक सिलाई मशीन खरीदी है। जिसके माध्यम से वह 4 से 5 हजार की कमाई कर रही है। इसी तरह एक बहन ने बताया कि वह इस राशि से किराना दुकान चला रही है और दो से तीन हजार रुपए की आय अर्जित कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग प्रारंभ किया गया है। सरकार के सारे काम पारदर्शिता से हो रहे हैं। हम अब डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। ई-फाइल के माद्यम से फाइलें अब ऑनलाइन हैं। भ्रष्टाचार के सारे रास्ते हम बंद कर रहे हैं।

इस अवसर पर कॄषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक किरण देव, विधायक मोतीलाल साहू सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

प्रदेश के 211 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं, इसके बावजूद तैनात हैं शिक्षक, दूरस्थ स्कूलों में शिक्षकों की कमी से गिरा परीक्षा परिणाम

रायपुर- छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत युक्तियुक्तकरण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है, जबकि इन विद्यालयों में शिक्षक तैनात हैं।

शून्य छात्र संख्या, फिर भी शिक्षक पदस्थ

जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की शासकीय प्राथमिक शाला साजाभवना और हर्राटिकरा इसका उदाहरण हैं। साजाभवना स्कूल में एक भी छात्र नहीं है, फिर भी एक सहायक शिक्षक यहां कार्यरत हैं। वहीं हर्राटिकरा स्कूल में शून्य दर्ज संख्या के बावजूद एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है और यहां पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी

वहीं दूसरी ओर राज्य के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर पड़ रहा है। जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षक नहीं होने से वर्ष 2024-25 में हायर सेकंडरी परीक्षा का परिणाम महज 40.68 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा राज्य के औसत परीक्षा परिणाम से काफी कम है।

मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान ग्रामीणों ने उठाई आवाज

कुंवारपुर प्रवास के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से विज्ञान, गणित एवं अंग्रेज़ी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही।

शिक्षा विभाग ने शुरू की पुनर्संरचना प्रक्रिया

इन हालातों को देखते हुए शिक्षा विभाग अब युक्तियुक्तकरण के तहत ऐसे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की पुनः पदस्थापन कर रहा है, जहां उनकी वास्तव में आवश्यकता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जल्द ही शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सके।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय से आवश्यक था। जहां एक ओर शिक्षकविहीन विद्यालय जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बिना छात्रों वाले स्कूलों में शिक्षकों का उपयोग नही हो पा रहा था। यदि युक्तियुक्तकरण पारदर्शी तरीके से किया जाए, तो इससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की सौजन्य मुलाकात



रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में मध्यप्रदेश शासन के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सौजन्य मुलाकात की।

इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राज्य एवं क्षेत्रीय विकास से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री विजयवर्गीय का आत्मीय स्वागत किया तथा उन्हें छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति का प्रतीक शॉल एवं नंदी भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सलीम राज भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी को केंद्र सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी चेन्नई के बनाए गए संयुक्त सचिव

नई दिल्ली- भारत सरकार ने एक और छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी दी है. केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet) ने 2007 बैच के आईएएस अधिकारी केसी देवसेनापति को कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी (CAA) चेन्नई में संयुक्त सचिव पद पर पदस्थ किया है.

जारी आदेश के मुताबिक, आईएएस देवसेनापति को पे मैट्रिक्स के लेवल 14 पर नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति 18 अगस्त 2028 तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी. यह नियुक्ति मत्स्य पालन विभाग के अंतर्गत कार्यरत कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी (CAA) में की गई है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में स्थित है.

बता दें कि केसी देवसेनापति छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं. उन्होंने 18 अगस्त 2007 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की. वे बीजापुर जिला पंचायत सीईओ थे. वे सूरजपुर और दंतेवाड़ा कलेक्टर भी रहे. आईएएस केसी देवासेनापति को राज्य योजना आयोग के सदस्य, सचिव मुख्य कार्यपालन अधिकारी छग इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी यानि चिप्स भी रह चुके हैं. विशेष सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रहे हैं.

नमाज पढ़ाने वाले GGU के प्रोफेसरों को लगा झटका, FIR रद्द करने की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज…

बिलासपुर- गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों को एनएसएस कैंप में नमाज पढ़ने के लिए मजबूर करने के मामले में संलिप्त 7 प्रोफेसरों को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए लगाई गई दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा के डिवीजन बेंच ने प्रोफेसरों द्वारा खुद के खिलाफ दायर एफआईआर को निरस्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी है. छात्रों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के खिलाफ कोटा थाने में बीएनएस की धारा 190,196(1)(बी),197(1)(बी),197(1)(सी),299,302 व अन्य के तहत मामला दर्ज है.

बता दें कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एन एस एस इकाई ने शिवतराई गांव में बीते 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक केम्प लगाया था. शिविर के दौरान ईद के दिन समन्वयक दिलीप झा, मधुलिका सिंह, सूर्यभान सिंह, डॉ ज्योति वर्मा, प्रशांत वैष्णव, बसंत कुमार और डॉ नीरज कुमारी ने हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया था.

विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना साकार करने सभी अधिकारी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता से करें कार्य: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुशासन तिहार के अंतर्गत संयुक्त जिला कार्यालय, बालोद के सभाकक्ष में बालोद, नारायणपुर एवं कांकेर जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे समर्पण एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का सतत निरीक्षण एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की वास्तविक प्रगति का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आम जनता से प्राप्त सकारात्मक फीडबैक इस बात का प्रमाण है कि बीते डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छता को जनभागीदारी से जोड़ते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्वच्छता के प्रति विशेष रूचि लेकर कार्य करें एवं सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त स्वच्छता संबंधी आवेदनों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छ भारत मिशन का सकारात्मक प्रभाव प्रदेशभर में परिलक्षित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से दौरा कर निर्माण एवं विकास कार्यो का मौका मुआयना करने के साथ ही जनसमस्याओं का त्वरित निदान का काम करें। मुख्यमंत्री ने फसल चक्र को अपनाने हेतु किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बालोद जिले में गन्ना तथा कांकेर एवं नारायणपुर जिलों में दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निराकरण पर जोर देते हुए कहा कि अनावश्यक विलंब से जनता में असंतोष उत्पन्न होता है। उन्होंने जिला एवं तहसील स्तर पर नियमित रूप से राजस्व न्यायालय की तिथि सुनिश्चित करने तथा सभी लंबित मामलों के समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए। राजस्व अधिकारियों को बरसात से पहले सीमांकन कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने, ड्रोन दीदी कार्यक्रम पर विशेष ध्यान केंद्रित करने एवं अधोसंरचना विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं समयसीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्रों के संबंध में प्राप्त आवेदनों का त्वरित निदान करने तथा विशेषकर विद्यार्थियों को आवश्यक प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बालोद जिले के परीक्षा परिणामों पर असंतोष व्यक्त किया तथा सुधारात्मक उपाय तत्काल अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, हर घर जल, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बालोद जिले के देवरी एवं डौंडीलोहारा में 500 करोड़ रूपए की लागत से 400/220/132 केवी उच्चदाब उपकेन्द्र तथा 11.47 करोड़ रूपए की लागत से जुनवानी से चिखली सड़क मार्ग निर्माण की जानकारी भी साझा की।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस., दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्य नारायण राठौर, बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह, बालोद कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा, कांकेर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर, नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई, संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षकों ने किया मंत्रालय का घेराव, शिक्षा सचिव से वार्ता विफल

रायपुर- युक्तियुक्तकरण के विरोध में प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों ने आज राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय का घेराव किया। सर्व शिक्षक साझा मंच के बैनर तले प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर यह प्रदर्शन किया। शिक्षक संगठनों की शिक्षा सचिव से वार्ता विफल हो रही, जिसके बाद आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया गया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के भीतर समाधान नहीं निकला तो 31 मई से संभागवार क्रमिक धरना शुरू होगा। सबसे पहले राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और अंत में सरगुजा संभाग के शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे।

शिक्षक संगठनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से प्रदेश के लगभग 30,000 स्कूलों का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और इससे करीब 40,000 शिक्षक प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। संगठन का कहना है कि स्कूल बंद होने से जनाक्रोश बढ़ेगा और शिक्षक कम होने सरकारी स्कूलों की शिक्षा बदतर होगी।

शिक्षकों की सुझाव

  1. वि‌द्यालय एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण तत्काल स्थगित किया जाए-

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन वि‌द्यालयों में शिक्षक उपलब्ध कराने युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विसंगतिपूर्ण कार्यवाही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र सुरक्षा, छात्रहित व शिक्षकहित के प्रतिकूल है। एवं व्यापक विसंगति, समस्याएं तथा शिक्षक एवं शिक्षक संगठन तथा समाज के सुझाव/मांग की अनदेखी की गई है। कार्यवाही एक तरफा, नियमों के विपरीत तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009, शिक्षा विभाग सेटअप 2008 के विपरीत है ज्ञात हो वर्तमान में शिक्षा विभाग में लगातार हो रही पदोन्नति, पदस्थापना से एकल शिक्षक व शिक्षकविहीन विद्यालयों में पदस्थ कर कमियां दूर की जा सकती है।

एक जगह पदस्थापना ई एवं टी संवर्ग में भेदभाव की समाप्ति, प्रतिनियुक्ति में पारदर्शिता, प्राथमिक विद्यालयों में सेटअप अनुसार नई भर्ती (रिक्त पद / स्वीकृत पद), निलंबित शिक्षकों की समयबद्ध बहाली एवं संगठन के साथ समन्वय बनाकर नीति का क्रियान्वयन किया जाना उचित प्रतीत होता है।

महोदय शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक 1 किलोमीटर में प्राथमिक, 3 किलोमीटर में पूर्व माध्यमिक, 5 किलोमीटर में हाई स्कूल तथा 8 किलोमीटर में हायर सेकेंडरी विद्यालय की स्थापना और उस विद्यालय में सेटअप 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधानपाठक एवं दो सहायक शिक्षक का पद अनुमोदित है। उसी तरह वाणिज्य संकाय में सेटअप 2008 के अनुसार तीन विषय के लिए दो पद यथावत रखी जाए। भेदभाव एवं विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 100% अनुदान प्राप्त स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पदस्थ शिक्षक तथा अतिथि शिक्षकों को अतिशेष के दायरे से बाहर रखा जाना न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।

विसंगतिपूर्ण, भेदभावपूर्ण, सेटअप 2008 व शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही को तत्काल स्थगित किया जाए। भविष्य में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश जारी करने के पूर्व समस्त शैक्षिक संगठनों से चर्चा कर सुझाव लिया जाय जिससे शिक्षक व विद्यार्थी हित प्रभावित न हो।

  1. क्रमोन्नत वेतनमान –

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान किया गया है। सोना साहू की तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल.बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आदेश जारी किया जाए।

  1. बीएड प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल किया जाय –

पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी.एड. प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल कर डी.एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति हेतु अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के 10% पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल किया जाए।

राज्य में शिक्षक एल.बी. संवर्ग प्रशिक्षित एवं डी. एड. योग्यताधारी हैं शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकार सभी को प्रशिक्षित किया था।

शिक्षक एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ दिया जाए।

सहायक आयुक्त ने महिला से किया दुष्कर्म : पीड़िता ने कहा – शादी का झांसा देकर 2018 से करता रहा यौन शोषण, तीन बार कराया अबॉर्शन

दंतेवाड़ा- आदिवासी विकास विभाग बीजापुर के सहायक आयुक्त पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. पीड़िता ने गीदम थाने में मामले की शिकायत की है. वहीं सहायक आयुक्त ने भी थाने में आवेदन देकर महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही.

पीड़ित महिला का आरोप है कि सहायक आयुक्त 2018 से शादी का झांसा देकर लगातार दैहिक शोषण करता रहा. उसने दवाई खिलाकर तीन बार गर्भपात भी कराया. जब शादी के लिए कहा तो उन्होंने मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया. इस मामले की शिकायत करने 16 मई से लगातार गीदम थाने का चक्कर काट रही थी, लेकिन 26 मई को मामला पंजीबद्ध किया गया वो भी दैहिक शोषण का केस दर्ज नहीं हुआ है. महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस भी सहायक आयुक्त की मदद कर रही है।


सहायक आयुक्त ने भी की शिकायत, ब्लैकमेल करने का लगाया आरोप

पीड़ित महिला ने मीडिया को डिजिटल साक्ष्य भी उपलब्ध करवाए हैं. इन साक्ष्यों में कितनी सच्चाई है, ये तो पुलिस जांच का विषय है. पीड़िता ने जो कॉल रिकॉर्ड दी है उसमें एक व्यक्ति द्वारा महिला को बड़ी बेहरहमी से पीटने की आवाज आ रही है. पीड़िता का दावा है कि जो मारपीट कर रहा है वह सहायक आयुक्त आनंद सिंह है. इधर सहायक आयुक्त ने भी गीदम थाना पुलिस को छह पेज का आवेदन दिया है. इस आवेदन में उन्होंने महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. सहायक आयुक्त ने आवेदन में लिखा है कि महिला एक करोड़ रुपए की डिमांड कर रही है. पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि उन्होंने महिला के साथ यौन संबध बनाए हैं. इस विषय पर आनंद सिंह से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका नबंर बंद आ रहा हपीड़िता ने कहा – जान से मारने की मिल रही धमकीपीड़ित महिला ने एक और गंभीर आरोप लगाया है कि सहायक आयुक्त आनंद सिंह ने उसके साथ संबंध बनाए. उसका तीन बार गर्भ ठहरा तो तीनों बार दवाई खिलाकर गर्भपात करवाया गया. पीड़िता का यह भी कहना है कि जब शादी का वादा किया है तो उनको शादी करना चाहिए. थाना में जब से आवेदन दिया है लगातार आनंद सिंह के पक्ष से कर्मचारी आ रहे और धमकी दे रहे हैं. इतना ही नहीं खुद आनंद सिंह जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

एएसपी ने कहा – मामले की जांच की जा रही

इस मामले में दंतेवाड़ा एएसपी आरके बर्मन ने कहा, पीड़ित महिला ने सहायक आयुक्त पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया है. आरोपी सहायक आयुक्त आनंद सिंह के खिलाफ बीएनएस की धाराओं में गीदम थाने में अपराध दर्ज किया गया है. अभी मामला विवेचनाधीन है.

ै.

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दोस्तों के साथ एनीकट में नहाने गए दो बच्चे डूबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, घटनास्थल पर जुटी भारी भीड़

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां दो बच्चे एनीकट में नहाते समय गहरे पानी में डूब गए। घटना से इलाके में सनसनी फ़ैल गई है। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, वार्ड क्रमांक 12 भट्ठापारा निवासी 15-15 साल के दो किशोर अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए महोरा एनीकट गए थे। नहाते वक्त वे गहरे पानी में चले गए और डूब गए। साथ गए बच्चों ने जब शोर मचाया, तो उसके बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही डीडीआरएफ (डिस्टिक डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। शवों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।

दो घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अब तक दोनों बच्चों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोग जुटे हुए हैं और परिजनों का हाल भी बेहाल है।

बताया जा रहा है कि एनीकट में इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। पिछले साल भी एक बच्चे की डूबने से मौत हुई थी। इसके बावजूद न तो सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और न ही चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं।

01 से 07 जून तक मनाया जायेगा 'चावल उत्सव', राशनकार्डधारी परिवारों को एकमुश्त मिलेगा तीन माह का चावल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आगामी 01 से 07 जून 2025 तक ‘चावल उत्सव’ आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव के दौरान प्रदेश के 81 लाख से अधिक राशनकार्डधारी परिवारों को जून, जुलाई एवं अगस्त—तीनों माह का चावल एकमुश्त वितरित किया जाएगा।

राज्य शासन ने इस उद्देश्य से प्रदेश की 13,928 उचित मूल्य दुकानों को चावल का आबंटन जारी कर दिया है। सभी दुकानों में चावल का भण्डारण कार्य तेजी से जारी है ताकि वितरण में किसी प्रकार की बाधा न आए। इस पहल से दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों तक समय पर खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

राज्य खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 1 जून से 7 जून तक चावल उत्सव के दौरान सभी उचित मूल्य दुकानों से चावल का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर दुकानों में वितरण संबंधित जानकारी का प्रदर्शन अनिवार्य किया गया है।

सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि चावल वितरण की सूचना स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रचार माध्यमों से व्यापक रूप से प्रसारित की जाए, जिससे प्रत्येक लाभार्थी तक यह जानकारी सुगमता से पहुंचे और वितरण पारदर्शी रहे।

खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज 28 मई को 'चावल उत्सव' की तैयारी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों, खाद्य अधिकारियों एवं नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि प्रत्येक उचित मूल्य दुकान में समय से पूर्व चावल का समुचित भण्डारण सुनिश्चित किया जाए। चावल का वितरण दुकान स्तर की निगरानी समिति की उपस्थिति में हो, और प्रत्येक लाभार्थी को ई-पॉस मशीन द्वारा बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के पश्चात ही चावल प्राप्त हो। साथ ही लाभार्थियों को वितरित चावल की पावती रसीद अनिवार्य रूप से दी जाए।

खाद्य सचिव श्रीमती कंगाले ने कहा कि इस समग्र प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और लाभार्थी की सुविधा को सुनिश्चित करना है। विभाग द्वारा तकनीक का प्रभावी उपयोग भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

मानसून के दौरान प्रदेश की 249 ऐसे उचित मूल्य दुकानें, जो वर्षा ऋतु में पहुंचविहीन हो जाती हैं, उनके लिए भी विशेष तैयारी की गई है। जून माह में ही इन दुकानों में अग्रिम चावल भण्डारण की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वर्षाकाल में भी राशन वितरण अविरत जारी रह सके।

बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम की प्रबंध संचालक किरण कौशल और खाद्य विभाग के संचालक रमेश शर्मा उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त सभी जिलों के कलेक्टर, खाद्य नियंत्रक, जिला खाद्य अधिकारी तथा जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।