कमल हसन जाएंगे राज्यसभा? क्या तमिल-कन्नड़ विवाद के बीच डीएमके निभाएगी वादा

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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने बुधवार को घोषणा की कि वह 19 जून को होने वाले द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में राज्य की छह सीट में से चार पर चुनाव लड़ेगी। डीएमके ने एक सीट सहयोगी कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) को आवंटित की है। सूत्रों के मुताबिक, एमएनएम यानी मक्कल निधि मय्यम में कमल हासन को राज्यसभा का सदस्य चुनने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। कमल हसन के राज्यसभा जानें की अटकले तब उठ रही हैं, जब कमल हासन एक राजनीतिक विवाद में फंस गए हैं। बेंगलुरु में अपनी आने वाली फिल्म ‘ठग लाइफ’ के प्रचार के दौरान अभिनेता कमल हासन द्वारा की गई एक टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है।

द्रमुक ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और एक सीट सहयोगी अभिनेता-राजनेता कमल हासन के नेतृत्व वाली मक्कल निधि मय्यम को दी। द्रविड़ पार्टी ने उच्च सदन में अपने मौजूदा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन को फिर से नामित किया। इसके अलावा सलेम के नेता एसआर शिवलिंगम को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया। इसके साथ ही कवि, लेखक और पार्टी पदाधिकारी रुकय्या मलिक उर्फ कविगनर सलमा को भी टिकट दिया गया। डीएमके की मानें तो चुनावी समझौते के तहत गठबंधन के जरिए कमल हासन को राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा

द्रमुक और एमएनएम में क्या है डील?

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन में मक्कल निधि मैयम के औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद कमल हासन को या तो एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने या चुनाव के बाद राज्यसभा की सीट का विकल्प दिया गया था। हालांकि, 70 वर्षीय कमल हासन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव

तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 19 जून को होगा। मौजूदा सदस्यों में अंबुमणि रामदास (PMK), एन. चंद्रशेखरन (AIADMK), मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK), एम. षणमुगम (DML), पी. विल्सन (DMK) और वाइको (MDMK) शामिल हैं, जिनका कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इन चुनावों से राज्यसभा की संख्या में कोई बड़ा बदलाव होने संभावना नहीं है। चुनाव आयोग ने बताया है कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना 2 जून को जारी की जाएगी और मतगणना भी उसी दिन होगी।

तमिलनाडु में खाली हो रही छह सीटों का गणित

नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 जून है। यदि नामांकन पत्र दाखिल करने वालों की संख्या खाली होने वाली सीट की संख्या के बराबर होगी तो परिणाम उसी दिन घोषित किए जा सकते हैं। तमिलनाडु में खाली हो रही छह सीट में से तीन DMK और एक गठबंधन सहयोगी MDMK के पास है। इसके अलावा, दो अन्य सीटें AIDMK और उसके गठबंधन सहयोगी PMK के पास हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, मानसून सत्र में हो सकता है फैसला

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दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। खबर आ रही है कि उन्हें पद से हटाने की तैयारी चल रही है।केंद्र सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने के विकल्प पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे गए जस्टिस वर्मा यदि खुद इस्तीफा नहीं देते हैं, तो संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना एक स्पष्ट विकल्प है।

जस्टिस वर्मा के इस्तीफे का इंतजार

न्यूज एजेंसी PTI ने सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि 15 जुलाई के बाद शुरू होने वाले मानसून सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि सरकार अभी इस बात का इंतजार कर रही है कि जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे दें। वहीं, दूसरी तरफ सरकार महाभियोग लाने के अपने इरादे से विपक्षी नेताओं को अवगत करा रही है। 

विपक्षी दलों का साधने में जुटी सरकार

सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है। बीते शुक्रवार से केंद्र सरकार विपक्षी दलों को साधने में लगी है। केंद्र सरकार को भरोसा है कि संसद के दोनों सदनों में उसको दो तिहाई बहुमत प्राप्त हो जाएगा। जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में महाभियोग चलाकर हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए होगा।

सरकारी आवास से मिले थे नोटों के बंडलों से भरे बोरे

दरअसल, जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित घर में 14 मार्च की रात आग लगी थी। उनके घर के स्टोर रूम से 500-500 रुपए के जले नोटों के बंडलों से भरे बोरे मिले थे। जिसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।

22 मार्च को इस मामले में तत्कालीन सीजेआई ने जांच समिति बनाई थी। कमेटी ने 3 मई को रिपोर्ट तैयार की और 4 मई को सीजेआई को सौंपी थी। कमेटी ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया था।

पूर्व सीजेआई ने की थी महाभियोग चलाने की सिफारिश

देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की थी। खन्ना ने यह पत्र सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एक आंतरिक जांच पैनल द्वारा वर्मा को दोषी ठहराए जाने के बाद भेजा था, हालांकि इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया गया था।

पीएम मोदी संग एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक, ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को दिल्ली में एनडीए दलों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।एनडीए मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में हमारे 20 मुख्यमंत्री और 18 डिप्टी सीएम मौजूद थे। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया।

जेपी नड्डा ने कहा कि बैठक में जातिगत जनगणना के प्रस्ताव पर सभी ने अपनी सहमति दी है. साथ ही पीएम मोदी के इस फैसले की सराहना की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि वंचित, पीड़ित और शोषित, जो छूट गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहते हैं. यह समाज की जरूरत है। नड्डा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आत्मनिर्भर भारत बनाने और नक्सलवाद को लेकर भी चर्चा हुई।

जाति जनगणना पर प्रस्ताव पारित

नड्डा ने कहा कि कैबिनेट ने जाति जनगणना के पीएम मोदी के विजन को मंजूरी दे दी है और प्रस्ताव पारित हो गया है। इस प्रस्ताव के जरिए यह साबित हो गया है कि जो लोग पीछे रह गए थे, उन्हें मुख्यधारा में लाना है

एक दिन पहले हुई थी नीति आयोग की बैठक

एनडीए मुख्यमंत्री परिषद की बैठक से एक दिन पहले पीएम मोदी ने नीति आयोग की बैठक में देश के लगभग सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। हालांकि नीति आयोग की बैठक में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। रविवार को एनडीए घटक दलों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया।

अनावश्यक बयानबाजी से बचें…पीएम मोदी की बीजेपी नेताओं को नसीहत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं को अपने बयानों को लेकर संयम बरतने की सलाह दी है। पीएम मोदी ने ये बात एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान बीजेपी नेताओं के लिए निर्देश जारी करते हुए कही। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बिना वजह की बयानबाजी करके बीजेपी की किरकिरी कराने वाले नेताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खास नसीहत दी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और हरियाणा से पार्टी के सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने जो विवादित बयान दिए, उसे लेकर पीएम मोदी की नेताओं को दी गई सलाह काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि सार्वजनिक जीवन में वाणी का सही उपयोग और सदुपयोग जरूरी है। उन्होंने नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि हर विषय पर टिप्पणी करना आवश्यक नहीं होता, क्योंकि इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।

बता दें कि विजय शाह ने 12 मई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया के माध्यम से देश-विदेश को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने इंदौर के महू के पास एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को ‘उनकी अपनी बहन’ का इस्तेमाल करके सबक सिखाया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। विजय शाह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां अदालत ने उन्हें फटकार लगाई और मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए।

इसी तरह से जांगड़ा भी अपने एक बयान को लेकर विवाद में फंस गए हैं। राज्यसभा सदस्य राम चंद्र जांगड़ा 24 मई को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था और आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था। भाजपा सांसद ने कहा कि जिन महिलाओं ने आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया, उनमें तब ‘वीरांगनाओं’ के भाव की ‘कमी’ थी। जांगड़ा ने कहा, वहां जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं थी, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए।

यूनुस ने अमेरिका को बेच दिया बांग्लादेश…शेख हसीना का मोहम्मद यूनुस पर बड़ा हमला

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पड़ोसी देश बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल जारी है। इस बीच देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर बड़ा आरोप लगाया है। शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस पर हमला तेज करते हुए कहा कि वो बांग्लादेश को अमेरिका को बेच रहे हैं। वह आतंकियों के नेता हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक ऑडियो संदेश में कहा, मेरे पिता ने अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप नहीं दिया था, बल्कि उन्हें इसके लिए अपनी जान देनी पड़ी। मेरे साथ भी यही हुआ। हसीना ने आगे कहा कि, मेरे मन में कभी सत्ता में बने रहने के लिए देश को बेचने का विचार नहीं आया और जिस देश के लोगों ने राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के आह्वान पर तीस लाख लोगों को आजाद कराने के लिए हथियार उठाए और संघर्ष किया और अपनी जान दे दी। उस देश की एक इंच जमीन भी किसी को देने का इरादा किसी का नहीं हो सकता। लेकिन आज कैसी विडंबना है। एक ऐसा व्यक्ति सत्ता में आया, एक ऐसा व्यक्ति जिसे पूरे देश के लोग बेहद प्यार करते हैं, एक ऐसा व्यक्ति जिसे दुनिया प्यार करती है, और आज सत्ता में आकर उस व्यक्ति का क्या हाल हो गया?

यूनुस पर आतंकियों की मदद से सरकार चलाने का आरोप

शेख हसीना ने आगे आरोप लगाया कि यूनुस आतंकवादियों की मदद से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा, यूनुस ने आतंकवादियों की मदद से सत्ता हथियाई है। सभी आतंकवादियों की मदद से। यहां तक कि जिन्हें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिबंधित किया गया है, जिनसे हमने बांग्लादेश के लोगों की रक्षा की। केवल एक आतंकवादी हमले के बाद ही हमने सख्त कदम उठाए थे। कई को गिरफ्तार किया गया था। अब जेलें खाली हैं। उन्होंने सभी को रिहा कर दिया। अब बांग्लादेश में उन्हीं आतंकवादियों का राज है।

यूनुस का पद पर रहने का कोई आधार नहीं-हसीना

शेख हसीना ने आगे कहा, हमारे महान बंगाली राष्ट्र का संविधान जिसे हमने लंबे संघर्ष और मुक्ति संग्राम से हासिल किया है, इस उग्रवादी नेता को, जिसने अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा किया है, संविधान को छूने का अधिकार किसने दिया? पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनुस का मुख्य सलाहकार के पद पर रहने का भी कोई आधार नहीं है और वह अस्तित्व में नहीं है। शेख हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अमेरिकी धरती से शशि थरूर ने आतंकवाद पर दुनिया को दिया संदेश, बोले-भारत बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा

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भारत ने पाकिस्तान की करतूत से पूरी दुनिया को वाकिफ कराने का अभियान शुरू किया है। इसी मिशन के तहत पाकिस्तान को बेनकाब करने अमेरिका पहुंचे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि कैसे देश पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए भारत के कदम की सराहना भी की। अमेरिका से दुनिया को संदेश दिया कि भारत अपने उपर हमला करने वाली बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा।

सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में दौरा कर रहा है। शशि थरूर की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के लोगों से आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ आपसी एकजुटता और मजबूती के साथ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने 9/11 मेमोरियल के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 9/11 मेमोरियल का दौरा इस बात की याद दिलाता है कि अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद का शिकार है। उन्होंने कहा, हम भारत में भी उन्हीं जख्मों से पीड़ित हैं, जिनके निशान आज आप इस मार्मिक स्मारक में देख रहे हैं। हम एकजुटता की भावना से आए हैं, हम एक मिशन पर भी आए हैं।

वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की लालसा रखते हैं-थरूर

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और अपने लोगों को 21वीं सदी की दुनिया में लाने के लिए अकेले रहना पसंद करेंगे, लेकिन दुख की बात है कि पाकिस्तानियों के लिए हम एक यथास्थितिवादी शक्ति हो सकते हैं, लेकिन वे नहीं हैं... वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की लालसा रखते हैं और वे इसे किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं। यदि वे इसे पारंपरिक तरीकों से हासिल नहीं कर सकते हैं, तो वे इसे आतंकवाद के जरिए हासिल करने के लिए तैयार हैं, और यह स्वीकार्य नहीं है।

अब कठोर और चतुराई से प्रहार करने का समय-थरूर

थरूर ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं, लेकिन मैंने खुद कुछ दिनों के भीतर भारत के एक प्रमुख अखबार में एक लेख लिखा, जिसमें कहा गया कि अब कठोर और चतुराई से प्रहार करने का समय आ गया है और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने ठीक यही किया।

2015 के वाकये का जिक्र

2015 के वाकये का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, जनवरी 2015 में भारतीय एयरबेस पर हमला हुआ था और हमारे प्रधानमंत्री ने इससे पिछले महीने में पाकिस्तान का दौरा किया था। इसलिए जब यह हुआ, तो वे इतने हैरान हुए कि उन्होंने वास्तव में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन किया और कहा, आप जांच में शामिल क्यों नहीं होते? आइए पता लगाते हैं कि यह कौन कर रहा है।

इस विचार से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के आतंक की कल्पना करें कि पाकिस्तानी जांचकर्ता भारतीय एयरबेस पर आएंगे, लेकिन, लेकिन वे आए और वे वापस पाकिस्तान चले गए और कहा, ये सब भारतीयों ने खुद किया है। मुझे डर है कि हमारे लिए, 2015 उनके लिए सही व्यवहार करने, सहयोग करने और वास्तव में यह दिखाने का आखिरी मौका था कि वे आतंकवाद को खत्म करने के लिए गंभीर हैं, जैसा कि उन्होंने हर बार दावा किया था।

कराची-क्वेटा हाईवे पर पाकिस्तान सेना के काफिले पर हमला, 32 जवानों की मौत

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पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर पर बड़ा अटैक हुआ है। बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर हुए हमले में 32 जवानों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमला कराची कवेटा राजमार्ग पर स्थित एक खड़ी कार से हुआ। खबरों के अनुसार इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे।

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कराची-क्वेटा राजमार्ग पर पास विस्फोटक एक खड़ी कार में लगाया गया था और इसमें सेना के काफिले के गुजरने के दौरान विस्फोट हुआ। खबरों के मुताबिक इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे, जिसमें तीन वाहन सीधे प्रभावित हुए, जिनमें कथित तौर पर सैन्य कर्मियों के परिवारों को ले जा रही एक बस भी शामिल है।

बलोच उग्रवादियों पर हमले का शक

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी गुटों पर शक गहराता जा रहा है। यह इलाका पहले भी सेना और सुरक्षाबलों के काफिलों पर हमलों का गवाह रहा है।

21 मई को भी हुआ था हमला

बता दें कि कराची-क्वेटा राजमार्ग पर 21 मई को एक और हमला हो चुका है। हमला बलूचिस्तान के पास क्वेटा-कराची हाईवे पर हुआ। यहां बच्चों को ले जा रही आर्मी पब्लिक स्कूल की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, इसमें ड्राइवर समेत 5 लोग मारे गए थ। घटना के कारण पाकिस्तान की आम जनता में दहशत का माहौल है।

ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य मिशन नहीं बदलते भारत की तस्वीर, मन की बात में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड के माध्यम से देश को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए देशवासियों की सराहना की। साथ ही कहा कि हमारा संकल्प है कि हमें आतंकवाद को खत्म करना है। पीएम मोदी ने कहा, आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, आक्रोश से भरा हुआ है और संकल्पबद्ध है। आज हर भारतीय का यही संकल्प है कि हमें आतंकवाद को खत्म करना है।

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आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार अपने मंथली रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, आक्रोश से भरा हुआ है और संकल्पबद्ध है। आज हर भारतीय का यही संकल्प है कि हमें आतंकवाद को खत्म करना है। साथियों, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हमारी सेनाओं ने जो पराक्रम दिखाया है, उसने हर हिंदुस्तानी का सिर ऊंचा कर दिया है। जिस शुद्धता के साथ, जिस सटीकता के साथ, हमारी सेनाओं ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया है, वह अद्भुत है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरे देश को देशभक्ति के भावों से भर दिया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया भर में आतंक के खिलाफ लड़ाई को नया विश्वास और उत्साह दिया है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं है, यह हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर है और इस तस्वीर ने पूरे देश को देशभक्ति के भावों से भर दिया है, तिरंगे में रंग दिया है। सोशल मीडिया पर कविताएं लिखी जा रही थीं, संकल्प गीत गाए जा रहे थे। छोटे-छोटे बच्चे पेंटिंग्स बना रहे थे, जिनमें बड़े संदेश छुपे थे। मैं अभी तीन दिन पहले बीकानेर गया था। वहां बच्चों ने मुझे ऐसी ही एक पेंटिंग भेंट की थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने देश के लोगों को इतना प्रभावित किया है कि कई परिवारों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। बिहार के कटिहार में, यूपी के कुशीनगर में, और भी कई शहरों में, उस दौरान जन्म लेने वाले बच्चों का नाम 'सिंदूर' रखा गया है।

मुस्लिम मुल्‍क से ओवैसी ने पाक को किया बेनकाब, बोले-पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देश में बैठकर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। भारत की मल्‍टी पार्टी डेलिगेशन दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में जाकर आतंकवाद पर पाकिस्‍तान के चेहरे को बेनकाब कर रही है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला भारतीय डेलिगेशन बहरीन पहुंचा। जहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल कर रख दी। इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है।

कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से बाहर जाकर बताया। हमें इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने (पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी) लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल-औवैसी

ओवैसी ने कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराया है। उन्होंने लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को बढ़ावा दिया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है, ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही पैदा हुई है और हमेशा ही होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने हर भारतीय की जान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए हैं। इस सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार अगर पाकिस्तान ऐसा दुस्साहस करेगा, तो यह पलटवार उनकी उम्मीद से परे होगा।

पाक को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की आपील

ओवैसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और बहरीन सरकार से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया है। ओवैसी ने कहा, हमारा देश एकमत है, चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन जब हमारे देश की अखंडता की बात आती है, तो यह सही समय है कि हमारा पड़ोसी देश समझे कि हम एक हैं। मैं अनुरोध करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बहरीन सरकार पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने में हमारी मदद करेगी, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल उन आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में आंधी बारिश ने मचाई तबाही, 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा, जानें देश के दूसरे राज्य का हाल

#delhincrstormandrain

शनिवार देर रात राजधानी दिल्ली और एनसीआर पर मौसम ने ऐसा कहर बरपाया। दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में शनिवार आधी रात के बाद मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया। आंधी-तूफान के बाद रविवार सुबह चार बजे के बाद भी बारिश होती रही। भीषण गर्मी से परेशान लोगों को बारिश से राहत की आस थी। हालांकि, बारिश राहत कम और आफत ज्यादा बनकर आई। भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था और वो चेतावनी सही साबित हुई।

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60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा

मौसम विभाग ने आंधी तूफान के साथ तेज बारिश होने का पूर्वानुमान जताया गया था। इसके साथ ही रेड अलर्ट भी जारी किया गया था। दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली और मूसलाधार बारिश भी होने लगी। शनिवार देर रात को शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रविवार तड़के तक चलता रहा। रविवार सुबह को भी रिमझिम बारिश होती रही।

तेज बारिश से कई इलाके जलमग्न

तेज़ बारिश से राजधानी के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए। दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज, आईटीओ, मिंटो ब्रिज, कनॉट प्लेस और हुमायूं रोड जैसे स्थान जलमग्न हो गए। मिंटो रोड ही नहीं दिल्ली की कई और जगहों का हाल भी कुछ ऐसा ही है, जहां बारिश के बाद जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, सड़कों पर लबालब पानी भर गया। कई जगह के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें बारिश के बाद के हालात को साफतौर पर देखा जा सकता है।

उड़ानों पर भी दिखा असर

आंधी और तेज बरिश का असर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी देखने को मिला। कई फ्लाइट्स को या तो डिले किया गया या डायवर्ट करना पड़ा। इंडिगो, विस्तारा और अन्य एयरलाइंस ने यात्रियों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति चेक करके ही एयरपोर्ट पहुंचे। घने बादल, तेज़ हवाएं और सीमित विजिबिलिटी के चलते टेकऑफ और लैंडिंग दोनों प्रभावित हुए हैं।

अगले 24 घंटों में यहां बारिश के हालात

दिल्ली-एनसीआर ही नहीं देशभर में बारिश की स्थित बनी हुई है। स्‍काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दक्षिण-पूर्व मध्यप्रदेश, तेलंगाना और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश संभव है। सिक्किम, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और आंतरिक कर्नाटक में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गरज-चमक और बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दक्षिण गुजरात और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश व गरज-चमक संभव है।