मिर्जापुर के दो बनवासी मजदूरों का वाराणसी में खुदाई के दौरान हुई मौत मामले में परिजनों को नहीं मिला न्याय
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मिर्जापुर। बीते वर्ष नवंबर 2024 में चुनार क्षेत्र के कौवासाथ निवासी दो बनवासी मजदूरों की खुदाई उपरांत मिट्टी सफाई के दौरान वाराणसी में हुई मौत मामले में आज तक न्याय नहीं मिला। घटना का कारण निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी बताया गया है।
शनिवार को अदलहाट थाना क्षेत्र के कौवासाथ निवासी बनवासी मजदूर मुन्ना लाल व उनके बड़े भाई बेचू लाल ने महामंत्री, मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन से मिलकर मदद मांगी। मुन्नालाल ने बताया कि इस घटना में उन्होंने अपने इकलौते बेटे बबलू (25) को खोया है।वह स्वयं भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उक्त घटना के बाद से वह ठीक से श्रम कार्य नहीं कर पा रहे हैं जिसके चलते उनकी आर्थिक हालत ठीक नही है। इस घटना में वाराणसी के स्थानीय पुलिस सहित श्रम विभाग ने हम श्रमिकों के हित में कोई नियमानुसार कार्यवाही नहीं की।
मुन्नालाल ने माकू यूनियन का धन्यवाद देते हुए कहा कि आप द्वारा किए गए पत्राचार के कारण जिला प्रशासन वाराणसी द्वारा डेढ़ - डेढ़ लाख रुपए दिए जाने का आश्वासन दिया गया था जो आज तक नहीं मिला। बनवासी मजदूर बेचू लाल ने भी इस घटना में अपना एक 25 वर्षीय पुत्र प्रकाश को खोया है।प्रकाश की विधवा अपने 6 माह के बच्चे के साथ कौवासाथ गांव में ही रह रही है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी मिर्जापुर के नामे पत्र लिखकर मांग किया हैं कि हम वाराणसी में केस लड़ने में सक्षम नहीं है, हमारा वहां कोई नही है। हमें मिर्जापुर में वाद दाखिल करने में सहायता की जाय। पीड़ित मुन्नालाल के अनुसार घटना 6 नवंबर 2024 का है। कौवा साथ गांव के 10 वनवासी मजदूर सहित कुल 11 मजदूर वाराणसी के भेलूपुर स्थित जल निगम पानी टंकी के सामने स्थित एक नवनिर्मित होटल बेसमेंट खुदाई का काम कर रहे थे। खुदाई उपरांत मिट्टी उठाने का काम चल रहा था।
सफाई के दौरान जब थोड़ी मिट्टी बची तो हम लोगों ने ठेकेदार से खतरे की आशंका व्यक्त करते हुए काम करने से मना किया।ठेकेदार के जबरदस्ती करने के कारण हम काम कर ही रहे थे कि तभी बेसमेंट की 10 फिट ऊंची दीवार ढह गई । मिट्टी हमारे ऊपर आ गई और हम तीन लोग सबसे अंदर दब गए और अन्य को मामूली चोटें आई। उन सभी ने हमें बाहर निकाला। ठेकेदार द्वारा चंदौली स्थित मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल ले जाया गया। घटना में दो की मौत हो गई थी और मैं उसी हॉस्पिटल में 22 दिन भर्ती रहा।
मुन्नालाल वह बेचू लाल ने बताया कि हम सभी बनवासी मजदूर हैं, पढ़े लिखे न होने के कारण हमें किससे कैसी मदद मिलेगी यह जानकारी नहीं थी। चुनार लेबर इंस्पेक्टर ने भी हमारी मदद की लेकिन घटना क्षेत्र वाराणसी होने के कारण वे कुछ नही कर पाए। हमारी मदद माकू यूनियन ने भी की थी, कुछ लोगों ने हमें गुमराह किया अब मदद के लिए हम जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री और यूनियन को प्रार्थना पत्र लिखे हैं।
सूत्रों की माने तो तथाकथित ठेकेदार अरुण कुमार ने किसी राजकुमार नाम के व्यक्ति के होटल बेसमेंट का काम लिया था, कार्य प्रारंभ करते ही हृदय विद्यारक घटना घटी जिसमें 2 परिवार उजड़ गया।
वाराणसी के प्रमुख अखबारों की सनसनी बनी 11 बनवासी मजदूर के बने की घटना और उसमें दो की मौत मामले में स्थानीय पुलिस वह श्रम विभाग
May 25 2025, 16:28