स्थानान्तरित नगर मजिस्ट्रेट को दी गयी भावभीनी विदाई

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विदाई समारोह में जिले से स्थानान्तरित नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर को भावभीनी विदाई दी गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी मोनिका रानी, पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामानन्द कुशवाहा सहित जिला स्तरीय अधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व कलेक्ट्रेट सहायकों सहायकों द्वारा नगर मजिस्ट्रेट को उपहार, स्मृति चिन्ह व पुष्पगुच्छ भेंट कर विदाई दी गई।

विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए डीएम, एसपी, सीडीओ, एडीएम, सीआरओ, अपर पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारीगण व अन्य अधिकारियों ने व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनुशासी और सकारात्मक सोच रखने वाली अधिकारी के तौर पर श्रीमती प्रभाकर को याद किया जायेगा। वक्तागण ने कहा मृदुलभाषी स्वभाव के कारण श्रीमती प्रभाकर जनपद में काफी लोकप्रिय थी। श्रीमती प्रभाकर की एक खूबी यह भी थी कि सरकारी कार्यों के साथ सामाजिक सरोकार के अन्य कामों को भी पूरी संजीदगी के साथ अन्जाम देती थीं।

विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए निवर्तमान नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। जनपद बहराइच को वह हमेशा याद रखेंगी। उन्होंने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के मार्ग निर्देशन में एक टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए उन्होंने सभी सहयोगी अधिकारियों की सराहना की। विदाई समारोह का संचालन संदीप मिश्रा ने किया।

उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की समृद्धि के आधार स्तम्भ होते है। किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का मापदण्ड उसमे निवास करने वाले नागरिक के स्वास्थ्य की स्थिति से ही जाना जाता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षयरोग मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये है। प्रदेश में क्षय रोगियों को बेहतर आधुनिक जाँच उपलब्ध कराने हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 926 नैट मशीनें एवं 14 कल्चर डीएसटी प्रयोगशाला के द्वारा प्रदेश के क्षय रोगियों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में 25 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र एवं 56 जनपदीय ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र दवा प्रतिरोधी टीबी का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। नोडल डी0आर0टी0वी0 सेन्टरों में एमडीआर/एक्सडीआर क्षय रोगियों हेतु बीडाक्यूलीन एवं डिलामिनिड आधार रेजीमेन उपचार हेतु उपलब्ध है।

वर्ष 2024 में एक्टिव केस फाइंडिंग गतिविधि अभियान के दौरान कुल 15,321 टीबी के मामलों को डायग्नोज एवं उनका उपचार किया गया है। साथ ही 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए 90 हजार नये टीबी मरीजो की पहचान करते हुए इलाज शुरू किया गया है। टी0बी0 मुक्त स्थिति की दिशा में प्रगति के प्रमाणन के तहत 7 जिलों हापुड़, कौशांबी, संत रविदास नगर, शामली, बलरामपुर, उन्नाव, सोनभद्र को कांस्य पदक में और 04 जिलों जालौन, मुजफरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत को रजत पदक से वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च, 2023 के अवसर पर सम्मानित किया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्षय

रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेन्टर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर प्रयोगशाला तक पहुंचाने हेतु डाक विभाग से राज्य स्तर पर अनुबंध किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में नमूनों को शीघ्र पहुंचाया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार शुरू करना, टीबी के इलाज छोड चुके मरीजों को पुनः उपचार में लाना एवं निक्षय पोषण योजना डीबीटी हेतु बैंक विवरण की इन्ट्री करना प्रमुख है। प्रधान मंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय रोगियों को प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनों/लोकोपकारी संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। दिनांक 17 फरवरी, 2025 तक निक्षय पोर्टल के आंकडानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में कुल 3.53 लाख क्षय रोगियों को गोद लिया गया है।

प्रदेश में जून 2021 से प्रति माह दो बार दवा प्रतिरोधी टीबी के जटिल मामलो पर ‘‘डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक’’ वर्चुअल माध्यम से चर्चा की जा रही है एवं उसका समाधान करने के लिए प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेज के क्षय रोग विशेषज्ञ द्वारा जटिल क्षय रोग केस की विस्तृत चर्चा से राममान करते है। प्रदेश के चार ड्रग स्टोर आगरा, लखनऊ बरेली तथा वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों को आवंटित औषधियों/जनपदीय ड्रग स्टोर के माध्यम से समस्त क्षय रोगियों को उपलब करायी जाती है। स्टेट टीबी ट्रेनिंग एण्ड डिमान्सट्रेशन सेन्टर (एस0टी0डी0सी) आगरा को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है तथा समस्त एन0टी0ई0पी0 के कर्मचारियों एवं चिकित्सको को प्रशिक्षण आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है। वर्तमान में एसटीडीसी-एस0जी0पी0जी00आई0 लखकऊ एवं 100 शैय्या टीबी अस्पताल/चारु चंद्रदास मेमोरियल टीबी अस्पताल, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है।

प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच एवं उपचार निःशुल्क, टीबी-एच0आई०वी0 समन्वय कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की एचआई0वी0 की जांच 99 प्रतिशत सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 6.50 लाख क्षय रोगियों के निर्धारित नोटीफिकेशन लक्ष्य के सापेक्ष कुल 6,81,655 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये गये है। वर्तमान में प्रदेश में इलाज की सफलता दर वर्ष 2017 में जहँा 29 प्रतिशत थी वह बढ़कर 2024 में 94 प्रतिशत हो गई है। भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0500/- प्रति माह की दर को बढ़ाकर 01 नवम्बर 2024 से रु01000/- प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में दिनांक 17.02.2025 तक 28.31 लाख क्षय रोग लाभार्थियो को रू0820.32 करोड़ का भुगतान किया गया है। टीबी रोगियों में से 90 प्रतिशत मरीजों की एच0आई0वी0 और 97 प्रतिशत मरीजों की मधुमेह की स्थिति ज्ञात है। प्रदेश में 05 क्षेत्रीय क्षय कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आर0टी0पी0एम0) आगरा-17 लखन्ऊ-18 बरेली-18 गोरखपुर 10 एवं वाराणसी-11 से सम्बधित जनपदों के एन0टी0ई0पी0 के संकेतांको की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण कर इलाज लगातार करते हुए क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने में ठोस कार्य किये जा रहे है।

121 व्यक्तियों के खातों में भेजी गई रू. 9.165 लाख की सहायता राशि

महेश चंद्र गुप्ता/ बहराइच 

बहराइच। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि विभिन्न आपदाओं अन्तर्गत जिले के 121 व्यक्तियों के बैंक खातों में धनराशि रू. 09 लाख 16 हज़ार 500 की धनराशि सम्बन्धित के बैंक खातों में हस्तान्तरित की गई है। अग्निकाण्ड दुर्घटना अन्तर्गत तहसील महसी में 54 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 3,56,500=00, नानपारा में 15 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 95,000=00, पयागपुर में 06 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 34,500=00, मिहींपुरवा (मोतीपुर) में 23 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 2,69,000=00, तहसील सदर में 15 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 1,12,000=00 तथा तहसील कैसरगंज में 01 व्यक्ति के बैंक खाते में रू. 3,000=00 इस प्रकार कुल 114 व्यक्तियों के बैंक खातों में अहैतुक सहायता/गृह अनुदान/पशु सहायता के रूप में रू. 8,70,000=00 की धनराशि 16 मई 2025 को अन्तरित की गई है। 

इसी प्रकार अन्य आपदा अन्तर्गत तहसील महसी में 02 व्यक्तियों के बैंक खातों में 16 मई 2025 को गृह अनुदान सहायता के रूप में रू. 8,000=00 तथा तहसील पयागपुर में 01 व्यक्ति के बैंक खाते में रू. 6,500=00 तथा नानपारा में 04 व्यक्तियों के बैंक खातों में रू. 32,000=00 की धनराशि गृह अनुदान के रूप में 22 मई 2025 को अन्तरित की गई है।

मातृत्व शिशु एवं बालिका आशीर्वाद व कन्या विवाह सहायता योजना के 10 लाभार्थियों को सौंपे गये स्वीकृति पत्र

महेश चंद्र गुप्ता/ बहराइच

बहराइच। बुधवार को जनपद के एक दिवसीय भ्रमण पर आये प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन डा. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम ने सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के निरीक्षण के दौरान उ.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना अन्तर्गत 05-05 श्रमिकों को मातृत्व शिशु एवं बालिका आशीर्वाद योजना के अंतर्गत रू. 1,53,125 तथा कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत रू. 2,75,000 कुल धनराशि रू. 4,28,125 के स्वीकृति पत्रों का वितरण किया। इस अवसर पर उ.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव श्रीमती पूजा यादव, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, उपश्रम आयुक्त मुख्यालय शमीम अख्तर, उपश्रम आयुक्त देवीपाटन मण्डल अनुभव वर्मा, सहायक श्रम आयुक्त बहराइच सिद्धार्थ मोदियानी सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।

डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई आकांक्षी ब्लाक की जिला स्तरीय समिति की बैठक

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में आकांक्षात्मक विकास खण्ड एवं आकांक्षात्मक जनपद समिति की समीक्षा करते हुए आकांक्षात्मक विकास खण्ड हुजूरपुर में यूनीसेफ द्वारा किये गये पर्यवेक्षण/विजिट रिपोर्ट एवं फीडबैक के आधार पर स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा व जल जीवन मिशन के कतिपय सूचकांकों में अत्यधिक अन्तर पाये जाने, आकांक्षात्मक जनपद/विकासखण्ड कार्यक्रम के सूचकांको की प्रगति समीक्षा की गयी।यूनीसेफ द्वारा जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक के विजिट के आधार पर एबीपी हुजूरपंर के 18 संकेताकों में विकासखण्ड हूजूरपुर की स्थिति खराब पायी गयी गयी। पंजीकरण के सापेक्ष गर्भवती की सम्पूर्ण ए.एन.सी. जांच तथा नियमित रूप से पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत यूनिसेफ के अत्यन्त ही खराब स्थिति पायी गयी। इसी प्रकार 30 वर्ष के अधिक आयु के व्यक्ति के हाइपरटेन्शन व डाइबिटीज की जांच की स्थिति का प्रतिशत भी कम पाया गया। इन आंकड़ों की जानकारी एमओवाईसी तथा सीडीपीओ को थी परन्तु उनके स्तर से क्या कार्यवाही की गयी।

बैठक में उपस्थित एमओवाईसी तथा सीडीपीओ हुजूरपुर द्वारा सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। जिसपर डीएम ने एमओवाईसी हुजूरपुर को मुख्यालय सम्बंद्ध किये जाने के लिए सीएमओ को निर्देश दिये गये। इसी प्रकार अन्य संकेतांको की स्थिति यूनिसेफ के विजिट के अनुसार खराब पायी गयी है। खण्ड विकास अधिकारी हुजूरपुर, जो आकांक्षात्मक विकासखण्ड कार्यक्रम की नोडल है, द्वारा इसकी नियमित मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है। इसपर जिलाधिकारी द्वारा रोष व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाते हुए खण्ड विकास अधिकारी, एमओवाईसी तथा सीडीपीओ हुजूरपुर के वेतन बाधित करने तथा सम्बन्धित संकेतांको में एक माह में अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिये गये। बैठक में विकास खण्ड स्तरीय एवं जिलास्तरीय अधिकारियों को एबीपी व एडीपी के संकेतांको से सम्बन्धित स्टाफ के साथ माइक्रो लेवल पर स्ट्रेटजी बनाकर संकेतांको में सुधार लाये जाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार, पीडीडीआरडी अरूण कुमार सिंह, डीएचआईओ अर्चना सिंह, आयुष चिकित्सक डॉ पीयूष तथा जनपद स्तरीय अधिकारी, सम्बन्धित एसडीएम, तहसीलदार, एमओवाईसी, कार्यदायी संस्था अधिकारी व अन्य सम्बन्धित उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक

महेश चंद्र गुप्ता/ बहराइच

बहराइच। जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कर एवं करेत्तर राजस्व की वसूली तथा राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला स्तरीय बैठक से पूर्व सभी विभाग अपनी समीक्षा बैठक कर जारी कार्यवृत्त तथा पूर्व की प्रगति के डाटा के साथ बैठक में प्रतिभाग करें। डीएम ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बकाया राशि के सापेक्ष वसूली में तेज़ी लायी जाय तथा आंधी और वर्षा के कारण जिन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित होती है उनकी तत्काल आपूर्ति बहाली कराना सुनिश्चित करें साथ ही इस हेतु सभी आवश्यक उपकरण व तैयारियां पूर्ण रखें। इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारियों को प्रभावी पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिये गये।

सरकारी व गैर सरकारी परियोजनाओं के लिए भू-आवंटन कार्य की समीक्षा करते हुए डीएम ने रूपईडीहा में कृषि उत्पादन मण्डी, गन्ना विकास परिषद परसेंडी तथा रिलायन्स के लिए भूमि का चिन्हांकन करने के निर्देश देते हुए कहा कि भूमि आवंटन से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित किया जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि जिन विभागों को पूर्व में ज़मीन आवंटित की गई है और उनके द्वारा कई वर्ष बीत जाने के बावजूद संबंधित परियोजना की शुरुआत नहीं की गई है, तो ऐसे विभागों से भूमि वापस लेकर नवीन परियोजनाओं हेतु अन्य विभागों को आवश्यकता के अनुरूप नियमानुसार आवंटन् की कार्यवाही की जाये। लम्बित गन्ना मूल्य भुगतान में शिथिलता पर डीएम ने नाराज़गी जताते हुए जिला गन्ना अधिकारी को बकाया मिलों से समन्वय कर शीघ्रातिशीघ्र भुगतान कराये जाने का निर्देश दिया।

डीएम ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक सभी कार्यालयों में पूरी तरह से ई-आफिस स्थापना संबंधी समस्त कार्य पूर्ण करते हुए ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य की शुरुआत की जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्धारित रोस्टर के अनुसार नहरों के संचालन हेतु सभी तैयारी पूर्ण कर ली जाएं। नगर निकायों को निर्देश दिया गया कि वर्षा ऋतु से पूर्व नाली-नालों की समुचित साफ-सफाई करा दी जाये ताकि कहीं भी जलभराव की समस्या न आए। डीएम ने निर्देश दिया कि खनन अथवा अन्य कारणों से बनने वाले गड्ढ़ों को तत्काल भरवा दिया जाय। उन्होंने कहा कि यदि गड्ढ़ों के कारण कोई अप्रिय घटना होती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।

डीएम ने 45 दिन से अधिक के वादों की तहसीलवार समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी उप जिलाधिकारी नियमित समीक्षा करते हुए वादों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी हाल में दायरा बढ़ने से वादों के निस्तारण में कमी नहीं आनी चाहिए। डीएम ने कहा कि धारा 24, 34, 67 व 116 के वादों व अन्य धाराओं में लम्बित वादों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करें तथा अंश निर्धारण से सम्बन्धित प्रकरणों को चिन्हित कर उन्हें निस्तारित कराएं साथ ही निस्तारित वादों की फीडिंग कार्य को भी अद्यतन रखा जाये। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिया कि पूर्व में त्रुटिपूर्ण निर्गत आय, जाति एवं निवास प्रमाण-पत्रों की अपने स्तर पर समीक्षा कर दोषियों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सार्वजनिक भूमि को अवैध कब्ज़ों एवं अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने के कार्य में तेज़ी लायें तथा एंटी भू-माफिया पोर्टल पर की गई कार्यवाही को अपडेट भी किया जाय। एसडीएम को निर्देशित किया गया कि शिकायत, एंटी भू-माफिया, पोर्टल अपडेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को अपनी देख-रेख में करायें इससे मुणवत्ता बेहतर होगी। डीएम ने निर्देश दिया कि दैवीय आपदा, संग्रह व नज़ारत से सम्बन्धित अवशेष आडिट आपत्तियों का निस्तारण शीघ्र किया जाय। नामांतरण वाद, पेट्रोल पम्प की अनुमति से सम्बन्धित प्रकरणों का निस्तारण कराने के साथ-साथ वर्ष 2025 के वृक्षारोपण अभियान हेतु उपयुक्त भूमि को भी पहले से ही चिन्हित कर लिया जाय। डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिया कि समय-समय पर तहसील अन्तर्गत सिंचाई, विद्युत, स्वास्थ्य, ब्लाक, पशुपालन एवं कृषि विभाग इत्यादि विभागों से सम्बन्धित कार्यालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आवश्यक सेवाओं व जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को आच्छादित करने हेतु सतत प्रयत्नशील रहें।

प्रदेश में 30 लाख ओबीसी छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति देकर स्थापित किया गया नया रिकॉर्ड

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। उ०प्र० सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को सशक्त बनाने और विकास की मुख्य धारा से जोडने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये है. इस कड़ी में मा० यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रदेश के प्रगतिशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने विगत वर्षों में पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।

छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना हेतु पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की यह सबसे बड़ी योजना है, जिसके लिए 2024-25 में प्राप्त बजट 02 हजार, 475 करोड़ रुपये से लगभग 30 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति उपलब्ध करायी गयी, जो एक रिकार्ड है। वर्ष 2023-24 की तुलना में लगभग 05 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत छात्र-छात्राओं को 2250 रुपये प्रति वर्ष एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति / शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत छात्र-छात्राओं को चार श्रेणियों में क्रमशः 10 हजार, 20 हजार, 30 हजार एवं 50 हजार रुपये दिया जाता है।

शादी अनुदान योजनान्तर्गत वर्ष 2024-25 में 200 करोड रुपये के बजटीय प्रबंधन से एक लाख गरीब बेटियों की शादी का अनुदान उपलब्ध कराया गया तथा इसी वर्ष में करीब 6 हजार गरीब बेटियों की शादी का अनुदान 12 करोड़ रुपये दिया गया है, जबकि वर्ष 2023-24 में केवल 105 करोड़ रुपये के बजटीय प्राविधान से 52 हजार, 553 बेटियों को शादी अनुदान से अनुदानित किया गया था। इस योजनान्तर्गत एक लाख आय सीमा के अन्तर्गत जीवन यापन करने वाले ग्रामीण अथवा शहरी ओ०बी०सी० परिवारों को 20 हजार रुपये की धनराशि शादी अनुदान के रूप में जारी की जाती है।

कंप्यूटर प्रशिक्षण योजनान्तर्गत प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु बजटीय प्राविधान रुपये 32.92 करोड़, था जिसमें 29 हजार, 769 ओ०बी०सी० प्रशिक्षार्थियों को लाभान्वित किया गया, जबकि वर्ष 2023-24 में रू0 22.52 करोड़ के बजट से 23 हजार, 697 ओ०बी०सी० प्रशिक्षार्थियों को लाभान्वित किया गया। इस योजना के अन्तर्गत 5 हजार रुपये से ‘ट्रिपल सी’ के प्रशिक्षण हेतु तथा 15 हजार रुपये से ‘ओ लेवल’ के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को दिया जाता है।

छात्रावास निर्माण/अनुरक्षण योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 105 छात्रावासों के अनुरक्षण हेतु 02 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रबंधन किया गया। इस योजना के अन्तर्गत पिछड़े वर्गों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क छात्रावास उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जाता है। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के द्वारा संचालित इन योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया गया है।

उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्गकल्याण विभाग ने वर्ष 2024-25 में नवाचार के माध्यम से कई महत्वपूर्ण फैसले लिये, जिसमे पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजटीय प्रबंधन 2789.71 करोड़ किया गया, जबकि वर्ष 2023-24 में 2338.63 करोड़ था, जोकि पिछले वर्ष की तुलनामें 451.08 करोड़ अधिक है। शादी अनुदान प्राप्त करने वाले ओ०बी०सी० व्यक्तियों की आय सीमा को बी०पी०एल० श्रेणी शहरी व ग्रामीण से बढ़ाकर समान रूप से एक लाख की गयी।

प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं अन्य लाभार्थियों को आर्थिक सहयोग देने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे है। पिछड़े वर्ग के लिए वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 का कुल व्यय बजट रू0 6928.71 करोड़ था, जबकि 2017-18 से 2025-26 का कुल व्यय बजट रू0 14969.55 करोड़ है, जो कि पिछली सरकार के कुल व्यय बजट से रू0 8040.84 करोड़ अधिक है।

डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कर करेत्तर राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कर-करेत्तर राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कर करेत्तर से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लक्ष्य के अनुरूप राजस्व वसूली सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी स्तर पर प्रवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग की राजस्व वसूली लक्ष्य से कम नहीं होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि लक्ष्य से कम वसूली करने वाले विभाग सप्ताहवार लक्ष्य निर्धारित कर वसूली के लिए अभियान संचालित कर मानक के अनुरूप वसूली सुनिश्चित करें।

कर एवं करेत्तर राजस्व वसूली की मदवार समीक्षा में पाया गया कि माह अप्रैल 2025 में भू-राजस्व मद के लिए निर्धारित लक्ष्य 09.05 लाख के सापेक्ष 4.62 लाख रू. की वसूली की गयी है जो कि लक्ष्य का 51.05 प्रतिशत है। वाणिज्य कर के लिए निर्धारित मासिक लक्ष्य रू. 3035.85 लाख के सापेक्ष 2405.45 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 79.23 प्रतिशत, स्टाम्प तथा निबन्धन मद में लक्ष्य रू. 1737.00 लाख के सापेक्ष 1636.03 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 94.24 प्रतिशत, आबकारी मद में लक्ष्य रू. 4386.00 लाख के सापेक्ष 5035.34 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 114.80 प्रतिशत, बैंक देय मद में लक्ष्य रू. 123.62 लाख के सापेक्ष 236.87 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 191.61 प्रतिशत तथा विद्युत मद में लक्ष्य रू. 2600.00 लाख के सापेक्ष 3002.00 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 115.48 प्रतिशत है।

इसी प्रकार परिवहन मद में लक्ष्य रू. 704.17 लाख के सापेक्ष 883.56 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 125.48 प्रतिशत, वानिकी मद में लक्ष्य रू. 120.25 लाख के सापेक्ष 158.75 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 132.02 प्रति., अलौह खनन मद में लक्ष्य रू. 138.75 लाख के सापेक्ष 54.10 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 38.99 प्रति., मण्डी समिति मद में लक्ष्य रू. 204.53 लाख के सापेक्ष 196.17 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 95.51 प्रति., स्थानीय निकाय मद में लक्ष्य रू. 29.94 लाख के सापेक्ष 20.06 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 67.00 प्रति. तथा बांट माप में मद में लक्ष्य रू. 7.81 लाख के सापेक्ष 7.28 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 93.21 प्रति., श्रम प्रवर्तन मद में लक्ष्य शून्य के सापेक्ष 3.34 लाख की वसूली हुई है। इस प्रकार कुल मासिक लक्ष्य रू. 13095 लाख के सापेक्ष 13644.04 लाख की वसूली हुई जो लक्ष्य का 104.19 प्रतिशत है।

डीएम मोनिका रानी ने तहसीलों को निर्देश दिया कि नियमित रूप से अमीनवार व मदवार वसूली की समीक्षा करते रहें। एसडीएम व तहसीलदार को निर्देश दिया गया कि ग्रामों के भ्रमण के दौरान सम्बन्धित ग्राम बड़े बकायेदारों से वसूली की भी समीक्षा करें। वसूली प्रमाण-पत्र के वापसी की समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि किन्हीं कारणों से तहसीलों द्वारा वापस की गयी आर.सी. को सम्बन्धित पोर्टल से भी डिलीट कर डाटा को अनिवार्य रूप अद्यतन कर दिया जाय। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार, सम्बन्धित एसडीएम, कर करेत्तर से सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी व अन्य सम्बन्धित उपस्थित रहे।

अच्छी आमदनी के लिए किसान सब्जियों के साथ स्वीट कॉर्न मक्का की भी करें बोआईः डीएम

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच 

 

बहराइच जनपद में कृषकों की समस्याओं के निराकरण हेतु विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने किसानों से कहा कि वर्तमान खरीफ में सब्जियों के साथ स्वीट कॉर्न मक्का, भी बोआई करें। इससे अच्छी आमदनी होगी। जिले में अत्यधिक मक्का उत्पादन को देखते हुए जनपद की चीनी मिलों में स्थापित डिस्टलरी में मक्के का उपयोग स्थानीय स्तर पर कराया जाय। 

डीएम ने जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी को निर्देश दिया कि अत्यधिक मक्का उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए रबी में भी क्रय केन्द्र स्थापित कराये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजवायें, जिससे जिले के किसानों को उनके उपज का वाजिब मूल्य प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी ने उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देश दिया कि कृषकों की समस्याओं का प्राथमिकता एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें।

 शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। डीएम ने उपायुक्त एन.आर.एल.एम. को निर्देश दिया कि आर-सेटी के माध्यम से महिला समूहो को अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिलाकर अगरबत्ती निर्माण के क्षेत्र में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया जाय। डीएम ने लीड बैंक प्रबन्धक जितेन्द्र मसंद को निर्देश दिया कि जिले के समस्त बैंक शाखा प्रबन्धकों को निर्देशित किया जाय कि कृषकों को शासन की मंशानुरूप के.सी.सी. निर्गत करें। डीएम ने केसीसी निर्गत करने में उदासीनता बरतने वाले बैंकों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। 

उप निदेशक कृषि विनय कुमार वर्मा ने प्राकृतिक खेती के फायदे बतायें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिले के कृषकों द्वारा उर्वरकों का अधिक प्रयोग किया जा रहा है, जिससे भूमि की उवर्रा शक्ति में ह्रास हो रहा है तथा उत्पादन स्थिर है। जिले के भूमि का पीएच मान 0.8 के सापेक्ष 0.3 प्रतिशत है। इससे प्रतीत होता है कि भूमि में कार्बनिक तत्वों की कमी है। उन्होंने रसायन मुक्त खेती के तरीके बतायें तथा जिलाधिकारी के समक्ष लाइट ट्रेप का डेमो प्रस्तुत किया। उन्होंने किसानों को फार्मर रजिस्ट्री कराने तथा प्राकृतिक खेती अपनाएं जाने की अपेक्षा की।

 जिला कृषि अधिकारी सुबेदार यादव ने बताया कि जनपद के सभी बीज गोदामों पर खरीफ बीज उपलब्ध करा दिया गया है एवं पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गयी है। बैठक में उपस्थित कृषक मुन्ना लाल वर्मा द्वारा जिले में काला नमक प्रजाति का गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त करने हेतु जानकारी चाही गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. संदीप कनौजिया ने सभी किसानों को कीट/रोग प्रबंध के तरीके बताये। उन्होंने बताया कि जनपद में काला नमक धान प्रजाति के.एन.-2 उपयुक्त है विलम्ब से बुआई करने पर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त होगा। कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के कृषि वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने जायद में मूंग की खेती में अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिये। जिला गन्ना अधिकारी आनन्द शुक्ला ने गन्ना विभाग द्वारा संचालित योजनाओं तथा जिले के चीनी मिलों के बकाया गन्ना क्रय मूल्य के भुगतान के आरे में जानकारी प्रदान की।

उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की समृद्धि के आधार स्तम्भ होते है। किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का मापदण्ड उसमे निवास करने वाले नागरिक के स्वास्थ्य की स्थिति से ही जाना जाता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षयरोग मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये है। प्रदेश में क्षय रोगियों को बेहतर आधुनिक जाँच उपलब्ध कराने हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 926 नैट मशीनें एवं 14 कल्चर डीएसटी प्रयोगशाला के द्वारा प्रदेश के क्षय रोगियों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में 25 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र एवं 56 जनपदीय ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र दवा प्रतिरोधी टीबी का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। नोडल डी0आर0टी0वी0 सेन्टरों में एमडीआर/एक्सडीआर क्षय रोगियों हेतु बीडाक्यूलीन एवं डिलामिनिड आधार रेजीमेन उपचार हेतु उपलब्ध है।

वर्ष 2024 में एक्टिव केस फाइंडिंग गतिविधि अभियान के दौरान कुल 15,321 टीबी के मामलों को डायग्नोज एवं उनका उपचार किया गया है। साथ ही 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए 90 हजार नये टीबी मरीजो की पहचान करते हुए इलाज शुरू किया गया है। टी0बी0 मुक्त स्थिति की दिशा में प्रगति के प्रमाणन के तहत 7 जिलों हापुड़, कौशांबी, संत रविदास नगर, शामली, बलरामपुर, उन्नाव, सोनभद्र को कांस्य पदक में और 04 जिलों जालौन, मुजफरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत को रजत पदक से वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च, 2023 के अवसर पर सम्मानित किया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्षय

रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेन्टर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर प्रयोगशाला तक पहुंचाने हेतु डाक विभाग से राज्य स्तर पर अनुबंध किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में नमूनों को शीघ्र पहुंचाया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार शुरू करना, टीबी के इलाज छोड चुके मरीजों को पुनः उपचार में लाना एवं निक्षय पोषण योजना डीबीटी हेतु बैंक विवरण की इन्ट्री करना प्रमुख है। प्रधान मंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय रोगियों को प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनों/लोकोपकारी संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। दिनांक 17 फरवरी, 2025 तक निक्षय पोर्टल के आंकडानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में कुल 3.53 लाख क्षय रोगियों को गोद लिया गया है।

प्रदेश में जून 2021 से प्रति माह दो बार दवा प्रतिरोधी टीबी के जटिल मामलो पर ‘‘डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक’’ वर्चुअल माध्यम से चर्चा की जा रही है एवं उसका समाधान करने के लिए प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेज के क्षय रोग विशेषज्ञ द्वारा जटिल क्षय रोग केस की विस्तृत चर्चा से राममान करते है। प्रदेश के चार ड्रग स्टोर आगरा, लखनऊ बरेली तथा वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों को आवंटित औषधियों/जनपदीय ड्रग स्टोर के माध्यम से समस्त क्षय रोगियों को उपलब करायी जाती है। स्टेट टीबी ट्रेनिंग एण्ड डिमान्सट्रेशन सेन्टर (एस0टी0डी0सी) आगरा को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है तथा समस्त एन0टी0ई0पी0 के कर्मचारियों एवं चिकित्सको को प्रशिक्षण आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है। वर्तमान में एसटीडीसी-एस0जी0पी0जी00आई0 लखकऊ एवं 100 शैय्या टीबी अस्पताल/चारु चंद्रदास मेमोरियल टीबी अस्पताल, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है।

प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच एवं उपचार निःशुल्क, टीबी-एच0आई०वी0 समन्वय कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की एचआई0वी0 की जांच 99 प्रतिशत सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 6.50 लाख क्षय रोगियों के निर्धारित नोटीफिकेशन लक्ष्य के सापेक्ष कुल 6,81,655 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये गये है। वर्तमान में प्रदेश में इलाज की सफलता दर वर्ष 2017 में जहँा 29 प्रतिशत थी वह बढ़कर 2024 में 94 प्रतिशत हो गई है। भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0500/- प्रति माह की दर को बढ़ाकर 01 नवम्बर 2024 से रु01000/- प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में दिनांक 17.02.2025 तक 28.31 लाख क्षय रोग लाभार्थियो को रू0820.32 करोड़ का भुगतान किया गया है। टीबी रोगियों में से 90 प्रतिशत मरीजों की एच0आई0वी0 और 97 प्रतिशत मरीजों की मधुमेह की स्थिति ज्ञात है। प्रदेश में 05 क्षेत्रीय क्षय कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आर0टी0पी0एम0) आगरा-17 लखन्ऊ-18 बरेली-18 गोरखपुर 10 एवं वाराणसी-11 से सम्बधित जनपदों के एन0टी0ई0पी0 के संकेतांको की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण कर इलाज लगातार करते हुए क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने में ठोस कार्य किये जा रहे है।