उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की समृद्धि के आधार स्तम्भ होते है। किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का मापदण्ड उसमे निवास करने वाले नागरिक के स्वास्थ्य की स्थिति से ही जाना जाता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षयरोग मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये है। प्रदेश में क्षय रोगियों को बेहतर आधुनिक जाँच उपलब्ध कराने हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 926 नैट मशीनें एवं 14 कल्चर डीएसटी प्रयोगशाला के द्वारा प्रदेश के क्षय रोगियों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में 25 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र एवं 56 जनपदीय ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र दवा प्रतिरोधी टीबी का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। नोडल डी0आर0टी0वी0 सेन्टरों में एमडीआर/एक्सडीआर क्षय रोगियों हेतु बीडाक्यूलीन एवं डिलामिनिड आधार रेजीमेन उपचार हेतु उपलब्ध है।

वर्ष 2024 में एक्टिव केस फाइंडिंग गतिविधि अभियान के दौरान कुल 15,321 टीबी के मामलों को डायग्नोज एवं उनका उपचार किया गया है। साथ ही 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए 90 हजार नये टीबी मरीजो की पहचान करते हुए इलाज शुरू किया गया है। टी0बी0 मुक्त स्थिति की दिशा में प्रगति के प्रमाणन के तहत 7 जिलों हापुड़, कौशांबी, संत रविदास नगर, शामली, बलरामपुर, उन्नाव, सोनभद्र को कांस्य पदक में और 04 जिलों जालौन, मुजफरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत को रजत पदक से वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च, 2023 के अवसर पर सम्मानित किया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्षय

रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेन्टर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर प्रयोगशाला तक पहुंचाने हेतु डाक विभाग से राज्य स्तर पर अनुबंध किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में नमूनों को शीघ्र पहुंचाया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार शुरू करना, टीबी के इलाज छोड चुके मरीजों को पुनः उपचार में लाना एवं निक्षय पोषण योजना डीबीटी हेतु बैंक विवरण की इन्ट्री करना प्रमुख है। प्रधान मंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय रोगियों को प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनों/लोकोपकारी संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। दिनांक 17 फरवरी, 2025 तक निक्षय पोर्टल के आंकडानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में कुल 3.53 लाख क्षय रोगियों को गोद लिया गया है।

प्रदेश में जून 2021 से प्रति माह दो बार दवा प्रतिरोधी टीबी के जटिल मामलो पर ‘‘डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक’’ वर्चुअल माध्यम से चर्चा की जा रही है एवं उसका समाधान करने के लिए प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेज के क्षय रोग विशेषज्ञ द्वारा जटिल क्षय रोग केस की विस्तृत चर्चा से राममान करते है। प्रदेश के चार ड्रग स्टोर आगरा, लखनऊ बरेली तथा वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों को आवंटित औषधियों/जनपदीय ड्रग स्टोर के माध्यम से समस्त क्षय रोगियों को उपलब करायी जाती है। स्टेट टीबी ट्रेनिंग एण्ड डिमान्सट्रेशन सेन्टर (एस0टी0डी0सी) आगरा को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है तथा समस्त एन0टी0ई0पी0 के कर्मचारियों एवं चिकित्सको को प्रशिक्षण आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है। वर्तमान में एसटीडीसी-एस0जी0पी0जी00आई0 लखकऊ एवं 100 शैय्या टीबी अस्पताल/चारु चंद्रदास मेमोरियल टीबी अस्पताल, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है।

प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच एवं उपचार निःशुल्क, टीबी-एच0आई०वी0 समन्वय कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की एचआई0वी0 की जांच 99 प्रतिशत सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 6.50 लाख क्षय रोगियों के निर्धारित नोटीफिकेशन लक्ष्य के सापेक्ष कुल 6,81,655 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये गये है। वर्तमान में प्रदेश में इलाज की सफलता दर वर्ष 2017 में जहँा 29 प्रतिशत थी वह बढ़कर 2024 में 94 प्रतिशत हो गई है। भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0500/- प्रति माह की दर को बढ़ाकर 01 नवम्बर 2024 से रु01000/- प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में दिनांक 17.02.2025 तक 28.31 लाख क्षय रोग लाभार्थियो को रू0820.32 करोड़ का भुगतान किया गया है। टीबी रोगियों में से 90 प्रतिशत मरीजों की एच0आई0वी0 और 97 प्रतिशत मरीजों की मधुमेह की स्थिति ज्ञात है। प्रदेश में 05 क्षेत्रीय क्षय कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आर0टी0पी0एम0) आगरा-17 लखन्ऊ-18 बरेली-18 गोरखपुर 10 एवं वाराणसी-11 से सम्बधित जनपदों के एन0टी0ई0पी0 के संकेतांको की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण कर इलाज लगातार करते हुए क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने में ठोस कार्य किये जा रहे है।

वार्षिक स्थानान्तरण नीति के सम्बन्ध में डीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2025-26 के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि समूह ‘‘ग’’ हेतु पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश के अनुसार नियमानुसार अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक कार्मिकों का पटल/क्षेत्र परिवर्तन किये जाने की कार्यवाही कड़ाई के साथ सुनिश्चित की जाये। स्थानान्तरण की कार्यवाही में एक ही पटल/क्षेत्र में काफी अर्से से तैनात कर्मचारियों की वरीयता क्रम में नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायें।

डीएम ने निर्देश दिया कि कलेक्ट्रेट, तहसील, नज़ारत, ब्लाक, विकास विभाग, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण व चिकित्सा जैसे बड़े अधिष्ठान सहित सभी विभाग कार्यरत समूह ‘‘ग’’ अन्तर्गत वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ लिपिक, सचिव व लेखपाल सहित अन्य संवर्ग तथा समूह ‘‘घ’’ के कर्मियों के पटल/क्षेत्र परिवर्तन के सम्बन्ध में 15 दिवस में अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करें।

डीएम ने कहा कि ऐसे कर्मचारी जिनका समय पूरा न हुआ किन्तु किसी परेशानी के कारण पारस्परिक सहमति से स्थानान्तरण चाहते हैं तो स्थानान्तरण नीति-2025 का पालन करते हुए उनके प्रस्तावों पर विचार किया जाय। डीएम ने यह भी कहा कि कर्मचारियो से 02 विकल्प प्राप्त कर शासकीय कार्यहित को देखते हुए पटल/क्षेत्र परिवर्तन की कार्यवाही अमल में लायी जाये। विकास से सम्बन्धित सभी विभागों में समूह ‘‘ग’’ व ‘‘घ’’ के कर्मचारियों के पटल/क्षेत्र परिवर्तन की कार्यवाही के लिए डीएम द्वारा मुख्य विकास अधिकारी, राजस्व के लिए मुख्य राजस्व अधिकारी तथा नगर निकाय के लिए अपर जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीएम ने निर्देश दिया कि नवनियुक्त लेखपालों, अमीनों व सचिवों को प्रतिदिन निश्चित समय के लिए टाईपिंग सीखने के लिए प्रेरित करें तथा 01 माह पश्चात टाईप टेस्ट लेकर प्रगति का मूल्यांकन करें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार, डीडीओ राजेश कुमार, पीडीडीआरडीए अरूण कुमार सिंह सहित जनपद स्तरीय अधिकारी तथा समस्त उप जिलाधिकारियों द्वारा बैठक में वर्चुअली प्रतिभाग किया गया।

कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच

बहराइच। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अन्य पिछड़े वर्ग के युवक-युवतियों को निःशुल्क ‘ओ’ लेवल/ट्रिपल सी (सी.सी.सी.) कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नीलीट से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान विभागीय वेबसाइट बैकवर्डवेलफेअर डाट यूपी डाट एनआईसी डाट इन एवं ओबीसीकम्प्यूटरट्रेनिंग डाट यूपीएसडीसी डाट जीओवी डाट इन पर दिये गये लिंक पर 27 मई 2025 तक आनलाइन आवेदन किये जा सकते हैं। इच्छुक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता से सम्बन्धित अभिलेखों व आधारभूत ढांचे का विवरण उक्त वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ ही समस्त अभिलेखों की हार्डकापी विकास भवन स्थित जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।

भदोही एएसपी का स्थानांतरण: डॉ तेजवीर सिंह संभालेंगे बुलंदशहर में न‌ई जिम्मेदारी, शुभम अग्रवाल होने न‌ए ए‌एसपी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही के अपर पुलिस अधीक्षक डॉ तेजवीर सिंह का बुलंदशहर स्थानांतरण हो गया है। उनके स्थान पर शुभम अग्रवाल न‌ए एएसपी के रुप में कार्यभार संभालेंगे। पुलिस लाइन ज्ञानपुर में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्मृति चिन्ह , वस्त्र और माला अर्पण कर डाॅ तेजवीर सिंह को विदाई दी। विदाई समारोह में सभी पुलिस अधिकारियों ने एएसपी के कार्यकाल की सराहना की। डॉ तेजवीर सिंह ने भावुक होते हुए अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी का सहयोग उन्हें हमेशा याद रहेगा। एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने विशेष सम्मान देते हुए डॉ तेजवीर सिंह की गाड़ी को पैदल चलकर विदाई दी। डॉ तेजवीर सिंह का भदोही जिले में एक वर्ष का कार्यकाल बेहद सफल रहा।

सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर ने किया कौन सा काम

महेश चंद्र गुप्ता/बहराइच ।

बहराइच जनपद के दरगाह शरीफ थाना में तैनात प्रभारी निरीक्षक द्वारा आज भारी पुलिस बल के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ थाना दरगाह शरीफ से डिगिहा चौराहे तक पैदल रूट मार्च किया गया।

पैदल रूट मार्च करने का मकसद जनता को सुरक्षा का एहसास दिलाना साथ ही आने वाले त्योहारों में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ न हो सके इसके लिए अराजक तत्वों को संदेश देने के लिए यह रूट मार्च प्रभारी निरीक्षक थाना दरगाह शरीफ के नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर दरगाह शरीफ थाने की पूरी टीम मौजूद रही।

बहराइच शहर के थाना दरगाह शरीफ के प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह के नेतृत्व में आज आने वाले त्योहारों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बहराइच की दरगाह थाना क्षेत्र में भारी पुलिस बल के साथ रूट मार्च किया गया किस रूट मार्च में तमाम हल्कों के उप निरीक्षक कांस्टेबल महिला कांस्टेबल सहित अन्य तमाम सिपाही मौजूद रहे। यह रूट मार्च बहराइच के दरगाह थाना शरीफ से निकाला गया और बहराइच के डिगिहा चौराहे तक गया। इस रूट मार्च में प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह मुस्तैद नजर आए आगे आगे चलते हुए उन्होंने अपने पीछे पूरी टीम को नेतृत्व देते हुए सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक संदेश दिया।

इस मौके पर दरगाह शरीफ थाना के प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि आगामी त्योहारों के मध्य नजर यह रूट मार्च निकाला जा रहा है। इस रूट मार्च का मकसद संभ्रांत व्यक्तियों को सुरक्षा का एहसास करना साथ ही अराजक तत्वों और दुष्ट व्यक्तियों को यह संदेश देना है कि अगर कोई गलत हरकत की जाती है तो उनके लिए पुलिस हमेशा तैयार खड़ी है। प्रभारी निरीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया की रूट मार्च का यह कार्यक्रम अब चलता ही रहेगा क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अति आवश्यक कार्य है।

बहराइच के पूर्व सीएमओ डॉ. सुरेश सिंह पर एफआईआर दर्ज

- आय से अधिक व्यय के मामले में विजिलेंस ने की कार्रवाई

लखनऊ। बहराइच के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश सिंह के खिलाफ आय से अधिक व्यय करने के आरोप में विजिलेंस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला 2022 में शुरू हुई एक जांच का परिणाम है, जिसमें डॉ. सिंह को अपने खर्चों के संबंध में अनियमितताएं पाई गईं।

विजिलेंस ने 2022 में डॉ. सुरेश सिंह के खिलाफ जांच शुरू की थी, जब वह बहराइच जिले के सीएमओ थे। जांच में पाया गया कि डॉ. सिंह ने निर्धारित अवधि में विभिन्न श्रोतों से कुल 41,41,444 रुपये की आय की थी, जबकि उनके खर्चों की राशि 53,03,155 रुपये तक पहुँच गई। इस प्रकार, उन्हें 11,61,711 रुपये का अतिरिक्त व्यय करने का दोषी पाया गया।

आय से अधिक व्यय पर दर्ज हुआ एफआईआर

विजिलेंस ने डॉ. सुरेश सिंह के खिलाफ आय से अधिक व्यय करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर की गई है, और अब मामले की आगे की जांच जारी है।

डॉ. सुरेश सिंह का वर्तमान ठिकाना और पृष्ठभूमि

डॉ. सुरेश सिंह, जो जौनपुर के निवासी हैं, वर्तमान में लखनऊ के राजाजीपुरम में रहते हैं। उनका नाम अब बहराइच जिले के सीएमओ के पद से हटने के बाद इस विवाद में सामने आया है।

दहेज की बेदी पर चढ़ी फिर एक विवाहिता

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच शहर के नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नजीरपुरा में एक बार फिर दहेज के लोभी ससुराली जनों ने एक विवाहिता को मौत की घाट उतार दिया। यह हत्या गला दबाकर की गई है ऐसा मृतका विवाहिता की मां का कहना है। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

बहराइच जनपद के हरदी थाना क्षेत्र के गोपचंदपुर की रहने वाली रामावती गुप्ता पत्नी शिवनारायण गुप्ता ने कोतवाली नगर में तहरीर देते हुए बताया है कि उनकी बेटी खुशबू की शादी बीते 23 जून 2023 को बहराइच शहर के मोहल्ला नाजिरपुरा में रहने वाले दीपक गुप्ता के साथ की गई थी और दहेज में 5 लाख रुपए की मांग की गई थी हमने व्यवस्था करके ₹100000 की नगदी दे भी दी थी। इसके बाद भी खुशबू के ससुराल वाले मेरी बेटी को लगातार मारपीट रहे थे और प्रताड़ित कर रहे थे। बीती रात मेरी बेटी को पहले पीटा गया और उसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।

मृतका खुशबू की मां रामावती ने बताया की मेरी बेटी की हत्या में मेरी बेटी की सास, ससुर, नंद और पयागपुर के रहने वाले एक रिश्तेदार भी शामिल है। रामावती ने इन सभी के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। बहराइच शहर के नगर कोतवाली के कोतवाल आर के सिंह ने बताया कि मृतका खुशबू की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ जाने के बाद केस दर्ज करके आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी।

जिले की रैंकिंग प्रभावित होने पर दण्डित होंगेे जिम्मेदार अधिकारीः डीएम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच में सीएम डेश बोर्ड एवं जनसुनवाई पोर्टल की समीक्षा हेतु गुरूवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान शिकायत निस्तारण की आख्या गुणवत्तापूर्ण न होने तथा छात्रवृत्ति की धनराशि के प्रेषण में विलम्ब व पेंशन लाभार्थियों की केवाईसी पूर्ण न होने पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया। इसी प्रकार बैठक से अनुपस्थित होने पर सहायक श्रमायुक्त का अग्रिम आदेशों तक वेतन बाधित करने तथा आख्या गुणवत्तापूर्ण न होने पर एडीओ पंचायत बलहा को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि से दण्डित किये जाने का निर्देश दिया। जबकि जल निगम से प्राप्त होने वाली आख्या संतोषजनक न होने तथा मौके की फोटो प्रेषित न किये जाने पर डीएम ने विभागीय अधिकारियों एवं लिपकीय संवर्ग को वेतन रोके जाने के निर्देश दिये।

डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रकरणों का निस्तारण नवीन शासनादेश के अनुसार करें। स्पेशल क्लोज़ से सम्बन्धित प्रकरणों में पूरी जांच पड़ताल कर शिकायतकर्ता से वार्ता के पश्चात संतोषजनक/संतुष्ट फीड प्राप्त करने के बाद ही स्पेशल क्लोज़ करें। डीएम ने पंचायत राज, आपूर्ति, विद्युत एवं आईसीडीएस विभागों को निर्देश दिया कि आख्या पर विशेष ध्यान दें जिससे जिले की रैंकिंग प्रभावित न हाने पाये। समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया कि पेंशन से सम्बन्धित शिकायतों में अधिकारी कर्मचारी मौके पर जाकर जियो टैग फोटो व गवाह का साक्ष्य ज़रूर लगायें।

बैठक के दौरान डीएम ने बताया कि नवीन व्यवस्था के अनुसार एल-1 स्तर के अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से टेलीफोन पर बात करने पर रैंकिंग तय होगी। डीएम ने एल-1 स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अनिवार्य रूप से शत-प्रतिशत शिकायतकर्ता से दूरभाष पर ज़रूर वार्ता करें। इसके लिए 10 नम्बर आवंटित किये जायेगें। एल-3 स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कम से कम 10 शिकायतकर्ता से अवश्य वार्ता करें। डीएम ने कहा कि बार-बार असंतुष्ट फीड बैक देने वाले शिकायतकर्ता को कार्यालय में बुलाकर उनकी समस्या का समाधान करने के पश्चात ही फीड बैक लगायें।

बैठक के दौरान डीएम मोनिका रानी ने फैमिली आईडी, विद्युत, विकास, पर्यटन, आपरेशन कायाकल्प, मध्यान्ह भोजन, पशुपालन, पिछड़ा वर्ग, मत्स्य पालन, आईसीडीएस, सभी प्रकार की पेंशन, आधार सीडिंग, कन्या सुमंगला, श्रम विभाग, ओडीओपी, सहकारिता, आबकारी, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना, गन्ना मूल्य भुगतान, पीएम आवास, खनन इत्यादि विभागों की समीक्षा करते हुए आपूर्ति विभाग को निर्देश दिया कि उज्ज्वला योजना में लाभार्थियों के अतिरिक्त अन्य किसी को गैस सिलेण्डर देने सम्बन्धी प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण करें। समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अन्तर्गत अधिक से अधिक सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन कर पात्र बेटियों की शादी करायें तथा राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना अन्तर्गत प्राप्त होने वाले प्रार्थना-पत्रों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि सेतु निगम व रेलवे की समन्वय बैठक कराकर ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाय।

तहसील पयागपुर में सम्पन्न हुआ 50 जोड़ों का सामूहिक विवाह

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अन्तर्गत जिलाधिकारी मोनिका रानी के कुशल निर्देशन में तहसील परिसर पयागपुर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले ज़रूरतमन्द, निराश्रित/निर्धन परिवारांे की 50 विवाह योग्य कन्या/विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं का विवाह उनकी सामाजिक/धार्मिक मान्यता एवं परम्परा/रीति-रिवाज के साथ सम्पन्न कराया गया। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विकास खण्ड पयागपुर से 11, हुज़ूरपुर से 25, विशेश्वरगंज से 09, मिहींपुरवा से 01 व कैसरगंज व चित्तौरा से 02-02 कुल 50 जोड़ों में से 46 हिन्दू जोड़ों का विवाह विद्धान ब्राहमणों द्वारा हिन्दू रीति-रिवाजों से विधि-विधान के साथ सम्पन्न कराया गया जबकि 04 मुस्लिम जोड़ों का निकाह पढ़ाया गया। उल्लेखनीय है कि विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी ने स्वयं भी वैदिक पूजन में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर विधायक पयागपुर ने नवविवाहित जोड़ो पर पुष्पवर्षा करते हुए आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज सम्पन्न हुए विवाह कार्यक्रम को विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोचार एवं हिन्दू विवाह सप्तपदी के द्वारा सम्पन्न कराते हुए, वर-वधू को अग्नि के चारों ओर सात बार परिक्रमा कराकर विवाह के सात वचनो के साथ विवाह समपन्न कराये जाने हेतु विशेष महत्वपूर्ण अवसर बताया।

सामूहिक विवाह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि सांसद कैसरगंज करणभूषण सिंह के प्रतिनिधि सुनील सिंह, विधान सभा संयोजक पयागपुर निशंक त्रिपाठी, भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, उप जिलाधिकारी पयागपुर दिनेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्ता, बीडीओ पयागपुर, विशेश्वरगंज, हुजूरपुर ने अन्य गणमान्य व संभ्रान्तजन तथा परिजनों के साथ नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि सामूहिक विवाह योजना अन्तर्गत प्रदेश की गरीब बेटियों की शादी धूमधाम के साथ सम्पन्न हो रही है। आज किसी गरीब पिता को बेटी की शादी के लिए फिक्रमन्अ होने की ज़रूरत नहीं है। गरीब पात्र व्यक्तियों द्वारा आवेदन करने पर सरकारी खर्च से बेटियों का विवाह सम्पन्न कराया जा रहा है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि लाभार्थी परिवार की बेटियों का विवाह उनकी सामाजिक एवं धार्मिक मान्यता तथा रीति-रिवाज के साथ सम्पन्न कराया जाता है। उन्होंने आमजन का आहवान किया ऐसी महत्वाकांक्षी योजना का भरपूर लाभ उठायें।

नाबालिक बच्चों को रिहा करने गई पुलिस लौटी वापस, जानें पूरा मामला

महेश चंद्र गुप्ता/ बहराइच

बहराइच में श्रम विभाग की टीम ने देहात संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर नगर पंचायत मिहीपुरवा में प्रतिष्ठानों की जांच की। सात बच्चों को रेस्क्यू कराकर टीम बाल कल्याण समिति ला रही थी। वहीं सैकड़ों की संख्या में पहुंची भीड़ ने वाहन को रोककर रेस्क्यू कराए गए बच्चों को छुड़ा लिया। श्रम अधिकारी ने सभी के विरुद्ध सरकारी काम में बाधा डालने की तहरीर थाने में दी है। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

शासन के निर्देश पर श्रम विभाग की ओर से जिले के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर बच्चों को श्रम कार्य से मुक्त कराया जा रहा है। इसी के तहत शनिवार को जिलाधिकारी मोनिका रानी और सहायक श्रम आयुक्त सिद्धार्थ मोदयानी के निर्देशन में श्रम परिवर्तन अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा व देहात संस्था की टीम ने नगर पंचायत मिहीपुरवा में संचालित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर सात बाल मजदूरों को मुक्त कराया।

इसके बाद सभी बाल मजदूरों को मिहीं पुरवा नगर पंचायत को बाल कल्याण समिति में पेश करने के लिए आ रहे थे। वहीं इसका नगर के लोगों ने विरोध किया। सभी का कहना है कि दुकान पर बैठे कुछ बच्चों को टीम ने अपने कब्जे में लिया। इसके बाद साथ ले गई। इससे नाराज सैकड़ों की भीड़ नानपारा बहराइच मार्ग पर स्थित दीक्षित ढाबे के सामने पहुंची। सभी ने अधिकारियों के वाहन को रोक लिया। इसके बाद वाहन में बैठे बच्चों को छुड़ा लिया।

वहीं भीड़ देख श्रम अधिकारी दिनेश कुमार भी वाहन छोड़कर चले गए। उन्होंने मामले की सूचना सहायक श्रम आयुक्त को दी। सहायक श्रम आयुक्त के निर्देश पर श्रम अधिकारी ने सरकारी काम में बाधा डालने, भीड़ द्वारा उत्पात मचाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। लेकिन 15 घंटे बाद भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है। लोगों का कहना है कि पुलिस के सामने ही भीड़ ने उत्पात मचाया। इस मामले में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सतीश श्रीवास्तव ने भी नाराजगी जताई है।