भारत कोई धर्मशाला नहीं...जानें सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी की वजह

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सुप्रीम कोर्ट ने शरणार्थियों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। सोमवार को एक श्रीलंकाई नागरिक की भारत में शरणार्थी के तौर पर रहने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां दुनिया भर से शरणार्थियों को रखा जा सके। दुनिया भर से आए शरणार्थियों को भारत में शरण क्यों दें?

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता ने श्रीलंका से आए तमिल शरणार्थी को हिरासत में लिए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए ये बात कही। सुप्रीम कोर्ट में श्रीलंका के एक नागरिक की हिरासत के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर दखल देने से इनकार कर दिया। पीठ मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें निर्देश दिया गया था कि याचिकाकर्ता को UAPA मामले में लगाए गए 7 साल की सजा पूरी होते ही तुरंत भारत छोड़ देना चाहिए।

हालांकि, सजा पूरा होते ही उसने श्रीलंका वापस जाने से मना कर दिया। उसने दलील दी कि श्रीलंका में उसकी जान को खतरा है इसलिए उसे भारत में शरणार्थी के तौर पर रहने की इजाजत दी जाए। याचिकाकर्ता ने ये भी बताया कि उसकी पत्नी और बच्चे भी भारत में ही हैं।

कोर्ट ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता के इस तर्क पर न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, क्या भारत को दुनिया भर से शरणार्थियों की मेजबानी करनी है? हम 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। यह कोई धर्मशाला नहीं है कि हम हर जगह से विदेशी नागरिकों का स्वागत कर सकें।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि श्रीलंकाई नागरिक को 2015 में टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से जुड़े होने के शक में गिरफ्तार किया गया था। लिट्टे एक आतंकवादी संगठन था। यह कभी श्रीलंका में सक्रिय था। 2018 में, एक ट्रायल कोर्ट ने उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। उसे 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। 2022 में, मद्रास हाई कोर्ट ने उसकी सजा को घटाकर 7 साल कर दिया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद उसे देश छोड़ना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्वासन से पहले उसे एक शरणार्थी शिविर में रहना होगा। इसका मतलब है कि उसे देश से निकालने से पहले कुछ समय के लिए एक खास शिविर में रहना होगा।

ऑपरेशन सिंदूर के डेलिगेशन क्यों शामिल नहीं हो रहे टीएमसी सांसद यूसुफ पठान, ममता ने बताई वजह

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ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का स्टैंड बताने के लिए भारत सरकार ने 7 प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, एनसीपी-एसपी, डीएमके के विपक्ष के नेताओं को भी शामिल किया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद यूसुफ पठान इस डेलिगेशन से बाहर रखने का फैसला किया है। इससे पहले टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने स्वास्थ्य कारणों से इसमें भाग लेने से मना कर चुके हैं। 

ममता बनर्जी ने क्या कहा?

तृणमूल कांग्रेस के इस फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, इस मामले पर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। ममता ने साफ किया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह फैसला उनकी पार्टी करेगी, न कि बीजेपी।

सुदीप बंद्योपाध्याय पहले ही झाड़ चुके हैं पल्ला

टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. सांसद यूसुफ पठान का नाम सूची में शामिल था, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह भी अब यात्रा पर नहीं जाएंगे.

आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीतियां आएंगी दुनिया के सामने

बता दें कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाया है। 51 नेताओं का एक दल अलग-अलग देशों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीतियों के बारे में जानकारी देंगे। इन नेताओं में सांसद, पूर्व मंत्री और कई पार्टियों के सदस्य शामिल है। यह दल दुनिया को बताएगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त है। 

प्रतिनिधिमंडल 32 देशों का करेंगे दौरा

इन दलों का नेतृत्व बीजेपी के बैजयंत पांडा और रवि शंकर प्रसाद करेंगे। साथ ही, जेडीयू के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले भी नेतृत्व करेंगे। प्रतिनिधिमंडल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित यूरोपियन यूनियन मुख्यालय का दौरा करेगा। हर दल में सात या आठ नेता होंगे। उनकी मदद के लिए कुछ पूर्व राजनयिक भी साथ जाएंगे। इन 51 नेताओं में से 31 एनडीए गठबंधन से हैं, जबकि 20 गैर-एनडीए दलों से हैं।

कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने SIT बनाने को कहा

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कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।कर्नल कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि यह मामला गंभीर है और इसे किसी भी तरह से राजनीतिक रंग नहीं लेने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले में मंत्री की माफी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने आगे कहा, "आप एक सार्वजनिक चेहरा हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। हमें आपके वीडियो यहां चलाने चाहिए। यह सेना के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें इस मामले में बेहद जिम्मेदार होना होगा।"

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एसवीएन भट की पीठ इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सख्त लहजे में कहा कि हम इस केस को बहुत करीब से देख रहे हैं और यह सरकार के लिए एक अग्नि परीक्षा है। अदालत ने कहा कि मंत्री को उनके बयान के नतीजे भुगतने होंगे और कानून को अपना रास्ता तय करने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों, लेकिन जो एमपी से संबंधित नहीं हों। इन 3 में से 1 महिला आईपीएस अधिकारी होनी चाहिए। डीजीपी, एमपी को कल रात 10 बजे से पहले एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है। इसका नेतृत्व एक आईजीपी द्वारा किया जाना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे।

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील देते हुए कहा कि विजय शाह माफी मांग रहे हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है? यह जिस प्रकृति का मामला है, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, आपका क्या घड़ियाली आंसू बहाना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने बिना सोचे जो किया और अब माफी मांग रहे हैं। हमें आपकी माफी नहीं चाहिए। अब कानून के मुताबिक निपटेंगे। आपने अगर दोबारा माफी मांगी तो हम अदालत की अवमानना मानेंगे। आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं और क्या बोलते हैं? ये सब वीडियो में है और आप कहां जाकर रुकेंगे। संवेदनशील होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है। हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आप टाइमिंग देखिए, क्या आप बोले?

इससे पहले बीते गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन शाह को यहां भी फटकार ही पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप संवैधानिक पद हैं, आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर कें कंटेंट को लेकर भी फटकारा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की भाषा ऐसी लिखी गई है जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एफआईआर में सुधार करने और पुलिलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा किए जाने के भी आदेश दिए।

पाकिस्तान को कैसे पता चला हमने कितने विमान खोए, राहुल गांधी ने जयशंकर से पूछा सवाल

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी ने सवाल उठाया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल किया है। राहुल ने पूछा है कि आखिर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को कितने फाइटर जेट का नुकसान हुआ? दरअसल, पाकिस्तान को हमले की जानकारी देने पर राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए हैं।

कांग्रेस सांसद ने सोमवार को कहा कि विदेश मंत्री (EAM) जयशंकर चुप हैं, और ये चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। ये चुप्पी गंभीर सवाल उठा रही है। इसलिए मैं फिर से पूछूंगा: पाकिस्तान को कैसे पता चला कि हमने कितने विमान खोए? ये सिर्फ एक गलती नहीं थी। ये एक अपराध था। देश को सच जानने का हक है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें विदेश मंत्री कह रहे हैं कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित किया गया था कि भारत केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बना रहा है, न कि पाकिस्तानी सेना को। राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए कहा है, ''हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया।'' राहुल गांधी ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ''इसे किसने अधिकृत किया? क्या ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पाकिस्तान को पता था कि हम हमला करने वाले हैं? यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था। और देश को इस बारे में सच्चाई जानने का हक है।"

पहले भी उठाया था सवाल

राहुल गांधी ने अपने पुराने पोस्ट को ही रीपोस्ट करके यह सवाल किया है। इससे पहले 17 मई के पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा था, ‘हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था. विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया.’ उन्होंने पूछा, ‘इसे किसने अधिकृत किया? इसके परिणामस्वरूप हमारी वायु सेना ने कितने विमान खो दिए?’

विदेश मंत्रीलय ने कहा- गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा

वहीं, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दावों का खंडन किया था। कांग्रेस सांसद ने दावा किया था कि विदेश मंत्री ने स्वीकार किया है कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था। मंत्रालय ने ऐसे दावों की निंदा करते हुए कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

विदेश मंत्रालय के विदेश प्रचार प्रभाग ने कहा कि एस. जयशंकर ने कहा था कि "हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो स्पष्ट रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' के शुरुआत के बाद प्रारंभिक चरण की बात है।" मंत्रालय ने कहा, "इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है कि यह ऑपरेशन शुरू होने से पहले की बात है। तथ्यों को पूरी तरह से गलत तरीके से प्रस्तुत करने की निंदा की जा रही है।"

हैदराबाद में बम ब्लास्ट की थी तैयारी, आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध गिरफ्तार

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश की पुलिस हाई अलर्ट पर है। इस बीच हैदराबाद में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया है। बम धमाकों की साजिश को नाकाम करते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान की गई है।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन किया है। इस ऑपरेशन में दो लोगों को पकड़ा गया है। आरोप है कि ये दोनों बम धमाके करने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, ये दोनों आरोपी धमाके करने से पहले विस्फोटकों का टेस्ट करना चाहते थे। वे यह देखना चाहते थे कि विस्फोटक सही से काम कर रहे हैं या नहीं।

पुलिस ने विजयनगरम से सिराज और हैदराबाद से समीर को गिरफ्तार किया है। समीर 27 साल का है और लिफ्ट ठीक करने का काम करता है। वह भोईगुड़ा का रहने वाला है। सिराज उर रहमान ग्रेजुएट है और फिलहाल बेरोजगार है। वह विजयनगरम का रहने वाला है।

बम बनाने का सामान ऑनलाइन खरीदा

पुलिस का कहना है कि सिराज इस साजिश का मास्टरमाइंड था। समीर उस साजिश को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा था। सिराज ने हाल ही में ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों से बम बनाने का सामान खरीदा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये सामान उसने अपने घर में रखा था। दोनों आरोपी विजयनगरम के बाहरी इलाके में इन सामानों से धमाका करने की योजना बना रहे थे।

देशभर में कई गिरफ्तारियां

इसी बीच, हरियाणा के नूंह जिले में भी एक बड़ी कार्रवाई हुई है, जहां एक युवक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 26 वर्षीय आरोपी अर्मान पर भारतीय सेना और सैन्य गतिविधियों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी के माध्यम से साझा करने का आरोप है।

इसके अलावा, हरियाणा के मस्तगढ़ चीका गांव से देवेंद्र सिंह (25) नामक पीजी डिप्लोमा छात्र को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने कबूला कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था।

इसी तरह, उत्तर प्रदेश के टांडा से शहजाद नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो वर्षों से पाकिस्तान आता-जाता रहा है और वहां से कपड़े, मसाले, कॉस्मेटिक्स सहित अन्य सामानों की तस्करी करता था। आरोप है कि वह आईएसआई के लिए काम कर रहा था।

इस पूरे नेटवर्क में एक महिला यूट्यूबर का नाम भी सामने आया है। हिसार निवासी ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, वह मार्च में पाकिस्तान यात्रा पर गई थी और इससे पहले भी दो बार वहां जा चुकी है।उसने अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान यात्रा से जुड़े वीडियो भी पोस्ट किए थे।

पहलगाम हमले के बाद सख्ती

पहले 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की थी। इस दौरान 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की संभावित मौजूदगी के बारे में जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में हैदराबाद में बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है।

जो बाइडेन प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के हड्डियों तक फैली बीमारी

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अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है, जो अब हड्डियों तक फैल चुका है। बाइडन की सेहत को लेकर उनके कार्यालय से एक बयान जारी किया है।82 वर्षीय बाइडेन को पिछले सप्ताह पेशाब से जुड़ी समस्याएं हुईं, जिसके बाद जांच में यह बीमारी सामने आई।

जो बइडन के प्रवक्ता केली स्कली ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में बताया गया कि बाइडेन ने पहले यूरिन इन्फेक्शन संबंधी शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने जांच में कैंसर की पुष्टि की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की सेहत को लेकर जारी बयान में कहा गया कि बाइडन की वर्तमान स्थिति हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देती है।

ट्रंप ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

बाइडन को कैंसर का पता चलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि उन्हें और मेलानिया को इस बारे में सुनकर दुख हुआ। हम बाइडन के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। बाइडन के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहीं कमला हैरिस ने एक्स पर लिखा कि वह और उनके पति डग एम्हॉफ बाइडन परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हैरिस ने कहा कि बाइडन एक योद्धा हैं और मुझे उम्मीद है कि वह इस चुनौती का सामना पूरी ताकत के साथ करेंगे।

'कैंसर की स्टेज चिंताजनक'

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर और प्रोस्टेट कैंसर के डॉक्टर विलियम दाहुत ने बीबीसी से कहा है कि अगर कैंसर हड्डियों तक फैल गया है, तो हम इसे ठीक होने वाला कैंसर नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीज शुरुआती इलाज पर अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन ये बहुत आसान स्थिति नहीं है। हालांकि लोग इस बीमारी के साथ कई सालों तक जी सकते हैं।

2023 में बाइडन को हुआ था स्किन कैंसर

इससे पहले 2023 में बाइडेन को स्किन कैंसर हुआ था। व्हाइट हाउस के डॉक्टर ने बताया था कि उनकी छाती पर बेसल सेल कार्सिनोमा पाया गया था, जो एक सामान्य प्रकार का त्वचा कैंसर था। इस घाव को फरवरी में सर्जरी के दौरान हटा दिया गया था। 82 साल के जो बाइडन ने 2020 में डोनाल्ड ट्रंप को हराया था और पिछले साल फिर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी उम्र और मानसिक स्थिति पर सवाल उठने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का फैसला किया था।

पाकिस्तानी जासूसी में अरेस्ट ज्योति मल्होत्रा से दोस्ती पुरी की यूट्यूबर के लिए बनी मुसीबत, जांच के घेरे में प्रियंका सेनापति

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पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिसकी ज़द में ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में रहे लोग भी आ रहे है। पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा के दोस्तों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। इसी क्रम में हिसार पुलिस के इनपुट पर ओडिशा के पुरी में यू-ट्यूबर प्रियंका सेनापति से पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि प्रियंका ज्योति की सहेली है और वह भी पाकिस्तान जा चुकी है।

पुरी शहर के डीएसपी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने प्रियंका के घर पर छापेमारी की और तलाशी ली।  पुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत अग्रवाल ने कहा कि प्रियंका के सभी एंगल से जांच की जा रही है। एजेंसियां ज्योति के साथ उसके संबंधों और उसके करतारपुर कॉरिडोर के ट्रैवल के बारे में जांच कर रही हैं। 

प्रियंका सेनापति ने क्या कहा?

प्रियंका सेनापति ने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा था कि ज्योति मेरी सिर्फ एक दोस्त थी और मैं यूट्यूब के जरिए उसके संपर्क में आई थी। उसने कहा कि मुझे उस पर लगे आरोपों के बारे में कुछ भी पता नहीं था। अगर मुझे पता होता कि वह दुश्मन देश पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही है तो मैं उससे कभी कॉन्टैक्ट नहीं रखती। प्रियंका ने आगे लिखा कि अगर कोई जांच एजेंसी मुझसे पूछताछ करना चाहती है तो मैं पूरा सहयोग करूंगी। मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उसके बाद ही कुछ आता है।

प्रियंका के पिता राजकिशोर सेनापति ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी और ज्योति के बीच मित्रता थी। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह जांच में पुलिस का पूरी तरह से सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रियंका ने पाकिस्तान के करतारपुर का दौरा वैध वीजा पर किया था। 

ज्योति मल्होत्रा से संबंधों के कारण जांच के घेरे

प्रियंका, ज्योति मल्होत्रा से अपने संबंधों के कारण जांच के घेरे में आ गई हैं। प्रियंका और ज्योति के बीच दोस्ती थी और सोशल मीडिया पर दोनों की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पहलगाम में शूट किए गए उनके वीडियो भी इंटरनेट पर चर्चा में हैं। पुरी की यात्रा के दौरान प्रियंका सेनापति ने ज्योति मल्होत्रा को जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचाया था।

दुनिया प्रेम और मंगल की भाषा तब ही सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो’, क्या हैं मोहन भागवत के बयान के मायने

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है और उसकी भूमिका ‘बड़े भाई’ की है। भारत विश्व में शांति, सौहार्द और धर्म का प्रचार करने वाला राष्ट्र है। इसके साथ-साथ संघ प्रमुख ने बताया कि भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी है। मोहन भागवत जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आज आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

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भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी?

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है, लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता, लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। दुनिया आपकी बात तब ही सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। हमारी ताकत विश्व ने देखी है।

भागवत ने आगे कहा कि विश्व कल्याण हमारा धर्म है। विशेषकर हिंदू धर्म का तो यह पक्का कर्तव्य है। यह हमारी ऋषि परंपरा रही है, जिसे आज संत समाज आगे बढ़ा रहा है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सियासत तेज, जानें थरूर को लेकर जयराम रमेश ने क्या कहा?

#congress_did_not_give_tharoor_s_name_for_the_all_party_delegation

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम की हो रही है। शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर जानकारी शेयर करते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता से फोन पर बातचीत की थी। जिसमें राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने वाले चार सांसदों के नाम मंत्री जी को सुझाए, जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे। हालांकि किरेन रिजिजू ने राहुल के सुझाए हुए नामों में से किसी को भी नहीं चुना है। यही कारण है कि अब शशि थरूर की नियुक्ती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा। यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कहा, 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है।

क्या भारत 100% टैरिफ कटौती को तैयार? ट्रंप ने टैरिफ पर किया फिर चौंकाने वाला दावा

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत ने अमेरिका को शून्य शुल्क (ज़ीरो टैरिफ) व्यापार समझौते की पेशकश की है। उन्होंने यह बात भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अपनी भूमिका को उजागर करते हुए कही।

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ट्रंप फिर बोले- भारत टैरिफ में 100% कटौती करेगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज पर शुक्रवार को दावा किया कि भारत, अमेरिकी चीजों पर 100 प्रतिशत टैरिफ में कटौती करने को तैयार है। ट्रंप ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच एक ट्रेड डील होने वाली है। वे इसमें कोई जल्दबाजी नहीं करने जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा- अमेरिका के साथ 150 देश डील करना चाहते हैं, साउथ कोरिया भी डील करना चाहता है। हम सबके साथ तो डील नहीं कर सकते। ट्रंप ने ट्रेड डील के लिए लिमिट तय करने की भी बात कही। ट्रंप ने फिर से भारत को दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ लेने वाले देशों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार करना लगभग असंभव है, लेकिन भारत, अमेरिका के लिए टैरिफ हटाने को तैयार है।

क्या भारत के साथ यह समझौता जल्द होगा?

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या भारत के साथ यह समझौता जल्द होगा, तो उन्होंने कहा, हाँ, यह जल्द आएगा। लेकिन मुझे कोई जल्दी नहीं है। हर कोई हमारे साथ समझौता करना चाहता है। उन्होंने आगे कहा, दक्षिण कोरिया भी समझौता करना चाहता है, लेकिन मैं हर देश के साथ समझौता नहीं कर सकता। मेरे पास 150 देश हैं जो अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करना चाहते हैं। मैं कुछ ही देशों के साथ सीमित समझौते करूंगा।

भारत-पाक सैन्य तनाव पर भी की बात

फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव में कमी की बात करते हुए टैरिफ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने ट्रेड की चर्चा करके दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव और नफरत थी, इसलिए मैंने कहा कि हम ट्रेड पर बात करेंगे। हम बहुत सारा ट्रेड करेंगे। ट्रंप का कहना है कि वह ट्रेड को एक मुद्दा बनाकर सभी को समझा रहे हैं और शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।