ऑपरेशन सिंदूर के डेलिगेशन क्यों शामिल नहीं हो रहे टीएमसी सांसद यूसुफ पठान, ममता ने बताई वजह
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ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का स्टैंड बताने के लिए भारत सरकार ने 7 प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, एनसीपी-एसपी, डीएमके के विपक्ष के नेताओं को भी शामिल किया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद यूसुफ पठान इस डेलिगेशन से बाहर रखने का फैसला किया है। इससे पहले टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने स्वास्थ्य कारणों से इसमें भाग लेने से मना कर चुके हैं।
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
तृणमूल कांग्रेस के इस फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, इस मामले पर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। ममता ने साफ किया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह फैसला उनकी पार्टी करेगी, न कि बीजेपी।
सुदीप बंद्योपाध्याय पहले ही झाड़ चुके हैं पल्ला
टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. सांसद यूसुफ पठान का नाम सूची में शामिल था, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह भी अब यात्रा पर नहीं जाएंगे.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीतियां आएंगी दुनिया के सामने
बता दें कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाया है। 51 नेताओं का एक दल अलग-अलग देशों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीतियों के बारे में जानकारी देंगे। इन नेताओं में सांसद, पूर्व मंत्री और कई पार्टियों के सदस्य शामिल है। यह दल दुनिया को बताएगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त है।
प्रतिनिधिमंडल 32 देशों का करेंगे दौरा
इन दलों का नेतृत्व बीजेपी के बैजयंत पांडा और रवि शंकर प्रसाद करेंगे। साथ ही, जेडीयू के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले भी नेतृत्व करेंगे। प्रतिनिधिमंडल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित यूरोपियन यूनियन मुख्यालय का दौरा करेगा। हर दल में सात या आठ नेता होंगे। उनकी मदद के लिए कुछ पूर्व राजनयिक भी साथ जाएंगे। इन 51 नेताओं में से 31 एनडीए गठबंधन से हैं, जबकि 20 गैर-एनडीए दलों से हैं।
7 hours ago