नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, पहली बार 90 मीटर भाला फेंका, ऐसा करने वाले एशिया के तीसरे एथलीट बने

#neerajchopra10bestthrows-

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को दोहा डायमंड लीग में उन्होंने 90.23 मीटर का थ्रो कर किया और दूसरे स्थान पर रहे। अपने करियर में उन्होंने पहली बार इस आंकड़े को छुआ। जर्मनी के जूलियन वेबर ने उनसे ज्यादा दूर भाला फेंका और वह पहले स्थान पर रहे। टोक्यो ओलंपिक चैंपियन नीरज 90 मीटर पार करने वाले दुनिया के 25वें और एशिया के तीसरे खिलाड़ी बन गए।

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में पहले प्रयास में 88.44 मीटर स्कोर किया, जबकि दूसरा थ्रो अमान्य रहा। फिर नीरज ने तीसरे प्रयास में अपने करियर का बेस्ट थ्रो किया। जो 90.23 मीटर रहा। इससे पहले उनका बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 2022 डायमंड लीग में हासिल किया था।

नीरज को जीत पर पीएम मोदी ने दी बधाई

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने करियर में पहली बार 90 मीटर का आंकड़ा छुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सके। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा, 'भारत खुश और गौरवान्वित है।' पीएम ने लिखा, 'शानदार उपलब्धि! दोहा डायमंड लीग 2025 में 90 मीटर का आंकड़ा पार करने और अपना सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत थ्रो हासिल करने के लिए नीरज चोपड़ा को बधाई। यह उनके अथक समर्पण, अनुशासन और जुनून का नतीजा है।

90 मीटर से ज्यादा स्कोर करने वाले एशिया के तीसरे खिलाड़ी

टोक्यो ओलंपिक चैम्पियन चोपड़ा 90 मीटर पार करने वाले दुनिया के 25वें और एशिया के तीसरे खिलाड़ी बन गए। ओलंपिक चैंपियन पाकिस्तान के अरशद नदीम (92.97 मीटर) और चीनी ताइपै के चाओ सुन चेंग (91.36) ही एशिया के दो अन्य खिलाड़ी हैं जो 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक चुके हैं।

नीरज चोपड़ा ने क्या कहा

नीरज ने मैच के बाद कहा, 'मैं 90 मीटर का आंकड़ा छूकर बहुत खुश हूं, लेकिन यह वास्तव में थोड़ा कड़वा-मीठा अनुभव है। कोई बात नहीं, मैं और मेरे कोच अभी भी मेरे थ्रो के कुछ पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हमने इस साल फरवरी में ही साथ काम करना शुरू किया था। मैं अभी भी चीजें सीख रहा हूं। पिछले कुछ वर्षों में मुझे हमेशा कमर में दर्द महसूस होता था और परेशानी रहती थी। इस वजह से मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रहा था।

अलप्पुझा में माकपा नेता सुधाकरन के खिलाफ डाक मतपत्रों में छेड़छाड़ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता जी. सुधाकरन के खिलाफ 1989 के अलप्पुझा लोकसभा चुनाव में डाक मतपत्रों को खोलने और उनमें छेड़छाड़ करने के आरोपों के संबंध में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। सुधाकरन की हालिया टिप्पणियों ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है, जिसके चलते चुनाव आयोग ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है।

विवादित टिप्पणी और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया:

सुधाकरन ने बुधवार को अलप्पुझा में एनजीओ संघ के पूर्व नेताओं की एक सभा में एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 1989 के अलप्पुझा लोकसभा चुनाव के दौरान डाक मतपत्रों को खोला गया था। उनकी यह टिप्पणी टीवी चैनलों पर प्रसारित हुई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को सुधाकरन का बयान दर्ज किया।

सुधाकरन का यू-टर्न:

चुनाव आयोग की पूछताछ के बाद, सुधाकरन ने गुरुवार को एक अन्य कार्यक्रम में अपनी पिछली टिप्पणी से पलटते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा था वह पूरी तरह से सच नहीं था और उन्होंने अपनी 'कल्पना' से इसमें कुछ अतिरिक्त जोड़ा था। उन्होंने दावा किया कि "ऐसा कभी कुछ भी नहीं हुआ। कोई मतपत्र नहीं खोले गए थे और किसी मतपत्र से कभी भी छेड़छाड़ नहीं की गई थी। मैंने उस तरह की किसी भी चीज में कभी भी भाग नहीं लिया है। मैंने कभी भी कोई फर्जी मतदान नहीं किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि "मैंने फर्जी मतदान करने के लिए किसी को कभी भुगतान नहीं किया है। मैंने उस दिन जो कहा था, वह केवल इस तरह की गतिविधियों को करने वालों के लिए एक छोटी सी चेतावनी के रूप में था और उन्हें यह बताने के लिए था कि हम इस बारे में जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।"

पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी:

सुधाकरन के इस यू-टर्न के बावजूद, पुलिस ने शुक्रवार को उनके खिलाफ जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। उन पर धारा 128 (वोटिंग की गोपनीयता बनाए रखना), 135 (मतदान केंद्र से मतपत्रों को हटाना), 135 ए (बूथ कैप्चरिंग) और 136 (जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के तहत अन्य अपराध और जुर्माना), धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा), 468 (धोखा देने के लिए जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग असली के रूप में करके) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कानूनी प्रावधान और संभावित सजा:

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अपराधों की सजा कुछ महीनों से लेकर अधिकतम दो साल तक हो सकती है, जबकि भारतीय दंड संहिता के तहत दो साल से सात साल तक जेल की सजा हो सकती है। प्राथमिकी के अनुसार, जिलाधिकारी द्वारा अलप्पुझा जिला पुलिस प्रमुख को भेजी गई एक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई, जो जिला चुनाव अधिकारी भी हैं।

विवादित वीडियो और आरोप:

विवादित वीडियो में, सुधाकरन को यह कहते हुए सुना गया था कि एनजीओ संघ के सदस्यों को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को अपने वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनजीओ के सभी सदस्यों के लिए पार्टी के लिए वोट करना आवश्यक नहीं है, लेकिन जो लोग सील किए गए मतपत्र जमा करते हैं, उन्हें यह नहीं मान लेना चाहिए कि 'हमें इसका पता नहीं चलेगा' कि उन्होंने किसे वोट दिया है। समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित कथित वीडियो में उन्हें यह कहते हुए दिखाया गया है, "हम उन्हें खोल देंगे, सत्यापित करेंगे और उन्हें सही करेंगे। भले ही यह कहने के लिए मेरे खिलाफ कोई मामला दायर किया जाए, लेकिन मुझे कोई परवाह नहीं है।"

सुधाकरन के दावे और 1989 का चुनाव:

सुधाकरन ने दावा किया था कि कुछ एनजीओ संघ के सदस्यों ने विपक्षी उम्मीदवारों के लिए अपने वोट डाले थे। उन्होंने कहा कि जब केएसटीए नेता के वी देवदास ने अलप्पुझा से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा, तो डाक समिति के कार्यालय में डाक मतपत्रों को खोलकर उनकी जांच की गई और यह पाया गया कि 15 प्रतिशत ने विरोधी उम्मीदवार के लिए मतदान किया था। केएसटीए स्कूली शिक्षकों का संगठन है जो माकपा द्वारा समर्थित है। वीडियो से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि 1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान अलप्पुझा सीट के लिए हुए चुनाव के दौरान खोलने के बाद डाक मतपत्रों से छेड़छाड़ उनके या उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी या नहीं। सुधाकरन ने कहा कि देवदास ने उस चुनाव में कांग्रेस के नेता वक्कम पुरुषोथामन के खिलाफ चुनाव लड़ा और 18,000 वोटों से हार गए थे।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

सुधाकरन की टिप्पणियों ने केरल की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने माकपा नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। माकपा ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

आगे की जांच:

पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। सुधाकरन से पूछताछ की जा सकती है और सबूत जुटाए जाएंगे। चुनाव आयोग भी इस मामले की निगरानी कर रहा है। इस मामले की जांच से 1989 के चुनाव में डाक मतपत्रों में छेड़छाड़ के आरोपों की सच्चाई सामने आएगी और यह स्पष्ट होगा कि क्या सुधाकरन ने कानून का उल्लंघन किया है।

दुनिया के सामने आएगा पाकिस्तान का ‘नापाक’ चेहरा, भारत सरकार की बड़ी तैयारी, थरूर को मिला अहम जिम्मा

#allpartydelegationstotakeindiasmessageagainst_terrorism

पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को बेनकाब करने की बड़ी तैयारी की है। भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने 'जीरो टॉलरेंस' के संदेश को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार पहलगाम की घटना पर दुनिया को जानकारी देने के लिए सांसदों के आठ समूह भेज रही है। हर समूह में अलग-अलग पार्टियों के कम से कम पांच सांसद होंगे। उनके साथ एक सीनियर राजनयिक भी होगा। ये समूह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ (EU), रूस, जापान, दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी देशों जैसे अहम शहरों में जाएंगे।

संसदीय कार्य मंत्रालय की शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के विरुद्ध एकमत और दृढ़ रणनीति को दुनिया के सामने रखेगा। वे आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत के सख्त रुख का संदेश लेकर जाएंगे। सरकार ने इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले नेताओं का चयन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से किया है, जो कई वैचारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। इन ग्रुपों में सभी पार्टियों के सांसदों को शामिल किया जा रहा है,सीनियर राजनयिक इन सांसदों की मदद करेंगे। इस लिस्ट में पूर्व विदेश सचिव एच.वी. श्रृंगला, फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ और मोहन कुमार, और जापान में पूर्व राजदूत सुजान चिनॉय जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता इस प्रकार हैं:

• रवि शंकर प्रसाद (भाजपा सांसद)

• बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद)

• शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)

• संजय झा (जदयू सांसद)

• कनीमोझी (डीएमके सांसद)

• सुप्रिया सुले (एनसीपी - शरद पवार गुट सांसद)

• श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद)

थरूर अमेरिका में सांसदों की संभालेंगे कमान

कांग्रेस सांसद शशि थरूर अमेरिका जाएंगे। जेडीयू के सांसद संजय झा और श्रृंगला भी एक समूह का नेतृत्व करेंगे। सुप्रिया सुले (एनसीएसपी), और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) भी एक-एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। सुले के समूह में राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी), अनुराग ठाकुर (बीजेपी), मनीष तिवारी (कांग्रेस), बृज लाल (बीजेपी) और तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) शामिल हैं। असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) भी एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। डीएमके नेता कनिमोझी रूस जाने वाले समूह का नेतृत्व करेंगी। आरजेडी सांसद प्रेम चंद गुप्ता उनकी टीम में हैं।

क्या है मकसद?

हर प्रतिनिधिमंडल में करीब आधा दर्जन सांसद शामिल होंगे और सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स इनमें नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे। इन सांसदों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह साफ करना होगा कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया और उसके जवाब में किस तरह भारत ने संयम और संकल्प के साथ जवाब दिया है। इन 8 प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य होगा—विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों, मीडिया संस्थानों और नीति-निर्माताओं को यह बताना कि भारत क्यों और कैसे इस जवाबी कार्रवाई के लिए विवश हुआ। साथ ही यह बताना भी होगा कि भारत किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर पर शहबाज शरीफ का कबूलनामा, बोले-नूर खान एयरबेस समेत कई जगह गिर भारतीय मिसाइल

#sharifconfirmsstrikesnurkhan_airbase 

आखिरकार ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया। ये ‘ऊंट’ कोई और नहीं पाकिस्तान है। जो आज तक भारत के ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान से इनकार कर रहा था, उसे एक बार फिर “हार” मानते हुए सच को कबूल लिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया। पहले तो पाकिस्तान यह स्वीकार नहीं कर रहा था कि उसको भारत के हमलों से कुछ नुकसान हुआ है। अब खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की मिसाइलों के पाकिस्तानी सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की बात भी कबूली। भारत और पाकिस्तान ने चार दिनों तक सैन्य टकराव के दौरान सीमा पार एक दूसरे पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए थे, जिसके बाद 10 मई को दोनों पक्षों में संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी।

शहबाज का कबूलनामा

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के हमलों में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के लिए देश भर में आयोजित धन्यवाद दिवस (यौम ए तशाकुर) के मौके पर शहबाज ने कहा, सिपहसालार असीम मुनीर ने मुझे 9 और 10 मई की दरमियानी रात को करीब 2:30 बजे सिक्योर्ड लाइन पर फोन कर मुझे बताया, वजीर ए आजम साहब, हिंदुस्तान ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल अभी लॉन्च किए हैं। इनमें से एक नूर खान एयरपोर्ट पर गिरा है और दूसरे कुछ दूसरे इलाकों में गिरे हैं।

शांति की बात करने लगे शहबाज

भारत के हाथों जमकर पिटने के बाद अब पाकिस्तानी की हेकड़ी निकली दिख रही है। शहबाज शरीफ ने अब पाकिस्तान को शांति चाहने वाला देश बताने लगे हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ वार्ता की गुहार लगाई है। हालांकि यह भी जोड़ा कि कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों पर बात होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, इससे सबक यह मिलता है क शांतिप्रिय पड़ोसियों की तरह हम जम्मू-कश्मीर समेत अपने लंबित मुद्दे सुलझाएं। इन मुद्दों को सुलझाए बगैर दुनिया के इस हिस्से में शांति नहीं आएगी। यदि शांति स्थापित होगी तो आतंकवाद से लड़ने में हम भी पूरा सहयोग दे सकते हैं।

भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री, जानें क्या हुई बात

#british_foreign_minister_reached_islamabad

भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों तनाव के हालात बरकरार है। इस बीच ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी इस्लामाबाद पहुंचे हैं। जहां उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुए जंग और फिर संघर्ष विराम को लेकर चर्चा की गई।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ऐसे समय में डेविड लैमी से मुलाकात की है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया और अभी सीजफायर लागू है। भारत और पाकिस्तान के संघर्षविराम के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी का पहला दौरा है। इशाक डार ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई।

इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भी कहा है कि स्थायी संघर्ष-विराम सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन दोनों देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है। लैमी ने ब्रिटिश संसद के सदस्यों से कहा था, दोनों देशों के साथ हमारे मजबूत और घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए ब्रिटेन दोनों पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, ताकि स्थायी संघर्ष-विराम को वास्तविकता बनाया जा सके।

उन्होंने कहा था, मैं यहां यह स्पष्ट कर दूं कि हमने 22 अप्रैल को (पहलगाम में) जो भयावह आतंकवाद देखा, जिसमें 26 निर्दोष लोगों को कपड़े उतरवाकर गोली मार दी गई - वह वाकई बहुत भयानक था। हम इसकी निंदा करते हैं। हम इस आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए दोनों पक्षों के साथ काम करना जारी रखेंगे। हम सभी को आगे आकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हम 'भयानक आतंकवाद' से निपटने के दोनों पक्षों के प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। आखिरकार इसी प्रयास की बदौलत ही स्थायी शांति बनाई रखी जा सकेगी

मोदी सरकार ने चली पाक को बेनकाब करने की चाल, भारतीय सांसदों का दल दुनिया को बताएंगे ऑपरेशन सिंदूर का सच

#operation_sindoor_mp_delegation_global_outreach

आतंकपरस्त पाकिस्तान को भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के बल पर घूटने टेकने को मजबूर कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान ने दुनिया में झूठे दावों को बौछार कर दी। पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अब मोदी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी चाल चल दी है। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सरकार ने सांसदों के एक दल को विदेश भेजने का फैसला किया है। इसके बाद अब संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है। शुक्रवार से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है।

मोदी सरकार फिलहाल विपक्षी दलों से बातचीत कर रही है। सरकार मल्टी पार्टी डेलिगेशन यानी प्रतिनिधिमंडल की संरचना और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले उन्हें साथ लाना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों के 8 ग्रुप बनाए जाएंगे। सांसदों के ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेंगे। 8 ग्रुप में हर पार्टी के सांसदों होंगे। इन ग्रुप को विदेश भेजने का मकसद पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखना है। इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि सरकार की इस पहल का वो हिस्सा होगी।

इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीटीआई को बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इस बारे में बात की है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा देश हित के साथ खड़ी रहती है। भाजपा की तरह कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए कांग्रेस इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।

क्या कमजोर पड़ गया है इंडिया गठबंधन? पी चिदंबरम के बयान के क्या है मायने

#pchidambaramsaidindiablocfuturenotsobright

विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बड़ा बयान दिया है। चिदंबरम के बयान के बाज विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। चिदंबरम में एक दिन पहले ही इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही है। एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने 'इंडिया' गठबंधन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह आश्वस्त नहीं हैं कि यह विपक्षी गठबंधन अब भी पूरी तरह एकजुट है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि विपक्षी गठबंधन कमजोर पड़ गया है।

गठबंधन की कमजोरियों पर की बात

राज्यसभा सांसद चिदंबरम सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की किताब 'कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट' के विमोचन अवसर पर चिदंबरम ने अपनी चिंता जाहिर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन मुझे यकीन नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि इसका उत्तर केवल सलमान खुर्शीद ही दे सकते हैं, क्योंकि वे इंडिया ब्लॉक के लिए वार्ता करने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन पूरी तरह बरकरार रहता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन आए दिन उजागर होने वाली कमजोरियों से पता चलता है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है।

चिंदबरम ने चेताया

चिदंबरम ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन को भाजपा को लेकर सचेत भी किया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन एक ऐसी 'बहुत मजबूत मशीनरी' के खिलाफ लड़ रहा है, जिससे सभी मोर्चों पर लड़ा जाना चाहिए। मेरे अनुभव और मेरे इतिहास के अध्ययन के अनुसार, बीजेपी जितना सशक्त रूप से संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है। यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत में सभी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं। निर्वाचन आयोग से लेकर देश के सबसे निचले पुलिस स्टेशन तक, वे (भाजपा) इन संस्थानों को नियंत्रित करने और कभी-कभी कब्जा करने में सक्षम हैं।

चितंबरम की बातों पर सलमान खुर्शीद की सहमति

सलमान खुर्शीद ने चिदंबरम की बात पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें 2029 में एक बहुत बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। इस बात पर विचार करना होगा कि गठबंधन के सहयोगियों को कैसे एक साथ लाया जाए।

पूरा देश और सेना पीएम मोदी की चरणों में नतमस्तक', विजय शाह के बाद एमपी के डिप्टी सीएम के बयान पर बड़ा विवाद

#mpdeputycmjagdishdeoracontroversialstatement

कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान मध्य प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह के बयान का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के एक विवादित बयान दिया है। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सेना पर अभद्र टिप्पणी की है। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा, पूरा देश, देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं। जगदीश देवड़ा इस बयान पर भारतीय सेना के अपमान का आरोप लग रहा है।

जगदीश देवड़ा का बयान

मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा गुरूवार को जबलपुर स्थित नेता जी सुभाष चंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित किया। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बोल रहे थे। देवड़ा ने कहा कि मन में बहुत क्रोध था, जो नजारा हमने देखा, जो पर्यटक घूमने गए थे, वहां चुन-चुनकर, धर्म पूंछ-पूंछकर, महिलाओं को एक तरह खड़ा करके, बच्चों के सामने पुरुषों को गोली मार दी गई। उस दिन से देश के लोगों में बहुत तनाव था, जब तक इसका बदला नहीं लिया जाएगा। जिन आतंकवादियों ने माताओं का सिंदूर मिटाया, और आतंकवादियों को जो पाल रहे हैं, उनको जब तक नेस्तनाबूद नहीं करते, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हम धन्यवाद देना चाहेंगे। देश की सेना और सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक हैं, पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है।

विजय शाह पहले ही बढ़ा चुके हैं परेशानी

इससे पहले प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह भी अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। मंत्री विजय शाह ने 12 मई को महू के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा- जिन आंतकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हीं (आंतकियों) की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करा दी। इसके अलावा भी मंत्री शाह ने अपने बयान में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था।

अब उप मुख्यमंत्री के इस कथन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने देवड़ा से सार्वजनिक माफी की मांग की है और राज्यपाल से शिकायत कर बयान को राष्ट्र की सुरक्षा भावना के खिलाफ बताया है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने देवड़ा का बचाव करते हुए कहा कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

तुर्की-चीन पर अडानी की “स्ट्राइक” अडानी ने पाकिस्तान के इन दोनों साथियों को सिखाया सबक

#adanicompanyendpartnershipwithturkeyscompany 

तुर्की को अपने “नापाक” दोस्त पाकिस्तान का साथ देने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। भारत के साथ हाल में हुई तनातनी में तु्र्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। जिसके बाद तुर्की के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखा गया। उसके बाद केन्द्र सरकार ने भी सबक सिखाया। भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी। अब देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने बड़ा फैसला किया है। 

तुर्की की कंपनी के साथ पार्टनरशिप खत्म

गौतम अडानी की कंपनी अडानी एयपोर्ट होल्डिंग्स ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस के लिए तुर्की की कंपनी सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है। गौतम अडानी की और से यह फैसला भारत सरकार के एक आदेश के बाद लिया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत आने वाले ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी था। इसके बाद सेलेबी को तुरंत अपना सारा काम अडानी को सौंपने का आदेश दिया गया।

चीन की कंपनी से नाता तोड़ा

इस बीच अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने ड्रैगनपास के साथ भी अपना समझौता खत्म कर दिया है। ड्रैगनपास चीन की एक कंपनी है जो एयरपोर्ट लाउंज और ट्रैवल सर्विस देती है। अडानी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयरपोर्ट लाउंज तक पहुंच देने वाली कंपनी ड्रैगनपास के साथ हमारा समझौता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है। अब ड्रैगनपास के ग्राहक अडानी द्वारा मैनेज किए जाने वाले एयरपोर्ट पर लाउंज का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

वक्त पर दिखाएंगे पूरी पिक्चर...” भुज से राजनाथ ने पड़ोसी देश को दिया सख्त संदेश

#defenseministerrajnathsinghbhuj

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सेना के हौसले को सलाम किया। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है, सीजफायर तोड़ा तो पूरी पिक्चर दिखाएंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सरकार सेना का उत्साह बढ़ाने में जुटी है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को श्रीनगर एयरबेस पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन का दौरा किया।

भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों की कुशलता की भी तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नाश्ता करने में लोगों को जितना समय लगता है, आपने उस अवधि का उपयोग दुश्मनों से निपटने के लिए किया। आप दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपके पराक्रम और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।

पाक के हर कोने तक हमारी एयरफोर्स की पहुंच- राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।

इंडियन एयरफोर्स ने भारत की युद्ध नीति और तकनीकी का प्रमाण दिया-राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।

पाकिस्तान ने भुज पर किया था ड्रोन अटैक

बता दें कि आज राजनाथ सिंह जिस जगह पर जवानों से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं, पाकिस्तान ने चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके उसे निशाना बनाया था। भुज पाकिस्तान की सीमा से बेहद करीब है। भुज पर कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करके हमला किया गया था। भुज और नलिया के पास तैनात भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने पिछले कुछ दिनों में कई पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। पाकिस्तानी ड्रोन मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें नाकाम किया गया।

गुरुवार को श्रीनगर गए थे राजनाथ

इससे पहले राजनाथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे। श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।