वक्त पर दिखाएंगे पूरी पिक्चर...” भुज से राजनाथ ने पड़ोसी देश को दिया सख्त संदेश

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जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सेना के हौसले को सलाम किया। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है, सीजफायर तोड़ा तो पूरी पिक्चर दिखाएंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सरकार सेना का उत्साह बढ़ाने में जुटी है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को श्रीनगर एयरबेस पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन का दौरा किया।

भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों की कुशलता की भी तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नाश्ता करने में लोगों को जितना समय लगता है, आपने उस अवधि का उपयोग दुश्मनों से निपटने के लिए किया। आप दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपके पराक्रम और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।

पाक के हर कोने तक हमारी एयरफोर्स की पहुंच- राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।

इंडियन एयरफोर्स ने भारत की युद्ध नीति और तकनीकी का प्रमाण दिया-राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।

पाकिस्तान ने भुज पर किया था ड्रोन अटैक

बता दें कि आज राजनाथ सिंह जिस जगह पर जवानों से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं, पाकिस्तान ने चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके उसे निशाना बनाया था। भुज पाकिस्तान की सीमा से बेहद करीब है। भुज पर कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करके हमला किया गया था। भुज और नलिया के पास तैनात भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने पिछले कुछ दिनों में कई पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। पाकिस्तानी ड्रोन मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें नाकाम किया गया।

गुरुवार को श्रीनगर गए थे राजनाथ

इससे पहले राजनाथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे। श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पाकिस्तान से तनाव के बीच एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से की बात, नए कूटनीति संबंधों का आगाज

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पहले से ही खराब चल रहे भारत और पाकिस्तान के संबंध इन दिनों नीचले स्तर पर पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक और उसके बाद भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। हालांकि, भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घूटने टेक दिए। अब भारत-पाक का संघर्ष तो खत्म हो गया है, लेकिन तनाव बरकरार है। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान के साथ ने कूटनीतिरक संबंधों की शुरूआत की है। 

दरअसल, एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की है। एस जयशंकर ने ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ फोन पर बात की। इस बातचीत में भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के कोशिशों का भी जिक्र हुआ।

भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री से भारत-पाक तनाव के बाद बातचीत की। जयशंकर ने पोस्ट कर कहा, अफगान के एक्टिंग विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। विदेश मंत्री ने यह बताते हुए कि भारत-पाक तनाव के बीच अफगानिस्तान का रुख किस तरफ है। उन्होंने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं सराहना करता हूं। दरअसल, अफगानिस्तान ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी, इस अटैक में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। 

तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ

इसी के साथ जहां पाकिस्तान की तरफ से भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में आग लगाने की कोशिश की गई, उसको लेकर भी जयशंकर ने तालिबान सरकार के स्टैंड की तारीफ की।

उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा, झूठी और आधारहीन रिपोर्टों के जरिए से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की हालिया कोशिशों को अफगानिस्तान ने जो अस्वीकार किया उसका भी स्वागत करता हूं। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक दोस्ती और विकास-सहयोग के लिए लगातार दोनों देशों के एक दूसरे के सहयोग को भी सामने रखा।

तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं', जयशंकर ने पाक से लेकर अमेरिका तक को दिया सख्त संदेश

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान से वार्ता को लेकर फिर से भारत का रूख स्पष्ट कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान एस जयशंकर ने पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत की स्थितियां फिर से स्पष्ट की।

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हमने पाकिस्तान को अगाह किया था- जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर जयशंकर ने कहा, हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया। हमने पाकिस्तान को अगाह किया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला करने जा रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह इस ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस सलाह को न मानने का फैसला किया। पाकिस्तान ने भारत पर हमले किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया।

द्विपक्षीय बातचीत पर जोर

विदेश मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी। उन्होंने कहा, यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है। बातचीत का विषय केवल आतंकवाद होगा। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी और उनके बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।

सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा कि सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा। जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह नहीं रोकता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कश्मीर पर एकमात्र चर्चा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली करने की होगी।

तुर्की के खिलाफ सरकार का बड़ा एक्शन, भारत सरकार ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज का सिक्योरिटी क्लियरेंस किया रद

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भारत सरकार ने तुर्किए के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी है। यह कंपनी भारत के नौ हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग की सेवा देती थी। भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की के खिलाफ मोदी सरकार ने एक्शन लिया है। यह जानकारी एक आधिकारिक आदेश के जरिए दी गई।

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आदेश में क्या कहा गया

विमानन मंत्रालय के आदेश में कहा गया, सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ग्राउंड हैंडलिंग की सुरक्षा मंजूरी 21 नवंबर 2022 को दी गई थी, उसे अब देश की सुरक्षा के हित में तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।

पाक से तनाव के बाद भारत में तुर्किए का विरोध

बता दें कि सीमा पर तनाव में पाकिस्तान को ड्रोन भेजने के बाद भारत में तुर्किए का पुरजोर विरोध हो रहा है। टर्की सेब से लेकर ड्रायफ्रूट और मार्बल ले लेकर अन्य सामना तक का बहिष्कार किया जा रहा है। और तो और तुर्किए जाने वाले भारतीयों ने वहां की बुकिंग भी कैंसिल कर दी है। इससे तुर्किए को टूरिज्म सेक्टर में तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली की जेएनयू और यूपी की कानपुर यूनिवर्सिटी ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ समझौता भी तोड़ दिया। टर्की सेब का बहिष्कार किया जा रहा है। इतना ही तुर्किए में फिल्म शूटिंग पर रोक लगाने की मांग हो रही है। भारत के लोग वहां जाने का बॉयकॉट कर रहे हैं।

'मैं देश के लिए बोलता हूं, पार्टी के लिए..., ऑपरेशन सिंदूर पर अपने बयान पर शशि थरूर ने दी राय

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कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर से उनकी ही पार्टी के कुछ लोग नाराज हैं। नाराजगी की वजह है ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर दिए थरूर के बयान। थरूर ने भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो पार्टी लाइन से अलग हैं। इस वजह से पार्टी के कुछ नेता उनसे नाराज हैं। उनका मानना है कि थरूर ने पार्टी की लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। शशि थरूर ने पार्टी के 'लक्ष्मण रेखा' वाली टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। इस वक्त हमें देश के लिए खड़ा होना चाहिए, खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर।

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हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत-थरूर

थरूर ने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा, वह एक भारतीय के तौर पर कहा। न तो मैं पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। जो भी कहा है, उसकी जिम्मेदारी मेरी है, आप सहमत हों या असहमत, यह मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण है।थरूर ने आगे स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने बयान में यह साफ कर दिया था कि यह राष्ट्रीय विमर्श में उनका व्यक्तिगत योगदान है, खासकर ऐसे समय में जब हमें देश के झंडे के पीछे एकजुट होने की ज़रूरत है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व में हमारे पक्ष की बात कम सुनाई दे रही थी।

एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं-थरूर

तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये सब बातें कहां से आ रही हैं। मैं जब तक वर्किंग कमेटी की मीटिंग में था, तब तक ऐसी कोई बात नहीं हुई। अगर मेरे जाने के बाद ऐसा हुआ, तो मुझे अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। थरूर ने आगे कहा, मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं, ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं। लोगों को अगर लगता है कि मुझे किसी बारे में जानकारी है, तो वे मेरे व्यूज पूछते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि एक भारतीय के तौर पर मेरे विचार निजी हैं।

पाकिस्तान के मुद्दे पर सरकार के साथ दिखे थरूर

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर हो, भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव या फि संघर्ष विराम कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इन सभी मुद्दों पर पार्टी से अलग होकर बेबाक तरीके से अपना पक्ष रखा।उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि दूसरे पक्ष को संघर्ष को बढ़ाने का मौका न मिले। उन्होंने केवल पहचाने गए आतंकी ठिकानों और लॉन्चपैड पर ही हमला किया है।' थरूर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने अमेरिका को मध्यस्थता नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हमलों के बाद बातचीत की पहल की थी।

चुनाव आयोग में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में " आप " प्रतिनिधिमंडल की बैठक

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नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने आज निर्वाचन सदन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत की। यह बैठक ईसीआई द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ की जा रही बातचीत के क्रम में है।

-- पृष्ठभूमि

ये बातचीत रचनात्मक चर्चा की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा करती है, जिससे राष्ट्रीय और राज्य पार्टी अध्यक्ष अपने सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के साथ साझा कर सकें। यह पहल सभी हितधारकों के साथ मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने के आयोग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।

आयोग ने इससे पहले सुश्री मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रतिनिधिमंडलों से 06 मई, 2025 को, जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रतिनिधिमंडलों से 08 मई, 2025 को, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एम.ए. बेबी 10 मई, 2025 को और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पार्टी अध्यक्ष कॉनराड संगमा 13 मई, 2025 को मुलाकात की थी।

इससे पहले, कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें सीईओ द्वारा 40 बैठकें, डीईओ द्वारा 800 बैठकें और ईआरओ द्वारा 3879 बैठकें शामिल हैं, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

तपती गर्मी से मिलेगी राहत! इन जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

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नई दिल्ली: उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में कई जिलों में झमाझम बारिश की संभावना जताई है। इसके चलते इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मौसम में यह बदलाव देखने को मिलेगा। अनुमान है कि दोपहर बाद या शाम तक इन जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इससे तापमान में significant गिरावट आने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।

जिन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से [यहां उन जिलों के नाम डालें जिनका उल्लेख खबर में किया गया है]। मौसम विभाग ने इन जिलों के निवासियों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों के अंदर रहें और बिजली के खंभों से दूर रहें।

यह बारिश किसानों के लिए भी राहत की खबर लेकर आई है, क्योंकि गर्मी के कारण खेतों में नमी की कमी हो गई थी। इस बारिश से फसलों को जीवनदान मिलेगा।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम में इसी तरह के बदलाव की संभावना जताई है। इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम के पूर्वानुमान पर लगातार नजर रखें और उसके अनुसार अपनी योजनाओं में बदलाव करें।

गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह खबर निश्चित रूप से राहत भरी है। अब बस इंतजार है कि कब यह बारिश इन जिलों में दस्तक देती है और लोगों को तपती गर्मी से निजात दिलाती है।

आईफोन बनाने वाली कंपनी Apple पर क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप? कहा- भारत में बंद करें प्रोडक्शन

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लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चर्चा में बना रहना काफी पसंद है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का एलान कर आलोचना झेलने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपने नए बयान की वजह से चर्चा में हैं। ट्रंप ने Apple Inc. के टिम कुक से भारत में प्लांट बनाना बंद करने को कहा है। आईफोन बनाने वाली यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन करना चाहती है। लेकिन ट्रंप कंपनी की चीन से बाहर उत्पादन बढ़ाने की योजना से खुश नहीं हैं।

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ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से बात की है और उनसे भारत में एपल के उत्पादन का विस्तार न करने के लिए कहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने दोहा में एक कार्यक्रम में टिम कुक से कहा कि हमें आपके भारत में निर्माण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। भारत अपना ख्याल खुद रख सकते हैं। वे बहुत अच्छा कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा है कि इस बातचीत के बाद एपल अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा।

भारत को लेकर क्या बोले ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में दूसरे देशों से आने वाले सामान पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता है। इसलिए अमेरिकी सामान को भारत में बेचना मुश्किल है। भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत ने अमेरिकी सामान पर टैक्स कम करने का प्रस्ताव दिया है। भारत चाहता है कि आयात करों पर एक समझौता हो जाए।

भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर शून्य टैरिफ की पेशकश की?

अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है। उन्होंने प्रस्ताव के बारे में विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि वे सचमुच हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस दौरे के बाद भारत और अमेरिका ने औपचारिक व्यापार वार्ता शुरू की थी। भारत के व्यापार मंत्री के अमेरिकी अधिकारियों के साथ और अधिक बैठकों के लिए 17 से 20 मई के बीच अमेरिका का दौरा करने की उम्मीद है।

आईफोन की सप्लाई भारत से सोर्स करने की योजना पर होगा असर

राष्ट्रपति के बयान से एपल की अगले साल के अंत तक ज्यादातर अमेरिकी आईफोन की सप्लाई भारत से सोर्स करने की योजना पर असर होगा। जो टैरिफ और जियोपॉलिटिकल चिंताओं के बीच चीन पर निर्भरता कम करने के लिए थी। एपल अपने अधिकांश आईफोन चीन में बनाता है और अमेरिका में इसका कोई स्मार्टफोन प्रोडक्शन नहीं है।

एपल और इसके सप्लायर्स ने चीन से दूरी बनाने की प्रक्रिया को तेज की है। इसकी शुरुआत तब हुई जब चीन में कोविड लॉकडाउन ने इसके सबसे बड़े प्लांट में प्रोडक्शन को नुकसान पहुंचाया था। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और बीजिंग-वॉशिंगटन तनाव ने एपल को इस प्रयास को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।