वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हेतु वर्चुअल समीक्षा बैठक : परिवहन अधिकारियों एवं अनुबंधित कंपनियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश

रायपुर-  आज सचिव परिवहन सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश एवं अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर द्वारा राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत समस्त श्रेणी के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने हेतु समस्त क्षेत्रीय / जिला परिवहन अधिकारियों एवं अनुबंधित कम्पनियों मेसर्स रोजमार्टा एवं रियल मेजॉन के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक ली गयी। बैठक में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के संबंध में पूर्व समीक्षा बैठक दिनांक 02/05/2025 में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई।

वर्चुअल बैठक में अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों को कार्य में तेजी लाने हेतु मैनपॉवर बढ़ाने, फिटमेंट सेंटरों की संख्या में वृद्धि करने के साथ प्रत्येक जिले के आरटीओ/डीटीओ को कंपनियों के साथ कैम्प टीम / शिविर लगाने और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट निर्माण सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिये गये। अनुबंधित कंपनियों के अधिकृत टीम लीडर / स्टॉफ आवेदकों से उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क कर अथवा एसएमएस के माध्यम से नंबर प्लेट फिटिंग की जानकारी दे, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये। नंबर प्लेट फिटिंग सेंटर में आवेदकों के बैठने, पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी किये जाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में निर्देशित किया गया कि अनुबंधित कम्पनियां इस बात का विशेष ध्यान रखें की आवेदकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। आवेदकों को बहुत ही सरल, सुलभ तरीके से उनके पंजीकृत वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की व्यवस्था की जाए। किसी प्रकार के अनावश्यक विलंब होने की स्थिति में आवेदकों को पहले ही सूचित कर दिया जाए।

बैठक में जानकारी दी गयी कि आम नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा होने पर अनुबंधित कम्पनी रियल मेजोन के सम्पर्क नम्बर +911206457502, +911206457503 एवं रोजमाटा कम्पनी के सम्पर्क नम्बर 9818188721 या ई-मेल आई डी में सम्पर्क किया जा सकता है।

वर्चुअल समीक्षा बैठक में जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत नंबर प्लेट फिटिंग सेंटर का अवलोकन करें तथा साथ ही इस कार्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों को भी जोड़कर कार्य में तेजी लाएं। परिवहन कार्यालयों में नंबर प्लेट हेतु स्थाई कैम्प लगायें तथा मोबाईल टीम जिला परिवहन अधिकारियों के निर्देशानुसार महत्वपूर्ण स्थानों/लोकेशन में नंबर प्लेट लगाने के कार्य संपादित करें।

उपरोक्त मीटिंग में परिवहन विभाग की ओर से यू.बी.एस. चौहान संयुक्त परिवहन आयुक्त, मनोज ध्रुव उप परिवहन आयुक्त, युगेश्वरी वर्मा सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा राज्य के सभी वरिष्ठ क्षेत्रीय / जिला परिवहन अधिकारी भी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हेतु अनुबंधित कम्पनी रियल मेजोन की ओर से आशीष मिश्रा तथा रोजमाटा की ओर से अशोक शर्मा शामिल हुए।

समाधान के संकल्प संग आगे बढ़ रहा सुशासन तिहार: आवेदनों के निराकरण में धमतरी जिला प्रदेश में नंबर वन, CM साय खुद कर रहे फील्ड विजिट

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में आम जनता की शिकायतों एवं मांगों के त्वरित समाधान के लिए ‘सुशासन तिहार’ का आयोजन पूरे उत्साह के साथ जारी है. तीसरे चरण में प्रदेशभर के गांवों और कस्बों में शासन-प्रशासन पूरी तत्परता और तन्मयता के साथ आमजन की बाते सुन रहा है और उनका का समाधान कर रहा है. मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं. वे हेलीकाप्टर से गांवों के आकस्मिक दौरे कर रहे हैं. शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं. जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं और समाधान शिविरों में पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका मौके पर निराकरण करवा रहे हैं. यह जनता-जनार्दन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

राज्य में अब तक 40 लाख 95 हजार आवेदन

सुशासन तिहार के तहत अब तक 40 लाख 95 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है. इसमें धमतरी जिला ने लगभग 2 लाख 28 हजार आवेदनों में से 99.38 प्रतिशत का निराकरण कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. प्रदेश के 14 जिले धमतरी, महासमुंद, सक्ति, बालोद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुंगेली, रायपुर, सरगुजा, दक्षिण बस्तर दंतेवाडा, दुर्ग, जांजगीर-चाम्पा, नारायणपुर, बीजापुर ने 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण कर लिया है, जबकि गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदा बाज़ार-भाटापारा, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम, बेमेतरा, जशपुर, कोरिया, उत्तर बस्तर कांकेर, सूरजपुर जिले ने 80 से 90 प्रतिशत आवेदनों का समाधान किया है. बस्तर जिले में 78.48 प्रतिशत, कोण्डागांव में 70.97 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलें में 60.59 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ने 59.09. प्रतिशत, कोरबा जिले ने 41.61 प्रतिशत तथा सुकमा जिले ने 30 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में त्वरित एवं प्रभावी समाधान की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं.

रायपुर को मिले सर्वाधिक आवेदन

रायपुर जिले को 3 लाख 764 आवेदन प्राप्त हुए, जो राज्य में सर्वाधिक है. इसके बाद दूसरे क्रम पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है. धमतरी, बिलासपुर और बस्तर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर हैं. निराकरण के मामले में धमतरी पहले, महासमुंद दूसरे और सक्ति जिला तीसरे स्थान पर हैं. बालोद और रायगढ़ चौथे और पांचवें क्रम पर हैं.

सुशासन तिहार के दौरान सर्वाधिक 10 लाख से अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित प्राप्त हुए, जिनमें से 94.70 प्रतिशत का निराकरण हो चुका है. उज्ज्वला योजना से जुड़े 1.47 लाख और राशन कार्ड हेतु 1.12 लाख आवेदनों में से अधिकांश का समाधान कर दिया गया है. शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और स्वच्छता से संबंधित मांगें भी प्रमुख रहीं.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 25 लाख 77 हजार 747 आवेदन प्राप्त हुए. राजस्व विभाग को 3 लाख 74 हजार 429, खाद्य विभाग को 2 लाख 18 हजार 113, महिला एवं बाल विकास विभाग को 1 लाख 57 हजार और नगरीय प्रशासन विभाग को 1 लाख 42 हजार 475 आवेदन प्राप्त हुए. निराकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग प्रथम, श्रम विभाग दूसरे, तथा उद्योग, पशुपालन और खाद्य विभाग क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य को, जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की दिशा में आगे बढ़ा रही है. गांवों में शिविरों में पहुंचकर आम लोगों से संवाद करना, शिकायतों की तत्काल सुनवाई करना और शासकीय तंत्र को अधिक उत्तरदायी बनाना, यही सुशासन तिहार की मूल भावना है.

‘सुशासन तिहार’ छत्तीसगढ़ शासन की एक अभिनव पहल है, जिसने प्रशासन को जनता के और निकट लाकर विश्वास, समाधान और सेवा की एक मजबूत परंपरा को जन्म दिया है. यह अभियान मुख्यमंत्री की सोच को साकार करता है, जहां सरकार सिर्फ कार्यालयों में नहीं, बल्कि गांव-गांव जाकर आमजन की आवाज सुनती है और हर समस्या का समाधान करती है.

ऑपरेशन सिंदूर : भारतीय सेना के पराक्रम को लेकर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का बयान, कहा- देशवासी रहेंगे सदैव आभारी

रायपुर- भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में संचालित आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद किया गया है. इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने सेना के साहस और पराक्रम की प्रशंसा की है. मोहम्मद अकबर ने कहा कि भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया है, उसके लिए देशवासी सदैव आभारी रहेंगे.

मोहम्मद अकबर ने कहा है कि आतंकी ठिकानों पर हमला पहलगाम में जान गंवाने वाले 26 बेकसूर नागरिकों को न्याय दिलाने किया गया हैं. इससे उन लोगों को भी न्याय मिलेगा जो पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद के कारण पीड़ित रहे हैं. भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान को सबक मिलेगा. उन्होंने पहलगाम हमले में प्राण गंवाने वाले 26 नागरिकों को शहीद का दर्जा देने की अपनी मांग दोहराई है.

10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी बधाई कहा- परीक्षा जिंदगी का एक पड़ाव है, अंतिम लक्ष्य नहीं

रायपुर- आज घोषित हुए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा परिणाम पर रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सभी सफल विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा, "यह सफलता न केवल विद्यार्थियों की मेहनत और लगन का परिणाम है, बल्कि उनके माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के सहयोग का भी प्रतिफल है। मैं सभी सफल विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि वे आगे भी इसी तरह मेहनत करते हुए प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।"

उन्होंने असफल विद्यार्थियों को हौसला बढ़ाते हुए कहा कि, जो विद्यार्थी किसी कारणवश परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं कर सके, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। असफलता जीवन का अंत नहीं बल्कि एक अनुभव है। परीक्षा जिंदगी का एक पड़ाव है, अंतिम लक्ष्य नहीं। हार मानने के बजाय अगली बार के लिए अभी से मेहनत शुरू करें। आपके अभिभावक, संबंधी और मित्र भी आपका साथ दें और हौसला बढ़ाएं। यह समय आत्ममंथन और आत्मविश्वास बढ़ाने का है। अभी से फिर से जुट जाइए पूरे समर्पण के साथ, अगली बार सफलता निश्चित रूप से आपकी होगी।

सभी अभिभावकों, शिक्षकों और मित्रों से भी आग्रह करता हूँ कि वे इन विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाएं और उन्हें फिर से मेहनत के लिए प्रेरित करें।

फोरेंसिक जांच से मिलते हैं सही साक्ष्य, साई कॉलेज के विद्यार्थियों ने सीखा फोरेंसिक जांच

अम्बिकापुर- अपराध और अपराधी के भौतिक, रासायनिक, जैविक तत्त्व तथा तथ्यों का अन्वेषण करना ही फोरेंसिक विज्ञान का काम है। फोरेंसिक जांच से अपराध के सही साक्ष्य सामने आते हैं। यह बातें क्षेत्रीय न्यायायिक विज्ञान प्रयोगशाला के संयुक्त संचालक आर.के. पैंकरा ने बी.एससी एंथ्रोपोलॉजी द्वितीय सेमेस्टर और बी.एससी एंथ्रोपोलाजी द्वितीय वर्ष और एम.एससी द्वितीय तथा चतुर्थ सेमेस्टर जंतु विज्ञान एडऑन कोर्स फोरेंसिक एंथ्रोपोलॉजी के विद्यार्थियों के शैक्षिक भ्रमण के दौरान कही।

उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फोरेंसिंक जांच में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान तीनों शामिल है। अम्बिकापुर के प्रयोगशाला में टॉक्सिकोलॉजी के तहत जहर, विषाक्त पदार्थों के सेवन की जांच होती है। इस जांच में मृत व्यक्ति की परिस्थितियों के बारे में खुलासा होता है। उन्होंने बताया कि डायटम जांच में शरीर की सबसे बड़ी अस्थि को लेते हैं। इससे ज्ञात होता है कि डुबने से व्यक्ति की मौत हुई है अथवा मरने के बाद डुबाया गया है। नारकोटिक्स जांच में मादक पदार्थों की जांच होती है, जिसमें ब्राउन सुगर, भांग और ड्रग्स आदि शामिल हैं। ऐस टेस्ट से बर्न डेथ केस की जांच होती है। बैलेस्टिक टेस्ट में गोली लगने से हुई मौत की जांच की जाती है। इसमें मृतक की चोट, क्षति, गोली लगने के कोण और प्रयुक्त हथियार की जांच होती है।

संयुक्त संचालक ने बताया कि अम्बिकापुर प्रयोगशाला में डीएनए टेस्टिंग की सुविधा शुरू होने वाली है और मशीनों का इंस्टालेशन प्रारम्भ हो गया है। प्रयोगशाला के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. बृजेश नागवंशी ने विद्यार्थियों के समक्ष नारकोटिक्स, डायटम, ऐस टेस्ट, बैलेस्टिक टेस्ट जांच को करके दिखाया।

प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने फोरेंसिंक लैब और उनकी गतिविधियों के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। इस भ्रमण के दौरान एंथ्रोपोलॉली के सहायक प्राध्यापक डॉ. श्रीराम बघेल के साथ ज्योति सिंह, डॉ. अजय कुमार तिवारी ने सहयोग किया।

मुख्यमंत्री ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर जारी एंटी नक्सल ऑपेरशन का अपडेट लिया: ऑपेरशन की भविष्य की रणनीति के बारे में अधिकारियों से की चर्चा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर सुरक्षाबलों की नक्सलियों के विरुद्ध जारी मुठभेड़ के विषय में अधिकारियों से अपडेट लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने ऑपेरशन के संदर्भ में भविष्य की रणनीति के बारे में अधिकारियों से चर्चा की।

बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपेरशन विवेकानंद सिन्हा उपस्थित थे।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सामरिक शक्ति और राजनीतिक दृढ़ता का प्रतीक है: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर-  सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई जवाबी कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" को मोदी सरकार की एक ऐतिहासिक और साहसिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आंतरिक सुरक्षा पर पकड़ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सटीक सैन्य रणनीति का प्रतिफल है।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सहन नहीं कर रहा, बल्कि उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। हमारी सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की सुरक्षा के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता, शौर्य और स्वाभिमान का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, आज का भारत अब चुप नहीं बैठता, बल्कि आतंकवाद के हर स्वरूप का जवाब उसी की भाषा में देता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि भारत अपने नागरिकों, अपनी सीमाओं और अपने सम्मान की रक्षा करने में पूर्ण रूप से सक्षम है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मौके पर भारतीय सेना के जवानों को सलाम करते हुए कहा कि उनके अदम्य साहस और बलिदान के कारण ही आज हम एक सुरक्षित और सशक्त भारत की कल्पना कर पा रहे हैं। उन्होंने समस्त देशवासियों से अपील की कि वे सेना के इस पराक्रम पर गर्व करें और राष्ट्रीय एकता व अखंडता को और सुदृढ़ करने में अपना योगदान दें।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बड़ी सौगात: आईआईटी भिलाई सहित देश के पांच आईआईटी का होगा विस्तार, मुख्यमंत्री ने जताया आभार

रायपुर-  नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट बैठक में आज छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी घोषणा हुई। आईआईटी भिलाई के कैम्पस के विस्तार के साथ ही तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के लिए नई सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा अब आईआईटी भिलाई में अधिक छात्रों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आईआईटी भिलाई के विस्तार के संबंध में की गई घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की दिशा में एक और बड़ा कदम है।

उल्लखेनीय है कि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा देश के पांच नए आईआईटी संस्थानों, जिनमें छत्तीसगढ़ का आईआईटी भिलाई भी शामिल है, की शैक्षणिक और आधारभूत संरचना का विस्तार करने की मंजूरी दी गई है। केंद्रीय केबिनेट के फैसले से आने वाले चार वर्षों में देशभर के 6,500 से अधिक छात्र प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई का सपना पूरा कर सकेंगे। खास बात यह है कि आईआईटी भिलाई में अब और अधिक सीटें होंगी, जिससे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के युवाओं को भी लाभ मिलेगा। इस फैसले से आईआईटी भिलाई कैम्पस के अवसंरचना विस्तार के साथ-साथ न केवल छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। शिक्षकों, कर्मचारियों और शोधकर्ताओं की भर्ती के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में आवास, परिवहन और अन्य सेवाओं की मांग भी बढ़ेगी।

आईआईटी भिलाई पहले से ही अपने स्थायी परिसर में कार्य कर रहा है, लेकिन इस विस्तार के बाद यह संस्थान अब और भी अधिक छात्रों के लिए शिक्षा और नवाचार का केंद्र बनेगा। उल्लेखनीय है कि चार वर्षों में पूरे देश में छात्रों के लिए 13,687 सीटें उपलब्ध होंगी, जो अभी 7,111 हैं। इसका मतलब है कि 6,576 नई सीटों का इजाफा होगा। देश के जिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में शैक्षणिक और अवसंरचना क्षमता के विस्तार की स्वीकृति दी गई है, इनमें भिलाई के साथ-साथ आंध्र प्रदेश (तिरुपति), जम्मू-कश्मीर (जम्मू), कर्नाटक (धारवाड़) और केरल (पालक्काड़) के आईआईटी शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इनके विस्तार के लिए 11,828.79 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जो साल 2025-26 से 2028-29 तक खर्च होगा। इसके अंतर्गत न केवल नई इमारतें और आधुनिक सुविधाएं बनाई जाएंगी, बल्कि 130 नए प्रोफेसर पदों का सृजन भी होगा, जिससे पढ़ाई और शोध का स्तर और मजबूत होगा। उद्योग अकादमिक संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच नये अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क भी बनाये जा रहे हैं।

भिलाई के सूर्या मॉल में पाकिस्तान एयर फाइटर ने गिराया बम, ऐसे हुआ रेस्क्यू

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शाम 4 बजे एक हाई-अलर्ट मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें युद्धकालीन आपातकालीन स्थिति का अभ्यास किया गया. इस मॉक ड्रिल में पाकिस्तान एयर फाइटर से सूर्या मॉल में बम गिराया गया. इस दौरान आग की लपटों के बीच सैकड़ो नागरिक फंसे जिसका रेस्क्यू किया जा रहा है.

मॉक ड्रिल की शुरुआत शाम 4 बजे सेक्टर-6 स्थित पेट्रोल पंप के सामने सायरन बजाकर की गई. इसके बाद पुलिस अधिकारी, वॉलेंटियर्स और एनसीसी कैडेट्स मुख्य चौक-चौराहों पर लेट गए, ताकि आम लोगों को आपदा के दौरान सही प्रतिक्रिया की जानकारी दी जा सके।

सूर्या मॉल बना मॉक सिमुलेशन सेंटर

भिलाई के सूर्या मॉल को मॉक ड्रिल का केंद्र बिंदु बनाया गया, जहां परिकल्पना के अनुसार सैकड़ों नागरिक आग और धुएं के बीच फंस गए. जिसके बाद एनसीसी, पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने मॉल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास शुरू किया. रेस्क्यू के दौरान फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा बलों का संयुक्त संचालन किया जा रहा है.

ब्लैकआउट मॉकड्रिल का भी होगा अभ्यास

इसके तहत भिलाई के सेक्टर-1 और सेक्टर-9 क्षेत्र में शाम 7:30 बजे से 7:45 बजे तक ब्लैकआउट किया जाएगा. केवल भिलाई सेक्टर एवं प्लांट क्षेत्र में “रेड अलर्ट ” सायरन बजने से प्रारंभ कर “ऑल क्लियर” सायरन बजने तक “ब्लैक आउट माकड्रिल” का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान रैड अलर्ट साइरन बजने पर सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी को बंद करना होगा. सडक पर चल रहे वाहन को रैड अलर्ट साइरन बजते ही वाहन को खड़ा कर उसकी हैडलाइट और बैकलाइट को भी बंद रखा जायें.

8 प्वाइंट्स में मॉकड्रिल

  1. हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का अभ्यास.
  2. हमले के समय नागरिकों को ख़ुद की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग देना.
  3. ब्लैक आउट मॉकड्रिल के समय उठाए गए कदमों का रिव्यू.
  4. महत्वपूर्ण कारख़ाने और ठिकानों को हमले के वक्त छिपाना.
  5. आम लोगों से जगह ख़ाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना.
  6. आम नागरिकों की मदद करने वाली टीम, फायर फाइटर्स, रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट.
  7. इमरजेंसी में कंट्रोल रूम और सहायक कंट्रोल रूम की वार्निंग का रिव्यू.
  8. एयररेड वार्निंग सिस्टम की अलर्टनेस चेक करना, एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन या रेडियो कम्युनिकेशन को जोड़ना.


सायरन बजते ही 7:30 बजे थम जाएगा दुर्ग, 15 मिनट का रहेगा ब्लैकआउट, इन चीजों पर प्रतिबंध

दुर्ग- देशभर में नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा आज 7 मई को एक राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉकड्रिल आयोजित की जा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को इस अभ्यास के लिए प्रमुख स्थल के रूप में चुना गया है. इसके तहत भिलाई के सेक्टर-1 और सेक्टर-9 क्षेत्र में शाम 7:30 बजे से 7:45 बजे तक ब्लैकआउट किया जाएगा.

दुर्ग जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार इस अवधि में चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर सभी स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बंद रहेगी. जनरेटर, इन्वर्टर, इमरजेंसी लाइट या मोबाइल टॉर्च जैसे उपकरणों के उपयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. सड़कों पर चल रहे वाहनों को भी रोककर उनकी सभी लाइटें बंद करनी होंगी.

मॉकड्रिल का उद्देश्य

इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की तैयारी को परखना और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का परीक्षण करना है. मॉकड्रिल की शुरुआत शाम 4 बजे “रेड अलर्ट” सायरन बजने से होगी और “ऑल क्लीयर” सायरन बजने तक चलेगी. इस दौरान नागरिकों से कहा गया है कि वे घबराएं नहीं और अभ्यास का हिस्सा बनकर सहयोग करें.

जानिए क्या-क्या होगा मॉकड्रिल

  1. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से आज दिनांक 7 मई 2025 को सायं 4.00 बजे पर आपातकालीन स्थितियां निर्मित की जाएंगी जो ऑल क्लियर सिग्नल बजने तक जारी रहेंगी. “रेड अलर्ट” सायरन बजने पर प्रारंभ होकर “ऑल क्लियर” सायरन बजने तक नागरिक सुरक्षा मॉकड्रिल आयोजित किया जाएगा. मॉकड्रिल के दौरान नागरिकों से अनुरोध है कि वे अपने घरों में कोनों में खड़े हो जाएं या जमीन पर लेट जाएं. लेटते समय अपने दांतों के बीच कपड़े या रुमाल दबाकर रखें एवं दोनों कानों को हाथ से ढककर रखें. टेबल के नीचे छिप जाएं. मॉकड्रिल के दौरान जो नागरिक रोड पर हों वे सड़क पर लेटकर मुंह में कपड़ा या रुमाल दबाकर दोनों हाथों से कान को ढकेंगे. जो लोग वाहनों पर हों वे भी अपने वाहन को वहीं रोड किनारे पर खड़े कर उसकी हेडलाइट और बैकलाइट बंद कर देंगे और वाहनों से निकल कर सड़क पर लेट जाएंगे. मॉकड्रिल के दौरान तैयारियों का जायजा लेने के लिए आपात स्थितियां निर्मित की जाएंगी.
  2. सायं 7:30 बजे से 7:45 बजे तक केवल भिलाई सेक्टर एवं प्लांट क्षेत्र में “रेड अलर्ट ” सायरन बजने से प्रारंभ कर “ऑल क्लियर” सायरन बजने तक “ब्लैक आउट माकड्रिल” का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान रैड अलर्ट साइरन बजने पर सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी को बंद करना होगा. सडक पर चल रहे वाहन को रैड अलर्ट साइरन बजते ही वाहन को खड़ा कर उसकी हैडलाइट और बैकलाइट को भी बंद रखा जायें.
  3. ग्रीन (ऑल क्लियर) अलर्ट साइरन (एक समान आवाज़ मे) बजेगा. ग्रीन अलर्ट साइरन “आल क्लीयर सिग्नल” है. इस साइरन के बजने के बाद लाइट्स आन की जा सकती हैं.
  4. नागरिकों से अनुरोध है कि माकड्रिल पूर्वाभ्यास की एक सामान्य प्रक्रिया है. अतः कोई पैनिक न करें और अफ़वाहों पर ध्यान न दें.
  5. माकड्रिल के दौरान समस्त दैनिक गतिविधियाँ यथावत चालू रहेंगीं.