आज तो पाकिस्तान की खैर नहीं! दिल्ली में हाई-लेवल बैठकों का दौर, हो सकता है बड़ा फैसला?

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पहलगाम हमले के बाद भारत आतंकवाद पर बड़े एक्शन की तैयारी में है। 22 अप्रैल को हुई इस आतंकी घटना में 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई सख्त फैसले लिए हैं। इधर राजधानी दिल्ली में हाईलेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को एक के बाद एक तीन बड़ी बैठकें हुईं। बैठकों का यह दौर बुधवार को भी जारी रहेगा। आज दिल्ली में 4 अहम बैठकें होने जा रही हैं। इन बैठकों में पाकिस्तान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक कार्रवाई का खाका तैयार किया जा सकता है।

दिल्ली में आज चार हाई-लेवल बैठकें

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर पूरा देश गुस्से में है। सभी एकजुट होकर पाकिस्तान को इस नापाक हरकत के लिए कठोर सजा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पहलगाम हमले के बाद से आतंकियों के खिलाफ एक्शन को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने मंगलवार को तीनों सेना प्रमुख, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। वहीं, आज यानी बुधवार को पीएम मोदी हमले के बाद पहली बार कैबिनेट मीटिंग करने वाले हैं, जबकि इससे पहले वह तीन अहम समितियों की बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की दूसरी बैठक

यह पहलगाम हमले के बाद सीसीएस की दूसरी बैठक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करना और पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा करना है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सशस्त्र बलों को कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट देने पर विचार किया जाएगा।

कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की बैठक

सीसीएस की बैठ के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स यानी कि सीसीपीए की बैठक होनी है। ये बैठक भी प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होगी। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई अन्य वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे। इस बैठक में भारत की कार्रवाई के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर विचार-विमर्श होगा

कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक

तीसरी बैठक आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की होगी, जिसमें पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा होगी। भारत पहले ही उरी और पुलवामा हमलों के बाद पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने में सफल रहा है। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य मंत्री शामिल होंगे। बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों और व्यापारिक उपायों पर विचार किया जाएगा।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक

दिन की आखिरी बैठक केंद्रीय कैबिनेट की होगी, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का अंतिम ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा। इस बैठक में सभी मंत्रियों की मौजूदगी में सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक रणनीतियों को मंजूरी दी जाएगी।

कनाडा में लिबरल पार्टी की जीत, मार्क कार्नी बनेंगे पीएम, भारत के लिए क्या मायने?


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कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। कनाडा में सोमवार को हुए संघीय चुनाव में पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। इस नतीजे के साथ ही लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अपने पद पर बने रहेंगे। साथ ही नई कैबिनेट के साथ नई सरकार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्नी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, मार्क कार्नी और लिबरल पार्टी को चुनाव में जीत की बहुत-बहुत बधाई। हम साझेदारी को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हैं। हम साझेदारी को मजबूत करने और लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

मजबूत होंगे भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध?

कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी की सरकार बनी है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या भारत के साथ संबंध सुधर पाएंगे? विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर रहे कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडा के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध फिर से मजबूत होने की संभवना जताई जा रही है। उनके विदेश नीति के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की उम्मीद है।

दरअसल, मार्क कार्नी ने पिछले दिनों भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों कहा था कि "मैं संकट के समय सबसे उपयोगी होता हूं।" उनके इस बयान को इस तरह से देखा गया है कि उनकी जीत नई दिल्ली और ओटावा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में संभावित सुधार ला सकती है, जो पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में काफी हद तक खराब हो गए थे। 

भारत के साथ संबंधों को सुधारने के दिए संकेत

मार्क कार्नी ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान कहा था कि "कनाडा जो करने की कोशिश कर रहा है, वह समान विचारधारा वाले देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना है, और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं। उस वाणिज्यिक संबंध के इर्द-गिर्द मूल्यों की साझा भावना होनी चाहिए, और अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इसे बनाने के अवसर की तरह देखता।" मार्क कार्नी ने चुनाव अभियान के दौरान भारत को एक महत्वपूर्ण देश बताया था। इसके अलावा उन्होंने संकेत दिया था कि उनकी मंशा भारत के साथ संबंधों को सुधारने की है, खासकर कारोबारी संबंध को, क्योंकि कनाडा डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का नुकसान उठा रहा है। इसके अलावा मार्क कार्नी ने चुनावी कैम्पेन में अमेरिका के ऊपर से अपनी निर्भरता कम करने की बात कही थी, ऐसे में कनाडा के पास एक बड़े बाजार के तौर पर भारत ही बचता है, क्योंकि चीन के साथ उसके पहले से ही खराब संबंध हैं।

कनाडा- भारत के बीच बढ़ सकता है व्यापार

कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से भारत को व्यापार के क्षेत्र में बड़ा लाभ होने की उम्मीद है। कार्नी ने व्यापार के क्षेत्र में भारत को बड़ा खिलाड़ी भी करार दिया है। ऐसे में भारत और कनाडा के बीच Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) पर फिर से बातचीत शुरू होने की संभावना बढ़ी है। ये एक ट्रेड डील है, जिसे ट्रूडो ने भारत से विवाद के बाद रोक दिया था।

भारत और कनाडा के बीच व्यापार

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2023-24 में 8.4 अरब डॉलर (72,240 करोड़ रुपये) का था, जिसमें भारत से कनाडा को 3.8 अरब डॉलर (32,680 करोड़ रुपये) का निर्यात और कनाडा से भारत को 4.6 अरब डॉलर (39,560 करोड़ रुपये) का आयात शामिल था।

हालांकि, 2024-25 में इसमें गिरावट देखने को मिली है, लेकिन अब कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस द्विपक्षीय व्यापार में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

पेगासस रिपोर्ट सार्वजनिक करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा-देश में स्पाईवेयर का उपयोग गलत नहीं


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पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। पेगासस जासूसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किसी भी देश का स्पाईवेयर रखना गलत नहीं है। अगर देश अपनी सिक्योरिटी के लिए स्पाइवेयर का यूज कर रहा तो इसमें क्या गलत है? चिंता की बात ये है कि इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ हो रहा है?

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने मंगलवार को कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा। बेंच ने कहा- व्यक्तिगत आशंकाओं का समाधान किया जा सकता है, लेकिन टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा के लिए नहीं हो सकती। इस बात की जांच करनी होगी कि जानकारी किस हद तक साझा की जा सकती है। 

रिपोर्ट को छुआ नहीं जाएगा- कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट को नहीं छुआ जाएगा, लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया है, उन्हें सूचित किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा, हां, व्यक्तिगत आशंकाओं को संबोधित किया जाना चाहिए, लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा के लिए दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।

क्या है मामला?

2021 में एक पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि केंद्र सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की पेगासस स्पाइवेयर के जरिए जासूसी की। इनमें पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल थे। अगस्त 2021 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। अगस्त 2022 में इसकी रिपोर्ट आई। इसमें कहा गया कि 29 फोन की जांच की गई, उनमें पेगासस का कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन उनमें से 5 में मैलवेयर पाया गया।

क्या है पेगासस?

पेगासस सबसे उन्नत जासूसी सॉफ्टवेयर्स में से एक है, जिसे इजराइल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया। ये केवल फोन नंबर से फोन हैक कर सकता है। कंपनी केवल सरकारों को ही ये सॉफ्टवेयर बेचती है और 10 से ज्यादा देशों की सरकारें पेगासस का इस्तेमाल कर रही हैं।भारत सरकार ने 2017 में इजरायल से एक रक्षा सौदे में पेगासस खरीदा था, जिसका खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया था।

पीएम मोदी की बिना सिर वाले पोस्टर देख भड़की बीजेपी, कहा- कांग्रेस और आतंकियों की सोच एक जैसी


#narendramodiposterwithouthead 

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर है। कांग्रेस लगातार सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरकार पर निशाना साध रही है। अब कांग्रेस ने बिना कोई नाम लिए बिना सिर वाला एक पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसके बाद सियासी विवाद बढ़ गया है। भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए आतंकियों से उसकी तुलना की है।

दरअशल, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना निशाना साधा है। कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कुर्ता-पायजामा पहने शख्स का सिर कटा हुआ है और उसके हाथ-पैर गायब है। इसके कैप्शन में लिखा है- जिम्मेदारी के समय Gayab (गायब)।

मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर की गई टिप्पणी- मालवीय

इस पोस्ट पर बीजेपी ने भी जोरदार पलटवार करते हुए कांग्रेस को घेरा है। कांग्रेस की पोस्ट पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, कांग्रेस ने सिर तन से जुदा जैसी भाषा के इस्तेमाल से एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर की गई टिप्पणी है। मालवीय ने कहा कि अगर कहावत के तौर पर देखें, तो असल में गर्दन तो कांग्रेस की कटी है। जो अब बिना दिशा वाला एक बेकाबू संगठन बन गई है।

कांग्रेस भारत के साथ या पाकिस्तान के-अनुराग ठाकुर 

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उनके नेताओं की क्या मजबूरी है कि पाकिस्तान के बोल बोलने जरूरी हैं? वे पाकिस्तान का समर्थन क्यों कर रहे हैं? जब भारतीयों का खून बहता है तो क्या उन्हें यह देखकर गुस्सा नहीं आता? कांग्रेस किसके साथ खड़ी है, भारत के या पाकिस्तान के?

लश्कर-ए-पाकिस्तान कांग्रेस- गौरव भाटिया

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस हैंडल से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया गया है कि भारत में मीर जाफर के समर्थक मौजूद हैं। भाटिया ने एक्स पर लिखा, 'एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है जो हमारे बीच रहता है, लेकिन अगर हम उन्हें लश्कर-ए-पाकिस्तान कांग्रेस कहें तो गलत नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट की गई है। पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया गया है कि भारत में मीर जाफर के समर्थक मौजूद हैं... 'सर तन से जुदा' आज लश्कर-ए-पाकिस्तान कांग्रेस की विचारधारा बन गई है।'

भाजपा ने कांग्रेस को मुस्लिम लीग 2.0 बताया है।

दिल्ली में अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, फीस एक्‍ट को मिली मंजूरी

#delhicabinetapprovesschoolfee-act 

दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लगाम लगाई है। मंगलवार को सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में फीस अधिनियम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसे शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पेश किया। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। विधानसभा में मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली में मनमानी फीस बढ़ोतरी पर लगाम लग सकेगी।

अभिवाकों के लिए राहत भरा फैसला

दिल्ली में अभी तक प्राइवेट स्कूलों की फीस तय करने को लेकर कोई नियम नहीं था। ना प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने को लेकर ऐसा अधिनियम कोई नहीं था। यह फैसला दिल्ली के तमाम अभिवाकों के लिए राहत लेकर आई है। इससे दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगेगी।

अभिभावक लंबे समय से कर रहे थे शिकायत

राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा 'अनियमित और अत्यधिक' फीस वृद्धि के खिलाफ माता-पिता और अभिभावक लंबे समय से शिकायतें कर रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने हाल ही में कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का बाजारीकरण बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि नई सरकार दिल्ली के बच्चों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह के प्रयास करेगी।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की “बोलती बंद” भारत में बैन हुआ 'एक्स' अकाउंट

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पहलगाम में आतंकी हमल के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कई तरह की फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। भारत ने पाकिस्तान में फैल रही फेक न्यूज़ और भारत विरोधी प्रचार पर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने आतंकवाद को मदद देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सहित कई पाकिस्तानी पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को बैन लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत में पाकिस्तान सरकार का ट्विटर हैंडल बैन कर दिया गया था। 

ख्वाजा भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ख्वाजा लगातार भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे थे। ख्वाजा आसिफ ने भारत के सैन्य हमले का दावा किया था। आसिफ ने सोमवार को कहा था कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। ख्वाजा आसिफ ने कहा था, भारत के हमले के खतरे को देखते हुए हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं।

कई यू-ट्यूब चैनल्स पर भी कसा शिकंजा

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी पर भारत, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।

इन पाक यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई

भारत ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज (19.6 लाख सब्सक्राइबर), इरशाद भट्टी (8.27 लाख सब्सक्राइबर), समा टीवी (1.27 करोड़ सब्सक्राइबर), एआरवाई न्यूज (1.46 करोड़ सब्सक्राइबर), बोल न्यूज (78.5 लाख सब्सक्राइबर), रफ्तार (8.04 लाख सब्सक्राइबर), द पाकिस्तान रेफरेंस (2.88 लाख सब्सक्राइबर), जियो न्यूज (1.81 करोड़ सब्सक्राइबर), समा स्पोर्ट्स (73.5 हजार सब्सक्राइबर), जीएनएन (35.4 लाख सब्सक्राइबर), उजैर क्रिकेट (2.88 लाख सब्सक्राइबर), उमर चीमा एक्सक्लूसिव (1.25 लाख सब्सक्राइबर), अस्मा शिराजी (1.33 लाख सब्सक्राइबर), मुनीब फारूक (1.65 लाख सब्सक्राइबर), सुनो न्यूज एचडी (13.6 लाख सब्सक्राइबर) और राजी नामा (2.70 लाख सब्सक्राइबर) पर प्रतिबंध लगाया है।

कश्मीर घाटी में 48 टूरिस्ट साइट बंद, पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला


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अपनी खूबसूरत घाटियों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के सख्त पहरे में है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी Arms के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा बलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है। सेना और पुलिस के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और आतंकियों को चुन-चुन कर मारकर उनके ठिकानों को तबाह भी कर रहे हैं। इस अभियान के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। 

87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 बंद

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में मौजूद सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं। पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं। बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं और इनमें पिछले 10 वर्षों में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं।

घाटी में फिर सख्त पहरा

पर्यटकों के लिए मशहूर कई स्थल, जैसे बडगाम का दूधपथरी और अनंतनाग का वेरीनाग, पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिए गए हैं। पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित स्थानों में दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं। 

हालांकि अधिकारियों ने इस संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन इन स्थानों पर प्रवेश रोक दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और हालात सामान्य होने पर ही पर्यटन गतिविधियों को दोबारा शुरू किया जाएगा।

पहलगाम में 26 लोगों की हंत्या के बाद फैसला

पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकवादियों की ओर से 26 लोगों की हत्या बाद ये फैसला लिया गया है। मरने वाले लोगों में ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। 22 अप्रैल को इन सभी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मरने वाले 26 लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में वो अपने बयान से मुकर गया। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इस हमले के बाद से क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए गए हैं।

कनाडा में खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह की करारी हार, भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का रहा है इतिहास


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कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रमुख जगमीत सिंह को आम चुनाव बड़ा झटका लगा है। जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को उखाड़ फेंकने का काम किया है। चुनाव में उनकी न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाया और पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जगमीत सिंह खालिस्तान के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की ओर से अक्सर आवाज उठाई है।

एनडीपी ने खो दिया राष्ट्रीय दर्जा

कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा। यहां एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया। नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई। एनडीपी को केवल 7 सीटों पर जीत मिली है। यहां तक की जगमीत सिंह भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहा।

जगमीत सिंह के बारे में

जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे। इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे। जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है। भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है। जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया।

जगमीत सिंह ही वो नेता हैं, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ गया था। निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।

जस्टिन ट्रूडो भी हारे

जगमीत सिंह ही नहीं पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार मिली है। साथ ही लिबरल पार्टी सत्ता में आने का मौका मिला है। पिछले चुनाव में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं। इसके समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो ने काफी समय तक अपनी सरकार चलाई। अपनी सरकार चलाने के लिए ट्रूडो जगमीत का समर्थन लेते रहे थे।

ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी

जस्टिन ट्रूडो की हार के बाद भी उनकी लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है। लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है।

हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है।

पहलगाम हमले में आतंकियों से मिला था जिपलाइन ऑपरेटर? फायरिंग के वक्त बोल रहा था “अल्लाह हू अकबर”

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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई स्थानीय कश्मीरियों के भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। इस बीच पहलगाम इलाके में शूट किया गया एक वीडियो सामने आया है। इनके सामने आने के बाद जो सच्चाई सामने आई है, वह हिला देने वाली है। पर्यटक ऋषि भट्ट ने वीडियो जारी किया है। जिसमें जिपलाइन ऑपरेटर आतंकियों की फायरिंग पर अल्लाह हू अकबर का नारा लगाता दिख रहा था। फिलहाल एनआईए ने उस जिपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया है।

अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट ने ये वीडियो 22 अप्रैल को पहलगाम इलाके में शूट किया था। जिस समय बैसरन घाटी पर पर्यटकों पर गोलियां बरसाई गईं। अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट के वीडियो में दिख रहा है कि वह ज़िपलाइनिंग कर रहे हैं और नीचे गोलियां बरस रही हैं। 

क्या जिपलाइन ऑपरेटर को हमले की खबर थी

जिपलाइन के दौरान ऋषि भट्ट अपनी वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। उस समय जिपलाइन ऑपरेटर जोर-जोर से “अल्लाह हू अकबर” के नारे लगाने लगा। ऋषि ने बताया कि जिपलाइन में उनकी पत्नी पहले गईं। उसके बाद उनका बेटा और तीसरी बार वह गए। उन्होंने बताया कि जब घर आने के बाद उन्होंने वीडियो देखे तो हैरान हो गए। उन्होंने ध्यान दिया कि पहलगाम में जिपलाइन ऑपरेटर ने उन्हें छोड़ने के बाद तीन बार सिर हिलाकर अल्लाह-हू-अकबर बोला।

जिपलाइन ऑपरेटर को अल्लाह हू अकबर बोलने के बाद ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगती है। ऋषि को जब एहसास होता है कि आतंकी हमला हुआ है तो वह घबरा गए। उन्होंने तुरंत बीच में ही जिपलाइन रोक दिया और हुक खोलकर लगभग 20 फीट की ऊंचाई से कूद गए। नीचे आकर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ वहां से जान बचाकर भागे।

जिपलाइन ऑपरेटर समेत छह लोगों हिरासत में

पर्यटक ऋषि भट्ट के दावे और वीडियो के आधार पर एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ करेगी। हमले की जांच कर रही एनआइए ने सोमवार को जिपलाइन ऑपरेटर समेत छह लोगों को कथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

संदिग्धों से पूछताछ जारी

इस नरसंहार की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने 188 विभिन्न सेवा प्रदात्ताओं व होटल ऑपरेटर को कथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस बीच, श्रीनगर में पुलिस ने 36 पूर्व और सक्रिय आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों (मददगारों) के ठिकानों की तलाशी ली है। इनमें एक महिला भी है। हमले की जांच कर रही एनआइए ने इस मामले में चिह्नित किए गए सभी संदिग्धों और नरसंहार के समय मौके पर मौजूद रहे सभी लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का दावा- भारत 2-4 दिन में कर सकता है हमला, हम पूरी तरह हाई अलर्ट पर


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पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक‍ियों को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी है। पीएम मोदी की इस चेतावनी और भारत की तरफ की पाकिस्तान पर लिए गए एक्शन से पड़ोसी देश खौफ में है। इस खौफ के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि भारत कभी भी हमला कर सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए आसिफ ने कहा, हमने अपनी सेना को मजबूत कर लिया है, क्योंकि अब हमला कभी भी हो सकता है। 

तय है कि भारत सैन्य हमला करेगा- आसिफ

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, आसिफ ने सोमवार को कहा है कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। भारत के हमले के खतरे को देखते हुए ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान की तैयारियों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की तरफ से किसी भी तरह के आक्रमण की संभावना को लेकर सरकार को जानकारी दी है।

हम परमाणु बम से देंगे जवाब- आसिफ

आसिफ ने कहा, पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है। हम अपने एटामिक बम का इस्तेमाल तभी करेंगे, जब हमारे अस्‍त‍ित्‍व के ल‍िए खतरा पैदा होगा। आसिफ ने यह भी कहा कि अगले दो से चार दिनों में युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, बाद में जियो न्यूज के साथ इंटरव्‍यू में पाक‍िस्‍तान के रक्षा मंत्री अपने बयान से पलट गए। उन्‍होंने कहा, मुझसे युद्ध की संभावना के बारे में पूछा गया था। मैंने कहा कि अगले तीन से चार दिन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मैंने यह नहीं कहा कि तीन दिनों के भीतर युद्ध छिड़ जाएगा।

हमले के डर ने पाक नेताओं को घेरा

पहलगाम हमले को लेकर भारत की तरफ से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता खत्म करने के बाद पाकिस्तानी मंत्री और अधिकारी लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से की गई कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है। हमले के डर ने पाक नेताओं को घेर लिया है। वह जिस भी इंटरव्यू या कार्यक्रम में जा रहे हैं, वहां युद्ध को लेकर सवाल किया जा रहा है। इसी खौफ में सेना प्रमुख आसिफ मुनीर ने और बिलावल भुट्टो समेत कई नेताओं और अधिकारियों ने अपने परिवार को देश के बाहर भेज दिया है।