चुनाव आयोग तक विपक्षी सांसदों के मार्च को पुलिस ने रोक, हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत कई सांसद

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बिहार एसआईआर और ‘वोट चोरी’ पर अब सियासत गरमा चुकी है. विपक्ष और चुनाव आयोग में ठन गई है। एसआईआर और वोट चोरी पर सड़क से संसद तक संग्राम है। बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक आज शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।इस बीच सोमवार को संसद से लेकर चुनाव आयोग के भवन तक विपक्ष का मार्च तय था, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। विपक्षी सांसद के आगे बढ़ रहे मार्च को पुलिस ने रोका और राहुल गांधी समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया है।

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च शुरू किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश। कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं। इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने कहा कि सिर्फ 30 नहीं पूरा विपक्ष चुनाव आयोग जाएगा। इस पर अखिलेश ने कहा कि जितने जाने दें हम चलने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने दे तो हम लोग चुनाव आयोग जाने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने नहीं दे रही है।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप, बोले- 'वोटर लिस्ट और उम्र में किया है घोटाला'*
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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विजय सिन्हा के दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज हैं, और दोनों जगहों पर उनकी उम्र भी अलग-अलग है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस गंभीर मामले में आयोग चुप क्यों है। दो जगहों पर नाम और उम्र का अंतर अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के लखीसराय विधानसभा (भाग संख्या 168) और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के बांकीपुर विधानसभा (भाग संख्या 182) की मतदाता सूची में दर्ज है। लखीसराय विधानसभा: यहां उनका उम्र 57 वर्ष दर्ज है। बांकीपुर विधानसभा: यहां उनका उम्र 60 वर्ष दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि दो अलग-अलग जिलों में दो EPIC नंबर और दो तरह की उम्र से यह साफ होता है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब गहन मतदाता पुनरीक्षण (Special Revision of Electoral Roll- SIR) के बाद भी उपमुख्यमंत्री का नाम दो जगह है, तो यह फर्जीवाड़ा है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल तेजस्वी ने खुद पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मामले में बिना सच्चाई जाने मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया गया था, जबकि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या यह फर्जीवाड़ा उपमुख्यमंत्री ने किया है या फिर SIR में ही गड़बड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और विपक्ष की ओर से उठाई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। तेजस्वी ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के बाद भी, उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे पारदर्शिता की कमी साफ दिखती है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन आयोग झूठ का सहारा ले रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में वह और भी बड़े खुलासे करेंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के कई वरिष्ठ नेता, जैसे डॉ. सुनील कुमार सिंह, कारी मोहम्मद सोहैब, शक्ति सिंह यादव और एजाज अहमद भी उपस्थित थे।
बिहार वोटर लिस्ट मामलाः 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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बिहार के वोटर लिस्ट रीविजन (एसआईआर) को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। संसद में विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रही है और इसके खिलाफ आवाज उठा रही है। वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर से जुड़ी याचिका दायर की गई है। कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एसआईआर के बाद प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग से शनिवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल किया है कि क्या एक अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट सूची को राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था या नहीं?

जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुयान और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा, हमें हर उस वोटर की जानकारी चाहिए जिसका नाम हटाया गया है। ये देखें कि किस आधार पर नाम हटे हैं।

एडीआर ने याचिका दायर कर की ये मांग

दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट में जो 65 लाख लोगों के नाम हटाए हैं उनकी जानकारी प्रकाशित करने के लिए आयोग को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। ADR की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण ने मामला मेंशन किया। 65 लाख लोगों को मसौदा सूची से हटाए जाने के संबंध में दाखिल आवेदन को मेंशन किया।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि हम ने राजनीतिक दलों को हटाए गए लोगों की सूची दी है। हम वोटर लिस्ट को साफ करने का काम कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि अपात्र लोग हटें और केवल सही लोग वोटर लिस्ट में रहें। सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन पर चुनाव आयोग से हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

65 लाख लोगों के हटाए गए नाम

बता दें कि बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत, चुनाव आयोग ने आदेश दिया था कि सिर्फ उन्हीं वोटर्स को ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा जो 25 जुलाई तक गणना फॉर्म जमा करेंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य के 7.89 करोड़ पंजीकृत वोटर्स में से 7.24 करोड़ से फॉर्म हासिल हो चुके हैं, यानी बाकी 65 लाख को हटा दिया गया है। आयोग ने 25 जुलाई को बताया, 22 लाख वोटर्स की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 35 लाख या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या फिर उनका पता नहीं चल पाया है, 7 लाख वोटर्स एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

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संसद के मॉनसून सत्र में आज ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। हालांकि, आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। आज सदन शुरू होते ही हंगामे के देखते हुए स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए हैं। उन्होंने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा। इस वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा, लेकिन सांसद नहीं मानें तो कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष SIR के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करता रहा और चर्चा की मांग कर रहा है।

विपक्षी सांसदों पर भड़के लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर नहीं दिखाने को कहें। इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है।

विपक्ष चर्चा से भाग रहा- किरण रिजिजू

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष के लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहे हैं। ये धोखा है, वो धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष अपने कमिटमेंट से भाग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री प्रस्ताव रखेंगे। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा ना बोले। हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले विपक्ष अपना एजेंडा लेकर आया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

देश में होगा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण, बिहार में जारी विरोध के बावजूद चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

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चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण का विपक्ष द्वारा संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है। इस भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। भारत निर्वाचन आयोग ने अब देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का काम अब शुरू करने का फैसला किया गया है और जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

अगस्त 2025 से पूरे देश में होगा एसआईआर

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके। चुनाव आयोग ने बीती 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था और कहा था कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत और मतदाता सूची की अखंडता और सुरक्षा के लिए यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम किया जाएगा। 

एसआईआर पर बिहार विधानसभा और संसद में हंगामा

पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करने का भारी विरोध किया जा रहा है। बिहार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ।

56 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का दावा

दावा किया जा रहा है कि पुनरीक्षण में बिहार में कम से कम 56 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं। इसमें 20 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 28 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो अपने पंजीकृत पते से स्थाई रूप से पलायन कर गए हैं। वहीं, एक लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं है। 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत पाए गए हैं।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सम्राट चौधरी का विपक्ष पर हमला: 'नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर NDA लेगा फैसला, SIR पर भ्रम फैला रहा विपक्ष'*
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दोनों सदन में आज SIR के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया इस पर मैं बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है किसी भी पिछले दलित दलित समाज या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है हुआ किसी का मतदाता सूची से नाम नहीं कटेगा. लगभग 98% लोगों ने अपने पुणे परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो गई है लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं लगभग 8 लाख लोग जो एक जगह से अधिक जगह पर उनका वोटर लिस्ट में नाम है लेकिन SIR से स्पष्ट है कि भारत के जो नागरिक है उनका वोटर लिस्ट में नाम रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है 26 तारीख को अब पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है, ड्रॉप कॉपी आएगा तब सभी पार्टियों को अधिकार होगा कि आप आवेदन डाल सकते हैं और ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं लेकिन सिर्फ और सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस पार्टी हो आरजेडी हो चाहे बीजेपी हो यह लोग सब गुमराह कर रहे हैं बिहार के लोगों को 1990 में कहा था कि बांग्लादेशी को चुन चुन कर बाहर करेंगे ममता बनर्जी 2005 में लोकसभा के अंदर कहा था कि हम बांग्लादेशी को बाहर करेंगे तो आज यदि किशनगंज जिले में अचानक 10 गुना अधिक आवश्यक प्रमाण पत्र 120% से अधिक आधार कार्ड दिखाई दे रहा है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए जांच हो रहा है निर्वाचन आयोग कर रहा है सरकार भी इसको गंभीरता से ले रहा है आगे भी इसके ऊपर कारवाई की जाएगी *काला कपड़ा यह लोग पहनकर आ रहे, यह लोग के ऊपर शनिश्चरा ग्रह आ गया है ज्यादा हावी हो रहे हैं
आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: "बिहार में वोटों की चोरी", "अस्तित्व छीनने की साजिश"

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने पटना स्थित आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार में चल रही मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहा है और यह "वोट की चोरी" व लोगों के "अस्तित्व छीनने की साजिश" है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि एस.आई.आर. और उसकी प्रक्रिया को लेकर जो संदेह इंडिया महागठबंधन को पहले से था, वह अब हकीकत में सामने आ गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और बिहार में चुनाव आयोग से इंडिया महागठबंधन के नेताओं के शिष्टमंडल मिले, लेकिन आयोग ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी चुनाव आयोग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि "दाल में कुछ काला है"। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर "अमित शाह द्वारा दिए गए काम में लगे रहने" का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया और न्याय व लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी बताया कि 19 जुलाई, 2025 को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें वे भी शामिल रहेंगे।

संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा, सीपीआई की निवेदिता झा, सीपीआई (एम) के अरुण कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज झा, राज्यसभा सांसद संजय यादव, प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद उपस्थित थे।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि तीन दिन पहले सूत्रों के हवाले से 35 लाख वोट हटाए जाने की खबरें सामने आई थीं, और उन्हीं बातों को चुनाव आयोग ने तीन दिन बाद प्रेस नोट के माध्यम से स्वीकार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रक्रिया अभी चल रही है और एस.आई.आर. में आठ दिन शेष हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटने की बातें कैसे सामने आ गईं? उन्होंने दावा किया कि बिहार में पत्रकारों को सच्चाई दिखाने पर मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि बी.एल.ओ. पर दबाव बनाकर, फर्जी दस्तखत के सहारे, भाजपा के लोगों के माध्यम से मतदाताओं के नाम उनकी जानकारी के बिना फर्जी ढंग से अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो फुटेज भी दिखाया।

"लोगों के अधिकार ही नहीं, अस्तित्व भी छीना जा रहा है":

तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लोगों के "अधिकार ही नहीं, उनके अस्तित्व को भी छीनने" की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में ऐसी बात है जिससे लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया जाए और उन्हें राशन, पेंशन, आरक्षण, किसान सम्मान निधि, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जनकल्याणकारी योजनाएं और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। उन्होंने इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। साथ ही, उन्होंने पंचायत राज व्यवस्था में पंचायत चुनाव के समय भी उनके मत को काटने की साजिश की आशंका जताई और पंचायत जनप्रतिनिधियों व नगर निगम के वार्ड पार्षदों से इस मामले में सजग रहने की अपील की।

उन्होंने दावा किया कि बिहार में 12 से 15 प्रतिशत वोटरों के नाम काटने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 17 दिनों से चल रही प्रक्रिया में 22 हजार ऐसी बूथें हैं जहाँ अब तक बी.एल.ओ. ने इस पर कोई एक्सरसाइज नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं दे रहा है और ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है, जो संविधान को खत्म करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के अंदर चंद्रबाबू नायडू ने भी एस.आई.आर. पर सवाल उठाए हैं, लेकिन भाजपा और नीतीश कुमार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में गरीबों के वोट काटने की सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया, जहाँ चौथी पीढ़ी तक के लोगों से कागजात मांगे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रकोष्ठ के माध्यम से फायदा लेने का प्रयास कर रही है और चुनाव आयोग भी एक दल और एनडीए को फायदा पहुंचाने में लगा है।

इंडिया महागठबंधन के अन्य नेताओं का समर्थन:

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि फर्जीवाड़े की आशंका पहले से थी, जिसकी पुष्टि चुनाव आयोग के कार्यों से हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुन-चुनकर लोगों के नाम फर्जी तरीके से बाहर किए जा रहे हैं और सरनेम देखकर ऐसे वोटरों पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जब वे चुनाव आयोग से मिले थे तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता ने कहा था कि 20 प्रतिशत नाम कटेंगे, जिसका मतलब है कि 08 करोड़ वोटरों में से 02 करोड़ वोटरों को वंचित करने की साजिश चल रही है।

वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने इसे लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया और कहा कि अतिपिछड़ा, दलित और अन्य गरीब लोगों को वोट से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रतिनिधियों से सजग रहने की अपील की।

सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा ने कहा कि जनता ने उनके खांचे में ढलने से मना कर दिया है, इसलिए बिहार में जनता के अधिकार को ही खत्म किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 40 से 50 प्रतिशत ही जमीन पर काम हुए हैं, बाकी सत्ता पक्ष के इशारे पर हो रहे हैं।

सीपीआई की निवेदिता झा ने कहा कि आम नागरिकों, महिलाओं, वंचितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग कठपुतली की तरह काम कर रहा है और उन्होंने अपना स्वयं का उदाहरण दिया, जहाँ बिना फार्म भरे उनके डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दिए गए थे।

सीपीआई (एम) के अरुण कुमार ने कहा कि वे आम जनता के बीच जा रहे हैं और भाजपा की इस साजिश के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे, जो संवैधानिक संस्थाओं को खोखला कर रही है।

चुनाव आयोग तक विपक्षी सांसदों के मार्च को पुलिस ने रोक, हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत कई सांसद

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बिहार एसआईआर और ‘वोट चोरी’ पर अब सियासत गरमा चुकी है. विपक्ष और चुनाव आयोग में ठन गई है। एसआईआर और वोट चोरी पर सड़क से संसद तक संग्राम है। बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक आज शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।इस बीच सोमवार को संसद से लेकर चुनाव आयोग के भवन तक विपक्ष का मार्च तय था, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। विपक्षी सांसद के आगे बढ़ रहे मार्च को पुलिस ने रोका और राहुल गांधी समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया है।

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च शुरू किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश। कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं। इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने कहा कि सिर्फ 30 नहीं पूरा विपक्ष चुनाव आयोग जाएगा। इस पर अखिलेश ने कहा कि जितने जाने दें हम चलने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने दे तो हम लोग चुनाव आयोग जाने के लिए तैयार हैं। पुलिस जाने नहीं दे रही है।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप, बोले- 'वोटर लिस्ट और उम्र में किया है घोटाला'*
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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विजय सिन्हा के दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज हैं, और दोनों जगहों पर उनकी उम्र भी अलग-अलग है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस गंभीर मामले में आयोग चुप क्यों है। दो जगहों पर नाम और उम्र का अंतर अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के लखीसराय विधानसभा (भाग संख्या 168) और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के बांकीपुर विधानसभा (भाग संख्या 182) की मतदाता सूची में दर्ज है। लखीसराय विधानसभा: यहां उनका उम्र 57 वर्ष दर्ज है। बांकीपुर विधानसभा: यहां उनका उम्र 60 वर्ष दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि दो अलग-अलग जिलों में दो EPIC नंबर और दो तरह की उम्र से यह साफ होता है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब गहन मतदाता पुनरीक्षण (Special Revision of Electoral Roll- SIR) के बाद भी उपमुख्यमंत्री का नाम दो जगह है, तो यह फर्जीवाड़ा है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल तेजस्वी ने खुद पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मामले में बिना सच्चाई जाने मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया गया था, जबकि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या यह फर्जीवाड़ा उपमुख्यमंत्री ने किया है या फिर SIR में ही गड़बड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और विपक्ष की ओर से उठाई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। तेजस्वी ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के बाद भी, उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे पारदर्शिता की कमी साफ दिखती है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन आयोग झूठ का सहारा ले रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में वह और भी बड़े खुलासे करेंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के कई वरिष्ठ नेता, जैसे डॉ. सुनील कुमार सिंह, कारी मोहम्मद सोहैब, शक्ति सिंह यादव और एजाज अहमद भी उपस्थित थे।
बिहार वोटर लिस्ट मामलाः 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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बिहार के वोटर लिस्ट रीविजन (एसआईआर) को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। संसद में विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रही है और इसके खिलाफ आवाज उठा रही है। वहीं, दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर से जुड़ी याचिका दायर की गई है। कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एसआईआर के बाद प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग से शनिवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल किया है कि क्या एक अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट सूची को राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था या नहीं?

जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुयान और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा, हमें हर उस वोटर की जानकारी चाहिए जिसका नाम हटाया गया है। ये देखें कि किस आधार पर नाम हटे हैं।

एडीआर ने याचिका दायर कर की ये मांग

दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट में जो 65 लाख लोगों के नाम हटाए हैं उनकी जानकारी प्रकाशित करने के लिए आयोग को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। ADR की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण ने मामला मेंशन किया। 65 लाख लोगों को मसौदा सूची से हटाए जाने के संबंध में दाखिल आवेदन को मेंशन किया।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि हम ने राजनीतिक दलों को हटाए गए लोगों की सूची दी है। हम वोटर लिस्ट को साफ करने का काम कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि अपात्र लोग हटें और केवल सही लोग वोटर लिस्ट में रहें। सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन पर चुनाव आयोग से हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

65 लाख लोगों के हटाए गए नाम

बता दें कि बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत, चुनाव आयोग ने आदेश दिया था कि सिर्फ उन्हीं वोटर्स को ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा जो 25 जुलाई तक गणना फॉर्म जमा करेंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य के 7.89 करोड़ पंजीकृत वोटर्स में से 7.24 करोड़ से फॉर्म हासिल हो चुके हैं, यानी बाकी 65 लाख को हटा दिया गया है। आयोग ने 25 जुलाई को बताया, 22 लाख वोटर्स की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 35 लाख या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या फिर उनका पता नहीं चल पाया है, 7 लाख वोटर्स एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

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संसद के मॉनसून सत्र में आज ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। हालांकि, आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। आज सदन शुरू होते ही हंगामे के देखते हुए स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए हैं। उन्होंने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा। इस वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा, लेकिन सांसद नहीं मानें तो कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष SIR के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करता रहा और चर्चा की मांग कर रहा है।

विपक्षी सांसदों पर भड़के लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर नहीं दिखाने को कहें। इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है।

विपक्ष चर्चा से भाग रहा- किरण रिजिजू

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष के लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहे हैं। ये धोखा है, वो धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष अपने कमिटमेंट से भाग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री प्रस्ताव रखेंगे। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा ना बोले। हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले विपक्ष अपना एजेंडा लेकर आया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

देश में होगा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण, बिहार में जारी विरोध के बावजूद चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

#sirbeginacrosscountryfrom_august 

चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण का विपक्ष द्वारा संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है। इस भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। भारत निर्वाचन आयोग ने अब देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का काम अब शुरू करने का फैसला किया गया है और जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

अगस्त 2025 से पूरे देश में होगा एसआईआर

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके। चुनाव आयोग ने बीती 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था और कहा था कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत और मतदाता सूची की अखंडता और सुरक्षा के लिए यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम किया जाएगा। 

एसआईआर पर बिहार विधानसभा और संसद में हंगामा

पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करने का भारी विरोध किया जा रहा है। बिहार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ।

56 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का दावा

दावा किया जा रहा है कि पुनरीक्षण में बिहार में कम से कम 56 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं। इसमें 20 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 28 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो अपने पंजीकृत पते से स्थाई रूप से पलायन कर गए हैं। वहीं, एक लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं है। 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत पाए गए हैं।

बिहार में 'SIR' पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव बोले - 'यह लोगों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश'*
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पटना: बिहार विधानसभा में 'स्पेशल समरी रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को लेकर जारी गतिरोध के बीच, नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में महागठबंधन के विधायकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि SIR के माध्यम से लोगों के अस्तित्व और हर तरह की सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची जा रही है, और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग के पक्ष में खड़ा होकर जनता के नागरिक अधिकार को कमजोर करना चाहता है। सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग: तेजस्वी यादव का आरोप तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने SIR के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी और इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे अध्यक्ष की अनुमति से अपनी बात रख रहे थे, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और अन्य मंत्रीगण ने "हल्की" और "अमर्यादित व अभद्र" भाषा का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा गिराने का काम किया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया, जो सही नहीं है। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता कामरेड महबूब आलम, सीपीआई एम विधायक दल के नेता कॉमरेड अजय कुमार, सीपीआई के विधायक दल के नेता कॉमरेड सूर्यकांत पासवान, पूर्व मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधायक भाई वीरेंद्र, राजद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर सहित महागठबंधन के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। "मुख्यमंत्री सरकार चलाने लायक नहीं, चुनाव आयोग मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा" तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जब विपक्ष सदन में अपनी बात गंभीरतापूर्वक रखता है, तो सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहीं भी "घुसपैठिए" की बात क्यों नहीं की, और न ही भाजपा के किसी बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज की है। उन्होंने पूछा कि अगर ऐसी बातें हैं, तो 2005 से 2025 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार और 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? तेजस्वी ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह चर्चा कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ने बिना विषय समझे बीच में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो अब सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।" तेजस्वी ने सीधे आरोप लगाया कि "नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि "सरकार में बैठे हुए लोग वोटर चुन रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में वोटर सरकार चुनते हैं।" '55 लाख वोट काटने की साजिश, कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रयास' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके लोगों के अस्तित्व को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए, तो लोग सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, राशन, छात्रवृत्ति, आवास योजना आदि के लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना विषय को समझे हस्तक्षेप किया और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मामले को बिगाड़ा। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि "इतने गंभीर मामले पर चर्चा में गंभीरता नहीं दिखना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष के द्वारा मामले को भटकाने का प्रयास लगता है क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि मतदाताओं के मताधिकार पर चर्चा हो।" तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में करीब 55 लाख वोट काटने की साजिश चल रही है, जिसमें सत्ता पक्ष की भूमिका स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि "चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर कार्य कर रहा है।" उन्होंने चुनाव आयोग के "मनमाने रवैये" और केंद्र सरकार के इशारे पर "अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली" को लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक बताया। महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी SIR को बताया 'लोकतंत्र के अस्तित्व पर हमला' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य महागठबंधन के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अपनी बात रखने और चर्चा करने के लिए होता है, लेकिन आज सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया ताकि मुद्दे को भटकाया जा सके। सीपीआई एमएल के कामरेड महबूब आलम ने SIR को "लोकतंत्र के अस्तित्व को खत्म करने का साजिश" बताया। उन्होंने सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूरे देश में नहीं करके बिहार में क्यों की जा रही है, जबकि तीन महीने बाद ही चुनाव हैं। सीपीआई एम के कामरेड अजय कुमार ने इसे "नागरिक अधिकार छीनने की साजिश" बताया और कहा कि यह भाजपा के इशारे पर "चुनाव को हाईजैक करने का मामला" है। सीपीआई के विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि बोलने और वोट देने के अधिकार को कुचला जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि वे किसी के भी नागरिक अधिकार और वोट के अधिकार को छीनने नहीं देंगे और ऐसी साजिशों को नाकाम करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
सम्राट चौधरी का विपक्ष पर हमला: 'नीतीश के उपराष्ट्रपति बनने पर NDA लेगा फैसला, SIR पर भ्रम फैला रहा विपक्ष'*
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दोनों सदन में आज SIR के बारे में विरोधी दल के लोगों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया इस पर मैं बताना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है किसी भी पिछले दलित दलित समाज या कोई सामान्य जो भारत का नागरिक है हुआ किसी का मतदाता सूची से नाम नहीं कटेगा. लगभग 98% लोगों ने अपने पुणे परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया 19 लाख लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो गई है लगभग 20 लाख लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर गए हुए हैं लगभग 8 लाख लोग जो एक जगह से अधिक जगह पर उनका वोटर लिस्ट में नाम है लेकिन SIR से स्पष्ट है कि भारत के जो नागरिक है उनका वोटर लिस्ट में नाम रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है 26 तारीख को अब पूरी प्रक्रिया समाप्त होने वाली है, ड्रॉप कॉपी आएगा तब सभी पार्टियों को अधिकार होगा कि आप आवेदन डाल सकते हैं और ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं लेकिन सिर्फ और सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस पार्टी हो आरजेडी हो चाहे बीजेपी हो यह लोग सब गुमराह कर रहे हैं बिहार के लोगों को 1990 में कहा था कि बांग्लादेशी को चुन चुन कर बाहर करेंगे ममता बनर्जी 2005 में लोकसभा के अंदर कहा था कि हम बांग्लादेशी को बाहर करेंगे तो आज यदि किशनगंज जिले में अचानक 10 गुना अधिक आवश्यक प्रमाण पत्र 120% से अधिक आधार कार्ड दिखाई दे रहा है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए जांच हो रहा है निर्वाचन आयोग कर रहा है सरकार भी इसको गंभीरता से ले रहा है आगे भी इसके ऊपर कारवाई की जाएगी *काला कपड़ा यह लोग पहनकर आ रहे, यह लोग के ऊपर शनिश्चरा ग्रह आ गया है ज्यादा हावी हो रहे हैं
आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: "बिहार में वोटों की चोरी", "अस्तित्व छीनने की साजिश"

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने पटना स्थित आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार में चल रही मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहा है और यह "वोट की चोरी" व लोगों के "अस्तित्व छीनने की साजिश" है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि एस.आई.आर. और उसकी प्रक्रिया को लेकर जो संदेह इंडिया महागठबंधन को पहले से था, वह अब हकीकत में सामने आ गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और बिहार में चुनाव आयोग से इंडिया महागठबंधन के नेताओं के शिष्टमंडल मिले, लेकिन आयोग ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी चुनाव आयोग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि "दाल में कुछ काला है"। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर "अमित शाह द्वारा दिए गए काम में लगे रहने" का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया और न्याय व लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी बताया कि 19 जुलाई, 2025 को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया महागठबंधन के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें वे भी शामिल रहेंगे।

संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा, सीपीआई की निवेदिता झा, सीपीआई (एम) के अरुण कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज झा, राज्यसभा सांसद संजय यादव, प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद उपस्थित थे।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि तीन दिन पहले सूत्रों के हवाले से 35 लाख वोट हटाए जाने की खबरें सामने आई थीं, और उन्हीं बातों को चुनाव आयोग ने तीन दिन बाद प्रेस नोट के माध्यम से स्वीकार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रक्रिया अभी चल रही है और एस.आई.आर. में आठ दिन शेष हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटने की बातें कैसे सामने आ गईं? उन्होंने दावा किया कि बिहार में पत्रकारों को सच्चाई दिखाने पर मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि बी.एल.ओ. पर दबाव बनाकर, फर्जी दस्तखत के सहारे, भाजपा के लोगों के माध्यम से मतदाताओं के नाम उनकी जानकारी के बिना फर्जी ढंग से अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो फुटेज भी दिखाया।

"लोगों के अधिकार ही नहीं, अस्तित्व भी छीना जा रहा है":

तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लोगों के "अधिकार ही नहीं, उनके अस्तित्व को भी छीनने" की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में ऐसी बात है जिससे लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया जाए और उन्हें राशन, पेंशन, आरक्षण, किसान सम्मान निधि, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जनकल्याणकारी योजनाएं और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। उन्होंने इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। साथ ही, उन्होंने पंचायत राज व्यवस्था में पंचायत चुनाव के समय भी उनके मत को काटने की साजिश की आशंका जताई और पंचायत जनप्रतिनिधियों व नगर निगम के वार्ड पार्षदों से इस मामले में सजग रहने की अपील की।

उन्होंने दावा किया कि बिहार में 12 से 15 प्रतिशत वोटरों के नाम काटने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 17 दिनों से चल रही प्रक्रिया में 22 हजार ऐसी बूथें हैं जहाँ अब तक बी.एल.ओ. ने इस पर कोई एक्सरसाइज नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं दे रहा है और ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है, जो संविधान को खत्म करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के अंदर चंद्रबाबू नायडू ने भी एस.आई.आर. पर सवाल उठाए हैं, लेकिन भाजपा और नीतीश कुमार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में गरीबों के वोट काटने की सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया, जहाँ चौथी पीढ़ी तक के लोगों से कागजात मांगे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रकोष्ठ के माध्यम से फायदा लेने का प्रयास कर रही है और चुनाव आयोग भी एक दल और एनडीए को फायदा पहुंचाने में लगा है।

इंडिया महागठबंधन के अन्य नेताओं का समर्थन:

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि फर्जीवाड़े की आशंका पहले से थी, जिसकी पुष्टि चुनाव आयोग के कार्यों से हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुन-चुनकर लोगों के नाम फर्जी तरीके से बाहर किए जा रहे हैं और सरनेम देखकर ऐसे वोटरों पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जब वे चुनाव आयोग से मिले थे तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता ने कहा था कि 20 प्रतिशत नाम कटेंगे, जिसका मतलब है कि 08 करोड़ वोटरों में से 02 करोड़ वोटरों को वंचित करने की साजिश चल रही है।

वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने इसे लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया और कहा कि अतिपिछड़ा, दलित और अन्य गरीब लोगों को वोट से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रतिनिधियों से सजग रहने की अपील की।

सीपीआई (माले) के धीरेन्द्र झा ने कहा कि जनता ने उनके खांचे में ढलने से मना कर दिया है, इसलिए बिहार में जनता के अधिकार को ही खत्म किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 40 से 50 प्रतिशत ही जमीन पर काम हुए हैं, बाकी सत्ता पक्ष के इशारे पर हो रहे हैं।

सीपीआई की निवेदिता झा ने कहा कि आम नागरिकों, महिलाओं, वंचितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग कठपुतली की तरह काम कर रहा है और उन्होंने अपना स्वयं का उदाहरण दिया, जहाँ बिना फार्म भरे उनके डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर दिए गए थे।

सीपीआई (एम) के अरुण कुमार ने कहा कि वे आम जनता के बीच जा रहे हैं और भाजपा की इस साजिश के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे, जो संवैधानिक संस्थाओं को खोखला कर रही है।