सोशल मीडिया और ओटीटी पर बैन होंगे अश्लील कंटेंट! सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 ओटीटी-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट के नियमन की मांग वाली जनहित याचिका पर नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, ऑल्ट बालाजी, उल्लू, एएलटीटी, एक्स, मेटा इंक, गूगल, मुबी, एप्पल और बाकियों से जवाब मांगा है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि याचिका एक गंभीर चिंता पैदा करती है। केंद्र को इस पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है। यह मामला कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे भी हम पर आरोप हैं कि हम कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हैं। फिर भी हम नोटिस जारी कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इन प्लेटफॉर्म पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी है कि वो कोर्ट में उपस्थित रहे जब बेंच इन पर दिखाए जाने वाले अश्लील कंटेंट को लेकर सुनवाई चल रही हो। पीठ ने यह भी कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा एक नीतिगत मामला है, यह केंद्र सरकार के नीतिगत क्षेत्र में है।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को लेकर कुछ रेगुलेशन पहले से मौजूद हैं। सरकार और नए नियम लागू करने पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन पेश हुए।

याचिकाकर्ता उदय माहूरकर, संजीव नेवार, सुदेशना भट्टाचार्य मुखर्जी, शताब्दी पांडे और स्वाति गोयल ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। नेटफ्लिक्स, अमेजन, ऑल्ट बालाजी और बाकियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ओवर द टॉप (ओटीटी) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लील कंटेंट के वितरण पर हमला किया गया है।

कोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस तरह के अश्लील कंटेंट को बैन करने की मांग की गई है, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे लेकर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में यह भी मांग की गई थी कि नेशनल कंटेंट कंट्रोल ऑथिरिटी (एनसीसी) इन प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किए जाने वाले कंटेंट की निगरानी करे और इनको रेगुलेट करने का काम करे ताकि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लीलता न फैलाई जा सके।

पहलगाम हमले पर बयानबाजी कर रहे नेताओं से राहुल नाराज, दी नसीहत

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पहलगाम हमले को लेकर देश में इन दिनों बवाल-सा मचा हुआ है। हर तरफ 26 पर्यटकों की मौत से लोग गमगीन और पाकिस्तान से नाराज दिख रहे हैं। इस बीच एक के बाद एक कई कांग्रेस नेता इस महेल पर बयान दे चुके ही। पाकिस्तान आतंकवादी हमले पर बयानबाजी को लेकर परेशान कांग्रेस ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी ना करें। अभी हाल ही में कांग्रेस नेताओं की ओर से पहलगाम पर ऐसे बयान सामने आए जिस पर विवाद हुआ और बीजेपी की ओर से निशाना बनाया गया। हालिया बयान महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक ओर से आया है। वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से लकर रॉबर्ट वाड्रा और दूसरे नेताओं के भी ऐसे बयान सामने आए जिस पर बीजेपी हमलावर है।

पार्टी के जो नेता पहलगाम पर बयान दे रहे, वो पार्टी की राय नहीं

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 22 अप्रैल को पहलगाम में क्रूर आतंकी हमला हुआ। इसी दिन कांग्रेस ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करें। 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, गृह मंत्री थे। इसी दिन (24 अप्रैल) कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में इस क्रूर हमले को लेकर पार्टी के विचारों को शामिल किया गया।

इसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गए। बैठक में हमने सरकार को अपने सवालों से अवगत कराया। हमने कहा कि इस संवेदनशील समय में हमें एक होना है। हमें एकजुटता की जरूरत है, एक सामूहिक संकल्प की जरूरत है।

ये बात सही है कि यहां-वहां कुछ कांग्रेस नेता बयान दे रहे हैं। ये उनकी निजी राय है। ये कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी ने इन नेताओं को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं दिया। ऐसे संवेदनशील समय में हमारा प्रस्ताव, सर्वदलीय बैठक में खड़गे जी और राहुल जी ने जो बोला, और एआईसीसी के अधिकारी जो बोलेंगे, वह मान्य होगा। यहां-वहां लोग बोलते रहते हैं, उन्हें बोलना नहीं चाहिए। संवेदनशील समय में नेताओं को बोलने की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस नेता ने उठाए कई सवाल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक को लेकर इस समय सियासत छिड़ गई है। इस अटैक के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं और इसको सरकार की विफलता करार दिया है। ताजा बयान कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार का है। उन्होंने सरकार से इस हमले की जिम्मेदारी लेने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा सरकार को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कांग्रेस विधाक यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या, यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

रॉबर्ट वाड्रा से लेकर सिद्धारमैया तक ने उठाया सवाल

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने हमले के पीछे आतंकवादियों की सोच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे संभवतः भारत में मुसलमानों के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने घटना को ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए इसके लिए भारत के विभाजन को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के हवाले से यह बात सामने आई कि इस हमले की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसा कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है।

भारत और फ्रांस के बीच डील साइन, पाकिस्तान से तनातनी के बीच 26 राफेल-M लड़ाकू विमान के लिए समझौता

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भारत-पाकिस्तान तनाव अपने चरम पर है। ऐसे माहौल में भारत ने अपनी समुद्री ताकत मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ 63 हजार करोड़ रुपए की डील की है। भारत और फ्रांस ने सोमवार को दिल्ली में 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के लिए 63 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए।भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने डील पर साइन किए। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। ये विमान परमाणु बम दागने की क्षमता से लैस होंगे।

हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रहे मौजूद

रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस के साथ ये डील करीब 63,000 करोड़ रुपए में हो रही है। हथियारों की खरीद के मामले में यह फ्रांस के साथ भारत की अब तक की सबसे बड़ी डील है। डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में समझौते पर मुहर लगाई गई। बताया गया कि हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इससे पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री खुद हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत कारणों से अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी

पीएम मोदी अध्यक्षता वाली सीसीएस की मीटिंग से मिली थी मंजूरी

विमानों की खरीद को 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में मंजूरी मिली थी। यह मीटिंग पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बुलाई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी और 2031-32 तक सभी विमान भारत पहुंच जाएंगे।

राफेल जेट विमानों की कुल संख्या बढ़कर हो जाएगी 62

भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में खरीदे गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित कर रही है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में स्थित हैं। इस नए सौदे से भारत में राफेल जेट विमानों की कुल संख्या बढ़कर 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय विमानवाहक पोतों, विशेष रूप से आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की तत्काल आवश्यकता है।

भारत ने राफेल की ही क्यों चुना

रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना ने दो एयरक्राफ्ट को शॉर्टलिस्ट किया था। एक F-18 सुपर हॉरनेट और दूसरा फ्रांस का राफेल मरीन। दुनिया के सबसे बेहतर नेवल फाइटर F-18 के इस रेस में हारने की सबसे बड़ी वजह इसका 4 दशक पुराना होना था। पिछले 40 साल से ज़्यादा वक्त से अमेरिकी नौसेना अपने एयरक्राफ्ट कैरियर से F-18 सुपर हॉर्नेट के अलग-अलग वर्जन को उड़ा रही है। राफेल बिल्कुल नया एयरक्राफ्ट है। कैटोबार से टेकऑफ करने में माहिर इस F-18 को स्की जंप से टेकऑफ का कोई अनुभव नहीं था।

इस डील में बने रहने के लिए एयरक्राफ्ट में कुछ बदलाव कर स्की जंप में माहिर किया गया था। आकार में यह बड़ा जरूर है लेकिन इसके विंग फोल्ड होने के चलते आसानी से लिफ्ट के जरिए हैंगर से फ्लाइंग डेक तक पहुंच सकते हैं। हालांकि कीमत में F-18 राफेल से सस्ता है, बावजूद इसके भारत ने नई तकनीक के घातक एयरक्राफ्ट को चुना।

मिग-29के लड़ाकू विमानों के बेड़े को हटाने की तैयारी

राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29के बेड़े का सहयोग करेंगे। बता दें कि खराब प्रदर्शन और रखरखाव संबंधी मुद्दों के कारण मिग-29के लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े को हटाने की तैयारी की जा रही है। विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन ने इन विमानों में भारत की जरूरत के हिसाब से कई बदलाव किए हैं। इसमें एंटी शिप स्ट्राइक, न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने की क्षमता और 10 घंटे तक फ्लाइट रिकॉर्ड करने जैसे फीचर शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी भारत को हथियार प्रणाली, स्पेयर पार्ट्स और एयरक्राफ्ट के जरूरी टूल्स भी देगी।

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।

किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? विधानसभा में बोले उमर अब्दुल्ला

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया। इस विधानसभा सत्र में पहलगाम हमले पर बोलते है सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी। उनकी आंखों में इस हमले को लेकर आंसू दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस हमले में पूरा देश चपेट में आया। किसी ने अपना पिता खोया, किसी ने बेटा तो किसी ने भाई। मैंने सैलानियों को यहां आने की दावत दी थी। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सवेदना है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश

पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सदन में एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार के उन कदमों का भी समर्थन किया गया जो 23 अप्रैल को 'कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी' की बैठक के बाद उठाए गए थे। उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव में इस हमले को 'कश्मीरियत', संविधान और जम्मू-कश्मीर में एकता, शांति और सद्भाव की भावना पर हमला बताया गया और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की गई तथा प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। प्रस्ताव में आतंकी हमले की निंदा की गई और पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई।

26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा-उमर

विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी ये हमले नहीं चाहते हैं। कोई कश्मीरी इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें खोखला कर दिया है। सैलानियों को हमने बुलाया था। उनको सुरक्षित भेजने की जिम्मेदारी मेरी थी। 26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा।उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल है इन हालात में रोशनी ढूंढना। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उन बच्चों और पत्नियों को सांत्वना नहीं दे पाया। ये समझ से परे है कि क्या कहकर माफी मांगूं। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा कैसे मांगूंगा-उमर

इस दौरान सीएम ने कहा कि भले ही मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी सरकार के पास नहीं है लेकिन वह इस मौके पर कोई राजनीति नहीं करेंगे। वह आज पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करेंगे। मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से कहूं कि 26 लोग मर चुके हैं, अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा।

बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं- उमर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। यह इसकी शुरुआत है, हमें ऐसा कुछ नहीं कहना या दिखाना चाहिए जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे। हम बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं, यह तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। और अब ऐसा लगता है कि लोग उस बिंदु पर पहुंच रहे हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक और कड़ा एक्शन, 17 पाकिस्तानी यू-ट्यूब चैनल को किया बैन

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पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तान प्रोपेगैंडा वॉर पर उतर आया है। दुनिया को अपना दामन पाक साफ बताने और भारत में माहौल खराब करने के लिए उसके नेता कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पाकिस्तानी न्यूज चैनल और यूट्यूबर्स इसका हिस्सा बन गए हैं। भारत ने पाकिस्तान की इस नापाक साजिश पर पलटवार किया है। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे उसके कई न्यूज और यूट्यूब चैनलों की बोलती बंद कर दी गई है। भारत में उन पर बैन लगा दिया गया है।

इन चैनलों की “बोलती बंद”

पहलगाम आतंकी हमल के बाद उकसाने वाली और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री फैलाने के आरोप में भारत सरकार ने 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन चैनलों के कुल 6.3 करोड़ सब्सक्राइबर थे। ब्लॉक किए गए चैनलों में पाकिस्तानी समाचार चैनल Dawn, Samaa TV, ARY News, Bol News, Raftar, Geo News और Suno News शामिल हैं। साथ ही पत्रकारों इर्शाद भट्टी, असमा शिराज़ी, उमर चीमा और मुनीब फारूक के यूट्यूब चैनल भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। इसके अलावा The Pakistan Reference, Samaa Sports, Uzair Cricket और Razi Naama जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी इस सूची में हैं।

बीबीसी को भी चेतावनी

पहलगाम अटैक की रिपोर्टिंग को लेकर भारत ने सोमवार को 17 पाकिस्तानी यू-ट्यूब चैनल्स पर बैन लगा दिया है। इनमें क्रिकेटर शोएब अख्तर, डॉन न्यूज, समा टीवी और जिओ न्यूज शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये चैनल्स भारत और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ झूठी और भ्रामक खबरें चला रहे हैं।

बीबीसी को भी चेतावनी दी गई है। पहलगाम हमले की रिपोर्टिंग के दौरान बीबीसी आतंकवादियों को उग्रवादी बता रहा था। सरकार ने यह कार्रवाई गृह मंत्रालय की रिकमंडेशन के बाद की है।

पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने सिंधु जल संधि और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं भी निलंबित कर दी हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है, को निलंबित करने का अधिकार रखता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस हमले में शामिल लोगों और उनके सरपरस्तों को ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। उन्होंने देशवासियों से वादा किया कि हर आतंकी और उनके मददगारों को खोजा जाएगा, पकड़ा जाएगा और दंडित किया जाएगा।

अब पाकिस्तान के खिलाफ होगा कौन सा फैसला? पीएम मोदी से फिर मिलने पहुंचे राजनाथ, डोभाल भी है साथ

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 मासूमों के नंरसंहार के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। पाक आर्मी की तरफ से एलओसी पर एक बार फिर से गोलीबारी की गई है। कुपवाड़ा और पुंछ के इलाकों में यह फायरिंग छोटे हथियारों से की गई, जिसका भारतीय सेना ने भी माकूल जवाब दिया है। इस बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी से मिलने पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला हो सकता है।

पीएम के साथ बैठक में डोभाल भी शामिल

पहलगाम आतंकी हमले में हिन्दुओं के नरसंहार हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। पाकिस्तान के खिलाफ जंग की अटकलों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ मुलाकात चल रही है। पीएम आवास पर हो रही इस बैठक में तीनों सेना के प्रमुख सीडीएस अनिल चौहाण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हैं।

तनाव के बीच कितनी अहम है बैठक?

बता दें कि पाकिस्तानी फौज ने पहलगाम हमले के बाद लगातार चौथे दिन सीजफायर वॉयलेशन किया। रविवार देर रात और सोमवार तड़के पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर फायरिंग की। भारतीय सेना ने भी इसका जवाब दिया। ऐसे समय में रक्षामंक्षी राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ बैठक काफी अहम मानी जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजनाथ मौजूदा हालात और रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री के पास पहुंचे हैं।

कपाट खुलने से पहले फूलों से सजाया जा रहा केदारनाथ धाम , 2 मई को खुलेंगे कपाट

देहरादून। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसके पहले पूरे धाम को भव्य रूप से फूलों से सजाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक मनमोहक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंदिर की खूबसूरती देखते ही बन रही है। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए फूलों से की जा रही यह सजावट न सिर्फ एक धार्मिक माहौल बना रही है, बल्कि भक्तों की श्रद्धा को भी और अधिक गहरा कर रही है।

धाम में सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और तीर्थ पुरोहित मिलकर यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने की तैयारियों में जुटे हैं।

पाक ने परमाणु हमले की दी धमकी तो ओवैसी ने दिखा दी “औकात”, बताया भारत से कितनी पीछे

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही बयानबाजी के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई है। पाकिस्‍तान के मंत्री की ओर से परमाणु हमले की धमकी के बाद ओवैसी ने उन पर आतंकवादी समूह आईएसआईएस की तरह काम करने का आरोप लगाया।

ओवैसी ने पाकिस्तान को घेरा

महाराष्ट्र के परभणी में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए एक बार फिर पाकिस्तान की आलोचना की। ओवैसी ने कहा, अब जो लोग पाकिस्तान में बैठकर बकवास कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत से आपका वक्त आधा घंटा पीछे है, लेकिन आधा घंटा नहीं, आधा सदी भारत से पीछे है। तुम्हारे मुल्क का बजट हमारी मिल्ट्री के बजट के बराबर भी नहीं है।

परमाणु हमले की धमकी पर ओवैसी ने निकाली अकड़

ओवैसी ने पाकिस्तानी नेताओं की धमकियों पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान बार-बार कहता है कि उनके पास परमाणु बम हैं, परमाणु बम हैं। याद रखें अगर आप किसी दूसरे देश में जाते हैं और निर्दोष लोगों को मारते हैं, तो कोई भी देश चुप नहीं रहेगा। एआईएमआईएम प्रमुख ने दोहराया कि आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों को मारने से पहले उनका धर्म पूछा। उन्होंने कहा, आप किस धर्म की बात कर रहे हैं? आप ख्वारिज से भी बदतर हैं। यह कृत्य दिखाता है कि आप आईएसआईएस के उत्तराधिकारी हैं।

सरकार पाक को आर्थिक रूप से कमजोर करने के कदम उठाए- ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान कई सालों से भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकवादियों को ट्रेन कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भारत को पाकिस्तान की एयरफोर्स की नाकाबंदी लागू करने और हमारे नैतिक हैकरों का उपयोग करके उनके इंटरनेट को हैक करने की अनुमति देता है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए कदम उठाएं।

NCERT ने मुगल, दिल्‍ली सल्‍तनत के टॉपिक हटाए, बच्चे अब पढ़ेंगे महाकुंभ और चारधाम के चैप्टर

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 7वीं के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया है। हिस्‍ट्री, जियोग्राफी की टेक्‍स्‍टबुक्‍स से मुगल सल्‍तनत और दिल्‍ली सल्‍तनत के टॉपिक्‍स हटा दिए गए हैं, जबकि महाकुंभ समेत गर्वनमेंट इनीशिएटिव जैसे मेक इन इंडिया और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को किताबों में जोड़ा गया है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के अनुरूप उठाया गया। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपराओं, दर्शन, शिक्षा व्यवस्था और स्थानीय संदर्भ को बढ़ावा देना है।

एनसीईआरटी अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल जो पुस्तकें जारी की गई हैं वे पहले भाग की हैं। दूसरे भाग की पुस्तकें आने वाले महीनों में आएंगी। इस दौरान अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि हटाए गए चैप्टर्स अगली किताबों में शामिल होंगे या नहीं। नई किताब “Exploring Society: India and Beyond” में अब मौर्य, मगध, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों पर चैप्टर्स हैं।

हाल ही में संपन्न महाकुंभ मेले का जिक्र

नई किताबों में बच्चों को ‘How the Land Becomes Sacred’ नाम के चैप्टर्स में भारत और धार्मिक स्थानों और तीर्थ यात्राओं का जिक्र किया गया है। इसमें चार धाम यात्रा, 12 ज्योतिर्लिंग और शक्ति पीठों के साथ-साथ नदियों के संगम, पर्वत और जंगलों को सेकर्ड प्लेसेस के रूप में दर्शाया गया है। हाल ही में प्रयागराज में आयोजित किए गए महाकुंभ मेला में भाग लेने वाले 66 करोड़ लोगों का उल्लेख भी किताब में किया गया है। टेक्स्ट बुक में वहां हुई भगदड़ और मौतों का जिक्र नहीं किया गया है।

सरकारी योजनाओं को भी मिली किताबों में जगह

इसके अलावा, नई पाठ्यपुस्तक में भारतीय सरकार की विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है। इनमें ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल सुरंग’ जैसी योजनाओं का समावेश है, जो देश की विकासात्मक दिशा और भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इसके अतिरिक्त, भारत के संविधान पर एक अध्याय में यह बताया गया है कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार को नागरिकों के मौलिक अधिकार में शामिल किया। हालांकि, इस बदलाव को लेकर कुछ आलोचनाएं भी सामने आई हैं, खासकर किताबों में ‘भगवाकरण’ के आरोप लगने के कारण।

किताबों के नए नाम भी जारी

हाल ही में, NCERT ने विभिन्न कक्षाओं के लिए किताबों के नए नाम जारी किए। कक्षा 1 और कक्षा 2 की इंग्लिश किताबों का नाम मैरीगोल्ड (MARIGOLD) से बदलकर 'मृदंग (MRIDANG)' और कक्षा 3 की पुस्तक का नाम 'संतूर (SANTOOR)' रखा गया है। कक्षा 6 की की इंग्लिश किताब का नाम 'हनीसकल (HONEYSUCKLE)' से बदलकर 'पूर्वी (POORVI)' कर दिया गया है। मैथ्स की किताबों के लिए भी यही पैटर्न अपनाया गया है। कक्षा 6 की गणित की किताब, जो पहले इंग्लिश में मैथमेटिक्स और हिंदी में गणित थी, अब दोनों भाषाओं में यह गणित नाम से आएगी।

पहले भी कम किए गए थे मुगल और दिल्‍ली सल्‍तनत के हिस्से

इससे पहले एनसीईआरटी ने कोविड-19 महामारी के समय मुगल और दिल्‍ली सल्‍तनत से जुड़े कई हिस्‍सों को कम कर दिया था। इसमें तुगल‍क, खिलजी, लोधी और मुगलों के उपलब्धियों के टॉपिक्‍स शामिल थे। अब इन टॉपिक्‍स को पूरी तरह किताबों से हटा दिया गया है।