जनपद न्यायाधीश रणंजय वर्मा के निर्देशन में हुआ आयोजन
अयोध्या। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान/कार्ययोजना वर्ष- 2025-26 के अनुक्रम में, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या के निर्देशन में, अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या के निर्देश पर पी0एल0वी0/अधिकार मित्र जय प्रकाश गुप्ता द्वारा आज दिनांक- 22.04.2025 को ‘‘विश्व पृथ्वी दिवस’’ के अवसर पर टेढ़ी बाजार, अयोध्या पर एक विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसी अनुक्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या पर 55वां विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री गणेश यादव एल0डी0एम0, बैंक आफ बड़ौदा, जनपद अयोध्या के साथ अन्य बैंक के अधिकारी तथा लीगल एड् डिफेंस काउन्सिल अरूण प्रकाश तिवारी(चीफ), कुलशेखर सिंह(डिप्टी चीफ), अजीज हसन व सुश्री सुरभि त्रिपाठी(असिस्टेंट) के साथ-साथ कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। उक्त अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या अनिल कुमार वर्मा द्वारा यह बताया गया कि सर्वप्रथम 22 अप्रैल, 1970 को अमेरिका के सिनेटर जेराल्ड नेल्सन द्वारा 22 अप्रैल को पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाये जाने के लिए एक आयोजन किया गया, तभी से प्रत्येक वर्ष 22 अपै्रल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसे पृथ्वी दिवस के नाम से भी जाना जाता है। जेराल्ड नेल्सन को पृथ्वी दिवस का जनक कहा जाता है। पृथ्वी दिवस के मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है। वनों की अंधाधुंध कटाई, महानगरीय विकास हेतु आस-पास के वृक्षों की कटाई व सड़कों के किनारे पुराने वृक्षों के कटाई के कारण पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन अव्यवस्थित सा हो गया है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। पर्यावरण प्रदूषण से वनस्पतियों, जीव-जंतुओं व मानव के जीवन पर कुप्रभाव पड़ता है। आज मानव जीवन के साथ-साथ जीवों व वनस्पतियों का जीवन भी संकटमय बना हुआ है। यह पर्यावरण प्रदूषण का ही प्रभाव है कि ओजोन परत में छिद्र हो गया है, ग्लेशियर पिघल रहे है, जिससे मानवीय जीवन पर संकट मंडरा रहा है। सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आकर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। जनसंख्या वृद्धि भी पर्यावरण असंतुलन का एक प्रमुख कारण है। प्राकृतिक संसाधनों का अनावश्यक दोहन भी पर्यावरण प्रदूषण का एक कारण है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पृथ्वी दिवस जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके पर्यावरण को संरक्षित किये जाने के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करते हुए पर्यावरण संरक्षण हेतु यह जरूरी है कि पृथ्वी पर अधिक से अधिक वृक्ष हों। इस अनुक्रम में भारत सरकार द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम, वानिकी का शुभारंभ भी किया गया है। इस क्रम मेे पृथ्वी पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर हम पर्यावरण को संतुलित कर सकते हैं। अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या अनिल कुमार वर्मा द्वारा आगे कहा गया है कि 1990 में विश्व के 141 देश द्वारा 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करते हुए पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। वर्ष 2003 में विश्व के 193 देश द्वारा 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके पर्यावरण के महत्व पर बल देते हुए धरा पर अधिक से अधिक वृक्षों महत्व को बताया गया। इसी के अनुक्रम में अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अयोध्या द्वारा कहा गया किः-
यदि पेड़ धरा पर नहीं रहेंगे, तो जीवन हमारा नहीं बचेगा,
प्यासी धरती करे पुकार, पेड़ लगाकर करो श्रंृगार,
आओ हम सब पेड़ लगाएं, धरती पर हरियाली लाएं,
नीर बचायें जीवों को बचायें, वसुन्धरा को स्वर्ग बनाएं,
आओं हम सब पेड़ लगाएं, धरती पर खुशहाली लायें। प्रत्येक वर्ष पृथ्वी दिवस का आयोजन एक विशेष थीम के साथ किया जाता है।
Apr 22 2025, 20:07