विजलेंस ने अयोध्या मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र कुमार पर कसा शिकंजा, 450 करोड़ के भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिले
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लखनऊ। मुख्यमंत्री के आदेश पर अयोध्या मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, ज्ञानेंद्र कुमार पर विजलेंस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विजलेंस ने अब उनकी तैनाती की अन्य जगहों की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें अयोध्या के अलावा झाँसी, मेरठ, आगरा और कन्नौज मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। विजलेंस का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इन तैनातियों के दौरान ज्ञानेंद्र कुमार ने किस प्रकार से भ्रष्टाचार से संपत्ति बनाई है।
विजलेंस की जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, ज्ञानेंद्र कुमार ने इन सभी मेडिकल कॉलेजों में अवैध रूप से करोड़ों से लेकर अरबों की संपत्ति बनाई है, जिसे अब विजलेंस की टीम जुटा रही है। इसके अलावा, विजलेंस ने उनके वेतन और पदोन्नति का भी डेटा निकालना शुरू कर दिया है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या उनकी तैनातियों के दौरान भ्रष्टाचार का कोई संबंध रहा है।
विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि जिन फर्मों को ज्ञानेंद्र कुमार ने काम दिए, उन पर भी जांच शुरू की गई है। आरोप है कि उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान कुछ चुनिंदा फर्मों को लगातार बड़े-बड़े टेंडर दिए। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ज्ञानेंद्र कुमार अपनी पत्नी, बच्चों और करीबियों के नाम पर इन फर्मों के साथ पार्टनरशिप करके इन टेंडरों को जारी कर रहे थे।
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि मैन पावर और सप्लाई का काम करने वाली एक फर्म, "हर्ष इंटरप्राइजेज", को ज्ञानेंद्र कुमार ने कई बार बड़े काम दिए। खास बात यह है कि हर तैनाती के दौरान ज्ञानेंद्र कुमार हर्ष इंटरप्राइजेज पर विशेष मेहरबानी करते थे। इस पर विजलेंस ने इस फर्म को भी अपनी जांच के दायरे में लिया है।
अब तक 450 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिल चुके हैं और एक आईपीएस अधिकारी की निगरानी में यह जांच चल रही है। विजलेंस की टीम से सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
Apr 08 2025, 15:35