सरकार ने दिया महंगाई का झटका, पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाया टैक्स, जानें कितने बढ़े दाम

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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपए बढ़ जाएंगे। नए दाम आज रात 12 बजे से ही लागू होंगे।

अभी सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपए लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए लीटर ड्यूटी लगेगी।

दरअसल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम हुए हैं, जिसको देखते हुए सरकार ने पेट्रोलियम कंपनी जैसे भारत पेट्रोलियम, रिलायंस और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को प्रति लीटर 2 रुपए बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि देश की ऑयल कंपनी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दी है या फिर वर्तमान में जो रेट हैं, उसी कीमत पर लोगों को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करती रहती हैं।

बड़े शहरों में ऐसा होता रहता है', लड़की से छेड़छाड़ पर कर्नाटक के गृह मंत्री का ये कैसा बयान

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क्या बड़े शहरों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं आम बात हैं? सवाल अटपटा है, लेकिन जब एक समाज के एक जिम्मेदार शख्स को ऐसा लगता है तो सवाल लाजमी है। बेंगलुरु में 4 अप्रैल को दो लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई। सीसीटीवी कैमरे में दिखा कि एक युवक दो लड़कियों के पास आता है और उनमें से एक को जबरदस्ती दीवार की ओर धक्का देता है, फिर वहां से भाग जाता है। इस घटना पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर बवाल खड़ा हो गया है।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में होती रहती हैं। हालांकि उन्होंने मामले को लेकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही उन्होंने पुलिस को गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बारिश हो या सर्दी, हर स्थिति में पुलिस चौबीसों घंटे काम कर रही है। यही वजह है कि बेंगलुरु में शांति है। बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से पुलिस आयुक्त को सतर्कता बरतने, बीट प्रणाली का नियमित रूप से पालन करने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश देते हैं।

परमेश्वर ने कहा कि मैं उनको (पुलिस आयुक्त से) निर्देश देता हूं हर इलाके में अनुशासित और प्रभावी तरीके से गश्त होनी चाहिए। हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करते हैं। बीट प्रणाली को बेहद प्रभावी बनाया जाना चाहिए। इसीलिए मैंने पुलिस आयुक्त को इस बारे में निर्देश दिया।

मामला है बेंगलूरू के सद्दुगुंटेपल्या के पास की। घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। पुलिस के अनुसार, तीन अप्रैल सुबह भारती लेआउट में दो महिलाएं टहल रही थीं, तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और उनमें से एक को दीवार की तरफ धकेला और उससे छेड़छाड़ की। इसके बाद वह वहां से भाग गया। इस घटना के बाद दोनों लड़कियां रोते और चिल्लाते हुए दिख रही हैं। मामले में अब तक पीड़ित की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। बेंगलुरु पुलिस ने खुद एक्शन लेते हुए मामला दर्ज किया है।

मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन...”सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मिलकर बोलीं ममता

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पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला में अपनी नौकरी गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को समर्थन में उतर गईं हैं। इसी क्रम में सोमवार को ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। यह बयान उन्होंने उन शिक्षकों के पक्ष में दिया, जिनकी नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रद्द की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा, शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करे कौन योग्य कौन नहीं-ममता बनर्जी

ममता ने यह सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा, हमें एक लिस्ट दीजिए। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार नहीं है। ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनईईटी परीक्षा में भी कई आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उन्होंने यह भी पूछा, बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बंगाल की प्रतिभा से लोग डरते हैं?

25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति रद्द

बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को तब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला सुनाया। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 25 हज़ार शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को लेकर पिछले दिनों ही आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती मामले में न सिर्फ अपना फैसला सुनाया बल्कि इस भर्ती को टेंटिड और दूषित भी करार दिया।

दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं-बच्चों की एंट्री पर लगाया बैन, जानें क्या है वजह?

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन ने महिलाओं और बच्चों के दारुल उलूम में प्रवेश पर रोक लगा दी है। दारुल उलूम परिसर के बाहर इसको लेकर एक नोटिस भी चस्पा किया गया है। दारुल उलूम देवबंद में छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं को देखते हुए प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।

भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर फैसला

दारुल उलूम देवबंद के मैनेजमेंट की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, दारुल उलूम की जियारत के लिए आने वाले सभी सम्मानित मेहमानों से निवेदन है कि अपने साथ महिलाओं को दारुल उलूम न लाएं, क्योंकि इस समय पूरे देश से बड़ी संख्या में छात्र दारुल उलूम में दाखिले के लिए आए हुए हैं और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि महिलाओं और छोटे बच्चों को दारुल उलूम में आने से रोका जाए।

बता दें कि दारुल उलूम में बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश लेने और परीक्षा देने के लिए आ रहे हैं। जिस कारण परिसर में भारी भीड़ हो रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और छात्रों की सुविधा के लिए दारुल उलूम ने छोटे बच्चों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाई है।

छात्रों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

हाल ही में देवबंद ने छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई थी। मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फैसले पर बताया था कि स्मार्टफोन पर पाबंदी छात्रों को किताबों से जोड़ना और उन्हें बाहरी ध्यान भटकाने वाली चीजों से रोकना है। उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि बच्चे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और स्मार्टफोन से मिलने वाली व्याकुलता से बचें।

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस में मतभेद, आपस में भिड़े मस्क और ट्रंप के सलाहकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की हर तरफ आलोचना हो रही है। अब टैरिफ नीति को लेकर ट्रंप के अपने ही सलाहकार आपस में भिड़ गए हैं। व्हाइट हाउस के दो बड़े आर्थिक सलाहकार-पीटर नवारो और एलन मस्क एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। पीटर नवारो का आरोप है कि एलन मस्क अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे उनकी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। वहीं, एलन मस्क ने नवारो की शिक्षा और उनके आर्थिक सोच पर सवाल उठा दिए हैं।

यह विवाद तब और गहरा गया जब पीटर नवारो ने फॉक्स न्यूज संडे के साथ एक इंटरव्यू में एलन मस्क की टैरिफ विरोधी टिप्पणियों की आलोचना की। नवारो ने स्वीकार किया कि मस्क जो सरकारी दक्षता विभाग में भी भूमिका निभा रहे हैं, उस पद पर अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मस्क का टैरिफ का विरोध उनकी कंपनियों के व्यावसायिक हितों से प्रेरित है।

नवारो ने कहा, जब एलन मस्क ऊर्जा विभाग से जुड़े काम करते हैं, तो वे अच्छा काम करते हैं, लेकिन हमें पता है कि असल में क्या हो रहा है। एलन कार बेचते हैं और वे सिर्फ अपने फायदे की बात कर रहे हैं। नवारो ने बताया कि मस्क की कंपनी टेस्ला को टैरिफ से सीधा नुकसान हो सकता है क्योंकि टेस्ला चीन, मैक्सिको, जापान, ताइवान और कई देशों से बड़ी मात्रा में ऑटोमोबाइल पार्ट्स मंगाती है। नवारो का कहना है कि मस्क टैरिफ का विरोध इसलिए कर रहे हैं ताकि उनकी कंपनी का मुनाफा बना रहे।

एलन मस्क ने दी तीखी प्रतिक्रिया

एलन मस्क ने पीटर नवारो के आरोपों को खारिज किया है। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मस्क ने न केवल नवारो के बयान को गलत बताया बल्कि उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक अनुभव पर भी सवाल उठा दिए।

मस्क ने एक पोस्ट में लिखा, इकोनॉमिक्स में हार्वर्ड से पीएचडी होना कोई काबिलियत की बात नहीं, बल्कि यह नुकसानदायक भी हो सकता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इतनी ज्यादा पढ़ाई ने नवारो को असली दुनिया की आर्थिक हकीकतों से दूर कर दिया है। एक दूसरे पोस्ट में मस्क ने लिखा, यह सब उनके घमंड और सीमित सोच की समस्या है।

ट्रंप की नीतियों के विरोध की वजह है नुकसान?

बता दें कि एलन मस्क पहले राष्ट्रपति ट्रंप के एक मुखर समर्थक रहे हैं और उन्हें शीर्ष सलाहकार के रूप में भी जाना जाता था। हालांकि ट्रंप की हालिया “लिबरेशन डे” टैरिफ घोषणा के बाद से मस्क काफी शांत रहे हैं। अकेले टेस्ला के सीईओ को बाजार में गिरावट के कारण 30 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मस्क का ट्रंप की नीतियों का विरोध करना उनके इस निजी नुकसान की वजह से हो सकता है।

टैरिफ की मार से दुनियाभर के बाजार में हाहाकार, ट्रंप बोले- यह एक तरह की दवा है, कड़वे घूंट पीने पड़ते हैं

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। इसके बाद से दुनियाङर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। यहां तक की अमेरिकी शेयर बाजार पर भी इसका खासा असर देखा जा रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। ट्रंप के फैसले के का विरोध भी शुरू हो गया है। शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क के खिलाफ अमेरिकी नागरिकों ने पूरे देश में रैलियां निकाली। इस बीच ट्रंप ने अपने टैरिफ लगाने के फैसले को वापस लेने से साफ मना कर दिया है। कहा है कि कभी कभी चीजों को सही करने के लिए दवाई देने की जरूरत पड़ती है।

हम व्यापार घाटा नहीं सहेंगे-ट्रंप

अपने आधिकारिक विमान एयरफोर्स वन में मीडिया के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा कि वह नहीं चाहते कि दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आए, लेकिन मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं। कई बार आपको चीजों को सही करने के लिए दवाई लेनी पड़ती है। ट्रंप ने कहा कि मैंने यूरोपीय, एशियाई, पूरी दुनिया के कई नेताओं से बात की है, वे हमारे साथ समझौता करना चाहते हैं, लेकिन अब हम व्यापार घाटा नहीं सहेंगे और हमने ये बात उन्हें साफ बता दी है।

टैरिफ को 'खूबसूरत चीज़' बताया

वहीं दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रूथ' पर एक पोस्ट में टैरिफ को 'खूबसूरत चीज़' बताया। उन्होंने कहा, चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ हमारा बड़ा व्यापार घाटा है। इसका हल सिर्फ टैरिफ है। इससे अमेरिका को अब अरबों डॉलर मिल रहे हैं। ये पहले से ही असर दिखा रहे हैं और देखने में भी सुंदर लगते हैं। ट्रंप ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में इन देशों के साथ व्यापार घाटा और बढ़ा है, लेकिन अब वह इसे सुधारेंगे। उन्होंने कहा कि किसी दिन लोगों को एहसास होगा कि टैरिफ संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बहुत ही सुंदर चीज है।

दुनियाभर के शेयर मार्केट धड़ाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई टैरिफ पॉलिसी लागू किए जाने के बाद से दुनियाभर के शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है। ऑस्ट्रेलिया स्टॉक मार्केट में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं साउथ कोरिया के बाजार में 5 प्रतिशत, जापान में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। चीन का मार्केट 10 प्रतिशत डाउन है तो वहीं हांगकांग का मार्केट 10 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया है।

अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट की माने तो बाजार में अभी 15-20% प्रतिशत की और गिरावट देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट की इस भविष्यवाणी के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है।

मंदी का खतरा मंडराया

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 26% टैरिफ लगाया और अन्य देशों पर 10% आयात शुल्क लगाया। चीन ने पलटवार करते हुए 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया तो वही कनाडा ने अमेरिकी वाहनों पर 25% टैरिफ लगा दिया है। इसके कारण लोगों में टेंशन का माहौल है। आयात किए गए सामानों पर लगाए गए 10% के नए टैरिफ और दर्जनों देशों पर लगाए गए जवाबी टैरिफ से व्यापारी घबरा गए हैं। यही कारण है बड़ी मात्रा में बाजार से पैसा बाहर निकाला जा रहा है, जिससे भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

ट्रंप के टैरिफ फैसले से वैश्विक बाजारों में महंगाई की आशंका बढ़ी है, जिससे मंदी का खतरा गहराता दिख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ के कारण आयातित सामानों की कीमतें बढ़ेंगी।

कुछ दिन पहले ही लगाया है टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही भारत समेत दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने भारत पर भी 26 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। भारत के अलावा और जिन देशों पर टैरिफ लगाया गया उनमें चीन, मलेशिया, कनाडा, पाकिस्तान, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।

राहुल-प्रियंका से क्यों नाराज हैं इंडियन मुस्लिम लीग, किसे कहा "ब्लैक मार्क"?

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संसद में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कई विपक्षी दलों को नाराज कर दिया। पार्टी ने इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रियंका गांधी की आलोचना की। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं।

समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम ने लोकसभा में बुधवार को विधेयक पर बहस के दौरान सत्र में भाग नहीं लेने के लिए प्रियंका गांधी की आलोचना की। 4 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय ने उनकी अनुपस्थिति को "ब्लैक मार्क" कहा और यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तो प्रियंका गांधी कहां थीं, जो मानते हैं कि यह मुसलमानों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करता है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल

यही नहीं, विपक्षी नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल गांधी ने विधेयक पर बात क्यों नहीं की, जो उनके अनुसार राष्ट्र की एकता को प्रभावित करता है। इसके साथ ही, लेख में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, टीएमसी और वामपंथी दलों की भारत गठबंधन के तहत एकजुटता की सराहना की गई। इन दलों ने संसद में इस बिल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।

विपक्षी दलों का विरोध

इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक और गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लक्षित कानून बताया है, जो केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। वक्फ विधेयक 2024 ने भारतीय राजनीति में हलचल मचाई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी आलोचना की है। हालांकि, सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही और इसको एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पास

इससे पहले वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था। लंबी बहस और चर्चा के बाद लोकसभा से पास किया गया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे।

अगले चैत्र-नवरात्रि तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा, बस्तर में अमित शाह की हुंकार

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। शनिवार की दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले विमान से बस्तर पहुंचे। यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। ‘बस्तर पंडुम’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने दावा किया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक लाल आतंक का खत्मा हो जाएगा।

हथियार छोड़ने का अल्टीमेटम

‘बस्तर पंडुम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे। इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं जिनके हाथ में हथियार है वो और जिनके हाथ में हथियार नहीं है वो, सब मुख्यधारा में लौट आएं क्योंकि कोई भी नक्सली मारा जाता है किसी को आनंद नहीं होता है।

आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते-शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में यहां नहीं हुआ वो हमारे प्रधानमंत्री पांच साल में यहां देना चाहते हैं। मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। शाह ने कहा कि हर किसी को घर में चावल पहुंच रहा है। ये तभी हो सकता है जब लोग तय करें कि हमारे गांव नक्सल मुक्त होगा। ऐसे गांव को नक्सल मुक्त घोषित करेंगे और विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देंगे। आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते। आप भी विकास में हिस्सेदार बनें।

बस्तर ओलंपिक का आयोजन हर साल होगा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते थे कि बस्तर पंडुम से क्या हासिल होगा। शायद उन्हें मालूम नहीं है कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। भारत की ताकत अनेक प्रकार की संस्कृतियों का समागम है। यहां की परंपराएं, कलाएं, भाषा, बोलियां, विविध प्रकार के व्यंजन यह सब यह सब मिलकर भारत बनता है। यह कांग्रेस को अब तक नहीं पता है। भारत दुनिया की हर स्पर्धा में टक्कर के साथ खड़ा रहेगा पर हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करेंगे। बस्तर पंडुम से इसकी शुरुआत है। पंडुम की तरह ही हर साल बस्तर ओलंपिक भी होगा।

श्रीलंका-भारत के बीच डिफेंस डील समेत कई अहम समझौते, दिसानायके ने “दोस्त” को दिया बड़ा “भरोसा”

#agreementsweresignedbetweenindiaandsri_lanka

श्रीलंका में पिछले साल हुए इलेक्शन में अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पावर गठबंधन ने जीत हासिल की थी और दिसानायके देश के राष्ट्रपति बने थे। दिसानायके पिछले साल भारत आए थे और उनके निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तीन दिनों के लिए श्रीलंका के दौरे पर पहुंचे हैं। श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री का ये पहला श्रीलंका दौरा है। यहां पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और पीएम मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच सात समझौते हुए। भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा साझेदारी समझौते पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

भारत और श्रीलंका के बीच 7 समझौते पर हस्ताक्षर

1. बिजली के आयात/निर्यात के लिए इंटरकनेक्शन के लिए एचवीडीसी

2. डिजिटल समाधान के क्षेत्र में सहमति पत्र

3. त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने में सहयोग के लिए भारत, यूएई और श्रीलंका के बीच सहमति पत्र

4. रक्षा सहयोग में सहमति पत्र

5. पूर्वी प्रांत को अनुदान सहायता से सहमति पत्र

6. स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहमति पत्र

7. फार्माकोपियाल सहयोग में सहमति पत्र

100 मिलियन डॉलर से अधिक लोन को अनुदान में बदला-पीएम मोदी

इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं। हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और विजन महासागर दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है। हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले छह महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को अनुदान में बदला है। हमारा द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन समझौता श्रीलंका के लोगों के लिए तत्काल मददगार साबित होगा। आज हमने ब्याज दरें कम करने का भी फ़ैसला किया है। यह दिखाता है कि आज भी भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है। पूर्वी राज्यों के विकास के लिए लगभग 2.4 बिलियन लंकाई रुपए दिए जाएंगे।

थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत करेगा सहयोग

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा।

भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान मोदी ने भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा, मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय सहायता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है।

10,000 घरों का निर्माण होगा

पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लिए 10,000 घरों का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त 700 श्रीलंकाई कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें सांसद, उद्यमी और युवा नेता भी शामिल होंगे। हमारा मानना है कि हमारे सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर और एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

अपने क्षेत्र का प्रयोग भारत के खिलाफ करने की अनुमति नहीं- दिसानायके

वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका के अपने क्षेत्र का उपयोग किसी भी ऐसे तरीके से करने की अनुमति नहीं देगा जो भारत की सुरक्षा तथा क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिकूल हो। मैंने विशेष आर्थिक क्षेत्र से अलग महाद्वीपीय शेल्फ की बाहरी सीमाओं की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग के समक्ष श्रीलंका के दावे से संबंधित द्विपक्षीय चर्चाओं को शीघ्र आयोजित करने में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। श्रीलंका विकास, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल अर्थव्यवस्था विकसित करने के महत्व को पहचानता है। इस नीतिगत पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मैंने कई क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में संभावित सहयोग पर चर्चा की। मैं श्रीलंका की अनूठी डिजिटल पहचान परियोजना को लागू करने के लिए 300 करोड़ रुपये के वित्तीय अनुदान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।

पीएम मोदी को समर्थन के लिए दिया धन्यवाद

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को श्रीलंका को हमारे आर्थिक सुधार, विकास और स्थिरता के लिए दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। पड़ोसी पहले भारत की विदेश नीति है और इस नीति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की आर्थिक सुधार प्रक्रिया के लिए भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता और समर्थन व्यक्त करते हैं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को हमारे सफल ऋण पुनर्गठन समझौता और हमारी वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी, जो सुधार की ओर बढ़ रही है। मैं भारत सरकार को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।