उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने खुड़िया जलाशय से जल्द पानी छोड़ने के दिए निर्देश

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुंगेली जिले के खुड़िया जलाशय से जल्द पानी छोड़ने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। इससे ग्रामीणों को निस्तारी के साथ ही खड़ी फसलों को बचाने में मदद मिलेगी। लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने आज देर शाम बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात कर खुड़िया जलाशय से निस्तारी के लिए पानी छोड़ने का आग्रह किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव से मिलने पहुंचे लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही अनेक गांव में निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। फसलों के साथ ही मवेशियों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इसलिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से खुड़िया जलाशय से पानी छोड़ने की मांग की है।

श्री साव ने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए खुड़िया जलाशय से उच्च अधिकारियों को पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों की मांग और क्षेत्र की जरूरत को देखते हुए जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल पानी छोड़ने के लिए निर्देशित किया है। उप मुख्यमंत्री से मिलने आए लोरमी क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री गुरमीत सलूजा, आलोक शिवहरे, अशोक जायसवाल और महावीर राजपूत सहित बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण शामिल थे।

छत्तीसगढ़ में लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बचाव, इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी

रायपुर- स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को लू के प्रबंधन और बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि के कारण छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ने और लू चलने की संभावना जताई गई है. इससे बचाव के लिए आठ अलग-अलग बिंदुओं में दिशा निर्देश दिए गए हैं.

लू से बचाव के उपाय बताया गया है. साथ ही लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार की जानकारी दी गई है. अस्पतालों में व्यवस्था, दवाई को उपलब्ध कराना, सूचना तंत्र मजबूत करने और प्रमुखता से प्रचार-प्रसार करने के कहा गया है. साथ ही नियमित समीक्षा के साथ दैनिक प्रतिवेदन के लिए आदेश जारी किया गया है.


लू के लक्षण

1. सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना

2. तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना

3. चक्कर और उल्टी आना

3. कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना

5. शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना

6. अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना

7. भूख कम लगना

8. बेहोश होना

लू से बचाव के उपाय

लू लगने का मुख्य कारण तेज धूप और अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने से शरीर में पानी की कमी होना है. इससे बचाव के लिए इन उपायों को अपनाना जरूरी है.

1. बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए

2. धूप में निकलने से पहले सर व कानो को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले

3. पानी अधिक मात्रा में पीये

4. अधिक समय तक धूप में न रहे

5. गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहे

6. अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीये

7. चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें

8. प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श लिया जावें

9. उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरुरी सलाह ज़रूर लें

लू लगने पर क्या होगा उपचार ?

1. बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाए

2. अधिक पानी और पेय पदार्थ पिलावें जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि

3. पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा दें

4. शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे

5. पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाए

6.मितानिन / ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें

अस्पतालों में व्यवस्था

राज्य के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन के लिए निर्देश :-

1. बाहय रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों में लू के लक्षण की जाँच अवश्य करें

2. प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया जाए

3. वार्ड में शीतलता के लिए कूलर एवं अन्य व्यवस्था की जाए

4. बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए

5. प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रुप से दी जावे, कि प्यास अनुसार पानी अवश्य पिये, छोटे बच्चों को कपडें से ढककर छाया वाले स्थान पर रखे

6. बाह्य रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों का लू के लक्षण की जॉच अवश्य करें

7. प्राथमिक उपचार कक्ष में ओ.आर.एस. कार्नर बनाया जाए

8. बाह्य रोगी के ऐसे मरीज जिन्हें उपचार पश्चात वापसी के लिए अधिक दूरी जाना है, को आवश्यकता अनुसार ठहरने की व्यवस्था किया जाए

9. पर्याप्त मात्रा में इन्द्रा वेनस फ्लूड, ओ.आर.एस. पैकेट, बुखार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करें

10. अत्यधिक गर्मी से पीड़ित बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के ईलाज के लिए अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था करें

11. सभी जिला तथा ब्लाक मुख्यालयों में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये

12. अत्यधिक प्रभावित स्थानों को चिन्हांकित किया जावे तथा उनके प्रबंधन के लिए मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की करें

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में अनियमितता का खुलासा

रायपुर- विधानसभा में बुधवार को स्थानीय निकायों पर महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया गया. वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक की अवधि के इस प्रतिवेदन में निकायों में खरीदी से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तक में झोल ही झोल मिला है. यही नहीं 137 स्थानीय निकायों के ऑडिट में 1613 आपत्ति पाई गई!

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया. महालेखाकार के प्रतिवेदन में बताया गया कि शहरी स्थानीय निकायों के कुल संसाधनों में स्वयं के राजस्व का हिस्सा वर्ष-2016 से 2021-22 के दौरान 16 से 19 फीसदी रहा. इस तरह 6 वर्षों की अवधि में शहरी स्थानीय निकाय का खुद का राजस्व स्थिर रहा.

स्थानीय निकायों में कचरे के मानवबल के बिना इस सुविधा को गौधन न्याय योजना के साथ साझा करने के कारण कचरे के संग्रहण, पृथककरण और प्रशसकरण पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है. योजना और जरूरत के बिना बुनियादी ढांचे, वाहनों का विकास और खरीदी के फलस्वरूप सुविधाएं निष्क्रिय हो गई. और 369 करोड़ 98 लाख का निष्फल व्यय हुआ है.

प्रतिवेदन में बताया गया कि वैकल्पिक स्थल पर ईडब्ल्यूएस के लिए हस्तांतरित की गई जमीन का मूल्य कम होने के कारण कॉलोनाइजर को 1 करोड़ 54 लाख का अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचा है. यह भी बताया गया कि कोरबा नगर पालिक निगम द्वारा भूमि का अनुचित उपयोग किए जाने के कारण तीन कॉलोनाइजरों से जमीन के बदले 75 लाख 77 हजार राशि की कम वसूली की गई.

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मिली 472.58 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष निर्देश और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने अंबिकापुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध चिकित्सालय भवन के निर्माण कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। पूर्व में इस परियोजना के लिए 374.08 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। निर्माण कार्यों के दायरे में हुए विस्तार और लागत वृद्धि के बाद अब परियोजना की कुल लागत 472.58 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है। इस प्रकार, परियोजना लागत में 98 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी मिली है।

निर्माण कार्य तेजी से जारी, कई महत्वपूर्ण भवन उपयोग में: शेष निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने पर सरकार का विशेष जोर

मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहे हैं। अब तक स्टाफ क्वार्टर, छात्रावास भवन, महाविद्यालय भवन, बाउंड्री वॉल, आंतरिक और बाह्य सड़कें, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, एनिमल हाउस, ड्रेनेज सिस्टम, रिटेनिंग वॉल एवं टो वॉल जैसे प्रमुख निर्माण पूरे हो चुके हैं। ये भवन चिकित्सा विभाग द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल भवन, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, बाहरी जल आपूर्ति और सीवर लाइन जैसे शेष निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को जल्द से जल्द पूरी तरह कार्यशील बनाना है, ताकि आम नागरिकों को अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।

मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधारों को प्रतिबद्ध है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों एवं आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जाएगा। इससे चिकित्सकों, मेडिकल छात्रों और मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी तथा चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दृढ़

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, सुधार और उन्नयन के लिए लगातार प्रयासरत है। मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय भवन निर्माण को गति देने के लिए राज्य सरकार हर जरूरी संसाधन उपलब्ध करा रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर न केवल अंबिकापुर, बल्कि आसपास के जिलों के नागरिकों को भी आधुनिक और उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वस्थ समाज, खुशहाल समाज की नींव है। हमारी सरकार नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए संकल्पित है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का पुनरीक्षित बजट इस दिशा में एक ठोस और महत्वपूर्ण कदम है।

IAS गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी को मिला प्रोफार्मा प्रमोशन

रायपुर-  1995 बैच के IAS अधिकारी गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है. इस पदोन्नति के साथ दोनों ही अधिकारी प्रमुख सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव बन गए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने यह आदेश जारी किया है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को प्रोफार्मा पदोन्नति दिए जाने का नियम है. गौरव द्विवेदी इस वक्त प्रसार भारती में सीईओ के पद पर कार्यरत हैं. वहीं मनिंदर केंद्रीय कृषि विभाग के उपक्रम में एमडी हैं.

2021 में भारत सरकार ने 43 आईएएस अधिकारियों को एडिशनल सिकरेट्री के लिए इम्पेनल किया था. इन अधिकारियों में छत्तीसगढ़ कैडर के गौरव द्विवेदी और उनकी पत्नी मनिंदर कौर द्विवेदी भी शामिल थे. द्विवेदी दंपति 95 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. छत्तीसगढ़ में इस बैच के दो ही आईएएस अधिकारी थे.

ICICI बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

रायपुर- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रायपुर (छ.ग.) भारती कुलदीप के आदेशानुसार आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड गोल्ड लोन विभाग के सक्षम प्राधिकारी के खिलाफ आपराधिक न्यास भंग (धारा 409 भादवि) का मामला दर्ज किया गया है. यह मामला रायपुर के देवेंद्र निवासी अंकित अग्रवाल की शिकायत पर सिविल लाईन थाने में दर्ज किया गया है, जिसमें बैंक पर उनके सोने के गहनों की अवैध नीलामी का आरोप लगाया गया है. ये लोन करीब 14 लाख रुपए का लिया गया था.

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता अंकित अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने बैंक से गोल्ड लोन लिया था और इसके लिए अपनी माता, पत्नी और भाभी के सोने के जेवर बैंक में गिरवी रखे थे. कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक संकट के चलते कुछ समय तक किश्तों का भुगतान नहीं हो सका, लेकिन बाद में उन्होंने समय-समय पर ब्याज और मूलधन का भुगतान किया.

हालांकि, बैंक ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके गहनों की नीलामी कर दी. शिकायतकर्ता का कहना है कि बैंक ने आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया और तय अवधि से पहले ही गहने नीलाम कर दिए. इतना ही नहीं, बैंक द्वारा किए गए अनुबंध पर उनके हस्ताक्षर तक मौजूद नहीं थे, बल्कि बैंक के किसी अधिकारी ने फर्जी हस्ताक्षर किए थे.

न्यायालय ने दिया जांच का आदेश

शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने थाना सिविल लाइन, रायपुर को आदेश दिया कि वह इस मामले में विधिवत अपराध पंजीबद्ध कर जांच करे और अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करे. न्यायालय के आदेश के बाद थाना सिविल लाइन में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के गोल्ड लोन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ धारा 409, 417, 418, 420, 465, और 192 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है.

कोयला गैसीकरण तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर- कोयला गैसीकरण तकनीक न केवल ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कहना है रायपुर सांसद एवं कोयला मंत्रालय द्वारा गठित संसदीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने बुधवार को आयोजित समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। इस बैठक में "कोयले का वैकल्पिक उपयोगः स्वच्छ उपयोग की दिशा में कोयला गैसीकरण" विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। बृजमोहन अग्रवाल ने कोयला गैसीकरण की संभावनाओं, चुनौतियों और इससे जुड़े नीतिगत पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

बैठक के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोयला गैसीकरण तकनीक भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनाए।

बैठक में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, समिति सदस्य एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कोयला गैसीकरण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी और इस दिशा में मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। बैठक में देश में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और कोयला आधारित उद्योगों के सतत विकास के लिए आवश्यक रणनीतियों पर भी चर्चा हुई।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पर्यावरण हितैषी ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोयला गैसीकरण से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होगा।

प्रधानमंत्री के प्रवास को लेकर लोगों में भारी उत्साह : उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री तथा बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने आज मोहभठ्ठा में अधिकारियों की बैठक लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च के प्रवास को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अब तक हुए कार्यों की जानकारी लेकर 25 मार्च तक तमाम कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ और विशेषकर बिलासपुर आगमन हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। उनके कार्यक्रम को लेकर लोगों मेें बड़ा उत्साह है। इसे ऐतिहासिक एवं यादगार बनाने के लिए लोग ब्रेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व 25 मार्च से 29 मार्च तक पूरे जिले में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें नवनिर्वाचित पार्षदों, पंचों, सरपंचों एवं जनप्रतिनिधियों को सहभागी बनाने को कहा। श्री साव ने सभास्थल एवं इसके आसपास बन रहे पार्किंग स्थल में की जा रही तैयारी का मुआयना किया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव एवं बिलासपुर के प्रभारी सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह सहित राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रधानमंत्री के प्रवास की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बिलासपुर को प्रधानमंत्री के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का सौभाग्य मिला है। हमें अपनी योजनाओं को अच्छे स्वरूप में पूरे राज्य के लोगों को दिखाने का अच्छा मौका मिल रहा है। पूरे राज्य के लोग इस समारोह में आएंगे। उन्हें इस कार्यक्रम के जरिए अच्छा संदेश देना है। वे हमारे लिए मेहमान की तरह होेंगे। उन्हें पर्याप्त सम्मान देना है। उन्हें परायापन महसूस नहीं होना चाहिए। श्री साव ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से अभियान चलाकर बिल्हा के आसपास सहित पूरे जिले की सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए।

बजट अनुदान मांग पर चर्चा : नेता प्रतिपक्ष महंत बोले, ‘सरकार की गलतियां उजागर करना हमारा कर्तव्य’

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने बेरोजगारी, बिजली संकट, खनिज उत्पादन में गिरावट, शराब नीति, परिवहन में दलाली और बजट का सही उपयोग न होने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया।

नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि विपक्ष में रहकर सरकार की गलतियों को उजागर करना हमारा कर्तव्य है। हम सरकार के दुश्मन नहीं बल्कि शुभचिंतक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में कम और कक्ष में ज्यादा समय बिताते हैं। जब वे विधानसभा में होते हैं तो विधायक उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही नरेंद्र मोदी पर चर्चा शुरू हो जाती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्हें समझाइए कि यह सांय सांय सरकार है। विधायक आप तक सीमित रहे।

बेरोजगारी और लंबित नियुक्तियां

चरणदास महंत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत एक लाख पदों पर भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। पिछले वित्तीय वर्ष में आर्थिक सलाहकार परिषद बनाने और दिव्यांगों की बैकलॉग भर्ती की घोषणा की गई थी, जो अब तक अधूरी है। मुख्य सूचना आयुक्त के पद की भर्ती भी अटकी हुई है।

खनिज उत्पादन में गिरावट और बिजली संकट

महंत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में खनिज उत्पादन 25 लाख 693 मीट्रिक टन था, लेकिन अब इसमें 15% की कमी आ गई है। सवाल उठता है कि आखिर यह गिरावट क्यों आई? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है, फिर भी बिजली कटौती जारी है। रायपुर और रायगढ़ में ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जो पहले नहीं होती थीं।

शराब नीति पर उठाए सवाल, परिवहन विभाग में दलाली का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 67 नई शराब दुकानों को खोलने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद के विरुद्ध है। यह राज्य को किस दिशा में ले जाएगा? उन्होंने परिवहन विभाग में दलालों की बढ़ती संख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने दलालों पर 75% तक रोक लगाई थी, लेकिन अब फिर से लोग दलालों की चपेट में आ गए हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय अनियमितताएं

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वेबसाइट अपडेट नहीं कर रहा है, जिससे जनता को सही जानकारी नहीं मिल पा रही। दिसंबर तक केवल 77 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं, जबकि हेलिकॉप्टर भुगतान में जरूरत से ज्यादा राशि दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितनी राशि में नया हेलिकॉप्टर खरीदा जा सकता है, उतनी राशि पुराने हेलिकॉप्टर के रखरखाव में खर्च की जा रही है।

औद्योगिक दुर्घटनाएं और श्रम कानून

औद्योगिक दुर्घटनाओं के पीड़ितों को श्रम कानून के तहत मिलने वाला मुआवजा नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री निवास में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दरख्वास्त लेकर जाते थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। ग्रामोद्योग विभाग को 118 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन नौ महीने में सिर्फ 67 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार बदनाम हो रही है।

आवारा पशु और सहकारी दुग्ध महासंघ का मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि काऊ कैचर योजना के तहत आवारा मवेशियों को गौठानों में रखने की योजना थी, लेकिन सड़कों पर अभी भी मृत पशु दिख रहे हैं। राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को देने की चर्चाएं हो रही है, जिससे स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को नुकसान होगा। आयकर विभाग को बड़े उद्योगों से पानी पर 8,000 करोड़ रुपये की वसूली करनी है, लेकिन अब तक यह वसूली नहीं हो सकी। उन्होंने “नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी” योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस योजना का विकल्प भी नहीं दिया।

सुशासन फेलोशिप योजना पर सवाल उठाते हुए महंत ने कहा कि इस योजना के तहत कैबिनेट की फाइलें देखे जाने की संभावना है। इससे सरकार की गोपनीय जानकारियों के लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने पूछा कि जब भारतीय नौकरशाही में कई अधिकारी विदेशों से पढ़कर आ रहे हैं, तो क्या उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा?

शिक्षा और धार्मिक न्यास विभाग की अनदेखी

38 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा बृजमोहन अग्रवाल ने की थी, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि 125 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। यदि सरकार ने इन्हें बंद नहीं किया तो फिर ये आंकड़े गलत कैसे हो गए? धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग को मिले बजट का केवल 4% ही खर्च किया गया है। महंत ने तंज कसते हुए कहा कि प्रयागराज में 66 करोड़ लोग स्नान करने पहुंचे थे, जबकि कहा जाता है कि देश में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ऐसे में हर देवता के लिए केवल दो श्रद्धालु ही पहुंचे थे।

पर्यटन विकास की उपेक्षा

महंत ने आरोप लगाया कि पर्यटन को लेकर बनाए गए केंद्र पूरे प्रदेश से गायब हो गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यटन स्थलों को वन विभाग के साथ मिलाकर विकसित किया जाए। यदि बस्तर का पर्यटन सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह नॉर्थ ईस्ट से भी बेहतर बन सकता है।

नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड 14 में पार्षद के लिए 8 अप्रैल को होगा मतदान, 11 को आएगा रिजल्ट

रायपुर- जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद पद के लिए मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल के नामनिर्देशित अभ्यर्थी की मृत्यु दिनांक 08 फरवरी 2025 को हो गई थी। मृत्यु होने के कारण छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम, 1994 के नियम 38 के प्रावधानानुसार उक्त वार्ड के पार्षद पद का निर्वाचन रिटर्निंग आफिसर द्वारा प्रत्यादिष्ट कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 पार्षद पद के निर्वाचन हेतु समय अनुसूची जारी कर की गई है.जारी कार्यक्रम अनुसार निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन, स्थानों (सीटों) के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन एवं मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन आज दिनांक 19 मार्च को सुबह 10.30 बजे की गई तथा नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने हेतु आज दिनांक 19 मार्च 2025 से दिनांक 26 मार्च 2025 तक की तिथि निर्धारित की गई है।नाम निर्देशन पत्र सबेरे 10:30 बजे से अपरान्ह 3ः00 बजे तक प्राप्त किया जायेगा।

इसी प्रकार नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 27 मार्च 2025 को पूर्वान्ह 10.30 बजे से की जाएगी. अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की आखिरी तारीख दिनांक 29 मार्च 2025 को अपरान्ह 3ः00 बजे तक निर्धारित की गई है.निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करना, प्रकाशन करना और निर्वाचन प्रतीकों का आबंटन (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 29 मार्च 2025 को अभ्यार्थिता वापसी के बाद की जाएगी.मतदान दिनांक 08 अप्रैल 2025 को प्रातः 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगी तथा मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा के लिये दिनांक 11 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की गई है।मतगणना सबेरे 9 बजे से प्रारम्भ की जाएगी।