बजट अनुदान मांग पर चर्चा : नेता प्रतिपक्ष महंत बोले, ‘सरकार की गलतियां उजागर करना हमारा कर्तव्य’

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने बेरोजगारी, बिजली संकट, खनिज उत्पादन में गिरावट, शराब नीति, परिवहन में दलाली और बजट का सही उपयोग न होने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया।

नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि विपक्ष में रहकर सरकार की गलतियों को उजागर करना हमारा कर्तव्य है। हम सरकार के दुश्मन नहीं बल्कि शुभचिंतक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में कम और कक्ष में ज्यादा समय बिताते हैं। जब वे विधानसभा में होते हैं तो विधायक उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही नरेंद्र मोदी पर चर्चा शुरू हो जाती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्हें समझाइए कि यह सांय सांय सरकार है। विधायक आप तक सीमित रहे।

बेरोजगारी और लंबित नियुक्तियां

चरणदास महंत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत एक लाख पदों पर भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। पिछले वित्तीय वर्ष में आर्थिक सलाहकार परिषद बनाने और दिव्यांगों की बैकलॉग भर्ती की घोषणा की गई थी, जो अब तक अधूरी है। मुख्य सूचना आयुक्त के पद की भर्ती भी अटकी हुई है।

खनिज उत्पादन में गिरावट और बिजली संकट

महंत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में खनिज उत्पादन 25 लाख 693 मीट्रिक टन था, लेकिन अब इसमें 15% की कमी आ गई है। सवाल उठता है कि आखिर यह गिरावट क्यों आई? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है, फिर भी बिजली कटौती जारी है। रायपुर और रायगढ़ में ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जो पहले नहीं होती थीं।

शराब नीति पर उठाए सवाल, परिवहन विभाग में दलाली का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 67 नई शराब दुकानों को खोलने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद के विरुद्ध है। यह राज्य को किस दिशा में ले जाएगा? उन्होंने परिवहन विभाग में दलालों की बढ़ती संख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने दलालों पर 75% तक रोक लगाई थी, लेकिन अब फिर से लोग दलालों की चपेट में आ गए हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय अनियमितताएं

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वेबसाइट अपडेट नहीं कर रहा है, जिससे जनता को सही जानकारी नहीं मिल पा रही। दिसंबर तक केवल 77 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं, जबकि हेलिकॉप्टर भुगतान में जरूरत से ज्यादा राशि दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितनी राशि में नया हेलिकॉप्टर खरीदा जा सकता है, उतनी राशि पुराने हेलिकॉप्टर के रखरखाव में खर्च की जा रही है।

औद्योगिक दुर्घटनाएं और श्रम कानून

औद्योगिक दुर्घटनाओं के पीड़ितों को श्रम कानून के तहत मिलने वाला मुआवजा नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री निवास में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दरख्वास्त लेकर जाते थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। ग्रामोद्योग विभाग को 118 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन नौ महीने में सिर्फ 67 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार बदनाम हो रही है।

आवारा पशु और सहकारी दुग्ध महासंघ का मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि काऊ कैचर योजना के तहत आवारा मवेशियों को गौठानों में रखने की योजना थी, लेकिन सड़कों पर अभी भी मृत पशु दिख रहे हैं। राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को देने की चर्चाएं हो रही है, जिससे स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को नुकसान होगा। आयकर विभाग को बड़े उद्योगों से पानी पर 8,000 करोड़ रुपये की वसूली करनी है, लेकिन अब तक यह वसूली नहीं हो सकी। उन्होंने “नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी” योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस योजना का विकल्प भी नहीं दिया।

सुशासन फेलोशिप योजना पर सवाल उठाते हुए महंत ने कहा कि इस योजना के तहत कैबिनेट की फाइलें देखे जाने की संभावना है। इससे सरकार की गोपनीय जानकारियों के लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने पूछा कि जब भारतीय नौकरशाही में कई अधिकारी विदेशों से पढ़कर आ रहे हैं, तो क्या उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा?

शिक्षा और धार्मिक न्यास विभाग की अनदेखी

38 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा बृजमोहन अग्रवाल ने की थी, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि 125 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। यदि सरकार ने इन्हें बंद नहीं किया तो फिर ये आंकड़े गलत कैसे हो गए? धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग को मिले बजट का केवल 4% ही खर्च किया गया है। महंत ने तंज कसते हुए कहा कि प्रयागराज में 66 करोड़ लोग स्नान करने पहुंचे थे, जबकि कहा जाता है कि देश में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ऐसे में हर देवता के लिए केवल दो श्रद्धालु ही पहुंचे थे।

पर्यटन विकास की उपेक्षा

महंत ने आरोप लगाया कि पर्यटन को लेकर बनाए गए केंद्र पूरे प्रदेश से गायब हो गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यटन स्थलों को वन विभाग के साथ मिलाकर विकसित किया जाए। यदि बस्तर का पर्यटन सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह नॉर्थ ईस्ट से भी बेहतर बन सकता है।

नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड 14 में पार्षद के लिए 8 अप्रैल को होगा मतदान, 11 को आएगा रिजल्ट

रायपुर- जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद पद के लिए मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल के नामनिर्देशित अभ्यर्थी की मृत्यु दिनांक 08 फरवरी 2025 को हो गई थी। मृत्यु होने के कारण छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम, 1994 के नियम 38 के प्रावधानानुसार उक्त वार्ड के पार्षद पद का निर्वाचन रिटर्निंग आफिसर द्वारा प्रत्यादिष्ट कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 पार्षद पद के निर्वाचन हेतु समय अनुसूची जारी कर की गई है.जारी कार्यक्रम अनुसार निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन, स्थानों (सीटों) के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन एवं मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन आज दिनांक 19 मार्च को सुबह 10.30 बजे की गई तथा नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने हेतु आज दिनांक 19 मार्च 2025 से दिनांक 26 मार्च 2025 तक की तिथि निर्धारित की गई है।नाम निर्देशन पत्र सबेरे 10:30 बजे से अपरान्ह 3ः00 बजे तक प्राप्त किया जायेगा।

इसी प्रकार नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 27 मार्च 2025 को पूर्वान्ह 10.30 बजे से की जाएगी. अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की आखिरी तारीख दिनांक 29 मार्च 2025 को अपरान्ह 3ः00 बजे तक निर्धारित की गई है.निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करना, प्रकाशन करना और निर्वाचन प्रतीकों का आबंटन (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 29 मार्च 2025 को अभ्यार्थिता वापसी के बाद की जाएगी.मतदान दिनांक 08 अप्रैल 2025 को प्रातः 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगी तथा मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा के लिये दिनांक 11 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की गई है।मतगणना सबेरे 9 बजे से प्रारम्भ की जाएगी।

संगठन को ताकतवर बनाएगी कांग्रेस : पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर गिरेगी गाज, ED, IT और CBI के दुरुपयोग के खिलाफ चलाएंगे आंदोलन

रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की अहम बैठक आज प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में प्रभारी सचिन पायलट की अध्यक्षता में हुई. लगभग दो घंटे चली इस बैठक में आगामी 9 महीने के अंदर कांग्रेस की नई और मजबूत पार्टी तैयार करने और पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर सख्त एक्शन लेने का निर्णय लिया गया.

कांग्रेस की बैठक को लेकर प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि आने वाले 9 महीने में संगठन को और ताकत देने के लिए रोडमैप बनाया जाएगा. जिस तरह से भारत सरकार की ऐजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, कांग्रेस इसका कानूनी विरोध कर जनता तक जाएगी, ताकि विवादित मुद्दों को हवा देकर लोगों को जज़्बाती मुद्दों पर फंसा कर रखने वाली बीजेपी का असली चेहरा जनता के सामने आ सके. बैठक में पीसीसी चीफ दीपक बैज, सह-प्रभारी विजय जंगीड, जरिता लैतफ़लांग, एस संपत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित पूर्व मंत्री, विधायक मौजूद रहे.

ये हैं बैठक के एजेंडे

  • संगठन को मजबूत करने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आगामी कार्योजना पर विस्तृत चर्चा की गई.
  • केंद्रीय एजेंसियों ED, IT और CBI के दुरुपयोग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की गई.
  • 15 महीने में सरकार की विफलताओं और वादाखिलाफ को जनता तक पहुंचाने की रणनीति बनाई गई.

निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी काम करने वालों पर होगी कार्रवाई

बैठक में निकाय चुनाव में करारी हार पर भी मंथन किया गया, जिसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों पर कार्रवाई का फैसला लिया गया है. आगामी अधिवेशन को लेकर भी विचार विमर्श हुआ. केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ने और आंदोलन की रणनीति भी तैयार की गई. बैठक में बागी होकर चुनाव लड़ने वाले निष्कासित कांग्रेस नेता आकाश तिवारी की पार्टी में वापसी भी कराई गई. पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत, महामंत्री मल्कित सिंह गैदू की मौजूदगी में पायलट ने आकाश तिवारी की वापसी कराई.

सरकारी राशन गबन मामले में प्रबंधक और विक्रेता गिरफ्तार, 2 फूड इंस्पेक्टर को नोटिस

बिलासपुर- शासकीय राशन के वितरण में गड़बड़ी करने वाले प्रबंधक और विक्रेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन पर 10 लाख रुपये की अनियमितता के आरोप में कार्रवाई हुई है. इस मामले में दो फूड इंस्पेक्टर को भी कलेक्टर ने नोटिस जारी किया है. यह मामला मस्तूरी के शासकीय उचित मूल्य की दुकान का है.

10 लाख से अधिक की गड़बड़ी उजागर

मस्तूरी ब्लॉक में पीडीएस चावल गबन करने के मामले में संचालक प्रबंधक मनोज रात्रे और विक्रेता मनीराम कुर्रे पर सरकारी राशन में गड़बड़ी का आरोप लगा था. खाद्य विभाग ने जांच में दुकान संचालक और विक्रेता पर 10 लाख 82 हजार 720 रूपए की गड़बड़ी का आरोप सही पाया गया था.

दरअसल, वर्ष 2024 में शासकीय उचित मूल्य दुकान मस्तूरी आईडी 402002001 के प्रबंधक मनोज रात्रे तथा विक्रेता मनीराम कुर्रे था. उनके द्वारा राशन दुकान में चावल 272.50 क्विंटल कम, शक्कर 3.77 क्विटल अधिक एवं रिफाइंड नमक 8.04 क्विटल अधिक पाया गया. उपरोक्त राशि 1082720.23 है, इस राशि की अनियमितता इनके द्वारा की गई थी.

फूड इंस्पेक्टरों पर भी गिरी गाज

मस्तूरी, रिस्दा, सलौनी और पोड़ी में सार्वजनिक वितरण प्रणाली तहत संचालित राशन दुकान में जांच के दौरान अनियमितता पाई गई थी. इस मामले को लंबे समय से दबाकर रखने के आरोप में दो खाद्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. मस्तूरी में संचालित राशन दुकान के संचालक और विक्रेता पर कार्रवाई की गई वहीं बाकी तीन दुकानों में खाद्यान्न की भरपाई करने का दावा किया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने राजस्व विभाग से भौतिक सत्यापन कराने कहा है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को चार माह के भीतर नियमित करने का दिया आदेश

बिलासपुर-  नियमितीकरण की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में जस्टिस एके प्रसाद ने याचिकाकर्ताओं को चार महीने के भीतर नियमित करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को नौकरी करते एक दशक से भी ज्यादा का समय हो गया है। लिहाजा उन्हें पर्याप्त अनुभव है। जिस पद पर काम कर रहे हैं उसी पद पर उनको नियमित किया जाए।

याचिकाकर्ता नीलिमा यादव, रश्मि नागपाल व 40 अन्य कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष अपने अधिवक्ता अधिवक्ता दीपाली पाण्डेय के जरिए याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया कि वे सभी एनआईटी रायपुर में संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। नियुक्ति से पहले विधिवत विज्ञापन जारी किया गया था। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संस्थान ने इंटरव्यू लिया और मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी गई थी। याचिका के अनुसार जिस पद पर काम कर रहे हैं शैक्षणिक योग्यता के साथ ही पर्याप्त अनुभव भी रखते हैं और सभी कर्मचारियों को नियमित पद के विरुद्ध कार्य करते 10 साल से अधिक का समय हो गया है। लिहाजा पर्याप्त अनुभव भी उनके पास है।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित स्टेट ऑफ कर्नाटक विरुद्ध उमा देवी, स्टेट ऑफ कर्नाटक विरुद्ध एमएल केसरी, विनोद कुमार व अन्य विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया , स्टेट ऑफ ओडिशा विरुद्ध मनोज कुमार प्रधान, श्रीपाल व अन्य विरुद्ध नगर निगम गाजियाबाद आदि आदेशों का न्यायादृष्टांत प्रस्तुत किया गया। एनआईटी के अधिवक्ता ने नियमितीकरण के लिए नियम नहीं होने की बात कही। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को काम करते 10 से 16 साल तक का समय हो चुका है। जो कर्मचारी जिस पद पर पहले से ही काम कर रहे हैं, उसी पद के तहत इन्हें नियमित किया जा सकता है। कोर्ट ने एनआईटी को याचिकाकर्ताओं को चार महीने के भीतर नियमित करने का निर्देश दिया है।

सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, जिस बीमार महिला को पुलिस ने इलाज के लिए कराया भर्ती, 4 दिन बाद खेत में उसी का मिला शव

धरसींवा- रायपुर पुलिस को धरसींवा थाना क्षेत्र में एक महिला का संदिग्ध परिस्थिति में शव मिला था. इस मामले में अब शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. दरअसल, मृत महिला को पुलिस ने चार दिन पहले अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. जो अचानक गायब हो गई थी और उसकी लाश कल यानी मंगलवार को बरामद हुई.

पेट्रोल पंप के पास मिली थी महिला

डायल 112 की टीम को जियो पेट्रोल पंप के पास से एक बीमार महिला मिली थी, जिसे इलाज के लिए धरसींवा के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया. चार दिन के बाद यानी मंगलवार को उसी महिला का शव अस्पताल से 7 किमी दूर देवारी गांव के पास बरामद किया गया.

धरसींवा थाना के टीआई राजेंद्र दीवान ने मामले को लेकर बताया कि शनिवार को पुलिस की डायल 112 सेवा पर प्वाइंट आया था कि एक अज्ञात बीमार महिला जियो पेट्रोल पंप के पास है. धरसींवा पुलिस की डायल 112 सेवा में तैनात जवान मौके पर पहुंचे और बीमार महिला को धरसींवा के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए छोड़कर आए. 4 दिन बाद उसी महिला का अस्पताल से करीब 7 किलोमीटर दूर देवरी गांव के समीप खेत में संदिग्ध अवस्था में शव मिला. पुलिस ने मौका पंचनामा के बाद शव को धरसींवा चीर घर में पीएम के लिए रखवाया है और उसकी शिनाख्ती के प्रयास किए जा रहे हैं.

महिला अचानक हुई थी गायब : बीएमओ विकास तिवारी

मामले पर बीएमओ विकास तिवारी का कहना है कि पुलिस की डायल 112 सेवा के जवान शनिवार को उक्त महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसीवा छोड़कर गए थे. जांच में वह स्वस्थ पाई गई थी. चूंकि अस्पताल में मरीजों को भोजन भी बनता है इसलिए उसे भोजन भी कराया गया था. काफी समय तक वह वार्ड में ही रही लेकिन अचानक शनिवार की रात को ही गायब हो गई थी.

निष्कासित नेता आकाश तिवारी की कांग्रेस में वापसी, बागी होकर लड़ा था पार्षद चुनाव

रायपुर- बागी होकर पार्षद चुनाव लड़ने वाले निष्कासित कांग्रेस नेता आकाश तिवारी की पार्टी में वापसी हुई. प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने आज उन्हें फिर कांग्रेस में प्रवेश कराया. इस दौरान पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, महामंत्री मल्कित सिंह गैदू मौजूद रहे.

बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर आकाश तिवारी ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इसमें रायपुर नगर निगम चुनाव में आकाश तिवारी ने जीत हासिल की थी.

निलंबित IAS रानू साहू को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाला मामले में आरोपी रानू साहू को राहत नहीं मिला है. ACB-EOW की विशेष कोर्ट ने आज रानू साहू की जमानत याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

निलंबित आईएएस रानू साहू ने ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में डीएमएफ घोटाला में मंगलवार को जमानत अर्जी लगाई थी. बता दें कि DMF घोटाले में ACB और EOW द्वारा जांच की जा रही है, जिसमें करोड़ों रुपये के हेरफेर का आरोप है. 

रोशन चंद्राकर की भी जमानत याचिका खारिज

रानू साहू के अलावा कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में आरोपी रोशन चंद्राकर ने भी जमानत याचिका दाखिल किया था. कोर्ट ने आज रोशन चंद्राकर की जमानत याचिका पर भी सुनवाई की. इस सुनवाई में भी कोर्ट ने आरोपी को राहत नहीं दी.

विधानसभा परिसर में गूंजी बस्तर के युवाओं की बुलंद आवाज – नक्सलवाद से मुक्ति और विकास की राह पर आगे बढ़ने का है इरादा… CM साय बोले –

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल बीजापुर जिले के युवाओं ने आज लोकतंत्र के मंदिर—विधानसभा परिसर में इतिहास रच दिया।

राज्य की ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे बीजापुर के इन युवा प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने एकजुट होकर अपनी मंशा व्यक्त की – "हम अपने गांव, जिले और प्रदेश को नक्सलवाद से मुक्त देखना चाहते हैं और विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं।"

इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युवाओं की इस मजबूत इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा, "आपका संकल्प ही हमारा संकल्प है। यदि क्षेत्र के युवा ठान लें, तो हम सभी के सहयोग से जल्द ही नक्सलवाद के अंधकार को समाप्त कर छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।"

नियद नेल्ला नार योजना’ से विकास की नई रोशनी

मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के माध्यम से उनके गांवों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि निरंतर खुल रहे सुरक्षा कैंपों और सुदूर अंचलों में प्रशासन की बढ़ती पहुंच से नक्सली दायरा सिमटता जा रहा है, जिससे अब विकास को नई गति मिल रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई महत्वपूर्ण चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भी बीजापुर और बस्तर संभाग के अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दूरस्थ इलाकों की स्थिति पर लगातार नजर रखते हैं और वहां हो रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनके गांवों में मोबाइल टावर लगाने, पक्की सड़कें बनाने, हर घर तक बिजली पहुंचाने और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजनाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है ताकि सुदूर अंचल के ग्रामीणों को भी शहरी सुविधाओं का लाभ मिल सके।

बीजापुर के युवाओं के लिए ऐतिहासिक दिन – विधानसभा और राजधानी का अनुभव मिला

बीजापुर जिले के विभिन्न गांवों से आए सैकड़ों युवाओं के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक अनुभव से कम नहीं था। राजधानी रायपुर में आयोजित इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया।

राजधानी में आगमन के दौरान युवाओं ने विधानसभा परिसर का दौरा किया और दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। वे पहली बार लोकतंत्र के इस मंच से जनप्रतिनिधियों की बहस और नीतिगत चर्चाओं को देखकर रोमांचित हो उठे।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक धर्म कौशिक, अनुज शर्मा और लता उसेंडी ने भी युवाओं से भेंट कर चर्चा की।

'सरकार आपके साथ है' – उपमुख्यमंत्री का आश्वासन

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने युवाओं से उनके गांव की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार आपके गांवों में पक्की सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन, चिकित्सा और आवास जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

सशक्त युवा – सशक्त छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर युवाओं को यह संदेश दिया कि शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। जब युवा सही दिशा में आगे बढ़ेंगे, तो कोई भी ताकत क्षेत्र के विकास को बाधित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी अब बदलाव के लिए तैयार है। बीजापुर के युवाओं की यह मजबूत आवाज पूरे प्रदेश के लिए एक नई रोशनी लेकर आई है।

नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ – विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को जल्द पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ मुख्यमंत्री श्री साय ने बीजापुर के युवाओं से कहा कि हम आपके साथ हैं, आपके गांव के विकास और आप सभी के स्वर्णिम भविष्य को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने युवाशक्ति से आह्वान किया कि इस बदलाव का हिस्सा बनें, अपने सपनों को साकार करें, और छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। उन्होंने युवाओं से सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की और कहा कि हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त, विकसित और समृद्ध राज्य बनाएंगे।

बुआ सास बनी दाम्पत्य जीवन में बाधा… महिला आयोग की समझाईश, 15,00,000 रुपए देने पर बनी सहमति… इन-इन मामलों में हुई सुनवाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण लक्ष्मी वर्मा एवं सरला कोसरिया ने आज रायपुर स्थित महिला आयोग कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई की. इस दौरान कई मामलों का समाधान किया गया और पीड़ित महिलाओं को राहत दिलाई गई.

15,00,000 रुपए देने पर बनी सहमति

एक प्रकरण में आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदक ने उसके साथ अन्याय किया और उसे उसकी संपत्ति का पूरा मूल्य नहीं दिया. सुनवाई के दौरान अनावेदक ने स्वीकार किया कि उसने आवेदिका को पूरी राशि का भुगतान नहीं किया है. आयोग की पहल पर अनावेदक ने 15 लाख रुपये एक माह के भीतर देने की सहमति दी. यह राशि सुलहनामे के तहत हस्ताक्षर और नोटराईजेशन के बाद दी जाएगी.

बच्चों के भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपये दिए

एक अन्य मामले में अनावेदक (पति) ने अपने बच्चों के भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपये की राशि एकमुश्त देने की सहमति दी. आयोग की पहल से यह निर्णय लिया गया, जिससे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

जमीन बंधनमुक्त करने के लिए बैंक को पत्र

एक वृद्ध महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भतीजे और बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसकी जमीन गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन लिया. महिला आयोग की सख्त कार्रवाई के बाद बैंक ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब आयोग बैंक को पत्र लिखकर बुजुर्ग महिला की जमीन को बंधनमुक्त करने की पहल करेगा.

आपसी सहमति से तलाक और मुआवजे का समाधान

एक अन्य मामले में दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तलाक लेने की सहमति जताई. अनावेदक ने दहेज का सामान लौटाने और 50 हजार रुपये दो किश्तों में देने का वचन दिया. आयोग ने मामले को नस्तीबद्ध करने का निर्णय लिया.

बुआ सास बनी दाम्पत्य जीवन में बाधा, आयोग ने भेजा नारी निकेतन

एक महिला ने आयोग में शिकायत की कि उसकी बुआ सास के हस्तक्षेप के कारण उसका वैवाहिक जीवन संकट में है. आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बुआ सास के कारण पति-पत्नी के बीच तनाव उत्पन्न हो रहा था. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने बुआ सास को सुधरने का अवसर देते हुए एक माह के लिए नारी निकेतन भेजने का निर्णय लिया.

जातिगत टिप्पणी और अपमान का मामला

एक अन्य सुनवाई में आवेदिका ने आरोप लगाया कि अनावेदक उसके कार्यस्थल पर जातिगत टिप्पणी और अभद्रता कर रहा था. आयोग ने अनावेदक को विधिवत जवाब देने के लिए समय दिया और मामले की गहन जांच करने का आश्वासन दिया.