ये अंधा, बहरा...,पप्पू यादव का जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर विवादित बयान

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जगद्गुरु रामभद्राचार्य की ओर से जातिगत व्यवस्था को खत्म करने की वकालत करने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की तरफ से तेज और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बीजेपी ने जहां इस बात का समर्थन किया है वहीं कांग्रेसी और अन्य विपक्षी नेता इसे लेकर रामभद्राचार्य की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। 

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पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने रामभद्राचार्य के इस बयान को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वे नहीं जानते, रामभद्राचार्य कौन हैं? सांसद ने आगे कहा कि, ये अंधा, काना, बहरा, गूंगा, इन लोगों का इलाज अंबेडकरवादी विचारों से होगा। अंबेडकर पहले ही कह चुके हैं कि हम वसुदेव कुटुंब और सनातन वाले लोग हैं। धार्मिक वाले लोग नहीं हैं।

दलितों को भी शंकराचार्य बनाओ- पप्पू यादव

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस मामले पर बयान देते हुए रामभद्राचार्य को दलितों को शंकराचार्य में शामिल करने की चुनौती दे डाली। पप्पू यादव ने आगे कहा कि मैं शंकराचार्य से अनुरोध करना चाहता हूं कि सभी शंकराचार्य दलित, एससी और एसटी को अपने बीच शामिल करें और हम तुरंत आरक्षण समाप्त कर देंगे।

रामभद्राचार्य ने की एससी/एसटी एक्ट खत्म करने की वकालत

बता दें कि चित्रकूट में आयोजित एक कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का कोई उल्लेख नहीं है। मैं कहूंगा कि जाति आधारित आरक्षण नहीं होना चाहिए। रामभद्राचार्य की तरफ से सोनिया गांधी पर दिए बयानों को लेकर भी पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया दी।

मगध विश्वविद्यालय बोधगया के दीक्षांत समारोह में अव्यवस्था पर राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने जताई नाराज़गी, मंच से ही दी नसीहत

बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को उस समय अप्रत्याशित अव्यवस्था देखने को मिली जब बिहार के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम मोहम्मद आरिफ खान अपने संबोधन के लिए मंच पर उपस्थित थे। समारोह के दौरान मंत्री अशोक चौधरी के साथ आए कई समर्थक अचानक मंच के ठीक सामने जमा हो गए। इससे न केवल कार्यक्रम की गरिमा भंग होती दिखी बल्कि मंच से राज्यपाल का दृश्य भी बाधित हो गया।

राज्यपाल जब छात्रों और अतिथियों को संबोधित कर रहे थे, तभी भीड़ आगे बढ़ने लगी। क्षणभर के लिए समारोह में हलचल मच गई। स्थिति को देखते हुए राज्यपाल ने स्वयं मंच से ही व्यवस्था बहाल करने की पहल की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—

“यहाँ बीच में खड़े मत होइए, सुशासन रखिए। यह दीक्षांत समारोह है।”

उनकी यह टिप्पणी न केवल मौजूद समर्थकों के लिए संदेश थी, बल्कि कार्यक्रम की गंभीरता और अनुशासन को बनाए रखने की सीख भी थी।

राज्यपाल के निर्देश के बाद सुरक्षाकर्मियों और आयोजन समिति ने भीड़ को पीछे हटने के लिए कहा, जिसके बाद मंच के सामने का क्षेत्र धीरे-धीरे खाली कराया गया। हालांकि, यह घटना समारोह के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। कई लोगों ने महसूस किया कि ऐसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तक्षेप या समर्थकों की अनावश्यक भीड़ व्यवस्था को प्रभावित करती है।

दीक्षांत समारोह में कुलपति, विभिन्न संकायों के डीन, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ शामिल हुए। समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर सम्मानित करना था, लेकिन बीच में हुई अव्यवस्था ने कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बावजूद कार्यक्रम आगे शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और राज्यपाल ने अपने संबोधन में शिक्षा, अनुशासन और सुशासन के महत्व पर जोर दिया।

मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 22वां दीक्षांत समारोह: बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने 250 पीएचडी के मेधावी को मेडल और सर्टिफिकेट दिया

गया: मगध विश्वविद्यालय के 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे महामहिम सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, महामहिम कुलाधिपति के प्रधान सचिव, प्रति कुलपति अन्य मंचासीन अतिथिगण, अधिषद्, अभिषद् एवं विद्वत्

परिषद् के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये कुलपति एवं पूर्व कुलपतिगण, सभागार में उपस्थित रहे. इस दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंच से कहा की ज्ञान और मोक्ष की इस पवित्र भूमि पर मैं हार्दिक स्वागत, अभिवादन और वंदन करता हूँ. आज लगभग एक दशक के बाद मगध विश्वविद्यालय 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का साक्षी बन रहा है. एक दशक का यह लम्बा वक्त शैक्षणिक सत्र और परीक्षाओं की विलम्बित अवस्था के कारण लगा। फरवरी 2023 में जब मैंने कुलपति का पद संभाला, तब विश्वविद्यालय में परीक्षाएँ बाधित थीं, परीक्षा परिणाम वर्षों से लंबित थे और विद्यार्थियों का भरोसा डगमगाया हुआ था. विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के लिए ढाई वर्षों में 150 से अधिक लंबित परीक्षाएँ पूरी कर चार वर्ष पीछे चल रहे सत्र को नियमित कर दिया गया है. मगध विश्वविद्यालय के लिए यह परीक्षा में केवल सुधार नहीं है, यह विश्वविद्यालय

के साख की पुनर्स्थापना है. इसलिए, आज का यह ऐतिहासिक अवसर केवल दीक्षांत समारोह नहीं, बल्कि

मगध विश्वविद्यालय की आत्मा के पुनर्जागरण का उत्सव है। यह वह क्षण है जब चुनौती भरे समय में किए गए परिश्रम, संघर्ष और सुधार की रोशनी हमारे परिसर को आलोकित कर रही है। यह रोशनी बताती है कि जब नीयत साफ हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो असंभव भी संभव बन जाता है। 1962 में स्थापित मगध विश्वविद्यालय ने 6 दशक से भी अधिक की अपनी यात्रा में आरा और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के दो विभाजन भी देखे। इसके बावजूद पांच जिलों में फैले अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत यह विश्वविद्यालय 1 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है और बिहार के सामाजिक परिवर्तन की एक नयी गाथा लिख रहा है। अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि एक दशक बाद महामहिम के करकमलों से दीक्षार्थियों को पदक और उपाधि प्राप्त करने का सुअवसर मिल

रहा है। इस अवसर पर 28 परंपरागत स्नातकोत्तर और 6 व्यावसायिक कोर्स के 34 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जा रहे हैं। यह गौरव का पल है कि सत्र 2022-24 के 156 स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थियों और वर्ष 2024 में पीएच.डी. परीक्षा उत्तीर्ण 250 शोधार्थियों, जिनमें दो डी.लिट्. शोधार्थी भी शामिल हैं, को इस 22वें दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति के सम्मुख उपाधियाँ प्रदान की जा रही हैं। यह प्रमाणपत्र केवल कागज़ की डिग्री नहीं, यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, निष्ठा और चुनौतियों से भरी हुई शैक्षणिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ है।

यह उपाधि आपको पहचान के अतिरिक्त उत्तरदायित्व भी देती है । आप भविष्य के निर्माता हैं. कभी महात्मा गांधी के लिए कवि सोहनलाल द्विवेदी ने कहा था-

“चल पड़े जिधर दो डग मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर...' "आई मैं आप सभी विद्यार्थियों के कदमों को उसी दिशा में बढ़ने का आह्वान करता हूँ। आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि मगध विश्वविद्यालय बिहार का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना की जा रही है।

ज़िलाधिकारी ने उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के भू-अर्जन कार्य को 15 दिसंबर तक पूरा करने का दिया निर्देश

गया के ज़िलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज उत्तर कोयल जलाशय परियोजना (North Koel Reservoir Project) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह परियोजना ₹1367.61 करोड़ की लागत से झारखंड और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय सिंचाई और जल संसाधन परियोजना है, जो मुख्य रूप से बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने परियोजना से संबंधित भू-अर्जन (Land Acquisition) के कार्य को 15 दिसंबर 2025 से पहले हर हाल में समाप्त करने का निर्देश संबंधित सभी अंचलाधिकारी को दिया। उन्होंने भू-अर्जन की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि गया जी ज़िला में 96.749 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 5.350 हेक्टेयर ज़मीन प्राप्त की गई है। बैठक में बताया गया कि उत्तर कोयल जलाशय परियोजना फेज-1 के तहत कुल 206.153 एकड़ रकवा है। जिसमे मुख्य रूप से 3 अंचल के क्षेत्र पड़ता है। गुरारू अंचल में 190 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 20 मौजा है और 400 से अधिक संख्या में रैयत हैं। गुरुआ अंचल में 46.50 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 12 मौजा है और 450 की संख्या में रैयत हैं। कोच अंचल में 34.16 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 5 मौजा है और 225 रैयत की संख्या है. ज़िलाधिकारी ने सभी 3 अंचलों के अंचलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि आज से ही सभी अपने क्षेत्रों में कैम्प लगाकर रैयतों का एलपीसी बनाने एवं निर्गत करवाने, कैम्प में ही बटवारा चार्ट, सहमति पत्र इत्यादि कागजात रैयतों को बनवाने में मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि किस व्यक्ति के पास कितना रैयत है उसका मौजावार रैयतों की सूची तैयार करे। उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व को निर्देश दिया है कि प्रत्येक मौजावर एक एक अमीन कल से ही प्रतिनियुक्ति करें। इसके अलावा गुरारू अंचल के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता टेकारी, कोच अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी टिकारी एवं गुरुआ अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को वरीय पदाधिकारी के रूप में लगाया गया है ताकि उक्त परियोजना का प्रतिदिन दैनिक समीक्षा करेंगे एवं तेजी से भूअर्जन प्रक्रिया को पूर्ण करवाएंगे।

ज़िलाधिकारी ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि रैयतों के बीच भूअर्जन संबंधित नोटिस तामिला तेजी से करवाने को कहा है।

परियोजना की विवरण

उत्तर कोयल नदी झारखंड राज्य में बहती है। इसका उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार है और यह लातेहार जिले में प्रवेश करती है। यह नदी सोन नदी में मिल जाती है। यहां से सीधे पलामू, गढ़वा औरंगाबाद एवं गया जिले में सिंचाई प्रणाली को जोड़ता है। मुख्य नहर से शाखा नहर, शाखा नहर से वितरणी नहर- उप वितरणी नहर- लघु नहर के माध्यम से होते हुए किसानों के खेतों तक सिचाई के लिये पानी मिलता है. मुख्य नहर को पुनर्जीवित किया जा रहा है, संरचनाओं का पक्कीकरण किया जा रहा है ताकि अंतिम बिंदु तक सिचाई हेतु पानी जा सके. यह परियोजना के पूर्ण होने से गया ज़िले के लगभग 25 से 30 हजार हेक्टेयर से अधिक सिचाई क्षमता में और इजाफा होगा। इस परियोजना में मुख्य रूप से गया ज़िले के 5 अंचल क्षेत्र यथा आमस, गुरुआ, गुरारू, कोच एवं परैया में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी. बैठक में सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता राजस्व, ज़िला भूअर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी शेरघाटी, डीसीएलआर शेरघाटी, डीसीएलआर टिकारी, उत्तर कोयल नहर परियोजना सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता, संबंधित अंचलों के अंचल अधिकारी उपस्थित थे।

आयुक्त ने विकास भवन व तहसील में किया मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य का निरीक्षण

*शहर के कई पोलिंग बूथों पर पहुंचकर आयुक्त ने बीएलओ से लिया डिजिटाइजेशन कार्य का फीडबैक

गोण्डा।देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने सोमवार की शाम मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने सबसे पहले विकास भवन, गोण्डा पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और पुनरीक्षण कार्य को तेज गति से गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण हों, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी फील्ड स्तर पर सतर्कता रखें।समीक्षा के बाद आयुक्त श्री सुशील तहसील सदर पहुंचे, जहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम के साथ पुनरीक्षण कार्यक्रम की वास्तविक प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अभिलेखों, फार्मों और प्रगति रिपोर्ट को बारीकी से जांचते हुए निर्देशित किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसके उपरांत आयुक्त ने शहर गोंडा के पोलिंग बूथ संख्या 89, 86, 88 और 83 का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां उन्होंने पुनरीक्षण कार्य में लगे बीएलओ से फार्मों के डिजिटाइजेशन की स्थिति, नए मतदाताओं के पंजीकरण और त्रुटि संशोधन से संबंधित जानकारी ली। आयुक्त ने बीएलओ को निर्देश दिया कि प्रत्येक फार्म का समय पर सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए, ताकि मतदाता सूची शुद्ध और अद्यतन बनाई जा सके।

नगर पालिका अध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू ने किया वितरण

बलरामपुर। आदर्श नगरपालिका परिषद बलरामपुर में महिला सफाईकर्मियों के सम्मान व प्रोत्साहन हेतु एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू एवं अधिशासी अधिकारी लाल चन्द्र मौर्य ने सभी महिला सफाई कर्मचारियों को तीन-तीन सूट एवं साड़ियाँ भेंट की।

अध्यक्ष प्रतिनिधि डीपी सिंह बैस ने बताया कि महिला सफाई कर्मचारियों को रोजमर्रा के उपयोग हेतु दो साड़ियाँ व एक सूट,तथा त्योहारों पर पहनने हेतु अतिरिक्त एक साड़ी व एक सूट प्रदान किया गया है। उनका कहना था कि नगरपालिका परिषद सफाईकर्मियों के योगदान को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखती है और बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है।

डॉ.धीरू ने कहा कि

“नगर क्षेत्र की स्वच्छता में महिला सफाईकर्मियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका परिश्रम ही नगर को स्वच्छ,सुंदर और व्यवस्थित बनाए रखता है। उन्हें प्रोत्साहन एवं सम्मान देना हमारा दायित्व है। नगरपालिका परिषद भविष्य में भी ऐसे कल्याणकारी कदम उठाती रहेगी।”

कार्यक्रम में सफाई निरीक्षक दिवाकर पांडेय,सफाई लिपिक अरविंद सिंह,गौरव मिश्र,शिवम मिश्र एवं सफाई नायक सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

संदिग्ध परिस्थितियों में बीएलओ ने खाया जहर,गंभीर हालत में लखनऊ रिफर

अधिकारियों पर दबाव का आरोप

गोंडा।जिले के तरबगंज तहसील अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय जैतपुर माझा में तैनात सहायक अध्यापक व बीएलओ विपिन यादव ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खा लिया।जहर खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई,जिसके बाद उन्हें आनन फानन में नवाबगंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहाँ विपिन यादव की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गोंडा मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया जहाँ से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रिफर कर दिया गया।घटना की जानकारी होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन,उप जिलाधिकारी सदर अशोक कुमार व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर रश्मि वर्मा जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंची।उन्होंने विपिन यादव का स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त किया।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लखनऊ में उनके इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों से बात किया और एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें लखनऊ भेजा गया।इलाज के दौरान सहायक अध्यापक विपिन यादव का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर उपजिलाधिकारी तरबगंज, खंड विकास अधिकारी नवाबगंज और लेखपाल द्वारा उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था उन्होंने कहा कि इसी से परेशान हो कर जहर खाया है।यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है,जिसमें उनकी पत्नी सीमा यादव उनसे पूछताछ कर रही हैं।इस पूरे मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि सहायक अध्यापक विपिन यादव कुछ पारिवारिक कारणों से परेशान थे,जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर दबाव बनाने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया।मामले की जांच की जा रही है पारिवारिक माहौल में यहाँ मतदाता पुनरीक्षण कार्य चल रहा है।किसी भी कर्मचारी अथवा व्यक्ति के ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है।विपिन यादव और उनके परिजनों को इस तरीके का बयान देने के लिए लोगों द्वारा उकसाया गया है।विपिन यादव के बुथ पर लगभग 700 वोट था और 350 गणना प्रपत्र इनके द्वारा भरा जा चुका है।यह कार्य भी अच्छा कर रहे थे उनके ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया गया है।इन्हें बीएलओ ड्यूटी से भी हटा दिया गया है पत्नी की भूमिका पूरे प्रकरण में संदिग्ध है उसकी भी जांच कराई जा रही है।कल देर शाम इन्होंने जहर खाया है और पूरा प्रशासन इलाज में लगा हुआ है।

बारात ले जा रही बोलेरो में लगी आग, बारातियों ने कूद कर बचाई जान

हरि ओम हॉस्पिटल के पास हुआ हादसा

गोंडा।जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर धानेपुर नगर पंचायत क्षेत्र में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा होते होते टल गया।हरि ओम हॉस्पिटल के पास एक बोलेरो गाड़ी में आग लगने से हड़कम्प मच गया।बताया जा रहा है कि बोलेरो बलरामपुर जिले के हुसैनाबाद दुल्हिया गांव से बारात लेकर गंतव्य स्थान की। तरफ जा रही थी।बारातियों से भरी गाड़ी में जैसे ही आग की चिंगारी दिखी,उसमें बैठे लोगों में अफरातफरी मच गई और सभी बारातियों ने गाड़ी से उतरकर अपनी जान बचाई।मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोलेरो गाड़ी सड़क पर सामान्य गति से चल रही थी कि तभी बोनट की तरफ से धुंआ उठने लगा जिसे देखकर चालक ने तत्काल गाड़ी को सड़क किनारे खड़ी कर दिया और कुछ ही क्षणों में गाड़ी की वायरिंग आग की चपेट में आ गई और आग ने विकराल रुप धारण कर लिया।जिसको देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने मिट्टी और पानी डालकर आग को फैलने से रोका परिणामस्वरूप ग्रामीणों की तत्परता और समझदारी से एक बड़ी दुर्घटना टल गई अन्यथा की दृष्टि में गाड़ी में मौजूद लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया।सूत्रों की मानें तो शार्ट सर्किट के कारण वाहन की वायरिंग में आग लगना प्रतीत हो रहा है।वाहन में बैठे बाराती पूरी तरह से सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है।हालांकि गाड़ी की पूरी वायरिंग और इंजन कम्पार्टमेन्ट का एक बड़ा हिस्सा जलकर नष्ट हो गया है।देर रात हुई इस घटना ने क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया।ग्रामीणों के अनुसार यदि आग कुछ देर और फैलती तो आसपास खड़ी अन्य गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती थीं।

*ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहूति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ हैः सीएम योगी*


अयोध्या। मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहण समारोह में अपनी बातों का आगाज सियावर रामचंद्र भगवान, माता जानकी, सरयू मैया की जय, भारत माता की जय और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही समूचा मंदिर परिसर जय-जयकार से गूंज उठा।

आजु सफल तपु तीरथ त्यागू। आजु सुफल जप जोग बिरागू।

सफल सकल सुभ साधन साजू। राम तुम्हहि अवलोकत आजू।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहूति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ है। प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, सम्मान व आत्मगौरव का प्रतीक है। सीएम योगी ने भव्य मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले कर्मयोगियों का भी अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज का पावन दिन उन पूज्य संतों, योद्धाओं, श्रीरामभक्तों की अखंड साधना-संघर्ष को समर्पित है, जिन्होंने आंदोलन व संघर्ष के लिए जीवन को समर्पित किया। विवाह पंचमी का दिव्य संयोग इस उत्सव को और भी पावन बना रहा है।

मुख्यमंत्री-गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज के आरोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत की उपस्थिति में अपने विचार रखे। सीएम योगी समेत सभी विशिष्टजनों ने झुककर भगवा ध्वज को प्रणाम निवेदित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत को स्मृति चिह्न भी प्रदान किया।

धर्म का प्रकाश अमर और रामराज्य के मूल्य कालजयी हैं

सीएम योगी ने कहा कि ध्वजारोहण उस सत्य का उद्घोष है कि धर्म का प्रकाश अमर है और रामराज्य के मूल्य कालजयी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब नेतृत्व संभाला था, उसी दिन कोटि-कोटि भारतवासियों के मन और हृदय में जिस संभावना, संकल्प व विश्वास का सूर्योदय हुआ, आज वही तपस्या, अनगिनत पीढ़ियों की प्रतीक्षा आपके कर कमलों के माध्यम से साकार होकर भव्य राम मंदिर के रूप में भारतवासियों व सनातन धर्मावलंबियों के समक्ष है। श्रीराम मंदिर पर फहराता केसरिया ध्वज धर्म, मर्यादा, सत्य-न्याय व राष्ट्रधर्म का भी प्रतीक है। यह विकसित भारत की संकल्पना का प्रतीक है।

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। सभी ने 11 वर्ष में बदलते भारत को देखा है। हम नए भारत का दर्शन कर रहे हैं, जहां विकास और विरासत का बेहतरीन समन्वय है। यह इसे नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है। सीएम योगी ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को राशन, 50 करोड़ लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा, हर जरूरतमंद को आवास, हर व्यक्ति बिना भेदभाव शासन की योजनाओं का लाभ पा रहा है तो यह रामराज्य की वह उद्घोषणा है, जिसका आधार विकसित भारत है।

उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही अयोध्या

सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्षों में साम्राज्य बदले, पीढ़ियां बदलीं, लेकिन आस्था अडिग रही। आस्था न झुकी, न रुकी। जन-जन का विश्वास अटल था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के हाथों में कमान आई तो हर मुंह से एक ही उद्घोष निकलता था कि ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।‘ एक समय था, जब वैभवशाली अयोध्या संघर्ष, बदहाली का शिकार बन चुकी थी, लेकिन पीएम मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में अयोध्या उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही है। यहां हर दिन पर्व है, हर दान प्रताप है और हर दिशा में रामराज्य की पुनर्स्थापना की दिव्य अनुभूति हो रही है।

रामलला की पावन नगरी आस्था व अर्थव्यवस्था के नए युग में कर चुकी है प्रवेश

सीएम योगी ने कहा कि रामलला की पावन नगरी आस्था व आधुनिकता, आस्था व अर्थव्यवस्था के नए युग में प्रवेश कर चुकी है। यहां बेहतर कनेक्टिविटी है। धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ, पंचकोसी और 14 कोसी के साथ 84 कोसी की परिक्रमा श्रद्धालुओं व भक्तों को नया मार्ग व आस्था को नया सम्मान प्रदान कर रही है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रही है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या धाम में आस्था, आधुनिकता, आस्था और अर्थव्यवस्था का नया केंद्र दिख रहा है। देश की पहली सोलर सिटी-सस्टेनबल स्मार्ट रूप में नई अयोध्या का दर्शन हो रहा है। आज का दिन हर भारतवासी, सनातन धर्मावलंबी के लिए आत्मगौरव-राष्ट्रगौरव का दिन है।

इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज आदि मौजूद रहे। संचालन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने किया।

*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी* *___________________________* अजय सिंह *लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साका
*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी*
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राहुल कुमार सिंह
*लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साकार हो गया. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया. वैदिक मंत्रों के मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण ने पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है. ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है, संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज संदेश देगा- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. ये धर्मध्वज कामना करेगा- बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्जवलित रही. जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं.  एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं.  ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है.  इसका भगवा रंग, इस पर रची सूर्यवंश की ख्याति वर्णित ओम शब्द और वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है. ये ध्वज संकल्प है, ये धवज सफलता है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है.  ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणिति है.

पीएम मोदी ने कहा, “हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो, कोई दुखी या लाचार न हो. जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है. ये धर्म ध्वज भी इस मंदिर के ध्येय का प्रतीक है. ये ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं.”

पीएम मोदी ने कहा, “हर उस दानवीर का भी आभार जिसने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया. हर श्रमवीर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन.  जब श्रीराम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे, जब लौटे तो मर्यादा पुुरुषोत्तम बनकर लौटे. विकसित भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है. यहां सप्तस्थली बने हैं- निषाद राज, मां सबरी का मंदिर है. यहां एक ही स्थान पर महर्षि वशिष्ठ, माता अहल्या, महर्षि अगस्त्य, संत तुलसीदास, महर्षि विश्वामित्र हैं. यहां जटायू जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं. जो बड़े संकल्पों के लिए छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं.”
ये अंधा, बहरा...,पप्पू यादव का जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर विवादित बयान

#pappuyadavcontroversialstatementoverjagadgururambhadracharya 

जगद्गुरु रामभद्राचार्य की ओर से जातिगत व्यवस्था को खत्म करने की वकालत करने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की तरफ से तेज और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बीजेपी ने जहां इस बात का समर्थन किया है वहीं कांग्रेसी और अन्य विपक्षी नेता इसे लेकर रामभद्राचार्य की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। 

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पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने रामभद्राचार्य के इस बयान को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वे नहीं जानते, रामभद्राचार्य कौन हैं? सांसद ने आगे कहा कि, ये अंधा, काना, बहरा, गूंगा, इन लोगों का इलाज अंबेडकरवादी विचारों से होगा। अंबेडकर पहले ही कह चुके हैं कि हम वसुदेव कुटुंब और सनातन वाले लोग हैं। धार्मिक वाले लोग नहीं हैं।

दलितों को भी शंकराचार्य बनाओ- पप्पू यादव

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस मामले पर बयान देते हुए रामभद्राचार्य को दलितों को शंकराचार्य में शामिल करने की चुनौती दे डाली। पप्पू यादव ने आगे कहा कि मैं शंकराचार्य से अनुरोध करना चाहता हूं कि सभी शंकराचार्य दलित, एससी और एसटी को अपने बीच शामिल करें और हम तुरंत आरक्षण समाप्त कर देंगे।

रामभद्राचार्य ने की एससी/एसटी एक्ट खत्म करने की वकालत

बता दें कि चित्रकूट में आयोजित एक कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का कोई उल्लेख नहीं है। मैं कहूंगा कि जाति आधारित आरक्षण नहीं होना चाहिए। रामभद्राचार्य की तरफ से सोनिया गांधी पर दिए बयानों को लेकर भी पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया दी।

मगध विश्वविद्यालय बोधगया के दीक्षांत समारोह में अव्यवस्था पर राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने जताई नाराज़गी, मंच से ही दी नसीहत

बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को उस समय अप्रत्याशित अव्यवस्था देखने को मिली जब बिहार के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम मोहम्मद आरिफ खान अपने संबोधन के लिए मंच पर उपस्थित थे। समारोह के दौरान मंत्री अशोक चौधरी के साथ आए कई समर्थक अचानक मंच के ठीक सामने जमा हो गए। इससे न केवल कार्यक्रम की गरिमा भंग होती दिखी बल्कि मंच से राज्यपाल का दृश्य भी बाधित हो गया।

राज्यपाल जब छात्रों और अतिथियों को संबोधित कर रहे थे, तभी भीड़ आगे बढ़ने लगी। क्षणभर के लिए समारोह में हलचल मच गई। स्थिति को देखते हुए राज्यपाल ने स्वयं मंच से ही व्यवस्था बहाल करने की पहल की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—

“यहाँ बीच में खड़े मत होइए, सुशासन रखिए। यह दीक्षांत समारोह है।”

उनकी यह टिप्पणी न केवल मौजूद समर्थकों के लिए संदेश थी, बल्कि कार्यक्रम की गंभीरता और अनुशासन को बनाए रखने की सीख भी थी।

राज्यपाल के निर्देश के बाद सुरक्षाकर्मियों और आयोजन समिति ने भीड़ को पीछे हटने के लिए कहा, जिसके बाद मंच के सामने का क्षेत्र धीरे-धीरे खाली कराया गया। हालांकि, यह घटना समारोह के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। कई लोगों ने महसूस किया कि ऐसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तक्षेप या समर्थकों की अनावश्यक भीड़ व्यवस्था को प्रभावित करती है।

दीक्षांत समारोह में कुलपति, विभिन्न संकायों के डीन, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ शामिल हुए। समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों पर सम्मानित करना था, लेकिन बीच में हुई अव्यवस्था ने कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बावजूद कार्यक्रम आगे शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और राज्यपाल ने अपने संबोधन में शिक्षा, अनुशासन और सुशासन के महत्व पर जोर दिया।

मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 22वां दीक्षांत समारोह: बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने 250 पीएचडी के मेधावी को मेडल और सर्टिफिकेट दिया

गया: मगध विश्वविद्यालय के 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे महामहिम सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, महामहिम कुलाधिपति के प्रधान सचिव, प्रति कुलपति अन्य मंचासीन अतिथिगण, अधिषद्, अभिषद् एवं विद्वत्

परिषद् के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये कुलपति एवं पूर्व कुलपतिगण, सभागार में उपस्थित रहे. इस दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में राज्यपाल ने मंच से कहा की ज्ञान और मोक्ष की इस पवित्र भूमि पर मैं हार्दिक स्वागत, अभिवादन और वंदन करता हूँ. आज लगभग एक दशक के बाद मगध विश्वविद्यालय 22वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का साक्षी बन रहा है. एक दशक का यह लम्बा वक्त शैक्षणिक सत्र और परीक्षाओं की विलम्बित अवस्था के कारण लगा। फरवरी 2023 में जब मैंने कुलपति का पद संभाला, तब विश्वविद्यालय में परीक्षाएँ बाधित थीं, परीक्षा परिणाम वर्षों से लंबित थे और विद्यार्थियों का भरोसा डगमगाया हुआ था. विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के लिए ढाई वर्षों में 150 से अधिक लंबित परीक्षाएँ पूरी कर चार वर्ष पीछे चल रहे सत्र को नियमित कर दिया गया है. मगध विश्वविद्यालय के लिए यह परीक्षा में केवल सुधार नहीं है, यह विश्वविद्यालय

के साख की पुनर्स्थापना है. इसलिए, आज का यह ऐतिहासिक अवसर केवल दीक्षांत समारोह नहीं, बल्कि

मगध विश्वविद्यालय की आत्मा के पुनर्जागरण का उत्सव है। यह वह क्षण है जब चुनौती भरे समय में किए गए परिश्रम, संघर्ष और सुधार की रोशनी हमारे परिसर को आलोकित कर रही है। यह रोशनी बताती है कि जब नीयत साफ हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो असंभव भी संभव बन जाता है। 1962 में स्थापित मगध विश्वविद्यालय ने 6 दशक से भी अधिक की अपनी यात्रा में आरा और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के दो विभाजन भी देखे। इसके बावजूद पांच जिलों में फैले अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत यह विश्वविद्यालय 1 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है और बिहार के सामाजिक परिवर्तन की एक नयी गाथा लिख रहा है। अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि एक दशक बाद महामहिम के करकमलों से दीक्षार्थियों को पदक और उपाधि प्राप्त करने का सुअवसर मिल

रहा है। इस अवसर पर 28 परंपरागत स्नातकोत्तर और 6 व्यावसायिक कोर्स के 34 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जा रहे हैं। यह गौरव का पल है कि सत्र 2022-24 के 156 स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थियों और वर्ष 2024 में पीएच.डी. परीक्षा उत्तीर्ण 250 शोधार्थियों, जिनमें दो डी.लिट्. शोधार्थी भी शामिल हैं, को इस 22वें दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति के सम्मुख उपाधियाँ प्रदान की जा रही हैं। यह प्रमाणपत्र केवल कागज़ की डिग्री नहीं, यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, निष्ठा और चुनौतियों से भरी हुई शैक्षणिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ है।

यह उपाधि आपको पहचान के अतिरिक्त उत्तरदायित्व भी देती है । आप भविष्य के निर्माता हैं. कभी महात्मा गांधी के लिए कवि सोहनलाल द्विवेदी ने कहा था-

“चल पड़े जिधर दो डग मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर...' "आई मैं आप सभी विद्यार्थियों के कदमों को उसी दिशा में बढ़ने का आह्वान करता हूँ। आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि मगध विश्वविद्यालय बिहार का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना की जा रही है।

ज़िलाधिकारी ने उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के भू-अर्जन कार्य को 15 दिसंबर तक पूरा करने का दिया निर्देश

गया के ज़िलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज उत्तर कोयल जलाशय परियोजना (North Koel Reservoir Project) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह परियोजना ₹1367.61 करोड़ की लागत से झारखंड और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय सिंचाई और जल संसाधन परियोजना है, जो मुख्य रूप से बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने परियोजना से संबंधित भू-अर्जन (Land Acquisition) के कार्य को 15 दिसंबर 2025 से पहले हर हाल में समाप्त करने का निर्देश संबंधित सभी अंचलाधिकारी को दिया। उन्होंने भू-अर्जन की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि गया जी ज़िला में 96.749 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 5.350 हेक्टेयर ज़मीन प्राप्त की गई है। बैठक में बताया गया कि उत्तर कोयल जलाशय परियोजना फेज-1 के तहत कुल 206.153 एकड़ रकवा है। जिसमे मुख्य रूप से 3 अंचल के क्षेत्र पड़ता है। गुरारू अंचल में 190 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 20 मौजा है और 400 से अधिक संख्या में रैयत हैं। गुरुआ अंचल में 46.50 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 12 मौजा है और 450 की संख्या में रैयत हैं। कोच अंचल में 34.16 एकड़ का क्षेत्र पड़ता है। इसमें 5 मौजा है और 225 रैयत की संख्या है. ज़िलाधिकारी ने सभी 3 अंचलों के अंचलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि आज से ही सभी अपने क्षेत्रों में कैम्प लगाकर रैयतों का एलपीसी बनाने एवं निर्गत करवाने, कैम्प में ही बटवारा चार्ट, सहमति पत्र इत्यादि कागजात रैयतों को बनवाने में मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि किस व्यक्ति के पास कितना रैयत है उसका मौजावार रैयतों की सूची तैयार करे। उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व को निर्देश दिया है कि प्रत्येक मौजावर एक एक अमीन कल से ही प्रतिनियुक्ति करें। इसके अलावा गुरारू अंचल के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता टेकारी, कोच अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी टिकारी एवं गुरुआ अंचल के लिए अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को वरीय पदाधिकारी के रूप में लगाया गया है ताकि उक्त परियोजना का प्रतिदिन दैनिक समीक्षा करेंगे एवं तेजी से भूअर्जन प्रक्रिया को पूर्ण करवाएंगे।

ज़िलाधिकारी ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि रैयतों के बीच भूअर्जन संबंधित नोटिस तामिला तेजी से करवाने को कहा है।

परियोजना की विवरण

उत्तर कोयल नदी झारखंड राज्य में बहती है। इसका उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार है और यह लातेहार जिले में प्रवेश करती है। यह नदी सोन नदी में मिल जाती है। यहां से सीधे पलामू, गढ़वा औरंगाबाद एवं गया जिले में सिंचाई प्रणाली को जोड़ता है। मुख्य नहर से शाखा नहर, शाखा नहर से वितरणी नहर- उप वितरणी नहर- लघु नहर के माध्यम से होते हुए किसानों के खेतों तक सिचाई के लिये पानी मिलता है. मुख्य नहर को पुनर्जीवित किया जा रहा है, संरचनाओं का पक्कीकरण किया जा रहा है ताकि अंतिम बिंदु तक सिचाई हेतु पानी जा सके. यह परियोजना के पूर्ण होने से गया ज़िले के लगभग 25 से 30 हजार हेक्टेयर से अधिक सिचाई क्षमता में और इजाफा होगा। इस परियोजना में मुख्य रूप से गया ज़िले के 5 अंचल क्षेत्र यथा आमस, गुरुआ, गुरारू, कोच एवं परैया में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी. बैठक में सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता राजस्व, ज़िला भूअर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी शेरघाटी, डीसीएलआर शेरघाटी, डीसीएलआर टिकारी, उत्तर कोयल नहर परियोजना सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता, संबंधित अंचलों के अंचल अधिकारी उपस्थित थे।

आयुक्त ने विकास भवन व तहसील में किया मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य का निरीक्षण

*शहर के कई पोलिंग बूथों पर पहुंचकर आयुक्त ने बीएलओ से लिया डिजिटाइजेशन कार्य का फीडबैक

गोण्डा।देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने सोमवार की शाम मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने सबसे पहले विकास भवन, गोण्डा पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और पुनरीक्षण कार्य को तेज गति से गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण हों, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी फील्ड स्तर पर सतर्कता रखें।समीक्षा के बाद आयुक्त श्री सुशील तहसील सदर पहुंचे, जहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम के साथ पुनरीक्षण कार्यक्रम की वास्तविक प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अभिलेखों, फार्मों और प्रगति रिपोर्ट को बारीकी से जांचते हुए निर्देशित किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसके उपरांत आयुक्त ने शहर गोंडा के पोलिंग बूथ संख्या 89, 86, 88 और 83 का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां उन्होंने पुनरीक्षण कार्य में लगे बीएलओ से फार्मों के डिजिटाइजेशन की स्थिति, नए मतदाताओं के पंजीकरण और त्रुटि संशोधन से संबंधित जानकारी ली। आयुक्त ने बीएलओ को निर्देश दिया कि प्रत्येक फार्म का समय पर सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए, ताकि मतदाता सूची शुद्ध और अद्यतन बनाई जा सके।

नगर पालिका अध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू ने किया वितरण

बलरामपुर। आदर्श नगरपालिका परिषद बलरामपुर में महिला सफाईकर्मियों के सम्मान व प्रोत्साहन हेतु एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष डॉ.धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू एवं अधिशासी अधिकारी लाल चन्द्र मौर्य ने सभी महिला सफाई कर्मचारियों को तीन-तीन सूट एवं साड़ियाँ भेंट की।

अध्यक्ष प्रतिनिधि डीपी सिंह बैस ने बताया कि महिला सफाई कर्मचारियों को रोजमर्रा के उपयोग हेतु दो साड़ियाँ व एक सूट,तथा त्योहारों पर पहनने हेतु अतिरिक्त एक साड़ी व एक सूट प्रदान किया गया है। उनका कहना था कि नगरपालिका परिषद सफाईकर्मियों के योगदान को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखती है और बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है।

डॉ.धीरू ने कहा कि

“नगर क्षेत्र की स्वच्छता में महिला सफाईकर्मियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका परिश्रम ही नगर को स्वच्छ,सुंदर और व्यवस्थित बनाए रखता है। उन्हें प्रोत्साहन एवं सम्मान देना हमारा दायित्व है। नगरपालिका परिषद भविष्य में भी ऐसे कल्याणकारी कदम उठाती रहेगी।”

कार्यक्रम में सफाई निरीक्षक दिवाकर पांडेय,सफाई लिपिक अरविंद सिंह,गौरव मिश्र,शिवम मिश्र एवं सफाई नायक सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

संदिग्ध परिस्थितियों में बीएलओ ने खाया जहर,गंभीर हालत में लखनऊ रिफर

अधिकारियों पर दबाव का आरोप

गोंडा।जिले के तरबगंज तहसील अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय जैतपुर माझा में तैनात सहायक अध्यापक व बीएलओ विपिन यादव ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खा लिया।जहर खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई,जिसके बाद उन्हें आनन फानन में नवाबगंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहाँ विपिन यादव की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गोंडा मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया जहाँ से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रिफर कर दिया गया।घटना की जानकारी होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन,उप जिलाधिकारी सदर अशोक कुमार व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर रश्मि वर्मा जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंची।उन्होंने विपिन यादव का स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त किया।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लखनऊ में उनके इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों से बात किया और एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें लखनऊ भेजा गया।इलाज के दौरान सहायक अध्यापक विपिन यादव का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर उपजिलाधिकारी तरबगंज, खंड विकास अधिकारी नवाबगंज और लेखपाल द्वारा उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था उन्होंने कहा कि इसी से परेशान हो कर जहर खाया है।यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है,जिसमें उनकी पत्नी सीमा यादव उनसे पूछताछ कर रही हैं।इस पूरे मामले पर जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि सहायक अध्यापक विपिन यादव कुछ पारिवारिक कारणों से परेशान थे,जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर दबाव बनाने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया।मामले की जांच की जा रही है पारिवारिक माहौल में यहाँ मतदाता पुनरीक्षण कार्य चल रहा है।किसी भी कर्मचारी अथवा व्यक्ति के ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है।विपिन यादव और उनके परिजनों को इस तरीके का बयान देने के लिए लोगों द्वारा उकसाया गया है।विपिन यादव के बुथ पर लगभग 700 वोट था और 350 गणना प्रपत्र इनके द्वारा भरा जा चुका है।यह कार्य भी अच्छा कर रहे थे उनके ऊपर कोई दबाव नहीं बनाया गया है।इन्हें बीएलओ ड्यूटी से भी हटा दिया गया है पत्नी की भूमिका पूरे प्रकरण में संदिग्ध है उसकी भी जांच कराई जा रही है।कल देर शाम इन्होंने जहर खाया है और पूरा प्रशासन इलाज में लगा हुआ है।

बारात ले जा रही बोलेरो में लगी आग, बारातियों ने कूद कर बचाई जान

हरि ओम हॉस्पिटल के पास हुआ हादसा

गोंडा।जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर धानेपुर नगर पंचायत क्षेत्र में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा होते होते टल गया।हरि ओम हॉस्पिटल के पास एक बोलेरो गाड़ी में आग लगने से हड़कम्प मच गया।बताया जा रहा है कि बोलेरो बलरामपुर जिले के हुसैनाबाद दुल्हिया गांव से बारात लेकर गंतव्य स्थान की। तरफ जा रही थी।बारातियों से भरी गाड़ी में जैसे ही आग की चिंगारी दिखी,उसमें बैठे लोगों में अफरातफरी मच गई और सभी बारातियों ने गाड़ी से उतरकर अपनी जान बचाई।मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोलेरो गाड़ी सड़क पर सामान्य गति से चल रही थी कि तभी बोनट की तरफ से धुंआ उठने लगा जिसे देखकर चालक ने तत्काल गाड़ी को सड़क किनारे खड़ी कर दिया और कुछ ही क्षणों में गाड़ी की वायरिंग आग की चपेट में आ गई और आग ने विकराल रुप धारण कर लिया।जिसको देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने मिट्टी और पानी डालकर आग को फैलने से रोका परिणामस्वरूप ग्रामीणों की तत्परता और समझदारी से एक बड़ी दुर्घटना टल गई अन्यथा की दृष्टि में गाड़ी में मौजूद लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति का जायजा लिया।सूत्रों की मानें तो शार्ट सर्किट के कारण वाहन की वायरिंग में आग लगना प्रतीत हो रहा है।वाहन में बैठे बाराती पूरी तरह से सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है।हालांकि गाड़ी की पूरी वायरिंग और इंजन कम्पार्टमेन्ट का एक बड़ा हिस्सा जलकर नष्ट हो गया है।देर रात हुई इस घटना ने क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया।ग्रामीणों के अनुसार यदि आग कुछ देर और फैलती तो आसपास खड़ी अन्य गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती थीं।

*ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहूति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ हैः सीएम योगी*


अयोध्या। मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहण समारोह में अपनी बातों का आगाज सियावर रामचंद्र भगवान, माता जानकी, सरयू मैया की जय, भारत माता की जय और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही समूचा मंदिर परिसर जय-जयकार से गूंज उठा।

आजु सफल तपु तीरथ त्यागू। आजु सुफल जप जोग बिरागू।

सफल सकल सुभ साधन साजू। राम तुम्हहि अवलोकत आजू।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहूति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ है। प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, सम्मान व आत्मगौरव का प्रतीक है। सीएम योगी ने भव्य मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले कर्मयोगियों का भी अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज का पावन दिन उन पूज्य संतों, योद्धाओं, श्रीरामभक्तों की अखंड साधना-संघर्ष को समर्पित है, जिन्होंने आंदोलन व संघर्ष के लिए जीवन को समर्पित किया। विवाह पंचमी का दिव्य संयोग इस उत्सव को और भी पावन बना रहा है।

मुख्यमंत्री-गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज के आरोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत की उपस्थिति में अपने विचार रखे। सीएम योगी समेत सभी विशिष्टजनों ने झुककर भगवा ध्वज को प्रणाम निवेदित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत को स्मृति चिह्न भी प्रदान किया।

धर्म का प्रकाश अमर और रामराज्य के मूल्य कालजयी हैं

सीएम योगी ने कहा कि ध्वजारोहण उस सत्य का उद्घोष है कि धर्म का प्रकाश अमर है और रामराज्य के मूल्य कालजयी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब नेतृत्व संभाला था, उसी दिन कोटि-कोटि भारतवासियों के मन और हृदय में जिस संभावना, संकल्प व विश्वास का सूर्योदय हुआ, आज वही तपस्या, अनगिनत पीढ़ियों की प्रतीक्षा आपके कर कमलों के माध्यम से साकार होकर भव्य राम मंदिर के रूप में भारतवासियों व सनातन धर्मावलंबियों के समक्ष है। श्रीराम मंदिर पर फहराता केसरिया ध्वज धर्म, मर्यादा, सत्य-न्याय व राष्ट्रधर्म का भी प्रतीक है। यह विकसित भारत की संकल्पना का प्रतीक है।

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। सभी ने 11 वर्ष में बदलते भारत को देखा है। हम नए भारत का दर्शन कर रहे हैं, जहां विकास और विरासत का बेहतरीन समन्वय है। यह इसे नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है। सीएम योगी ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को राशन, 50 करोड़ लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा, हर जरूरतमंद को आवास, हर व्यक्ति बिना भेदभाव शासन की योजनाओं का लाभ पा रहा है तो यह रामराज्य की वह उद्घोषणा है, जिसका आधार विकसित भारत है।

उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही अयोध्या

सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्षों में साम्राज्य बदले, पीढ़ियां बदलीं, लेकिन आस्था अडिग रही। आस्था न झुकी, न रुकी। जन-जन का विश्वास अटल था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के हाथों में कमान आई तो हर मुंह से एक ही उद्घोष निकलता था कि ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।‘ एक समय था, जब वैभवशाली अयोध्या संघर्ष, बदहाली का शिकार बन चुकी थी, लेकिन पीएम मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में अयोध्या उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही है। यहां हर दिन पर्व है, हर दान प्रताप है और हर दिशा में रामराज्य की पुनर्स्थापना की दिव्य अनुभूति हो रही है।

रामलला की पावन नगरी आस्था व अर्थव्यवस्था के नए युग में कर चुकी है प्रवेश

सीएम योगी ने कहा कि रामलला की पावन नगरी आस्था व आधुनिकता, आस्था व अर्थव्यवस्था के नए युग में प्रवेश कर चुकी है। यहां बेहतर कनेक्टिविटी है। धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ, पंचकोसी और 14 कोसी के साथ 84 कोसी की परिक्रमा श्रद्धालुओं व भक्तों को नया मार्ग व आस्था को नया सम्मान प्रदान कर रही है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रही है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या धाम में आस्था, आधुनिकता, आस्था और अर्थव्यवस्था का नया केंद्र दिख रहा है। देश की पहली सोलर सिटी-सस्टेनबल स्मार्ट रूप में नई अयोध्या का दर्शन हो रहा है। आज का दिन हर भारतवासी, सनातन धर्मावलंबी के लिए आत्मगौरव-राष्ट्रगौरव का दिन है।

इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज आदि मौजूद रहे। संचालन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने किया।

*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी* *___________________________* अजय सिंह *लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साका
*हम गरीबी मुक्त समाज बनाएं जहां कोई दुखी,लाचार न हो :पीएम मोदी*
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राहुल कुमार सिंह
*लखनऊ।* अयोध्या में आज ऐतिहासिक पल साकार हो गया. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया. वैदिक मंत्रों के मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण ने पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है. ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है, संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज संदेश देगा- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. ये धर्मध्वज कामना करेगा- बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्जवलित रही. जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं.  एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं.  ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है.  इसका भगवा रंग, इस पर रची सूर्यवंश की ख्याति वर्णित ओम शब्द और वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है. ये ध्वज संकल्प है, ये धवज सफलता है. ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है.  ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणिति है.

पीएम मोदी ने कहा, “हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो, कोई दुखी या लाचार न हो. जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है. ये धर्म ध्वज भी इस मंदिर के ध्येय का प्रतीक है. ये ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं.”

पीएम मोदी ने कहा, “हर उस दानवीर का भी आभार जिसने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया. हर श्रमवीर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन.  जब श्रीराम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे, जब लौटे तो मर्यादा पुुरुषोत्तम बनकर लौटे. विकसित भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है. यहां सप्तस्थली बने हैं- निषाद राज, मां सबरी का मंदिर है. यहां एक ही स्थान पर महर्षि वशिष्ठ, माता अहल्या, महर्षि अगस्त्य, संत तुलसीदास, महर्षि विश्वामित्र हैं. यहां जटायू जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं. जो बड़े संकल्पों के लिए छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं.”