ईडी ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के खिलाफ धन शोधन मामले में जांच के लिएचले देश भर में छापे ,चल रही जांच
झा.डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के खिलाफ धन शोधन मामले में जांच के तहत गुरुवार को देश भर में छापे मारे। यह कार्रवाई झारखंड, दिल्ली, यूपी समेत 10 राज्यों के करीब 12 स्थानों पर की गई।
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झारखंड के पाकुड़ में मौलाना चौक के पास एसडीपीआई के दफ्तर में ईडी की छह सदस्यीय टीम ने दबिश दी। साथ ही एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष मो. हंजला शेख से घंटों पूछताछ की। सुबह करीब 10.30 बजे से शुरू हुई कार्रवाई 8 घंटे चली। सूत्रों के अनुसार, ईडी टीम जेरॉक्स मशीन लेकर पहुंची थी और कई दस्तावेज की छायाप्रति ली।
इधर, मो. हंजला ने मीडिया से कहा कि एसडीपीआई देश विरोधी किसी गतिविधि में नहीं है। ईडी ने उनसे संगठन की आय के स्रोतों की जानकारी ली। एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी की गिरफ्तारी पर कहा कि संगठन को दबाने की कोशिश हो रही।
बता दें कि कि संघीय जांच एजेंसी द्वारा एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को तीन मार्च को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किए जाने के बाद यह छापेमारी की गई। ईडी ने फैजी की गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और एसडीपीआई के बीच ‘संगठित’ संबंध है।
और पीएफआई राजनीतिक दल (एसडीपीआई) के माध्यम से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। ईडी ने दावा किया कि उसके पास यह साबित करने के लिए सबूत है कि दोनों संगठनों के बीच ह्यगहरीह्ण साठगांठ हैं क्योंकि उनके काडर दोनों संगठन के सदस्य हैं। एसडीपीआई की स्थापना में पीएफआई पदाधिकारियों की भागीदारी थी और उन्होंने एक-दूसरे की संपत्ति का उपयोग किया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया था कि एसडीपीआई पीएफआई का एक मुखौटा संगठन है, जिसके माध्यम से पीएफआई अपनी राष्ट्र-विरोधी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है जबकि प्रकट तौर पर उसका यही रुख रहता है कि पीएफआई एक सामाजिक कल्याण संगठन है। एसडीपीआई इस तरह के संबंध से इनकार करता है और खुद को एक स्वतंत्र संगठन कहता है। जांच एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार, संगठन का केरल, कर्नाटक और कुछ अन्य दक्षिणी राज्यों के विभिन्न इलाकों में प्रभाव है।
पीएफआई से जुड़े होने पर मो. हंजला को हुई है सजा
माना जा रहा है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बैन होने के बाद 2009 में गठित एसडीपीआई संगठन, जो झारखंड में सक्रिय नहीं था, को खड़ा करने का काम किया जा रहा है, जो संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। ईडी की टीम संगठन की आय के स्रोत और अन्य मामले की जांच के लिए पहुंची थी। बता दें कि मो. हंजला शेख पीएफआई के भी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2017 में नगर थाना पाकुड़ में मो. हंजला शेख सहित पीएफआई से जुड़े 40 से अधिक लोगों पर केस दर्ज हुआ था। इसी मामले में इन्हें दो साल की सजा हुई है। फिलहाल वह बेल पर बाहर हैं।
Mar 07 2025, 14:34