बिहार बजट: बिहार विधानमंडल में 3 लाख 17 हजार करोड़ का वित्त बजट 2025-26 पेश, जानिए किन किन मामलो पर दिया गया ज्यादा जोर
डेस्क : बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के आज दूसरे दिन वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 3 लाख 17 हजार करोड़ का वित्त बजट 2025-26 पेश किया.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार अपने बजट में सबसे ज्यादा धन राशि शिक्षा पर खर्च कर रही है. कुल बजट का 19.24 फीसदी हिस्सा अकेले शिक्षा विभाग का है.
इस वर्ष के बजट में शिक्षा विभाग का कुल बजट 60 हजार 964 करोड़ हुए है.
बजट 2025-26 में धनराशि के मामले में शीर्ष विभागों में शिक्षा 60 हजार 974 करोड़, स्वास्थ्य 20 हजार 335 करोड़, पथ निर्माण 17 हजार 908 करोड़, गृह विभाग 17 हजार 831 करोड़, ग्रामीण कार्य विकास 16 हजार 43 करोड़ और उर्जा विभाग 13 हजार 484 करोड़ रूपये का है.
इसके अतिरिक्त शहरी विकास एवं आवास का बजट 11 हजार 982 करोड़, पंचायत राज का 11 हजार 302 करोड़, ग्रामीण कार्य का 11 हजार 101 करोड़ रूपये है. इसके अतिरिक्त सभी विभागों का बजटीय आवंटन 10 हजार करोड़ रूपये से कम है.
सबसे कम 10.71 करोड़ का बजट संसदीय कार्य विभाग का है. वहीं बिहार में भले ही सबसे बड़ी आबादी खेती पर निर्भर हो लेकिन कृषि विभाग का कुल बजट मात्र 1.11 फीसदी है जो मात्र 3 हजार 528 करोड़ रुपए है.
बजट में कृषि की प्रमुख घोषणा
सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य के 21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण एवं समुचित विकास के लिए कुल 1,289 करोड़ रुपये की लागत पर योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अन्य सभी बाजार समिति प्रांगण को कार्यशील किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन (NCCF), नेफेड इत्यादि से समन्वय कर अरहर, मूंग, उड़द इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते हुए क्रय किया जायेगा। वहीं राज्य के सभी अनुमंडलों एवं सभी प्रखंडों में को ल्ड स्टोरेज की स्थापना चरणबद्ध रूप से की जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति (PVCS) के उत्पाद को उचित मूल्य एवं विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन (VEGFED) द्वारा 'सुधा के तर्ज पर संयुक्त रूप से राज्य के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर 'तरकारी सुधा' आउटलेट खोला जायेगा।
वर्तमान में बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन के तहत कुल तीन संघों के अधीन अब तक कुल 302 प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों (PVCS) का गठन किया जा चुका है। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य के शेष सभी प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों (PVCS) का गठन किया जायेगा और संघ से संबद्ध किया जायेगा।
Mar 04 2025, 10:36