शराबी, गैरजिम्मेदार और अय्याश पति… हाईकोर्ट ने कहा- यह मानसिक क्रूरता, विवाह भंग करते हुए पत्नी को तलाक की दी मंजूरी

बिलासपुर- शादी का रिश्ता प्यार और जिम्मेदारी पर टिका होता है, लेकिन जब पति सिर्फ शराब, मारपीट और अय्याशी में डूबा हो, तो पत्नी के लिए ऐसे रिश्ते में रहना दुस्वार हो जाता है और उसके लिए कुछ नहीं बचता. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अत्यधिक शराब पीने की आदत, बेरोजगारी और परिवार के प्रति गैरजिम्मेदार व अय्याश होने को पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक और शारिरिक क्रूरता माना है. इसके साथ हाईकोर्ट ने विवाह भंग करते हुए तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है.

जांजगीर-चांपा जिले के रहने वाले याचिकाकर्ता की 7 जून 1991 को शादी हुई थी. वह शादी के समय याचिकाकर्ता पढ़ाई कर रही थी और आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी. पति और उसके परिवार के लोग विरोध कर गाली गलौज करते रहें. शादी के बाद तीन संतान का जन्म हुआ. शादी के 29 वर्ष तक पत्नी परिवार को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास की. इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर पत्नी बच्चों को लेकर पति से अलग रहने लगी एवं जांजगीर परिवार न्यायालय में तालाक के लिए आवेदन दिया. परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील पेश की. अपील में कहा गया कि पति कोई काम नहीं करता एवं अत्यधिक शराब पीने की आदत है. इसके अलावा गांव की अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखता है. शराब के नशे में घर में मारपीट, गाली गलौज करता है. जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एन के व्यास की डीबी में अपील पर सुनवाई हुई.

प्रतिवादी पति की ओर से पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन नहीं किया गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर पति अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर अत्यधिक शराब पीने की आदत में शामिल हो जाता है, जिससे पारिवारिक स्थिति खराब होती है. यह स्वाभाविक रूप से एक कारण होगा पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है. गैरजिम्मेदार और अय्याश पति के आचरण से पूरे परिवार को सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ रहा है. परिवार न्यायालय ने इस सब पर विचार नहीं किया.

पति का आचरण पत्नी व परिवार के प्रति मानसिक, शारीरिक क्रूरता है. हाईकोर्ट ने कहा पत्नी तलाक पाने हकदार है . इसके साथ हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों के बीच 7.6.1991 को हुए विवाह को भंग किया है.

सिविक एक्शन प्रोग्राम : CRPF के जवानों ने 600 ग्रामीणों को बांटी दैनिक उपयोग और खेलकूद की सामग्री

गरियाबंद-  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों के खात्मे के लिए अंतिम लड़ाई लड़ी जा रही है. एक ओर नक्सल उन्नमूलन के तहत अभियान चलाकर नक्सलियों को मार गिराया जा रहा है. दूसरी ओर नक्सल प्रभावित इलाकों में नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित करके फोर्स अपना कब्जा जमा रही है. वहीं ग्रामीणों का विश्वास जीतने के लिए फोर्स सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चला रही है.

इसी कड़ी में गरियाबंद के पयलीखंड गांव में CRPF 211वीं बटालियन ने सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में 600 से अधिक ग्रामीण शामिल हुए. जिन्हें दैनिक उपयोग और खेलकूद सामग्री दी गई. इसके अलावा लगभग 100 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज किया गया. इस बारे में CRPF के कमांडेंट विजय प्रताप सिंह ने बताया कि इस प्रोग्राम के दौरान अतिसंवेदनशील दूरस्थ गावों जैसे जुगाड, कोदोमाली, तौरेंगा, उदंती, सायंबीनकछार गांव के आम नागरिकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

दैनिक उपयोग की चीजों का वितरण 

कार्यक्रम में लगभग 600 से अधिक स्कूली बच्चें, पुरूष, महिलाएं और बुजुर्ग शामील हुए. इस प्रोग्राम के तहत स्थानीय नागरिकों को स्वच्छ जल के लिए वाटर सिंटेक्स का वितरण किया गया. इसके साथ ही स्कूली बच्चों को स्कूल वर्दी, नोट-बुक, रबड़, पेंसिल, पेंसिल शार्पनर्स, पेंसिल-बॉक्स, स्कूल-बैग, गांव के पुरूषों को गमछा, लुंगी और महिलाओं को साड़ी, बर्तन, बुजुर्गों को कंबल, चप्पल, खाने के लिए स्टील प्लेट-ग्लास दिए गए. 

किसानों के लिए बांटे गए सामान 

जरूरतमद किसानों को खेती करने के लिए उपकरण गैंती, फावड़ा, मनोरंजन के लिए टेलीविजन, घरों को रोशन करने के लिए सोलर लालटेन, नवयुवकों को खेल के प्रति जागरूक करने, उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए खेल सामग्रियों जैसे क्रिकेट-किट, टेनिस-बॉल, वॉलीबाल, वॉलीबाल-नेट, फुटबाल सामानों का वितरण किया गया.

नौकरी जिहाद का मामला, हिन्दू सामाज के लोगों ने एसएसपी लाल उम्मेद सिंह से की मुलाकात, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नौकरी जिहाद का मामला सामने आया है. नौकरी जिहाद को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदू समाज के लोगों ने एसएसपी लाल उम्मेद सिंह से मुलाकात की है. वहीं पुलिस और साइबर सेल की टीम मामले की जांच कार्रवाई जारी है. बता दें कि 10 फरवरी को निश्चय वाजपायी ने सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. 

निश्चय वाजपेयी ने एसएसपी रायपुर को लिखित शिकायत में बताया था कि ऐसे मामले देवेन्द्र नगर, अभनपुर, धमतरी सहित अन्य थानों में भी दर्ज हुए हैं. इस तरह के कामों का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जिसमें हिंदू समाज की लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने मामले की गंभीरता से जांच कराए जाने की मांग की है.

बता दें कि हिंदू लड़की के नाम से भेजे इस व्हाट्सएप मैसेज में फोटो एक समुदाय विशेष के लड़के की लगी है और उसका नाम उर्दू में लिखा है. वाजपेयी ने अपनी शिकायत में बताया था कि कुछ अपराधी तत्व नौकरी दिलाने के नाम पर भोली-भाली हिंदू बेटियों और बहनों को झांसा दे रहे हैं. ये अपराधी सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से अपना नाम बदलकर संपर्क करते हैं और महिलाओं को यह झूठा आश्वासन देते हैं कि वे उन्हें नौकरी दिलवाएंगे.

झांसा देकर गलत कामों में धकेलने की कोशिश 

इसके साथ ही यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि इन धोखेबाजों द्वारा इन महिलाओं को झांसा देकर गलत कामों में धकेला जा रहा है. यह पूरी साजिश एक विशेष समुदाय द्वारा सोची-समझी रणनीति के तहत की जा रही है, ताकि हिंदू समाज की महिलाओं को निशाना बनाया जा सके. इस प्रकार की घटनाओं को ‘नौकरी जेहाद’ के रूप में देखा जा रहा है, जहां विशेष समुदाय के लोग जानबूझकर महिलाओं को गलत रास्ते पर डालने की कोशिश कर रहे हैं.

निश्चय वाजपेयी ने व्यक्तिगत नंबर पर भी इसी प्रकार का संदेश प्राप्त किया है, जिसका स्क्रीनशॉट भी शिकायत के साथ संलग्न किया है. उन्होंने बताया कि उपरोक्त मैसेज एक हिंदू लड़की के नाम से भेजा गया था, जबकि उर्दू में लिखा अंश साफ देखा जा सकता है, जो संदेह पैदा करता है.

विधायक टी राजा ने लगाया था आरोप

बीतें दिनों तेलगाना से बीजेपी विधायक टी राजा ने इंदौर दौरे पर थे. इस दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि हमारी बहन-बेटियों को लव जिहाद के जरिए तो फंसाया ही जा रहा है, अब एक नया जिहाद रायपुर से सामने आया है. यह नौकरी जिहाद है. इसमें नौकरी देने के बहाने हमारी बहनों के साथ अन्याय किया जा रहा है.

शराब तस्करों पर शिकंजा, दो कार से 6 लाख से अधिक की अवैध शराब जब्त, 2 आरोपी गिरफ्तार

दुर्ग- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब तस्करी पर पुलिस और आबकारी विभाग एक्शन मोड में है. अलग-अलग जगहों में कार्रवाई के बाद कुल 6 लाख रूपये से अधिक की शराब बरामद की गई है. इन मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. 

जानकारी के मुताबिक, आबकारी विभाग और पुलिस को सूचना मिली थी कि कार में अवैध शराब रखकर तस्करी की जा रही है. जिसपर नंदिनी खुंदिनी में आबकारी विभाग और पुलिस ने एक कार में चेकिंग कर 29 पेटी शराब जब्त की. इन शराब की बोतल में गोवा निर्मित होने का स्टिकर चिपका हुआ था. मामले में जुनवानी निवासी राजकुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया है. 

वहीं दूसरी कार्रवाई में ऑल्टो कार से 29 पेटी शराब मिली. कार में सवार व्यक्ति ने अपना नाम भिलाई के वन कैंप निवासी रंजीत सिंह बताया. इस तरह दोनों कार्रवाई में 58 पेटी शराब जप्त किया गया।, जिसकी कुल कीमत 6 लाख 50 हजार आंकी गई है, साथ ही तस्करी में दोनों कारों को जप्त कर दिया है. आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 36 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: पहले चरण में BJP ने कई जिलों में किया क्लीन स्वीप, CM साय ने कार्यकर्ताओं-प्रत्याशियों और जनता को दी बधाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी एक के बाद एक कीर्तिमान रच रही है. विधानसभा चुनाव में मिली सफलता का सिलसिला निकाय चुनावों और अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने मिल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पहले चरण में 53 विकासखंड में हुए मतदान में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं, प्रत्याशियों और जनता को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा की नीतियों, विकास कार्यों और पारदर्शी प्रशासन पर भरोसा जताया है. यह जीत जनता के आशीर्वाद और भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और यह जीत उसी दिशा में जनता की स्वीकृति को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे बताते हैं कि जनता भाजपा की नीति और नेतृत्व पर पूरा भरोसा कर रही है. पार्टी की सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जो विकास कार्य किए हैं, जनता ने उन पर अपनी मुहर लगाई है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि भाजपा का संकल्प है कि गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचे और जनता को सुशासन मिले.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इन नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का भारी समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आने वाले चरणों में भी भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को भारी सफलता मिलेगी.

बता दें कि नारायणपुर, कवर्धा, खैरागढ़, कोंडागांव, मुंगेली और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जैसे जिलों में भाजपा ने सभी सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया. इसके अलावा भाजपा का जलवा अन्य जिलों में भी देखने को मिला. जहां पार्टी ने कई महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दर्ज की. जांजगीर-चांपा में 6 में से 4, बलरामपुर में 6 में से 4, सक्ती में 4 में से 3, बालोद में 5 में से 3, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 4 में से 2 सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने सफलता हासिल की. वहीं, रायगढ़ में 6 में 5, धमतरी में 6 में 5 और कांकेर में 6 में 4 सीटों पर भाजपा ने मजबूत प्रदर्शन किया.

पूर्व डिप्टी CM सिंहदेव ने पूर्व मंत्री भगत के बयान को नकारा, कहा- “PCC चीफ की जिम्मेदारी केवल वर्ग आधारित नहीं, क्षमता के आधार पर होनी चाहिए”

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि हाई कमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह इसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के उस बयान को खारिज किया, जिसमें भगत ने कहा था कि आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने से आदिवासी समुदाय में गलत संदेश जाएगा।

बता दें कि निकाय चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करने के बाद पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। टीएस सिंहदेव का नाम इस प्रक्रिया में सबसे प्रमुख माना जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अमरजीत भगत इसका विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी ने प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है, ऐसे में विपक्ष में भी आदिवासी नेतृत्व की आवश्यकता है। उनके अनुसार, यदि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर किसी अन्य वर्ग से नेता को नियुक्त किया जाता है, तो इससे बीजेपी को आदिवासियों की तौहीन का मुद्दा मिल सकता है, जो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

इसके जवाब में टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनके लिए इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है। उनका मानना है कि किसी को जिम्मेदारी केवल इस आधार पर नहीं मिलनी चाहिए कि वह किसी विशेष वर्ग से आता है। जिम्मेदारी उन लोगों को मिलनी चाहिए जो स्थिति के अनुसार सबसे अच्छा काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विचारधारा की बात नहीं है, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकता है।

सिंहदेव ने दीपक बैज को हटाए जाने के सवाल पर भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि दीपक बैज पीसीसी अध्यक्ष हैं और पार्टी को समय-समय पर सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ता है। केवल हार के आधार पर किसी को हटाना सही नहीं है, लेकिन कभी-कभी बदलाव की आवश्यकता होती है। इसके लिए पार्टी बोर्ड समीक्षा करती है और बदलाव का निर्णय भी बोर्ड ही लेती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी लगातार चार चुनावों में हार का सामना कर रही है, जिससे पार्टी के भीतर हाहाकार मच गया है। निकाय चुनावों के बाद से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, और यह शिकायतें आलाकमान तक पहुंच चुकी हैं। दीपक बैज, जो बस्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, संसद और विधायक रह चुके हैं, उन्हें पार्टी की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, लगातार चुनावों में हार के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं, और पार्टी के अंदर भी विरोध की आवाजें उठ रही हैं। इसके साथ ही, आदिवासी नेता होने के बावजूद हार का ठीकरा एक आदिवासी नेता पर फोड़ने का विरोध भी पार्टी में देखा जा रहा है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी के आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस पार्टी अपने फैसले में कितनी लचीलापन दिखाती है और किसे अगला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है।

शराब घोटाला मामला: ED की स्पेशल कोर्ट ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा की 4 मार्च तक बढ़ाई न्यायिक रिमांड

रायपुर- छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी है।

विधानसभा सत्र में शामिल होने की मांग

सुनवाई के दौरान कवासी लखमा ने कोर्ट से विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता से जुड़े कई अहम मुद्दे हैं, जिन्हें उन्हें विधानसभा में उठाना है। उनके वकील फैजल रिजवी ने इसके लिए कोर्ट में औपचारिक आवेदन भी दिया।

ED ने जताई आपत्ति, 20 फरवरी को आएगा फैसला

ED के वकील सौरभ पांडे ने इस मांग पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि यदि विधानसभा में कोई महत्वपूर्ण वोटिंग हो रही हो, कोई सवाल पूछा गया हो, या लखमा को किसी जवाब के लिए बुलाया गया हो, तो इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। इसके अलावा, ED ने यह भी दलील दी कि राज्यपाल की ओर से लखमा को विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और इस पर 20 फरवरी को निर्णय सुनाया जाएगा।

बता दें कि शराब घोटाले की जांच में ED ने अब तक कई खुलासे किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर पैसों के लेन-देन और अनियमितताओं की बात सामने आई है। लखमा की गिरफ्तारी से इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। बीते दिनों इस मामले में EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) में रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर से भी पूछताछ की थी।

21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा

गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ED ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।

क्या है शराब घोटाला?

तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था।

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED ने चार्जशीट में कहा था कि साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआईओडब्ल्यू की एफआईआर में किन लोगों के हैं नामED के आवेदन में जनवरी 2024 में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने शराब घोटाला मामले में करीब 70 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। इनमें –

  • अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)
  • अनवर ढेबर
  • अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)
  • मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड
  • कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)
  • निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
  • जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
  • रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
  • दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
  • अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • हित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
  • नीतू नोतानी (उपायुक्त)
  • रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
  • नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
  • सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
  • अरविंद सिंह
  • अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
  • अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)
  • नवनीत गुप्ता
  • पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)
  • विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
  • त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)
  • यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
  • नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • विजय भाटिया, भिलाई
  • अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड
  • मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस
  • सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट
  • बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर
  • मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर
  • अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड
  • उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर
  • मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स
  • लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई
  • विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.
  • दीपक दुआरी
  • दिपेन चावडा
  • मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स
  • मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन
  • मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड
  • सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर
  • अख्तर ढेबर
  • अशोक सिंह
  • सुमीत मलो
  • रवि बजाज
  • विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर
  • अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
  • अन्य आबकारी अधिकारीगण
  • विकास अग्रवाल के साथीगण के अज्ञात नाम भी शामिल हैं.
साय सरकार का बड़ा फैसला : अब छत्तीसगढ़ में 24 घंटे खुली रहेगी दुकानें

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अब प्रदेश में 24 घंटे दुकानें खुली रह सकती है. इसके लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ में नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू किया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान और स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है. इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है. श्रम विभाग के अनुसार, नया अधिनियम पूरे राज्य में लागू होगा, जबकि पुराना अधिनियम केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रभावी था. इस बदलाव से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि नया कानून केवल 10 या अधिक कर्मचारियों वाली दुकानों और स्थापनाओं पर ही लागू होगा. पहले, बिना किसी कर्मचारी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं.

नए नियमों के तहत, दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है. न्यूनतम शुल्क 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये होगा. पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था. श्रम विभाग ने स्पष्ट किया है कि नए अधिनियम के लागू होने के 6 महीने के भीतर सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. यह प्रक्रिया श्रम विभाग के पोर्shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी.

कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि में पहले से पंजीकृत दुकानें नए अधिनियम में स्वतः शामिल होंगी. पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा.

24 घंटे खुली रह सकती है दुकानें

पुरानी व्यवस्था में दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था. अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं, बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए. नई व्यवस्था के तहत, कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा. सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे. हर साल 15 फरवरी तक सभी दुकान एवं स्थापनाओं को अपने कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा. नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है, जिससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा. निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे.

पहले दुकान और स्थापनाओं का पंजीयन कार्य नगरीय निकायों द्वारा किया जाता था. अब 13 फरवरी 2025 की अधिसूचना के अनुसार यह कार्य श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा. नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025: प्रथम चरण में 81.38 प्रतिशत वोटिंग, 53 विकासखंडों में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान

रायपुर- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के प्रथम चरण का चुनाव 17 फ़रवरी को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ . निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 53 विकासखण्डों में मतदान हुआ. 81 प्रतिशत से अधिक महिला एवं पुरूष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. इस प्रकार राज्य में मतदान का औसत 81.38 प्रतिशत रहा. सभी जगहों में मतगणना भी शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. कही कोई अप्रिय घटना की शिकायत नहीं आई.

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में 27 हज़ार 210 पंच, 3 हज़ार 605 सरपंच, 911 जनपद सदस्य तथा 149 जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव संपन्न हुआ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के चुनाव के लिए 9 हज़ार 873 मतदान केंद्र बनाए गए.

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में पंच पद के लिए 60 हज़ार 203 अभ्यर्थी, सरपंच पद के लिए 14 हज़ार 646 अभ्यर्थी,जनपद पंचायत सदस्य के लिए 4 हज़ार 587 अभ्यर्थी एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए 702 अभ्यर्थिओं ने चुनाव लड़ा .

प्रथम चरण के निर्वाचन के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 57 लाख 99 हज़ार 660 है, जिसमें पुरुष मतदाता 28 लाख 70 हज़ार 859, महिला मतदाता 29 लाख 28 हज़ार 751 एवं अन्य 50 मतदाता शामिल है.

आज प्रथम चरण में राज्य की जिन 53 विकास खंडो में मतदान संपन्न हुआ उसमें जिला बिलासपुर के विकासखण्ड मस्तुरी, जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के विकासखण्ड गौरेला, जिला मुंगेली के विकासखण्ड मुंगेली, जिला जांजगीर-चांपा के विकासखण्ड बम्हनीडीह एवं अकलतरा, जिला सक्ती के विकासखण्ड जैजेपुर, जिला कोरबा के विकासखण्ड कोरबा एवं करतला, जिला रायगढ़ के विकासखण्ड रायगढ़ एवं पुसौर, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के विकासखण्ड बरमकेला, जिला सूरजपुर के विकासखण्ड सूरजपुर एवं भैयाथान, जिला बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी, राजपुर तथा शकंरगढ़, जिला सरगुजा के विकासखण्ड अम्बिकापुर, लखनपुर तथा उदयपुर, जिला कोरिया के विकासखण्ड सोनहत, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के विकासखण्ड खड़गवां, जिला जशपुर के विकासखण्ड बगीचा शामिल है.

इसी तरह जिला रायपुर के विकासखण्ड आरंग एवं अभनपुर, जिला बलौदाबाजार के विकासखण्ड भाटापारा एवं सिमगा, जिला गरियाबंद के विकासखण्ड गरियाबंद एवं मैनपुर, जिला महासमुंद के विकासखण्ड बसना एवं सरायपाली, जिला धमतरी के विकासखण्ड धमतरी एवं मगरलोड, जिला बेमेतरा के विकासखण्ड बेमेतरा एवं नवागढ़, जिला दुर्ग के विकासखण्ड दुर्ग, जिला बालोद के विकासखण्ड डौण्डीलोहारा एवं डौण्डी, जिला राजनांदगांव के विकासखण्ड राजनांदगांव, जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई के विकासखण्ड छुईखदान, जिला मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के विकासखण्ड मानपुर, जिला कबीरधाम के विकासखण्ड कवर्धा एवं सहसपुर लोहारा, जिला कोण्डागांव के विकासखण्ड कोण्डागांव, जिला बस्तर के विकासखण्ड जगदलपुर एवं दरभा, जिला नारायणपुर के विकासखण्ड नारायणपुर, जिला उत्तर बस्तर कांकेर के विकासखण्ड कांकेर, चारामा एवं नरहपुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिला के दंतेवाड़ा एवं गीदम तथा जिला सुकमा के सुकमा एवं बीजापुर जिला के विकाखण्ड बीजापुर शामिल हैं.

विधायक अटल श्रीवास्तव के विवादित बयान पर कांग्रेस में बवाल, जिला अध्यक्षों ने PCC चीफ को पत्र लिखकर की निष्कासन की सिफारिश

बिलासपुर- कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के हालिया विवादित बयान से कांग्रेस में विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बीते सोमवार 17 फरवरी 2025 को बिलासपुर में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के कार्यक्रम में विधायक श्रीवास्तव ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। विधायक ने कहा, “तुमने मेरे सिने में छुरा घोपा है,” और इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “चपरासी कलेक्टर को बाहर करने की बात कह रहा है।” इस घटना के बाद अब दोनों जिला अध्यक्षों, विजय पाण्डेय (शहर) और विजय केशरवानी (ग्रामीण) ने इसे अनुशासनहीनता और अस्वीकार्य बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

पत्र में उन्होंने विधायक पर आरोप लगाते हुए उल्लेख किया कि बिलासपुर नगर निगम चुनाव 2025 में कोटा विधायक ने अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की कोशिश की थी, लेकिन वे तय मापदंडों के अनुरूप नहीं थे। इसके चलते प्रदेश चयन समिति ने उर्जावान और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट दिया। इसके बाद, विधायक की ओर से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघात और खुले विरोध की शिकायतें मिली थीं, जिनके प्रमाण भी पेश किए गए थे। कांग्रेस ने पार्टी के नियमों के तहत कार्रवाई की और संबंधित कार्यकर्ताओं को प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया।

जिला अध्यक्षों ने कहा कि इस कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित होकर विधायक ने मीडिया में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिए। उन्होंने सवाल किया कि जिस जिला कांग्रेस कमेटी का हिस्सा विधायक खुद हैं, उसके अध्यक्ष को “चपरासी” कहना कितना उचित है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधायक ने जिन लोगों को पार्टी को नुकसान पहुंचाया, उन्हें “कलेक्टर” बताने की कोशिश की है, जो उनके बयान को अनुचित साबित करता है।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि विधायक का यह आचरण पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने तत्काल विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन की मांग की है। इस विवाद ने कांग्रेस में एक नया मोड़ लिया है और अब यह देखना होगा कि पार्टी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।

देखें पत्र –