झारखंड सरकार राजस्व संग्रहण में इजाफा के लिए जहां तरह तरह की कोशिशे कर रही है, वही टैक्स चोरी पर भी नजर गड़ाये हुए हैं
हेमंत सरकार अपनी इस पारी में राजस्व को लेकर काफी सतर्क है। वो राजस्व संग्रहण में इजाफा के लिए जहां तरह तरह की कोशिश कर रही है, वों टैक्स चोरी पर भी नजर गड़ाये हुए हैं। राज्य सरकार ने अब बिल्डरों और ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की है।
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सरकार अब बिल्डर और ठेकेदार पर करीबी नजर रखकर सेस की राशि की निगरानी करेगी। बिल्डरों को अब निर्माण कार्यों की कुल लागत का एक प्रतिशत सेस झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड को देना होगा, ताकि उस राशि से निबंधित मजदूरों के लिए कल्याण योजनाएं संचालित की जा सके।
सरकार की कोशिश है कि सेस की राशि चोरी नहीं की जा सके। लिहाजा, सेस की वसूली में विभिन्न विभाग भी लापरवाही नहीं बरत पाएंगे। अभी तक सेस की वसूली मैनुअल होती थी, जिसमें कई बार ठेकेदार और बिल्डर पूरी राशि जमा नहीं करते थे।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने केंद्रीय कानून भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण अधिनियम, 1996 को अपनाते हुए वर्ष 2007 में इससे संबंधित नियमावली लागू की है। लागू नियमावली के तहत निजी एवं सरकारी क्षेत्र में होनेवाले निर्माण कार्य में कुल लागत का एक प्रतिशत राशि सेस के रूप में देना अनिवार्य है।
अब राज्य सरकार सेस वसूली से लेकर मजदूरों के लिए संचालित होने वाली सभी योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग सेस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने जा रही है।
सेस एंड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से निर्माण कार्यों से लेकर सेस की वसूली को ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि उसकी निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जा सके। इसके माध्यम से जिलों को लक्ष्य भी दिया जाएगा तथा डाटा की समीक्षा की जा सकेगी।
Feb 17 2025, 18:53