भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा झटका, ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका NVS-02 सैटेलाइट, आगे क्या करेगा इसरो ?

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अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार सफलता हासिल कर रहे भारत को बड़ा क्षटका लगा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 100वें NVS-02 सैटेलाइट मिशन में रविवार को तकनीकी खराबी आ गई। NVS-02 ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका है। इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स सही से काम नहीं कर सके, जिसकी वजह से ऑर्बिट एजजस्टमेंट में बाधा आई। इसरो का ये मिशन अंतरिक्ष-आधारित नेविगेशन सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण था। 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी-एफ 15 के जरिए NVS-02 सैटेलाइट लॉन्च किया था।

इसरो ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि अंतरिक्ष यान में लगे ‘थ्रस्टर्स’ के काम नहीं करने के कारण एनवीएस-02 उपग्रह को वांछित कक्षा में स्थापित करने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इसरो ने कहा कि लॉन्‍च के बाद सेटेलाइट में लगे सौर पैनल को सफलतापूर्वक तैनात किया गया था। बिजली उत्पादन नाममात्र है. ग्राउंड स्टेशन के साथ कम्‍यूनिकेशन सिस्‍टम स्थापित हो गया है लेकिन सेटेलाइट कक्षा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका क्योंकि ऐसा करने के लिए थ्रस्टर्स को फायर करने के लिए ऑक्सीडाइज़र को प्रवेश करने वाले वाल्व नहीं खुले थे।

इसरो ने अपने अपडेट में बताया कि हालांकि, सैटेलाइट के सभी सिस्टम सामान्य हैं और यह फिलहाल एक अंडाकार कक्षा (Elliptical Orbit) में मौजूद है। अब वैज्ञानिक इस सैटेलाइट का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसरो का NVS-02 सेटेलाइट को पृथ्वी के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा में स्थापित करने का इरादा था। बताया गया था कि इसकी अपोजी यानी सबसे दूर का बिंदू 37,500 किमी रहेगा जबकि पेरीजी यानी निकटतम बिंदू और 170 किमी की होगी। 29 जनवरी को जीएसएलवी द्वारा बहुत सटीक इंजेक्शन ने सेटेलाइट को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर दिया था जो लक्ष्‍य किए गए अपोजी से 74 किमी और पेरीजी से 0.5 किमी दूर थी।

बता दें कि इसरो का ये अभियान सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम का हिस्सा है, जो भारत में जीपीएस जैसी नेविगेशन सुविधा को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सिस्टम कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से अरुणाचल तक का हिस्सा कवर करेगा। साथ ही साथ कोस्टल लाइन से 1500 किमी तक की दूरी भी कवर होगी। इससे हवाई, समुद्री और सड़क यात्रा के लिए बेहतर नेविगेशन हेल्प मिलेगी।

जनवरी में उत्तर - पश्चिम भारत में सामान्य से 80% कम बारिश, फसलों की पैदावार पर देखने को मिलेगा असर


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

देश में अधिकतर हिस्से में जनवरी जाते - जाते गर्म होती है तो फरवरी में तापमान सामान्य से अधिक और बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बातें कही। आईएमडी ने कहा कि फरवरी में उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पहले वाली शीतलहर का प्रकोप दिखने की संभावना भी इस बार कम है‌। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने फरवरी महीने के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया। कहा कि फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा। पश्चिमी मध्य भारत और दक्षिणी भारत के कुछ के इलाकों में यह सामान्य रह सकता है। इसी तरह न्यूनतम भी देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक रह सकता है। उत्तर - पश्चिम इलाकों, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य रह सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण में बदरा कम बरस सकते हैं। मौसम विभाग ने कहा कि फरवरी के दौरान उत्तर - पश्चिमी राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर में बारिश सामान्य से 78% तक कम रहने की संभावना है।

कम बारिश से गर्म रही जनवरी

मौसम विभाग के अनुसार बारिश कम होने से जनवरी इस बार सबसे गर्म महीना रहा। वर्ष 1901 के बाद जनवरी सर्वाधिक गर्म रहा है जब अधिकतम पारा 25.45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जनवरी का अधिकतम औसत तापमान 24.61 डिग्री है। इस प्रकार जनवरी में 0.84 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। भारत में वर्ष 1901 के बाद बीते अक्टूबर सबसे गर्म महीना रहा था।

गर्मी और सूखे से गहराएगा संकट

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर और पश्चिमी राज्यों जैसे यूपी, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर, उत्तराखंड में रबी फसलें लगी है। सर्दी में बारिश कम होने से पैदावार प्रभावित होगी। बागवानी भी प्रभावित हो सकती है। फरवरी में तापमान की तेज चाल से फलों में फूल जल्दी जाएंगे। फसलें प्रभावित होने के साथ गुणवत्ता भी खराब हो सकती है। अच्छी पैदावार के लिए हल्की सिंचाई की जरूरत होगी। शीतलहर का प्रकोप कम रहने से यूपी, मध्य प्रदेश में नुकसान कम होगा।

कैंसर की दवा से लेकर मेडिकल उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां और मोबाइल, क्या सस्ता क्या महंगा, देखें लिस्ट

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2025 का आम बजट पेश किया। इस बजट पर आम जनता से लेकर व्यापार जगत की भी नजरें टिकी हुईं थी। बजट में मोदी सरकार ने इस बार मध्यम वर्ग के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि इस बार मिडिल क्लास पर लक्ष्मी बरसेगी। बजट में आयकर से जुड़ी घोषणाओं के साथ-साथ कई ऐसे ऐलान हुए, जो रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े सामान की कीमतों को प्रभावित करते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा तोहफा दिया है, जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है। वहीं, हेल्थ सेक्टर को बूस्ट देने के लिए भी फैसला किया है। बजट में कैंसर पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए कैंसर की दवाओं को सस्ता करने का ऐलान किया गया है। केपीएमजी ने सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर लगाने की योजना का समर्थन किया है। यह योजना कैंसर मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के दिशा में बढ़िया हैं।

ये चीजें हुईं सस्ती

• कई तरह के खनिज

• बुनकरों के बनाए कपड़े

• चमड़े से बने सामान

• मोबाइल फोन

• लीथियम बैटरी

• एलईडी

• एलसीडी टीवी

• इलेक्ट्रिक व्हीकल

• मेड इन इंडिया कपड़े

• मेडिकल उपकरण

• कैंसर की दवाएं

• फिश पेस्ट

• लेदर गुड्स

महंगे हुए ये सामान

वहीं, अब इम्पोर्टेड मोटरसाइकिल, इंटरेक्टिव फ्लैट, पैनल डिस्प्ले और प्रीमियम टीवी महंगी जो जाएगी।

खुल गया मोदी सरकार का पिटारा, जानें बजट की बड़ी घोषणाएं

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2025 को पेश किया।सरकार की तरफ से महंगाई और टैक्स के साथ-साथ मिडिल क्लास के भी कई ऐलान किए गए हैं।सबसे बड़ा ऐलान नए टैक्स स्लैब को लेकर रहा जिसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है। सीतारमण ने ऐलान करते हुए कहा कि अब 12 लाख की सालाना कमाई पर कोई भी टैक्‍स देने की आवश्‍यकता नहीं है। यह बदलाव न्‍यू टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत की गई है। इसके अलावा वित्तमंत्री ने ऐलान किया है कि कैंसर की दवा, मोबाइल की बैटरी, बुनकरों के बनाए कपड़े, चमड़े से बने सामान, मोबाइल फोन, बैटरी, एलईडी और एलसीडी टीवी और इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ते होंगे।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, मिडल क्लास पर खास फोकस रखा। वित्त मंत्री ने जहां आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की घोषणा की तो एआई के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस की स्थापना का भी ऐलान किया। आइए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट की प्रमुख घोषणाओं पर एक नजर डालें।

➤ 12 लाख रुपये तक के इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

➤ बिहार में मखाना बोर्ड का गठन होगा।

➤ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन की सीमा 3 लाख से रुपये बढ़कर 5 लाख रुपये हुई।

➤ बिहार में नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी, आंट्रप्रन्योरशिप, एंड मैनेजमेंट की स्थापना की जाएगी। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

➤ वर्ष 2015 के बाद स्थापित आईआईटीज में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का ऐलान किया गया। इससे 6,500 सीटें बढ़ जाएंगी। आईआईटी पटना का विस्तार किया जाएगा।

➤ एआई के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना होग। वित्त मंत्री ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये के बजंट आवंटन की घोषणा की है।

➤ पांच विश्वस्तरीय स्किल सेंटर बनेंगे जिनकी विदेशों के साथ भागीदारी होगी।

➤ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को 50 वर्ष के लिए 1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा।

➤ मेडिकल की पढ़ाई के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में कॉलेजों और अस्पतालों में 10 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में नई सीटों की संख्या बढ़ाकर 75 हजार करने का है।

➤ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) का निवेश और टर्नओवर लिमिट क्रमशः ढाई गुना और दोगुना किया गया। महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति वर्ग के लोगों के पहली बार बिजनस शुरू करने पर 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

➤ उड़ान योजना नए स्वरूप में पेश की जाएगी। योजना के तहत 120 नए डेस्टिनेशंस जोड़े जाएंगे जिनसे 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों के जुड़ने का लक्ष्य है।

2047 तक कम से कम 100 गीगावॉट परमाणु बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।

➤ 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड की घोषणा की गई है। इस फंड से रचनात्मक पुनर्विकास को बल मिलेगा। साथ ही, पानी और स्वच्छ बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जाएगा।

➤ अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर्स की स्थापना की जाएगी।

➤ टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह संसद में नया टैक्स विधेयक पेश करने की घोषणा की है।

➤ जनविश्वास 2.0 के तहत 100 कानूनों को खत्म करेगी मोदी सरकार।

➤ टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह संसद में नया टैक्स विधेयक पेश करने की घोषणा की है।

➤ 36 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी पूरी तरह से हटाया गया। 6 लाइव सेविंग दवाओं पर 6 फीसदी कस्टम ड्यूटी।

बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत, 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं, सरकार का बड़ा ऐलान

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वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान कर दिया है। मिडिल क्लास को सरकार ने बड़ी सौगात दी है। अब 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि एक लाख तक की कमाई पर अब टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल की गई। इस बार बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें थीं। पीएम मोदी ने संसद में आम बजट पेश होने से एक दिन पहले संकेत दिया कि इस बार गरीबों, मिडल क्लास और महिलाओं के लिए कई नई पहलों का ऐलान हो सकता है।

टीडीएस-टीसीएस का सरलीकरण

टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा। नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल किया जा रहा है।

बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई 100 प्रतिशत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी। यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो भारत में पूरा प्रीमियम निवेश करती हैं। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जुलाई 2024 के बजट में घोषित सीमा शुल्क दरों की संरचना की व्यापक समीक्षा के एक भाग के रूप में, मैं 7 टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव करती हूं। यह 2023-24 के बजट में हटाए गए टैरिफ के अतिरिक्त है। 82 टैरिफ लाइनों पर सामाजिक कल्याण अधिभार से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं, जो उपकर के अधीन हैं।

देश में बनेगा नया इनकम टैक्स कानून, अगले हफ्ते संसद में किया जाएगा पेश

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वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इनकम टैक्स पर नया बिल अगले हफ्ते सरकार लाएगी। इसके अलावा उन्होंने इस पर और कुछ नहीं कहा है। वैसे भी इस बार बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें थीं। माना जा रहा था कि पुरानी और नई, दोनों तरह की इनकम टैक्स व्यवस्थाओं में टैक्सपेयर्स को कई छूट और कटौती दी जा सकती हैं। लेकिन यह इंतजार एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है।

यह तीसरी बार है जब आयकर अधिनियम को फिर से तैयार करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले, 2010 में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पेश किया गया था। इसके बाद, मोदी सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और सिफारिशों को लागू भी नहीं किया गया।

देश में अभी 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है। बजट 2020 में सरकार ने इसी कानून के तहत एक नई टैक्स रिजीम लागू की थी। लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि देश में इनकम टैक्स कानून को बदलने की जरूरत है। इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी। अब उसी के आधार पर सरकार ने नया बिल लाने का ऐलान किया है, इससे बनने वाला इनकम टैक्स कानून देश में 1961 के कानून की जगह लेगा।

नए इनकम टैक्स कानून में क्या होगा, इसे लेकर बजट में खास ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन सरकार ने बजट में जिन 6 कोर को पहचान दी है, उनमें से एक रेग्युलेटरी रिफॉर्म का है। देश में रेग्युलेशन को आसान बनाने का जिक्र कल आए इकोनॉमिक सर्वे में भी किया गया है। निश्चित तौर पर नए कानून में सरकार टैक्स का सरलीकरण करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नया इनकम टैक्स कानून ‘न्याय’ देने वाला होगा। ये मौजूदा बिल से सरल होगा। ये लिटिगेशन को कम करेगा।

बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़कर पांच लाख रुपये

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बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा दी है। अब यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। बजट में सरकार ने किसानों को लेकर कई और बड़ी घोषणाएं भी की है। इनमें धन धान्य कृषि योजना, कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

एससी और एसटी को 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को अगले 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा श्रमिक क्षेत्र में सरकार की बड़े योजना का प्रस्ताव की तैयारी है। माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज को लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव।

एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा

इस बजट में सरकार ने कई छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये एमएसएमई 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

पीएम स्वनिधि स्कीम को बढ़ाया जा रहा है

वित्त मंत्री ने कहा, पीएम स्वनिधि स्कीम से 60 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा पहुंचा है। उन्हें इस स्कीम के जरिए लोन मिला है। इस स्कीम को बढ़ाया जा रहा है। लोन की सीमा बढ़ाकर 30 लाख करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।

आम बजट पेश कर रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किसानों को सौगात, पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प का बजट है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। गरीब, युवा, किसान और महिला का यह बजट है। इस बजट से भारत की इकनॉमी को रफ्तार मिलेगा। मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा। 6 सेक्टर में तेजी से विकास होगा।

विपक्ष का वॉक आउट

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के दौरान विपक्ष में शोरशराबा देखने को मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष महाकुंभ हादसे को लेकर हंगामा कर रहा है। इस बीच विपक्ष ने बजट सत्र के बीच में ही वॉक आउट कर दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद कुंभ पर डिस्कशन के लिए हंगामा कर रहे थे। उन्होंने नारेबाजी की। वित्त मंत्री ने जैसी है बजट पढ़ना शुरू किया, सपा सांसद सदन से बाहर चले गए।

पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है। इससे 100 जिलों में लो प्रोडक्टिविटी पर फोकस कर के इसमें सुधार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव किया जाता है। मखाना की मार्केटिंग के लिए बोर्ड बनाया जाएगा। मखाना किसानों को फायदे के लिए ये किया जाएगा। ये भी कोशिश की जाएगी की सभी सरकारी योजना का फायदा इनको मिले। उन्होंने कहा कि सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मंदिरों में VIP दर्शन जारी रहेंगे या होगा बंद, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के मंदिरों में ‘वीआईपी दर्शन' और ‘पैसे देकर दर्शन' की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा इस तरह की व्यवस्था से कई जगहों पर मंदिर में भगदड़ की घटना भी हो चुकी हैं। ये सरकारों का संवैधानिक दायित्व है कि वह असमानता दूर करने के लिए कदम उठाए। सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस पर विचार नहीं करेंगे। हालांकि हम भी आपकी इस राय से सहमत हो सकते है कि किसी को कोई विशेष वरीयता नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट अनुच्छेद 32 के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकता।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने राज्यों द्वारा प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन का लाभ उठाने के लिए किसी तरह की 'मानक संचालन प्रक्रिया' के साथ आने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को विशेष व्यवहार देना मनमाना और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। किसी भी एसओपी की कमी के कारण भगदड़ की घटनाएं भी होती हैं। लेकिन सीजेआई ने कहा ये कि मुद्दा कानून और व्यवस्था का लगता है और याचिका उसी पहलू पर होनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह एक नीतिगत मामला है, जिस पर केंद्र सरकार को विचार करना होगा। सीजेआई ने तर्क दिया कि आज 12 ज्योतिर्लिंग, सभी शक्तिपीठ इस तरह की प्रथा का पालन कर रहे हैं, यह पूरी तरह से मनमाना है। राज्य को किसी तरह के एसओपी तैयार करने दें। उन्होंने कहा कि कृपया विशिष्ट मुद्दे के संबंध में विशिष्ट प्रार्थना करें।

हालांकि पीठ इस बात से सहमत है कि कि वीआईपी के लिए ऐसा विशेष व्यवहार मनमाना है। सीजेआई ने कहा कि बेंच इस मुद्दे से सहमत है, लेकिन अनुच्छेद 32 के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, 'हालांकि हमारी राय है कि मंदिरों में प्रवेश के संबंध में कोई विशेष व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन हमें नहीं लगता कि यह अनुच्छेद 32 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने का उपयुक्त मामला है।' यह आदेश में दर्ज किया गया लेकिन मामला सरकार के विचार के लिए छोड़ दिया गया।

बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मिला इनका साथ, जानें पर्दे के पीछे कौन?

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी ही देर में देश का आम बजट पेश करेंगी। बजट का निर्माण केवल एक दिन का काम नहीं है, यह एक जटिल और गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय करना होता है। क्या आप जानते हैं कि बजट कौन तैयार करता है। आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा अधिकारियों की पूरी एक नई टीम सीतारमण को आगामी बजट की रणनीति तैयार करने में मदद की है। यहां हम आपको उन अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं जो बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े हैं।

हर साल वित्त मंत्री की देखरेख में बजट तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने के लिए खास लोगों का चुनाव किया जाता है, जो बजट का खाका तैयार करते हैं और फिर अप्रूवल मिलने के बाद वो बजट तैयार होता है जिसे सदन में वित्त मंत्री पढ़ते हैं। इस साल बजट तैयार करने में कई लोग अपना अहम योगदान रहा,इस टीम में शामिल मुख्य लोगों के नाम इस प्रकार हैः-

1. तुहिन कांत पांडे, फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी: बजट 2025-26 तैयार कर रही टीम के अहम खिलाड़ियों में 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडे शामिल है. फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त तुहिन कांत पांडे बजट में टैक्स छूट की, रेवेन्यू जुटाने के तरीकों को देख रहे हैं. वो इनकम टैक्स कानून में बदलाव की प्रक्रिया को देख रहे हैं, जो संसद में पेश किया जाएगा.

2. वी अनंत नागेश्वरन, चीफ इकनॉमिक एडवाइजर: आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र और मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट वी अनंत नागेश्वरन बजट टीम का हिस्सा है। उनकी ओर से इकनॉमिक सर्वे तैयार की जा रही है, जो बजट की दिशा तय करेगी।

3. अजय सेठ, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स: अंतिम बजट दस्तावेज तैयार करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे अजय सेठ की जिम्मेदारी व्यापक आर्थिक स्थिरता की देखरेख करना है। 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मांग के बीच ग्रोथ और फिस्कल कंसोलिडेशन जरूरतों को संतुलित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

4. अरुणीश चावलाः1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव का पदभार मिला। चावला ने अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाला। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देखेंगे।

5. एम.नागराजूःत्रिपुरा कैडर के 1993 बैक के आईएएस अधिकारी एम.नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। वह फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक नागराजू इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं। नागराजू 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।

6. मनोज गोविल, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर के सेक्रेटरीः मनोज गोविल 1991 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। गोविल की टीम डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर में काम कर रही है। सब्सिडी और इसमें बदलाव, केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सुसंगत बनाना, व्यय की गुणवत्ता में सुधार करने पर इनकी टीम का प्रमुख रोल रहा है।