बिजली तार की वजह से हाथियों की मौत पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, ऊर्जा विभाग के सचिव से शपथ पत्र में मांगा जवाब…

बिलासपुर- बिजली के तारों के कारण हाथियों की मौत के मामले में हाई कोर्ट में शुक्रवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ऊर्जा विभाग के सचिव से व्यक्तिगत शपथ पत्र में जवाब मांगा है. 

रायगढ़ वन प्रभाग के चुहकीमार जंगल में तीन मादा हाथियों, जिनमें एक शावक भी शामिल था, की मौत ढीले पड़े 11 केवी तार के संपर्क में आने से हो गई थी. यह खबर मीडिया में आने के बाद हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इस पूरे मामले में शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिवीजन बैंच में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने के बाद हुई हाथी की मौत के मामले में एक किसान पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. वहीं कोर्ट ने अधिकारियों पर जांच कार्रवाई के बारे में भी पूछा.

सुनवाई के दौरान यह तथ्य निकलकर आया कि एक याचिका में बिजली तारों की ऊंचाई को बढ़ाने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने कहा कि 14 से बढ़ाना 20 फीट करना किस विभाग की जिम्मेदारी है..? इसके बाद बैंच ने इस मामले में ऊर्जा सचिव और सीएसपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक को नोटिस कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.

OBC आरक्षण पर सुनवाई : हाईकोर्ट ने सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब, हफ्तेभर का दिया समय, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर- पंचायत चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह याचिका ग्राम पंचायत घुटुरकुंडी, जनपद पंचायत पंडरिया, जिला कबीरधाम के निवासी हेमंत कुमार साहू ने अपने अधिवक्ताओं वैभव पी. शुक्ला और आशीष पाण्डेय के माध्यम से दायर की थी.

याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष यह मुद्दा उठाया कि पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण के निर्धारण के लिए जो संशोधित नियम बनाए गए हैं, उनमें प्रत्येक ब्लॉक में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. अधिवक्ता वैभव पी. शुक्ला ने तर्क दिया कि राज्य सरकार के पास ओबीसी जनसंख्या के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बिना सटीक आंकड़ों के आरक्षण का आवंटन करना संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा.

जवाब आने के बाद होगी अगली सुनवाई

इस मामले को जस्टिस बी. डी. गुरु ने गंभीरता से लेते हुए याचिका स्वीकार की और राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई के बाद यह स्पष्ट होगा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर पंचायत चुनावों में किस तरह का बदलाव किया जाएगा. यदि अदालत सरकार के तर्कों को अस्वीकार करती है तो आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया में संशोधन संभव है. यह फैसला प्रदेश के पंचायत चुनावों के आरक्षण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग की ओर से जवाब दाखिल किए जाने के बाद मामले की अगली सुनवाई तय की जाएगी.

निकाय चुनाव : भाजपा के बागी प्रत्याशी ने वापस लिया नाम, कहा – शुरू से ही भाजपा में थे और आगे भी रहेंगे…

गरियाबंद-   नगर पालिका अध्यक्ष पद से भाजपा के बागी प्रत्याशी प्रशांत मानिकपुरी ने नाम वापस ले लिया. मानिकपुरी ने कहा कि वे प्रारंभ से ही भाजपा में थे और आगे भी रहेंगे. मित्रों और शुभचिंतकों के आग्रह पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर नाम वापस ले लिया है. इस दौरान विधायक रोहित साहू, जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल चंद्राकर और पूर्व अध्यक्ष राजेश साहू मौजूद रहे.

गरियाबंद में भाजपा ने 24 घंटे के अंदर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया था. पहले घोषित किए उम्मीदवार प्रशांत मानिकपुरी का नाम वापस लेकर पार्टी ने रिखी राम यादव को उम्मीदवार बनाया. इस बदलाव के पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी और पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी को बड़ी वजह मानी जा रही. इसके बाद प्रशांत मानिकपुरी ने भाजपा से बागी होकर नामांकन दाखिल कर दिया था, अब वे वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर नाम वापस ले लिया है.

CGMSC घोटाला : ACB/EOW ने जांच की तेज, 6 अधिकारियों से पूछताछ की सरकार से मांगी अनुमति

रायपुर-  छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच ACB/EOW ने तेज कर दी है. हाल ही में ACB ने CGMSC के सबसे बड़े सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था. जिसे कोर्ट ने 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. ACB/EOW की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है. वहीं जांच का दायरा बढ़ाते हुए ACB/EOW ने 6 अधिकारियों से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से नियम 17 ए के तहत अनुमति मांगी है.

इन 6 अधिकारियों से हो सकती है पूछताछ

ACB/EOW अधिकारी ने मीनाक्षी गौतम, वसंत कौशिक, डॉ. अनिल परसाई, क्षिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनवार और आनंद राव के नाम पूछताछ के लिए भेजे हैं. सभी अधिकारी CGMSC में डेपुटेशन पर तैनात रहे हैं या वर्तमान में पोस्टेड हैं.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के खिलाफ भी दर्ज है मामला

ईओडब्ल्यू ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है. एफआईआर में स्वास्थ्य संचालक और सीजीएमएससी की एमडी पर गंभीर टिप्पणी की गई है. इस एफआईआर के बाद यह माना जा रहा है कि जांच की जद में कई आला अफसर आ सकते हैं. चर्चा है कि इस घोटाले में शामिल रहे लोगों की जल्द गिरफ्तारियां होंगी. ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपए की चपत लगाई गई.

NIA ने गिरफ्तार किए दो ओवर ग्राउंड नक्सली, विस चुनाव के दौरान हुए आईडी विस्फोट में थी भागीदारी…

गरियाबंद- एनआईए ने दो ओवर ग्राउंड नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी धनेश ध्रुव उर्फ गुरुजी और रामस्वरूप मरकाम ने विधानसभा चुनावों के दौरान गरियाबंद जिले के बड़े गोबरा गांव में 17 नवंबर 2023 को आईडी विस्फोट को अंजाम देने वाले नक्सलियों का सहयोग किया था. 

नक्सलियों ने यह विस्फोट उस समय किया था, जब मतदान दल, सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद बड़े गोबरा गांव से लौट रहा था. घटना में आईटीबीपी का एक हेड कांस्टेबल शहीद हुआ था.

एनआईए की जांच के अनुसार, राज्य में विधानसभा चुनावों के बहिष्कार के आतंकवादी संगठन के आह्वान के बाद सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके और मनोज और विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य सत्यम गावड़े ने हमले की योजना बनाई थी. बड़े गोबरा और छोटे गोबरा गांवों के ओजीडब्ल्यूएस के समर्थन से सीपीआई (माओवादी) के गोबरा दलम के कैडरों ने विस्फोट किया था.

शुरू में मैनपुर थाने में दर्ज मामला 22 फरवरी 2024 को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था. एजेंसी ने दिसंबर 2024 में आरसी-05/2024/एनआईए-आरपीआर मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें जांच जारी है.

भाजपा प्रत्याशी का नामांकन होगा रद्द ! कांग्रेस ने पालिका के रजिस्टर्ड ठेकेदार बताकर जिला निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत

बालोद- छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इसको लेकर सियासी हलचल और भी तेज हो रही है. बीजेपी के आपत्ति पर धमतरी के कांग्रेस महापौर प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया. इसके बाद अब बालोद से भाजपा पार्षद प्रत्याशी पर कांग्रेस ने ऑब्जेक्शन उठाया है. कांग्रेस ने भाजपा के वार्ड 18 के पार्षद प्रत्याशी गिरजेश गुप्ता का नामांकन रद्द करने की मांग की है.

कांग्रेस ने इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी को एक आवेदन सौंपते हुए कहा कि गुप्ता बालोद नगर पालिका के रजिस्टर्ड ठेकेदार हैं और ठेकेदार होने के कारण उनका नामांकन नियमों का उल्लंघन करता है. कांग्रेस की ओर से शिकायत के बाद भाजपा के प्रत्याशी गिरजेश गुप्ता की मुश्किलें बढ़ गई है.

बता दें कि गुरुवार को धमतरी नगर निगम में कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन निरस्त हो गया है. भाजपा ने गोलछा को निगम का ठेकेदार बताकर आपत्ति जताई थी. इस मामले में सुनवाई के बाद रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर दिया. इसपर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए भाजपा कई तरह के हथकंडे अपना रही. इससे कांग्रेस डरने वाली नहीं है. कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ पार्टी पूरी मजबूती से खड़ी है. इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे. न्यायालय पर पूरा भरोसा है, फैसला हमारे पक्ष में आएगा.

खैरागढ़ नपा में गजब का खेल, भाजपा पार्षदों की क्रास वोटिंग से बची कांग्रेस के रज्जाक खान की कुर्सी, गिरा अविश्वास प्रस्ताव

खैरागढ़-  खैरागढ़ नगर पालिका में शुक्रवार को क्रास वोटिंग का अविश्वनीय खेल देखने को मिला. कांग्रेस के उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान हुआ, जिसमें दो भाजपा पार्षदों की क्रॉस वोटिंग के कारण रज्जाक खान की कुर्सी बच गई. 

दरअसल, बीते निकाय चुनाव में खैरागढ़ नगर पालिका में कांग्रेस की जीत के बाद शैलेंद्र वर्मा अध्यक्ष बने थे. लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. इसके बाद भाजपा की गिरिजा चंद्राकर को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. वहीं उपाध्यक्ष पद पर काबिज कांग्रेस पार्टी के रज्जाक खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया.

खैरागढ़ नगर पालिका में वर्तमान स्थिति में भाजपा के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं. शुक्रवार को हुए मतदान में इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए 14 पार्षदों के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 11 वोट पड़े, वहीं प्रस्ताव के विरोध में 9 वोट पड़े. इस तरह से दो भाजपा पार्षदों की क्रास वोटिंग से रज्जाक खान की कुर्सी बच गई.

इस घटनाक्रम ने खैरागढ़ की राजनीति में सनसनी फैला दी है. भाजपा के भीतर गुटबाजी और असंतोष की चर्चाएं तेज हो गई हैं. कांग्रेस इसे अपनी जीत के रूप में देख रही है, जबकि भाजपा इस नतीजे से सकते में है. अब देखना होगा कि इस सियासी उलटफेर के बाद नगर पालिका की राजनीति किस दिशा में जाती है.

कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त होने पर बिफरे पीसीसी चीफ दीपक बैज, कहा- हाई कोर्ट जाएंगे हम…

रायपुर-  निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त होने को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने सरकार पर दोहरी नीति के तहत काम करने का आरोप लगाते हुए निरस्त किए गए नामांकनों के मामले में हाई कोर्ट जाने की बात कही है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में कहा कि धमतरी में मुख्यमंत्री के करीबी को लाभ पहुँचाने के लिए बीजेपी ने कांग्रेस के मेयर कैंडिडेट का नामांकन रद्द कराया है. यह षड्यंत्रपूर्वक किया गया है, जो पूरे प्रदेश में उजागर हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं डरा-धमका कर नामांकन वापस करा रहे हैं, तो कहीं नामांकन निरस्त कर रहे हैं.

बैज ने कहा कि सूरजपुर में सरकार यादव को ओबीसी नहीं मान रही, लेकिन बिलासपुर में विधानी को ओबीसी मान रही है. 15 साल बीजेपी की सरकार में मलकीत गैदू को भी सरकार ने ओबीसी मानने से इनकार कर दिया था. ये है सरकार की दोहरी नीति. कई जगह वार्डों में भी यही स्थिति है. सरकार चुनाव से डरी हुई है, इसलिए हर हथकंडे अपना रही है. लेकिन हम डरे नहीं है. हर परिस्थिति में हम कार्यकर्ताओं के साथ खड़े है.

दीपक बैज ने कहा कि हम हाई कोर्ट जाएँगे, और लड़ाई लड़ेंगे. सीनियर नेताओं से हमारी बात हुई है. हमने अपनी रणनीति सेफ रखी है. बीजेपी ने बहुत गंदी राजनीति की है. सरकार की नियत में खोट थी, इसलिए पहले से यह सब तय करके रखा था. हम इसके ख़िलाफ़ न्याय की लड़ाई लड़ेंगे.

जिलाध्यक्षों के पार्टी छोड़ने पर कही यह बात

वहीं बेमेतरा जिलाध्यक्ष बंसी पटेल के बाद मोहला-मानपुर में जिलाध्यक्ष के पार्टी छोड़ने पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कुछ कमजोर ज़िलाध्यक्षों को बदलने की चर्चा थी. पार्टी के टिकट नहीं देने के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है. कोई पद छोड़ना चाहता है, तो उससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. पार्टी के पास उसके मजबूत विकल्प हैं. जहां इस्तीफ़ा दिया गया है, वहां कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए हैं. चुनाव के लिए पार्टी पूरी मज़बूत के साथ तैयार है.

घुसपैठियों के नाम पर माहौल गर्माने की कोशिश

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करने पर तंज कसते हुए कहा कि गिरफ़्तार हुए 90% लोग रोहिंग्या नहीं, हिंदू हैं. साय सरकार देश के अन्य हिस्से से आए हिंदुओं को रोहिंग्या बताकर चुनावी माहौल को गरम करने की कोशिश कर रही है. सरकार जिन्हें रोहिंग्या कह रही है, वे अपनी रोजी-रोटी के लिए दूसरे प्रदेश से आए हैं. ऐसे में क्या हमारे गरीब मजदूर जो कर्नाटक, गोवा, जम्मू-कश्मीर, असम में मिलेंगे… क्या वो रोहिंग्या हो गए?

2500 लोगों के जाति-नाम करें सार्वजनिक

उन्होंने कहा कि किसी गरीब मजदूर को रोहिंग्या बताकर उनकी रोजी-रोटी बंद करना गलत है. सरकार को सूची सार्वजनिक करना चाहिए कि मजदूर कहां से काम करने आए हैं. वो कौन से जाति-धर्म से आते हैं, ये सार्वजनिक करना चाहिए. क्या 2500 में 2500 रोहिंग्या हैं? देश के अंदर रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्य में बसने का संवैधानिक अधिकार है.

महुआ से बना रहे थे अवैध शराब, आबकारी विभाग ने की कार्रवाई

गरियाबंद-   छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकास और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते प्रशासन नशे के खिलाफ सख्त है. गरियाबंद जिले में आज जिला आबकारी टीम और रायपुर संभागीय उड़न दस्ता टीम ने अवैध शराब निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.

टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी, कि पैरी नदी किनारे बरेठिन कोना के जंगल में अवैध शराब बनाई जा रही हैं. जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और जंगल से इसे जब्त किया. आबकारी विभाग के मुताबिक इसकी कुल कीमत 2 लाख 92 हजार रुपए आंकी गई है.

विभाग ने कच्ची महुआ शराब को जप्त कर नष्ट किया. अवैध शराब निर्माण और धारण के मामले में आबकारी अधिनियम की धारा 34(1), (क), 34(1)(च) और 34(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. बता दें कि ये पूरी कार्रवाई गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के दिशा-निर्देश पर जिला आबकारी अधिकारी रघुवर सिंह राठौर और मुकेश कुमार अग्रवाल के टीम के द्वारा की गई.

आबकारी विभाग की टीम अब अवैध शराब बनाने वाले मालिक का पता लगाने में लगी हुई है.

पड़ोसी के घर पलंग से बंधी मिली विवाहिता की लाश, हत्या से पहले दुष्कर्म ?

रायपुर-  पड़ोसी के घर एक विवाहिता की लाश मिली है. इस बात की भी आशंका है कि हत्या से पहले उसका दुष्कर्म किया गया. पुलिस के मुताबिक मृतका के दोनो हाथ पलंग से बंधे हुए थे और उसके बदन में कपड़े नहीं थे. अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और एक आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया है.