महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से एक और मौत, 16 नए मामले आए सामने, एक्टिव मरीजों की संख्या 127
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महाराष्ट्र के पुणे में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। आलम यह है कि मरीजों की संख्या अब 127 तक पहुंच गई है। इस जीबीएस बीमारी से एक और शख्स की जान चली गई है। जिसके बाद इस संदिग्ध बीमारी से मरने वालों की संख्या दो हो गई है। साथ ही यहां बुधवार (29 जनवरी) को जीबीएस के 16 नए मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 29 जनवरी तक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के 127 संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है, जिसमें 2 संदिग्ध मौतें भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे की 56 वर्षीय महिला की सरकारी ससून जनरल अस्पताल में जीबीएस के कारण मौत हो गई। वह अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थी। स्वास्थ्य विभाग ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि अभी तक जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इसके अलावा एक और मरीज की बीमारी से मौत होने का संदेह है। इनमें से 72 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है। 23 मरीज पुणे नगर निगम से हैं, 73 पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से हैं, 13 पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से हैं, 9 पुणे ग्रामीण से हैं और 9 अन्य जिलों से हैं। प्रभावित व्यक्तियों में से 20 वर्तमान में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश संक्रमित मरीज पुणे शहर से नए जुड़े क्षेत्रों से हैं। इनमें से कम से कम 20 लोग पड़ोसी पिंपरी चिंचवाड़ से हैं। इस बीच आसपास के जिलों के 8 मरीजों का भी पुणे के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है. यह आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद होने वाली बीमारी है। यह कैम्पिलोबैक्टर के कारण होने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के बाद होता है। इसमें तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम, सेप्सिस, निमोनिया, समेत कई अन्य तरह की समस्या हो सकती है। इस बीमारी का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। गुइलेन-बैरी सिंड्रोम एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही नसों पर हमला करती है। इससे कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात हो सकता है। इस स्थिति से पीड़ित अधिकांश लोगों को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है।
Jan 30 2025, 10:06