*सीतामढ़ी में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लुभा रही मां जानकी की दिव्य प्रतिमाएं*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव भदोही।
माघ महीने आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। यह दिन श्रीविष्णु, महादेव, सूर्य देव और पितरों को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास माना जाता है। प्रयागराज महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान भी इसी दिन होगा। पौराणिक कथा के अनुसार, जब सागर मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए, उस समय देवताओं और असुरों में अमृत कलश के लिए खींच - तान शुरू हो गई। खींच - तान के बीच अमृत की कुछ बूंदें हलककर प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में जा गिरी। यही कारण है कि यहां की नदियों में स्नान करने से अमृत स्नान का पुण्य मिलता है। इस दिन भक्त मौन व्रत रखते हैं और पूजा - पाठ करते हैं। जरुरतमंदों को दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। प्रयागराज के महाकुंभ के तीर्थ यात्री अब जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल सीतामढ़ी में भी आने लगे हैं। इससे यहां भीड़ बढ़ गई है। हालांकि बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं सैलानियों को जनोपयोगी सुविधाओं की कमी खलती है। गंगा मइया के तट पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। महाकुंभ से आने वाले तीर्थ यात्रियों को धार्मिक स्थली की हृदय स्थली श्री सीता समाहित स्थल मंदिर, विश्व प्रसिद्ध 108 फिट ऊंची भगवान हनुमान जी की मूर्ति, दुनियाभर में इकलौता दो मंजिला मां सीता मंदिर और मंदिर में अलग अलग मुद्राओं में स्थापित माता रानी की अप्रिय दिव्य मूर्तियां सम्मोहित करती है। इसी तरह गंगा का पावन तट, महर्षि वाल्मीकि आश्रम स्थित प्राचीन मंदिर, श्री सीता धाम मौनी बाबा आश्रम, उड़िया बाबा आश्रम में आस्थावानों की भीड़ पहुंच रही है। महाकुंभ के तीर्थ यात्रियों का जत्था सीतामढ़ी आने से दुकानदारों का व्यवसाय भी बढ़ने लगी है। मंदिर पुजारी ने बताया कि तीर्थ यात्रियों की अपेक्षित संख्या अभी नहीं आ रही है। कहा ट्रस्ट की ओर से तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए सारी व्यवस्थाएं की गई है।
Jan 28 2025, 16:26