50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाएंगे रिजर्वेशन, ‘जय संविधान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किया ऐलान

#rahulgandhimpvisitcongressrallyinmauattackonbjp_rss

मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी रैली की। महू में राहुल गांधी ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय बापू, जय भीम, जय संविधान से की। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से लेकर पेट्रोल की कीमतों तक को लेकर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच है। इसमें आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महापुरुषों की आवाज है। कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने लोकसभा से पहले भी संविधान को खत्म करने की बात कही थी, इन्होंने कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनके सामने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता और कार्यकर्ता खड़े हुए हैं। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी को संविधान के आगे माथा टेकना पड़ा।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो जाएगा, उस दिन देश के गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के लिए देश में कुछ नहीं बचेगा। इनका यही लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से पहले गरीबों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आजादी से पहले जो स्थिति थी, वैसा ही भारत वे लोग चाहते हैं। गरीब भूखे मर जाएं, वे लोग कोई सपना नहीं देखें। हिंदुस्तान को सिर्फ अरबपति चलाएं। सारे कॉन्ट्रैक्ट उनके हाथ में चले जाएं। संविधान की लड़ाई आरएसएस और बीजेपी के लोगों से है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ा प्रहार

राहुल गांधी ने संघ प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी, असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली थी। राहुल गांधी ने कहा कि ये सीधा संविधान पर आक्रमण है।

सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में

राहुल गांधी ने अंबानी की शादी पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि आज 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। यहां के अरबपति अरबों रुपये अपने बेटे की शादी में खर्चा कर देते हैं। कोई दस करोड़ की घड़ी पहनता है तो कोई 15 करोड़ की घड़ी पहनता है, मगर आपको अपने बच्चे की शादी करवानी हो तो कर्जा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा एक बात भूलिए मत, जितना धन अदाणी और अंबानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा।

जीएसटी अरबपति नहीं देते

राहुल ने कहा कि जो नोटबंदी इन्होंने की, जो जीएसटी लागू की, ये हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को खत्म करने के औजार है। ये योजना नहीं ये हथियार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौन देता है, जीएसटी अरबपति नहीं देते हैं। जीएसटी हिन्दुस्तान के गरीब लोग देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये आपके जेब से निकाला जाता है।

आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर में नहीं जाने दिया

इसके साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब को आपने देखा क्या। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इन्होंने मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने दिया। इसके साथ ही संसद भवन के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।गरीब, जनरल कास्ट और दलितों/पिछड़ों के हाथ में क्या आ रहा है? 90 फीसदी आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराने का वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट 90 अफसर बनाते हैं, उनमें से दलित, पिछड़ा, गरीब जनरल कास्ट, आदिवासी कितने है मैंने सोचा पता लगाते हैं। इनमें से 3 पिछड़े हैं, कहते हैं उनको की चुप बैठो वरना तुम्हारी एसीआर बिगाड़ देंगे। क्या ये अन्याय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि आप या तो मजदूरी करो या चिल्लाओगे तो जेल जाओ। ये बीजेपी का विजन है। हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कर देंगे। पिछड़ों को ये भी नहीं मालूम कि उनकी आबादी कितनी है, शर्म की बात है। मोदी जी कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आबादी का पता नहीं। आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे।

वक्फ कानून में संशोधन के सभी 14 प्रस्ताव पास, विपक्ष के सभी सुझाव संसदीय समिति से खारिज

#waqfamendmentbillclearedbyjpcbjpamendmentsacceptedoppositionfailed

वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा कर रही ज्‍वाइंट पार्लियामेंट कमेटी यानी जेपीसी ने सोमवार को बीजेपी और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। संसदीय समिति ने सोमवार को सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इस दौरान विपक्ष द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को ठुकरा दिया गया।जेपीसी की अगली बैठक 29 जनवरी को होगी।विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।

जेपीसी की बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 44 संशोधनों पर चर्चा हुई। 6 महीने के दौरान विस्तृत चर्चा के बाद, हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे। यह हमारी अंतिम बैठक थी इसलिए समिति द्वारा बहुमत के आधार पर 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया है। विपक्ष ने भी संशोधन सुझाए थे। हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और इस पर वोटिंग हुई। मगर उनके के समर्थन में 10 वोट पड़े और इसके विरोध में 16 वोट पड़े। इसके बाद विपक्षी दलों को संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया।

जगदंबिका पाल पर तानाशाही का आरोप

वहीं, विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद और जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी बैठक के दौरान उनकी बात नहीं सुनी गई और जगदंबिका पाल तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद करार दिया।

जगदंबिका पाल ने आरोपों को खारिज किया

हालांकि जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से हुई और बहुमत के आधार पर फैसले लिए गए। विधेयक में जो अहम संशोधन प्रस्तावित हैं, उनमें से एक ये है कि मौजूदा कानून में प्रावधान है कि वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, लेकिन प्रस्तावित विधेयक में इसे हटा दिया गया है।

संशोधन विधेयक में कई प्रस्ताव

वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में कई बदलावों का प्रस्ताव करता है, जिसमें गैर-मुस्लिम और (कम से कम दो) महिला सदस्यों को नामित करना शामिल है। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ परिषद में (यदि संशोधन पारित हो जाते हैं) एक केंद्रीय मंत्री और तीन सांसद, साथ ही दो पूर्व न्यायाधीश, चार 'राष्ट्रीय ख्याति' वाले लोग और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होने चाहिए, जिनमें से किसी का भी इस्लामी धर्म से होना आवश्यक नहीं है। इसके अलावा, नए नियमों के तहत वक्फ परिषद भूमि पर दावा नहीं कर सकती।

अमेरिका में रह रहे सिख क्यों भड़के? बोले- ये हमारी आस्था के खिलाफ

#ushomelandsecurityraidgurudwaraangerssikh_organizations

अमेरिका में मौजूद अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमर कस ली है। ट्रंप के राष्ट्रपति बने के बाद से अवैध प्रवासियों को ढूंढ़ने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई जारी है। इसी के तहत अब अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारी अब गुरुद्वारों में भी अवैध अप्रवासियों की तलाश कर रहे हैं। अमरीकी पुलिस ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में कुछ गुरुद्वारों में जांच की है। पुलिस ने गुरुद्वारों में जाने के पीछे तर्क दिया है कि धार्मिक स्थलों में प्रवासी छुप सकते हैं। पुलिस के धार्मिक स्थलों की शुचिता का ख्याल ना करने पर सिख संगठनों ने चिंता जताई है। कुछ सिख संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे अपने धर्म की पवित्रता के लिए खतरा माना है।

ट्रंप ने बदले नियम

डोनाल्ड ट्रंप के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद, कार्यवाहक होमलैंड सिक्योरिटी सचिव बेंजामिन हफमैन ने एक निर्देश में बाइडेन प्रशासन के उन दिशानिर्देशों को रद्द कर दिया जो इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (आईसीई) और कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) की कार्रवाई को तथाकथित ‘संवेदनशील’ क्षेत्रों में रोकते थे। इन ‘संवेदनशील’ क्षेत्रों में पूजा स्थल जैसे गुरुद्वारे और चर्च शामिल थे। इस बदलाव से एजेंसियों को गुरुद्वारों और चर्च जैसे पूजा स्थलों में जाने की इजाजत मिल गई है।

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, यह कार्रवाई सीबीपी और आईसीई के कर्मचारियों को हमारे इमिग्रेशन कानूनों को लागू करने और उन अपराधियों को पकड़ने का अधिकार देती है, जो अवैध रूप से हमारे देश में आए हैं। प्रवक्ता ने कहा, अपराधी अब अमेरिका के स्कूलों और चर्चों में छिपकर बच नहीं पाएंगे। ट्रंप प्रशासन हमारे हाथ नहीं बांधेगा और सामान्य समझ के इस्तेमाल पर भरोसा करेगा।

अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुद्वारे की ली तलाशी

इसी क्रम में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के अधिकारियों ने रविवार को न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी जैसे शहरों में गुरुद्वारों का दौरा किया। अवैध अप्रवासियों की मौजूदगी की जांच के लिए की गई इस कार्रवाई सपर सिख संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड ने इस कदम पर गहरी चिंता जताते हुए कि इससे सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होती है। साथ ही अप्रवासी समुदाय के भीतर भी डरावना संदेश जाता है।एक अन्य संगठन ने कहा कि बिना वारंट या वारंट के साथ भी गुरुद्वारों की निगरानी करना अस्वीकार्य है। ये हमारी आस्था पर हमला है और इससे धार्मिक क्रियाकलाप प्रभावित होंगे।

सहयोग न करने वाले देशों पर लगाएंगे प्रतिबंध

अमेरिकी संसद के निचले सदन के स्पीकर माइक जॉनसन ने चेतावनी दी है कि जो भी देश अमेरिका से निर्वासित हुए अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करेगा, उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। बता दें कि ट्रंप सरकार ने अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है। कोलंबिया ने पूर्व में अपने निर्वासित नागरिकों को वापस भेजने के अमेरिका के तरीके से नाराजगी जाहिर करते हुए अपने नागरिकों को वापस लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद ट्रंप सरकार ने कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्देश दिया तो कोलंबिया की सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने का फैसला किया

उत्तराखंड में यूसीसी लागू, सीएम ने किया पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण

#uttarakhand_implements_uniform_civil_code_ucc

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का किया लोकार्पण। सीएम ने रिमोट दबाकर वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। सीएम धामी ने यूसीसी लागू होने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी। वहीं, इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया।

इस अवसर पर सीएम पुष्‍कर धामी ने कहा कि मैं ये बहते हुए बहुत भावुक हूं क‍ि उत्तराखंड में आज से यूसीसी लागू हो गया है। इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। अब से हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहु विवाह पर पूरी तरह से रोक होगी। संविधान के अनुच्छेद -342 में अनुसूचित जनजातियों को सरंक्षित किया गया है, इसलिए उन्हें बाहर रखा गया है। किसी धर्म संप्रदाय को टार्गेट करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है। केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है।

उन्‍होंने आगे कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। निकाह पर कोई रोक नहीं है। जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी, लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है। संपति के अधिकार में बच्चों का भी बराबर का अधिकार होगा, चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो। विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है। सात फरवरी 2024 को विधानसभा ने इससे संबंधित विधेयक पारित किया। 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। फिर 14 मार्च को सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहली इसकी नियमावली बनाने का निर्णय लिया। लगभग एक साल तक चली कसरत के बाद नियमावली तैयार की गई। इसके बाद इसे धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। संहिता के प्रविधानों के अनुसार विभिन्न विषयों का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है।

यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा। इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं। इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी। तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी। वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी। इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा। पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ में लगाई पवित्र डुबकी, सीएम योगी रहे मौजूद

#amit_shah_mahakumbh

गृह मंत्री अमित शाह प्रयागराज पहुंचे हैं। अमित शाह ने सोमवार को महाकुंभ पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदि‍त्‍यनाथ भी मौजूद रहे। साथ ही कई संत पवित्र स्नान में गृह मंत्री के साथ मौजूद रहे।

इससे पहले अमित शाह अपने परिवार के साथ धर्म नगरी पहुंचे। अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, कुंभ समरसता पर आधारित हमारे सनातन जीवन-दर्शन को दर्शाता है। आज धर्म नगरी प्रयागराज में एकता और अखंडता के इस महापर्व में संगम स्नान करने और संतजनों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हूं। प्रयागराज पहुंचने पर उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट ने फूल देकर भव्य स्वागत किया।

बता दें, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में भाग लेने के लिए त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, 26 जनवरी 2025 तक 13.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। यह आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है।

गृहमंत्री संगम स्नान एवं पूजन के साथ अक्षयवट एवं बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद वह सभी शंकराचार्य से मिलेंगे। इनके अलावा शरणानंदजी महाराज, गोविंद गिरि महाराज तथा अन्य संतों से भेंट करेंगे। जगन्नाथ ट्रस्ट शिविर में संतों संग वह भोजन करेंगे। शाम को करीब 6:50 बजे वह बमरौली एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।

इस छोटे से देश ने सबसे ताकतवर देश को ललकारा, अमेरिका की प्रवासी उड़ानों को रोका, टैरिफ का ऐलान

#colombiadeportationflights_rejection

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालते ही कई कड़े फैसले लिए, जिनमें प्रवासी और टैरिफ बढ़ाना सबसे विवादास्पद फैसले रहे हैं। ट्रंप के बयानों के बाद कनाडा और मेक्सिको से तनाव तो बढ़ा, लेकिन ये दोनों देश अमेरिका के खिलाफ कोई एक्शन लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं। ट्रंप के इन कदमों का जवाब छोटे से देश कोलंबिया ने दिया है।दक्षिणी अमेरिकी देश कोलंबिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फरमान मानने से इनकार कर दिया है। मामला अवैध प्रवासियों के विमानों को अपने देश में लैंड करने देने का है। कोलंबिया की सरकार ने प्रवासियों को लाने वाली दो उड़ानों को अस्वीकार कर दिया है। यही नहीं, अमेरिकी सामानों पर कोलंबियाई टैरिफ में 25 फीसदी की वृद्धि की घोषणा की।

कोलंबिया ने निर्वासित अप्रवासियों से भरे दो अमेरिकी विमानों को लौटाया

अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को लेकर एक्शन शुरू कर दिया है। ट्रंप ने अमेरिका में रह रहे कोलंबियाई नागरिकों को दो विमानों में भरकर कोलंबिया भेज दिया, लेकिन कोलंबिया ने इन विमानों को लैंडिंग की इजाजत नहीं दी। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिका से प्रवासियों को लेकर आ रही उड़ानों को हवाई रास्ता देने से इनकार करते हुए अपने देश में आने से रोक दिया है। पेट्रो ने रविवार को अमेरिका में कोलंबियाई प्रवासियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब तक अमेरिका प्रवासियों के सम्मानजनक व्यवहार का प्रोटोकॉल नहीं बनाता है, तब तक कोलंबियाई प्रवासियों को लाने वाले अमेरिकी विमानों को देश में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी।

कोलंबिया ने अमेरिकी सैन्य विमानों को वापस भेजा

कोलंबिया के वामपंथी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक्स पर लिखा, 'अमेरिका कोलंबियाई प्रवासियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकता। मैं कोलंबियाई प्रवासियों को ला रहे अमेरिकी विमानों को हमारे क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक रहा हूं। इन विमानों को तभी स्वीकार किया जाएगा, जब वॉशिंगटन प्रवासियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने वाला एक प्रोटोकॉल बनाएगा।' पेट्रो ने एक और पोस्ट में बताया कि उन्होंने कोलंबियाई प्रवासियों के साथ आ रहे अमेरिकी सैन्य विमानों को वापस भेजा है।

कोलंबिया की कार्रवाई से भड़का यूएस

कोलंबिया द्वारा विमानों की लैंडिंग की इजाजत नहीं दिए जाने से नाराज ट्रंप ने कोलंबियाई अधिकारियों के वीजा को रद्द करने और तत्काल ट्रैवन बैन लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोलंबिया के सत्ताधारी दल के सभी सदस्यों और समर्थकों पर भी वीजा प्रतिबंध लगा दिया। इस कार्रवाई के बाद ट्रंप ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। हम कोलंबिया की सरकार के द्वारा नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि 25 फीसदी टैरिफ को अगले हफ्ते से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया जाएगा।

मेरा DNA भी भारतीय...', इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने ऐसा क्यों कहा?

#indonesian_president_prawobo_subianto_says_i_have_indian_dna

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोओ सुबिअंतो का भारत दौरा खत्म हो चुका है और वह मलेशिया पहुँच चुके हैं। हालांकि, अभी उनके भारत दौरे की चर्चा खत्म नहीं हुई है।इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो गणतंत्र दिवस पर इस बार भारत के मुख्य अतिथि थे। रविवार को वो कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ शरीक भी हुए और उन्होंने परेड में शामिल इंडोनेशिया सेना के दल की सलामी भी ली। गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर शनिवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से डिनर का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के साथ इस भोज में इंडोनेशिया का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा था। डिनर में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने एक ऐसी बात कही जिसकी खासी चर्चा हो रही है।

राष्ट्रपति मुर्मू की ओर से आयोजित रात्रिभोज में, सुबियांटो ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि हाल ही में हुए डीएनए टेस्ट से पता चला है कि उनमें भारतीय वंश है। उन्होंने मजाक में कहा, 'कुछ हफ़्ते पहले, मैंने अपना जेनेटिक सीक्वेंसिंग टेस्ट और अपना डीएनए टेस्ट करवाया, जिससे पता चला कि मेरे पास भारतीय डीएनए है। सब जानते हैं कि जब मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तो मैं नाचने लगता हूं। यह मेरे भारतीय जीन का हिस्सा होगा।' इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी मेहमान हंसी में डूब गए।

इस बयान से पहले सुबियांटो ने दोनों देशों के बीच स्थायी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की बात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच साझा विरासत पर जोर देते हुए कहा, हमारी भाषा का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा संस्कृत से आता है। कई इंडोनेशियाई नाम संस्कृत में हैं। हमारे दैनिक जीवन में, प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रभाव बहुत मजबूत है।

प्रबोवो सुबियांतो ने पीएम मोदी के नेतृत्व को प्रेरणादायक बताते हुए उनकी प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा, मुझे भारत आकर बहुत गर्व हो रहा है। मैं एक पेशेवर राजनीतिज्ञ नहीं हूं, मैं एक अच्छा राजनयिक नहीं हूं, मैं वही कहता हूं जो मेरे दिल में है। मैं यहाँ कुछ दिनों के लिए आया था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और प्रतिबद्धताओं से बहुत कुछ सीखा।

वहीं सुबिअंतो से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपना वक्तव्य दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सभ्यतागत संबंध हज़ारों साल पुराने हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों के लिए बहुलतावाद, समावेशिता और क़ानून के शासन के मूल्य समान हैं और ये साझा मूल्य हमारे समकालीन संबंधों को दिशा देते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों के लिए 'बाली जात्रा' पर्व का उदाहरण दिया. प्राचीन काल में भारत के नाविक और व्यापारी बाली और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दूसरी जगहों की यात्रा करते थे और इसी से बाली जात्रा पर्व मनाना शुरू हुआ। आज भी कार्तिक पूर्णिमा के मौक़े पर ओडिशा के कटक में ये पर्व मनाया जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने हिंद-प्रशांत की परिकल्पना और भारत की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी में इंडोनेशिया को एक अहम स्तंभ बताया।

महाकुंभ में आज पहुंचेंगे अमित शाह, लगाएंगे आस्था की डुबकी, सीएम योगी भी होंगे साथ

#homeministeramitshahwilltakesangambathtoday

144 साल बाद लगे महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। अब तक करोड़ों भक्त स्नान कर चुके हैं।आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाएंगे गृहमंत्री अमित शाह आज करीब साढ़े सात घंटे महाकुंभ नगर में रहेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गंगा स्नान किया था।

गृहमंत्री संगम स्नान एवं पूजन के साथ अक्षयवट एवं बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद वह सभी शंकराचार्य से मिलेंगे। इनके अलावा शरणानंदजी महाराज, गोविंद गिरि महाराज तथा अन्य संतों से भेंट करेंगे। जगन्नाथ ट्रस्ट शिविर में संतों संग वह भोजन करेंगे। शाम को करीब 6:50 बजे वह बमरौली एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।

कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है-शाह

हाल ही में गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा था कि 144 साल में एक बार ऐसा महाकुंभ का अवसर मिला है। हर किसी को इसमें जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवन में 9 बार कुंभ में गया हूं, अर्धकुंभ भी देखा है। उन्होंने कहा कि कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है। शाह ने गुजरात के लोगों खासकर युवा पीढ़ी से महाकुंभ में आने का भी आग्रह किया था। शाह ने कहा कि कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है क्योंकि इसमें यह नहीं पूछा जाता आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं। बिना किसी भेदभाव के भोजन मिलता है। दुनिया में कोई भी आयोजन सद्भाव और एकता के मामले में महाकुंभ जितना शक्तिशाली संदेश नहीं देता। महाकुंभ में कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान की परवाह किए बिना गंगा में स्नान कर सकता है।

शाह के साथ सीएम योगी भी रहेंगे मौजूद

अमित शाह के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। वह अमित शाह के साथ संगम नोज, बड़े हनुमान जी मंदिर एवं अक्षयवट का दर्शन करेंगे। सीएम योगी, गृहमंत्री के साथ जूना अखाड़ा भी जाएंगे। इसके बाद उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मानव उत्थान सेवा समिति के शिविर का उद्घाटन करेंगे।

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू भी महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी

केंद्रीय गृहमंत्री के अलावा केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामले के मंत्री किरन रिजिजू भी प्रयागराज आएंगे। वह दोपहर करीब 2.40 बजे प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करेंगे। इसके बाद गंगा पूजन करेंगे। शाम करीब 4.30 बजे वह सेक्टर-8 में स्थित बुद्ध संगम शिविर जाएंगे और उसके बाद विश्व हिंदू परिषद के शिविर में बुद्ध सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

उत्तराखंड में आज लागू होगा यूसीसी, शादी- तलाक से वसीयत तक...जानें क्या-क्या बदल जाएगा

#uttarakhand_will_today_enforce_uniform_civil_code

उत्तराखंड में आज से बहुचर्चित कानून यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी लागू हो रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि प्रदेश में सोमवार से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी होगा। यूसीसी के लागू होते ही कई सारी चीजें आज से ही बदलने जा रही हैं। राज्य सरकार ने इसे लागू करने से इसके प्रति लोगों को जागरूक भी किया है। यूसीसी का एक पोर्टल भी आज लॉन्च किया जाएगा। आपको बता दें कि यूसीसी के नियम लागू करने से पहले इसे लेकर काफी लंबी कवायद चली थी। लोगों से विचार विमर्श किया गया था और पूरे उत्तराखंड में सभी लोगों से सलाह भी ली गई थी। इसके लिए एक विशेषज्ञ कमिटी बनाई गई थी। बीते दिनों कैबिनेट ने यूसीसी की नियमावली पर अपनी सहमति जताई थी।

उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रमुख वादों में से एक था। मार्च में दोबारा सीएम पद संभालते ही सीएम धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गई थी।

समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी थी। इसके बाद आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से पास होने के बाद इस इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। यहां से 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल गया। इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं। नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए। बीती 20 जनवरी को यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देकर कैबिनेट ने इसे पास कर दिया। बीते कई दिनों से इसके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को लेकर विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल भी चल रही थी। शुक्रवार को हुई मॉक ड्रिल में पहले आई समस्याओं को दूर कर लिया गया। अब यह पोर्टल आम नागरिकों और अधिकारियों के प्रयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उत्तराखंड में यूसीसी से क्या क्या बदलाव होगा -

• सभी धर्म समुदायों में विवाह तलाक,गुजारा भत्ता और विरासत के लिए समान कानून अब होंगे शादियों का रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य होगा।

• विवाह के छह महीने के भीतर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। 26 मार्च 2010 से पहले की शादियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं होगा। पंजीकरण न कराने पर अधिकतम पच्चीस हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पंजीकरण नहीं कराने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

• महिलाओं को भी पुरुषों के समान तलाक का अधिकार होगा। संपत्ति में बेटा बेटी को बराबर का अधिकार मिलेगा जायज और नाजायज बच्चों में भी कोई भेद नहीं होगा।

• किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के शख्स के लिए तलाक का एक समान कानून लागू होगा। फिलहाल देश में हर धर्म के हिसाब इन मामलों का निपटारा किया जाता है।

• अब से उत्तराखंड में बुहविवाह पर रोक लगेगी। लड़कियों की शादी की उम्र चाहे वह किसी भी जाति या धर्म की हों, एक समान होगी. लड़कियों की शादी की 18 साल का होना जरूरी है।

• यूसीसी के लागू होने के उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथा भी बंद होने जा रही है। साथ ही उत्तराधिकार के लिए अब से लड़कियों को लड़कों के बराबर ही माना जाएगा।

• लिव इन रिलेशनशिप का रिजस्ट्रेशन कराना कपल के लिए अनिवार्य होगा। अगर कोई कपल 18 से 21 साल के बीच के हैं तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने माता-पिता का सहमति पत्र भी देना होगा।

• यूसीसी के नियम और कानून से शेड्यूल ट्राइब को पूरी तरह से बाहर रखा गया है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर और धार्मिक मामलों जैसे कि पूजा नियम व परंपराओं से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।

अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान, कहा- AAP की सरकार बनी तो मनीष सिसोदिया ही होंगे डिप्टी सीएम

डेस्क: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार (26 जनवरी) को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मनीष सिसोदिया ही डिप्टी सीएम होंगे। जंगपुरा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने ये बड़ी बात कही है।

वहीं, जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने कहा कि, ''लोग अरविंद केजरीवाल को दोबारा सीएम के रूप में देखना चाहते हैं। मैं जंगपुरा के लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि अब जब पूरी दिल्ली अरविंद केजरीवाल को चुन रही है, तो उन्हें मुझे भी चुनना चाहिए ताकि मैं शिक्षा पर और अधिक काम कर सकता हूं और अरविंद केजरीवाल के दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम कर सकता हूं। मैं जंगपुरा की बेहतरी के लिए काम करूंगा।''

जंगपुरा में चुनावी सभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा "पिछली बार आठ विधानसभा में बीजेपी के विधायक जीते। उन्होंने अपने यहां कोई काम नहीं होने दिया। आठों ने अपनी विधानसभा नर्क बना दी। आप लोग ऐसी गलती भूलकर भी मत करना। जंगपुरा से आप लोग डिप्टी सीएम के रूप में मनीष सिसोदिया जी को चुनकर विधानसभा भेज देना।” वहीं, सिसोदिया ने कहा “जंगपुरा से मेरे जीतने पर यहां का एक-एक भाई और बहन डिप्टी सीएम बनेगा। यहां के लोगों का काम रोकने किसी की हिम्मत नहीं होगी।”

जंगपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "जिस-जिस को जीरो बिजली का बिल चाहिए, वे आम आदमी पार्टी को वोट दें और जिसको महंगी बिजली का बिल चाहिए वे भाजपा को वोट दें। भाजपा ने घोषणा कर दिया है कि अगर उनकी सरकार आई तो वे जीरो बिजली के बिल, बिजली पर सब्सिडी बंद कर देंगे। वे मुफ्त बिजली के खिलाफ हैं।"