गांव में सड़क और पुल के अभाव को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश, मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

गरियाबंद-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनाव बहिष्कार की खबर सामने आ रही है. गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर जनपद के लोहारसी पंचायत के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी है. ग्रामीणों ने दर्जनों की संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रशासन को अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई सालों से लोहारसी पंचायत के 4 वार्डों के लोग सड़क और पुलों के अभाव में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि खेतों में सिंचाई के लिए जो पानी का नाला गांव की सड़कों में घुसता है, वहां पुलिया बनाने की मांग वे लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ग्रामीणों ने कहा कि दो दिन पहले पानी से भरी सड़क पर उतरकर उन्होंने चुनाव बहिष्कार की रणनीति बनाई थी. उनका गुस्सा पंचायत के लापरवाह प्रतिनिधियों पर भी फूटा है, जिन पर आरोप है कि मंजूरी मिलने के बावजूद सड़क और पुलों के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही.

हालांकि, कलेक्टर से मुलाकात के बाद ग्रामीणों का आक्रोश कुछ ठंडा हुआ है, लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे चुनाव बहिष्कार के अपने फैसले पर कायम रहेंगे.

नगरीय निकाय चुनाव 2025: आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन हुई एक्टिव, हटाए जा रहे सभी राजनीतिक बैनर-पोस्टर

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता ही प्रभावी हो गई है. इसके तहत राजधानी रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में शासन सक्रीय हो गया है. सभी चौक-चौराहों, शासकीय खंभे,पेड़ और सड़क किनारे लगाए गए राजनीतिक बैनर-पोस्टर्स को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

बता दें, कलेक्टर ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम की उड़नदस्ता टीमें प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के प्रचार-प्रसार और राजनीतिक प्रचार के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर हटाने में जुट गई हैं. 

अंबुजा सीमेंट की खदान विस्तार योजना: ग्रामीणों ने किया समर्थन, रोजगार और विकास को मिलेगा नया आयाम…

बलौदाबाजार-    अंबुजा सीमेंट की चुना पत्थर खदान के विस्तार के लिए पर्यावरण स्वीकृति संबंधी जनसुनवाई सोमवार को ग्राम मोपर के शासकीय हाई स्कूल में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई. इस जनसुनवाई में उपस्थित 99% ग्रामीणों ने परियोजना का समर्थन किया. स्थानीय लोगों ने इसे रोजगार, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पहल के रूप में सराहा. जनसुनवाई का संचालन अतिरिक्त जिला कलेक्टर बलौदाबाजार, दीप्ति गौते और भाटापारा के अतिरिक्त जिला कलेक्टरअभिषेक गुप्ता, साथ ही क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारीपी. के. रबड़े की उपस्थिति में किया गया. इसमें सैकड़ों स्थानीय निवासी, समुदायिक प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.

परियोजना विस्तार का विवरण

जनसुनवाई में प्रस्तुत पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट और पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार, खदान की उत्पादन क्षमता को 2 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है. यह खदान विस्तार बोईरडीह, कर्मडीह, मालदी, मोपर और देवरानी क्षेत्रों में होगा, जो कुल 553.656 हेक्टेयर में फैला है.

इसके तहत मौजूदा क्रशर के साथ एक नया 1800 टन प्रति घंटा क्षमता का क्रशर स्थापित किया जाएगा, जिससे कुल उत्खनन क्षमता 11.02 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी.

स्थानीय समुदाय का समर्थन

महिलाओं ने अंबुजा फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों की सराहना की, वहीं युवाओं और बुजुर्गों ने रोजगार और प्रशिक्षण के अवसरों के बढ़ने की उम्मीद जताई.

माइन्स हेड का बयान

अंबुजा सीमेंट के माइन्स हेड, मनोज शंकर सिंह ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि इस परियोजना से खदान के आस-पास के गांवों में युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि कंपनी ई-वाहन मरम्मत, तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगारोन्मुख कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करेगी.

इसके साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.

अंबुजा सीमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारीप्रतीक पांडेय (हेड, कॉर्पोरेट अफेयर्स),वैभव दीक्षित (सीएमओ),मनोज शंकर सिंह (माइंस हेड) औरपुष्कर चौधरी (एचआर हेड) सहित एचआर, एडमिन, सीएसआर, लैंड और लाइजन टीम के सदस्य भी उपस्थित थे. अधिकारियों ने परियोजना के लाभ और कंपनी की सामाजिक और पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

पर्यावरण संरक्षण की पहल

पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए कंपनी 238.97 हेक्टेयर क्षेत्र का 34.8% हिस्सा ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करेगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा.

समग्र ग्रामीण विकास में योगदान

अंबुजा फाउंडेशन पिछले दो दशकों से आसपास के 13 गांवों में जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कार्य कर रही है. अब तक इन पहलों से 26,000 से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं.

स्थानीय समुदाय और प्रशासन की उम्मीदें

इस सफल जनसुनवाई ने स्थानीय समुदाय और प्रशासन को परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन की दिशा में आश्वस्त किया है. इस पहल से क्षेत्र का समग्र विकास और समृद्धि सुनिश्चित होगी.

आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों की छुट्‌टी पर बैन, जिला निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया आदेश
रायपुर- छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत और निकाय चुनाव का ऐलान होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गई है. आचार संहिता लागू होते ही शासकीय कर्मचारियों की छुट्‌टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. विशेष परिस्थिति में कर्मचारियों अधिकारियों को छुट्टी मिलेगी, लेकिन इसके लिए उन्हें जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा. कलेक्टर की तरफ से अधिकृत अधिकारी की मंजूरी के बिना शासकीय अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जा सकेंगे. इसका आदेश जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने जारी किया है.
रायपुर महापौर के लिए कांग्रेस दावेदारों में होड़ : पूर्व विधायक जुनेजा अपनी पत्नी की दावेदारी को लेकर पहुंचे नेताओं के पास,चैंबर ने भी मांगा टिकट

रायपुर- निकाय चुनाव की बिगुल बजते ही राजधानी में दावेदारों ने वरिष्ठ नेताओं के घरों में दस्तक देना शुरू कर दिया है. रायपुर में महापौर पद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है. कांग्रेस में महापौर पद के लिए दावेदारों की होड़ बढ़ गई है. इनमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पत्नियां और लंबे समय से पार्टी में सक्रिय महिला नेता भी शामिल हैं. रायपुर उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा की धर्मपत्नी परमजीत कौर जुनेजा ने भी दावेदारी ठोंकी है.

परमजीत जुनेजा ने प्रदेश के शीर्ष नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के समक्ष अपनी आवेदन प्रस्तुत कर दावेदारी पेश की है. उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को विश्वास दिलाया है कि यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वे इस बार भी राजधानी में कांग्रेस महापौर बनने मे सफल होंगी. ज्ञात हो कि परमजीत कौर की महिलाओं के बीच अच्छी पकड़ है. वहीं कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ ने अपने सक्रिय पदाधिकारियों को टिकट देने प्रदेश कांग्रेस महामंत्री को दावेदारों की सूची सौंपी है.

कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के सक्रिय पदाधिकारियों को टिकट देने सौंपी सूची

वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज जैन ने भी टिकट को लेकर आज प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू से मुलाकात की. इस दौरान प्रदेश में सक्रिय व्यापार प्रकोष्ठ (चैंबर) के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को टिकट देने की मांग रखी. प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने उन्हें टिकट के लिए एक सूची भी सौंपी  है, जिस पर महामंत्री मलकी सिंह गेंदू ने सूची में शामिल नामों पर सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

प्रदेश प्रवक्ता प्रीति शुक्ला और वंदना राजपूत ने भी पेश की दावेदारी

छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने भी रायपुर महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. प्रीति शुक्ला ने रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे को महापौर पद के लिए आवेदन देकर विधिवत अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है. वहीं प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने भी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रायपुर महापौर के लिए टिकट की दावेदारी की है.

कलेक्टर ने कराया सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण: 41 कार्यालय में अधिकारी-कर्मचारी मिले नदारद, शो कॉज नोटिस जारी

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- जिले में एक बार फिर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी के निर्देश पर जिला संयुक्त कार्यालय भवन गौरेला के 41 कार्यालयों में औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे। इसके परिणामस्वरूप कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि इस निरीक्षण के दौरान, 5 जिला स्तरीय कार्यालयों में ताले भी लगे हुए पाए गए। इनमें श्रम विभाग, रोजगार विभाग, उद्यान विभाग, परिवहन विभाग और जिला व्यापार उद्योग केंद्र शामिल हैं। कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने बताया कि लंबे समय से ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही थी। निर्देश पर अपर कलेक्टर और जॉइंट कलेक्टर की टीम ने कंपोजिट बिल्डिंग में अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान 41 विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जवाब मिलने के बाद कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

शासकीय कार्यों में बड़ी लापरवाही, एसडीएम ने पटवारी को किया निलंबित

अंबिकापुर- शासकीय कार्यों में लापरवाही के चलते पटवारी नारायण सिंह पर गाज गिरी है. तहसील उदयपुर के हल्का पटवारी नारायण सिंह, जो हल्का नंबर-8 चैनपुर में पदस्थ हैं, उन्हें शासकीय कार्यों में लापरवाही और कदाचार के कारण निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) उदयपुर ने की है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटवारी नारायण सिंह पर ग्राम कवलगिरी के कृषक बंधन से रकबा संशोधन कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने का आरोप है. साथ ही उन पर कृषक से एक हजार रुपये लेने का भी आरोप है. पटवारी का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 03 (1) की कंडिका (ड) एवं (च) के विपरीत पाया गया. पटवारी का यह कृत्य शासकीय कार्यों में लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है, जो कदाचार की श्रेणी में आता है. इस मामले में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 09 के तहत नारायण सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

चाइनीज मांझा ने ली मासूम की जान : घटना के बाद हरकत में आया प्रशासन, दुकानों से 8 नग चाइनीज मांझा जब्त

रायपुर-   राजधानी रायपुर में चाइनीज मांझा से 7 साल के मासूम बच्चे का गला कटने से उसकी मौत हो गई. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम की टीम आज कुछ पतंग दुकानों में का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान संतोषी नगर में दो पतंग दुकानों में 8 बंडल चाइनीज मांझा मिला, जिसे निगम जोन 6 जोन कमिश्नर रमेश जायसवाल के निर्देश पर निगम जोन 6 राजस्व विभाग की टीम दो दुकानों से कुल 8 नग चाइनीज मांझा जब्त कर नियमानुसार कार्रवाई कर रही.

मासूम बच्चे की जान जाने के बाद कथित रूप से चाइनीज मांझा के विक्रय किए जाने की मिली जनशिकायतों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक डॉ. गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार एवं नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा के निर्देशानुसार नगर निगम उपायुक्त राजस्व डॉ. अंजलि शर्मा के निर्देश पर नगर निगम राजस्व विभाग की सभी जोनों की टीमों ने सहायक राजस्व अधिकारी के नेतृत्व, राजस्व निरीक्षकों, सहायक राजस्व निरीक्षकों की उपस्थिति में पंतंग दुकानों का निरीक्षण किया.

जिस दुकान में चाइनीज मिला वहां जब्ती की कार्रवाई कर संबंधित पतंग दुकानदारों को भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी दी गई. निगम जोन 4 की राजस्व विभाग की टीम ने सहायक राजस्व अधिकारी मानकुराम धीवर के नेतृत्व में आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान निगम जोन 4 के तहत स्वामी विवेकानंद सदर बाजार वार्ड नम्बर 45 के तहत सती माता सत्ती बाजार के पास संजय पतंग दुकान को अनुज्ञप्ति लाइसेंस नहीं मिलने पर तत्काल दुकान को सील बंद करने की कार्रवाई की गई.

निगम जोन 4 क्षेत्र में श्याम टाकीज बूढ़ापारा के पास की दो पतंग दुकानें आकस्मिक निरीक्षण के दौरान बंद पाई गई. कलेक्टर के मुताबिक, राजधानी शहर में चाइनीज मांझा की जनशिकायतों का त्वरित निदान करने नगर निगम क्षेत्र में अभियान जनहित में जनजीवन सुरक्षा की दृष्टि से आगे भी कार्रवाई सतत जारी रहेगी.

गणतंत्र दिवस पर CM, मंत्री, सांसद और विधायक नहीं कर पाएंगे नई घोषणाएं, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किये निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख अजय सिंह ने सोमवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए चुनाव की तारीखों की जानकारी दी। घोषणा के मुताबिक नगरीय निकाय चुनाव के लिए एक चरण में 11 फरवरी, जबकि पंचायत चुनाव तीन चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को मतदान होंगे। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नगरपालिका और त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचनों की आदर्श आचरण संहिता लागू रहने की अवधि में गणतंत्र दिवस मनाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं।

बता दें कि आयोग ने इस पत्र में यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है कि सभी शासकीय समारोहों में आचार संहिता का कड़ाई से पालन किया जाए। गणतंत्र दिवस पर आदर्श आचरण संहिता के पालन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश इस प्रकार हैं:

- राजनीतिक पदाधिकारियों जैसे मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री/सांसद/विधायक आदि समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से उपस्थित हो सकेंगे, किन्तु शर्त यह है कि वे अपने उद्बोधन में देश की स्वतंत्रता, भारत/छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा, शहीदों की उपलब्धियों, देशभक्ति एवं प्रेरणादायी उद्बोधन तक ही सीमित रहेंगे। किसी भी स्थिति में राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होगी। उद्बोधन में राज्य की प्रचलित योजनाओं का उल्लेख किया जा सकेगा, किन्तु कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकेगी।

- मुख्यमंत्री/मंत्री/सांसद/विधायक या कोई अन्य राजनीतिक पदाधिकारी अपने गृह जिले या निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि/अतिथि के रूप में उपस्थित हो सकेंगे।

- ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी जो किसी निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने का इरादा रखते हैं, वे भी उस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी समारोह में अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर शासन की प्रचलित योजनाओं का झांकियों के रूप में प्रदर्शन किया जा सकेगा। झांकियों में राजनीतिक प्रतिनिधियों के चित्र नहीं लगाए जा सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार की नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं है, किन्तु यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार न हो।

- त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनका कार्यकाल शेष है, वे अपने पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालय में ध्वजारोहण कर सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित सभी समारोहों में आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में आदर्श आचार संहिता लागू

बता दें कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान, राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का मंच मिल सके। यह चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक बरकरार रहती है। आइए समझते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई कर सकता है।

बता दें कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को आचार संहिता कहते हैं। भारतीय चुनाव आयोग आचार संहिता को राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार करता है। चुनाव आचार संहिता के नियम सिर्फ राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर ही लागू नहीं होते हैं। ये केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों जैसे डीडीए, जल बोर्ड आदी पर भी लागू होती है। इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।

चुनाव आचार संहिता में किन चीज़ों पर मनाही है?

-आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फायदा पहुंचता हों।

-सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।

-सरकारी वाहन किसी दल या प्रत्याशी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

-सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।

-प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध होगा।

-प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खजाने से पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता।

-सत्ताधारी पार्टी ने अपनी उपल्बिधियों वाले जो होर्डिंग/विज्ञापन सरकारी खर्च से लगवाएं हैं, उन सभी को तुरंत हटा दिया जाएगा।

-किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होगा।

-कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।

-संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिरकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है।

-कृषि-संबंधी उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा।

सरकार नहीं कर सकती ट्रांसफर-पोस्टिंग

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर-पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बहुत जरूरी हो गया हो, तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये निर्णय नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं।

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर क्या होगा?

चुनाव आचार संहिताके नियमों का पालन करना सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है। आचार संहिता के उल्लंघन को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा। चुनाव आयोग उल्लंघन करने वाले प्रत्याशी या राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है। संबंधित अधिकारी, जिसके क्षेत्र में उल्लंघन हुआ, उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है। जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। उल्लंघन करने पर जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं। उदाहरण के लिए किसी वाहन, जिसके लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर चुनाव प्रचार हेतु अनुमति ली गई है, का दूसरे उम्मीदवार द्वारा प्रचार में इस्तेमाल होना आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसे मामलों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जीजा ने डंडे से पीट-पीटकर की साले की हत्या, मोटर गैरेज में काम करते थे दोनों

भानुप्रतापपुर-  कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र के सेमरापारा में जीजा ने साले की डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी. जानकारी के मुताबिक, एक मोटर गैरेज में काम करने वाले जीजा-साले के बीच शराब के नशे में विवाद हो गया. इस दौरान गुस्से में आकर जीजा ने साले की हत्या कर दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

एसडीओपी प्रशांत पैकरा ने बताया कि सेमरापारा में एपी मोटर्स गैरेज में भोपाल मध्यप्रदेश के जागेश्वर कुमार और उसका साला संजय काम करता है. दोनों ने शुक्रवार की रात्रि साढ़े 8 बजे जमकर शराब पी. इसके बाद दोनों के बीच आपस में विवाद हो गया. इस दौरान मारपीट में साले संजय के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई.

भोपाल से पहुंचे परिजनों को पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया गया. भानुप्रतापपुर पुलिस ने हत्या के आरोपी जागेश्वर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी जीजा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.