गणतंत्र दिवस पर CM, मंत्री, सांसद और विधायक नहीं कर पाएंगे नई घोषणाएं, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किये निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख अजय सिंह ने सोमवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए चुनाव की तारीखों की जानकारी दी। घोषणा के मुताबिक नगरीय निकाय चुनाव के लिए एक चरण में 11 फरवरी, जबकि पंचायत चुनाव तीन चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को मतदान होंगे। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नगरपालिका और त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचनों की आदर्श आचरण संहिता लागू रहने की अवधि में गणतंत्र दिवस मनाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं।

बता दें कि आयोग ने इस पत्र में यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है कि सभी शासकीय समारोहों में आचार संहिता का कड़ाई से पालन किया जाए। गणतंत्र दिवस पर आदर्श आचरण संहिता के पालन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश इस प्रकार हैं:

- राजनीतिक पदाधिकारियों जैसे मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री/सांसद/विधायक आदि समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से उपस्थित हो सकेंगे, किन्तु शर्त यह है कि वे अपने उद्बोधन में देश की स्वतंत्रता, भारत/छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा, शहीदों की उपलब्धियों, देशभक्ति एवं प्रेरणादायी उद्बोधन तक ही सीमित रहेंगे। किसी भी स्थिति में राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होगी। उद्बोधन में राज्य की प्रचलित योजनाओं का उल्लेख किया जा सकेगा, किन्तु कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकेगी।

- मुख्यमंत्री/मंत्री/सांसद/विधायक या कोई अन्य राजनीतिक पदाधिकारी अपने गृह जिले या निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि/अतिथि के रूप में उपस्थित हो सकेंगे।

- ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी जो किसी निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने का इरादा रखते हैं, वे भी उस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी समारोह में अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर शासन की प्रचलित योजनाओं का झांकियों के रूप में प्रदर्शन किया जा सकेगा। झांकियों में राजनीतिक प्रतिनिधियों के चित्र नहीं लगाए जा सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार की नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं है, किन्तु यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार न हो।

- त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनका कार्यकाल शेष है, वे अपने पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालय में ध्वजारोहण कर सकेंगे।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित सभी समारोहों में आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में आदर्श आचार संहिता लागू

बता दें कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान, राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का मंच मिल सके। यह चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक बरकरार रहती है। आइए समझते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई कर सकता है।

बता दें कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को आचार संहिता कहते हैं। भारतीय चुनाव आयोग आचार संहिता को राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार करता है। चुनाव आचार संहिता के नियम सिर्फ राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर ही लागू नहीं होते हैं। ये केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों जैसे डीडीए, जल बोर्ड आदी पर भी लागू होती है। इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।

चुनाव आचार संहिता में किन चीज़ों पर मनाही है?

-आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फायदा पहुंचता हों।

-सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।

-सरकारी वाहन किसी दल या प्रत्याशी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

-सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।

-प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर प्रतिबंध होगा।

-प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खजाने से पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता।

-सत्ताधारी पार्टी ने अपनी उपल्बिधियों वाले जो होर्डिंग/विज्ञापन सरकारी खर्च से लगवाएं हैं, उन सभी को तुरंत हटा दिया जाएगा।

-किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होगा।

-कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।

-संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिरकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है।

-कृषि-संबंधी उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा।

सरकार नहीं कर सकती ट्रांसफर-पोस्टिंग

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर-पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बहुत जरूरी हो गया हो, तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये निर्णय नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं।

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर क्या होगा?

चुनाव आचार संहिताके नियमों का पालन करना सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है। आचार संहिता के उल्लंघन को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा। चुनाव आयोग उल्लंघन करने वाले प्रत्याशी या राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है। संबंधित अधिकारी, जिसके क्षेत्र में उल्लंघन हुआ, उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है। जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। उल्लंघन करने पर जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं। उदाहरण के लिए किसी वाहन, जिसके लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर चुनाव प्रचार हेतु अनुमति ली गई है, का दूसरे उम्मीदवार द्वारा प्रचार में इस्तेमाल होना आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसे मामलों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जीजा ने डंडे से पीट-पीटकर की साले की हत्या, मोटर गैरेज में काम करते थे दोनों

भानुप्रतापपुर-  कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र के सेमरापारा में जीजा ने साले की डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी. जानकारी के मुताबिक, एक मोटर गैरेज में काम करने वाले जीजा-साले के बीच शराब के नशे में विवाद हो गया. इस दौरान गुस्से में आकर जीजा ने साले की हत्या कर दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

एसडीओपी प्रशांत पैकरा ने बताया कि सेमरापारा में एपी मोटर्स गैरेज में भोपाल मध्यप्रदेश के जागेश्वर कुमार और उसका साला संजय काम करता है. दोनों ने शुक्रवार की रात्रि साढ़े 8 बजे जमकर शराब पी. इसके बाद दोनों के बीच आपस में विवाद हो गया. इस दौरान मारपीट में साले संजय के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई.

भोपाल से पहुंचे परिजनों को पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया गया. भानुप्रतापपुर पुलिस ने हत्या के आरोपी जागेश्वर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी जीजा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

चाइनीज मांझे से मासूम की मौत का मामला : हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मांगा जवाब, कोर्ट ने पूछा –

बिलासपुर-  राजधानी रायपुर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से हुई सात वर्षीय मासूम की मौत के मामले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया है. कोर्ट ने इस मामले पर गंभीर नाराजगी जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान यह पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद भी चाइनीज मांझा बाजार में कैसे उपलब्ध है. इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.

दरअसल, हाईकोर्ट में चाइनीस मांजे से मासूम की मौत और महिला अधिवक्ता के साथ हुई दुर्घटना को संज्ञान में लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. वहीं सरकार के मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच में हुई सुनवाई के दौरान कहा कि ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. ये बड़ा खतरनाक है. राज्य सरकार के प्रतिबंध के नोटिफिकेशन के बावजूद कैसे बाजार में मांझा उपलब्ध हो रहा है..? क्यों इस अधिनियम का पालन नहीं करवाया जा सका? क्या मुआवजा दिया गया है? एक 7 साल के बच्चे की जान चली गई और एक महिला अधिवक्ता घायल है. क्यों राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मुख्य सचिव से जवाब मांगा है, कि कैसे बाजार में चाइनीस धागा और मांझा उपलब्ध हो रहा है. वहीं 7 साल के बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार को क्या मुआवजा दिया गया है? इस पूरे मामले में पूर्व में हुई घटनाओं के बारे में भी जवाब तलब किया है.

बता दें कि रायपुर के पचपेड़ी नाका में रविवार को 7 साल का बच्चा गार्डन में खेलने जा रहा था. इस दौरान चाइनीस मांझा उसके गले में फंस गया और बच्चा लहुलुहान हो गया. आसपास के लोगों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं राजधानी के देवेंद्र नगर में एक महिला अधिवक्ता भी चाइनीस मांजे की शिकार होकर घायल हो गई. इन दोनों मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने इस जनहित याचिका मानकर सुनवाई की. मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को तय की गई है.

निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत के मतगणना की तारीखों पर कांग्रेस ने जताई असहमति, निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर करेगी ये मांग

रायपुर-  प्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का ऐलान हो गया है. इसके साथ ही अब इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राज्य निर्वाचान आयोग की ओर से निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत के मतगणना की ऐलान की अलग-अलग तारीखों पर असहमति जताई है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव 2025 का 15 फरवरी को, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहले चरण का 18 फरवरी, दूसरे चरण का 21 फरवरी और अंतिम चरण का 24 फरवरी को परिणाम घोषणा की तिथि का ऐलान किया है. इसपर अब कांग्रेस ने असहमति जताई है, जिसके लिए अब निर्वाचन आयोग को पत्र लिखेगी.

इस दिन परिणाम ऐलान की मांग

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर सभी चुनावों के परिणामों को 24 फरवरी को घोषित करने की मांग की है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बीजेपी सरकार पर परिणाम प्रभावित करने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस ने निकाय और ग्रामीण चुनाव के नतीजों की दो अलग अलग तारीखों को लेकर आपत्ति जताई है. पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा- ये वन नेशन,वन इलेक्शन की बात करते हैं, वहीं निकाय और पंचायत चुनाव के परिणाम चार चरण में दे रहे हैं. ये परिणाम को प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. कांग्रेस मतगणना की तारीखों से सहमत नहीं. कांग्रेस निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिख कर 24 फरवरी को परिणाम एक साथ जारी करने की मांग करेगी.

स्कूल बस हादसा : शिक्षक और चालक की मौत पर मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक, घायल छात्रों के बेहतर इलाज के निर्देश

कोंडागांव-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोंडागांव के नेशनल हाइवे 30 में हुए भीषण सड़क हादसे में मृतकों पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि “कोंडागांव में स्कूली बस और ट्रक के बीच हुई सड़क दुर्घटना में वाहन चालक सहित एक शिक्षक के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है. बस में सवार स्कूली बच्चों में कुछ बच्चों के घायल होने की भी खबर है, जिनका इलाज जारी है. जिला प्रशासन को बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने व घायल बच्चों के जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं. “

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बनी रणनीति

रायपुर-  राजधानी के राजीव भवन में कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज और तमाम नेता बैठक में मौजूद रहे. इस दौरान आगामी चुनाव की रणनीति के साथ प्रत्याशियों के चयन को लेकर चर्चा की गई. बैठक में शामिल हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि हमारे साथी लगातार चुनाव को लेकर अपने क्षेत्रों में बैठके कर रहे है. सभी विधायक साथियों ने कमर कस लिया है. प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे.

कांग्रेस की बैठक में प्रत्याशी चयन को लेकर बड़ा फैसला

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. पर्यवेक्षक जाएंगे, नगर पंचायत – नगर पालिका में बैठक करेंगे और एक-एक नाम पार्षदों के लिए आगे देंगे. आवश्यकता पड़ी तो वरिष्ठ नेताओं से विधायक और पूर्व विधायक सभी से चर्चा करेंगे. वार्ड में कोई दिक्कत होगी तो आपस में बैठकर जिला स्तर चर्चा की जाएगी. अध्यक्ष की पद पर पीएससी चयन समिति आगे आयेगा.

कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव में सभी वर्गों को साधने की तैयारी

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि फोकस में महिला और युवा वोटर है. सरकार ने एक लाख लोगों को नौकरी देने के नाम पर सरकार बनाई और ठगने का काम किया है. लगातार मंत्रियों के सभा में नौकरी मांग रहे हैं. मंत्रियों के लिए सरकार और मंत्रियों के लिए सबसे बड़ा चुनौती है. किसान और ओबीसी भी हमारे साथ है. बहुत सारे वर्ग है, जो सरकार से नाखुश हैं. उन्हें हम साधने का प्रयास करेंगे.

B. ed शिक्षकों को लेकर पीसीसी चीफ बैज का सरकार पर हमला

दीपक बैज ने B.ed सहायक शिक्षिकाओं के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा हुई बर्बरता को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है . उन्होंने कहा महिलाएँ आरोप लगा रही है कि पुलिस दारू पी करके कपड़ा फाड़ रहे हैं. सोशल मीडिया में वीडियो चल रहे हैं. विष्णु के सुशासन में इतनी छूट कैसे मिल गई. इस सरकार सारे हदें क्रूरता की पराकाष्ठा पार कर चुकी है. कमेटी बनाया गया है, लेकिन कमेटी में अभी तक क्या निर्णय लिया. समय सीमा देकर सरकार को उसे पर निर्णय करना चाहिए. B.ed शिक्षकों को गुमराह करने के लिए कमेटी बना दिया गया. कमेटी में अभी तक एक बैठक भी नहीं हुई. सरकार कितनी बर्बरता के साथ कार्रवाई कर रही है.

छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों का समन्वित विकास जरूरी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ विकसित राज्य बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। हमारी सरकार को अभी तेरह महीने ही हुए हैं। इस बीच हमने सुशासन के लिए, संवेदनशीलता के साथ, जनसेवा के अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के साथ ही हम लोगों ने सभी वर्गों के विकास के साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया है। इससे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना का विकास, स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि हुई है। हमारा पहला साल सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों के विकास के लिए समर्पित रहा। प्रदेश ने विकास के नए आयाम स्थापित किए। सभी वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को एक साल के भीतर ही पूरा कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित ’नगरीय विकास के सोपान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के मुखिया प्रधानमंत्री से लेकर गांव के सरपंच तक विकास की सोच रखने वाले जनप्रतिनिधि होंगे तो सबका साथ, सबका विकास मूलमंत्र के साथ छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास होकर ही रहेगा। उन्होंने कहा कि गांव और नगरीय क्षेत्र का समन्वित विकास होना चाहिए, इसके लिए मानव संसाधन की पर्याप्त उपलब्धता आवश्यक है। नगरीय निकायों में अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में लम्बे समय से मांग की जा रही थी। हमने संवेदनशीलता के साथ विचार कर इसके लिए नए पद भी स्वीकृत किए हैं। नगरीय विकास के सोपान कार्यक्रम में हम लोग आज 103 पदों पर अनुकंपा नियुक्ति का आदेश पत्र अभी वितरण किए हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े और ज्यादा से ज्यादा युवा आत्मनिर्भर हों। हमारी सरकार ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और विभिन्न नगरीय निकायों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 353 पदों की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न नगरीय निकायों में 155 करोड़ 38 लाख रुपए के 813 कार्यों का शिलान्यास और 15 करोड़ 25 लाख रुपए के 70 कार्यों का लोकार्पण अभी यहां पर हुआ है। 6 नगरीय निकायों तखतपुर, रतनपुर, भानुप्रतापुर, छुरिया, मल्हार ओर खोंगापानी में अमृत मिशन-2.0 के तहत 270 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले जल प्रदाय योजनाओं का शिलान्यास भी हम लोगों ने यहां पर किया है। इन नगरीय निकायों में 20 हजार 511 निजी नल कनेक्शन दिए जाएंगे। इससे हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प मूर्तरूप लेने वाला है।

स्वच्छ भारत अभियान में सभी की सहभागिता से नगरीय क्षेत्रों में बड़ी सफलता मिल रही है। स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए हम लोग समय-समय पर उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी कर रहे हैं। ऐसे ही मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत क्लीन टायलेट कैम्पेन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के 14 नगरीय निकायों को आज हम लोग सम्मानित कर रहे हैं। अंबिकापुर, छुरा, छुरिया, डोंगरगढ़, कोरबा, महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, मंदिर हसौद और चंदखुरी आदि नगरीय निकायों को आज पुरस्कृत किया जा रहा है। इन्हें सम्मानित करके हम खुद भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में स्वच्छता और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने में स्वच्छता दीदियों का बड़ा योगदान है। इनके लगन और मेहतन से ही स्वच्छता मिशन सफल हो पा रहा है। स्वच्छता दीदियों का सम्मान, इनके योगदान को प्रोत्साहन देता है। हम इनका सम्मान करके खुद भी सम्मानित महसूस कर रहे हैं। राज्य के नगरीय निकायों में इस समय स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 9 हजार से अधिक स्वच्छता दीदी कार्यरत हैं। इन्हें 7200 रुपये मानदेय दिया जाता है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि स्वच्छता दीदियों के मानदेय में आज 800 रूपये की बढ़ोत्तरी की जा रही है। अब स्वच्छता दीदियों को हर महीने 8 हजार रूपये मानदेय मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि कोई भी भारतीय खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा। हर नागरिक का पक्का मकान होगा। मोदी जी की गारंटी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर को हमारी सरकार बनते ही, हमने 14 दिसंबर 2023 को पहले कैबिनेट की बैठक में पहला निर्णय 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की मंजूरी का लिया। हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए डबल इंजन की सरकार में भरपूर सहयोग मिल रहा है। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें दुर्ग में बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास की सौगात दी। अगले वित्तीय वर्ष के लिए उन्होंने 3 लाख अतिरिक्त आवास की स्वीकृति भी दी है। प्रधानमंत्री आवास 2024 प्लस योजना में सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है। इसका लाभ अब उन लोगों को भी मिलेगा, जिनके पास दोपहिया वाहन है। जिनके पास ढाई एकड़ तक सिंचित और पांच एकड़ तक असिंचित खेती है, उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। जिनकी मासिक आय 15 हजार रूपये तक है, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए ऑनलाइन और सुगम सर्वेक्षण की व्यवस्था भारत सरकार ने की है। अब घर बैठे ही मोबाइल एप के माध्यम से पात्रता संबंधी पंजीयन करा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा है। यह शुभ संयोग 144 साल बाद बना है। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्री भी इसका लाभ उठायें, इसके लिए हमारी सरकार ने मेला स्थल में विशेष व्यवस्था की है। हमारे प्रदेश से जो भी श्रद्धालु महाकुंभ में जा रहे हैं। वहां उनके लिए ठहरने की अच्छी व्यवस्था है। खाने और नाश्ते का भी इंतजाम किया गया है। आप सभी को हम महाकुंभ में स्नान के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

मोदी जी की एक गारंटी प्रदेश के पांच लाख से अधिक भूमिहीन श्रमिकों को दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन श्रमिक योजना अंतर्गत 10 हजार रूपये देने की व्यवस्था हमारी सरकार ने की है। आज के कार्यक्रम में माता-बहनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति है। यह इस बात का प्रमाण है कि इनके खाते में हर महीने एक-एक हजार रूपये सांय-सांय आ रहा है। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में काम करने वाली और सुशासन की सरकार है। विष्णु के सुशासन में किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के 23 नगरीय निकायों में मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत लगभग चार लाख जनसंख्या को शुद्व पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके तहत माना कैम्प, कुम्हारी, मंदिर हसौद, सुकमा और कोंडागांव नगर पालिका तथा समोदा, चंदखुरी, कुंरा, नगरी, आमदी, फिंगेश्वर, गुण्डरदेही, अर्जुन्दा, बोदरी, राहोद, खरोद, शिवरीनारायण, सरिया, प्रेमनगर, भटगांव, झगराखंड, कुनकुरी और नरहरपुर नगर पंचायत में 1154 करोड़ रुपए की लागत की जलप्रदाय परियोजनाओं का योजनाबद्ध ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। वन मंत्री तथा रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में लगातार विकास की गंगा बह रही है।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायकगण राजेश मूणत, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, गुरू खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा और इन्द्रकुमार साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

नगरीय निकाय चुनाव 2025: निकाय और पंचायत चुनाव तारीखों का ऐलान, प्रदेश में आचार संहिता लागू
रायपुर-    छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव लेकर निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस शुरू हो चुकी है. PC में चुनाव आयोग के अधिकारी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर रहे हैं. इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी.
नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान11 फरवरी को मतदान होगाएक ही चरण में नगरीय निकाय कराया जाएगा22 जनवरी से नॉमिनेशन से शुरू की जाएगी31 जनवरी को नाम वापसी होगी15 तारीख मतगणना होगी। पंचायत चुनाव तीन चरणों में होगा27 जनवरी से 3 फरवरी तक नॉमिनेशन होगा17, 20 और 23 फरवरी को मतदान होगा18, 21 और 24 फरवरी को होगी मतगणना।प्रदेश में नगरीय निकायों के अन्तर्गत 10 नगरपालिक निगम् 49 नगरपालिका परिषद्, 114 नगर पंचायतों में आम निर्वाचन तथा जिला दुर्ग एवं सुकमा के नगरीय निकायों के रिक्त स्थानों की पूर्ति हेतु 05 वार्डों में उप निर्वाचन सम्पन्न कराया जायेगा.
नगरपालिकाओं के आम निर्वाचन में 22,00,525 पुरुष निर्वाचक, 22,73,232 महिला निर्वाचक, 512 अन्य निर्वाचक कुल 44,74,269 निर्वाचक एवं उप निर्वाचन में कुल 16,181 निर्वाचक निर्वाचन में भाग लेंगे. आयोग द्वारा मतदाताओं के फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार कराया गया है. मतदान के लिए आम निर्वाचन हेतु कुल मतदान केन्द्र 5,970 तथा उप निर्वाचन हेतु कुल 22 मतदान केन्द्र निर्धारित किये गये हैं, जिनमें से 1531 संवेदनशील व 132 अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्र हैं.
बता दें, इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से होंगे, जबकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे. चुनाव को लेकर 18 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया गया था.
भाजपाइयों ने पार्षद के दावेदार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- दागी और आपराधिक प्रवृत्ति के नेता को टिकट बर्दाश्त नहीं

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कुम्हारी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और अन्य नेताओं को पत्र लिखकर कुम्हारी नगर पालिका के वार्ड 14 से भाजपा के पार्षद पद के दावेदार राकेश पांडे का खुलकर विरोध किया है। उनका कहना है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को टिकट देने से पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

कुम्हारी भाजपा कार्यकर्ता सात्विक तिवारी ने पत्र में कहा कि राकेश पांडे के खिलाफ 2017 में लकड़ी तस्करी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें गंभीर धाराएं लगाई गई थी। यह भी आरोप लगाया गया है कि पांडे को जेल की सजा भी हुई थी और वर्तमान में वह जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा उन पर नहर की भूमि पर अवैध कब्जा करने के आरोप भी लगाए गए हैं। सिंचाई विभाग द्वारा अवैध कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पांडे ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर कब्जा नहीं हटवाया।

ऐसे लोगों का पार्टी में कोई स्थान न हो : तिवारी

सात्विक तिवारी ने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि ऐसे लोग जो अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं और राजनीति का उपयोग अपने अपराधों को संरक्षण देने के लिए करते हैं, उनका पार्टी में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। पार्टी के सिद्धांतों और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि पार्टी कुम्हारी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 14 से राकेश पांडे की दावेदारी को नजरअंदाज करे और ऐसे दागी और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को टिकट न दें। तिवारी ने इस पत्र के माध्यम से भाजपा की शुचिता और लोकहित की नीति को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व से न्याय की अपील की है।

बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों को लेकर CM साय का बड़ा बयान, कहा – नौकरी बहाली को लेकर प्रक्रिया जारी है

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में बर्खास्त B.Ed डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम भी नहीं चाहते की उनकी नौकरी जाए, लेकिन जो भी होगा वह नियम और प्रक्रिया से होगा. सीएस की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. उनकी सिफारिश के बाद सरकार निर्णय लेगा.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के 2,897 शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने नौकरी से निकाल दिया. लगभग 12 से 16 महीने इनकी नौकरी को बीत चुके थे. अब ये सभी समायोजन (एडजस्टमेंट) यानी नौकरी के बदले नौकरी की मांग को लेकर पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को रायपुर के तेलीबांधा (मरीन ड्राइव) पर समायोजन की मांग को लेकर बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी बहाली की मांग की. रात में पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों को घसीटकर सड़क से हटाया. इस दौरान कुछ महिला शिक्षक बेहोश हो गईं.

महिला शिक्षकों ने पुलिस पर कपड़े फाड़ने और बैड टच करने का आरोप लगाया है. प्रदर्शनकारियों ने कहा, जब तक उनकी नौकरी बहाल नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया.

मंत्री बंगला का भी घेराव कर चुके हैं बर्खास्त शिक्षक

शनिवार की सुबह बर्खास्त शिक्षकों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव किया था. समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे शिक्षक सुबह 5 बजे अचानक मंत्री के बंगले पहुंचे और यहां गेट के बाहर बैठकर नारेबाजी की. काफी देर तक समझाइश के बाद जब प्रदर्शनकारी नहीं उठे तो पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें हटाया और गिरफ्तार किया.