प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी पूरी: भूमिहीन श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए सालाना देने की मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोदी की एक और गारण्टी को पूरी करने की घोषणा की है। राज्य के ग्रामीण भूमिहीन श्रमिकों को अब 10-10 हजार रूपए की राशि सालाना प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य सरकार के एक साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला मुख्यालय सक्ती में आयोजित कार्यक्रम में आज ये घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के 5 लाख 62 हजार श्रमिकों को फायदा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सक्ती जिले के दमऊदरहा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज लगभग 170 करोड़ रुपए के विकास कार्यों से सक्ती जिले के विकास को नई गति मिलेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत विवाह बंधन में बंधे 15 जोड़ों को आशीर्वाद दिया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह शुभ अवसर प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का भी है। 144 साल बाद यह शुभ संयोग बना है। सनातन धर्म की इस महान परंपरा का पुण्य लाभ लेने का यह अच्छा अवसर है। हमारे छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्री भी इसका लाभ उठायें, इसके लिए हमारी सरकार ने मेलास्थल में साढ़े चार एकड़ क्षेत्र में विशेष व्यवस्था की है। हमारे प्रदेश से जो श्रद्धालु वहां जा रहे हैं, वहां उनके लिए ठहरने और भोजन का भी इंतजाम है। प्रयागराज में छत्तीसगढ़ पैवेलियन में हमने अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति को विशिष्ट रूप से दिखाया है जो लोगों को काफी भा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम कर रहे हैं। पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी गई है। पहले चरण में 8.47 लाख आवास निर्माण को स्वीकृति मिली थी। इनमें से कई हितग्राही अपने आवास में गृह प्रवेश कर रहे है। बीते दिनों केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान दुर्ग के नगपुरा आए थे जहां उन्होंने 3.5 लाख अतिरिक्त आवास की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही आवास प्लस के सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है। पीएम आवास के लिए पात्रता का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब जिनके पास दो पहिया वाहन है, 2.5 एकड़ सिंचित भूमि अथवा 5 एकड़ असिचिंत भूमि, 15 हजार तक की मासिक आमदनी है, वे भी आवास हेतु आवेदन कर सकते हैं। आवास स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाने ऑनलाइन ऐप लॉन्च किया गया है। इससे किसी भी व्यक्ति द्वारा घर बैठे ही आवेदन किया जा सकेगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता जिन विकास कार्यों की राह देख रही थी, उसे हम आज पूरी तेजी से पूरा करने का काम कर रहे हैं। जनता का पैसा जनता के कामों में लग रहा है। सक्ती जिले में 6 नगरीय निकायों के लिए बीते एक साल में 77 करोड़ रुपए दिए गए। 31 सौ रूपये में धान खरीदी हो रही, महतारी वंदन का पैसा हर महीने मिल रहा है, आवास का निर्माण तेजी से हो रहा है, इससे ग्रामीण विकास को नई रफ्तार मिली है। कार्यक्रम को सांसद कमलेश जांगड़े ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक रामकुमार यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

स्वामित्व कार्ड पाकर मकान मालिकों और भू-स्वामियों के चेहरे खिले, छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में हुआ स्वामित्व कार्डों का वितरण

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज महासमुंद में आयोजित स्वामित्व कार्ड वितरण कार्यक्रम में 25 भू-स्वामियों को स्वामित्व कार्ड प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर लाभार्थियों को हार पहनाकर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर हितग्राहियों के चेहरे खुशी से दमक उठे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। लाभार्थियों ने एक स्वर में इस अभिनव योजना को ग्रामीण विकास के लिए क्रांतिकारी बताया।

महासमुंद जिले के ग्राम परसट्ठी के इंदरमन धु्रव, बुधारू साहू, और सखाराम ध्रुव सहित कई हितग्राहियों ने वर्षों से स्वामित्व अधिकार का इंतजार किया था। इंदरमन ध्रुव ने बताया, 23 साल से मैं अपने मकान में निवास कर रहा था, लेकिन स्वामित्व अधिकार के अभाव में कई योजनाओं का लाभ नहीं ले पाया। अब मेरे परिवार के लिए यह किसी उपहार से कम नहीं है। स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्ति के मालिकाना दस्तावेज प्रदान किए जा रहे हैं। ग्रामीण नागरिक इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

गौरतलब है कि देश के अब तक 3.17 लाख गांव में ड्रोन सर्वे पूरा किया गया है एवं 1.49 लाख गांव के लिए 2.19 करोड़ सम्पत्ति कार्ड तैयार किए गए है। छत्तीसगढ़ के सभी आबादी गांव में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है एवं 1384 गांवों में 1.84 लाख सम्पत्ति कार्ड तैयार किए गए है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से ग्रामीणों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि देशव्यापी स्वामित्व कार्ड वितरण के अंतर्गत आज छत्तीसगढ़ राज्य के 10 जिलो में स्वामित्व कार्ड का वितरण की शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महासमुंद जिले में 128 गांवों के 10 हजार 850 लोगों को स्वामित्व कार्ड का वितरण का शुभारंभ किया। इसी तरह कोरबा जिले में उप मुख्यमंत्री अरूण साव की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में 9 हजार, दुर्ग जिले में उप मुख्मयंत्री विजय शर्मा ने 10 हजार 325, राजनांदगांव जिले में वन मंत्री केदार कश्यप ने 548, धमतरी जिले में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने 12 हजार 716, स्वामित्व कार्डों का वितरण कर इसकी विधिवत् शुरूआत की। इसी प्रकार बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पांच हजार 841, अम्बिकापुर जिले में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 471, सूरजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने 478, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने 757, कबीरधाम जिले में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन द्वारा 7 हजार 025 स्वामित्व कार्डों का वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

व्यक्ति केंद्रित चुनावी घोषणाओं से टूट रहे परिवार: वृंदावन हॉल में विकसित भारत का सपना और वास्तविकता पर राष्ट्रीय संवाद हुआ संपन्न

रायपुर-  समृद्ध भारत से ही दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम की भावना साकार हो सकेगी। विकसित भारत में हर परिवार खुशहाल और समझदार बने तभी असली विकास साबित होगा। वर्तमान चुनावी प्रक्रिया में व्यक्ति को प्रभावित करने चुनावी घोषणाएं की जाती हैं, जिससे परिवार में बिखराव आते जा रहे हैं, जबकि यह संविधान की मूल भावना के विपरीत है। यह बातें वृंदावन हॉल सिविल लाइन में आयोजित विकसित भारत- सपना, योजना और वास्तविकता पर संवाद में वक्ताओं ने कही।

बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन साधना फाउंडेशन और आचार्य सरयूकांत झा स्मृति संस्थान ने विकसित भारत संवाद श्रृंखला के अंतर्गत किया। इसमें मध्यस्थ दर्शन दिल्ली के अध्येता सोमदेव त्यागी ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात् जिस आज़ादी का सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था, वह पूरी नहीं हो रही है। तब हमारे देश में परिवार संयुक्त होते थे, साथ मिलकर सहयोग और मूल्यों के साथ लोगों का जीवन होता था। आधुनिक भारत में चुनावी प्रक्रिया खर्चीली हो गई है, राजनीतिक दल धन और प्रचार तंत्र से चुनावी जीतने को प्राथमिकता देते हैं, हर घोषणा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए होती है। हर मतदाता के लिए अलग घोषणा होने से परिवार का महत्व समाप्त होने लगा है, जबकि परिवार भारत में सबसे सशक्त इकाई होती थी।

इस विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के वक्ता इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स (आईएसएई) के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश मारोठिया, नई दिल्ली से दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार सुदीप ठाकुर, पूर्व निर्वाचन अधिकारी व आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी, भाषाविद डॉ. चितरंजन कर, डॉ. पूर्णेंदू सक्सेना, प्रोफेसर डॉ. कल्पना मिश्रा, अभिभावक विद्यालय रायपुर की संचालिका अनिता शाह, डॉ. राकेश गुप्ता, अधिवक्ता केके शुक्ला, अभ्युदय संस्थान अछोटी से डॉ. संकेत ठाकुर, डॉ. शुभा बनर्जी, पत्रकार पूजा जैन, निखिल तिवारी विशेष वक्ता थे।

आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में सबको राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता का अवसर दिलाने की बात लिखी है, इसमें इकॉनामी या जीडीपी के जरिए विकसित भारत की कल्पना नहीं की गई है।

प्रभारी मंत्री अरुण साव ने भूस्वामियों को वितरित किए स्वामित्व प्रमाणपत्र

रायपुर- स्वामित्व योजना के तहत आज कोरबा जिले के किसानों और ग्रामीणों को स्वामित्व (प्रॉपर्टी) कार्ड का वितरण उप मुख्यमंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन लोगों ने वर्चुअली सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इसे हितग्राहियों के लिए आर्थिक सुरक्षा की गारंटी बताया। उन्होंने कहा कि गाँव में आबादी भूमि में बिना कानूनी दस्तावेज के रहने वाले ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना प्रारंभ की गई है। इससे बैंक में ऋण भी मिल सकता है। कानूनी अधिकार होने से विवाद की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। इस सम्पत्ति से जीवन बदल सकता है।
प्रधानमंत्री ने इसे ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने की पहल बताते हुए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, आयुष्मान, पीएम आवास, पीएम सड़क योजना आदि से देश के ग्रामीणों के जीवन में आए बदलाव को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी कहते थे कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है और हमारी सरकार उन्हीं से प्रेरित होकर गाँव के विकास और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव के लिए काम कर रही है। उन्होंने स्वामित्व योजना से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को बहुत लाभ मिलने की बात कही।उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कोरबा के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में हितग्राहियों को स्वामित्व योजना के कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुत संवेदनशील हैं। उन्होंने गरीबों की चिंता की है। वे गाँववालों की समस्याओं को जानते हैं और उनके निराकरण की योजना बनाते हैं। श्री साव ने कहा कि स्वामित्व योजना से जमीन संबंधी विवादों का अंत होगा। जमीन को लेकर पड़ोसी, भाई-भाई और अन्य रिश्तेदारों में अक्सर विवाद होता है। इस तरह के विवादों के निराकरण में कई पीढ़ी भी गुजर जाती है। अब आबादी भूमि में रहने वाले परिवारों को एक ऐसा कानूनी दस्तावेज मिल जाएगा, जिसमें जमीन की पूरी जानकारी होगी। इसके साथ ही इस जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड और नक्शा भी रहेगा। किसी प्रकार की हेर-फेर मुश्किल होगी। ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर रिकॉर्ड तैयार कराया जा रहा है। आने वाले दिनों में जमीन को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि हमारे प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण भी किया गया है। स्वामित्व योजना से कोरबा जिले के 137 गांव के नौ हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इससे लोग विधिवत लोन ले पाएंगे। श्री साव ने आज स्वामित्व योजना के 125 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान किया। उन्होंने कार्यक्रम में कोरबा जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की दो युवतियों कुमारी छोटी और कुमारी रजनी को जिला खनिज संस्थान न्यास मद अंतर्गत अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।

कार्यक्रम को विधायक प्रेमचंद पटेल और कोरबा जिला पंचायत की अध्यक्ष शिवकला कँवर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में कलेक्टर अजीत वसंत, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, डीएफओ कोरबा व कटघोरा अरविंद पीएम, कुमार निशांत और निगमायुक्त आशुतोष पाण्डेय सहित अनेक जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।

पत्नी को तलाक दिए बिना की दूसरी शादी, एक एकड़ जमीन और हर महीने 3 हजार रुपए देगा पति, महिला आयोग ने सुनाया फैसला

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 302 सुनवाई हुई. एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है, जिससे उनकी एक बच्ची भी है. अनावेदक (पति) द्वारा आवेदिका और बच्चों को काई भी भरण-पोषण नहीं दिया जा रहा है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, यह एक अपराधिक प्रकरण है और सजा पाने का पर्याप्त आधार है. आयोग की समझाइश पर पति ने प्रति माह 3 हजार रुपए और ससुर ने 1 एकड़ जमीन आवेदिका और उसके बच्चों को दिए जाने की सहमति दी.

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका के पति ने किए गए कार्यों का बकाया भुगतान नहीं किया है. अनावेदिका के कार्यकाल के दौरान 70 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया है. इस मामले में पूर्व में कार्यरत अधिकारी और उनके स्वयं के कार्यकाल का बकाया आवेदिका पक्ष को मिला और 28 हजार का भुगतान का बिल ट्रेजरी में जमा हुआ, जो आवेदिका को मिल जाएगा.

अनावेदिका ने लिखित प्रस्ताव दिया, जिसके अनुसार मार्च 2017 से नवंबर 2017 से 09 माह के दौरान आवेदिका के पति द्वारा कार्य नहीं किया गया है। इस पर आवेदिका के पति ने अपने 03 पूर्व सहकर्मियों का सहमति पत्र प्रस्तुत किया. सहकर्मियों द्वारा पत्र में हस्ताक्षर किया गया है, जिसके अनुसार आवेदिका का पति उस अवधि में कार्यरत था, जबकि उसी अवधि के लिए अनावेदिका ने भी इन्ही 03 गवाहों का दस्तावेज प्रस्तुत किया. इसके अनुसार आवेदिका के पति ने उसी अवधि में कोई कार्य नहीं किया है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, दोनों ही दस्तावेज एक ही तरह के गवाहों से बने हैं, जिन्हें मान्य नहीं किया जा सकता. आयोग ने निर्देशित किया कि समुचित दस्तावेज दोनों पक्ष आयोग में उपस्थित करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके बेटे ने 5 लाख रुपए लोन ले रखा है और उसे आज तक नहीं पटाया है. लोन नहीं पटने के कारण रिकवरी एजेंट के खिलाफ आवेदिका ने यह प्रकरण दर्ज कराया है. रिकवरी एजेंट द्वारा आवेदिका व उसके रिश्तेदारों को फोन करके परेशान किया जा रहा है, जिससे आवेदिका मानसिक रूप से परेशान है. आयोग ने समझाइश दी कि दोनों पक्ष आपस में सुलह का प्रयास करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

मां की संपत्ति पर सभी बच्चों का बराबर अधिकार

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने मां के नाम की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम से करा लिया. अनावेदक और आवेदिका 5 भाई-बहन हैं और मां के नाम की सम्पत्ति पर सभी का बराबर हक है. अनावेदक का कहना है कि मां की अन्य सम्पत्ति के 5 हिस्सेदार है, जिसका बंटवारा आयोग द्वारा कराए जाने पर सभी सुलहनामे से समझौते के लिए तैयार हैं. आयोग ने कहा कि अधिवक्ता के माध्यम से सुलहनामा बनाया जा सकता है, ताकि सभी के मध्य 5 हिस्सों में बंटवारा कराया जा सके और प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

सोशल मीडिया में चरित्र हनन का प्रयास करने का मामला

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा सोशल मीडिया, व्हाट्सप के माध्यम से आवेदिका का चरित्र हनन का प्रयास संयुक्त व एकल रूप से किया जा रहा है. अनावेदक सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे. इस पर आयोग ने अनावेदकों को अगली सुनवाई में थाना प्रभारी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए, ताकि प्रकरण की सुनवाई की जा सके. आज की सुनवाई में महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक, सदस्य सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं दिपिका शोरी मौजूद रहीं.

स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की प्रभावी पहल- मुख्यमंत्री विष्णु साय

रायपुर-    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा और दूरदर्शी सोच के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा स्वामित्व योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मजबूती से कदम उठाया गया है। स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की प्रभावी पहल है। संपत्ति का अधिकार केवल भूमि और अन्य संसाधनों के कानूनी स्वामित्व तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह व्यक्तियों और समुदायों को आत्मनिर्भरता, स्थिरता और सम्मानित जीवन जीने का आधार प्रदान करता है। यह अधिकार विशेष रूप से हमारे समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के लिए आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है, इसलिए भू-अभिलेखों को पारदर्शी और प्रभावी बनाना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज महासमुंद में आयोजित स्वामित्व कार्ड वितरण सामरोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी स्वामित्व कार्ड के लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आज महासमुंद जिले के 128 गांवों के 10 हजार 850 लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से भूमि का मालिकाना हक सीमाओं का न सिर्फ स्पष्ट निर्धारण होगा, इससे भू-संबंधी विवादों में कमी भी आएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम भूमि संबंधित मामलों में अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे ग्राम पंचायतों को उच्च-रिज़ॉल्यूशन डिजिटल मानचित्र उपलब्ध कराए जा सकें। यह बेहतर सड़कें, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगा, जिससे विकास की गति तेज होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए “सुगम एप“ विकसित किया है और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अभी 3 लाख 88 हजार नवीन प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति और मिली है। साथ ही भविष्य में भी 4 लाख नये आवासों की स्वीकृति भी मिलेगी। हमारी सरकार बनते ही 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी गई थी। राज्य में अभी आवास प्लस 2024 में सर्वे का कार्य प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि अब ढाई एकड़ सिंचित या 5 एकड़ असिंचित जमीन तथा जिनके पास टू व्हीलर होगा, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज देशव्यापी स्वामित्व कार्ड वितरण कार्यक्रम में दिल्ली से वर्चुअल रूप से जुड़े और 50 हजार गांवों में 65 लाख ग्रामीणों को उनकी काबिज भूमि का स्वामित्व कार्ड प्रदान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया और उनसे संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में प्रदेशवासियों को प्रयागराज महाकुंभ का सहभागी बनने के लिए निमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज सेक्टर 6 अंतर्गत साढ़े 4 एकड़ क्षेत्र में भव्य पंडाल छत्तीसगढ़ वासियों के लिए निर्मित किया गया है। यहां उनके ठहरने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस वर्ष 31 जनवरी तक धान खरीदी होगी। अभी तक 132 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी हो चुकी है तथा 23 लाख से अधिक किसान धान बेच चुके है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के पश्चात शीघ्र ही अंतर की राशि प्रदान की जाएगी।

इस अवसर पर राजस्व एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य कर ही है। सबका साथ और सबका विकास एक नारा ही नहीं एक भाव है, जिसको सार्थक करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि आपके अधिकार, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का प्रमाण है।

कार्यक्रम में सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से जनहित के कामों में तेजी आयी है। कार्यक्रम को विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, संपत अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कहा कि ड्रोन सर्वे के माध्यम से 1073 गांव में सर्वे पूर्ण कर लिया गया है। जिसके माध्यम से 128 गांवों के 10850 लाभार्थियों का स्वामित्व कार्ड तैयार कर वितरण की शुरूआत की गई है।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल, महिला आयोग की सदस्य सरला कोसरिया, संयुक्ता सिंह, पूर्व सांसद चुन्नीलाल साहू, पूर्व संसदीय सचिव पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक परेश बागबाहरा एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश निरस्त होने पर मृत ASI का पुत्र अनुकम्पा नियुक्ति का पात्र, हाई कोर्ट का आदेश…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश के निरस्त होने के बाद उनके विधिक वारिस अनुकम्पा नियुक्ति और अन्य आर्थिक लाभ प्राप्त करने का हकदार बताया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने का गृह विभाग के सचिव को आदेश दिया है.

हाई कोर्ट का यह फैसला विक्की भारती की याचिका पर है. दरअसल, याचिकाकर्ता के पिता सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ बूंदराम भारती को सेवाकाल के दौरान 18 अगस्त 2017 को अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया था. उक्त आदेश के विरूद्ध उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर की थी. इसी दौरान 9 अक्टूबर 2018 को उनकी मृत्यु हो गई.

मृत्यु के 21 दिन गृह विभाग के सचिव ने आदेश जारी कर बूंदराम भारती का अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश निरस्त कर सेवा में बहाल करने का आदेश किया. बूंदराम भारती की मृत्यु होने की वजह से उनके पुत्र विक्की भारती ने विभाग के समक्ष अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन प्रस्तुत किया.

इस पर गृह विभाग ने मृत्यु के समय बूंदराम भारती पुलिस विभाग की सेवा में ना होकर अनिवार्य सेवानिवृत्त होने का तर्क देते हुए विक्की भारती की अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन खारिज कर दिया.

इस आदेश के विरुद्ध विक्की भारती ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की. अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता के पिता बूंदराम भारती को अनिवार्य सेवानिवृत्त किया गया था, उसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन मृत्यु के पश्चात् विभाग ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश को नियम विरूद्ध पाते हुए निरस्त कर दिया था. अतः मृतक एएसआई का पुत्र अनुकम्पा नियुक्ति का पात्र है.

हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के पश्चात् मृत्यु दिनांक को मृत एएसआई बूंदराम भारती सेवा में था, यह मानते हुए अनुकम्पा नियुक्ति पालिसी 2013 के तहत याचिकाकर्ता को पुलिस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने का आदेश दिया.

सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी को दुर्ग RPF ने किया गिरफ्तार, मुंबई पुलिस को सौंपने की तैयारी …

रायपुर- बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान पर 15 से 16 जनवरी की दरमियानी रात हमलावर ने चाकू से 6 बार हमला किया था. हमलावर उनके घर में चोरी की नियत से घुसे थे और उन पर ताबड़तोड़ हमलाकर वहां से फरार होने में कामयाब हो गए थे.

इस मामले में दुर्ग आरपीएफ पोस्ट की टीम ने एक आरोपी को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से पकड़ा है. इसके बाद मुंबई पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस की एक टीम वहां से रवाना भी हो गई है, जो करीब रात 8 बजे तक यहां पहुंच जाएगी. इसके बाद आरोपी को उन्हें हैंड ओवर किया जाएगा.

बता दें कि सैफ अली खान पर हमले के बाद मुंबई पुलिस की टीम ने एक संदिग्ध आरोपी की फोटो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की थी. इस जानकारी में संदिग्ध व्यक्ति के पास मिले मोबाइल नंबर और फोन की IMEI नंबर का भी जिक्र किया गया है. पुलिस ने जो जानकारी शेयर की है, उसके मुताबिक राजेंद्र कोड़ोपे तहसील डोंगरगढ़, जिला राजनांदगांव बताया गया था. इस जानकारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और रेलवे पुलिस की टीम दोनों ही एक्टिव थी और सरगर्मी के साथ आरोपी की तलाश में थी. इस बीच आज दुर्ग आरपीएफ पोस्ट की टीम ने एक आरोपी को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से हिरासत में लिया है. जिससे पूछताछ जारी है.

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन, महंगाई भत्ता बढ़ाने समेत ये हैं प्रमुख मांगें

रायपुर-    छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से उनके निवास पर मुलाकात कर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों की विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में महंगाई भत्ते को जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत बढ़ाने सहित पांच सूत्रीय मांगें शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री शर्मा ने मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए.

फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री को कर्मचारियों की प्रमुख समस्याओं और उनके समाधान की आवश्यकता को विस्तारपूर्वक बताया गया. भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र, जिसे “मोदी की गारंटी” के नाम से जारी किया गया था, में किए गए वादों को शीघ्र लागू करने का अनुरोध किया गया. फेडरेशन ने अपने आंदोलन “झन करव इनकार, हमर सुनव सरकार” के बारे में भी जानकारी दी.

ये हैं प्रमुख मांगें

1. प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को भाजपा के घोषणा पत्र के अनुरूप केंद्र के समान देय तिथि से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए. साथ ही जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ते का एरियर भविष्य निधि खाते में समायोजित किया जाए.

2. विभिन्न संवर्गों के वेतन विसंगति एवं अन्य मुद्दों के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.

3. प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान क्रमशः 8, 16, 24 एवं 32 वर्षों की सेवा पर प्रदान किया जाए.

4. मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अर्जित अवकाश का नगदीकरण 300 दिवस किया जाए.

5. शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करते हुए, राज्य के मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों से कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाए.

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज शहीद स्मारक ऑडिटोरियम, रायपुर में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप के मुख्य आतिथ्य में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सचिव एस भारतीदासन ने सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन, सीआईआई यंग इंडियंस और अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संचालक तकनीकी शिक्षा और रोजगार ऋतुराज रघुवंशी, अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रीतसिंह, सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट मनो विराज सिंह, वाईस प्रेजिडेंट और सीआईआई यंग इंडियंस के चेयर पर्सन गौरव अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी और विभिन्न संस्थान के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

अनुबंध निष्पादन समारोह के अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के कौशल विकास और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज का यह अनुबंध छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा। हमारा उद्देश्य केवल युवाओं को नौकरी देना नहीं है, बल्कि उन्हें ऐसा कौशल प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर सकें। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर छात्र चाहे वह आईटीआई से हो इंजीनियरिंग कॉलेज से हो या पॉलीटेक्निक से उसके पास रोजगार का उचित अवसर हो। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि रोजगार के लिए पंजीकृत छात्रों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और यह केवल राज्य के हित में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि अनुबंध के तहत जो भी सेवाएं प्रदान की जाएंगी, वे पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाएंगी।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से सीजी रोजगार पोर्टल पर पंजीकरण करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर युवा को उसकी क्षमता और योग्यता के अनुरूप एक सही दिशा मिले। युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए यह सरकार हर संभव प्रयास करेगी। अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड, सीएसआरबॉक्स और सीआईआई यंग इंडियंस जैसे साझेदारों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार और कौशल विकास का एक नया युग शुरू हो रहा है। आईबीएम द्वारा फ्री ऑफ कॉस्ट सर्टिफिकेशन कोर्स करवाया जाएगा जो राज्य के आईटीआई, इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में उपलब्ध होगा। इस कोर्स से छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा और कम से कम 10% छात्रों को रोजगार सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि युवा अगर चाहे तो बड़े से बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार केवल एक विचार से शुरू होता है। हमें अपने युवाओं को प्रेरित करना होगा कि वे केवल वही न बनाएं जो पहले से बाजार में है, बल्कि ऐसे नए उत्पाद और समाधान तैयार करें, जो समाज के लिए उपयोगी हों। एक छोटी सोच को बड़ा लक्ष्य बनाकर ही सफलता पाई जा सकती है। इस अनुबंध के साथ सरकार ने कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है, जो राज्य के युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगी।

वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में अपार क्षमता है, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसरों की आवश्यकता है। यह अनुबंध सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के युवा भी मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।