राष्ट्रीय आहार विज्ञान दिवस : संचारी और गैर-संचारी रोगों से निपटने तकनीक और AI स्थायी समाधान – डॉ. जूली पांडेय

रायपुर-   भारत में हर साल 10 जनवरी को “आहार विज्ञान दिवस” मनाया जाता है, ताकि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने में आहार विशेषज्ञों और पोषण विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा जा सके. इस साल राष्ट्रीय आहार विज्ञान दिवस का विषय है, संचारी (तपेदिक और वायरल) और गैर-संचारी रोगों के लिए प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर के स्थायी समाधान”.

इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. आहार विशेषज्ञों की विशेषज्ञता के साथ लोगों को उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत आहार योजनाएं प्रदान की जा सकती हैं.

Dt. Juli Pandey
Consultant – Clinical Nutrition & Dietetics

निम्नलिखित क्षेत्रों में आहार विशेषज्ञों की भूमिका महत्वपूर्ण है:

– व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करना
– पोषण संबंधी सिफारिशें प्रदान करना
– स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना
– रोगप्रबंधन और रोकथाम में सहायता करना
– स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करना

इसके अलावा, प्रौद्योगिकी और AI रोग में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहे हैं निदान और भविष्यवाणी. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और कंप्यूटर विज़न जैसे AI-संचालित डायग्नोस्टिक टूल, पैटर्न की पहचान करने और बीमारियों का पता लगाने के लिए मेडिकल इमेज, प्रयोग शाला के नतीजों और मरीज के डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं.

तकनीक और AI, संचारी और गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए स्थायी समाधान प्रदान करते हैं. इस संदर्भ में आहार विशेषज्ञों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्तिगत आहार योजनाएं विकसित करने में मदद कर सकते हैं. जो विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरतों और मौसम के अनुसार स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए मौसमी खाद्य पदार्थों के साथ आहार का पालन करें.

कलेक्टर की अधिकारियों को दो टूक, समय पर कार्यालय में रहें उपस्थित, दो दिन करें आम जनता से भेंट-मुलाकात

बालोद-  कलेक्टर ने जिले की जनता और कार्यालयों के कामकाज में कसावट के लिए अधीनस्थ अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें समय पर कार्यालय में उपस्थित होने से लेकर सप्ताह में दो दिन आम जनता से भेंट-मुलाकात करने सहित 9 अलग-अलग बिंदु शामिल हैं. 

दरअसल, जिले में लगातार शिकायतें सामने आ रही थी कि अधिकारी समय पर कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते जिसके कारण आमजनता को दर-दर भटकना पड़ता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने अधीनस्थों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है.

कलेक्टर ने अधिकारियों से दो टूक कहा है कि कार्यालय में समय पर उपस्थित होने, सप्ताह में दो दिन आम जनता से भेंट-मुलाकात करने और तमाम शासकीय कार्यालयों के अधीनस्थ अधिकारियों को सप्ताह में अपने ही कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण करने निर्देशित किया है.

निकाय चुनाव ब्रेकिंग: EVM से होगा नगरीय निकाय चुनाव! चुनाव आयोग ने सभी जिलों को EVM की FLC के दिये निर्देश

रायपुर-  निकाय चुनाव से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। नगरीय निकाय चुनाव बैलेट पेपर के बजाय EVM से कराने की तैयारी है। चुनाव आयोग ने इसे लेकर सभी जिलों को निर्देश दे दिया है। NW न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग की तरफ से अर्जेंट वीसी बुलायी गयी थी, जिसमें सभी डिप्टी डीईओ को निर्देश दिया गया कि वो अपने-अपने जिलों में EVM की FLC की तैयारी करें। 12 जनवरी को FLC (First Level Checking (FLC) of EVM) के निर्देश दिये गये हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों डिप्टी सीएम अरूण साव ने मीडिया को बयान में कहा था कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराये जायेंगे।

ईवीएम के एफएलसी के निर्देश

लेकिन आज अचानक से जिस तरह से निकाय चुनाव के लिए ईवीएम को चेक करने के निर्देश दिये गये हैं, उससे साफ है कि नगरीय निकाय चुनाव को आयोग ईवीएम के जरिये कराने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कल दोपहर बाद 3 बजे सभी जिलों को इलेक्शन कमीशन से मैसेज भेजा गया कि 3 बजे सभी डिप्टी डीईओ वीसी में जुड़ेंगे। वीसी में ईवीएम के बारे में सभी जिलों से जानकारी ली गयी। जिलों से पूछा गया कि उनके पास कितने ईवीएम की उपलब्धता है, कितने अच्छी स्थिति में और कितने खराब है।

चुनाव आयोग ने जिलों से ली ईवीएम की जानकारी

जानकारी लेने के बाद आयोग ने सभी जिलों में ईवीएम के फर्स्ट लेवल चेकिंग के निर्देश दिये हैं, ताकि ईवीएम की स्थिति और संख्या की जानकारी मिल जाये। चुनाव आयोग ईवीएम से चुनाव को लेकर काफी गोपनीयता भी बरत रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस ईवीएम से चुनाव का विरोध कर चुकी है, पिछले दिनों जब अरुण साव ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी, तो कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था। लेकिन एक बार फिर जिस तरह से ईवीएम से चुनाव कराने की बातें सामने आने के बाद राजनीतिक तौर पर आरोप प्रत्यारोप देखने को मिल सकता है।

सीएम साय की चेतावनी, गौ माता की तस्करी करने वाले या तो सुधर जाएं, या छोड़ दें छत्तीसगढ़ …

रायपुर-   प्रदेश में गौमाता की तस्करी और गौमांस की बिक्री करने वालों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि गौमाता की तस्करी करने वाले या तो सुधार जाएं या छत्तीसगढ़ छोड़ दें. ऐसे अपराधियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि राजधानी रायपुर में गौमांस बिक्री के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह न केवल गंभीर अपराध है, बल्कि यह सनातन आस्था और सामाजिक सद्भाव को गहरा आघात पहुंचाने वाला कृत्य है. गौमाता की तस्करी करने वाले या तो सुधर जाएं या छत्तीसगढ़ छोड़ दें. ऐसे अपराधियों की प्रदेश में कोई जगह नहीं है.

बता दें कि रायपुर के मोमिनपारा इलाके में बीती देर रात गौकशी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया था, जहां एक घर से बड़ी मात्रा में गौ मांस बरामद हुआ था. गौकशी का मामला तब उजागर हुआ जब पुलिस ने मोमिनपारा में छापा मारा. बताया जा रहा है गौ मांस बेचने के लिए दो गायों की गौकशी की गई थी. पुलिस ने मौके से 226.6 किलो मांस जब्त किया था. इस मामले में पुलिस ने कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.

स्कूली छात्राओं ने बनाया खुद से चार्ज होने वाली इलेक्ट्रिक कार का मॉडल, कलेक्टर ने की तारीफ, विज्ञान मेला के लिए हुआ चयन
पिथौरा-  महासमुंद जिले के पिथौरा स्थित राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा की दो छात्राओं ने ऐसी इलेक्ट्रिक कार बनाई, जो खुद से चार्ज हो जाती है. सिरपुर में जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल को प्रदर्शित किया गया. कक्षा दसवीं की छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने इस नई टेक्नोलॉजी का नाम “मल्टीपरपज इलेक्ट्रिक कार” रखा है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए कार की बैटरी के साथ ऐसा यंत्र उपयोग में लिया जाएगा, जो एक ‘डायनमो’ की तरह काम करेगी जो लगातार कार को चार्जिंग देती रहेगी.

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में छात्राओं का यह टेक्नोलॉजी मॉडल आर्कक्षण का केंद्र रहा. छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी को संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा के संचालक युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है. साथ ही राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा विद्यालय के डायरेक्टर कविता अग्रवाल, सेक्रेटरी शुभ अग्रवाल, प्राचार्य जोगिंदर मेहेर, विज्ञान शिक्षक रमाकांत ध्रुवंशी विशेष योगदान रहा है.

रायपुर के विज्ञान मेले के लिए चयन

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. रायपुर साइंस कॉलेज में 12  जनवरी से होने वाले विज्ञान मेला के लिए इलेक्ट्रिक कार के टेक्नोलॉजी मॉडल को चयन किया गया है. साथ ही इसी विद्यालय का ही एकल प्रोजेक्ट में फूड स्टेप रुद्राक्ष शुक्ला का मॉडल भी प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर युवा उत्सव के चयन किया गया है.

अधिकारियों ने की प्रशंसा

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने टेक्नोलॉजी की प्रशंसा करते हुए बाल वैज्ञानिकों को बधाई दी.  इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सांवत, सतीश नायर सहायक संचालक शिक्षा, अशोक चक्रधारी नेहरू युवा केंद्र, के के ठाकुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनोज धृतलहरे, जिला खेल अधिकारी महासमुंद, सुधीर प्रधान खेल अधिकारी पिथौरा, सीमा गौरव चंद्राकर संचालिका संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा ने भी बधाई दी हैं.

क्या है डायनमो?

डायनमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाला एक विद्युत जनरेटर है. जो मुख्य रूप से एक घूर्णनशील चुंबक और कॉइल के संयोजन से काम करता है. दरअसल, कॉइल के पास चुंबक के घुमने से उसके पास से गुजरने वाले कॉइल में बिजली पैदा होती है. डायनमो का इस्तमाल छोटे उपकरणों जैसे साइकिल लाइट, बैटरी चार्ज करने वाले सिस्टम, और पुराने समय के जनरेटर में होता था. यह बिना बाहरी बिजली के काम करता है और जब तक मशीन चलती रहती है, यह लगातार बिजली बनाता रहता है.

नगरीय निकाय चुनाव 2025: कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक, तय करेंगे महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के टिकट, देखें लिस्ट …
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है. राजनीतिक पार्टियां, खासतौर पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इसी बीच कांग्रेस ने आज सभी नगर निगम और पालिका परिषदों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का ऐलान कर दिया है.
DEO-शिक्षक ट्रांसफर: स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में तबादले, डीईओ सहित व्याख्याता, शिक्षक व प्राचार्य के तबादले, देखिये लिस्ट

बिलासपुर-   बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू का तबादला हो गया है। राज्य सरकार ने उन्हे (डाईट) कवर्धा भेजा है। वहीं अनिल सिन्हा को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। डीईओ के तबादले के अलावे कई शिक्षक, व्याख्याता के भी तबादले हुए हैं।

देखिये पूरी लिस्ट-

महापौर चुनाव : कांग्रेस प्रवक्ता प्रीति शुक्ला ने विधिवत पेश की दावेदारी, टिकट से पहले प्रचार में जुटी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगमों में महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और राजधानी रायपुर में यह पद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है. इसके साथ ही रायपुर महापौर पद के लिए दावेदारों की होड़ बढ़ गई है. इस चुनावी माहौल में कांग्रेस पार्टी में महापौर पद के लिए कई महिला नेता अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं, जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पत्नियां और लंबे समय से पार्टी में सक्रिय महिला नेता भी शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने भी रायपुर महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है.

प्रीति शुक्ला ने आज रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे को महापौर पद के लिए आवेदन देकर विधिवत अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है. इसके साथ ही प्रीति शुक्ला ने रायपुर नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में सघन दौरे भी शुरू कर दिया है. इस दौरे के बीच वह जनता से मिलकर उनका आशीर्वाद ले रहीं हैं.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व हिन्दी दिवस की दी बधाई

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के नागरिकों को 10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक समाज की आत्मा होती है, जो उसकी पहचान और संस्कृति को प्रदर्शित करती है।राष्ट्रभाषा हिन्दी से पूरी दुनिया में हमारी पहचान कायम होती है। यह हमें एकता के सूत्र में पिरोए रखती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सबका दायित्व है कि अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी का सम्मान बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें। बच्चों को राष्ट्रभाषा के गौरव की कहानियां और संस्मरण बताएं और हिन्दी के प्रति रूचि विकसित करें। हिन्दी को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करें, जिससे हिन्दी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में लोकप्रिय बन सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्व हिंदी दिवस लोगों को हिन्दी के महत्व के प्रति न सिर्फ जागरूक करता है बल्कि हमारी भाषा और संस्कृति से जुड़ने और उसे सहेजने का विशेष अवसर भी देता है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT ने साझा की अब तक की जांच रिपोर्ट, आरोपी सुरेश ने हत्या से कुछ दिन पहले बैंक खाते से निकाली थी बड़ी रकम

बीजापुर-  पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में एसआईटी ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान यह सामने आया कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर ने वारदात से 4-5 दिन पहले अपने भाई रितेश चंद्राकर, सहयोगी महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर के साथ मिलकर मुकेश की हत्या की साजिश रची थी। इसके बाद रितेश और महेंद्र रामटेके ने चट्टानपारा स्थित बाड़े में मुकेश की हत्या की और सेप्टिक टैंक में उसके शव को डालकर छिपा दिया। इस दौरान रितेश और सुरेश के भाई देवेंद्र ने उनकी मदद की थी। फिलहाल इस हत्याकांड के सभी आरोपी 15 दिन की न्यायिक रिमांड पर हैं।

बता दें कि आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में बनाई गई 11 सदस्यीय एसआईटी टीम इस हत्याकांड की जांच कर रही है। अब तक की जांच में टीम ने अपनी नियमित जांच के अलावा AI और OSINT Tools जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किए हैं।

SIT की जांच में अब तक हुए ये खुलासे

गुमशुदगी रिपोर्ट और शुरुआती जांच

  • 2 जनवरी 2025 की शाम 8 बजे पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने अपने कुछ साथियों के साथ थाने आकर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

 

  • मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बीजापुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मुकेश की पतासाजी के लिए सायबर सेल और पुलिस अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए।

 

  • जांच के दौरान पुलिस को अलग-अलग जगहों पर मुकेश के लोकेशन मिले, जिसपर उन्होंने मौके पर जाकर जांच की लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिला।

 

  • इस दौरान मुकेश के भाई युकेश ने G-mail पर अपडेट हुई मुकेश की लास्ट लोकेशन पुलिस से साझा की, जो चटूटानपारा स्थित सुरेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट था।

 

  • पुलिस ने जब मौके पर पहुंचकर जांच की तो वहां 17 लेबर कमरे बने हुए थे, जिन पर ताले लगे थे। पुलिस ने जब ताले खुलवाने के लिए सुरेश से संपर्क किया तो उसने बीजापुर से बाहर होने की बात कही। इसके बाद जब वह वापस आया तब पुलिस ने उसके सामने सभी कमरों को खुलवाकर चेक किया, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। वहीं पास में मौजूद बने नए सेप्टिक टैंक के फ्लोरिंग के बारे में पूछने पर सुरेश ने बाथरूम के रेनोवेशन का कार्य जारी होना बताया। आगे की पूछताछ में सुरेश ने पुलिस को बताया कि बीते 2 साल से उनकी मुकेश से बात नहीं हुई है और इसके अलावा वह कुछ नहीं जानता है। इसके बाद पुलिस ने सभी संदेहियों और मुकेश चंद्राकर की CDR डिटेल निकलवाने के लिए सायबर सेल के माध्यम से प्रतिवेदन भेज दिया।

हत्या की अगली सुबह टोल प्लाजा के CCTV पर नजर आया रितेश

संदेह के आधार पर पुलिस रितेश से पूछताछ करने के लिए उसकी पतासाजी कर रही थी, इस दौरान हाईवे के अलग-अलग स्थानों में लगे टोल प्लाजा के CCTV फुटेज खंगालने पर पुलिस को 2 जनवरी की सुबह करीब 8 बजे कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुटेज में रितेश की गाड़ी नजर आई, जब आगे ट्रैक किया गया तो रायपुर एयरपोर्ट की पार्किंग में शाम के समय रितेश की गाड़ी नजर आई। इसके बाद टीम ने एयरपोर्ट से उस समय की फ्लाईट से आने-जाने वालों की डिटेल ली। जांच में यह बात सामने आई कि रितेश ने 2 जनवरी को रायपुर से दिल्ली के लिए ऑनलाइन टिकट बुक की थी। यहीं से पुलिस का शक उस पर गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने रितेश को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर बीजापुर ले आई।

कॉल डिटेल में रितेश के खिलाफ मिले अहम साक्ष्य

इस बीच पत्रकार मुकेश और उसकी हत्या के संदेहियों की CDR डिटेल्स की जांच में यह बात सामने आई कि मुकेश ने आखिरी बार रितेश से ही फोन पर बात की थी। इस आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी थी कि रितेश का मुकेश की गुमशुदगी से प्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई संबंध जरूर है।

जिला अस्पताल से रितेश के भाई दिनेश को किया गिरफ्तार

जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि वारदात के वक्त रितेश और सुरेश का भाई दिनेश भी मौके पर मौजूद था। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे कॉल किया लेकिन उसका नंबर लगातार बंद आ रहा था। इस बीच पुलिस को पता चला कि दिनेश जिला अस्पताल बीजापुर में अपना इलाज करवा रहा है। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर से अनुमति लेकर दिनेश से पूछताछ की, जिसमें पहले तो उसने गोल-मोल जवाब देकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे CDR डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर पूछताछ के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने बताया कि उसके भाई रितेश और साथी महेंद्र रामटेके ने मुकेश की लोहे की रॉड से मारकर हत्या की है। दिनेश ने पुलिस को बताया कि घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड, कपड़े और मोबाइल वगैरह ठिकाने लगाने में उसने आरोपियों की मदद की थी।

पुलिस ने सहयोगी रामटेके को किया गिरफ्तार

दिनेश के बयान के आधार पर पुलिस ने महेंद्र रामटेके की पतासाजी की और उसे बस स्टैंड से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उसने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया। दिनेश और महेंद्र से पूछताछ में यह बात सामने आई कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का भाई था और उसने उनके ही ठेका कार्य के खिलाफ न्यूज चलाई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश ने उसकी हत्या की साजिश रची थी, जिसे दिनेश और महेंद्र ने मिलकर बैडमिंटन कोर्ट के पास बने कमरे नंबर 11 में अंजाम दिया था। इसके बाद दिनेश ने पूर्व से सुनियोजित योजना के मुताबिक, साक्ष्य छुपाने और इनको फरार करने में मदद की। आरोपियों ने वारदात के वक्त सुरेश चंद्राकर को बाहर रखा ताकि उस पर किसी को संदेह न हो।

सेप्टिक टैंक में मिला मुकेश का शव

महेंद्र रामटेके की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विधिवत तरीके से कार्रवाई करते हुए नगरपालिका के कर्मियों और एफएसएल टीम की मौजूदगी में बैडमिंटन कोर्ट के सेप्टिक टैंक की खुदाई की, जहां उन्हें मुकेश चंद्राकर का शव मिला। यह सूचना आसपास के लोगों को मिलने के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और मुकेश का शव सेप्टिक टैंक से निकालकर विधिवत् पंचनामा, घटनास्थल का फोरेंसिक निरीक्षण करने के बाद उसे मर्चुरी भेजा।

दिनेश, महेंद्र और रितेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने घटना में प्रयुक्त वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग में लाए गए वाहन, घटना में प्रयुक्त आला जरब लोहे और अन्य भौतिक साक्ष्यों को बरामद किया। पकड़े जाने के डर से आरोपी पुलिस को गुमराह करने के लिए मुकेश के दो स्मार्टफोन को बिना स्विच ऑफ किए तुमनार नदी के पास लेकर गए और वहां पत्थरों से चकनाचूर कर पानी में फेंक दिया, जिसकी तलाश फिलहाल गोताखोरों द्वारा की जा रही है।

सुरेश को हैदराबाद से किया गया गिरफ्तार

दिनेश, महेंद्र और रितेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की तलाश में जुट गई। इस दौरान टीम को पता चला कि सुरेश बीजापुर से इनोवा वाहन से कहीं बाहर चला गया है। इसके बाद सुरेश की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग टीमें उसके पीछे भेजी गई। इन टीमों ने लगातार 48 घंटे तक सुरेश को ट्रैक किया और उसे 5 जनवरी की रात हैदराबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि मुकेश ने अपने चैनल में उसके खिलाफ खबर लगाई थी, जिसके चलते उसके खिलाफ जांच बैठ गई। इसी का बदला लेने के लिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस को मिले घटना से जुडे़ अहम साक्ष्य

बता दें कि एसआईटी टीम द्वारा सभी गिरफ्तार आरोपियों को अलग-अलग रखकर लगातार दो दिन, दो रात तक उनके मोबाइल खंगालकर और CDR के आधार पर इंट्रोगेशन किया गया। जिससे बहुत से महत्वपूर्ण तथ्य घटना से संबंधित साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें विवेचना में लिया गया है और पृथक से जांच की जा रही है। विवेचना के दौरान एसआईटी टीम ने घटनास्थल का दो बार रिक्रियेशन आरोपियों से करवाया। एफएसएल टीम, जगदलपुर से भी पृथक से रूम नंबर 11 और अन्य संबंधित स्थानों का सूक्ष्म निरीक्षण करवाया गया, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। घटनास्थल अब भी सील रखा गया है, हर पहलू की बारीकी से विवेचना की जा रही है। एसआईटी टीम ने सभी पूछताछ, तलाशी, जब्ती कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवायी है और उन्हें विधिवत साक्ष्य में लिया है।

पुलिस ने 50 से अधिक संबंधित लोगों से की पूछताछ

जांच के दौरान पुलिस ने 50 से अधिक संबंधित लोगों से पूछताछ की है, जिससे कुछ अति महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। उनका विधिवत संग्रहण केस डायरी में एसआईटी टीम द्वारा किया गया है। सभी आरोपियों के मोबाइल नंबरों में बहुत से डाटा डिलीट मिले हैं, जिनका लैब से परीक्षण कराया जा रहा है। घटनास्थल से जब्त साक्ष्य और आरोपियों द्वारा बरामद कराए गए आला जरब, कपड़े और अन्य साक्ष्यों का भी फोरेंसिक जांच कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है। मामले में सभी चार आरोपियों को 15 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

सुरेश चंद्राकर ने वारदात के पहले बैंक से निकाली थी बड़ी रकम

गौरतलब है सुरेश चंद्राकर और उससे जुड़े उसके संबंधियों की संपत्ति की विस्तृत जानकारी ली जा रही है। बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरेश ने अपने बैंक खाते से 27 दिसंबर 2024 को, यानी मुकेश की हत्या के चार दिन पहले एक बड़ी रकम निकाली है, जिसके संदर्भ में एसआईटी द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है।

मामले की जांच के लिए AI टूल्स और अन्य राज्यों की पुलिस ने की मदद

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना और उड़ीसा पुलिस की मदद ली गई थी। इसके अलावा, मामले की जांच में आधुनिक A.I. और OSINT टूल्स का उपयोग किया गया है। पुलिस ने आरोपियों से 4 फोर व्हीलर, मिक्सर मशीन और 100 से अधिक CDR जप्त किए हैं। एसआईटी टीम ने विधि अनुसार साक्ष्य संकलित कर हर पहलू की गहन जांच की है। राज्य और संभाग स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस मामले की दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।