अमित शाह ने लॉन्च किया ‘भारतपोल’पोर्टल, जानें कैसे करेगा काम?

#homeministeramitshahlaunches_bharatpol

Image 2Image 4

अब विदेश में छिपने वाले भारत के दुश्मनों की खैर नहीं। विदेश में छिपे मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों पर नकेस कसने के लिए भारत सरकार ने इंटरपोल की तर्ज पर अपना एक प्लेटफॉर्म बनाया है। इसके जरिए, भारत सरकार विदेश में बैठे वॉन्टेड अपराधियों की धरपकड़ के लिए दूसरे देशों की पुलिस से मदद मांग सकेगी। इस सिस्टम से इंटरपोल को सूचना देना और मदद मांगना आसान हो जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को सीबीआई की ओर से तैयार किए गए पोर्टल भारतपोल की शुरुआत कर दी। भारतपोल पोर्टल के लॉन्च पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'भारतपोल' का लॉन्च देश की अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाने वाली शुरुआत है। 'भारतपोल' की मदद से देश की हर जांच एजेंसी, हर राज्य की पुलिस खुद को बहुत सरलता से इंटरपोल के साथ जोड़ पाएगी और जांच को गति दे पाएगी। अमित शाह ने भारतपोल पोर्टल की तारीफ करते हुए कहा कि सीबीआई ही इंटरपोल के साथ काम करने वाली एकमात्र एजेंसी थी,लेकिन भारतपोल के लॉन्च के साथ, हर भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल से जुड़ पाएगी। हम अंतराल को पाट सकेंगे और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम कर सकेंगे।

'भारतपोल' के 5 प्रमुख मॉड्यूल

अमित शाह ने कहा, 'कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स, ये पांच 'भारतपोल' के प्रमुख मॉड्यूल होंगे, जिनके माध्यम से हमारे देश की सभी लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी।

कनेक्ट- देश में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई को इंटरपोल संपर्क अधिकारियों तथा यूनिट अधिकारियों को शामिल करके देश के सभी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों के साथ एक ही मंच पर जोड़ता है।

नोटि- किसी भी मामले में इंटरपोल को नोटिस भेजने के लिए तेजी से अनुरोध किया जा सकेगा, साथ ही यह सुरक्षित और संरचित भी रहेगा। ये दुनियाभर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए वैश्विक सूचनाओं का मंच है।

रेफरेंस- इंटरपोल चैनलों के जरिए 195 देशों से आपराधिक मामलों और विदेश में जांच के लिए भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को त्वरित अंतरराष्ट्रीय मदद की सुविधा प्रदान करता है।

ब्रॉडकास्ट- मदद के लिए 195 विदेशी देशों से अनुरोध या उनके द्वारा साझा की गई आपराधिक खुफिया जानकारी को कार्रवाई या भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जानकारी के लिए प्रेषित किया जा सकता है।

रिसोर्स- प्रासंगिक दस्तावेजों और क्षमता निर्माण संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगा. जांच एजेंसियों की कामयाबी की कहानियों और नए घटनाक्रम को प्रदर्शित करने के लिए भारतपोल एक अहम विंडो के रूप में काम करेगी।

कैसे काम करेगा भारतपोल?

अब तक अगर किसी भारतीय राज्य की पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी को विदेश में छिपे किसी अपराधी को भारत लाना होता था,तो उन्हें सीबीआई से संपर्क करना पड़ता था। यह संपर्क आमतौर पर ईमेल या फिर पारंपरिक पत्राचार के माध्यम से होता था। इस प्रक्रिया में सूचनाओं के लीक होने का खतरा भी बना रहता था, लेकिन अब भारतपोल के आने से इस प्रक्रिया में क्रांति आ गई है। भारतपोल के माध्यम से देश के सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख और अन्य जांच एजेंसियां सीधे इस पोर्टल से जुड़ सकेंगी। इसका मतलब है कि अब उन्हें सीबीआई के माध्यम से जाने की जरूरत नहीं होगी। अभी के सूरत-ए-हाल के हिसाब से ये वॉन्टेड भारत में आतंकवाद या अन्य किसी भी तरह का क्राइम करके देश छोड़कर विदेशों में छिप जाते हैं या फिर विदेशी धरती से भारत में आतंकवाद और अन्य किसी तरह के क्राइम में शामिल रहते हैं।

जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, मेडिकल के आधार पर मिली जमानत

#asaram_bapu_gets_interim_bail_from_supreme_court

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने आसाराम को मेडिकल के आधार जमानत दी है। बता दें कि 2013 में रेप केस में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। तभी से आसाराम जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है।

Image 2Image 4

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेगा। आसाराम को अपने अनुयायियों से मिलने की इजाजत नहीं है। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय रोग के अलावा उम्र संबंधी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। वह केवल चिकित्सा आधार पर इस मुद्दे की जांच करेगा।

आसाराम को 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था। 2018 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले उसने कई बार स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की याचिका दायर की थी, लेकिन याचिका को पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने 2023 में गांधीनगर अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। आसाराम वर्तमान में बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है।

अगस्त में सात दिन के लिए आया था जेल से बाहर

इससे पहले अगस्त में आसाराम को दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर लाया गया था। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उसके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी। उसे पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उसे ही वहन करना होगा।

दो मामलों में दोषी करार

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी आसाराम जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उन्‍हें एक नहीं बल्कि दो मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। ऐसे में जबतक दोनों मामलों में कोर्ट जमानत नहीं देती उन्‍हें सलाखों के पीछे ही रहना होगा। आसाराम को 2 मामलों में सजा मिली थी। जोधपुर कोर्ट में दाखिल केस के मुताबिक आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में अरेस्‍ट किया गया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल चली लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

इसके अलावा दूसरा मामला गुजरात के गांधीनगर कोर्ट का है। आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

वो बिना सबूत शक की नई दुनिया रौनक करते हैं', ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर चुनाव आयुक्त का शायराना जवाब

#cecrajivkumarsaidonmanipulationto_evm

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगवार को दिल्ली चुनाव की तारीख की घोषणा की। दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने वोटर लिस्ट में नाम काटने, जोड़ने, ईवीएम में छेड़छाड़ से लेकर वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी पर जवाब दिया।प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कुमार काफी एग्रेसिव नजर आए, साथ ही सवालों का जवाब देते समय शायराना भी दिखे।

Image 2Image 4

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आरोपों का जवाब शायरी में दिया। उन्होंने शायराना अंदाज में कुछ यूं कहा:

सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है

आदतन कलमबंद जवाब देते रहे,

आज तो रू-ब-रू भी बनता है

क्या पता हम कल हो न हो, आज जवाब तो बनता है

कर न सके इकरार तो कोई बात नहीं,

मेरी वफा का उनको ऐतबार तो है

शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो,

मगर सुनना, सहना और सुलझाना हमारी आदत है

ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को सीईसी राजीव कुमार का जवाब

ईवीएम पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि चुनाव से 7-8 दिन पहले ईवीएम तैयार की जाती है। हर दल को वोटर लिस्ट के बारे में जानकारी दी जाती है। एजेंट के सामने ईवीएम में चुनाव चिन्ह डाले जाते हैं। एजेंट के सामने ही ईवीएम सील की जाती है। कोर्ट ने भी कहा कि ईवीएम हैक नहीं की जा सकती। ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। राजीव कुमार ने आगे कहा कि ईवीएम में अवैध वोट डालने की संभावना नहीं है। ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। इसे मतदान के बाद सील कर दिया जाता है और इसमें वायरस नहीं जा सकता।

शाम 5 बजे के बाद वोट फीसदी बढ़ने के बारे में क्या बोले

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि आखिर शाम 5 बजे के बाद कहां वोट फीसदी बढ़े, हमें भी जानकारी दी जाए। हम उसकी तहकीकात करेंगे। राजीव कुमार ने कहा कि अब चुनाव में अक्सर ये सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर टर्न आउट पर भी सवाल उठ रहे हैं। वोटर्स में मिस मैच हो गया, पहले तो ये कहा गया। यहां तक कि गिनती में ज्यादा-कमी दिखाई गई और काउंटिंग स्लो कर दिया गया, ये भी सवाल उठाया गया। राजीव कुमार ने कहा कि इन सबका आज स्पष्टीकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 10.5 लाख बूथ हैं। हर बूथ पर 4 से 5 पोलिंग ऑफिसर्स होते हैं। अगर इनको जोड़ें तो करीब 45-50 लाख लोग हो जाते हैं। ये सभी लोग उसी राज्य के होते हैं, वहीं के होते हैं और अलग-अलग स्किल के होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं उससे लगता है इतने सारे लोग कोई गड़बड़ी करने के लिए वहां बैठे होते हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं। वहां सभी दलों के प्रतिनिधि होते हैं।

वोटर लिस्ट पर क्या बोले सीईसी

राजीव कुमार ने कहा कि वोटर की संख्या को लेकर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पूरी प्रक्रिया से तैयार कराई जाती है। किसी का भी वोट बिना प्रक्रिया के नहीं कटवाया जा सकता है। सीईसी ने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है। ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को माना है। कोर्ट ने यह कहा है कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वोटिंग के बाद ईवीएम सील हो जाती है। यह सील पोलिंग एजेंट के सामने लगाई जाती है। ईवीएम में वायरस नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम की बैटरी भी सील कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम में अवैध वोट की आशंका नहीं है।

दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, मतों की गिनती 8 को

#delhichunavdate_2025

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावों का एलान हो गया है। दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। आठ फरवरी को मतगणना होगी।इलेक्शन कमीशन के मुखिया चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शेड्यूल जारी किया। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तारीखों की घोषणा के साथ आयोग पर लगे कई तरह के आरोपों पर भी जवाब दिया।

Image 2Image 4

'दिल्ली चुनाव का पूरा कार्यक्रम'

दिल्ली में वोटिंग कब- 5 फरवरी

दिल्ली चुनाव का रिजल्ट कब- 8 फरवरी

अधिसूचना जारी कब होगी- 10 जनवरी

'उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी'

चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार नेउम्मीद जताई कि आने वाले समय में लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। 2024 दुनिया भर में चुनाव का साल रहा। लोकसभा में रिकॉर्ड मतदान हुआ। नया साल दिल्ली के चुनावों से शुरू हो रहा है। कहा कि हमें उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी।

'13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ'

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं।

ब्रिक्स में शामिल हुआ दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश, पाकिस्तान के सपनों पर फिरा पानी

#indonesiabecomefullmemberof_brics

Image 2Image 4

दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के औपचारिक समूह ब्रिक्स में देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब ब्रिक्स में एक और देश शामिल हो गया है। दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बन गया है। इंडोनेशिया सोमवार को ब्रिक्स समूह का दसवां पूर्ण सदस्य बन गया। इसका ऐलान 2025 तक ब्रिक्स की अध्यक्षता करने वाले ब्राजील ने किया है।

ब्राजील ने की घोषणा

ब्रिक्स के मौजूदा अध्यक्ष ब्राजील ने मंगलवार को इस बात का ऐलान किया कि इंडोनेशिया ब्रिक्स समूह का पूरी तरह से सदस्य बन गया है। ब्राजील के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ब्राजील सरकार ब्रिक्स में इंडोनेशिया के प्रवेश का स्वागत करती है। ब्राजील ने कहा कि 2023 में जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में ब्लॉक के सदस्यों ने इंडोनेशिया की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। जिसके बाद इंडोनेशिया को समूह में शामिल करने का फैसला लिया गया।

पाकिस्तान को लगा झटका

इंडोनेशिया का ब्रिक्स में आना पाकिस्तान के लिए झटके की तरह है। दरअसल पाकिस्तान नहीं चाहता था कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में आए। इसके उलट पाकिस्तान खुद ब्रिक्स में आने की जुगत में लगा था। इसके लिए वह चीन को भी रिझा रहा था। साल 2023 में पाकिस्तान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि ब्रिक्स के सदस्य उसकी सदस्यता को मंजूरी देंगे। लेकिन उसे अब निराशा हाथ लगी है। ब्रिक्स का दरवाजा उसके लिए नहीं खुला और इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई।

पाकिस्तान के लिए क्यों मुश्किल है सदस्यता?

ब्रिक्स की सदस्यता आम सहमति से मिलती है। यानी अगर सभी सदस्य न चाहें तो कोई भी देश ब्रिक्स में शामिल नहीं हो सकता है। जाहिर तौर पर भारत ने इंडोनेशिया की सदस्यता का समर्थन किया। भारत इसमें शामिल है जो पाकिस्तान के लिए हमेशा चिंता की बात रही है। पाकिस्तानी मीडिया हर बार यह कहता रहा है कि भारत उसकी सदस्यता ब्लॉक कर रहा है।

कई देश चाहते हैं ब्रिक्स की सदस्यता

साल 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर इस ग्रुप की स्थापना की थी। साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हुआ था। पिछले साल इस समूह में मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई को शामिल किया गया था। सऊदी अरब को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन अभी तक वह इसमें शामिल नहीं हुआ है। तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया है। कुछ और देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं।

ब्रिक्स को अमेरिका एक पश्चिम विरोधी गुट के तौर पर देखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल के वर्षों में रूस और चीन डॉलर का विकल्प खोजने में लगे हैं। वह ब्रिक्स की करेंसी बनाना चाहते हैं।

भारत पर लगे परमाणु प्रतिबंध हटाएगा अमेरिका, 26 साल बाद क्यों पड़ा ढीला?

#usa_to_end_restrictions_on_indian_nuclear_entities

Image 2Image 4

बाइडेन सरकार के अंतिम दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत दौरे पर हैं। इस बीच अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों को लेकर एक अच्छी खबर है। भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ऐलान किया कि पोखरण परीक्षण के बाद जो पाबंदियां लगी थीं, उन्हें हटाया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत के साथ ऊर्जा संबंधों को मजबूत करना और 20 साल पुराने ऐतिहासिक परमाणु समझौते को नई रफ्तार देना है। सुलिवन ने यह घोषणा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल के साथ अलग-अलग वार्ता के कुछ घंटों बाद की।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में आ रही परेशानियों को दूर करने की बात कही है। उन्होंने कहा, क़रीब बीस साल पहले पूर्व राष्ट्रपति बुश और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असैनिक परमाणु समझौते की एक दूरदर्शी सोच की नींव रखी थी, जिसे हमें अब पूरी तरह हक़ीकत बनाना है। उन्होंने कहा, हम प्रदूषण रहित ऊर्जा तकनीक पर काम कर रहे हैं, ताकि हम ऑर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के विकास को सक्षम बना सकें और भारत और अमेरिका की ऊर्जा कंपनियों को उनकी नई तकनीक के विस्तार में मदद कर सकें। सुलिवन ने कहा, मैं आज यह घोषणा कर सकता हूं कि अमेरिका अब लंबे समय से मौजूद उन रुकावटों को हटाने में लगा हुआ है जिसने भारत के बड़े परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों और अमेरिकी कंपनियों के बीच परमाणु सहयोग को रोक रखा है।

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद कई भारतीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए थे। भारत ने 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किए। इस परीक्षण को ऑपरेशन शक्ति के नाम से जाना गया था। हालांकि इसके बाद कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिका अमेरिका ने तब 200 से अधिक भारतीय संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए।

हालांकि, समय के साथ कई प्रतिबंध हटा लिए गए, 2010 में दोनों देशों के बीच परमाणु सहयोग को लेकर समझौता भी हुआ था। लेकिन अभी भी भारत के कुछ रिएक्टर, परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाइयां इस सूची में हैं।

अब सुलिवन के बयान से संकेत मिलता है कि इन प्रतिबंधों को हटाने पर गंभीरता से काम हो रहा है। सुलिवन की यह यात्रा अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित है। यह सहयोग खासतौर पर रक्षा, अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे क्षेत्रों में बढ़ रहा है।

भारत अपनी ऊर्जा की बड़े पैमाने पर आपूर्ति परमाणु बिजली घरों के जरिए करता है। 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत अमेरिका को भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी बेचने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसकी शर्तें ऐसी थीं कि इसमें अड़चन आती रही, ये लागू नहीं हो सका। जिन नियमों के कारण इस समझौते में अड़चन आ रही थी, अब अमेरिका उन्हें हटाने की बात कर रहा है।

राजनीतिक और कूटनीतिक संदर्भ

यह दौरा बाइडेन प्रशासन के आखिरी बड़े भारत दौरे के रूप में देखा जा रहा है। सुलिवन ने बताया कि भारत-अमेरिका साझेदारी की अमेरिका की क्षेत्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं में केंद्रीय भूमिका है।

परमाणु व्यापार प्रतिबंध हटने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी प्रगति हो सकती है। 2019 में दोनों देशों ने भारत में छह अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने पर सहमति जताई थी। यह परियोजना अब तेज हो सकती है। भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के जरिए परमाणु ऊर्जा का दोहन महत्वपूर्ण है।

भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र अभी तक कड़े कानूनों और बाधाओं से जूझ रहे हैं। उन्हें इस कदम से नई दिशा मिल सकती है। इससे न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा, बल्कि तकनीक, रक्षा और वैश्विक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी रिश्ते मजबूत होंगे।

क्यों नरम पड़ा अमेरिका?

दरअसल परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत लगातार बेहतर कर रहा है। अमेरिका को अच्छी तरह मालूम है कि भारत के साथ मिलकर काम करने पर उसको फायदा होगा। क्योंकि अब ऊर्जा से लेकर अंतरिक्ष तक के कई सेक्टर ऐसे हैं, जहां दोनों देशों को एक दूसरे की जरूरत है। अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को अगली पीढ़ी की सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए मिलकर काम करते देखेंगे। साथ ही अमेरिकी और भारतीय अंतरिक्ष यात्री मिलकर अत्याधुनिक अनुसंधान और अंतरिक्ष अन्वेषण करेंगे। फिर अमेरिका भारत में बड़ा निवेश कर रहा है। उसी तरह भारत ने अमेरिकी निवेश में भूमिका निभाई है। पिछले दो दशकों में दोनों देश करीब आए हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार अमेरिका में भारतीय निवेश ने 4,00,000 नौकरियां पैदा की हैं।

पाकिस्तान में मिला जर्मन रायजनिक का शव, दो दिन से ऑफिस नहीं आए थे, आखिर किसने ली जान?

#pakistan_german_diplomat_found_dead_in_his_islamabad_apartment

पाकिस्तान में एक जर्मन डिप्लोमैट का शव मिला है। जर्मन दूतावास में दूसरे सचिव के तौर पर काम करने वाले जर्मन राजनयिक सोमवार को इस्लामाबाद स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। जर्मन डिप्लोमैट का नाम थॉमस फील्डर था। वह इस्लामाबाद के डिप्लोमेटिक एन्क्लेव स्थित काराकोरम हाइट्स के फ्लैट में रहते थे। उनकी मौत कैसे हुई या फिर उनकी हत्या हुई है, इसकी डिटेल पाकिस्तान ने दुनिया को नहीं दी है।

Image 2Image 4

जर्मन दूतावास के दूसरे सचिव थॉमस जुर्गेन बिएलेफेल्ड के 2 दिनों तक काम से गायब रहने के दौरान सोमवार को उनकी खोज शुरू की गई, तब वो अपने अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जुर्गेन की आँखों, नाक और मुँह से खून निकल रहा था। पुलिस के अनुसार, जुर्गेन दो दिनों से काम पर नहीं आ रहे थे और फोन कॉल्स का भी जवाब नहीं दे रहे थे। इसके बाद दूतावास के कुछ अधिकारी उनके अपार्टमेंट का ताला तोड़कर घर में घुसे, जहाँ उन्हें मृत पाया गया।

जर्मन डिप्लोमैट की पाकिस्तान में मौत कैसे हुई, वजह फौरन पता नहीं चल पाई है। हालांकि, थाने के ड्यूटी अफसर इरशाद के मुताबिक, राजनयिक पहले से दिल के मरीज थे और उनका इलाज इस्लामाबाद के कुलसुम अस्पताल में चल रहा था. उनका इशारा हार्ट अटैक को लेकर है। मगर जांच के बाद ही यह सामने आएगा कि आखिर उनकी मौत संयोग है या उनकी हत्या की गई?

दिल्ली में कब होगा विधानसभा चुनाव, आज दो बजे चुनाव आयोग करेगा तारीखों का एलान

#delhiassemblyelectiondateannouncementelectioncommission_pc

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी, 2025 तक का है। इससे पहले दिल्ली विधानसभा का गठन करने के लिए चुनाव होने हैं। इसके लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। चुनाव आयोग आज (मंगलवार) 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें वो दिल्ली में चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा।चुनाव आयोग की ओर से विज्ञान भवन में केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के शेड्यूल की घोषणा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है।

Image 2Image 4

एक ही चरण में चुनाव होने की उम्मीद

दिल्ली चुनाव एक ही चरण में होने की उम्मीद है। संभवतः फरवरी के दूसरे हफ्ते के आसपास चुनाव हो। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की देखरेख में यह अंतिम चुनाव हो सकता है. वह 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

दिल्ली में कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर

इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा सकता है। सोमवार को ही चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इस चुनाव में दो लाख के करीब मतदाता 18 से 19 वर्ष के हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस सूची में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं।

1,67,329 नए मतदाता जुड़े

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक महीने में 29 अक्तूबर से 28 नवंबर तक 1,35,089 मतदाताओं ने फार्म- 6 और 83,825 ने फार्म 8 के तहत मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, पता बदलने, नाम को सूची से हटाने और आपत्तियां और सुझाव के लिए आवेदन किया। चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारियों ने सभी आवेदनों को 24 दिसंबर तक सुलझा दिया। इस तरह से अंतिम मतदाता सूची जारी होने तक 3,08,942 नए नाम मतदाता सूचियों में जुड़े। 1,41,613 नाम हटाए गए। इस दौरान कुल 1,67,329 मतदाता नए जुड़े।

तिब्‍बत में भूकंप ने मचाई तबाही, 53 की मौत-62 घायल, भारत में भी असर

#strongearthquakestrikesinchinastibet_region

Image 2Image 4

मंगलवार की सुबह नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास भयंकर भूकंप के कारण धरती कांप उठी है। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके झटके भारत के बिहार, यूपी, दिल्ली एनसीआर, बंगाल समेत कई राज्यों में महसूस किए गए हैं। चीन के बयान में बताया गया कि नेपाल सीमा के पास तिब्बत क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप में अब तक 53 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 62 लोग घायल हैं। भूकंप के चलते मरने वालों की संख्‍या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।

तिब्बत में भूकंप शिगाजे शहर में आया. शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, चीन ने भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। यूएसजीएस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए।

भूकंप सुबह करीब 6:52 बजे आया। नेपाल के काठमांडू, धाडिंग, सिंधुपालचौक, कावरे, मकवानपुर और कई अन्य जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं उत्तर भारत के भी कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि भारत से अभी किसी हताहत की खबर नहीं है।

नेपाल में किसी तरह के नुकसान खबर नहीं

नेपाल की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया है सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेपाल के मुताबिक, भूकंप का केंद्र चीन का डिंगी था। नेपाल की राजधानी काठमांडू में भूकंप के झटकों के कारण लोग बुरी तरह से घबरा गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक भूकंप के कारण देश से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।

भारत में भी महसूस किए गए झटके

भूकंप के झटके भारत के कई राज्यों में भी महसूस किए गए। इसकी जद में सबसे ज्यादा बिहार आया। इसके अलावा असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान डरे सहमे लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। यूएसजीएस भूकंप के मुताबिक, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में था।

बच्चों को चपेट में ले रहा HMPV वायरस, देश के 5 राज्यों में आए केस, जारी हुई ये एडवाइजरी

#hmpvinindiahealthminisrtyadvisorytoallhospitals

Image 2Image 4

कोविड 19 वायरस के बाद अब चीन के नए वायरस ने लोगों में दहशत फैला दी है। इसे हूयमन मेटान्‍यूमोवायरस (HMPV) कहा जाता है। इसके लक्षण कोरोना वायरस के समान हैं और ये कमजोर इम्‍यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बनाता है। भारत में इसके मामले सामने आने लगे हैं। अब तक 5 राज्यों में केस मिले हैं। कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को एचमपीवी वायरस के कर्नाटक में दो, गुजरात में एक और तमिलनाडु में 2 मरीज मिले। आज मंगलवार को नागपुर में भी दो नए केस मिले हैं।

वायरस बच्चों को ले रहा चपेट में

भारत में अब तक HMP वायरस के जितने भी केस मिले हैं उसमें छोटे बच्चे ही संक्रमित हुए हैं। बेंगलुरु में 8 महीने के एक बच्चे को बुखार की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और जांच के दौरान बच्चे में HMP वायरस पाया गया। दूसरा मामला भी बेंगलुरू के ही अस्पताल में मिला। इस बार 3 महीने के एक बच्चे में HMP वायरस मिला। इस बच्चे को ब्रोंकोन्यूमोनिया के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

तीसरा मामला गुजरात में मिला और मरीज 2 महीने का एक बच्चा है। ये बच्चा पिछले 15 दिन से बीमार था और उसे राजस्थान के डूंगरपुर से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसलिए राजस्थान में भी HMP वायरस के केस मिलने की आशंका बढ़ गई है। HMP वायरस का चौथा मामला पश्चिम बंगाल से है, जहां कोलकाता में 5 महीने का एक बच्चा HMPV पॉजिटिव पाया गया है। ये बच्चा बुखार, डायरिया, और उल्टी जैसे लक्षणों के साथ डॉक्टर के पास लाया गया था और वायरस PCR टेस्ट के बाद बच्चे में HMP वायरस होने की पुष्टि हो गई। इस बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया।

पांचवां और छठा मामला चेन्नई से सामने आया है। दो बच्चों को HMP वायरस की पुष्टि हुई है।

केंद्र सरकार अलर्ट

देश और दुनिया भर में स्थिति को बिगड़ता देख अब केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से HMPV को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। भारत में HMPV के दस्तक के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसे लेकर पैनिक होने की जरुरत नहीं है। ये वायरस भारत में पहले से ही मौजूद है। फिलहाल हेल्थ मिनिस्ट्री पूरे मामले को मॉनिटर कर रही है और लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

एडवाइजरी में क्या कहा गया है?

1. एडवाइजरी में अस्पतालों से सभी तरह के सांसों से संबंधी संक्रामक बीमारियों के लिए रियल टाइम रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा गया है। साथ ही सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन से संबंधित इन मामलों को तत्काल इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम वाले पोर्टल में एंट्री करने के लिए कहा गया है।

2. एडवाइजरी में कहा गया कि सीवर एक्यूट रिस्पाइरेटरी इंफेक्शन के सबी मामले और इंफ्लूएंजा के सभी मामलों को आईएचआईपी पोर्टल में सूचीबद्ध करें।

3. एडवाइजरी के मुताबिक अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जब भी कोई इस तरह के संदेहास्पद मरीज आए तो उनके आइसोलेशन की व्यवस्था हो और तत्काल प्रभाव से उनका इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि संक्रामक बीमारी का प्रसार अन्य में न हो।

4. अस्पतालों से कहा गया है कि वह निजी अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित कर संक्रामक बीमारियों की सही रिपोर्टिंग और उपचार सुनिश्चित करें।

5. हर हाल में मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अस्पतालों में इलाज के लिए कोई असुविधा न हो।

6. एडवाइजरी के मुताबिक सभी अस्पतालों के सीएमओ से कहा गया है कि हल्के-फुल्के लक्षणों के लिए वे अस्पतालों में पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामिन, ब्रोंकोडायलेटर, कफ सीरफ का स्टोरेज कर लें ताकि इन सबकी कोई कमी न रहे।

भारत सरकार ने एचएमपीवी वायरस पर क्या कहा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद सोमवार को कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनक में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन में एचएमपीवी की हालिया खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।