2025 के स्वागत में तैयार है बेगूसराय
बेगूसराय में नए साल के स्वागत के लिए अब चंद घंटे ही शेष रह गए हैं और बेगूसराय जिले में विशेष तैयारियां शुरू हो चुकी है। जिले के तमाम होटलों में नववर्ष के अवसर पर जश्न मनाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही, डिस्काउंट ऑफर भी दिए जा रहे हैं।
बिहार के पहले रामसर साइट काबर झील, जो एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील मानी जाती है, नववर्ष के अवसर पर पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। काबर झील के पक्षी विहार और जयमंगलागढ़ वन क्षेत्र में पर्यटकों का आगमन बढ़ने का अनुमान है। यहां के मछुआरे अपनी नावों को पर्यटकों के लिए तैयार कर चुके हैं, ताकि वे झील के सौंदर्य का आनंद ले सकें।
काबर झील में सूर्योदय के समय कमल खिलने, मछलियों का तैरना और पक्षियों का कलरव पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा, झील में वनभोज का आनंद लेने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। काबर और जयमंगलागढ़ के रमणीय दृश्य पर्यटकों को खींच लाते हैं।
काबर झील को रामसर साइट घोषित किए जाने के बाद इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान बन गई है। यहां 165 से अधिक प्रकार के पौधों और 394 से अधिक प्रकार के जीवों का वास है, जिनमें से 221 प्रकार की पक्षी प्रजातियाँ देसी और विदेशी हैं। हालांकि, झील में जंगल-झाड़ अधिक होने से नौका विहार में कठिनाई होती है, लेकिन फिर भी पर्यटकों का उत्साह कम नहीं हुआ है। प्रशासन ने पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष तैयारी की है।
बेगूसराय के धार्मिक स्थल भी नववर्ष के मौके पर श्रद्धालुओं से भरे होंगे। विष्णुपुर मोहल्ले में स्थित नौलखा मंदिर, जो महंत महावीर दास द्वारा 1953 में बनवाया गया था, भी इस समय आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर का संगमरमर से बना गुंबज और अद्भुत कलाकृति श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है।
नववर्ष के इस खास मौके पर बेगूसराय जिले के ये प्रमुख धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक आदर्श यात्रा स्थल बनकर उभरे हैं।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Jan 05 2025, 17:01