चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री, कौन है मात्र 15 लाख की संपत्ति वाला सबसे गरीब सीएम
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* आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, अपनी सादगी को लेकर अलग पहचान बनाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 15 लाख रुपए की संपत्ति के साथ सबसे गरीब हैं। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से 30 दिसंबर को जारी एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए, जबकि कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपए है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट में देश में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति और देनदारी का पता चलता है। जिससे उनकी अमीरी सामने आती है। चंद्रबाबू नायडू के बाद अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू 332 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 55 लाख रुपये की संपत्ति के साथ लिस्ट में दूसरे सबसे गरीब सीएम हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं। *पेमा खांडू पर 180 करोड़ का कर्ज* अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपए की देनदारी यानी कर्ज है। कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया पर 23 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। *तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्‌डी पर 89 मामले दर्ज* रिपोर्ट के मुताबिक, 13 मुख्यमंत्रियों (42%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जबकि 10 (32%) ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें हत्या की कोशिश, अपहरण, रिश्वत देना और आपराधिक धमकी से संबंधित मामले शामिल हैं। सबसे ज्यादा 89 मामले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्‌डी के खिलाफ दर्ज हैं। इनमें 72 गंभीर आपराधिक मामले हैं। तमिलनाडु CM एम के स्टालिन के खिलाफ 47 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 11 गंभीर हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश CM चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कुल 19 केस दर्ज हैं। *देश में केवल दो महिला सीएम* देश के 31 मुख्यमंत्रियों में से केवल दो महिलाएं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली ही ऐसे दो राज्य हैं जहां महिला सीएम है। ममता के अलावा आतिशी ही देश में महिला मुख्यमंत्री हैं। 38 साल की आतिशी देश की सबसे कम उम्र की सीएम भी हैं। 77 साल के विजयन देश के सबसे बुजुर्ग सीएम हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि बिहार के नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे सीएम हैं जो एमएलसी हैं जबकि बाकी विधायक हैं।
प्र‍ियंका गांधी ने की गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ, जानें क्यों दिया कहा धन्यवाद*
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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने केरल के वायनाड भूस्खलन को गंभीर आपदा के घोषित किया है। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केन्द्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से वहां लोगों को पुनर्वास में काफी मदद मिलेगी। बता दें कि प्र‍ियंका गांधी 4 द‍िसंबर को संसद सत्र के दौरान शाह से मिली थीं और वायनाड में विनाशकारी लैंडस्‍लाड से हुए नुकसान को गंभीर प्राकृत‍िक आपदा घोष‍ित करने की मांग की थी। सोमवार को गृहमंत्री ने उनकी मांग को मानते हुए वायनाड लैंड्सलाइड को गंभीर प्राकृत‍िक आपदा घोष‍ित कर द‍िया। प्रियंका गांधी ने गृह मंत्रालय के फैसला का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स गृहमंत्री को टैग करते हुए पर लिखा, मुझे खुशी है कि अमित शाह ने अंततः वायनाड त्रासदी को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने का निर्णय लिया है। इससे पुनर्वास की आवश्यकता वाले लोगों को काफी मदद मिलेगी और यह निश्चित रूप से सही दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यदि इसके लिए पर्याप्त धनराशि भी यथाशीघ्र आवंटित की जा सके तो हम सभी आभारी होंगे। बता दें कि केरल के वायनाड में 30 जुलाई को मूसलाधार बारिश की वजह से चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। हजारों लोगों के घर उजड़ गए। खेत-खल‍िहान बह गए। इसे केरल के इत‍िहास में सबसे भयानक प्राकृत‍िक आपदाओं में से एक माना गया। वहां हालात इतने खराब थे कि लोगों को मदद नहीं मिल पा रही थी। वायनाड से सांसद प्र‍ियंका गांधी जब इन लोगों के बीच गईं, तो उन्‍होंने मुद्दा उठाया और मदद की गुहार लगाई।
उत्तर भारत में ठंड का कहर, पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश-बर्फबारी के आसार, 5 डिग्री तक और लुढ़क सकता है पारा
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* दिल्ली-एनसीआर सहित लगभग पूरा उत्तर भारत इस समय ठंड से ठिठुर रहा है। बारिश के बाद तापमान में आई कमी से लोगों को कंपकपी महसूस होने लगी है। दिल्ली में चल रही ठंडी हवाओं ने लोगों की हालत और खराब कर दी है। दिल्ली-एनसीआर में दिनभर चल रही शीतलहर और आसमान में छाए बादल ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में ठंड का टॉर्चर बढ़ा दिया है। नए साल के मौके पर दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्य ठंड से अभी और कांपेंगे। 4 जनवरी से ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है और इसके असर से पहाड़ी और मैदानी राज्यों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। साथ ही, पारा 3-5 डिग्री तक और लुढ़क सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में शीतलहर की स्थिति को देखते हुए अगले दो दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं सुबह और रात के समय हल्के से मध्यम कोहरा रहने की संभावना है। दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 5.4 डिग्री कम 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, पिछले दो दिनों से अधिकतम तापमान शीत दिवस की श्रेणी में दर्ज किया गया, लेकिन न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा।
तालिबान ने घर में खिड़की बनाने पर लगाया बैन, जानें किस डर से जारी किया फरमान

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अफगानिस्तान में तालिबानी राज में महिलाओं की जिंदगी बद से बदतर होती जा रही है। तालिबान ने एक और महिला विरोधी कदम उठाया है। तालिबान के सर्वोच्च नेता ने रेसिडेंशियल बिल्डिंगों में खिड़कियां लगाने पर बैन लगाने का आदेश दिया है। तालिबान के नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने आदेश दिया है कि इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए जहां महिलाएं बैठ या खड़ी हो सकती हैं। साथ ही मौजूदा खिड़कियों को भी बंद करने के लिए कहा गया है।

सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सर्वोच्च नेता के फरमान को पोस्ट किया। एक्स पर पोस्ट किए गए चार-खंडों के आदेश के मुताबिक यह आदेश नई इमारतों के साथ-साथ मौजूदा इमारतों पर भी लागू होता है। खिड़कियां यार्ड या रसोई जैसे घरेलू हिस्सों को नहीं दिखानी चाहिए या उनमें नहीं खुलनी चाहिए। अगर कोई खिड़की ऐसी जगह की ओर दिखती है, तो उस मकान के लिए जिम्मेदार इंसान को दीवार, बाड़ या स्क्रीन लगाकर उसे बंद करने का कोई तरीका खोजना होगा। तालिबान के आदेश में कहा गया है कि नगर पालिकाओं और अन्य अधिकारियों को आवासीय संपत्तियों के अंदर या ऊपर देखने वाली खिड़कियां लगाने से बचने के लिए नई इमारतों के निर्माण की निगरानी करनी चाहिए।

महिलाओं को काम पर रखने वाले समूहों को बंद करने के आदेश

वहीं इसी कड़ी के एक दूसरे आदेश में तालिबान ने कहा कि वे अफगानिस्तान में महिलाओं को काम पर रखने वाले सभी राष्ट्रीय और विदेशी गैर सरकारी समूहों को बंद कर देंगे। एक पत्र में अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने चेतावनी दी कि ताजा आदेश का पालन न करने पर अफगानिस्तान में काम करने के लिए गैर सरकारी संगठनों का लाइसेंस रद्द हो जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय और विदेशी संगठनों द्वारा की जाने वाली सभी गतिविधियों के रजिस्ट्रेशन, समन्वय, नेतृत्व और निगरानी के लिए जिम्मेदार है। पत्र के मुताबिक सरकार एक बार फिर तालिबान द्वारा नियंत्रित नहीं किए जाने वाले संस्थानों में सभी महिला काम को रोकने का आदेश दे रही है। आदेश में कहा गया कि सहयोग की कमी के मामले में, उस संस्थान की सभी गतिविधियां रद्द कर दी जाएंगी और मंत्रालय द्वारा दिए गए उस संस्थान का गतिविधि लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। यह तालिबान का एनजीओ गतिविधि को नियंत्रित करने या उसमें हस्तक्षेप करने की ताजा कोशिश है।

बता दें कि दो साल पहले तालिबान ने अफगान महिलाओं को काम पर रखने से मना किया था। इसका कारण ये बताया गया था कि कामकाजी महिलाएं कथित तौर पर इस्लामी हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती थीं।

महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंध

अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में के बाद से देश में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों से धीरे-धीरे हटा दिया गया है। तालिबान ने पहले ही लड़कियों और महिलाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा के बाद की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है, रोजगार को भी प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं को बैन किया गया है। तालिबान सरकार ने इस्लामी कानून का अत्यधिक सख्त अनुप्रयोग लागू कर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाने या कविता पाठ करने से भी रोक दिया है। कुछ स्थानीय रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों ने भी महिलाओं की आवाज़ों का प्रसारण बंद कर दिया है।

भारत के पड़ोसी देश ने बनाई दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन, चीन ने दिखाई 'रॉकेट' जैसी रफ्तार

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चीन दुनिया के ताकतवर देशों से लगातार आगे बढ़ने की होड़ में लगा है। इसी कड़ी में अब ऐसी बुलेट ट्रेन को तैयार किया गया है जो 450 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ेगी। यह दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन है।चीन ने 2021 में इस परियोजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता और यात्री सुविधा पर फोकस करते हुए तेज गति की ट्रेन बनाना था। इस ट्रेन से चीन रेलवे तकनीक में दुनिया का लीडर बनना चाहता है। इससे यात्रा का समय भी काफी कम हो जाएगा। उम्मीद है कि यह ट्रेन अगले साल से चलने लगेगी।

इस बुलेट ट्रेन का नाम सीआर450 EMU (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट्स) है। यह चीन की हाल ही में डिजाइन की गई बुलेट ट्रेन मॉडल है। इस ट्रेन को रविवार को बीजिंग में लॉन्च किया गया है। सरकारी समचाार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की एक खबर में कहा गया है कि यह वर्तमान में सेवा में मौजूद सीआर400 फक्सिंग हाई-स्पीड रेल से काफी तेज है, जो 350 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती है।

इस ट्रेन को चीन की चीन स्टेट रेलवे ग्रुप ने तैयार किया है। कंपनी ने कहा, ट्रेन यात्रा के समय को और कम कर देगी और कनेक्टिविटी में सुधार करेगी, जिससे देश के यात्रियों के लिए यात्रा अधिक सुविधाजनक और आसान हो जाएगी। कंपनी ने कहा, यह ट्रेन पूरी दुनिया में एक नया बेंचमार्क सेट करेगी और बहुत जल्द ही लंबी दूरी को कवर कर लेगी।

चीन की नई ट्रेन का भारत में सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से कोई मुकाबला नहीं है। वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। चीन की नई हाई स्‍पीड ट्रेन को भारत के कंटेक्‍स्‍ट में समझें तो कानपुर में रहने वाला कोई व्‍यक्ति बड़े मजे में रोज दिल्‍ली आकर काम कर लेगा। दिल्‍ली और कानपुर की दूरी 475 किमी के आसपास है। सीआर450 ट्रेन की जो रफ्तार है, उसमें उसे इसे कवर करने में कुछ सवा घंटे का समय ही लगेगा।

“केरल मिनी पाकिस्तान, इसलिए राहुल और प्रियंका...”, नितेश राणे के बयान पर बवाल

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अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने बीजेपी नेता और फडणवीस सरकार में मंत्री बने नितेश राणे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने केरल की तुलना पाकिस्तान से की है। उन्होंने कहा कि यह राज्य मिनी पाकिस्तान की तरह है, तभी राहुल गांधी और उनकी बहन वहां से सांसद चुने जाते हैं। राणे के इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया। हालांकि, बढ़ते मामले को देखते हुए सोमवार को भाजपा नेता ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि केरल भारत का हिस्सा है। उन्होंने पाकिस्तान से केवल केरल में हो रहे घटनाक्रमों के संदर्भ में तुलना की थी।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो मुस्लिमों की वजह से वयनाड से चुनाव जीत पाते हैं। उन्होंने कहा है कि केरल मिनी पाकिस्तान है, इसलिए राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी जीतकर आते हैं, सांसद बनने के लिए ऐसे ही लोग उनको वोट देते हैं। नितेश राणे ने यह टिप्पणी पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को की।

विवाद बढ़ने के बाद दी सफाई

विवाद बढ़ता देख राणे ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि हमारा देश एक हिंदू राष्ट्र बने, यही हमारी इच्छा है। हिंदुओं को हर संभव तरीके से सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'केरल भारत का हिस्सा है, लेकिन वहां हिंदू आबादी का घटना एक चिंता का विषय है। हिंदुओं का इस्लाम और ईसाई धर्म में धर्मांतरण एक आम बात हो गई है। वहीं, 'लव जिहाद' के मामले भी बढ़ रहे हैं। मैं केरल और पाकिस्तान की स्थिति की तुलना कर रहा था। अगर हमारे देश में भी पाकिस्तान जैसी स्थिति पैदा होती है, तो हमें इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यही मैंने अपने भाषण में कहा था।'

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले वह 2 नवंबर 2024 जब राणे से पूछा गया था कि आपको मुस्लिमों से क्या दिक्कत है? तो उन्होंने कहा था कि देश में 90 प्रतिशत हिंदू रहते हैं। हिंदुओं के हितों की चिंता करना कोई अपराध नहीं हो सकता। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा था कि देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के त्योहारों पर पत्थरबाजी करते हैं। यदि इसके खिलाफ आवाज उठाने पर मुकदमा दर्ज होता है तो, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं।

राणे के खिलाफ 38 मामले दर्ज

नितेश राणे कोंकण इलाके की कंकावली विधानसभा सीट से विधायक हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उनके खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं। इनमें 66 गंभीर धाराएं शामिल हैं। अधिकतर मामले पिछले एक से डेढ़ साल में दर्ज हुए हैं और भड़काऊ भाषण से जुड़े हैं। हालांकि, इन 38 में से सिर्फ 10 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। भड़काऊ भाषणों से जुड़े किसी भी मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, क्योंकि सरकार ने उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है। अब तक 10 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है और इनमें से चार मामलों में अदालतों ने आरोप तय किए हैं।

मुसलमानों नया साल नहीं मनाने की हिदायत, मौलाना ने जारी किया फतवा, बताया शरियत के खिलाफ

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साल 2024 बस खत्म होने ही वाला है। हर तरफ नए साल के स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। इस बीच एक मौलाना ने मुसलमानों को लिए फतवा जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये नया साल हमारा नहीं, बल्कि, ईसाइयों का है। इसलिए नए साल का जश्न मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के बरेली के मौलाना चश्म-ए-दारुल इफ्ता ने नए साल का जश्न मनाने और मुबारकबाद देने को गैर इस्लामी करार दिया है।उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए नया साल मनाना हराम है और गुनाह है। ये इसाइयों का धार्मिक त्योहार है, जिसे मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर-मजहबी प्रथाओं को मानना मुसलमानों के लिए सख्त नाजायज है। ऐसे में मुसलमानों खासतौर पर नए लड़के-लड़कियों को नए साल का जश्न मनाने से बचना चाहिए। मौलाना ने कहा कि मुसलमान के लिए नए साल का जश्न मनाना फख्र की बात नहीं है।

नया साल ईसाईयों का ?

मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवा जारी करते हुए कहा- नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और प्रोग्राम आयोजित करना इस्लामी शरियत की रोशनी में नाजायज है। फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो अंग्रेज, ईसाईयों का नया साल है। ईसाईयों का मजहबी और धार्मिक कार्यक्रम है कि वो हर साल के पहले दिन ज़श्न मनाते हैं. इसमें विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. ये ईसाईयों का खालीस ‘मजहबी शिआर’ (धार्मिक कार्यक्रम) है. इसलिए मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है. इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है.

फतवे में इन्हें बताया गया नाजायज

शाहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में आगे कहा- नए साल का जश्न मनाना, एक दूसरे को मुबारकबाद देना, पटाखे दागना, तालियां बजाना, शोर मचाना, सीटियां बजाना, लाइट बंद करके हुड़दंग करना फिर लाइट को दोबारा जलाना, नाच-गाना करना, शराब पीना, जुआ खेलना, अपने मोबाइल वाट्सअप से एक -दूसरे को मैसेज भेजकर मुबारकबाद देना, ये सारे काम इस्लामी शरियत की रोशनी में नाजायज हैं।

क्या होता है फतवा?

मालूम हो कि इस्लामिक फतवा एक धार्मिक राय या निर्णय है, जो इस्लामी कानून के अनुसार दिया जाता है। यह एक इस्लामी विद्वान या मुफ्ती द्वारा दिया जाता है, जो इस्लामी कानून के जानकार होते हैं। फतवा किसी धार्मिक मसले पर पूछे गये सवाल पर मुफ्ती द्वारा जारी जवाब का दस्तावेज होता है। हालांकि, फतवे को मानना वांछनीय होता है लेकिन बाध्यकारी नहीं है।

संजय सिंह की पत्‍नी पर ऐसा क्या बोल गए मनोज तिवारी? आप नेता ने दी कोर्ट में घसीटने की धमकी

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आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी को कोर्ट में घसीटने की धमकी दी है। संजय सिंह का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की गई। आप नेता ने कहा कि बीजेपी वाले झूठ फैलाते रहते हैं। दरअसल, मनोज तिवारी ने आप नेता संजय सिंह की पत्‍नी के वोटर आईडी पर सवाल खड़े किए थे। जिसको लेकर संजय सिंह ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी के खिलाफ मानहानि का केस करने को लेकर चेतावनी दी है।

संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी ने फिर से झूठ फैलाना किया शुरू कर दिया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्वांचलियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताया और उनके वोट कटवाने की एप्लीकेशन दी। इसका मैंने संसद में विरोध किया तो बीजेपी वालों ने मेरी पत्नी का वोट कटवाने की एप्लीकेशन दे दी। अब बीजेपी झूठ फैला रही है कि मेरी धर्मपत्नी का सुल्तानपुर में वोट है। इस झूठ को फैलाने में मनोज तिवारी भी शामिल हैं।

आप नेता ने कहा, 'अनीता सिंह ने 4 जनवरी 2024 को सुल्तानपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी को वोट कटवाने की एप्लीकेशन दी। बीजेपी नेता अमित मालवीय और मनोज तिवारी ने मेरा अपमान किया है। अब मैं इन दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा।' क्या बीजेपी वाले हमारे पैतृक आवास पर भी कब्जा करना चाहते हैं? मैं बीजेपी से कहना चाहता हूं कि तुरंत इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर जाकर मेरी पत्नी अनीता सिंह के एपिक नंबर 2202935 पर चेक करो कि कहां इनका वोट बना हुआ है

संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की विभिन्न विधानसभाओं में नियमों के खिलाफ जाकर हजारों वोट कटवाने की एप्लीकेशन दी। लेकिन हम उनकी इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे। हम पूर्वांचल समाज का अपमान नहीं होने देंगे

इससे पहले बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने दावा किया था कि संजय सिंह की पत्नी ने 2024 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मतदान किया था। मनोज तिवारी का कहना है कि अगर शपथपत्र के मुताबिक अनीता सिंह यूपी के सुल्तानपुर में रजिस्‍टर्ड मतदाता हैं तो उनका दिल्ली में वोट देना अवैध और गैर-कानूनी है। बीजेपी की तरफ से इसे गंभीर मामला करार देते हुए चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई की मांग की गई।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।

क्या है इसरो का स्पैडेक्स मिशन ? आज अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग के लिए लॉन्च होगा नया कदम

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोमवार, 30 दिसंबर को पीएसएलवी रॉकेट पर अपना अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग - जिसे स्पैडेक्स के नाम से भी जाना जाता है - लॉन्च कर रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी के नवीनतम अपडेट के अनुसार, स्पैडेक्स लॉन्च को दो मिनट के लिए 9:58 से 10 बजे तक पुनर्निर्धारित किया गया है।

इसरो ने सोमवार को एक अपडेट में कहा, "लॉन्च का दिन आ गया है। आज रात ठीक 10 बजे, स्पैडेक्स और अभिनव पेलोड के साथ पीएसएलवी-सी60 उड़ान भरने के लिए तैयार है।" अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग ऑर्बिटल डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने के लिए एक अग्रणी मिशन है, जो भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है।"

पहले यह लॉन्च रात 9:58 बजे निर्धारित किया गया था। इसरो ने कहा कि अब यह सोमवार को रात 9.58 बजे की बजाय रात 10 बजे उड़ान भरेगा। हालांकि, पुनर्निर्धारण के पीछे के कारण के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं है।

स्पेस डॉकिंग क्या है जिसे इसरो स्पैडेक्स के माध्यम से हासिल करना चाहता है?

अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक होगी, जिसमें चंद्रमा पर मानव भेजना, वहां से नमूने लाना और देश के अपने अंतरिक्ष स्टेशन- भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन करना शामिल है। अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन, इसरो का अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग, यदि सफल होता है, तो भारत चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका की सूची में शामिल हो जाएगा।

डॉकिंग तकनीक का उपयोग तब भी किया जाएगा जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च की योजना बनाई जाती है। मिशन को पहले लॉन्च पैड से लॉन्च किया जाएगा और इसमें स्पैडेक्स के साथ दो अंतरिक्ष यान प्राथमिक पेलोड के रूप में और 24 द्वितीयक पेलोड होंगे। इसरो ने कहा कि

पीएसएलवी रॉकेट में दो अंतरिक्ष यान- स्पेसक्राफ्ट ए (एसडीएक्स01) और स्पेसक्राफ्ट बी (एसडीएक्स02) को एक ऐसी कक्षा में रखा जाएगा जो उन्हें एक दूसरे से 5 किमी दूर रखेगी। बाद में, इसरो मुख्यालय के वैज्ञानिक उन्हें 3 मीटर तक करीब लाने की कोशिश करेंगे, जिसके बाद वे पृथ्वी से लगभग 470 किमी की ऊँचाई पर एक साथ मिल जाएँगे।

इसरो अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया सोमवार को निर्धारित लिफ्ट-ऑफ के लगभग 10-14 दिन बाद होने की उम्मीद है। स्पैडेक्स मिशन में, स्पेसक्राफ्ट ए में एक हाई रेजोल्यूशन कैमरा है, जबकि स्पेसक्राफ्ट बी में मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल पेलोड और रेडिएशन मॉनिटर पेलोड है। ये पेलोड हाई रेजोल्यूशन इमेज, प्राकृतिक संसाधन निगरानी, ​​वनस्पति अध्ययन आदि प्रदान करेंगे। यह 2024 में इसरो का आखिरी मिशन होगा और पीएसएलवी-सी60 पहला वाहन है जिसे पीएसएलवी इंटीग्रेशन फैसिलिटी में चौथे चरण तक एकीकृत किया गया है।