हास्य कवि सुनील जोगी और डॉ. अनिल चौबे 18 दिसंबर की शाम बांधेंगे समां

डेस्क:–राजधानी रायपुर में एक बार फिर सजने जा रही है कवियों, गीतकारों की महफिल, 18 दिसंबर को होने वाला है ‘देसी टॉक कवि सम्मेलन 5.0′. इस बार हंसी के ठहाके जमकर गूंजेगे। देश के लोकप्रिय हास्य कवि सुनील जोगी और डॉ. अनिल चौबे अपनी प्रस्तुति देंगे। आज हम आपको कवियों के जीवन परिचय के साथ उनके काव्य यात्रा से भी अवगत कराने जा रहे हैं।

सुनील जोगी भारत के लोकप्रिय हास्य कवियों में से एक प्रमुख नाम है। उनकी कविता ‘मुश्किल है अपना मेल प्रिये’ खासी लोकप्रिय हुई थी. जिसे 2017 की फिल्म मुक्केबाज में भी सुनने को मिला। जोगी ने हिंदी साहित्य में अपनी स्नातकोत्तर उपाधि और डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की। वे 75 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। सुनील जोगी को भारत सरकार द्वारा 2015 में चौथा सर्वोच्च भारतीय नागरिक पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

*सुनील जोगी की मशहूर कविता :-*

कभी हमको हंसाती है, कभी हमको रूलाती है
जिन्हें जीना नहीं आता, उन्हें जीना सिखाती है,
खुदा के नाम पर लिखी, ये दीवानों की पाती है
मोहब्बत की नहीं जाती, मोहब्बत खुद हो जाती है।

खुदा के सामने दिल से इबादत कौन करता है
तिरंगा हाथ में लेकर शहादत कौन करता है
ये कसमें और वादे चार दिन में टूट जाते हैं
वो लैला और मजनूं सी मोहब्बत कौन करता है।

*हास्य कवि डॉ. अनिल चौबे की कविताएं व्यंग्य की तीखी चुभन भी देती है*

पिछले डेढ़ दशक में हिन्दी कवि सम्मेलन मंचों पर हास्य कवि के रूप में उभरे कवियों में डॉ. अनिल चौबे वो नाम है जो अपनी मौलिकता और प्रत्युत्पन्न मति के लिए जाना जाता है. 1 अक्टूबर 1976 को बिहार प्रान्त के गोपालगंज जिले के पटखौली नामक गांव में जन्मा, यह युवा रचनाकार हिन्दी काव्य मंचों का चहेता कवि है. देश के विभिन्न मंचों पर अपनी लोकप्रिय प्रस्तुति से ख्याति प्राप्त कवि अनिल चौबे भारत के अलावा दुबई, शारजाह, बैंकॉक आदि देशों में भी अपनी हास्य व्यंग्य कविताओं का जादू बिखेर चुके है. संस्कृत साहित्य का लालित्यमय सौंदर्य और भाषायी टोन की शरारती महक उनकी बोलचाल में सहज रूप से उतरी है, जो इन्हें अन्य मंचीय कवियों से अलग तो करती ही है, विशिष्ट भी बनाती है।

उनकी रचनाएं केवल हास्य की गुदगुदी ही नही पैदा करती बल्कि व्यंग्य की तीखी चुभन भी देती है. उनका रचनाकार जहां एक ओर चहरे पर खिलखिलाहट बिखेरने में सक्षम है। वहीं अपना काव्य धर्म निर्वाह करते हुए मस्तक पर सार्थक चिंतन की गम्भीर रेखाएं उभारने की क्षमता भी रखता है। सहज बातचीत, हंसमुख व्यवहार, स्थितियों और घटनाओं को गहनता से समझने की अद्भुत क्षमता, व्यंग्य की आत्मा को टटोलते हुए जीवन के तमाम पहलुओं पर चर्चा और बेहिचक सच बोल सकने का आत्मबल डॉ. अनिल चौबे को अन्य कवियों से विशेष बनाता है।

स्वयं श्रीवास्तव हिंदी कविता के क्षेत्र में वर्तमान में सबसे प्रसिद्ध और युवाओं के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय कवि हैं. स्वयं श्रीवास्तव विश्व के कई देशों में अपने अनोखे अंदाज में काव्य पाठ कर हिंदी कविता को वैश्विक मंचों पर पहचान व सम्मान दिला रहे हैं. आपकी कविताओं में वर्तमान समय में संघर्ष करते युवाओं के परिस्थितियों की गूंज स्पष्ट सुनी जा सकती है. वे न केवल कवि हैं बल्कि अपने प्रेरक और आत्मविश्वास पूर्ण उद्बोधनों से समाज को प्रेरित करते रहते हैं.

कविता पढ़ने का उनका अनोखा अंदाज़ उनकी पहचान बन गया है और वर्तमान की उनकी सर्वाधिक प्रशंसित कविता “मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते” हर भारतीय युवा के जीवन का गीत बन उनके होंठों पर बसा हुआ है. स्वयं कवि सम्मेलनों के साथ-साथ TV कार्यक्रमों में अपनी शानदार प्रस्तुति देते हुए हिंदी कविता को समृद्ध कर रहे हैं.
भिवानी में कड़ाके की ठंड की शुरुआत,14 डिग्री पर आया न्यूनतम तापमान
 
डेस्क:–भिवानी में कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो गई हैं। सोमवार सुबह सड़कों पर घना कोहरा नजर आया। विजिबिलिटी महज 20 मीटर रहने से सड़कों पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दे रहे है। न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया हैं। वहीं ठंड के साथ ही आबोहवा भी खराब हो गई हैं। सुबह 7 बजे AQI 426 दर्ज किया गया हैं, जो हानिकारक हैं।
 

लोगो का कहना है कि ठंड और स्मॉग का असर बुजुर्ग और बच्चों पर पड़ रहा है ऐसे में डॉक्टर ने सुबह के समय बच्चों व बुजुर्गों से घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। बढ़ते प्रदूषण और धुंध के कारण बच्चे और बुजुर्गों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच सकता हैं। ठंड की वजह से स्कूलों की टाइमिंग में पहले ही बदलाव किया जा चुका हैं। भिवानी डीसी की तरफ से इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
फांसी के फंदे पर लटकी मिली छात्रा की लाश, घर में पसरा मातम, जांच में जुटी पुलिस

डेस्क:–बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली छात्रा घर पर फांसी के फंदे पर लटकी मिली, परिजन उसे फंदे से उतारकर अपोलो हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां डाक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर सरकंडा पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि छात्रा ज्यादा समय तक मोबाइल चलाती थी। आशंका है कि परिजनों ने मोबाइल ले लिया तो उसने आत्मघाती कदम उठाया होगा, फिलहाल मामले की जांच जारी है।

बता दें कि सरकंडा थाना क्षेत्र के वसंत विहार के पास रहने वाली एंजल जैसवानी 9 वीं कक्षा की छात्रा थी। शनिवार की रात वह अपने कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी मिली, परिजनों ने फंदा काटकर छात्रा को अपोलो हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां पर डाक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने रविवार को शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि छात्रा मोबाइल पर ज्यादा समय बिताती थी। परिजन उसे मना करते हुए पढ़ाई पर ध्यान देने कहा करते थे।शनिवार को उससे मोबाइल ले लिया था। आशंका है कि मोबाइल के कारण छात्रा ने आत्मघाती कदम उठाया होगा  फिलहाल मामले की जांच चल रही है, जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो सकेगा।
कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में अवैध देशी शराब की तस्करी… 150 लीटर शराब जब्त, 03 गिरफ्तार
डेस्क:–उदला पुलिस ने मयूरभंज में कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में तस्करी की जा रही 150 लीटर अवैध देशी शराब जब्त की। अवैध शराब एक निजी बस के अंदर छिपाई गई थी। बस उदला से भुवनेश्वर जा रही थी। पुलिस ने अपराध में शामिल तीन लोगों को हिरासत में लिया।

गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने देर रात छापेमारी की और तस्करी के अभियान को सफलतापूर्वक रोक दिया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने अवैध व्यापार में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया। दो आरोपी भुवनेश्वर के हैं जबकि तीसरा उदला का रहने वाला है। पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि कारोबारी देशी शराब को छिपाने के लिए कोल्ड ड्रिंक की बोतलों का इस्तेमाल कर रहे थे। शराब को इस तरह से पैक किया गया था कि कोई शक न करे। इससे वे नियमित जांच के दौरान पकड़े नहीं जा सके। यात्रियों के लिए अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली निजी बस का दुरुपयोग तस्करी के लिए किया जाता था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि ऑपरेशन के पीछे बड़े नेटवर्क का पता लगाया जा सके। तस्करी का यह तरीका नया नहीं है। यह आम बात होती जा रही है। अधिकारियों ने बस ऑपरेटर से भी सतर्क रहने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।

Gmail को टक्कर देने के लिए ला सकते हैं ‘Xmail’

डेस्क:–Gmail को चुनौती देने की तैयारी X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही एक नया ईमेल फीचर ‘Xmail’ लॉन्च कर सकते हैं, जो Google के Gmail को सीधी टक्कर देगा. इस विचार की शुरुआत एक X अकाउंट DogeDesigner के पोस्ट से हुई, जिसमें लिखा था, “Xmail would be cool.” मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और लिखा, “Yeah, on the list of things to do।”


सितंबर 2024 तक, वैश्विक ईमेल मार्केट में Apple Mail का दबदबा है, जिसकी हिस्सेदारी 53.67% है. इसके बाद Gmail 30.70%, Outlook 4.38%, Yahoo! Mail 2.64%, और Google Android 1.72% हिस्सेदारी के साथ आते हैं। Times Now World की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और भविष्य के अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के सहयोगी एलन मस्क द्वारा समर्थित Xmail, Gmail और Apple Mail जैसे दिग्गजों को कड़ी चुनौती दे सकता है।

एलन मस्क के प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विचार का स्वागत किया है।

Gunther Eagleman, एक प्रसिद्ध दक्षिणपंथी कमेंटेटर, ने लिखा, “xPhone के बारे में क्या ख्याल है? हम इसके लिए तैयार हैं!”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, कृपया इसे जल्द से जल्द लाएं. गूगल के प्रभुत्व से तंग आ चुका हूं. Xmail वैसा ही फ्री बनाएं जैसे X को आजाद किया।”
एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “मैं नए ईमेल अकाउंट की तलाश में हूं. कृपया इसे जल्दी से लाएं! Xmail
फिनटेक क्षेत्र की लोकप्रिय कंपनी Klarna, ने इंसानों के बदले AI को काम पर लगाने का लिया फैसला

डेस्क:–फिनटेक क्षेत्र की लोकप्रिय कंपनी Klarna, ने इंसानों के बदले AI को काम पर लगाने जैसा बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के CEO सेबेस्टियन सिएमियातकोव्स्की ने दावा किया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब उन ज्यादातर कामों को संभाल सकता है, जिन्हें पहले इंसान करते थे।

सिएमियातकोव्स्की ने खुलासा किया कि Klarna ने पिछले एक साल से नई भर्तियां बंद कर दी हैं। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या पहले 4,500 थी, जो अब 3,500 रह गई है। CEO का कहना है कि टेक कंपनियों में हर साल 20% कर्मचारियों का स्वभाविक रूप से इस्तीफा देना आम बात है। इसके चलते Klarna ने रिक्त पदों को भरने के बजाय अपने कार्यबल को स्वभाविक रूप से कम होने दिया।

उन्होंने कहा, “हर टेक कंपनी में एक स्वाभाविक कर्मचारी घटाव होता है। लोग औसतन पांच साल तक काम करते हैं, जिसके बाद 20% कर्मचारी हर साल छोड़ देते हैं। नई भर्तियां न करके, हम अपने कार्यबल को स्वाभाविक रूप से घटने दे रहे हैं।”

सिएमियातकोव्स्की ने यह भी कहा कि बचे हुए कर्मचारियों की सैलरी में कटौती नहीं की जाएगी। इसके बजाय, कम कर्मचारियों की वजह से बचत का फायदा मौजूदा कर्मचारियों को वेतन बढ़ाने के रूप में दिया जा सकता है।

Klarna का यह कदम वैश्विक स्तर पर उन चर्चाओं को बल देता है, जहां AI के कारण नौकरी के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं। McKinsey & Company की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI के विकास के साथ, 2030 तक लाखों कर्मचारियों को नई भूमिकाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।

Klarna की वेबसाइट पर अभी भी कुछ पदों के लिए भर्तियां जारी हैं, लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ये केवल आवश्यक पदों के लिए हैं, खासतौर पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में।

Klarna का यह कदम वैश्विक स्तर पर उन चर्चाओं को बल देता है, जहां AI के कारण नौकरी के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं। McKinsey & Company की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI के विकास के साथ, 2030 तक लाखों कर्मचारियों को नई भूमिकाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।

Klarna की वेबसाइट पर अभी भी कुछ पदों के लिए भर्तियां जारी हैं, लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ये केवल आवश्यक पदों के लिए हैं, खासतौर पर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में।

Klarna के इस फैसले से पहले, अमेरिकी टेक कंपनी IBM ने भी AI और ऑटोमेशन के प्रति अपना समर्थन दिखाया था। IBM के CEO अरविंद कृष्णा ने पिछले साल कहा था कि आने वाले पांच सालों में कई नौकरियां AI द्वारा की जा सकती हैं। उन्होंने मानव संसाधन (HR) विभाग का उदाहरण देते हुए कहा था कि इसका 30% हिस्सा AI और ऑटोमेशन द्वारा संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा था, “आने वाले पांच सालों में HR का 30% हिस्सा AI और ऑटोमेशन द्वारा संभाल लिया जाएगा।”

Klarna का यह कदम स्पष्ट संकेत है कि AI धीरे-धीरे कार्यस्थलों को बदल रहा है। हालांकि, इससे यह सवाल उठता है कि इंसानी रोजगार पर इसका कितना गहरा असर पड़ेगा। कंपनियों की ऐसी रणनीतियां न केवल आर्थिक बचत का जरिया बन रही हैं, बल्कि काम के पारंपरिक तरीकों को भी बदल रही हैं।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार में केरल को दूसरा स्थान, मुख्यमंत्री ने की तारीफ

डेस्क:–केरल ने प्रमुख क्षेत्रों में अपनी अनुकरणीय ऊर्जा दक्षता पहलों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024 में दूसरा स्थान जीता। सोशल मीडिया पर बात करते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को अपने पोस्ट में लिखा कि यह मान्यता स्थिरता और नवाचार के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। केरल ने प्रमुख क्षेत्रों में अनुकरणीय ऊर्जा दक्षता पहलों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024 में दूसरा स्थान जीता है! यह मान्यता स्थिरता और नवाचार के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उपलब्धि हमें एक साथ मिलकर हरित, अधिक ऊर्जा-कुशल भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करे।

बाद में अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में, सीएम ने लिखा कि यह पुरस्कार ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों को मान्यता देता है। पोस्ट में लिखा गया है, "यह ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की मान्यता है।

ऊर्जा संरक्षण के महत्व का संदेश फैलाने और ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इससे पहले, विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और उनसे हस्तक्षेप करने और वित्त मंत्रालय के उस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया, जिसमें राज्य को विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) चुकाने की आवश्यकता थी।

10 दिसंबर को लिखे पत्र में केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, "चूंकि भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई 817.80 करोड़ रुपये की राशि शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) के आधार पर चुकाई जानी है, इसलिए इसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने से वास्तविक रूप से 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये की राशि चुकानी होगी, जिसकी गणना अनुमानित ब्याज दरों और पुनर्भुगतान के लिए बंदरगाह से प्राप्त राजस्व के आधार पर की जाएगी।"
जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर को मिले 100 में से 101 अंक, परिणाम पर उठे सवाल

डेस्क:–मध्यप्रदेश में ईसीबी भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल उठ रहे है। सवाल उठना भी लाजिमी है। इस प्रमुख कारण 100 नंबर के पेपर में परीक्षार्थी को 101 नंबर मिलना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा कौन सा सिस्टम है कि 100 नंबर के पेपर में टॉपर को 101 नंबर मिल गए। जानकारी के अनुसार जेल प्रहरी परीक्षा के टॉपर सतना जिले के राजा भैया प्रजापति को 100 में से 101.66 अंक मिले है। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित वनरक्षक और जेल प्रहरी परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठ रहे है। परीक्षा का आयोजन मई- जून 2023 में किया गया था। इस परीक्षा में 6 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मामले में मध्यप्रदेश सरकार को जादूगर बताते हुए कहा कि-पहले व्यापमं, फिर पटवारी भर्ती और नर्सिंग घोटाला सामने आ चुका है। इन गड़बड़ियों से भी सरकार सबक नहीं ले रही है। गड़बड़ियों के सरकार का एक साल पूरा हुआ है। त्रिपाठी ने कहा- मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। युवाओं का भविष्य चौपट करने में भाजपा सरकार लगी है। कहा कि- डिग्री बेची जा रही है और नौकरियां भी बेची जा रही है। 16 तारीख को विधानसभा घेराव में सरकार से जवाब मांगेंगे। भ्रष्ट सरकार में युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।

राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज

डेस्क:–राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों पर झुंझुनू जिले की कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है। यह मामला खनन क्षेत्र में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और धमकी देने के आरोप में दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता श्याम सिंह कटेवा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राजेंद्र गुढ़ा और उनके साथियों ने हर महीने मंथली मांगने के लिए दबाव बनाया। जब यह राशि देने से इनकार किया गया, तो खनन कार्य रोकने और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद खनन क्षेत्र में घुसकर दीवार और कांटेदार तार तोड़ दी गई, डीजल के ड्रम में आग लगा दी गई, और मशीनों में मिट्टी डालकर तोड़फोड़ की गई।

कुछ दिन पहले पीर पहाड़ पर 15 साल बाद खनन कार्य शुरू हुआ था, लेकिन भारी ब्लास्टिंग के कारण स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस विरोध के बीच राजेंद्र गुढ़ा अपने समर्थकों के साथ खनन स्थल पर पहुंचे और काम रुकवा दिया। प्रशासन ने खनन कार्य को रोक दिया, लेकिन इसके बाद खनन पट्टा धारक ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने राजेंद्र गुढ़ा सहित 12 लोगों और 500-1000 अज्ञात व्यक्तियों पर मामला दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच एसआई सुरेश रोलन कर रहे हैं। घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और खनन कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया।

यह मामला प्रशासन, खनन विभाग और स्थानीय निवासियों के बीच लंबे समय से चल रहे टकराव को उजागर करता है। मामले की जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर’… 46 साल से बंद मंदिर में श्रद्धालुओं ने की आरती, जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा परिसर

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के संभल में 46 सालों से बंद पड़े भगवान शिव और हनुमान के मंदिर को डीएम और एसपी ने खुलवाया था। इस मंदिर में भगवान हनुमान की भी प्रतिमा मौजूद है। जहां रविवार को श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की आरती की गई और जय श्रीराम के जयकारे लगाए गए।

बता दें कि मंदिर संभल जिले के दीपा सराय के पास है. प्रशासन ने जैसे ही मंदिर खोला, वहां पर लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी और सभी ने जय हनुमान के नारे लगाए। सीओ और एसपी ने मंदिर की शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति को साफ किया था। मंदिर के पास एक प्राचीन कूप होने की जानकारी मिली जिसके बाद नगर पालिका ने खुदाई की तो यहां प्राचीन कूप निकलकर सामने आ गया।

बताया जा रहा है कि 1978 में हुए विवाद के बाद से यह मंदिर बंद था। पुलिस प्रशासन की टीम जब अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रही थी, तभी अधिकारियों को यह मंदिर दिखा. जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों से पूछताछ की और फिर मंदिर को खुलवाया था।

यह भी बताया जा रहा है कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर जहां हिंसा हुई थी, वहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह शिव मंदिर है। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी कहते है कि हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए. इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता है। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था, क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे. किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। यह मंदिर 1978 से बंद था और शनिवार को इसे खोल दिया गया।

वहीं एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने बताया था कि “जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया था. मंदिर के पास एक प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है।