त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव टलने के आसार! आरक्षण प्रक्रिया स्थगित

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2024-25 के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है. विभाग ने यह निर्णय अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए लिया है. यह आदेश संयुक्त सचिव तारन प्रकाश सिन्हा ने जारी किया है.

विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आरक्षण प्रक्रिया को रोकने का निर्णय 11 दिसंबर 2024 को जारी दो पत्रों (क्रमांक 5644 और 5646) के संदर्भ में लिया गया है. आदेश के मुताबिक, अब आगे की प्रक्रिया के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए जाने की संभावना है। यह आदेश पंचायत संचालनालय के संचालक और राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को भेजा गया है.

नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के बीच पहुंचे अमित शाह, गुण्डम कैम्प में सीआरपीएफ,कोबरा बटालियन,डीआरजी सहित सुरक्षा बल के जवानों से किया सीधा संवाद

रायपुर-    केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के अपने मिशन के तहत आज बीजापुर के सुदूर एवं माओवाद प्रभावित क्षेत्र गुण्डम में तैनात सुरक्षाबलों के जवानों के बीच पहुंचे। उन्होंने स्थित केन्द्रीय रिजर्व बल 153वीं वाहिनी बटालियन के कैम्प में सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी सहित सुरक्षा बल के जवानों के साथ संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से सीधे नक्सल ऑपरेशन की मैदानी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जवानों के साथ दोपहर का भोजन भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की विगत एक वर्ष में बस्तर को नक्सल मुक्त करने नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है, जिसका सकारात्मक परिणाम यह रहा है की हमारे जवानों को नक्सल ऑपरेशन में लगातार सफलता मिली। बहुत बड़ी संख्या में नक्सली मारे गये, नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उनकी गिरफ्तारी हुई। वह दिन दूर नहीं जब बस्तर और हमारा देश नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत बनाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नक्सलमुक्त अभियान में सीआरपीएफ, बीएसएफ, कोबरा, छत्तीसगढ़ पुलिस, बस्तरिया बटालियन सहित सभी सुरक्षाबलों का महत्वपूर्ण योगदान है।

अमित शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज नक्सलवाद समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। उन्होने कहा कि सुरक्षा कैम्प के दायरे में आने वाले गांवों में सुरक्षाबल के अधिकारी यह अवश्य देखें की शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कितनी अच्छी तरह हो रहा है, लोगों को उनके अधिकार मिल रहे हैं कि नही। शासन की योजनाओं का समुचित ढंग से लाभ ग्रामीणों को मिलते रहेगा तो वे शासन और प्रशासन के प्रति समर्पित भाव से सहयोग करेंगे और विकास की ओर अग्रसर होंगे।

गृहमंत्री ने कैम्प परिसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान अर्न्तगत किया वृक्षारोपण

गुण्डम की शासकीय उचित मूल्य दुकान का किया शुभारंभ

बीजापुर के गुण्डम प्रवास के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कैम्प परिसर में बरगद का पौधा तथा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सल्फी का पौधा रोपा। उन्होंने इस मौके पर कैम्प परिसर के सामने नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीआरपीएफ, पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

31 मार्च 2026 के बाद माँ दंतेश्वरी की भूमि पर नक्सलवाद के नाम पर एक भी बूँद खून नहीं बहेगा- अमित शाह

रायपुर-   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और शहीद जवानों के परिजनों व नक्सली हिंसा के शिकार लोगों के परिवारजनों के साथ मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाया गया ये स्मारक लंबी और वीरतापूर्ण लड़ाई में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को सम्मान और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यहां सभी 1399 शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले साल अपने गठन के समय जल्द से जल्द नक्सलवाद को समूल समाप्त करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि अब किसी को नक्सलवाद के कारण अपना परिजन न गंवाना पड़े इसके लिए इस समस्या को पूरी तरह समाप्त करना है और इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार 3 मोर्चों पर दृढ़ता से काम कर रही है। गृह मंत्री ने कहा कि जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका समाज की मुख्यधारा में स्वागत है, जो हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास और जो किसी की जान लेने पर आमादा हैं, उन्हें सज़ा दी जाएगी। श्री शाह ने कहा कि एक साल के अंदर छत्तीसगढ़ में 287 नक्सलियों को मारा गया, लगभग 1000 नक्सली गिरफ्तार हुए और 837 ने आत्मसमर्पण किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल में सबसे ज्यादा नक्सलवाद के क्षेत्र में कमी, नक्सली न्यूट्रलाइज़्ड, आत्मसमर्पण और गिरफ्तार हुए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक साल में बहुत अच्छी और सटीक रणनीति के साथ काम किया है। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस के सभी बलों ने मिलकर तय दिशा और रणनीति के तहत एक मज़बूत अभियान शुरू किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 के बाद माँ दंतेश्वरी की भूमि पर नक्सलवाद के नाम पर एक भी बूँद खून नहीं बहेगा।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के कारण पिछड़े गांवों और लोगों के कल्याण के लिए चरणबद्ध योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की विकास योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मज़बूत समर्थन और सहयोग प्राप्त है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए 15 हज़ार आवास स्वीकृत किए हैं और हर गांव में सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत सैचुरेशन और उनमें नक्सलवाद के कारण पीड़ित परिवारों को प्राथमिकता देने का काम भी किया जा रहा है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद मुक्त भारत के अभियान को इस समस्या से पीड़ित परिवारों का समर्थन भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय, जनजातीय मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय मिलकर पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का भरपूर प्रयास करेंगे।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सर्किट हाउस जगदलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्मृति चिन्ह के रूप में धनुष बाण भेंट किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा उपस्थित थे।

बीजापुर जिले के गांव गुण्डम में महुआ पेड़ के नीचे केन्द्रीय गृह मंत्री ने लगाई चौपाल: ग्रामीणों से खुलकर की चर्चा

रायपुर-   माओवादी आतंक से प्रभावित बीजापुर जिले के गुण्डम गांव में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महुआ पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से आत्मीयतापूर्वक खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हमने माओवादी आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट कर रह गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि माओवादी आतंक के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए है। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़ कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। श्री शाह ने कहा कि बच्चों को स्कूल अवश्य भेंजे। शिक्षा से ही विभिन्न समस्याओं का समाधान निकलेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गुण्डम के नजदीक स्थापित कैम्प में अस्पताल की सुविधा भी है जहां निःशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निःसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे न रहें। उन्होंने ग्रामीणों को निःशुल्क 35 किलो चांवल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया।

उन्होंने गांव में स्थित प्राथमिक शाला का अवलोकन कर बच्चों से पढ़ाई सम्बधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया।

गृहमंत्री अमित शाह ने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने कहा शासन कि समस्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक पासबुक अनिवार्य है, इसलिए सभी का बैंक पासबुक जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक वर्ष के भीतर गांव में सड़क, बिजली, स्कूल,अस्पताल, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

धान खरीदी पर दीपक बैज की प्रेसवार्ता : कहा- 80 प्रतिशत केंद्रों में खरीदी बंद, दी चुनौती

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स हड़ताल पर हैं. धान का उठाव नहीं होने से किसान परेशान हैं. इसे लेकर सरकार पर कांग्रेस लगातार हमलावर होते नजर आ रही है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आज इस मुद्दे पर मीडिया से चर्चा की. दीपक बैज ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी बंद हो चुकी है. सरकार 21 क्विंटल धान नहीं खरीद रही है. बरदाने की आपूर्ति नहीं हो रही है. राइस मिलर हड़ताल पर है, जिससे धान खरीदी प्रभावित हुई है.

आगे कहा कि सरकार राइस मिलर्स की मांगे नहीं मान रही है, सरकार राइस मिलर्स के साथ बातचीत करने के बजाए षडयंत्र कर रही है. राइस मिलर्स के यहां छापे मारे जा रहे है, उन्हें सिल किया जा रहा है. अब राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से धान का उठाव नहीं होने पर किसान परेशान हैं.

सांसद के रिश्तेदार के यहां भी मारा जा रहा छापा : दीपक बैज

सांसद बृजमोहन अग्रवाल के रिश्तेदार के यहां भी छापा मारा जा रहा है, एक अफसर और मंत्री हावी भी है. एक मंत्री सरकार के कोश लेने का काम रहे है ? कहीं उनके पास माल तो नहीं पहुंच रहा है. आपसी गुटबाजी और झगड़े के वजह से आम जनता पीस रही है.

दीपक बैज ने सीएम साय को चुनौती देते हुए कहा मुख्यमंत्री 5 केंद्र तय कर लें, मैं 5 केंद्र तय करूंगा. रैंडम 10 केंद्रों में मुख्यमंत्री साथ चलें, कहीं भी धान का उठाव नहीं किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में डेयरी और वन उपज विकास के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर

रायपुर-    छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।

उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

राइस मिलर्स की हड़ताल समाप्त : सरकार और राइस मिलर्स के बीच बनी सहमति

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और विशेषकर बड़े चावल उत्पादन केंद्रों से राइस मिलरों के प्रतिनिधिमंडल ने आज उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और खाद्य विभाग के सचिव, एमडी और अन्य शासकीय अधिकारियों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मांगों के संबंध में मिले आश्वासन के बाद राइस मिलर्स ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी समय-समय पर राइस मिलर्स के प्रतिनिधिमंडल ने मिल कर उन्हें राइस मिलरों की समस्याओं से अवगत कराया है. राज्य सरकार को मिलर्स की तरफ से प्रतिवेदन भी दिया गया था. मिलर्स की जितनी भी मांगें थी, सभी को शासन द्वारा संवेदनशीलता के साथ सुना गया. सरकार ने मिलर्स की मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया है. छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स शासन के आश्वासन से पूरी तरह संतुष्ट हैं. मिलर्स ने यह तय किया है कि आने वाले समय में राइस मिलरों की मांगों को मंच देने हम संभागीय टीम बनायेंगे. यह टीम समय-समय पर चर्चा कर मिलरों की समस्याओं से शासन को अवगत कराएगी.

मिलर्स ने स्पष्ट किया है कि सभी राइस मिलर एकजुट हैं. हम शासन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए सक्षम हैं. किसी तीसरे पक्ष को हमारे मामले में दखल देने की आवश्यकता नहीं है. प्रदेश में कुछ निहित स्वार्थी समूह लगातार किसान और मिलरों के विषय में भ्रम फैलाने में लगे थे. आज की बातचीत के बाद उस भ्रम का पूरी तरह से निवारण हो गया है.

किसानों के हित में मिलर्स सरकार के साथ खड़े हैं. मिलर्स ने कहा कि शासन द्वारा खरीदे गए धान का दाना-दाना मीलिंग करने हम प्रतिबद्ध है. प्रदेश की जनता के हित में सभी मिलर्स काम पर जुट गए हैं. धान का उठाव शुरू हो गया है. मिलर्स ने अपनी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है.

हंगामे के बीच विधानसभा कल तक के लिए स्थगित, धान खरीदी पर विपक्ष के स्थगन को अध्यक्ष ने किया अस्वीकार
रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू  हो गया और सत्र के पहले दिन ही हंगामेदार दृश्य देखने को मिले. विपक्ष ने धान खरीदी के मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा, जबकि सरकार ने इसे लेकर सफाई दी. वहीं विपक्ष ने धान खरीदी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसपर सदन में ग्राह्यता पर चर्चा भी हुई.

पूर्व CM का सरकार पर हमला

स्थगन प्रस्ताव पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने सोसाइटियों की संख्या बढ़ाई थी ताकि किसानों को दूर न जाना पड़े. इसकी व्यवस्था हमने की. बहुत कुछ सुधार हुआ था. उसे आगे ले जाने की आवश्यकता थी लेकिन इस सरकार ने कोई एक काम नहीं किया. उल्टा सोसाइटियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. केंद्रों में धान पड़ा है सुखत की समस्या होगी. केंद्रों में लिमिट से ज्यादा धान पड़ा है. मिलर अलग नुकसान में हैं. मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रो-रो कर कह रहे हैं कि इससे अच्छी कांग्रेस की सरकार थी. हम किसान और मिलर की आवाज पुरजोर तरीके से उठाएंगे.

मोदी की गारंटी को सरकार पूरा नहीं कर रही सरकार : नेता प्रतिपक्ष महंत

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार धान खरीदी केंद्रों में कुव्यवस्था पैदा की. जिसके कारण किसान, मिलर यहां तक की हमाल भी परेशान हैं. मोदी की गारंटी को सरकार पूरा नहीं कर रही. केंद्रों में 21 क्विंटल धान 3100 रुपये में नहीं खरीदा जा रहा. जब मोदी की गारंटी पूरी नहीं कर रहे. तो सीना तान के यह बोलने का अधिकार नहीं है कि हमने मोदी की गारंटी पूरी की. धान खरीदी को लेकर सरकार की नियत ठीक नहीं है.

सरकार ने दी धान खरीदी व्यवस्था पर सफाई

विपक्ष के सवालों का सरकार की ओर से वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, धान खरीदी की समुचित व्यवस्था है. धान खरीदी का कार्य समुचित तरह से चल रहा. 10 हजार 400 करोड़ का भुगतान किसानों को हो चुका है. मिलर द्वारा धान का उठाव किया जा रहा है. 4.73 लाख टन धान का उठाव हो चुका है. जो धान सोसाइटियों में हैं उसका उठाव भी जारी है. मंत्री कश्यप ने कहा कि बारदाने की कमी नहीं है. जो बारदाने हैं वह निर्धारित मापदंड के अनुरूप हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को किया अस्वीकार

इस पूरी बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार किया. इस बीच विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

शिवनाथ नदी में दूषित पानी छोड़ने का मामला : हाईकोर्ट में पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने पेश की रिपोर्ट, कोर्ट ने टीम बनाकर निगरानी के दिए निर्देश

बिलासपुर-  बिलासपुर हाईकोर्ट में शिवनाथ नदी में शराब फैक्ट्री के वेस्ट मटेरियल को छोड़ने और जल प्रदूषण के मामले में लगातार सुनवाई जारी है. जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच के समक्ष पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पेश की. सुनवाई में रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि प्रदूषण कम हुआ है. जिस पर कोर्ट ने टीम बनाकर निगरानी करने निर्देशित किया है. अब मामले में 3 फरवरी, 2025 को अगली सुनवाई होगी.

पूरा मामला मुंगेली जिले धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री का है. फैक्ट्री के वेस्ट मटेरियल और दूषित पानी को नियमों का उल्लंघन करते हुए शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। जिससे लाखों मछलियां मर गई. हाईकोर्ट ने इस पर मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की.

बिलासपुर हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2024 को मामले में दूषित पानी के स्त्रोत की पहचान का आदेश दिया था. जिसके बाद 23 अक्टूबर 2024 को केस में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि दूषित पानी कहां से बह रहा है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि नदी में पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है.

कोर्ट ने इसे देखते हुए 16 दिसंबर, 2024 को आगे की निगरानी के लिए फिर से सूचीबद्ध किया था। जिसमें पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 21 नवंबर और 4 दिसंबर को जांच कर रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें पानी का स्तर सामान्य पाया गया। वहीं कोर्ट ने पानी की स्थिति पर टीम बनाकर निगरानी करने निर्देशित दिया है.

बता दें कि धूमा के पास शिवनाथ नदी में मछलियां मरी हुई मिली थी. शराब फैक्ट्री के अपशिष्ट से दूषित पानी छोड़ने से मौत की आशंका जताई गई. कुछ महीने पहले पथरिया एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने भाटिया शराब फैक्ट्री मर्चेंट के प्रबधंक को नोटिस जारी किया था. एसडीएम ने शराब फैक्ट्री के दूषित पानी को नदी में छोड़ने से जलीय जीव जंतु के खतरे को लेकर आशंका जताई थी.

दो सूत्रीय मांग को लेकर मितानिन संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

बलौदाबाजार-  प्रदेश स्वास्थ्य मितानीन संघ के आह्वान पर जिला मितानीन संघ अपने दो सूत्रीय मांगों को लेकर 13 दिसंबर से ‘काम बंद-कलम बंद’ हड़ताल पर है। आज बलौदाबाजार में मितानिनों ने जिला स्तरीय प्रदर्शन कर अपनी दो सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के विष्णु देव साय के नाम नायब तहसीलदार अक्षय तिवारी को ज्ञापन सौंपा।

बता दें कि मितानीन संघ की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मितानीन संघ की पहली मांग है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में संविलियन किया जाए और दूसरी मांग है कि वे किसी भी एनजीओ के अंदर काम नहीं करेंगे। संघ का कहना है कि जब तक उनकी ये मांग पूरी नहीं होगी, वह काम बंद-कलम बंद हड़ताल जारी रखेंगे।

मितानीन संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरोजिनी सेंगर ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मितानीन संघ का बड़ा योगदान है। आज पूरे देश में मितानीन स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, पर मितानीनों की लगातार उपेक्षा हो रही है। जिसको लेकर चुनाव के समय मोदी की गारंटी में कहा गया था कि शासन में आते ही उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, पर आज एक वर्ष हो गया, ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मितानीन संघ अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर 13 दिसंबर से काम बंद कलम बंद हड़ताल प्रारंभ कर दिया है और निश्चित ही इसका असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ेगा। शासन द्वारा विभिन्न रोगों को लेकर 100 दिन का सर्वेक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, निश्चित ही वह कार्य भी प्रभावित होगा।

सरोजिनी सेंगर का कहना है कि हमारी मांग जायज मांग है, जिसमें हमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संविलियन किया जाए और दूसरी मांग है कि हम किसी भी एनजीओ के अंदर काम नहीं करेंगे, क्योंकि वे हमारा शोषण ही करते हैं। इसलिए शासन ने चुनाव के वक्त जो वादा हमसे किया था, वह पूरा करे, अन्यथा आने वाले दिनों में और बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा और इस बार हम अपना हक लेकर रहेंगे।