BPSC ने बदला अपना फैसला : पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा को किया रद्द, दोबारा होगा एग्जाम*

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान हुए उपद्रव के बाद परीक्षा को रद्द नहीं किए जाने के अपने फैसले को बदल दिया है। आयोग ने इस सेंटर की परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी आयोग ने आज प्रेस वार्ता कर दी है। आयोग ने बताया कि यह फैसला यहां हुए हंगामे के कारण कई अभ्यर्थियों के परीक्षा से वंचित रहने के कारण लिया गया है। बता दें आयोग ने पहले कहा कि वह परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर 3.25 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जिसमें 911 सेंटरों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई थी, जबकि बापू परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों का आरोप था पेपर लीक हुआ और समय से पेपर सेंटर में नहीं बंटा है। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। न सिर्फ केंद्र की संपत्ती को नुकसान पहुंचा, बल्कि हजारों अभ्यर्थी प्रश्व पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर निकल गए। हजारों अभ्यर्थी ऐसे थे। जो इस हंगामें में शामिल नहीं होने के बावजूद परीक्षा से वंचित रह गए। इन परीक्षार्थियों की मांग थी कि फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। मामले की तत्काल जांच की गई। जिसके आधार पर बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने अब अभ्यर्थियों का ख्याल करते हुए बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को फिर से कराने का फैसला लिया है। परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। हालांकि यह फैसला दूसरे सेंटरों के लिए मान्य नहीं होगा।
BPSC ने बदला अपना फैसला : पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा को किया रद्द, दोबारा होगा एग्जाम*

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान हुए उपद्रव के बाद परीक्षा को रद्द नहीं किए जाने के अपने फैसले को बदल दिया है। आयोग ने इस सेंटर की परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी आयोग ने आज प्रेस वार्ता कर दी है। आयोग ने बताया कि यह फैसला यहां हुए हंगामे के कारण कई अभ्यर्थियों के परीक्षा से वंचित रहने के कारण लिया गया है। बता दें आयोग ने पहले कहा कि वह परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर 3.25 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जिसमें 911 सेंटरों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई थी, जबकि बापू परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों का आरोप था पेपर लीक हुआ और समय से पेपर सेंटर में नहीं बंटा है। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। न सिर्फ केंद्र की संपत्ती को नुकसान पहुंचा, बल्कि हजारों अभ्यर्थी प्रश्व पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर निकल गए। हजारों अभ्यर्थी ऐसे थे। जो इस हंगामें में शामिल नहीं होने के बावजूद परीक्षा से वंचित रह गए। इन परीक्षार्थियों की मांग थी कि फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। मामले की तत्काल जांच की गई। जिसके आधार पर बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने अब अभ्यर्थियों का ख्याल करते हुए बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को फिर से कराने का फैसला लिया है। परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। हालांकि यह फैसला दूसरे सेंटरों के लिए मान्य नहीं होगा।
BPSC ने बदला अपना फैसला : पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा को किया रद्द, दोबारा होगा एग्जाम*

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान हुए उपद्रव के बाद परीक्षा को रद्द नहीं किए जाने के अपने फैसले को बदल दिया है। आयोग ने इस सेंटर की परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी आयोग ने आज प्रेस वार्ता कर दी है। आयोग ने बताया कि यह फैसला यहां हुए हंगामे के कारण कई अभ्यर्थियों के परीक्षा से वंचित रहने के कारण लिया गया है। बता दें आयोग ने पहले कहा कि वह परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर 3.25 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जिसमें 911 सेंटरों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई थी, जबकि बापू परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों का आरोप था पेपर लीक हुआ और समय से पेपर सेंटर में नहीं बंटा है। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। न सिर्फ केंद्र की संपत्ती को नुकसान पहुंचा, बल्कि हजारों अभ्यर्थी प्रश्व पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर निकल गए। हजारों अभ्यर्थी ऐसे थे। जो इस हंगामें में शामिल नहीं होने के बावजूद परीक्षा से वंचित रह गए। इन परीक्षार्थियों की मांग थी कि फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। मामले की तत्काल जांच की गई। जिसके आधार पर बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने अब अभ्यर्थियों का ख्याल करते हुए बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को फिर से कराने का फैसला लिया है। परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। हालांकि यह फैसला दूसरे सेंटरों के लिए मान्य नहीं होगा।
BPSC ने बदला अपना फैसला : पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा को किया रद्द, दोबारा होगा एग्जाम*

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान हुए उपद्रव के बाद परीक्षा को रद्द नहीं किए जाने के अपने फैसले को बदल दिया है। आयोग ने इस सेंटर की परीक्षा को कैंसिल करने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी आयोग ने आज प्रेस वार्ता कर दी है। आयोग ने बताया कि यह फैसला यहां हुए हंगामे के कारण कई अभ्यर्थियों के परीक्षा से वंचित रहने के कारण लिया गया है। बता दें आयोग ने पहले कहा कि वह परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। गौरतलब है कि 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर 3.25 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जिसमें 911 सेंटरों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई थी, जबकि बापू परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों का आरोप था पेपर लीक हुआ और समय से पेपर सेंटर में नहीं बंटा है। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। न सिर्फ केंद्र की संपत्ती को नुकसान पहुंचा, बल्कि हजारों अभ्यर्थी प्रश्व पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर निकल गए। हजारों अभ्यर्थी ऐसे थे। जो इस हंगामें में शामिल नहीं होने के बावजूद परीक्षा से वंचित रह गए। इन परीक्षार्थियों की मांग थी कि फिर से परीक्षा आयोजित की जाए। मामले की तत्काल जांच की गई। जिसके आधार पर बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने अब अभ्यर्थियों का ख्याल करते हुए बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को फिर से कराने का फैसला लिया है। परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। हालांकि यह फैसला दूसरे सेंटरों के लिए मान्य नहीं होगा।
BPSC पीटी परीक्षा में उपद्रव मामले में बड़ा खुलासा, तीन कोचिंग संस्थानों का पूरे मामले में था हाथ

* डेस्क : बीते 13 दिसंबर को बीपीएससी पीटी परीक्षा के दौरान राजधानी पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर में हुए उपद्रव मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पूरे घटनाक्रम में तीन कोचिंग संस्थानों के हाथ होने की बात सामने आई है। आज सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया है। आयोग ने बताया है कि बापू परीक्षा केंद्र में बीपीएससी अभ्यर्थियों के द्वारा किए गए हंगामे में तीन कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता सामने आई है। आयोग ने खुलासा किया है कि 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा के दौरान बापू परीक्षा केंद्र में हुए हंगामे में तीन कोचिंग संस्थानों का हाथ था। इन सभी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आर्थिक अपराधिक ईकाई कोर्ट जाएगी और इन कोचिंग संचालकों को गिरफ्तार करेगी। आर्थिक अपराध ईकाई के DIG मानवजीत सिंह ने बताया है कि बीपीएससी 70वीं परीक्षा के दौरान हुए हंगामे मामले में तीन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट से वारंट लिया जा रहा है जल्द ही इन संस्थानों के आरोपितों की गिफ्तारी की जाएगी। अगले दो हफ्ते में करीब 400 अभ्यर्थियों के खिलाफ चार्टशीट दायर होगा।
धान अधिप्राप्ति में बिहार का यह जिला नंबर वन, पिछले साल की तुलना में अबतक 10 टन अधिक हुई खरीद

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव समाप्ति के बाद जिलों में धान खरीद में थोड़ी तेजी आयी है। धान अधिप्राप्ति में संपूर्ण बिहार में रोहतास फिलहाल पहले पायदान पर पहुंच गया है। धीरे-धीरे सभी पैक्स सोसाइटियों ने धान की खरीदारी शुरू कर दी है। अब तक जिले में 30 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। जबकि पिछले साल अब तक मात्र 20 हजार एमटी धान की खरीदारी हुई थी। यानी पिछले साल से इस बार अबतक 10 हजार एमटी अधिक धान की खरीदारी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए लक्ष्य के बाद से धान खरीदारी में तेजी लायी जा रही है। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी अथवा नोडल पदाधिकारियों द्वारा लगातार धान अधिप्राप्ति की मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है। धान खरीदारी के लिए चयनित पैक्सों को लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुसार उन्हें शत प्रतिशत धान की खरीदारी करने का निर्देश जारी किया गया है। उधर किसानों के बीच अधिकारी पहुंचकर इच्छुक लघु किसानों को पैक्सों में धान की बिक्री करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। पिछले साल की तरह भी इस बार भी चार लाख 14 हजार एमटी धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में धान खरीदारी के लिए नये 51 पैक्स समितियों का चयन किया गया है। अब तक जिले में 214 पैक्स समितियों में धान की खरीदारी शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 2920 किसानों से धान की खरीदारी हुई है। जिसमें से 80 प्रतिशत किसानों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर भुगतान भी किया गया है। शेष किसानों का भुगतान किया जा रहा है।
धान अधिप्राप्ति में बिहार का यह जिला नंबर वन, पिछले साल की तुलना में अबतक 10 टन अधिक हुई खरीद

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव समाप्ति के बाद जिलों में धान खरीद में थोड़ी तेजी आयी है। धान अधिप्राप्ति में संपूर्ण बिहार में रोहतास फिलहाल पहले पायदान पर पहुंच गया है। धीरे-धीरे सभी पैक्स सोसाइटियों ने धान की खरीदारी शुरू कर दी है। अब तक जिले में 30 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। जबकि पिछले साल अब तक मात्र 20 हजार एमटी धान की खरीदारी हुई थी। यानी पिछले साल से इस बार अबतक 10 हजार एमटी अधिक धान की खरीदारी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए लक्ष्य के बाद से धान खरीदारी में तेजी लायी जा रही है। सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी अथवा नोडल पदाधिकारियों द्वारा लगातार धान अधिप्राप्ति की मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है। धान खरीदारी के लिए चयनित पैक्सों को लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुसार उन्हें शत प्रतिशत धान की खरीदारी करने का निर्देश जारी किया गया है। उधर किसानों के बीच अधिकारी पहुंचकर इच्छुक लघु किसानों को पैक्सों में धान की बिक्री करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। पिछले साल की तरह भी इस बार भी चार लाख 14 हजार एमटी धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में धान खरीदारी के लिए नये 51 पैक्स समितियों का चयन किया गया है। अब तक जिले में 214 पैक्स समितियों में धान की खरीदारी शुरू कर दी गई है। जिले में अब तक 2920 किसानों से धान की खरीदारी हुई है। जिसमें से 80 प्रतिशत किसानों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर भुगतान भी किया गया है। शेष किसानों का भुगतान किया जा रहा है।
BPSC पीटी परीक्षा में उपद्रव करने वाले छात्रों पर होगी कार्रवाई, पटना जिला प्रशासन के जांच रिपोर्ट पर आज होगी बैठक

* डेस्क : बीते 13 दिसंबर को बीपीएससी पीटी परीक्षा के दौरान राजधानी पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर में उपद्रव करने वाले छात्रों पर बीपीएससी कार्रवाई करेगा। पटना जिला प्रशासन की ओर से परीक्षा केंद्र पर हंगामे की जांच रिपोर्ट आयोग को भेज दी गई है। इस मामले को लेकर आज सोमवार को आयोग के वरीय अधिकारी इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को लेकर बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों को बीपीएससी की परीक्षा से डिबार करने का निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, जिला प्रशासन की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि कुछ उपद्रवियों ने बीपीएससी की परीक्षा रद्द कराने के लिए हंगामा किया था। सोची समझी साजिश के तहत बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में ऐसा किया गया था। प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट को परीक्षा केंद्र से बाहर ले जाने की कोशिश की गई। एक परीक्षार्थी ट्रंक से प्रश्न पत्र का पैकेट लूटकर हाथ में लहराते हुए छात्रों के समूह के साथ गेट तोड़कर बाहर निकल गया। इससे परीक्षा केंद्र पर विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हंगामे की सूचना पर डीएम और एसएसपी पहुंचे तब स्थिति नियंत्रण में हुआ। अन्यथा भारी तोड़फोड़ के साथ साथ आगजनी भी हो सकती थी। परीक्षा केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट सह वरीय उपसमाहर्ता ब्रजकिशोर लाल और केंद्राधीक्षक मृत्युजय कुमार सिंह ने संयुक्त रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बीपीएससी को भविष्य में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर हंगामे में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका हो सकती है, इसकी जांच करानी चाहिए। हंगामे में परीक्षार्थियों के अलावा बाहर के लोग भी थे। परीक्षार्थियों ने कई कमरों में जाकर उपस्थिति पत्रक आदि प्रपत्रों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बावजूद वहां तैनात मजिस्ट्रेट ने बगैर बल प्रयोग कराए परीक्षा को संपन्न कराया। यहां कुल 5671 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है।
प्रेमी का साथ मिलकर बहू ने कराई थी ससुर की हत्या, पुलिस ने हत्या में शामिल पांच को दबोचा

* डेस्क : बिहार के नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के अरपा गांव में बीते चार दिसंबर को घर से बुलाकर विमलेश शर्मा उर्फ लाला सिंह नामक व्यक्ति की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बहू ने अपने प्रेमी व परिजनों की मदद से ससुर की हत्या करवायी थी। बहू एभी देवी, उसका प्रेमी चंदन कुमार, भाई मनीष कुमार उर्फ रजनीश व लाइनर का काम कर रहे अनिल सिंह उर्फ टुनटुन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। टुनटुन, विमलेश का चचेरा भाई है। शूटर दीपक अभी फरार है। डीएसपी सुमीत कुमार ने बताया कि विमलेश की पत्नी कामती देवी ने अपने बेटे की पहली पत्नी एभी देवी समेत पांच को नामजद आरोपित बनाया था। शनिवार को गुप्त सूचना पर एभी, चंदन और मनीष कुमार को पटना जिला के नासरीगंज से पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर टुनटुन को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बहू ने बताया कि उसने ही प्रेमी की मदद से ससुर की हत्या करवायी थी। घटना में इस्तेमाल किया गया स्कॉर्पियो व मोबाइल बरामद किया गया है। बताया कि आरोपित एभी की शादी वर्ष 2011 में विमलेश के बड़े बेटे आशुतोष कुमार के साथ हुई थी। आशुतोष दिमाग से थोड़ा कमजोर था। शादी के कुछ दिनों बाद ही एभी अपने मायके में रहने लगी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा कर दिया। मामला न्यायालय में चल रहा है। कुछ समय पहले आशुतोष ने दूसरी शादी कर ली। एक बच्चा भी हुआ। उसके बाद एभी को महसूस हुआ कि वह ससुराल में नहीं रह पाएगी और संपत्ति में भी हिस्सा नहीं मिलेगा। इसी कारण ने एभी ने अपने ब्यायफ्रेंड चंदन की मदद से हत्या की साजिश रची। इसमें अपने भाई के साथ चचेरे ससुर को भी शामिल कर लिया। टुनटुन लाइनर का काम कर रहा था। वह विमलेश के पल-पल की खबर उन्हें दे रहा था। इसके बाद रेकी की गयी और घटना को अंजाम दिया गया। छापेमारी टीम में थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार, राकेश कुमार, दिलीप कुमार, अभिषेक कुमार आदि शामिल थे।
शिक्षा विभाग को अबतक 1.75लाख शिक्षकों के स्थानांतरण के मिले आवेदन, अभी और बढ़ने की है संभावना

* डेस्क : विशेष समस्या के आधार पर शिक्षकों के स्थानांतरण के आवेदन में शिक्षा विभाग को उम्मीद से बहुत अधिक आवेदन मिले है। राज्य के पौने दो लाख से अधिक शिक्षकों ने रविवार की शाम तक सरकार को अपने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। जबकि शिक्षा विभाग को उम्मीद थी कि अधिकतम एक लाख तक आवेदन आएंगे, पर यह संख्या काफी अधिक हो गई। राज्य में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या साढ़े पांच लाख है। एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक आवेदन का मौका दिया गया था। विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि 15 दिसंबर की मध्य रात्रि तक ई शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदनों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है, जिसकी पूरी रिपोर्ट 16 दिसंबर तक आएगी। विभाग ने कहा था कि विशेष समस्या के कारण जो शिक्षक अपना तबादला चाहते हैं, वो आवेदन करेंगे। इसके लिए सात तरह की समस्याएं भी विभाग के द्वारा चिह्नित की गयी थीं। इनमें असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा एवं परित्यक्ता, पति-पत्नी का पदस्थापन, पदस्थान से ऐच्छिक स्थान की लंबी दूरी आदि तय किये गये हैं। पौने दो लाख में करीब डेढ़ लाख शिक्षकों ने लंबी दूरी की समस्या के कारण आवेदन किया है। इस तरह देखें तो 85 प्रतिशत आवेदन लंबी दूरी में पदस्थापन के कारण ही आये हैं। अर्थात ये सभी शिक्षक जहां पर पदस्थापन चाहते हैं, वहां से वर्तमान पदस्थापन स्थल दूरी पर है। दूसरी सबसे अधिक संख्या उन शिक्षकों की है, जो पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर तबादला चाहते हैं। शिक्षा विभाग ने जनवरी के प्रथम सप्ताह तक शिक्षकों के तबादले कर देने का लक्ष्य रखा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दस दिसंबर मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी थी।