मध्य प्रदेश: छतरपुर में 12वीं के छात्र ने स्कूल के प्रिंसिपल की गोली मारकर की हत्या , आरोपी छात्र गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई. 12वीं के छात्र ने अपने ही स्कूल के प्रिंसिपल की बाथरूम में गोली मार कर हत्या कर दी. वहीं प्रिंसिपल की हत्या करने के बाद आरोपी छात्र स्कूल में नाच रहा था. नाचने की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल के प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार सक्सेना बाथरूम गए थे. वहीं पीछे से आकर आरोपी छात्र सदम यादव ने फायरिंग कर दी. फायरिगं के दौरान प्रिंसिपल को दो गोलियां लगी और मौके पर ही मौत हो गई.

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमोरा में दोपहर का वक्त था. छात्र को किसी बात को लेकर प्रिंसिपल ने डांटा तो छात्रों ने प्रिंसिपल से विवाद किया. छात्र कट्टा लिए था, प्रिंसिपल डर की वजह से बाथरूम में घुस गए. वहीं पीछे से आकर आरोपी छात्र ने उन पर फायरिंग कर दी. दो गोलियां लगने की वजह से मौके पर ही उनकी मौत हो गई. गोली मारने के बाद छात्र बाथरूम से बाहर निकाला और उसके पीछे दो छात्राएं भी डरी सहमी हुई बाहर आती दिखाई दी. हत्या के बाद हत्यारा प्रचार के कमरे में गया और वहां से प्राचार्य की स्कूटी की चाबी लेकर उसे भी लूट कर ले गए हत्या में कुल दो लोग शामिल है.

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा जा सकता है कि हत्यारा घटना के बाद खुशी से नाच रहा था. जैसे उसने कोई बहुत महान काम किया हो. घटना का पता चलते ही भारी पुलिस बल वहां पहुंचा और पुलिस अधीक्षक अगम जैन मौके पर पहुंच कर सीसीटीवी की जांच की. उससे आरोपी की पहचान कर ली गई

शिक्षकों में डर का माहौल

एसपी अगम जैन ने कहा कि आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन डरा हुआ है. डर के कारण सही जानकारी देने से बच रहे हैं. दोनों आरोपी 12वीं क्लास के छात्र हैं, जिनकी उम्र 16 वर्ष बताई जा रही है. वहीं कुछ शिक्षकों ने बताया कि आरोपी छात्र जब भी स्कूल आता था तो कट्टा लेकर आता था. कई बार परिजनों से शिकायत की गई. छात्र बहुत ही उद दंड था, लड़िकयों को भी परेशान करता था, जिसको लेकर प्रिसिपल नाराज होते थे. मृतक प्रिंसिपल ने कई बार परिजनों से छात्र की शिकायत भी की लेकिन थाने में कभी शिकायत दर्ज नहीं करवाई जिसका परिणाम आज देखने को मिला.

उत्तर प्रदेश: कन्नौज में डबल डेकर बस का भीषण हादसा, 6 की मौत, 15 से ज्यादा घायल

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक डबल डेकर बस सड़क हादसे का शिकार हो गई है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एक पानी के टैंकर से सीधे टकरा गई. बस और टैंकर की टक्कर इतनी जोरदार थी कि 6 लोगों की मौत हो गई है जबकि 15 से ज्यादा यात्री घायल बताए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को हॉस्पिटल भेजा है. फिलहाल मृतकों की शिनाख्त की जा रही है और उनके परिजनों को सूचना भेजी जा रही है.

जानकारी के मुताबिक यह भीषण सड़क हादसा कन्नौज जिले के सौरिख के सकरावा क्षेत्र में हुआ है. डबल डेकर बस कई यात्रियों को बिठाकर जा रही थी. तभी बस अचानक सेस आगे जा रहे वाटर टैंकर में जा घुसी. बस आगे से पूरी तरह से चकनाचूर हो गई है. वहीं यात्रियों के बीच चीख-पुकार मच गई. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया गया.

पुलिस ने सभी यात्रियों को बस से निकाला और घायलों को तुरंत एंबुलेंस की मदद से हॉस्पिटल भेजा गया. घायलों का फिलहाल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है. पुलिस फिलहाल मृतक यात्रियों की शिनाख्त करने में लगी हुई है. एसपी कन्नौज ने बताया है कि संभवतः यह हादसा ड्राइवर की झपकी लगने की वजह से हुआ है.

भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़ी छलांग: स्पेस डॉकिंग तकनीक से बनेगा अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान-4 में भी मिलेगी मदद

आंध्र प्रदेश श्री हरिकोटा इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि इसरो अपने विश्वसनीय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पर काम कर रहा है. ये आंतरिक्ष के डॉकिंग मिशन के तहत एक रॉकेट को तैयार कर रहा है. उन्होंने बताया कि इस पर जल्द ही काम पूरा होने वाला है. इस महीने के अंतिम दिनों में इसे प्रक्षेपित करने की उम्मीद की जा रही है. एस. सोमनाथ ने इसके पहले गुरुवार को पीएसएलवी-सी59/प्रोबास-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) से जुड़े लोगों का धन्यवाद किया है.

इसके सफल परीक्षण ने भारत की झोली में एक और सफलता को जोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि इस मिशन की तरह ही दिसंबर में पीएसएलवी-सी60 का प्रक्षेपण किया जाएगा. पीएसएलवी-सी59/प्रोबास-3 मिशन के तहत सूर्य से जुड़े रहस्यों का पता लगाने के लिए दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचा दिया था. उन्होंने बताया कि स्पेस डॉकिंग इतनी शानदार प्रक्रिया है कि जिसकी मदद से दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ा जा सकता है. ये अंतरिक्ष स्टेशन को चलाने के लिए काफी मददगार और जरूरी है.

मानव को एक दूसरे आंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा

एस. सोमनाथ ने बताया कि यह स्पैडेक्स तकनीक काफी शानदार है. ये दो आंतरिक्ष यानों को जोड़ने के साथ-साथ मानव को एक से दूसरे अंतरिक्ष यान तक आसानी से भेज सकेगा. पीएसएलवी-सी60 इसी से लैस रहेगा. स्पेस डॉकिंग की मदद से आंतरिक्ष यान बिना किसी मदद के अपने आप ही स्टेशन से जुड़ने की क्षमता रखेगा.

चंद्रयान-4 के लिए कारगर रहेगी ये तकनीक

इसरो के अध्यक्ष ने बताया की स्पेस डॉकिंग तकनीक चंद्रयान-4 के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. इसी तकनीक के जरिए भारत को अपना आंतरिक्ष स्टेशन बनाने में सहायता मिलेगी. उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि हमारी टीम यूरोपीय आंतरिक्ष एजेंसी के कई सारे वैज्ञानिकों के साथ काम कर रही है.

महाकुंभ 2025: योगी सरकार की बड़ी तैयारी, श्रद्धालुओं पर आकाश से होगी पुष्प वर्षा

प्रयागराज के संगम तट पर जनवरी 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है. योगी सरकार महाकुंभ 2025 को अभूतपूर्व और यादगार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वच्छता और सभी आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि यह धार्मिक आयोजन हर किसी के लिए एक शानदार और सुरक्षित अनुभव साबित हो सके. हाल ही में सरकार ने इसे प्रदेश का 76वां जिला घोषित किया है, जिसे “महाकुंभ मेला जनपद” के नाम से जाना जाएगा.

महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता को और भी बढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं पर आकाश से पुष्प वर्षा किए जाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. योगी सरकार इससे पहले भी कई बार कुम्भ और माघ मेला जैसे बड़े बड़े धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर चुकी है, और सरकार की योजना है कि महाकुंभ 2025 में भी यह परंपरा जारी रखनी जाए.

सभी घाटों पर पुष्प वर्षा की योजना

प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई धार्मिक आयोजनों के दौरान हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की जाती रही है. महाकुंभ 2025 के दौरान भी इस परंपरा को जारी रखा जाएगा. इस बार संगम नोज के साथ-साथ अन्य प्रमुख घाटों पर भी पुष्प वर्षा की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक होगी. जल्द ही इस पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी, ताकि सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए यह अनुभव यादगार बन सके.

सनातन संस्कृति और आस्था का सम्मान

योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा अब सनातन संस्कृति और आस्था को नमन करने का प्रतीक बन चुकी है. चाहे वह कुम्भ का पवित्र स्नान पर्व हो, माघ मेला हो या कांवड़ यात्रा, हर अवसर पर पुष्प वर्षा के माध्यम से आस्था का सम्मान किया जाता है. योगी आदित्यनाथ खुद कई बार हेलिकॉप्टर और मंचों से श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा करके सनातन संस्कृति की महिमा बढ़ाते रहे हैं. 2021 के कुम्भ में भी मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने आए करोड़ों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई थी. तब सोशल मीडिया पर हैशटैग भी काफी ट्रेंड हुआ था. महाकुंभ 2025 में इस परंपरा को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाने की संभावना है, ताकि यह आयोजन और भी भव्य और यादगार बन सके.

दिलीप पांडे ने किया बड़ा एलान, इस बार नहीं लड़ेंगे चुनाव, जानें क्या है वजह

आम आदमी पार्टी के चीफ व्हीपि और तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. पांडे ने कहा कि वो पार्टी में रहकर कुछ और जिम्मेदारी संभालेंगे. इसके पहले दिल्ली विधानसभा के स्पीकर और आम आदमी पार्टी के विधायक रामनिवास गोयल ने भी अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर चुनाव ना लड़ने की इच्छा जाहिर की थी.

दिलीप पांडे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट करते हुए कहा कि मेरे लिए राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही रहा है कि हमारी सरकार की वजह से बहुत सारे आम और गरीब लोगों का जीवन आसान हुआ है. बहुत सारे बच्चों की ज़िंदगी बेहतर होने की दिशा में आगे बढ़ी हैं.

पार्टी में रहकर कुछ और काम करेंगे

उन्होंने बताया कि राजनीति में पहले संगठन निर्माण और फिर चुनाव लड़ने के दायित्व को पूरा कर चुके हैं. अब समय है आम आदमी पार्टी में ही रह कर कुछ और करने का. उन्होंने कहा कि तिमारपुर विधानसभा में चुनाव जो भी लड़े, दिल्ली के मुख्यमंत्री तो अरविंद केजरीवाल जी ही बनेंगे. हम सभी दिल्ली वाले मिल कर यह सुनिश्चित भी करेंगे. मेरे संबंधों की पूंजी मेरे साथ हमेशा रहेगी. उन्होंने कहा कि मुझे इसका पूरा विश्वास है. आप में से कोई मुझे संपर्क करे, तो इसी विश्वास को और मज़बूत करे, मेरी यही इच्छा है.

अपने किताब के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली किताब गुलाबी खंजर (History Fiction) का लोकार्पण इसी महीने होगा. उन्होंने कहा कि इसका दिन समय और स्थान के बारे में जानकारी मैं दूंगा. उन्होंने लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप सभी आएंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा. इस बार सर्वे और जनता के फीडबैक के आधार पर आम आदमी पार्टी बड़े पैमाने पर अपने सिटिंग विधायकों का टिकट काटने और नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारने जा रही है.

गुजरात: सूरत में फर्जी डॉक्टरों का बड़ा रैकेट, 14 गिरफ्तार, 1500 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बेचीं

गुजरात पुलिस ने सूरत में बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है, जो पैसे लेकर 8वीं पास लोगों को मेडिकल की डिग्री दे रहे थे. यह गिरोह 8वीं और 12वीं पास करने वालों को 60,000 से 80,000 रुपये में फर्जी डॉक्टरों को डिग्री बेच रहा था. गिरोह का मुख्य आरोपी का नाम रमेश है. पुलिस ने बताया कि यह गिरोह बहुत चालाकी से काम कर रहा है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये गिरोह ”बोर्ड ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन (बीईएचएम) गुजरात के नाम पर फर्जी डिग्री जारी कर रहा था. जांच के दौरान पुलिस को सैकड़ों फर्जी प्रमाणपत्र मिले हैं. पुलिस ने फर्जी डिग्री रैकेट चलाए जाने की सूचना के आधार पर सूरत शहर के कई इलाकों में छापेमारी की थी.

1,500 से अधिक फर्जी डिग्रियां की गई हैं जारी

पुलिस ने इस कार्रवाई के तहत पांडेसरा तुलसी धाम सोसाइटी में कविता क्लिनिक,ईश्वर नगर सोसाइटी में श्रेयान क्लिनिक,रणछोड़ नगर में प्रिंस क्लीनिक पर छापेमारी की थी. इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद दस्तावेजों से पता चला कि पिछले कुछ वर्षों में 1,500 से अधिक फर्जी डिग्रियां जारी की गई. जांच में पुलिस को रजिस्ट्रेशन फॉर्म,डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन का रजिस्टर, मार्कशीट,BEMS की डिग्री का एप्लीकेशन फॉर्म,आईडी कार्ड,सर्टिफिकेट साथ कोरे सर्टिफिकेट 5,सर्टिफिकेट की जेरोक्स 15,रिन्यूअल फॉर्म 8 बरामद हुए थे.

फर्जी डिग्रियां देने के लिए बोर्ड किया था गठित

पुलिस ने बताया कि इस घोटाले से कई लोगों ने फर्जी डिग्रियां खरीदीं और अपना क्लीनिक चलाया. पुलिस को सूचना मिली कि फर्जी मेडिकल डिग्री वाले तीन लोग एलोपैथी की प्रैक्टिस कर रहे हैं. मुख्य आरोपी ने फर्जी डिग्रियां देने के लिए एक बोर्ड गठित करने की योजना बनाई थी. उन्होंने पांच लोगों को नियुक्त किया था. गिरोह 70 हजार रुपये में लोगों को ट्रेनिंग देता था. सभी फीस जमा करने के 15 दिन के अंदर ग्रेजुएशन दे दिया जाता था. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी शोभित और इरफान पैसों की धोखाधड़ी में शामिल थे.

उत्तर प्रदेश के बस्ती में दो भाइयों ने मां-बेटी को जिंदा जलाया, जमीन के विवाद में हुई हत्या

उत्तर प्रदेश के बस्ती में दो भाइयों ने ताया के साथ मिलकर दो बीघा जमीन की खातिर अपनी ही मां और बहन को जिंदा जला डाला. घटना बुधवार की है. मां-बेटी का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. फिर दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. डबल मर्डर की खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद से ही दोनों भाई फरार हैं. पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई है.

घटना कप्तानगंज थाना क्षेत्र के सेठा गांव की है. यहां रहने वीला गोदावरी नाम की महिला के पति अवधेश की कुछ साल पहले मौत हो गई थी. गोदावरी अपनी बेटी सौम्या के साथ गांव में रह रही थी. अवधेश ने मरने से पहले सेठा गांव की जमीन गोदावरी और सौम्या के नाम कर दी थी. इसी बात को लेकर गेदावरी का जेठ कौशल, सगा बेटा कमलेश और सौतेला बेटा करुणाकर रंजिश रखते थे.

परेशान करते थे दोनों बेटे

अवधेश की मौत के बाद दोनों बेटों कमलेश और करुणाकर ने जमीन अपने नाम करने के लिए मां-बेटी पर दबाव डाला. इसके बाद गोदावरी से पुलिस से शिकायत की तो जमीनी विवाद का मुकदमा दर्ज हुआ. इसकी सुनवाई चल रही थी. 5 दिसंबर को मुकदमे में मां और बेटी की गवाही होनी थी. 4 दिसंबर को ही मां-बेटी की हत्या कर दी गई.

पोस्टमार्टम के लिए भेजे शव

गोदावरी की बड़ी बेटी सरिता ने बहन सौम्या को फोन किया. लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. सरिता ने फिर पड़ोस की लड़की को फोन कर कहा कि सौम्या से कहो मुझसे बात करे. पड़ोस की लड़की जब घर गई तो मां-बेटी के शव देखकर हैरान रह गई. उसकी चीख निकल पड़ी. लड़की की चीख सुन गांव के अन्य लोग भी वहां आ गए. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

जेठ और दोनों बेटे फरार

पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि जमीन के लिए मां-बेटी की हत्या की गई है. हत्या में परिवार के लोग ही शामिल बताए जा रहे हैं. पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन में जुटी हुई है. घटना के बाद से मृतका के जेठ कौशल, दोनों बेटे कमलेश और करुणाकर फरार हैं. पुलिस इनकी तलाश में जुट गई है. फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है. मुकदमा दर्ज कर आगे कार्रवाई की जा रही है.

आदिवासियों की 'मांझी सेना' की अनसुनी कहानी: अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी थी यह सेना

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के वनांचल मे स्थित ग्राम बघमार मे इन दिनो मांझी सरकार के सिपाहियों का जमावाड़ा है. हर साल 5 दिसंबर को देश के विभिन्न हिस्सों से यहां हजारों की तादाद में सिपाही अपने मांझी सरकार के संस्थापक स्व. हीरा सिंह देव उर्फ कंगला मांझी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं. कंगला मांझी की इस बार 40वीं पुण्यतिथि है. मांझी सरकार ने ही अंग्रेजो की नाक में दम कर दिया था और नेता जी सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिन्द फौज से काफी प्रेरित हुए थे.

पारम्परिक पूजा के साथ 8 दिसंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन की गुरुवार को शुरुआत हुई. कंगला मांझी के द्वारा गठित इस मांझी सरकार को श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक भी कहा जाता है. आजादी के पूर्व स्व.हीरा सिंह उर्फ कंगला मांझी के द्वारा गठित मांझी सरकार का अस्तित्व आज भी कायम है. इनका प्रमुख कार्यालय नई दिल्ली मे है, लेकिन इस सरकार का संचालन बालोद जिला के ग्राम बधमार स्थित जंगल यानी कि इसी स्थान से होता था.

चप्पे चप्पे पर नजर आ रहे हैं सिपाही

जिले के डौंडीलोहारा ब्लॉक में घने जंगलो के बीच स्थित ग्राम बघमार मांझी धाम के नाम से जाना जाता है. इन दिनो इस जगह चप्पे चप्पे पर खाकी वर्दी मे सिपाही नजर आ रहे हैं, ये सभी महिला पुरुष सिपाही मांझी सरकार के सैनिक हैं. छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार, मद्रास से आए इन सिपाहियों के लिए यह स्थान बेहद मायने रखता है. मांझी संस्था के संस्थापक स्व. हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी का निवास स्थान है और यहीं उनकी समाधि भी है. हर साल इस जगह 5 दिसंबर को अपने सरकार के संस्थापक स्व. हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी को श्रद्धांजलि देने यहां सिपाही पहुंचते हैं.

तीन दिनों तक चलेगा

गुरुवार की दोपहर पारम्परिक पूजा के साथ इस आयोजन का शुरुआत हुआ, जो कि लगातार तीन दिनों तक चलेगा. आयोजन में स्व. हीरा सिंह देव की धर्म पत्नी फूलवा देवी, उनका पुत्र कुंभ देव कांगे और उनका पूरा परिवार उपस्थित हुआ. इस मौके पर मांझी सरकार के सिपाहियों ने उनकी समाधि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताए मार्ग में चलने संल्कपित हुए. संस्था के संस्थापक स्व. हीरा सिंह देव उर्फ कंगला मांझी के निधन के बाद अब इस सरकार का बागड़ोर उनकी धर्मपत्नी फुलवा देवी संभाली हुई है.

जीवन में आगे बढ़ने की देती हैं सीख

फुलवा देवी इस संस्था के माध्यम व मांझी के बताये मार्गों का अनुशरण करते हुए सैनिको को जीवन मे आगे बढ़ने की सीख देती हुई सैनिको सक्षम बनाना चाहती हैं. मांझी सरकार के इन सिपाहियों में अपनी सरकार के प्रति अटूट आस्था है. इन सैनिकों में महिलाएं भी शामिल है. सभी में अपनी सरकार के प्रति गजब का समर्पण है. इनके दिलो में कंगला मांझी के लिये अपार श्रद्धा है. क्रांतिवीर कंगला मांझी का स्वतंत्रता संग्राम के योगदान में प्रमुख योगदान रहा है. उनका जन्म कांकेर जिले के ग्राम तेलावट में हुआ था. वे 1913 में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ चुके थे इसके पश्चात् 1914 में महात्मा गांधी से मुलाकात करने के पश्चात् उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाई है.

पश्चिम बंगाल में उद्योगों के पलायन का बड़ा खुलासा: ममता सरकार में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने छोड़ा बंगाल, रैंकिंग में इतने नंबर पर पहुंचा

पश्चिम बंगाल से पिछले 5 सालों में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने अपना व्यापार समेट लिया है, जिसमें 39 लिस्टेड कंपनियां थीं. राज्यसभा में बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्य के सवाल के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. इसके बाद से ही ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं.

राज्यसभा में बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्य के सवाल के जवाब में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि, पिछले 5 सालों में बंगाल से 2227 कंपनियों ने बंगाल छोड़ दिया है. इसके अलावा इन कंपनियों ने अपना रजिस्टर्ड मेन ऑफिस भी चेंज कर लिया है.

दूसरे से सीधे आठवे नंबर पर खिसका बंगाल

राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि कंपनियों के बंगाल छोड़ने के पीछे के कई कारण है, जिन कंपनियों ने बंगाल छोड़ा वे लगभग हर सेक्टर की थीं. इनमें मैनुफैक्चरिंग, फाइनेंस, कमिशन एजेंसी से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं. 1970 के दशक में रजिस्टर्ड कंपनियों के मामले में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर था. लेकिन 2021 में बंगाल आठवें नंबर पर आ गया है.

ममता सरकार ने कंपनियों को जाने से रोकने के लिए कोई काम नहीं किया है. कंपनियों को राज्य में काम करने और सुरक्षित वर्क एनवायरनमेंट देने के लिए कोइ कदम नहीं उठाए. जिसका खामियाजा है कि कंपनियां धीरे-धीरे अपना व्यापार समेट रही हैं.

बीजेपी ने उठाए सवाल

बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग और बंगाल के सह- प्रभारी अमित मालवीय ने ममता सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बंगाल में कॉरपोरेट सेक्टर के जाने का रिपोर्ट कार्ड सबके सामने है. यह एक मुख्यमंत्री के रूप में बड़ा फेलियर है.

उन्होंने कहा कि यह गंभीर और चिंताजनक स्थिति है, जिससे प्रदेश में नौकरियों, व्यापार और औद्योगिक विकास भारी कमी हुई है. उन्होंने कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि ममता सरकार उद्योग विरोधी है, ये मैं नहीं बल्कि राज्यसभा में सामने आए आंकड़े बता रहे हैं.

बंगाल की गलत तस्वीर दिखाई- टीएमसी

टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यह सवाल ही पूर्वाग्रह से भरा हुआ है. बीजेेेपी की कोशिश रही है कि वह बंगाल की गलत तस्वीर दिखाई जाए. उन्होंने हमेशा से यही किया है. ऐसा करने में उनको खुशी मिलती है. गोखले ने कहा कि भाजपा ने यह सवाल नहीं पूछा कि बीते पांच सालों ने इस राज्य में कितनी नई कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया. गोखले ने कहा कि अगर वे पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं, तो उन्हें ये भी पूछना चाहिए कि इस दौरान कितने नए रजिस्ट्रेशन हुए.

देवेंद्र फडणवीस की जीत में दिखा टेक्नोलॉजी का दम, सोशल मीडिया ने निभाई अहम भूमिका

मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा. ये शायरी बोलने वाला शख्स अब फिर से लौटकर सीएम आवास आ चुका है. उन्होंने जब ये लाइन विधानसभा भवन में बोली थी तब खूब ठहाके लगाए गए थे लेकिन आज वह व्यक्ति तीसरी बार महाराष्ट्र का सीएम बना है. हम आज बात महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कर रहे हैं. आज मुंबई के आजाद मैदान में उनके साथ डिप्टी सीएम के तौर पर अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने भी शपथ ली है. चलिए अब थोड़ा डिटेल में समझते हैं.

इस बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने में देवेंद्र फडणवीस की सबसे ज्यादा मदद किसी ने की तो वो टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया थी. इनकी बदौलत देवेंद्र फडणवीस की महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की राह आसान होती चली गई. इसके कुछ आंकड़े हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स

देवेंद्र फडणवीस के एक्स पर 59 लाख, फेसबुक पर 91 लाख, इंस्टाग्राम पर 20 लाख, यूट्यूब पर 11 लाख और व्हाट्सएप चैनल पर 55 हजार फॉलोअर हैं. फडणवीस ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की ताकत को पहचाना है. एक्स पर गंभीर मुद्दों पर बात करते हैं तो इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वह ज्यादा आक्रामक हैं. जिससे उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डिजिटल ऑडियंस के बड़े वर्ग तक पहुंचने में मदद मिली है. आपको बता दें फडणवीस महाराष्ट्र के इंटरनेट मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता हैं.

एक सप्ताह बाद हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार

महाराष्ट्र में फिलहाल सीएम देवेंद्र फडणवीस और महायुति के बड़े नेताओं को ही शपथ दिलाई गई है. माना जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने दावा किया है कि महायुति के सहयेागी दलों के मंत्री एक सप्ताह के भीतर शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण से पहले एक नाथ शिंंदे ने पीएम नरेंद्र मोदी, बाला साहेब ठाकरे और अमित शाह का नाम लिया.