सम्पादकीय : झारखण्ड में नई सरकार गठन के बाद सीएम हेमंत सोरेन को विकास का एजेंडा तय करना है जरूरी...?
विनोद आनंद
झारखंड में हुई विधानसभा चुनाव में जनता ने हेमंत सोरेन और गठबंधन पर अपना पूरा भरोसा जताया और 81 सीटों में से 56 सीट पर इंडिया गठबंधन के विधायकों को चुनकर सरकार बनाने का दूसरी बार मौका दिया.अब चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली है। उनकी सरकार का गठन कई चुनौतियों और अवसरों के बीच हुआ है. हेमंत सोरेन की पहले कार्यकाल में लिए गए फैसले और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की अच्छी खासी चर्चा रही है. इस बार उनके सामने कुछ नई रणनीतियों और विकास के एजेंडे तय करने की जरूरत है जिससे झारखंड की प्रगति को गति मिल सके.
सामाजिक न्याय और समावेशी विकास
हेमंत सोरेन की सरकार का प्राथमिक ध्येय सामाजिक न्याय और समावेशी विकास होना चाहिए. आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं बनाई जानी चाहिए. उनकी सरकार आदिवासी अधिकारों की रक्षा, भूमि अधिकारों का संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दे और इसके लिए सरकार स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग कर रणनीति तय करे ताकि योजनाएं सही तरीके से लागू किया जा सकें.
शिक्षा और कौशल विकास की है जरुरत
किसी भी राज्य के विकास के लिए सबसे बुनियादी जरुरत होती है शिक्षा. जिसको कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हेमंत सोरेन को यह सुनिश्चित करना होगा कि झारखंड में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो. इसके लिए सरकार को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए विशेष योजनाएं बनानी होंगी साथ ही, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा. ताकि युवा रोजगार की प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सके. इसके लिए दक्षता विकास कार्यक्रम चलाना जरुरी है. ताकि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके.
स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार
राज्य की सबसे दूसरा बुनियादी जरुरत स्वास्थ्य सेवा है. यह आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण जरूरत हैं. हेमंत सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए नई पहल की भी है लेकिन और इस दिशा में काम करने की जरुरत है ताकि लोगों को, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा सके. जन औषधि केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए. ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए., ताकि वे बेहतर से बेहतर सेवाएं लोगों को उपलब्ध हो सके.
कृषि और ग्रामीण विकास
झारखण्ड को प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है खनिज सम्पदा, जंगल, जमीन और श्रम शक्ति, इन सभी का अगर सही प्रबंधन हो तो झारखण्ड देश का सबसे अग्रणी और विकसित राज्य बन सकती है. लेकिन दुर्भाग्य है कि अलग राज्य बने 24 वर्ष हो गए लेकिन इस दिशा ने ठोस नीति नहीं बन पायी.
अगर हम बात करें कृषि की तो झारखंड की अर्थव्यवस्था कायह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हेमंत सोरेन की सरकार को कृषि को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक और शोध पर आधारित कार्यक्रम लानीं होंगी. जैविक खेती को बढ़ावा देना, कृषि उत्पादों का उचित मूल्य और किसानों की समस्या को हल करने के लिए उनकी सरकार को ठोस कदम उठानीं होंगी.इसके साथ ही, ग्रामीण विकास योजनाएं जैसे पीएम आवास योजना और मनरेगा को सुदृढ़ बनाने की जरूरत होंगी.
रोजगार और आर्थिक विकास
झारखंड में बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है. हेमंत सोरेन की सरकार को रोजगार सृजन के लिए नई औद्योगिक नीतियों की घोषणा करनी चाहिए. छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.इसके अलावा, स्थानीय उत्पादों को बाजार में बढ़ावा देकर सरकार को सहयोग करने वाली नीति बनानी चाहिए.सरकार उद्यमिता विकास कार्यक्रमों को भी गति देगी, ताकि युवा अपनी व्यवसायिक योजनाएं लागू कर सकें.
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण की रक्षा एक महत्वपूर्ण एजेंडा होगा. हेमंत सोरेन की सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.वृक्षारोपण अभियान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए कानून बनाए जाए, विशेषकर जो आदिवासी समुदाय वन में रहते हैं, उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना जरुरी है.
डिजिटल इंडिया और तकनीकी विकास
हेमंत सोरेन की सरकार डिजिटल इंडिया मिशन पर जोर दे,शासन और प्रशासन में तकनीकी सुधार लाने के लिए ई-गवर्नेंस की दिशा में कार्य किया जाए. सरकार डेटा प्रबंधन और सूचना के आदान-प्रदान को सरल एवं सुलभ बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करे. यह प्रक्रिया न केवल सूचनाओं के फैलाव में सहायक होगी, बल्कि भ्रष्टाचार को भी कम करने में मददगार साबित होगी.
कानून और व्यवस्था
राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी सरकार की प्राथमिकता होगी.शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल को सशक्त किया जाए और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे. साथ ही, सामाजिक सेवाओं और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए ताकि अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके.
सरकार की पारदर्शिता
हेमंत सोरेन की सरकार पारदर्शिता और जन सहभागिता पर जोर देना जरुरी है . लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ पहुंचाने के लिए एक उचित सूचना प्रणाली विकसित की जाए. इससे सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार को कम किया जा सकेगा और लोगों का विश्वास फिर से सरकारी संस्थाओं पर बनाया जा सकेगा.
निष्कर्ष
यह स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन की नई सरकार के सामने विकास के साथ-साथ कई चुनौतियाँ हैं. समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू करना और समावेशी विकास की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है. अगर हेमंत सोरेन अपने अनुभवों और ज्ञान का सही उपयोग करते हैं, तो झारखंड को विकास के नए आयामों में ले जाने में सफल हो सकते हैं. उनकी सरकार की योजनाएं और नीतियां न केवल राज्य के लिए, बल्कि आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए भी एक नई दिशा तय कर सकती हैं.
Dec 02 2024, 08:49